महाराष्ट्र बजट 2025-26: एक विस्तृत विश्लेषण

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने 2025-26 का राज्य बजट प्रस्तुत किया। यह बजट महायुति सरकार की प्रचंड चुनावी जीत के बाद पेश किया गया है, लेकिन गंभीर वित्तीय संकट के चलते इसमें कोई बड़ी नई योजना घोषित नहीं की गई। राज्य का कुल कर्ज़ ₹9.3 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष (2024-25) के ₹7.1 लाख करोड़ से ₹2 लाख करोड़ अधिक है। साथ ही, राजस्व घाटा ₹45,891 करोड़ आंका गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है। इन आर्थिक चुनौतियों के कारण सरकार ने नई योजनाओं की बजाय मौजूदा योजनाओं को जारी रखने पर ध्यान केंद्रित किया है।

मुख्य बजटीय प्रावधान:

वित्तीय स्थिति:
▪ राज्य का कुल कर्ज़ ₹9.3 लाख करोड़ तक पहुंचा, जो एक दशक में लगभग तीन गुना हो गया।
▪ राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का 2.76% और कर्ज़-से-GSDP अनुपात 18.7% पर है।
▪ राजस्व घाटा ₹45,891 करोड़ अनुमानित, जो पिछले वर्ष के ₹20,051 करोड़ से अधिक है।

कल्याणकारी योजनाएँ:
नई योजनाओं की बजाय मौजूदा योजनाओं पर ध्यान – मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का बजट ₹10,000 करोड़ घटाकर ₹36,000 करोड़ किया गया।
▪ इस योजना के तहत महिलाओं को ₹1,500 के मासिक वजीफे को बढ़ाकर ₹2,100 करने की योजना टाल दी गई।
किसान कर्ज़ माफी टली – चुनावी घोषणा पत्र में वादा किए जाने के बावजूद इस बजट में शामिल नहीं।

स्थानीय प्रशासन और सामाजिक न्याय:
▪ जिला वार्षिक योजना बजट 11% बढ़ाकर ₹18,165 करोड़ से ₹20,165 करोड़ किया गया।
▪ अनुसूचित जातियों (SC) के लिए वार्षिक योजना आवंटन में 42% और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए 40% की वृद्धि।

राजस्व बढ़ाने के उपाय:
नए मोटर वाहन कर – ₹1,125 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जुटाने की योजना।
स्टांप ड्यूटी में वृद्धि – सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए कुछ लेन-देन पर स्टांप शुल्क बढ़ाया गया।

बुनियादी ढाँचा और विकास:
नई सड़क परियोजनाएँ नहीं – सरकार ने नई अधोसंरचना परियोजनाएँ शुरू करने की बजाय मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान दिया।

इस बजट से साफ़ है कि महाराष्ट्र सरकार वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए नई योजनाओं की बजाय मौजूदा विकास कार्यों को जारी रखने की नीति अपना रही है।

Holi पर देश में होगा 60 हजार करोड़ का कारोबार

होली 2025 ने एक बार फिर देशभर के व्यापारियों और व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर प्रदान किया है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, इस वर्ष होली की बिक्री ₹60,000 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के ₹50,000 करोड़ की तुलना में 20% की वृद्धि दर्शाती है। भारतीय निर्मित हर्बल रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, मिठाइयाँ, सूखे मेवे और पारंपरिक परिधानों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, क्योंकि व्यापारी और ग्राहक चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी रखे हुए हैं। अकेले दिल्ली में होली से संबंधित कारोबार ₹8,000 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है, जिससे स्थानीय व्यापार और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को भी मजबूती मिली है।

होली 2025 की बिक्री और बाज़ार प्रवृत्तियों के प्रमुख बिंदु:

  1. बढ़ता उपभोक्ता खर्च और त्योहारों पर बिक्री में उछाल

    • होली 2025 की बिक्री ₹60,000 करोड़ से अधिक होने की संभावना, जबकि 2024 में यह ₹50,000 करोड़ थी।
    • दिल्ली में ही होली से जुड़ा व्यापार ₹8,000 करोड़ से पार जाने की उम्मीद।
    • रंग, मिठाइयाँ, वस्त्र, एफएमसीजी उत्पादों और उपभोक्ता वस्तुओं की जबरदस्त मांग।
    • खुदरा और थोक बाजारों में भारी भीड़।
  2. चीनी उत्पादों का बहिष्कार और भारतीय वस्तुओं की मांग में वृद्धि

    • ग्राहक चीनी वस्तुओं के बजाय भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
    • हर्बल रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन, पूजन सामग्री और परिधान की मांग में वृद्धि।
    • स्थानीय व्यापारियों और MSME सेक्टर को बढ़ावा।
  3. त्योहारी परिधानों और एक्सेसरीज़ की मांग में उछाल

    • होली के लिए सफेद टी-शर्ट, कुर्ता-पायजामा और सलवार-सूट की ज़बरदस्त बिक्री।
    • “हैप्पी होली” स्लोगन वाली टी-शर्ट की भी भारी मांग।
    • वस्त्र और परिधान उद्योग में बिक्री में वृद्धि।
  4. होली मिलन आयोजनों की बुकिंग में वृद्धि

    • दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में बड़े स्तर पर होली मिलन समारोह आयोजित।
    • दिल्ली में 3,000 से अधिक होली इवेंट आयोजित हो रहे हैं।
    • बैंक्वेट हॉल, फार्महाउस, होटल, रेस्तरां और सार्वजनिक पार्क पूरी तरह से बुक।
    • व्यावसायिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक संगठनों द्वारा होली मिलन का आयोजन।
  5. पिचकारी और होली उत्पादों की बढ़ती मांग

    • बाजारों में अनोखी और आकर्षक पिचकारियों की भरमार।
    • पिचकारियों की कीमतें:
      • प्रेशर पिचकारी: ₹100 से ₹350
      • टैंक वाली पिचकारी: ₹100 से ₹400
      • पाइप वाली फैंसी पिचकारियाँ भी ट्रेंड में।
    • स्पाइडर-मैन और छोटा भीम जैसे कार्टून थीम पिचकारियाँ बच्चों के बीच लोकप्रिय।
    • स्प्रे गुलाल की जबरदस्त मांग।
  6. मिठाई दुकानों पर रिकॉर्ड बिक्री

    • होली स्पेशल गुजिया और अन्य पारंपरिक मिठाइयों की भारी मांग।
    • उपहार देने के लिए सूखे मेवे, ड्राई फ्रूट माला और फेस्टिव गिफ्ट पैक की खरीदारी।
    • किराना और मिठाई दुकानों में बिक्री में बड़ा उछाल।
  7. दिल्ली के होली समारोह और बाजार की प्रवृत्तियाँ

    • होलिका दहन: 13 मार्च 2025
    • रंगों की होली: 14 मार्च 2025
    • दिल्ली के बाजारों में होली की थीम पर सजावट और विशेष वस्तुओं की उपलब्धता।
    • उपभोक्ताओं की बढ़ती भीड़ से बाजार में खरीदारी का रुझान मज़बूत।
    • मिठाई और सूखे मेवों के उपहार देने की परंपरा से व्यापार को बढ़ावा।
श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? होली ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया, व्यापारियों को ₹60,000 करोड़ की बिक्री की उम्मीद
अनुमानित होली बिक्री (2025) ₹60,000 करोड़ (2024 की तुलना में 20% वृद्धि)
दिल्ली का होली बाजार ₹8,000 करोड़ से अधिक
चीनी वस्तुओं का बहिष्कार उपभोक्ताओं ने भारतीय रंग, पिचकारी, मिठाई और वस्त्र को प्राथमिकता दी
उच्च मांग वाले उत्पाद हर्बल रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, मिठाई, सूखे मेवे, त्योहारों के परिधान
परिधानों की बढ़ती मांग सफेद टी-शर्ट, कुर्ता-पायजामा, सलवार-सूट, “हैप्पी होली” स्लोगन वाली टी-शर्ट
होली मिलन कार्यक्रमों की बुकिंग दिल्ली में 3,000+ होली मिलन समारोह, बैंक्वेट हॉल, फार्महाउस, पार्क फुल बुक
पिचकारी की कीमतें ₹100 से ₹400 (लोकप्रिय पात्र: स्पाइडर-मैन, छोटा भीम)
होली की विशेष मिठाइयाँ गुजिया, ड्राई फ्रूट माला, गिफ्ट हैंपर की भारी मांग
दिल्ली में होली के आयोजन तिथियाँ होलिका दहन: 13 मार्च 2025; रंगों की होली: 14 मार्च 2025

ICC प्लेयर ऑफ द मंथ: शुभमन गिल ने फरवरी के लिए जीता पुरस्कार

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने फरवरी 2025 के लिए ICC पुरुष और महिला प्लेयर ऑफ़ द मंथ अवॉर्ड्स के विजेताओं की घोषणा की है। भारत के शुभमन गिल को ICC पुरुष प्लेयर ऑफ़ द मंथ और ऑस्ट्रेलिया की अलाना किंग को ICC महिला प्लेयर ऑफ़ द मंथ का खिताब मिला। दोनों खिलाड़ियों ने फरवरी में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुआ।

शुभमन गिल का प्रदर्शन (फरवरी 2025)
शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ और ICC मेंस चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में बेहतरीन बल्लेबाजी की।

  • इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज: पहले दो मैचों में 87 और 60 रन बनाए, फिर अहमदाबाद में निर्णायक शतक (112) जड़ा।
  • ICC मेंस चैंपियंस ट्रॉफी 2025: दुबई में बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 101 रन बनाकर भारत की जीत सुनिश्चित की।

इस प्रदर्शन के चलते शुभमन गिल ने तीसरी बार ICC पुरुष प्लेयर ऑफ़ द मंथ का अवॉर्ड जीता, न्यूज़ीलैंड के ग्लेन फिलिप्स और ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ को पीछे छोड़ते हुए। फरवरी में उन्होंने 100 से अधिक की औसत से 406 रन बनाए, जिससे वह ICC मेंस ODI बल्लेबाज रैंकिंग में शीर्ष पर लौट आए।

अलाना किंग का प्रदर्शन (फरवरी 2025)
ऑस्ट्रेलिया की स्पिनर अलाना किंग ने मेलबर्न में एशेज टेस्ट में शानदार गेंदबाजी कर अपनी टीम को जीत दिलाई।

  • पहली पारी: इंग्लैंड के मध्यक्रम को ध्वस्त करते हुए 4/45 का स्पेल डाला।
  • दूसरी पारी: अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 5/53 विकेट चटकाए और ऑस्ट्रेलिया को पारी से जीत दिलाई।

इस प्रदर्शन के चलते अलाना किंग को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) ऑनर्स बोर्ड में शामिल किया गया। वह लगातार तीसरी ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटर बनीं, जिन्होंने ICC महिला प्लेयर ऑफ़ द मंथ अवॉर्ड जीता, थाईलैंड की थिपाचा पुथावोंग और ऑस्ट्रेलिया की एनेबल सदरलैंड को पीछे छोड़ते हुए।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? आईसीसी ने फरवरी 2025 के प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड्स की घोषणा की। शुभमन गिल (भारत) को पुरुष वर्ग में और अलाना किंग (ऑस्ट्रेलिया) को महिला वर्ग में विजेता घोषित किया गया।
शुभमन गिल का प्रदर्शन फरवरी में 406 रन बनाए, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज़ और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में अहम भूमिका निभाई। दो शतक जमाए।
गिल की उपलब्धि तीसरी बार आईसीसी पुरुष प्लेयर ऑफ द मंथ का अवॉर्ड जीता। ग्लेन फिलिप्स और स्टीव स्मिथ को पछाड़ा।
अलाना किंग का प्रदर्शन एशेज टेस्ट में 9 विकेट लिए, जिसमें दूसरी पारी में 5/53 का शानदार प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई।
किंग की उपलब्धि पहली बार आईसीसी महिला प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड जीता। एनेबल सदरलैंड और थिपाचा पुथावोंग को हराया।
चयन प्रक्रिया प्रशंसकों के वोट और आईसीसी विशेषज्ञ पैनल द्वारा विजेता तय किए जाते हैं।
आईसीसी अवॉर्ड्स के लिए वोटिंग प्रशंसक www.icc-cricket.com/awards पर वोट कर सकते हैं।

जल स्थिरता सम्मेलन 2025: उद्योगों में जल उपयोग दक्षता पर विशेष जोर

जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जल मिशन (NWM) और जल उपयोग दक्षता ब्यूरो (BWUE) द्वारा ऊर्जा और संसाधन संस्थान (TERI) के सहयोग से जल स्थिरता सम्मेलन 2025 का आयोजन 12 मार्च 2025 को NDMC कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में किया गया। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, श्री सी. आर. पाटिल ने किया। सम्मेलन में उद्योगों में जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के तरीकों और नीतियों पर चर्चा की गई।

अपने उद्घाटन भाषण में श्री सी. आर. पाटिल ने जल प्रबंधन के 4R सिद्धांत (रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल और रिचार्ज) को अपनाने पर जोर दिया और पाँचवां सिद्धांत “रिस्पेक्ट” (सम्मान) जोड़ते हुए उद्योगों से जल संसाधनों का सम्मानपूर्वक एवं सतत उपयोग करने की अपील की।

सम्मेलन के मुख्य बिंदु

सरकारी दृष्टिकोण एवं रणनीति

  • जल जीवन मिशन और जल शक्ति अभियान जैसी पहलों के माध्यम से जल प्रबंधन में सुधार।
  • उद्योगों को सर्कुलर इकॉनमी मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित करना, जिससे जल उपचार, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण को बढ़ावा मिले।
  • PEPL कडोदरा (सूरत) और वापी पेपर उद्योग जैसे सफल मॉडलों को प्रदर्शित किया गया।

तकनीकी और विशेषज्ञ सत्र

  • डॉ. स्यामल कुमार सरकार (पूर्व WR एवं DoPT सचिव) ने बताया कि 2050 तक भारत का औद्योगिक जल मांग 151 BCM तक पहुंच सकती है, जिसके लिए जल दक्षता बढ़ाने के उपाय जरूरी हैं।
  • तकनीकी सत्र I: औद्योगिक जल दक्षता के लिए NTPC, SAIL और CPCB द्वारा प्रस्तुत अध्ययन।
  • तकनीकी सत्र II: “जल तटस्थता और नेट ज़ीरो भविष्य” पर चर्चा।

महत्वपूर्ण सिफारिशें एवं निष्कर्ष

  • उद्योगों के लिए जल ऑडिट अनिवार्य करने की सिफारिश।
  • जल दक्ष प्रक्रियाएं अपनाकर पुनर्चक्रण और भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना।
  • औद्योगिक उत्पादों के लिए जल पदचिह्न अंकन और BIS मानकों को लागू करना।
  • शून्य तरल निर्वहन (ZLD) तकनीकों को अपनाने पर बल।
  • सरकार और उद्योगों के बीच साझेदारी को मजबूत बनाना।

इस सम्मेलन में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के विशेषज्ञों और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया और भारत को जल स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए ठोस रणनीतियों पर जोर दिया।

विषय विवरण
समाचार में क्यों? जल स्थिरता सम्मेलन 2025: औद्योगिक जल उपयोग दक्षता को बढ़ावा
कार्यक्रम का नाम जल स्थिरता सम्मेलन 2025
तिथि और स्थान 12 मार्च 2025, NDMC कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली
आयोजक जल उपयोग दक्षता ब्यूरो (BWUE), राष्ट्रीय जल मिशन (NWM), जल शक्ति मंत्रालय एवं TERI
मुख्य अतिथि श्री सी. आर. पाटिल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री
मुख्य फोकस औद्योगिक जल उपयोग दक्षता
4R दृष्टिकोण रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल, रिचार्ज (+ रिस्पेक्ट को 5वें सिद्धांत के रूप में जोड़ा गया)
प्रमुख अध्ययन मामले PEPL कडोदरा (सूरत), वापी पेपर उद्योग
तकनीकी सत्र औद्योगिक जल दक्षता, बेंचमार्किंग, जल तटस्थता, ZLD, नीतिगत नियम
मुख्य सिफारिशें औद्योगिक जल ऑडिट, सर्कुलर इकॉनमी, रीयल-टाइम मॉनिटरिंग, उन्नत पुनर्चक्रण तकनीकें
निष्कर्ष सतत जल प्रबंधन के लिए उद्योग-सरकार सहयोग को मजबूत करना

खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2025: पदक तालिका देखें

खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2025 (KIWG 2025) का सफल आयोजन दो चरणों में किया गया, जिसमें 19 टीमों के 400 से अधिक एथलीटों ने भाग लिया। यह प्रतिष्ठित शीतकालीन खेल आयोजन 23 जनवरी 2025 को लेह, लद्दाख में शुरू हुआ और 12 मार्च 2025 को जम्मू-कश्मीर में संपन्न हुआ। इस बार भी भारतीय सेना ने सबसे अधिक स्वर्ण पदक जीतकर ओवरऑल चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया।

खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2025 का परिचय

खेलो इंडिया विंटर गेम्स केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य भारत में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देना है। यह प्रतियोगिता एथलीटों को अपनी प्रतिभा दिखाने और शीतकालीन खेलों के विकास को प्रोत्साहित करने का मंच प्रदान करती है।

KIWG 2025 के चरण और आयोजन स्थल

पहला चरण: लेह, लद्दाख (23-27 जनवरी 2025)
इस चरण में आइस हॉकी और आइस स्केटिंग प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।
मुख्य स्थल:

  • नवांग दोरजेय स्टोबडन (NDS) स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स
  • गुफुक पॉन्ड

दूसरा चरण: जम्मू-कश्मीर (9-12 मार्च 2025)
इस चरण में चार प्रमुख शीतकालीन खेलों का आयोजन हुआ:

  • अल्पाइन स्कीइंग
  • नॉर्डिक स्कीइंग
  • स्की माउंटेनियरिंग
  • स्नोबोर्डिंग
    मुख्य स्थल:
  • कांगडूरी फेज़ 1
  • गुलमर्ग गोल्फ क्लब

प्रतिभागिता और प्रतियोगिता प्रारूप

इस संस्करण में 19 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और संस्थानों की 400 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता टीम चैंपियनशिप प्रारूप में आयोजित की गई, जहाँ व्यक्तिगत एथलीटों द्वारा जीते गए पदक उनकी संबंधित टीमों की ओवरऑल पदक तालिका में जुड़े।

प्रमुख प्रदर्शन और आकर्षण

नयना श्री तलुरी (तेलंगाना) ने स्पीड स्केटिंग में स्वर्ण हैट्रिक
15 वर्षीय नयना श्री तलुरी ने महिला 500 मीटर शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

आंचल ठाकुर (हिमाचल प्रदेश) ने अल्पाइन स्कीइंग में दो स्वर्ण पदक जीते
गुलमर्ग में आयोजित स्लालम और जायंट स्लालम स्पर्धाओं में आंचल ठाकुर ने स्वर्ण पदक जीते।

खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2025 पदक तालिका

रैंक राज्य/टीम स्वर्ण रजत कांस्य कुल पदक
1 भारतीय सेना 7 5 6 18
2 हिमाचल प्रदेश 6 5 7 18
3 लद्दाख 4 2 1 7
4 महाराष्ट्र 3 5 5 13
5 तमिलनाडु 3 2 0 5
6 ITBP 2 5 3 10
7 कर्नाटक 2 3 1 6
8 तेलंगाना 2 1 2 5
9 जम्मू-कश्मीर 2 1 1 4
10 उत्तराखंड 1 2 3 6
11 CRPF 0 1 0 1
12 हरियाणा 0 0 2 2
13 दिल्ली 0 0 1 1
13 मध्य प्रदेश 0 0 1 1

भारतीय सेना की लगातार दूसरी जीत

भारतीय सेना ने 2024 में भी खेलो इंडिया विंटर गेम्स का खिताब जीता था, जब उन्होंने 10 स्वर्ण, 5 रजत और 6 कांस्य पदक जीते थे। 2025 में यह उनका लगातार दूसरा खिताब है, जो उनकी शीतकालीन खेलों में बढ़ती ताकत को दर्शाता है।

खेलो इंडिया विंटर गेम्स के पिछले विजेता

  • 2020 – जम्मू-कश्मीर (मेज़बान और विजेता)
  • 2021 – जम्मू-कश्मीर (मेज़बान और विजेता)
  • 2023 – जम्मू-कश्मीर (मेज़बान और विजेता)
  • 2024 – भारतीय सेना (विजेता)
  • 2025 – भारतीय सेना (विजेता)

खेलो इंडिया विंटर गेम्स का प्रभाव

खेलो इंडिया विंटर गेम्स ने लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस आयोजन ने युवा खिलाड़ियों को एक प्रतिस्पर्धी मंच प्रदान किया है और भारत को शीतकालीन खेलों का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है।

सलमान खान ने गेहूं के आटे के अभियान के लिए जीआरएम के साथ मिलकर काम किया

GRM ओवरसीज लिमिटेड ने अपने 10X क्लासिक चक्की फ्रेश आटा के प्रचार के लिए एक नया मार्केटिंग अभियान शुरू किया है, जिसमें बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। “Better Half Ki Better Choice” शीर्षक वाले इस अभियान का उद्देश्य उत्पाद की गुणवत्ता, स्वच्छता और पोषण को उजागर करना है, जिससे इसे घरों के लिए पसंदीदा विकल्प के रूप में स्थापित किया जा सके। टैगलाइन “10 का दम” के साथ, यह अभियान पारंपरिक खुले गेहूं के आटे की तुलना में ब्रांडेड पैकaged आटे को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

अभियान की प्रमुख बातें

1. ब्रांड एंबेसडर और अभियान की थीम

  • सलमान खान को ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया।
  • अभियान का शीर्षक “Better Half Ki Better Choice” रखा गया।
  • “10 का दम” टैगलाइन के जरिए उत्पाद की गुणवत्ता और मजबूती पर जोर दिया गया।

2. मार्केटिंग रणनीति

  • अभियान को प्रमुख हिंदी समाचार चैनलों पर प्रसारित किया जाएगा।
  • प्रिंट मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म, बाहरी विज्ञापन (होर्डिंग्स) और सिनेमा प्रचार के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा।
  • उपभोक्ताओं को पारंपरिक खुले आटे से ब्रांडेड पैकेज्ड आटे की ओर आकर्षित करने का प्रयास।

3. GRM ओवरसीज लिमिटेड – कंपनी प्रोफाइल

  • 1974 में चावल प्रोसेसिंग और ट्रेडिंग कंपनी के रूप में स्थापित।
  • अब एक प्रमुख कंज्यूमर स्टेपल्स कंपनी बन चुकी है।
  • हरियाणा और गुजरात में तीन आधुनिक चावल प्रसंस्करण इकाइयाँ हैं।
  • भारत की शीर्ष पाँच चावल निर्यातक कंपनियों में से एक, जो 42 देशों को निर्यात करती है।

4. पैकेज्ड गेहूं आटा बाजार की विकास संभावनाएं

  • इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में पैकेज्ड गेहूं के आटे का बाजार 16% CAGR (वार्षिक वृद्धि दर) से बढ़ने की उम्मीद है।
  • 2030 तक इसका बाजार मूल्य $197 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है।
  • यह अभियान इसी विकास प्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए सलमान खान की लोकप्रियता के माध्यम से ब्रांड को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।

5. GRM ओवरसीज लिमिटेड के शेयर बाजार पर प्रभाव

  • NSE पर GRM ओवरसीज लिमिटेड के शेयर मूल्य में उछाल देखा गया।
  • स्टॉक ₹258.19 पर बंद हुआ, जो ₹8.85 (3.55%) की वृद्धि को दर्शाता है।
  • अभियान की घोषणा के बाद कंपनी के शेयरों को सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

6. रणनीतिक व्यावसायिक लक्ष्य

  • सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के माध्यम से ब्रांड की दृश्यता बढ़ाना।
  • भारत के तेजी से बढ़ते पैकेज्ड गेहूं आटा बाजार में अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करना।
  • 10X क्लासिक चक्की फ्रेश आटा को एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत करना।

GRM ओवरसीज लिमिटेड का यह नया अभियान उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त और पौष्टिक गेहूं का आटा उपलब्ध कराने के साथ-साथ कंपनी की बाजार स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नो स्मोकिंग डे 2025: इतिहास और महत्व

नो स्मोकिंग डे एक वार्षिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य धूम्रपान करने वालों को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करना और तंबाकू के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसे हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है, और इस वर्ष यह 12 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। धूम्रपान एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिससे समय से पहले बुढ़ापा, त्वचा का रंग फीका पड़ना, दंत समस्याएं और श्वसन संबंधी विकार हो सकते हैं। यह लेख धूम्रपान के दीर्घकालिक प्रभावों को उजागर करता है और नो स्मोकिंग डे के महत्व पर प्रकाश डालता है।

नो स्मोकिंग डे का महत्व

  • धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
  • लोगों को धूम्रपान छोड़ने की दिशा में पहला कदम उठाने के लिए प्रेरित करना।
  • वैश्विक स्वास्थ्य पहलों का समर्थन करना, जो तंबाकू की खपत को कम करने का प्रयास करती हैं।
  • निष्क्रिय धूम्रपान (सेकंडहैंड स्मोक) के खतरों पर जोर देना।
  • सरकार की नीतियों और एंटी-स्मोकिंग अभियानों को बढ़ावा देना।

धूम्रपान से स्वास्थ्य पर दिखाई देने वाले प्रभाव

1. त्वचा और समय से पहले बुढ़ापा

  • कोलेजन उत्पादन कम होता है, जिससे झुर्रियां और त्वचा में ढीलापन आ जाता है।
  • त्वचा का रंग असमान हो जाता है, जिससे चेहरा फीका और बेजान दिखता है।
  • सोरायसिस और अन्य त्वचा रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

2. दंत और मौखिक स्वास्थ्य समस्याएं

  • निकोटीन और टार के कारण दांत पीले और दागदार हो जाते हैं।
  • सांसों में दुर्गंध और मसूड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • मुंह के कैंसर और दांत गिरने की संभावना अधिक हो जाती है।

3. श्वसन संबंधी समस्याएं

  • फेफड़ों की कार्यक्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे लगातार खांसी और सांस फूलने की समस्या होती है।
  • क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई होती है।

4. आंखों और दृष्टि पर प्रभाव

  • मोतियाबिंद और मैक्युलर डिजनरेशन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • रक्त संचार प्रभावित होने के कारण आंखें लाल हो जाती हैं और काले घेरे बन जाते हैं।

5. हृदय रोग और रक्त संचार पर प्रभाव

  • रक्तचाप बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
  • धमनियां संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्त संचार प्रभावित होता है और हाथ-पैर ठंडे पड़ सकते हैं।

6. बाल और नाखूनों पर प्रभाव

  • बालों के रोम कमजोर हो जाते हैं, जिससे बाल झड़ने और जल्दी सफेद होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • रक्त संचार में कमी के कारण नाखून भंगुर और कमजोर हो जाते हैं।

धूम्रपान छोड़ने के लिए व्यावहारिक सुझाव

  • एक तिथि तय करें – धूम्रपान छोड़ने का दिन चुनें और प्रतिबद्ध रहें।
  • समर्थन लें – परिवार, दोस्तों से बात करें या सहायता समूह में शामिल हों।
  • निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी आज़माएं – पैच, गम जैसी विधियाँ मदद कर सकती हैं।
  • स्वस्थ आदतें अपनाएं – व्यायाम करें, हाइड्रेट रहें और तनाव को नियंत्रित करें।
  • ट्रिगर से बचें – उन परिस्थितियों से दूर रहें जो धूम्रपान को प्रेरित कर सकती हैं।
  • चिकित्सक से परामर्श लें – पेशेवर मार्गदर्शन से सफलता की संभावना बढ़ सकती है।

नो स्मोकिंग डे केवल एक दिन की पहल नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ और तंबाकू मुक्त जीवन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

अतुल कुमार गोयल ने IBA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पदभार संभाला

भारतीय बैंक संघ (IBA) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि अतुल कुमार गोयल ने इसके नए मुख्य कार्यकारी (CE) के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया है। बैंकिंग क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक के समृद्ध अनुभव के साथ, गोयल इस महत्वपूर्ण समय में एसोसिएशन का नेतृत्व करेंगे, जब भारत का बैंकिंग उद्योग तेजी से बदल रहा है।

अतुल कुमार गोयल: अनुभवी बैंकिंग नेता

अतुल कुमार गोयल एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अनुभवी बैंकर हैं, जिन्होंने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। उनका विशेषज्ञता क्षेत्र कॉर्पोरेट गवर्नेंस, जोखिम प्रबंधन, वित्तीय योजना और रणनीतिक बैंकिंग संचालन को कवर करता है। उन्होंने निम्नलिखित प्रमुख बैंकों में कार्य किया है:

  • इलाहाबाद बैंक (अब इंडियन बैंक) – अपने करियर की शुरुआती भूमिका निभाई।
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया – कार्यकारी निदेशक के रूप में परिचालन सुधार में योगदान दिया।
  • यूको बैंक – प्रबंध निदेशक (MD) और सीईओ के रूप में कार्य किया।
  • पंजाब नेशनल बैंक (PNB) – फरवरी 2022 से दिसंबर 2024 तक एमडी और सीईओ के रूप में बैंक का नेतृत्व किया।

PNB में उनके नेतृत्व की प्रमुख उपलब्धियां

पीएनबी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने बैंक की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने, जोखिम प्रबंधन को बेहतर बनाने और डिजिटल बैंकिंग समाधानों को अपनाने पर जोर दिया। उनके नेतृत्व में पीएनबी ने उन्नत ग्राहक सेवा और आधुनिक बैंकिंग रुझानों के साथ तालमेल बनाया।

IBA में पूर्व की भूमिकाएँ

अतुल कुमार गोयल भारतीय बैंक संघ (IBA) से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। उन्होंने दो कार्यकाल (2021-22 और 2022-23) के लिए IBA के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने नीति निर्माण, बैंकिंग सुधारों और वित्तीय क्षेत्र की वकालत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पूर्ववर्ती: सुनील मेहता की विरासत

गोयल ने सुनील मेहता का स्थान लिया, जिन्होंने जनवरी 2020 से सितंबर 2024 तक IBA के मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य किया। मेहता के कार्यकाल में डिजिटल परिवर्तन, मजबूत नियामक ढांचे और आरबीआई के साथ सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया गया।

भारतीय बैंक संघ (IBA) की भूमिका

IBA भारतीय बैंकों का एक प्रमुख संगठन है, जो नीति निर्माण, बैंकिंग सुधारों और डिजिटल बैंकिंग नवाचारों को बढ़ावा देता है। इसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन, साइबर सुरक्षा और धोखाधड़ी रोकथाम जैसे मुद्दों पर बैंकों के बीच समन्वय स्थापित करना है।

भविष्य की दृष्टि

मुख्य कार्यकारी के रूप में, अतुल कुमार गोयल के नेतृत्व में IBA के निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की संभावना है:

  • भारतीय बैंकिंग नीतियों को आकार देने में IBA की भूमिका को मजबूत करना।
  • डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देना और आधुनिक बैंकिंग सेवाओं को अपनाना।
  • वित्तीय जोखिमों को कम करने के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचे को सुदृढ़ करना।
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।

उनके समृद्ध अनुभव और सिद्ध नेतृत्व क्षमता के कारण, उनका कार्यकाल बैंकिंग नीतियों, वित्तीय नियमों और उद्योग के सर्वोत्तम प्रथाओं में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद है।

नेशनल आर्काइव्स ऑफ़ इंडिया ने 135 वें फाउंडेशन डे मनाया और ‘ज्ञान भारतम मिशन’ लॉन्च किया

राष्ट्रीय अभिलेखागार (NAI) ने 11 मार्च 2025 को अपना 135वां स्थापना दिवस मनाया, जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया। इस अवसर पर “भारतीय विरासत: वास्तुकला के माध्यम से” प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया, जिसमें भारत की समृद्ध वास्तुकला परंपरा को दर्शाया गया। इस प्रदर्शनी में ऐतिहासिक अभिलेखों, सरकारी दस्तावेजों और दुर्लभ ऐतिहासिक अभिलेखों का प्रदर्शन किया गया।

इस कार्यक्रम में ‘ज्ञान भारतम मिशन’ की शुरुआत भी की गई, जिसका उद्देश्य भारत की विशाल ज्ञान-संपदा को डिजिटल माध्यम से व्यापक रूप से उपलब्ध कराना है। इसके अलावा, राष्ट्रीय अभिलेखागार में विश्व के सबसे बड़े डिजिटलीकरण कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसके तहत लाखों ऐतिहासिक दस्तावेजों को संरक्षित और डिजिटल किया जा रहा है।

मुख्य विशेषताएं:

प्रदर्शनी: “भारतीय विरासत: वास्तुकला के माध्यम से”
– भारत की प्राचीन, मध्यकालीन, मुगल और औपनिवेशिक वास्तुकला को प्रदर्शित किया गया।
– सरकारी अभिलेखों, प्रसिद्ध हस्तियों के व्यक्तिगत पत्रों, यूनेस्को दस्तावेजों और पुरातात्विक रिकॉर्ड्स का प्रदर्शन।
– विषयगत श्रेणियों के माध्यम से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला गया।

ज्ञान भारतम मिशन का शुभारंभ
– राष्ट्रीय अभिलेखागार की डिजिटलीकरण पहल से प्रेरित एक दूरदर्शी परियोजना।
– ऐतिहासिक दस्तावेजों को व्यापक दर्शकों के लिए सुलभ बनाने का लक्ष्य।

विश्व का सबसे बड़ा डिजिटलीकरण कार्यक्रम
– हर महीने छह लाख से अधिक पृष्ठों का संरक्षण।
– शोधकर्ताओं और जनता के लिए ऐतिहासिक अभिलेखों की डिजिटल उपलब्धता को बढ़ाना।

“थंब प्रिंटेड: चंपारण, नील किसानों की गांधी से गवाही” वॉल्यूम III का विमोचन
– चंपारण सत्याग्रह से जुड़े 423 गवाहियों का संकलन।
– इसमें 143 प्रमुख गवाह, 5 महिलाएं और 11 नाबालिग शामिल।
– नील किसानों के संघर्ष और ब्रिटिश शासन के दौरान उनके दर्द को उजागर करता है।

राष्ट्रीय अभिलेखागार का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
– 11 मार्च 1891 को कोलकाता में इंपीरियल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट के रूप में स्थापित।
– 1911 में दिल्ली स्थानांतरित, 1926 में वर्तमान भवन का निर्माण।
– 1937 तक पूरी तरह से दिल्ली में स्थानांतरित।
– संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत, लोक अभिलेख अधिनियम, 1993 और लोक अभिलेख नियम, 1997 को लागू करता है।

राष्ट्रीय अभिलेखागार का संग्रह
– 34 करोड़ से अधिक सरकारी रिकॉर्ड्स का विशाल भंडार।
– इसमें नक्शे, संधियाँ, दुर्लभ पांडुलिपियाँ, संसदीय बहसें, जनगणना रिपोर्ट, यात्रा वृत्तांत और प्रतिबंधित साहित्य शामिल।
– संस्कृत, फारसी, उड़िया और अन्य कई भाषाओं में उपलब्ध अभिलेख।

इतिहास संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता
– डिजिटल और अभिलेखीय संरक्षण के माध्यम से दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
– शोधकर्ताओं और नागरिकों को ऐतिहासिक अभिलेखों से जोड़ने के लिए जन-जागरूकता कार्यक्रम।
– भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? राष्ट्रीय अभिलेखागार ने 135वां स्थापना दिवस मनाया और ‘ज्ञान भारतम मिशन’ शुरू किया
कार्यक्रम राष्ट्रीय अभिलेखागार का 135वां स्थापना दिवस
प्रदर्शनी का शीर्षक भारतीय विरासत: वास्तुकला के माध्यम से”
प्रमुख पहल ज्ञान भारतम मिशन’ का शुभारंभ
ज्ञान भारतम मिशन का उद्देश्य भारत की विशाल ज्ञान-संपदा तक पहुंच का विस्तार करना
डिजिटलीकरण प्रगति प्रति माह 6 लाख+ पृष्ठ संरक्षित, प्रतिदिन लाखों पृष्ठ डिजिटाइज़ किए जा रहे
विमोचित पुस्तक थंब प्रिंटेड: चंपारण, नील किसानों की गांधी से गवाही वॉल्यूम III’
राष्ट्रीय अभिलेखागार का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य 1891 में कोलकाता में स्थापना, 1911 में दिल्ली स्थानांतरित, 1926 में भवन पूरा, 1937 में पूर्ण स्थानांतरण
कुल अभिलेखीय संग्रह 34 करोड़ से अधिक पृष्ठों का भंडार
भाषाई विविधता संस्कृत, फारसी, उड़िया और अन्य भाषाओं में अभिलेख उपलब्ध
राष्ट्रीय अभिलेखागार की भूमिका ऐतिहासिक अभिलेखों का संरक्षण, लोक अभिलेख अधिनियम का कार्यान्वयन, सार्वजनिक सहभागिता को बढ़ावा देना

RBI और NCFE ने वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केंद्र (NCFE) ने पूरे देश में वित्तीय साक्षरता अभियानों की शुरुआत की है। ये पहल राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा रणनीति (NSFE) के तहत लागू की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य विभिन्न वर्गों को आवश्यक वित्तीय ज्ञान और कौशल से सशक्त बनाना है। विशेष रूप से, युवाओं (18 वर्ष से कम) और वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को लक्षित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

  • वित्तीय साक्षरता केंद्र (FLC) पहल – प्रमुख बैंकों को वित्तीय साक्षरता केंद्र (FLC) स्थापित करने के निर्देश।
  • ‘RBI कहता है’ अभियान – बहुभाषी मीडिया अभियान, जो टीवी, रेडियो, प्रिंट और डिजिटल माध्यमों से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देता है।
  • जनसंचार वित्तीय जागरूकता अभियान – डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा, धोखाधड़ी से बचाव, और शिकायत निवारण पर केंद्रित।
  • वित्तीय जागरूकता संदेश (FAME) पुस्तिका – RBI द्वारा विभिन्न आयु समूहों के लिए मानकीकृत वित्तीय शिक्षा सामग्री।
  • NCFE और CFL के वित्तीय शिक्षा कार्यक्रम – युवा और वरिष्ठ नागरिकों के लिए नियमित कार्यक्रम।
  • NCFE की राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा रणनीति (NSFE) – वित्तीय प्रबंधन कौशल, दृष्टिकोण, और व्यवहार विकसित करने हेतु पहल।
  • पूर्वोत्तर भारत में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम – पिछले तीन वर्षों में 54 वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित।
  • पैन-इंडिया वित्तीय साक्षरता और समावेशन सर्वेक्षण (2017) – वित्तीय ज्ञान, दृष्टिकोण, और व्यवहार के आधार पर विश्लेषण।
  • सरकार की वित्तीय समावेशन प्रतिबद्धता – वित्त मंत्रालय, RBI और NCFE के सहयोग से देशभर में वित्तीय जागरूकता सुनिश्चित कर रहा है।

उद्देश्य:

  • वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देना
  • डिजिटल बैंकिंग और लेन-देन में सुरक्षा सुनिश्चित करना
  • वित्तीय धोखाधड़ी से नागरिकों की सुरक्षा
  • आर्थिक समावेशन को सुदृढ़ बनाना
पहल विवरण
क्यों चर्चा में? RBI और NCFE ने वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किए
पहल का नाम राष्ट्रीय वित्तीय साक्षरता अभियान
संबंधित संगठन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केंद्र (NCFE)
उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना और वित्तीय समावेशन को सुदृढ़ करना
प्रमुख कार्यक्रम वित्तीय साक्षरता केंद्र (FLCs), ‘RBI कहता है’ अभियान, वित्तीय जागरूकता संदेश (FAME), जनसंचार अभियान
विशेष लक्षित समूह युवा (18 वर्ष से कम) और वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक)
पूर्वोत्तर भारत में कार्यक्रम पिछले तीन वर्षों में 54 वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित
सर्वेक्षण किया गया पैन-इंडिया वित्तीय साक्षरता और समावेशन सर्वेक्षण (2017)
सर्वेक्षण कवरेज 29 राज्य और 5 केंद्रशासित प्रदेश (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर)
सर्वेक्षण पद्धति OECD/INFE टूलकिट – वित्तीय ज्ञान, दृष्टिकोण और व्यवहार का मूल्यांकन

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