डेल की मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) इवॉन मैकगिल सितंबर 2025 में पद छोड़ेंगी

डेल टेक्नोलॉजीज़ ने घोषणा की है कि मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) इवॉन मैकगिल 9 सितंबर 2025 से पद छोड़ देंगी, जिससे कंपनी के साथ उनके लगभग 30 साल लंबे कार्यकाल का अंत होगा। हालांकि यह एक बड़े स्तर का नेतृत्व परिवर्तन है, कंपनी ने मौजूदा तिमाही और पूरे वित्तीय वर्ष के लिए अपने वित्तीय अनुमान को बरकरार रखा है, जिससे स्थिरता का संकेत मिलता है।

संक्रमण योजना और अंतरिम नेतृत्व

अंतरिम CFO के रूप में डेविड कैनेडी जिम्मेदारी संभालेंगे, जो वर्तमान में डेल में ग्लोबल बिज़नेस ऑपरेशंस, फाइनेंस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। डेल में 27 साल से कार्यरत कैनेडी गहरी संस्थागत समझ रखते हैं और उनसे निरंतरता बनाए रखने की उम्मीद है। मैकगिल 31 अक्तूबर 2025 तक सलाहकार के रूप में कंपनी से जुड़ी रहेंगी ताकि संक्रमण सुचारू रूप से हो सके।

इस्तीफे में कोई विवाद नहीं

कंपनी ने स्पष्ट किया है कि मैकगिल का इस्तीफा वित्तीय रिपोर्टिंग, अनुपालन, संचालन या आंतरिक नियंत्रण से जुड़े किसी भी मतभेद से संबंधित नहीं है। यह प्रस्थान एक संरचित कार्यकारी संक्रमण का हिस्सा है।

बाज़ार की प्रतिक्रिया और कंपनी का दृष्टिकोण

घोषणा के बाद आफ्टर-ऑवर्स ट्रेडिंग में डेल के शेयर लगभग 1.8% गिर गए—जो कि बड़े नेतृत्व परिवर्तन के दौरान आम बात है। हालांकि, तीसरी तिमाही और पूरे वर्ष की कमाई के अनुमान को बरकरार रखना डेल के परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन पर भरोसे को दर्शाता है।

परीक्षा के लिए मुख्य तथ्य

  • प्रस्थान की तिथि: 9 सितंबर 2025

  • जाने वाली CFO: इवॉन मैकगिल

  • अंतरिम CFO: डेविड कैनेडी

  • CEO: माइकल डेल

हिमाचल प्रदेश 99.3% साक्षरता के साथ पूर्ण साक्षर घोषित

भारत की शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। राज्य ने 99.3% साक्षरता दर हासिल कर ली है। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित उल्लास मेला 2025 (अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर) में की।

7% से 99.3% तक: एक ऐतिहासिक सफ़र

सीएम सुक्खू ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद हिमाचल की साक्षरता दर मात्र 7% थी। अब राज्य ने राष्ट्रीय मानक 95% साक्षरता दर को पार कर लिया है और देश के सबसे शिक्षित क्षेत्रों में शामिल हो गया है।

उन्होंने इस सफर को “चुनौतियों से भरा लेकिन लगातार गुणवत्ता युक्त शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाला” बताया, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में।

छात्र-शिक्षक अनुपात में शीर्ष स्थान

साक्षरता के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश ने छात्र-शिक्षक अनुपात में भी देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि हासिल हुई है:

  • योग्य शिक्षकों की रणनीतिक भर्ती

  • सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढाँचे का विस्तार

  • पाठ्यक्रम का आधुनिकीकरण और शिक्षक प्रशिक्षण

शिक्षा सुधार और भविष्य की दिशा

सीएम सुक्खू ने शिक्षा क्षेत्र में और सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। आने वाली योजनाओं में शामिल हैं:

  • सरकारी संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्र में बदलना

  • कक्षाओं में तकनीक और नवाचार का समावेश

  • ग्रामीण स्कूलों के लिए डिजिटल अवसंरचना को सुदृढ़ करना

  • व्यावसायिक और जीवन कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी इस उपलब्धि को दशकों से चल रहे निवेश और साक्षरता अभियानों का परिणाम बताया, जिसने सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा को वास्तविकता बनाया।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • घटना: हिमाचल प्रदेश पूर्ण साक्षर राज्य घोषित (अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस, 8 सितंबर 2025)

  • साक्षरता दर: 99.3%

  • राष्ट्रीय मानक: 95%

  • छात्र-शिक्षक अनुपात: भारत में प्रथम स्थान

सेना के ऑपरेशन राहत ने बाढ़ प्रभावित उत्तरी क्षेत्र में 6,000 लोगों को बचाया

भारतीय सेना की पश्चिमी कमान (Western Command) ने पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में आई भीषण बाढ़ के बाद ऑपरेशन राहत के तहत बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) अभियान शुरू किया है। केवल दो हफ्तों में सेना ने 6,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला, 13,000 नागरिकों को चिकित्सीय सहायता दी और प्रभावित समुदायों तक 48 टन आवश्यक सामग्री पहुँचाई।

राहत अभियानों का पैमाना

अब तक 59 आर्मी कॉलम (जिसमें 17 इंजीनियर टास्क फोर्स शामिल हैं) का उपयोग कर 82 HADR मिशन पूरे किए गए।

  • इनमें से 300 अर्धसैनिक बल के जवानों सहित हजारों फंसे हुए नागरिकों को बचाया गया।

मुख्य राहत कार्य:

  • चिकित्सीय सहायता: 13,000 से अधिक लोगों का उपचार, गंभीर मरीजों को एयरलिफ्ट किया गया।

  • आपूर्ति वितरण: दवाएँ, पानी और राशन हवाई मार्ग से गिराए गए या जमीनी काफिलों से पहुँचाए गए।

  • निकासी: नागरिकों को डूबे हुए गाँवों और सीमा चौकियों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

हवाई संसाधनों की भूमिका

भारतीय सेना और वायुसेना ने 250 से अधिक उड़ान घंटे पूरे करते हुए शक्तिशाली एविएशन फ़्लीट तैनात किया:

  • 3 एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (ALH)

  • 6 एमआई-17 हेलिकॉप्टर

  • 6 चीता हेलिकॉप्टर

  • 1 चिनूक भारी-भरकम हेलिकॉप्टर

इन विमानों ने फंसे लोगों को बचाने, जरूरी सामग्री पहुँचाने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी में अहम भूमिका निभाई।

पुनर्स्थापन के लिए इंजीनियरिंग कार्य

इंजीनियर इकाइयाँ दिन-रात काम कर रही हैं:

  • बाढ़ के पानी को संवेदनशील क्षेत्रों से मोड़ना

  • पुलों और ध्वस्त सड़कों की मरम्मत

  • तटबंधों (बुंदों) को मज़बूत करना

  • जम्मू में मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने के लिए 2 किमी से अधिक ऑप्टिकल फ़ाइबर केबल बिछाना

विशेष प्राथमिकता सीमा चौकियों और अलग-थलग पड़े गाँवों को दी जा रही है, जहाँ सड़क संपर्क और संचार व्यवस्था बहाल करना अत्यंत आवश्यक है।

नागरिक एजेंसियों के साथ समन्वय

ऑपरेशन राहत को नागरिक प्रशासन, NDRF और SDRF के साथ करीबी समन्वय में संचालित किया जा रहा है।
सभी कमांड मुख्यालयों पर फ्लड कंट्रोल एवं वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सेल स्थापित किए गए हैं, जो भाखड़ा नंगल बांध, रणजीत सागर बांध और अन्य प्रमुख बिंदुओं पर जल स्तर की निगरानी कर रहे हैं।

यह समेकित दृष्टिकोण एक राष्ट्रीय एकजुटता और संकट प्रबंधन में लचीलापन दर्शाता है।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • ऑपरेशन: राहत (पश्चिमी कमान)

  • कवर किए गए क्षेत्र: पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर

  • निकाले गए लोग: 6,000+ (300 अर्धसैनिक कर्मी सहित)

  • चिकित्सीय सहायता: 13,000+ नागरिक

  • राहत सामग्री वितरित: 48 टन

रूस की एंटरोमिक्स कैंसर वैक्सीन ने शुरुआती परीक्षणों में 100% प्रभावकारिता दिखाई

रूस ने एक क्रांतिकारी चिकित्सा उपलब्धि हासिल की है। देश ने एंटरोमिक्स (Enteromix) नामक mRNA-आधारित कैंसर टीके की घोषणा की है, जिसने शुरुआती नैदानिक परीक्षणों में 100% प्रभावकारिता और सुरक्षा दिखाई है। यह टीका कोलोरेक्टल कैंसर से लड़ने के लिए बनाया गया है और यह व्यक्तिगत प्रतिरक्षा उपचार (Personalized Immunotherapy) प्रदान करता है, जो प्रत्येक व्यक्ति के ट्यूमर प्रोफ़ाइल के अनुसार तैयार किया जाता है।

एंटरोमिक्स का विकास

  • निर्माण संस्थान: रूस का नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजिकल सेंटर एवं एंगलहार्ट इंस्टीट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी

  • प्रौद्योगिकी: mRNA प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित (COVID-19 वैक्सीन की तरह)

  • विधि: रोगी के ट्यूमर जीनोमिक्स का उन्नत म्यूटेशन-मैपिंग एल्गोरिद्म से विश्लेषण कर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया तैयार करना

  • परीक्षण आकार: 48 स्वयंसेवकों पर किया गया

  • परिणाम: ट्यूमर में कमी देखी गई और कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाया गया

एंटरोमिक्स की विशेषताएँ

  • व्यक्तिगत दृष्टिकोण: प्रत्येक डोज़ रोगी के ट्यूमर की आनुवंशिकी (genetics) के अनुसार अनुकूलित

  • mRNA प्लेटफ़ॉर्म: अन्य प्रकार के कैंसरों के लिए तेज़ी से अनुकूलन और वैक्सीन विकास संभव

  • पिछली सीमाओं पर काबू: पारंपरिक कैंसर वैक्सीन “वन-साइज़-फिट्स-ऑल” मॉडल पर आधारित थे, जिनकी सफलता सीमित रही

वैश्विक और भारतीय प्रभाव

  • वैश्विक स्तर पर: यह कठोर उपचार जैसे कीमोथेरेपी की जगह सुरक्षित और लक्षित इम्यूनोथेरेपी ला सकता है।

  • भारत में:

    • कोलोरेक्टल और गर्भाशय ग्रीवा (cervical) कैंसर का भारी बोझ

    • यदि यह किफायती और सुलभ हुआ तो कैंसर उपचार में क्रांति ला सकता है

    • चुनौतियाँ: लागत, ढांचा, जीनोमिक प्रोफाइलिंग की सुविधा, कोल्ड-चेन स्टोरेज, नियामकीय स्वीकृति

सावधानी आवश्यक

  • शुरुआती परीक्षण उत्साहजनक हैं, लेकिन बड़े स्तर पर परीक्षण आवश्यक हैं

  • उत्पादन और वितरण की चुनौतियों को हल करना होगा

  • रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से नियामकीय स्वीकृति अगला महत्वपूर्ण पड़ाव है

भारत की साक्षरता दर बढ़कर 80.9% हुई

भारत ने एक बड़ी साक्षरता उपलब्धि हासिल की है। देश की राष्ट्रीय साक्षरता दर वर्ष 2011 की 74% से बढ़कर 2023–24 में 80.9% हो गई है। यह घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 के अवसर पर वर्चुअल संबोधन में की।

हालाँकि, मंत्री ने ज़ोर दिया कि साक्षरता केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह हर नागरिक के लिए सशक्तिकरण, गरिमा और आत्मनिर्भरता में परिवर्तित होनी चाहिए।

उल्लास : साक्षरता वृद्धि का प्रेरक कार्यक्रम

राष्ट्रीय साक्षरता में तेज़ सुधार का श्रेय मुख्य रूप से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम ने,

  • 3 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों को नामांकित किया

  • 42 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को जोड़ा

  • 1.83 करोड़ शिक्षार्थियों का मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता में सफल मूल्यांकन किया

  • साक्षरता मूल्यांकन में 90% सफलता दर प्राप्त की

  • 26 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई, जिससे समावेशिता सुनिश्चित हुई

प्रधान ने ULLAS को “जन आंदोलन” बताते हुए कहा कि इसमें सरकार, शिक्षकों, नागरिक समाज और समुदायों के संयुक्त प्रयास शामिल हैं, जिसने साक्षरता को राष्ट्रीय मिशन में बदल दिया है।

पूर्ण साक्षरता प्राप्त राज्य और केंद्र शासित प्रदेश

मंत्री ने उन क्षेत्रों को भी मान्यता दी, जिन्होंने अब पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल कर ली है, जिनमें शामिल हैं:

  • लद्दाख (24 जून 2024 को पूर्ण साक्षर घोषित)

  • मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश

ये उपलब्धियाँ क्षेत्रीय प्रतिबद्धता और नीतिगत प्रभाव का प्रमाण हैं, विशेष रूप से उन इलाकों में जहाँ भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ अधिक हैं।

दायरे का विस्तार : डिजिटल और आजीवन साक्षरता

शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा” विषय पर बल देते हुए कहा कि भारत में साक्षरता की परिभाषा अब डिजिटल कौशल को भी शामिल करती है, जो आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में एक वैश्विक उदाहरण बन गया है। इसने शिक्षा की पहुँच और वित्तीय समावेशन दोनों को गति दी है। जो उपलब्धियाँ अन्य देशों को दशकों में हासिल हुईं, भारत ने उन्हें सिर्फ दस वर्षों में संभव कर दिखाया है।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • राष्ट्रीय साक्षरता दर (2023–24): 80.9%

  • पिछली जनगणना (2011) की साक्षरता दर: 74%

  • साक्षरता वृद्धि का प्रमुख कार्यक्रम: ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम

  • शिक्षार्थी नामांकित: 3 करोड़ से अधिक

  • सफलता दर: 90%

  • पूर्ण साक्षरता प्राप्त राज्य/केंद्र शासित प्रदेश: लद्दाख, मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश

आंध्र प्रदेश में बनेगा स्पेस सिटी और रक्षा केंद्र

आंध्र प्रदेश सरकार ने तिरुपति में एक स्पेस सिटी और मदकासिरा में दो प्रमुख रक्षा निर्माण केंद्र स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इन परियोजनाओं में कुल ₹3,400 करोड़ का निवेश होगा, जिससे राज्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और रक्षा विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।

तिरुपति में स्पेस सिटी

सरकार ने हैदराबाद स्थित निजी अंतरिक्ष स्टार्टअप स्कायरूट एयरोस्पेस (जिसकी स्थापना पूर्व इसरो वैज्ञानिकों ने की थी) के साथ साझेदारी की है।

मुख्य बिंदु:

  • निवेश: ₹400 करोड़

  • फोकस: निजी उपग्रह प्रक्षेपण और किफायती छोटे प्रक्षेपण यान (small launch vehicles) का विकास

  • स्थान का लाभ: तिरुपति पहले से ही इसरो के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स का घर है, इसलिए एकीकृत प्रक्षेपण सुविधाएँ बनाने के लिए यह प्राकृतिक विकल्प है।

यह पहल आंध्र प्रदेश को निजी उपग्रह प्रक्षेपण का वैश्विक खिलाड़ी बनाने की दिशा में मदद करेगी और भारत की वाणिज्यिक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में बढ़ती भूमिका के साथ मेल खाएगी।

मदकासिरा में रक्षा हब

साथ ही, राज्य मदकासिरा में दो रक्षा निर्माण केंद्र विकसित करेगा, जिनमें कुल ₹3,000 करोड़ का निवेश होगा।

मुख्य बिंदु:

  • एयरोस्पेस घटकों, रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स और हथियार प्रणालियों का निर्माण

  • स्थानीय युवाओं के लिए हजारों नौकरियों का सृजन

  • राष्ट्रीय रक्षा कॉरिडोर परियोजनाओं से जुड़ाव, जिससे भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी

  • घरेलू एमएसएमई और वैश्विक रक्षा निर्माताओं के साथ साझेदारी को आकर्षित करना

सरकार का दृष्टिकोण और रणनीतिक महत्व

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि ये परियोजनाएँ आंध्र प्रदेश की महत्वाकांक्षा को दर्शाती हैं:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग आर्थिक विकास के लिए करना

  • निजी अंतरिक्ष उद्यमों के लिए विश्वस्तरीय अवसंरचना तैयार करना

  • भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन को रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में मजबूत करना

यह पहल निर्यात को बढ़ावा देगी, विदेशी निवेश आकर्षित करेगी और स्टार्टअप्स, शोध संस्थानों और विनिर्माण क्लस्टरों का एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगी।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • परियोजना 1: तिरुपति में स्पेस सिटी

  • परियोजना 2: मदकासिरा में दो रक्षा हब

  • निवेश (रक्षा हब): ₹3,000 करोड़

  • कुल निवेश: ₹3,400 करोड़

  • फोकस: रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और हथियार निर्माण

विश्वास मत में हार के बाद फ्रांस्वा बायरू को फ्रांस के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है क्योंकि फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू सोमवार को संसद में विश्वास मत हार गए। बायरू को प्रधानमंत्री नियुक्त होने के महज आठ महीने बाद ही विश्वास मत हार गए जिसके तहत 364-194 के भारी मतों से हारने के बाद उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया। बायरू मंगलवार सुबह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। अब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को 12 महीने में चौथी बार नया प्रधानमंत्री तलाश करना होगा।

इंटेल ने नेतृत्व में फेरबदल किया, होल्टहॉस बाहर होंगे

इंटेल कॉर्पोरेशन ने वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में जारी चुनौतियों के बीच कंपनी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से बड़े स्तर पर प्रबंधन फेरबदल की घोषणा की है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कंपनी की चीफ़ ऑफ प्रोडक्ट्स मिशेल जॉनस्टन होल्थॉस (Michelle Johnston Holthaus), जो पिछले तीन दशकों से इंटेल से जुड़ी रही हैं, अब अपने पद से हटने जा रही हैं।

मिशेल होल्थॉस ने कई नेतृत्व परिवर्तनों के दौर में अहम भूमिका निभाई, यहाँ तक कि पूर्व सीईओ पैट गेलसिंगर के इस्तीफ़े के बाद कुछ समय तक इंटरिम सह-सीईओ भी रहीं।

हालाँकि, वह संक्रमण काल में रणनीतिक सलाहकार के रूप में कंपनी से जुड़ी रहेंगी। उनका जाना इस बात का संकेत है कि नए सीईओ लिप-बू तान (Lip-Bu Tan) कंपनी की लीडरशिप संरचना को सरल और संचालन को अधिक कुशल बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

नई नेतृत्व नियुक्तियाँ

इस फेरबदल के तहत दो बड़ी नियुक्तियाँ की गईं:

  • केवॉर्क केचिचियन 

    • एक्ज़िक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर, डेटा सेंटर ग्रुप

    • इससे पहले Arm, NXP Semiconductors और Qualcomm में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं।

  • श्रीनिवासन अय्यंगर 

    • नवनिर्मित सेंट्रल इंजीनियरिंग ग्रुप के प्रमुख होंगे।

    • यह कदम इंटेल के इंजीनियरिंग प्रयासों को एकीकृत दृष्टिकोण के तहत लाने का संकेत है।

रणनीतिक परिप्रेक्ष्य: बदलाव और चुनौतियाँ

इंटेल में यह बदलाव ऐसे समय पर हो रहा है जब कंपनी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। सीईओ लिप-बू तान की अगुवाई में कंपनी:

  • प्रबंधकीय परतों को कम कर तेज़ निर्णय लेने की कोशिश कर रही है।

  • प्रोडक्ट डेवलपमेंट को पुनर्गठित कर नवाचार की रफ्तार बढ़ाना चाहती है।

  • शेयरधारकों और राजनीतिक दबाव के बीच अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की कोशिश में है।

साथ ही, इंटेल को वैश्विक परिदृश्य में सप्लाई चेन की बाधाएँ, AMD और NVIDIA से कड़ी प्रतिस्पर्धा, और अमेरिका की चिप स्वतंत्रता (chip independence) की नयी पहल जैसी चुनौतियों से भी निपटना होगा।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • कार्यकारी प्रस्थान: मिशेल होल्थॉस (30+ साल बाद इंटेल छोड़ेंगी)

  • नई नियुक्तियाँ:

    • केवॉर्क केचिचियन – ईवीपी, डेटा सेंटर ग्रुप

    • श्रीनिवासन अय्यंगर – प्रमुख, सेंट्रल इंजीनियरिंग ग्रुप

  • सीईओ: लिप-बू तान (नेतृत्व सरलीकरण और टर्नअराउंड पर केंद्रित)

यूनुस अहमद को कैमल इंटरनेशनल अवार्ड

मध्य पूर्व में डॉटस्पेस कोवर्किंग के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत एनआरआई उद्यमी यूनुस अहमद को वैश्विक व्यवसाय नेतृत्व में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए कैमल इंटरनेशनल अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है।

पुरस्कार समारोह और सम्मान

  • यह पुरस्कार दुबई में आयोजित एक औपचारिक समारोह में प्रदान किया गया। शारजाह कैमल रेसिंग क्लब के चेयरमैन शेख मतार बिन हुवैदेन अल केतबी ने यूनुस अहमद को यह सम्मान भेंट किया।
  • यह मान्यता एरेबियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दी जाती है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय में उत्कृष्टता और नेतृत्व का जश्न मनाती है।

पुरस्कार का महत्व

  • कैमल इंटरनेशनल अवार्ड एरेबियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनके प्रयास और उपलब्धियाँ असाधारण व्यावसायिक कौशल और प्रभाव को दर्शाती हैं।
  • यूनुस अहमद के लिए यह सम्मान न केवल मध्य पूर्व में कोवर्किंग सेक्टर में उनके आदर्श नेतृत्व को रेखांकित करता है, बल्कि उन्हें एक प्रवासी भारतीय (NRI) प्रोफेशनल के रूप में वैश्विक व्यवसाय जगत में उनके योगदान का प्रमाण भी है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • पुरस्कार प्राप्तकर्ता: यूनुस अहमद, कार्यकारी निदेशक, डॉटस्पेस कोवर्किंग

  • मान्यता: कैमल इंटरनेशनल अवार्ड 2025

  • प्रदान करने वाली संस्था: एरेबियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

  • समारोह स्थल: दुबई

  • सम्मान प्रदानकर्ता: शेख मतार बिन हुवैदेन अल केतबी, चेयरमैन, शारजाह कैमल रेसिंग क्लब

RBI भूपेन हजारिका के लिए विशेष सिक्का जारी करेगा

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 13 सितंबर 2025 को ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करेगा, जो असम के महान गायक, कवि और सांस्कृतिक प्रतीक डॉ. भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी को समर्पित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में इस सिक्के का अनावरण करेंगे, जिसके साथ ही हजारिका के भारतीय संस्कृति और संगीत में अद्वितीय योगदान का सम्मान करने वाले वर्षभर चलने वाले समारोहों की शुरुआत होगी।

गुवाहाटी में भव्य आयोजन

यह औपचारिक समारोह खानापारा स्थित वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होगा, जहाँ बड़ी संख्या में जनता के भाग लेने की संभावना है। सिक्के के साथ-साथ असम प्रकाशन बोर्ड द्वारा प्रकाशित भूपेन हजारिका की विस्तृत जीवनी का भी विमोचन होगा। इस जीवनी का अनुवाद कई भारतीय भाषाओं में किए जाने की योजना है, ताकि उनका संदेश और जीवनकथा पूरे देश में पहुँचे।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस जीवनी को एक विद्वत्तापूर्ण कार्य और भावनात्मक कथन का संगम बताया है, जो हजारिका के सांस्कृतिक प्रभाव को सशक्त रूप से दर्शाता है।

वर्षभर का शताब्दी समारोह

सिक्के का विमोचन 8 सितंबर 2025 से शुरू हुए वर्षभर चलने वाले शताब्दी उत्सव का हिस्सा है, जो 8 सितंबर 2026 को भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में भव्य समापन समारोह के साथ समाप्त होगा। इस दौरान नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे सांस्कृतिक एवं राजनीतिक केंद्रों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।

सांस्कृतिक धरोहर और स्मारक परियोजनाएँ

शताब्दी वर्ष के अंतर्गत कई स्मृति-परियोजनाएँ शुरू होंगी:

  • जालुकबाड़ी स्थित भूपेन हजारिका स्मारक स्थल का नाम बदलकर भूपेन हजारिका समन्वय तीर्थ रखा जाएगा, जो उनके सामंजस्य और एकता के मूल्यों को प्रतिबिंबित करेगा।

  • गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में एक विशेष संग्रहालय बनाया जाएगा, जहाँ उनकी निजी वस्तुएँ, लेखन, संगीत और पुरस्कार रखे जाएँगे। यह स्थायी धरोहर स्थल के रूप में कार्य करेगा।

  • असम के सभी बीहू समितियों से अपील की गई है कि वे अपने उत्सवों की एक संध्या भूपेन हजारिका की विरासत को समर्पित करें।

हजारिका की अमर प्रेरणा

1926 में जन्मे भूपेन हजारिका केवल गायक ही नहीं थे, बल्कि एक सामाजिक दार्शनिक, मानवतावादी और सांस्कृतिक सुधारक भी थे। उनके कार्यों में सामाजिक न्याय, भाषाई गौरव और मानव गरिमा के संदेश निहित थे, जो असम की लोक परंपराओं को सार्वभौमिक विषयों से जोड़ते थे।
2019 में उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया, जो भारतीय कला, संगीत और सामाजिक चेतना पर उनके अद्वितीय प्रभाव की मान्यता है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 13 सितंबर 2025 को ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करेगा।

  • यह सिक्का भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती को समर्पित है।

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