मूडीज: जीएसटी सुधार से खर्च बढ़ेगा, राजस्व पर दबाव पड़ेगा

मूडीज़ रेटिंग्स ने 9 सितम्बर 2025 को कहा कि भारत का नवीनतम वस्तु एवं सेवा कर (GST) सुधार घरेलू खपत को बढ़ाएगा और आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देगा। हालांकि, एजेंसी ने चेतावनी दी कि यह कदम सरकारी राजस्व को कमजोर कर सकता है और पहले से ही ऊँचे कर्ज बोझ के बीच राजकोषीय एकीकरण (Fiscal Consolidation) की कोशिशों को और जटिल बना सकता है।

क्या बदल रहा है: नया दो-स्लैब जीएसटी ढांचा

  • जीएसटी परिषद ने कर प्रणाली को दो मुख्य स्लैब—5% और 18%—में पुनर्गठित करने का निर्णय लिया है, जबकि अत्यधिक विलासिता की वस्तुओं और तंबाकू पर विशेष 40% कर लगाया जाएगा।

  • नए जीएसटी दरें 22 सितम्बर 2025 से प्रभावी होंगी।

  • तंबाकू उत्पादों पर वर्तमान 28% जीएसटी + सेस व्यवस्था 31 दिसम्बर 2025 तक जारी रहेगी।

  • उद्देश्य: कर प्रणाली को सरल बनाना, अनुपालन का बोझ घटाना और उपभोग को सस्ता बनाना।

  • मूडीज़ के अनुसार, यह सुधार फरवरी 2025 में घोषित उच्च आयकर छूट सीमा का पूरक है, जिसने मध्यम आय वर्ग के कई लोगों को राहत दी।

महत्व क्यों है: खपत और मुद्रास्फीति पर असर

भारत के जीडीपी का 61% हिस्सा घरेलू खर्च से आता है। जीएसटी सुधार के प्रभाव:

  • अधिकांश वस्तुओं व सेवाओं पर प्रभावी जीएसटी दर कम होगी।

  • खुदरा कीमतों में कमी से मुद्रास्फीति के दबाव घटेंगे।

  • निजी खपत बढ़ेगी, विशेषकर मध्यम और निम्न आय वर्ग में।

  • यह कदम सरकार की उस व्यापक रणनीति से मेल खाता है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता मांग बढ़ाकर वैश्विक सुस्ती के बीच अर्थव्यवस्था को गति देना है।

राजकोषीय प्रभाव: राजस्व में गिरावट और घाटे का जोखिम

सकारात्मक खपत प्रभाव के बावजूद, मूडीज़ ने चेताया कि जीएसटी सुधार से सरकार को बड़ा नुकसान होगा:

  • अनुमानित राजस्व हानि: ₹48,000 करोड़ (USD 5.4 बिलियन) FY 2025–26 में।

  • चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में सकल कर राजस्व वृद्धि सिर्फ 0.8% रही, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 21.3% थी।

  • सरकारी व्यय में 20.2% की वृद्धि, जिससे राजकोषीय घाटा ₹4.7 ट्रिलियन तक बढ़ा (पिछले वर्ष ₹2.8 ट्रिलियन)।

  • आँकड़े दिखाते हैं कि राजस्व और व्यय में संतुलन बिगड़ रहा है, जबकि सरकार कर कटौती और कल्याणकारी योजनाओं से घर-परिवारों को राहत देने की कोशिश कर रही है।

भारत का कर्ज बोझ: बढ़ती चिंता

मूडीज़ ने भारत की ऋण वहन-क्षमता (Debt Affordability) को निवेश-योग्य देशों में सबसे कमजोर बताया।

  • ब्याज भुगतान सरकार की कुल आय का 23% है।

  • जबकि अन्य Baa रेटिंग वाले देशों का औसत मात्र 8.3% है।

  • राजस्व घटाने वाली नीतियाँ (जैसे जीएसटी का सरलीकरण) यदि पूरक वित्तीय उपाय नहीं हुए तो कर्ज पर और दबाव डालेंगी।

  • मूडीज़ ने यह भी माना कि आने वाले महीनों में सरकार व्यय घटा सकती है ताकि घाटे को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन बढ़ती कल्याणकारी अपेक्षाएँ और सीमित कर दायरा इस रास्ते को कठिन बनाते हैं।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • जीएसटी सुधार लागू तिथि: 22 सितम्बर 2025

  • संरचना: दो मुख्य स्लैब (5% और 18%) + विशेष 40% (अत्यधिक विलासिता वस्तुएँ)

  • अनुमानित राजस्व हानि: ₹48,000 करोड़ (FY 2025–26)

  • राजकोषीय घाटा: ₹4.7 ट्रिलियन (पिछले वर्ष ₹2.8 ट्रिलियन)

  • ब्याज-से-राजस्व अनुपात: 23% (वैश्विक Baa औसत 8.3% की तुलना में)

  • लक्ष्य: खपत बढ़ाना, मुद्रास्फीति कम करना, लेकिन उच्च ऋण जोखिम

iDEX-DIO और EdCIL ने ASPIRE कार्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली में 9 सितम्बर 2025 को iDEX-DIO और EdCIL (India) Limited ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी के तहत दोनों मिलकर ASPIRE (Accelerating Strategic Progress in Research and Education) नामक नई पहल के अंतर्गत डुअल-यूज़ टेक्नोलॉजीज़ (रक्षा और नागरिक दोनों क्षेत्रों में उपयोगी तकनीकें) विकसित करेंगे। यह रणनीतिक सहयोग भारत के बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम को रक्षा नवाचार और शिक्षा-तकनीक से जोड़कर स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करेगा।

ASPIRE कार्यक्रम के उद्देश्य

  • iDEX इनोवेशन मॉडल को रक्षा क्षेत्र से बाहर तक विस्तारित करना

  • नागरिक एवं सैन्य तकनीकी अभिसरण (Civil-Military Convergence) को बढ़ावा देना

  • वास्तविक दुनिया के लिए स्केलेबल डुअल-यूज़ समाधान तैयार करना

  • स्टार्टअप्स, शिक्षा जगत और सरकार को जोड़कर नवाचार-आधारित विकास को प्रोत्साहित करना

iDEX की रक्षा नवाचार क्षमता और EdCIL की शैक्षणिक पहुँच व परियोजना क्रियान्वयन विशेषज्ञता को मिलाकर ASPIRE का लक्ष्य है कि राष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का समाधान इनोवेशन-ड्रिवन एप्रोच से किया जाए।

MoU हस्ताक्षर और दृष्टिकोण

MoU पर हस्ताक्षर किए:

  • श्री अमित सतीजा – संयुक्त सचिव (Defence Innovation Promotion) एवं अतिरिक्त सीईओ, DIO

  • श्री गोविंद जायसवाल – संयुक्त सचिव (तकनीकी शिक्षा, शिक्षा मंत्रालय) एवं CMD, EdCIL

दोनों अधिकारियों ने इस साझेदारी को रक्षा अनुसंधान और नागरिक अनुप्रयोगों के बीच पुल (bridge) बनाने वाली पहल बताया, जो तकनीक-आधारित आत्मनिर्भरता की नींव रखेगी।

iDEX: रक्षा नवाचार का केंद्र

2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया iDEX (Innovations for Defence Excellence) भारत के रक्षा स्टार्टअप इकोसिस्टम में क्रांति ला चुका है:

  • 650+ स्टार्टअप्स और MSMEs के साथ साझेदारी

  • ₹3,250 करोड़ मूल्य के 50+ उत्पादों की खरीद स्वीकृत

  • ₹1,652 करोड़ के 36 उत्पादों के ऑर्डर जारी

  • स्टार्टअप्स, सशस्त्र बलों और DRDO लैब्स के बीच सह-निर्माण (co-creation) को बढ़ावा

इससे भारत की विदेशी सैन्य तकनीक पर निर्भरता में कमी आई है।

EdCIL: शिक्षा में नवाचार की अगुवाई

EdCIL (India) Limited, शिक्षा मंत्रालय के अधीन मिनी रत्न श्रेणी-I CPSE, एक लाभकारी और उच्च-विकासशील उद्यम है।

  • CAGR: FY 2014–15 से FY 2023–24 के बीच 24%

  • राजस्व वृद्धि: ₹74 करोड़ से बढ़कर ₹655 करोड़

  • विशेषज्ञता: EdTech सॉल्यूशंस, परियोजना परामर्श, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सहयोग

  • ASPIRE में EdCIL उभरती तकनीकों को शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म्स में एकीकृत करने में प्रबंधन और क्रियान्वयन क्षमता प्रदान करेगा।

MoU का रणनीतिक महत्व

यह समझौता डुअल-यूज़ तकनीक विकास की दिशा में अहम कदम है, जिसके लाभ होंगे:

  • रक्षा तैयारी और राष्ट्रीय सुरक्षा में मजबूती

  • 21वीं सदी के कौशल (skills) आधारित शिक्षा का प्रोत्साहन

  • नवाचार-आधारित रोजगार अवसरों का निर्माण

  • आयात पर निर्भरता में कमी और स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा

  • रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के बीच समन्वय से साझा राष्ट्रीय लक्ष्य हासिल करना

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • MoU पक्ष: iDEX-DIO और EdCIL (India) Ltd

  • तिथि: 9 सितम्बर 2025

  • केन्द्र: डुअल-यूज़ टेक्नोलॉजी (रक्षा + शिक्षा)
  • iDEX उपलब्धियाँ: ₹3,250 करोड़ की स्वीकृत खरीद, 650+ स्टार्टअप्स के साथ जुड़ाव

  • EdCIL प्रोफ़ाइल: मिनी रत्न CPSE, पिछले दशक में 24% CAGR

  • मंत्रालय: रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय

  • लक्ष्य: आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी तकनीक विकास

अभिमन्यु मिश्रा: विश्व चैंपियन गुकेश को हराने वाले सबसे युवा ग्रैंडमास्टर

अभिमन्यु मिश्रा, संयुक्त राज्य अमेरिका के 16 वर्षीय शतरंज के अद्भुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी, ने वैश्विक शतरंज जगत में सनसनी मचा दी है। पहले ही इतिहास के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर के रूप में मशहूर अभिमन्यु ने हाल ही में एक और बड़ा कीर्तिमान बना लिया, जब उन्होंने फाइड ग्रैंड स्विस 2025 में मौजूदा विश्व चैम्पियन डी. गुकेश को मात दी। यह जीत न केवल उनकी अपार प्रतिभा को दर्शाती है, बल्कि उनके असाधारण सफ़र और निरंतर समर्पण की गवाही भी देती है।

अभिमन्यु मिश्रा ने गुकेश को हराया

  • 8 सितम्बर 2025, समरकंद (उज़्बेकिस्तान): ग्रैंड स्विस के पाँचवें राउंड में अभिमन्यु ने 19 वर्षीय विश्व चैम्पियन डी. गुकेश को पराजित किया।

  • मैच 61 चालों तक चला और मिश्रा ने गुकेश की 12वीं चाल में हुई ग़लती का पूरा फायदा उठाया।

  • इसके साथ ही अभिमन्यु इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए, जिन्होंने किसी मौजूदा विश्व चैम्पियन को क्लासिकल शतरंज में हराया।

  • उन्होंने गाटा काम्स्की का 33 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने 17 साल की उम्र में गैरी कास्पारोव को हराया था।

शुरुआती उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड

  • सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल मास्टर (2019): 10 वर्ष, 9 माह, 20 दिन में हासिल किया।

  • सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर (2021): 12 वर्ष, 4 माह, 25 दिन की उम्र में बुडापेस्ट (हंगरी) में खिताब जीता। इससे उन्होंने सेर्गेई कार्याकिन का 19 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा।

  • सबसे कम उम्र में मौजूदा विश्व चैम्पियन को हराने वाले खिलाड़ी (2025): 16 वर्ष की उम्र में गुकेश को हराया।

व्यक्तिगत पृष्ठभूमि

  • जन्मतिथि: 5 फ़रवरी 2009

  • जन्मस्थान: न्यू जर्सी, अमेरिका

  • पिता: हेमंत मिश्रा (भोपाल से, एमटेक – माणित भोपाल)

  • माता: स्वाति मिश्रा (आगरा से)

  • भाई-बहन: रिधिमा नाम की बहन

शतरंज की यात्रा और प्रशिक्षण

  • 2 वर्ष 8 महीने की उम्र में शतरंज से परिचय, माता-पिता ने स्क्रीन की लत से बचाने के लिए प्रेरित किया।

  • 5 साल की उम्र से टूर्नामेंट खेलना शुरू किया।

  • प्रशिक्षक: भारतीय ग्रैंडमास्टर अरुण प्रसाद सुब्रमणियन औरmagesh चंद्रन ने उनके खेल को निखारा।

वर्तमान स्थिति

  • फाइड क्लासिकल रेटिंग: 2611

  • लाइव रेटिंग (ग्रैंड स्विस 2025): 2637.2

  • विश्व रैंकिंग (लाइव): 94वीं, पहली बार टॉप-100 में प्रवेश।

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफ़ा

नेपाल 9 सितम्बर 2025 को गहरे राजनीतिक संकट में चला गया जब प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। यह इस्तीफ़ा सरकार द्वारा लगाए गए विवादास्पद सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ जनरेशन-ज़ेड (Gen Z) के नेतृत्व में हुए विशाल प्रदर्शनों के बाद आया। प्रतिबंध हटाने के बावजूद विरोध और तेज़ हो गया, जिसमें अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक घायल हुए हैं। बढ़ते असंतोष और हिंसा के बीच नेपाल सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री ओली को व्यवस्था बहाल करने के लिए पद छोड़ने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफ़ा सौंप दिया।

नेपाल में क्या हो रहा है?

सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद युवाओं में जबरदस्त गुस्सा फैल गया।

प्रदर्शन और मांगें

  • पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो गए, जिनमें प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफ़े और सरकार को बर्खास्त करने की मांग की गई।

  • प्रतिबंध हटाने के बावजूद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए।

इस्तीफ़े तक की प्रमुख घटनाएँ

  • 8 सितम्बर 2025: प्रदर्शन हिंसक हुए; 20 लोगों की मौत और 250 से अधिक घायल।

  • 9 सितम्बर 2025: ओली ने शांति की अपील की और सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की।

  • सेना का दबाव: नेपाल सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने ओली को इस्तीफ़े की सलाह दी और स्पष्ट किया कि राजनीतिक समाधान के बिना सैन्य कार्रवाई संभव नहीं।

  • इस्तीफ़ा: ओली ने पद छोड़ते हुए कहा कि वे “राजनीतिक समाधान को आसान बनाने” के लिए हट रहे हैं।

हिंसा का बढ़ना

  • सरकारी दफ़्तर खाली कराए गए: मंत्रियों को भैसेपाटी आवासीय परिसर से हेलिकॉप्टर द्वारा त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे ले जाया गया।

  • हवाई अड्डा बंद: प्रदर्शनकारियों द्वारा ड्रोन, पटाखों और लेज़र लाइट से हमले की धमकियों के चलते सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं।

  • संसद में आगजनी: प्रदर्शनकारियों ने नेपाल की संसद को आग के हवाले कर दिया और प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति सहित शीर्ष नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की।

  • सिंहदरबार पर हमला: महत्वपूर्ण मंत्रालयों और आवासीय दफ़्तरों पर धावा बोला गया।

संभावित परिणाम

  • सूत्रों का कहना है कि ओली दुबई में शरण ले सकते हैं।

  • नेपाल गंभीर राजनीतिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है और अशांति पर काबू पाना सरकार के लिए चुनौती बन गया है।

  • नई राजनीतिक व्यवस्था बनने तक शासन स्थिर करने में सेना अहम भूमिका निभा सकती है।

सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए

भारत के नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृण्णन को चुन लिया गया है। उन्हें 452 वोट मिले हैं। इसी के साथ सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। 67 वर्षीय राधाकृष्णन, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे हैं। अब वह उपराष्ट्रपति का पद संभालेंगे। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी (वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश) को पराजित किया। इस चुनाव में 98.3% की रिकॉर्ड मतदान प्रतिशतता दर्ज की गई, जो संसद सदस्यों की एकजुटता और सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है।

सीपी राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में हुआ। 17 साल की उम्र से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हुए हैं। बीजेपी के साथ उनका लंबा सफर रहा है। उनका राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान वे 1998 और 1999 के आम चुनावों में लगातार दो बार सांसद बने।

चुनाव प्रक्रिया और मुख्य विवरण

  • चुनाव तिथि: 9 सितंबर 2025

  • मतदान प्रतिशत: 781 में से 767 सांसदों ने वोट डाले, जिनमें से 752 मान्य और 15 अमान्य पाए गए।

  • निर्वाचन मंडल की कुल शक्ति: 781 सांसद (लोकसभा + राज्यसभा)

  • एनडीए उम्मीदवार: सी. पी. राधाकृष्णन

  • विपक्षी उम्मीदवार: बी. सुदर्शन रेड्डी

  • परिणाम: सी. पी. राधाकृष्णन ने स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज की।

एनडीए की संख्या बल

  • एनडीए के पास कुल 425 सांसद, जिनमें से भाजपा के 342 सांसद थे।

  • विपक्षी खेमे के पास 324 सांसद, जिनमें से कांग्रेस के पास 126 सीटें थीं।

  • बीजेडी, बीआरएस और शिरोमणि अकाली दल जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने मतदान से दूरी बनाई, जिससे विपक्ष की संभावनाएँ कमजोर हो गईं।

दिन की मुख्य झलकियाँ

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10 बजे सबसे पहले वोट डाला।

  • दोपहर 3 बजे तक 96% मतदान दर्ज हुआ, जो बाद में बढ़कर 98.3% हो गया।

  • राधाकृष्णन के गृह नगर तिरुप्पुर में लोगों ने जश्न मनाया—भोजन स्टॉल लगाए गए, पटाखे फोड़े गए और विशेष प्रार्थनाएँ की गईं।

  • प्रमुख मतदाता: सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, अखिलेश यादव और देवगौड़ा ने मतदान किया।

  • इंजीनियर राशिद, जो बारामूला से जेल में बंद सांसद हैं, ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत वोट डाला।

चुनाव का महत्व

  • सी. पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु से चुने जाने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति बने, उनसे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन यह पद संभाल चुके थे।

  • उनकी जीत एनडीए की संसद में मजबूत पकड़ और सहयोगी दलों, विशेषकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के समर्थन को दर्शाती है।

  • उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं, जिससे राधाकृष्णन को संसदीय कार्यों में अहम भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।

नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद सरकार ने हटाया सोशल मीडिया बैन

नेपाल सरकार ने फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया विवादास्पद प्रतिबंध आधिकारिक रूप से हटा दिया है। यह फैसला देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद लिया गया, जिनमें 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हुए। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व मुख्य रूप से जेनरेशन ज़ेड (Gen Z) कार्यकर्ताओं ने किया था।

पृष्ठभूमि: सोशल मीडिया पर कार्रवाई

  • सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स पर यह कहते हुए रोक लगाई थी कि उन्होंने स्थानीय प्राधिकरणों के साथ पंजीकरण नहीं कराया और नेपाल के इंटरनेट नियमों का पालन नहीं किया।

  • अचानक लगाए गए इस प्रतिबंध ने युवाओं में आक्रोश फैला दिया, क्योंकि शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सक्रियता के लिए वे डिजिटल माध्यम पर निर्भर हैं।

  • इस कदम को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना गया, जिसके चलते सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए।

विरोध और हिंसा

  • प्रदर्शन सबसे पहले काठमांडू से शुरू हुए और फिर अन्य शहरी क्षेत्रों तक फैल गए।

  • हजारों की संख्या में छात्र और युवा पेशेवर सड़कों पर उतर आए और डिजिटल एक्सेस बहाल करने की मांग की।

  • संसद भवन के पास प्रदर्शनकारियों और दंगा-रोधी पुलिस के बीच झड़पें हुईं।

  • इन झड़पों में 19 लोगों की मौत और सैकड़ों लोग घायल हुए।

  • यह आंदोलन नेपाल के हाल के इतिहास में सबसे तीव्र युवा-नेतृत्व वाले आंदोलनों में से एक बन गया।

सरकार की प्रतिक्रिया और प्रतिबंध हटाने का फैसला

आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद संचार, सूचना और प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ ने घोषणा की कि,

  • सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है।

  • सूचना मंत्रालय ने सभी एजेंसियों को तुरंत डिजिटल एक्सेस बहाल करने के निर्देश दिए।

  • सरकार ने युवाओं की चिंताओं को वैध मानते हुए संवाद के लिए अपनी तत्परता जताई।

गुरुङ ने यह भी अपील की कि जेनरेशन ज़ेड के विरोध समूह अपने अभियान को वापस लें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार डिजिटल नियामक ढांचे की समीक्षा सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके करेगी।

भारत, इज़राइल ने द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत और इज़राइल ने नई दिल्ली में एक द्विपक्षीय निवेश समझौते (Bilateral Investment Agreement) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य आपसी निवेश को बढ़ावा देना, निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करना और प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा तथा वित्तीय नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना है। यह समझौता भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इज़राइल के वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच द्वारा हस्ताक्षरित किया गया।

समझौते के प्रमुख उद्देश्य

  • द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देना

  • निवेशकों को कानूनी निश्चितता प्रदान करना

  • अधिग्रहण (Expropriation) से सुरक्षा और पारदर्शी नियम सुनिश्चित करना

  • नुकसान की स्थिति में निष्पक्ष मुआवज़े की गारंटी

  • विवाद समाधान हेतु स्वतंत्र मध्यस्थता (Arbitration) व्यवस्था

  • पूंजी और लाभांश का सुगम हस्तांतरण

यह सभी प्रावधान भारत और इज़राइल के बीच निवेश माहौल को और मजबूत व पारदर्शी बनाएंगे।

वर्तमान निवेश स्थिति और विकास की संभावनाएँ

  • वर्तमान में भारत-इज़राइल के बीच निवेश का मूल्य लगभग 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर है।

  • समझौते से निम्नलिखित क्षेत्रों में निवेश बढ़ने की संभावना है:

    • साइबर सुरक्षा

    • रक्षा तकनीक

    • फिनटेक और डिजिटल पेमेंट्स

    • नवाचार एवं हाई-टेक उद्योग

निर्मला सीतारमण ने दोनों देशों के उद्योग जगत से नए निवेश अवसर तलाशने का आह्वान किया।

रणनीतिक सहयोग और साझा दृष्टिकोण

इज़राइल के वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच ने दोनों देशों की साझा लोकतांत्रिक एवं आर्थिक मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद भारत और इज़राइल ने उच्च आर्थिक विकास बनाए रखा है। सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:

  • साइबर डिफेंस

  • वित्तीय विनियमन

  • डिजिटल भुगतान संपर्क

  • अवसंरचना विकास

दोनों मंत्रियों ने प्रौद्योगिकी-आधारित सहयोग और आर्थिक लचीलापन बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • घटना: भारत-इज़राइल द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर

  • स्थान: नई दिल्ली

  • तारीख: सितंबर 2025

  • हस्ताक्षरकर्ता: निर्मला सीतारमण (भारत), बेज़ालेल स्मोट्रिच (इज़राइल)

  • निवेश फोकस: फिनटेक, रक्षा, साइबर सुरक्षा, डिजिटल पेमेंट्स

  • वर्तमान निवेश मूल्य: 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर

  • प्रमुख विशेषताएँ: मध्यस्थता, निवेशक सुरक्षा, मुआवज़ा, पारदर्शिता

भारत ने CAFA नेशंस कप 2025 में कांस्य पदक जीता

भारतीय फुटबॉल टीम ने ताजिकिस्तान के हिसोर सेंट्रल स्टेडियम में खेले गए सीएएफए नेशंस कप 2025 के तीसरे स्थान के मैच में ओमान को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया। यह भारत की ओमान पर पहली अंतरराष्ट्रीय जीत है, जो इस उपलब्धि को और भी खास बनाती है।

मैच सारांश

  • निर्धारित समय में मैच 1-1 से बराबरी पर खत्म हुआ।

  • उदंता सिंह ने भारत के लिए बराबरी का गोल दागा, जबकि ओमान ने पहले बढ़त बनाई थी।

  • पेनल्टी शूटआउट में:

    • ओमान ने अपनी शुरुआती दो पेनल्टी मिस कीं।

    • गुरप्रीत सिंह संधू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए निर्णायक पेनल्टी बचाई।

    • भारत ने 3 पेनल्टी बदलीं, जबकि ओमान केवल 2 ही कर पाया।

  • नतीजा: भारत 1-1 ओमान (भारत ने पेनल्टी शूटआउट 3-2 से जीता)।

ऐतिहासिक महत्व

  • ओमान पर भारत की पहली जीत।

  • सीएएफए नेशंस कप में भारत का पहला पदक।

  • एशियाई मंच पर भारतीय फुटबॉल के लिए बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला क्षण।

मुख्य खिलाड़ी

  • उदंता सिंह – नियमित समय में भारत का बराबरी का गोल।

  • गुरप्रीत सिंह संधू – पेनल्टी शूटआउट में निर्णायक बचाव।

  • पूरी टीम – अनुशासित डिफेंस और मानसिक मजबूती का प्रदर्शन।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • आयोजन: सीएएफए नेशंस कप 2025

  • स्थान: हिसोर सेंट्रल स्टेडियम, ताजिकिस्तान

  • परिणाम: भारत 1-1 ओमान (भारत ने 3-2 से पेनल्टी शूटआउट जीता)

  • उपलब्धि: कांस्य पदक (Bronze Medal)

28वीं यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में भारत ने एजेंडा का नेतृत्व किया

28वीं यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस, जो पहली बार संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित की जा रही है, 8 सितंबर 2025 को दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में शुरू हुई। इसमें 192 सदस्य देशों से आए 2,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। भारत की ओर से केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने भाग लिया और नवाचार, स्थिरता एवं डिजिटल समावेशन के माध्यम से वैश्विक डाक सेवाओं के भविष्य को आकार देने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।

भारत की रणनीतिक प्राथमिकताएँ
1874 से यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) का संस्थापक सदस्य होने के नाते भारत ने 2026–2029 की रणनीतिक रोडमैप में सक्रिय योगदान देने का संकल्प लिया। भारत ने खासकर तीन क्षेत्रों पर ज़ोर दिया:

  • डाक सेवाओं का डिजिटल रूपांतरण

  • सतत लॉजिस्टिक्स और परिचालन

  • सुरक्षित और सुलभ ई-कॉमर्स ढाँचा

भारत ने UPU की काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल में उम्मीदवार बनने की घोषणा भी की।

वैश्विक सहयोग और द्विपक्षीय वार्ता
कांग्रेस के दौरान सिंधिया ने जापान, स्पेन, पुर्तगाल, पैन अफ्रीकन पोस्टल यूनियन, कैरेबियन पोस्टल यूनियन और पोस्टल यूनियन ऑफ द अमेरिकाज के समकक्षों से मुलाकात की। वार्ता में इन विषयों पर ज़ोर दिया गया:

  • सीमा-पार लॉजिस्टिक्स समाधान

  • डाक सेवाओं में डिजिटल नवाचार

  • दक्षिण-दक्षिण सहयोग

भारत अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरेबियन के कई देशों के साथ लेटर्स ऑफ इंटेंट पर हस्ताक्षर भी कर रहा है।

UPI–UPU एकीकरण: ऐतिहासिक पहल
एक अहम घोषणा रही UPI–UPU Integration Project, जिसे भारत के डाक विभाग, NPCI International Payments Limited और UPU ने संयुक्त रूप से लॉन्च किया। इसके तहत,

  • अंतरराष्ट्रीय धन प्रेषण को कम लागत और सुरक्षित बनाया जाएगा

  • ग्रामीण भारत तक तेज़ी से पैसे पहुँचेंगे

  • प्रवासी भारतीयों को वित्तीय समावेशन का लाभ मिलेगा

यह पहल भारतीय परिवारों, विशेषकर NRI और प्रवासी मज़दूरों के लिए बड़ी राहत होगी।

इंडिया पोस्ट का रूपांतरण
सिंधिया ने बताया कि 6.8 लाख गाँवों तक फैले विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क इंडिया पोस्ट को अब एक लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं की दिग्गज संस्था में बदला जा रहा है। प्रमुख कदम:

  • छह नए व्यवसायिक वर्टिकल्स का गठन

  • पासपोर्ट सेवा केंद्र, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और डिजिटल पहचान जैसी सेवाओं का विस्तार

  • आधुनिक सीआरएम टूल्स और पोस्टल सॉफ्टवेयर का उपयोग

सिंधिया ने कहा कि विश्वसनीयता और पहुँच के मामले में इंडिया पोस्ट बेजोड़ है, जिसका मुकाबला कोई निजी कूरियर सेवा नहीं कर सकती।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • आयोजन: 28वीं यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस, दुबई

  • भारत का प्रतिनिधित्व: ज्योतिरादित्य सिंधिया (संचार मंत्री)

  • प्रमुख पहल: UPI–UPU Integration Project

  • भारत की उम्मीदवारी: UPU की काउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन और पोस्टल ऑपरेशंस काउंसिल

भारत की अर्थव्यवस्था में 15–20% योगदान करता है कृषि क्षेत्र: पीएसए

भारत के प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) अजय कुमार सूद ने भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि की केंद्रीय भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि यह क्षेत्र देश के आर्थिक उत्पादन में 15–20% का योगदान करता है और 60% से अधिक कार्यबल को आजीविका प्रदान करता है। उन्होंने ये बातें नई दिल्ली में आयोजित Dialogue NEXT 2025 कार्यक्रम के दौरान कहीं, जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने आयोजित किया था।

ग्रामीण भारत की आर्थिक रीढ़

दो दिवसीय कार्यक्रम में बोलते हुए सूद ने बताया कि भले ही सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि का हिस्सा अपेक्षाकृत कम दिखता हो, लेकिन यह लाखों ग्रामीण आजीविकाओं का आधार है। उन्होंने कृषि को भारत की सामाजिक-आर्थिक संरचना का स्तंभ बताया और बदलते जलवायु एवं पारिस्थितिकीय संकटों के बीच कृषि को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

नई पहल: राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य मिशन

सूद ने एक अहम नीति पहल की घोषणा की कि ICAR जल्द ही राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य मिशन (National Plant Health Mission) शुरू करेगा। इसका उद्देश्य है –

  • पौधों की बीमारियों और कीट संक्रमण से होने वाले नुकसान को कम करना

  • समन्वित पादप स्वास्थ्य प्रबंधन (Integrated Plant Health Management)

  • कीट एवं रोगों की निगरानी (Pest & Disease Surveillance)

  • प्रकोप रोकथाम हेतु अर्ली-वॉर्निंग सिस्टम

  • किसानों और कृषि-विशेषज्ञों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम

यह मिशन फसल उत्पादन बढ़ाने, किसानों की आय स्थिर करने और देशभर में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Dialogue NEXT 2025: वैश्विक सहयोग का मंच

Take it to the Farmer” थीम के तहत आयोजित Dialogue NEXT 2025 में वैश्विक कृषि विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम ICAR, CIMMYT (International Maize and Wheat Improvement Centre) और BISA (Borlaug Institute for South Asia) के सहयोग से आयोजित हुआ। इसमें खास फोकस रहा –

  • जलवायु-प्रतिरोधी कृषि

  • एग्री-टेक का प्रसार

  • संसाधनों का सतत उपयोग

  • किसान-केंद्रित नवाचार

क्यों है महत्वपूर्ण

भारत कृषि क्षेत्र में बदलती चुनौतियों का सामना कर रहा है – जैसे मृदा क्षरण, जलवायु परिवर्तन, कीट प्रतिरोध और कम उत्पादकता। ऐसे में राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य मिशन जैसे कदम छोटे और सीमांत किसानों की सुरक्षा और देश की खाद्य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए बेहद अहम हैं।

परीक्षा के लिए प्रमुख तथ्य

  • कार्यक्रम: Dialogue NEXT 2025, नई दिल्ली

  • आयोजक: ICAR, CIMMYT, BISA

  • मुख्य वक्ता: अजय कुमार सूद (प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार)

  • कृषि का योगदान: भारत की अर्थव्यवस्था में 15–20%

Recent Posts

about | - Part 111_12.1