इंडिया पोस्ट ने केरल का पहला Gen-Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन लॉन्च किया

युवा भारत के डाक सेवाओं के अनुभव को नए सिरे से गढ़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, इंडिया पोस्ट ने केरल के कोट्टायम स्थित सीएमएस कॉलेज में राज्य का पहला Gen-Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर शुरू किया है। 9 दिसंबर 2025 को उद्घाटित यह सुविधा पारंपरिक डाक सेवाओं को अधिक आकर्षक, सुलभ और आज के छात्रों की जीवनशैली के अनुरूप बनाने की एक साहसिक और अभिनव कोशिश है। इस एक्सटेंशन काउंटर का उद्घाटन केरल सेंट्रल रीजन के निदेशक डाक सेवाएँ श्री एन.आर. गिरि द्वारा किया गया, जो परिसरों और समुदायों में इंडिया पोस्ट के डिजिटल-फ्रेंडली और युवा-केंद्रित परिवर्तन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

परिप्रेक्ष्य और पृष्ठभूमि

इंडिया पोस्ट, दुनिया के सबसे पुराने और विशाल डाक नेटवर्कों में से एक, डिजिटल संचार के युग में प्रासंगिक बने रहने के लिए लगातार आधुनिकीकरण की रणनीतियाँ अपना रहा है। जेन-ज़ी थीम वाले पोस्टल काउंटरों की शुरुआत इसकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य परंपरा और नवाचार के बीच सेतु बनाना है, ताकि आवश्यक सेवाएँ नई पीढ़ी के लिए आकर्षक और सुविधाजनक बनी रहें। “लेण्ड ऑफ़ लेटर्स” के नाम से प्रसिद्ध और भारत की सबसे पुरानी शैक्षणिक संस्थाओं में से एक सीएमएस कॉलेज इस पहल के लिए आदर्श स्थान बना, जहाँ परंपरा और युवाओं की रचनात्मकता का सुंदर मेल संभव हुआ। नया एक्सटेंशन काउंटर “छात्रों का, छात्रों द्वारा, छात्रों के लिए” की अवधारणा पर आधारित है।

एक जेन-ज़ी स्पेस: जहाँ मेल मिलता है आधुनिकता से

नव उद्घाटित यह काउंटर पारंपरिक डाक सेवा केंद्र जैसा नहीं है। बल्कि यह एक वर्क-कैफ़े, हरित विश्राम स्थल, क्रिएटिव हब और सामुदायिक कोना — इन सभी का अनोखा मिश्रण प्रस्तुत करता है।

मुख्य विशेषताएँ

  • प्रकृति-थीम वाला बैठने का क्षेत्र: पिकनिक-टेबल शैली की सीटिंग, वर्टिकल गार्डन एलिमेंट्स और पुनर्नवीनीकृत टायरों से बने फ़र्नीचर एक पर्यावरण-अनुकूल और सुकून देने वाला माहौल तैयार करते हैं।

  • वर्क-फ्रेंडली लेज व चार्जिंग पोर्ट्स: छात्र लैपटॉप और मोबाइल चार्ज करते हुए पढ़ाई भी कर सकते हैं और साथ में डाक सेवाओं का उपयोग भी कर सकते हैं।

  • मनोरंजन व विश्राम कोना: एक मिनी-लाइब्रेरी, बोर्ड गेम्स और इनडोर रीडिंग नुक छात्रों को कक्षाओं के बीच एक ताज़गीभरा विराम प्रदान करते हैं।

  • पूर्ण सुसज्जित MPCM काउंटर: इसमें पैकेजिंग सामग्री, आवश्यक बुकिंग सेवाएँ तथा MyStamp प्रिंटर शामिल है, जिससे व्यक्तिगत डाक टिकट बनाए जा सकते हैं।

  • छात्रों द्वारा बनाई गई कलाकृतियाँ: दीवारों पर इंडिया पोस्ट, सीएमएस कॉलेज की विरासत, केरल की संस्कृति और प्रकृति-थीम वाली रंगीन आर्टवर्क सजी हुई हैं।

इस पहल का महत्व

  1. युवा-केंद्रित सार्वजनिक सेवा नवाचार: यह दर्शाता है कि सरकारी सेवाएँ अब आधुनिक, इंटरैक्टिव और समुदाय आधारित रूप में भी प्रदान की जा सकती हैं।

  2. सस्टेनेबिलिटी और डिज़ाइन थिंकिंग: पुनर्चक्रित सामग्री और हरित डिज़ाइन के माध्यम से यह काउंटर छात्रों को व्यावहारिक स्थिरता का पाठ सिखाता है।

  3. कैम्पस पोस्टल सेवाओं का नया मॉडल: यह सेवा-प्रदाय को सीखने, रचनात्मकता और सहयोग के साथ जोड़ता है—और भविष्य के कैंपस पोस्टल काउंटरों के लिए एक मिसाल स्थापित करता है।

  4. इंडिया पोस्ट की आधुनिक पहचान को सुदृढ़ करना: लाइफ़स्टाइल-फ्रेंडली ब्रांडिंग के माध्यम से इंडिया पोस्ट जेन-ज़ी उपयोगकर्ताओं के करीब आता है, जो सुविधा और सौंदर्यपूर्ण स्थानों को महत्व देते हैं।

MPCM काउंटर क्या होता है?

MPCM (मल्टी-परपज़ काउंटर मशीन) एक कंप्यूटर-सक्षम डाक काउंटर है, जहाँ एक ही स्थान पर कई प्रकार की डाक और वित्तीय सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • स्पीड पोस्ट और पार्सल बुकिंग

  • डाक स्टेशनरी की उपलब्धता

  • फिलैटेलिक सेवाएँ (जिसमें MyStamp प्रिंटिंग भी शामिल है)

  • बिल भुगतान और बचत बैंक से संबंधित लेनदेन

MPCM काउंटर इंडिया पोस्ट को तेज़, डिजिटल-आधारित और त्रुटि-रहित सेवाएँ प्रदान करने में मदद करते हैं, खासकर उन स्थानों पर जहाँ ग्राहक-केंद्रित सुविधा दी जाती है।

मुख्य बिंदु 

  • 9 दिसंबर 2025 को इंडिया पोस्ट ने केरल का पहला Gen-Z पोस्ट ऑफिस एक्सटेंशन काउंटर सीएमएस कॉलेज, कोट्टायम में शुरू किया।

  • पहल की अवधारणा: “छात्रों का, छात्रों द्वारा, छात्रों के लिए।”

  • प्रमुख विशेषताएँ: प्रकृति-थीम वाला बैठने का क्षेत्र, वर्टिकल गार्डन, चार्जिंग-फ्रेंडली वर्क लेज, बुकशेल्फ़ व बोर्ड गेम्स, और MyStamp-सक्षम MPCM काउंटर

  • यह स्थान एक साथ वर्क कैफ़े, क्रिएटिव ज़ोन, सामुदायिक हब और आधुनिक डाक सेवा केंद्र के रूप में कार्य करता है।

अदाणी ग्रुप एनर्जी ट्रांजिशन क्षेत्र में 75 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करेगा

भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य को मजबूत करते हुए अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने घोषणा की है कि समूह अगले पाँच वर्षों में ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition) क्षेत्र में 75 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करेगा। IIT (ISM) धनबाद के 100वें वर्ष समारोह के दौरान अदाणी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ता परिवर्तन भविष्य के सबसे बड़े उद्योगों में से एक बनने वाला है और भारत को इस परिवर्तन का नेतृत्व अवश्य करना चाहिए।

संदर्भ: भारत का ऊर्जा संक्रमण और अदाणी समूह की भूमिका

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता है, लेकिन प्रति व्यक्ति खपत अभी भी कम है — लगभग 1,400 kWh प्रति वर्ष। जैसे-जैसे भारत अपनी औद्योगिक क्षमता बढ़ा रहा है, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ेगी।

भारत ने दो सदियों के औद्योगिक विकास के बावजूद वैश्विक संचयी उत्सर्जन में केवल 4% का योगदान दिया है। इसलिए भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव को विकास का बड़ा अवसर मानता है, जिसमें भारी कार्बन उत्सर्जन से बचते हुए प्रगति की जा सके।

अदाणी समूह — जो पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों में शामिल है — इस परिवर्तन को गति देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

75 अरब डॉलर के निवेश की योजना

गौतम अडाणी ने बताया कि समूह आने वाले वर्षों में विभिन्न हरित (Green) क्षेत्रों में 75+ अरब डॉलर का निवेश करेगा:

1. ग्रीन हाइड्रोजन

उद्देश्य—दुनिया के सबसे किफायती ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादकों में शामिल होना, जिसका उपयोगः

  • उर्वरक उद्योग

  • मोबिलिटी

  • भारी उद्योग

  • ग्रीन स्टील उत्पादन
    में किया जाएगा।

2. नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विस्तार

निवेश किया जाएगाः

  • बड़े सोलर और विंड पार्क

  • ग्रिड अवसंरचना

  • बैटरी ऊर्जा भंडारण

  • ट्रांसमिशन नेटवर्क
    में नए स्तर पर विस्तार के लिए।

3. ग्रीन स्टील निर्माण

ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित स्टील उत्पादन भारत को कम उत्सर्जन वाले वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की श्रेणी में खड़ा करेगा।

4. ऊर्जा क्षेत्र में डिजिटल और उभरती तकनीकें

AI-आधारित सिस्टम, ऊर्जा पूर्वानुमान, और उन्नत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म बिजली उत्पादन और वितरण में गहराई से एकीकृत किए जाएंगे।

खवड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क: वैश्विक मानक

अदाणी की स्वच्छ ऊर्जा दृष्टि का केंद्र गुजरात का खवड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट बताया गया है।

मुख्य तथ्य:

  • क्षेत्रफल: 520 वर्ग किलोमीटर

  • क्षमता: 2030 तक 30 GW ऊर्जा उत्पादन

  • प्रभाव: 6 करोड़ से अधिक भारतीय घरों को बिजली देने की क्षमता

यह पार्क बड़े पैमाने पर सौर और पवन ऊर्जा को जोड़कर दुनिया की सबसे कम लागत वाली हरित ऊर्जा (Green Electron) प्रदान करेगा।

IIT (ISM) धनबाद के लिए घोषित पहलें

1. अदाणी वार्षिक इंटर्नशिप

  • हर वर्ष 50 भुगतान वाली इंटर्नशिप तीसरे वर्ष के छात्रों के लिए

  • 25% इंटर्न को प्री-प्लेसमेंट ऑफर की गारंटी

2. अदाणी 3S माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर

TEXMiN के साथ साझेदारी में विकसित, जिसमें शामिल होंगेः

  • मेटावर्स लैब

  • ड्रोन-आधारित निगरानी

  • सिस्मिक सेंसिंग सिस्टम

  • प्रिसिजन ब्लास्टिंग तकनीकें

यह पहल जिम्मेदार और तकनीक-आधारित खनन को बढ़ावा देती है और उद्योग-अकादमिक सहयोग को मजबूत करती है।

मुख्य बिंदु 

  • अदाणी समूह अगले 5 वर्षों में 75 अरब डॉलर से अधिक का निवेश ऊर्जा संक्रमण में करेगा।

  • प्रमुख क्षेत्र: ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन स्टील, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल ऊर्जा प्रणालियाँ

  • गुजरात का खवड़ा नवीकरणीय ऊर्जा पार्क दुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा, जो 2030 तक 30 GW ऊर्जा उत्पन्न करेगा।

  • भारत दुनिया की सबसे सस्ती हरित ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है।

  • ऐतिहासिक रूप से भारत का वैश्विक उत्सर्जन में योगदान केवल 4% रहा है।

  • IIT (ISM) धनबाद में छात्रों के लिए इंटर्नशिप और माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर की घोषणा की गई।

अदाणी समूह तेलंगाना में 2500 करोड़ रुपये के निवेश से डेटा सेंटर स्थापित करेगा

भारत की डिजिटल अवसंरचना को मजबूत करने की रणनीतिक पहल के तहत अदाणी समूह ने तेलंगाना में 48-मेगावॉट का हरित डेटा सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। यह अत्याधुनिक सुविधा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा संचालित होगी और देश में तेजी से बढ़ती क्लाउड सेवाओं, हाई-परफ़ॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) और डेटा स्टोरेज समाधान की मांग को पूरा करने पर केंद्रित होगी।

यह घोषणा अदाणी पोर्ट्स एवं एसईज़ेड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट 2025 के दौरान की। यह नया डेटा सेंटर तकनीकी क्षेत्र में समूह की बड़ी बढ़त का संकेत देता है और भारत की अवसंरचना एवं डिजिटल अर्थव्यवस्था में अदाणी समूह की बढ़ती उपस्थिति को और मजबूत करता है।

परियोजना का अवलोकन

प्रस्तावित AI-सक्षम डेटा सेंटर भारत के सबसे बड़े केंद्रों में से एक बनने जा रहा है, जिसे सस्टेनेबिलिटी और ऊर्जा दक्षता को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।

मुख्य परियोजना विवरण:

  • स्थान: तेलंगाना

  • क्षमता: 48 मेगावॉट

  • निवेश: ₹2,500 करोड़

  • प्रौद्योगिकी: AI और क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म द्वारा संचालित

  • उद्देश्य: भारत में बढ़ती AI, HPC और डेटा स्टोरेज की मांग को पूरा करना

यह सुविधा उन उद्यमों, सरकारी संस्थाओं और टेक कंपनियों को सेवाएँ प्रदान करेगी जिन्हें स्केलेबल डेटा समाधान की जरूरत है। यह भारत को डिजिटल रूप से सक्षम अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

तेलंगाना और भारत के लिए रणनीतिक महत्व

भारत की डिजिटल अवसंरचना को सशक्त बनाना

भारत तेजी से डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है—AI, 5G, फिनटेक, ई-गवर्नेंस और क्लाउड सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज और रियल-टाइम एनालिटिक्स की मांग में भारी वृद्धि हो रही है। यह परियोजना उन्नत कंप्यूटिंग क्षमताओं की इसी आवश्यकता को पूरा करती है।

तेलंगाना के टेक इकोसिस्टम को बढ़ावा

तेलंगाना, विशेषकर हैदराबाद, प्रौद्योगिकी और नवाचार का केंद्र बनकर उभरा है। यह नया डेटा सेंटर राज्य को डेटा और डिजिटल अवसंरचना हब के रूप में और मजबूत करता है, जिससे IT और स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी लाभ मिलेगा।

रोज़गार सृजन और आर्थिक प्रभाव

  • अदाणी समूह ने पिछले तीन वर्षों में तेलंगाना में ₹10,000 करोड़ का निवेश किया है—सड़कों, लॉजिस्टिक्स, अवसंरचना और विनिर्माण क्षेत्रों में।

  • इन परियोजनाओं से 7,000 से अधिक नौकरियाँ सृजित हुई हैं।

  • नया डेटा सेंटर इंजीनियरिंग, IT, पावर मैनेजमेंट, और फ़ैसिलिटी संचालन में और रोजगार पैदा करेगा।

स्थैतिक जानकारी: ग्रीन डेटा सेंटर क्या है?

ग्रीन डेटा सेंटर वह सुविधा है जिसे ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम रखने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें शामिल हैं:

  • नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग

  • अनुकूलित कूलिंग सिस्टम

  • AI आधारित रिसोर्स मैनेजमेंट

  • उच्च दक्षता वाला हार्डवेयर

बढ़ती ऊर्जा जरूरतों और पर्यावरण चिंताओं के बीच, ग्रीन डेटा सेंटर वैश्विक स्तर पर टिकाऊ तकनीकी अवसंरचना का मानक बनते जा रहे हैं।

परियोजना का महत्व

  • भारत के AI और डिजिटल इंडिया लक्ष्यों को बढ़ावा मिलेगा

  • आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करेगा—स्थानीय डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज को बढ़ावा

  • साइबर संप्रभुता को सुदृढ़ करेगा, विदेशी डेटा केंद्रों पर निर्भरता कम होगी

  • अदाणी समूह को ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स से आगे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर लीडर के रूप में स्थापित करेगा

  • AI शोध, क्लाउड कंपनियों और फिनटेक संस्थानों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • अदाणी समूह तेलंगाना में ₹2,500 करोड़ से 48-MW AI-संचालित ग्रीन डेटा सेंटर स्थापित करेगा।

  • यह केंद्र भारत की AI, क्लाउड और HPC आवश्यकताओं का समर्थन करेगा।

  • तेलंगाना लगातार बड़े टेक और अवसंरचना निवेश आकर्षित कर रहा है, जिससे यह राष्ट्रीय डिजिटल हब के रूप में उभर रहा है।

  • यह परियोजना अदाणी समूह के तेलंगाना में ₹10,000 करोड़ के व्यापक निवेश का हिस्सा है।

UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल दीपावली

भारत के लिए एक गर्वपूर्ण सांस्कृतिक क्षण में, दीपावली—प्रकाश और आशा का प्रतीक यह प्रतिष्ठित त्योहार—को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची 2025 में औपचारिक रूप से शामिल किया गया है। यह मान्यता भारत और विश्वभर के भारतीय प्रवासी समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले इस त्योहार की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक महत्ता को पुष्टि करती है। यूनेस्को का यह निर्णय भारत की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं को वैश्विक मंच पर अधिक दृश्यता प्रदान करता है और तेजी से बदलती दुनिया में उनकी निरंतर प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।

पृष्ठभूमि: यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची क्या है?

यूनेस्को की यह सूची उन परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से बनाई गई है जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होती हैं। इनमें शामिल हैं—मौखिक परंपराएँ, प्रदर्शन कलाएँ, सामाजिक रीति-रिवाज़ और त्यौहार, अनुष्ठान, प्रकृति एवं ब्रह्मांड संबंधी पारंपरिक ज्ञान, तथा हस्तशिल्प। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखना, जन-जागरूकता बढ़ाना और विभिन्न जीवन-शैलियों के प्रति वैश्विक सम्मान विकसित करना है।

दीपावली के चयन का कारण

दीपावली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक जीवित विरासत है जो अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय के सार्वभौमिक संदेश को प्रसारित करती है। इसके अंतर्गत—विभिन्न क्षेत्रों की पूजा-परंपराएँ, सामुदायिक उत्सव, पारिवारिक जमावड़े, हस्तशिल्प और पारंपरिक भोजन, दीयों का प्रज्ज्वलन तथा सद्भावना और समावेशन जैसे मूल्यों की अभिव्यक्ति—इसे यूनेस्को के मानदंडों के अनुरूप एक जीवंत, समावेशी और समाज-आधारित विरासत बनाते हैं।

यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची 2025

2025 की सूची में कुल 20 सांस्कृतिक तत्व शामिल किए गए, जिनमें दीपावली भी है। प्रमुख प्रविष्टियों में अफगानिस्तान की बेहज़ाद शैली की मिनिएचर कला, कतर और खाड़ी देशों की बिश्त परंपरा, अर्जेंटीना का क्वार्तेतो संगीत, मिस्र का कोशरी व्यंजन, बेल्जियम की कठपुतली परंपरा, और बांग्लादेश की तांगाइल साड़ी बुनाई शामिल हैं।

दीपावली की सूची में सम्मिलित होने का महत्व

दीपावली का शामिल होना भारत की सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करता है। यह इसके सार्वभौमिक संदेश—सद्भाव, नव-आरंभ और सकारात्मकता—को मान्यता देता है। इससे दीपावली से जुड़ी परंपराओं जैसे—रंगोली, दीया-निर्माण, कथावाचन, लोक अनुष्ठान और अन्य पारंपरिक गतिविधियों—को संरक्षण तथा प्रोत्साहन मिलता है। यह भारत को भविष्य में अधिक सांस्कृतिक परंपराएँ सूचीबद्ध कराने में भी मजबूती प्रदान करता है।

स्थिर जानकारी

  • नई भारतीय प्रविष्टि (2025): दीपावली

  • सूची का नाम: यूनेस्को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची

  • उद्देश्य: जीवित सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण

  • भारत की अन्य प्रविष्टियाँ: दुर्गा पूजा, कुंभ मेला, वैदिक chanting, रामलीला, कुटियाट्टम, छऊ नृत्य, कालबेलिया आदि

  • 2025 में बांग्लादेश की नई प्रविष्टि: तांगाइल साड़ी बुनाई

भारत लगातार तीसरी बार स्क्वैश विश्व कप की मेज़बानी करेगा

भारत दुनिया की शीर्ष स्क्वैश प्रतिभाओं का स्वागत करने के लिए पूरी तरह तैयार है, क्योंकि वह लगातार तीसरी बार स्क्वैश वर्ल्ड कप की मेजबानी करने जा रहा है। यह टूर्नामेंट 10 से 14 दिसंबर 2025 तक SDAT स्टेडियम, चेन्नई में आयोजित होगा—जो भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को दर्शाता है कि वह स्क्वैश के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। “होम ऑफ इंडियन स्क्वैश” कहलाने वाला चेन्नई अपने विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, मजबूत खेल संस्कृति और SRFI तथा तमिलनाडु की खेल प्राधिकरणों के सतत सहयोग के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

पृष्ठभूमि और संदर्भ

स्क्वैश वर्ल्ड कप एक अंतरराष्ट्रीय मिक्स्ड-टीम टूर्नामेंट है, जिसमें प्रत्येक देश की चार सदस्यीय टीम होती है—दो पुरुष और दो महिला खिलाड़ी। इस टूर्नामेंट में 2023 में लागू की गई एक नई और तेज़ स्कोरिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जिससे मैच अधिक रोमांचक, तीव्र और दर्शकों के अनुकूल बन जाते हैं।

भारत द्वारा तीसरी बार मेजबानी किया जाना यह दर्शाता है कि देश में स्क्वैश की लोकप्रियता बढ़ रही है, रैकेट खेलों को मजबूत प्रशासनिक समर्थन मिल रहा है और चेन्नई के पास शानदार आयोजन क्षमता के साथ उच्च स्तरीय सुविधाएँ मौजूद हैं। यह आयोजन भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह आने वाले अंतरराष्ट्रीय खेल चक्रों से पहले स्क्वैश की दृश्यता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है।

भाग लेने वाले देश और टूर्नामेंट फॉर्मेट

इस बार कुल 12 देश इसमें भाग लेंगे, जिनमें प्रमुख हैं:
भारत (मेजबान)
मिस्र (डिफेंडिंग चैंपियन)
मलेशिया (2023 उपविजेता)

प्रत्येक टीम में दो पुरुष और दो महिला खिलाड़ी शामिल होंगे। मैचों में तेज़-गति वाले पहले 7 अंक वाले गेम खेले जाएंगे, और 6–6 पर सडन डेथ (sudden death) लागू होगी, जिससे हर मुकाबला रोमांचक और अप्रत्याशित बन जाता है।

इतिहास और पूर्व प्रदर्शन

2023 चैंपियन: मिस्र ने फाइनल में मलेशिया को हराया
भारत का प्रदर्शन (2023): तीसरा स्थान — अब तक का सर्वोत्तम
सबसे सफल टीम: मिस्र — दो खिताबों के साथ
पहला स्क्वाश वर्ल्ड कप: 1996, मलेशिया — विजेता ऑस्ट्रेलिया

ये ऐतिहासिक तथ्य 2025 संस्करण को और महत्वपूर्ण बनाते हैं, क्योंकि भारत इस बार बेहतर प्रदर्शन कर शीर्ष टीमों को चुनौती देने की कोशिश करेगा।

स्थैतिक तथ्य (Static Facts)

इवेंट: स्क्वैश वर्ल्ड कप 2025
मेजबान: भारत (लगातार तीसरी बार)
स्थान: SDAT स्टेडियम, चेन्नई
तारीखें: 10–14 दिसंबर 2025
टीमें: 12
फॉर्मेट: 7-पॉइंट गेम, 6–6 पर सडन डेथ
भारत की 2023 रैंकिंग: तीसरा स्थान

बॉलीवुड स्टार रवीना टंडन ने PETA इंडिया का टॉप सालाना अवॉर्ड जीता

बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन को PETA इंडिया की ‘पर्सन ऑफ़ द ईयर 2025’ का सम्मान मिला है। यह सम्मान उनके लंबे समय से चले आ रहे पशु अधिकारों के प्रति समर्पण, मानवीय शिक्षा (ह्यूमेन एजुकेशन) के समर्थन, वन्यजीव सुरक्षा के लिए किए गए प्रयासों और सभी जीवों के प्रति करुणा को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है। विभिन्न अभियानों, व्यक्तिगत पहलों और जन-जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से रवीना टंडन भारत में पशु कल्याण की एक प्रमुख आवाज़ बनकर उभरी हैं।

PETA और PETA इंडिया के बारे में

  • जानवरों के नैतिक उपचार के लिए लोग (PETA)
  • स्थापना: 1980

  • संस्थापक: इंग्रिड न्यूकर्क और एलेक्स पाचेको

  • मुख्यालय: नॉरफॉक, वर्जीनिया, यूएसए

  • मोटो: “जानवर हमारे नहीं हैं कि हम उनका उपयोग प्रयोगों, भोजन, पहनावे, मनोरंजन या किसी भी प्रकार के दुरुपयोग के लिए करें।”

मुख्य कार्यक्षेत्र:

  • पशु अधिकार और कल्याण

  • पशु परीक्षण (एनिमल टेस्टिंग) के खिलाफ अभियान

  • मनोरंजन, कपड़ा और खाद्य उद्योगों में जानवरों के उपयोग को समाप्त करने की पहल

  • वीगन/प्लांट-बेस्ड जीवनशैली को बढ़ावा देना

रवीना टंडन को यह सम्मान क्यों मिला

  • पूरी तरह मीट-फ़्री जीवनशैली अपनाने के लिए

  • पालतू एवं वन्य दोनों प्रकार के पशुओं के लिए लगातार सक्रियता दिखाने के लिए

  • जागरूकता अभियानों और शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से पशुओं के प्रति सहानुभूति (एम्पैथी) को बढ़ावा देने के लिए

वन्यजीव संरक्षण में उनका योगदान

  • अपनी बेटी के साथ मिलकर कर्नाटक के एक जैन मंदिर को जीवित हाथियों के उपयोग से बचाने के लिए एक जीवन-आकार का मैकेनिकल हाथी दान किया।

  • विकास परियोजनाओं से प्रभावित हो रहे वन्य आवासों की रक्षा के लिए सरकारी हस्तक्षेप की मांग कर वन्यजीव संरक्षण का समर्थन किया।

  • ग्रामीणों द्वारा एक तेंदुए की हत्या जैसी पशु हिंसा की घटनाओं पर आवाज़ उठाई और कड़े कदम उठाने की मांग की।

मानवीय शिक्षा (Humane Education) के लिए वकालत

  • रवीना टंडन PETA इंडिया के ‘कम्पैशनेट सिटिज़न’ कार्यक्रम का समर्थन करती हैं, जिसका उद्देश्य स्कूल-आयु के बच्चों में जानवरों के प्रति सहानुभूति और करुणा विकसित करना है।

  • वे शैक्षिक संस्थानों में पशु कल्याण जागरूकता को शामिल करने के लिए काम करती हैं, ताकि बच्चे छोटी उम्र से ही अन्य प्रजातियों के प्रति संवेदनशीलता सीख सकें।

बेघर और सामुदायिक जानवरों के लिए कार्य

  • उन्होंने कई जानवरों — कुत्ते, बिल्ली आदि — को गोद लिया है और मुंबई की व्यस्त सड़क से एक बिलौटी (किटन) को स्वयं बचाया था।

  • वे ऐसे अभियानों में शामिल रही हैं जो ब्रीडर्स से पालतू जानवर खरीदने को हतोत्साहित करते हैं और बेघर जानवरों को अपनाने (adoption) के लिए प्रेरित करते हैं।

नैतिक और क्रूरता-मुक्त विकल्पों को बढ़ावा

  • उन्होंने चमड़े (leather) और एक्ज़ॉटिक स्किन्स का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों में होने वाली क्रूरता को उजागर किया।

  • प्लांट-बेस्ड भोजन की आदतें अपनाने और भारत में प्रमुख फूड चेन से वीगन विकल्प जोड़ने की अपील की।

  • वे अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग सतत (sustainable) और नैतिक जीवनशैली का संदेश फैलाने के लिए करती हैं।

पुरस्कार के पूर्व प्राप्तकर्ता

  • पिछले वर्षों में यह सम्मान आलिया भट्ट, अनुष्का शर्मा, सोनम कपूर अहूजा और दिया मिर्ज़ा जैसे अभिनेताओं को दिया गया है।

  • खेल जगत और लोकसेवा से जुड़े व्यक्तित्व जैसे विराट कोहली और न्यायमूर्ति के. एस. पनिक्कर राधाकृष्णन् को भी यह पुरस्कार मिल चुका है, जो दिखाता है कि PETA इंडिया विभिन्न क्षेत्रों के योगदानकर्ताओं को सम्मानित करता है।

अन्य विजेता श्रेणियाँ 

श्रेणी विजेता टिप्पणी
बेस्ट वीगन प्रोटीन सुपरयू प्रो फ़र्मेंटेड यीस्ट प्रोटीन कोल्ड कॉफ़ी (रणवीर सिंह) हाई-प्रोटीन वीगन पेय
बेस्ट वीगन स्नैक हाई प्रोटीन वेज मोमोज़ (HRX by EatFit & Hello Tempayy) रेडी-टू-ईट वीगन स्नैक
बेस्ट वीगन मिल्क कंट्री डिलाइट ओट बेवरेज प्लांट-बेस्ड दूध विकल्प
बेस्ट वीगन बटर न्यूट्रालाइट एक्टिव ऑलिव प्लांट-बेस्ड बटररी स्प्रेड वीगन बटर
बेस्ट वीगन मीट ग्रीनमीट चिली रोस्ट – रेडी टू ईट प्लांट-बेस्ड मीट विकल्प
बेस्ट वीगन चीज़ माना यंग परमेसन विद क्रैक्ड पेपरकॉर्न वीगन चीज़
बेस्ट वीगन आइसक्रीम 1.5 डिग्री द ओरिजिनल जेलाटो बिस्कॉफ डेयरी-फ्री आइसक्रीम
बेस्ट वीगन क्रीमर वीगन डे ओट मिल्क बेस नॉन-डेयरी कॉफ़ी क्रीमर
बेस्ट वीगन स्वीट जीरो गिल्ट बाय अर्चना – वीगन ऑरेंज गनाश बर्फ़ी वीगन मिठाई विकल्प
बेस्ट वीगन चॉकलेट अनुस्ट्टमा बेला थराई प्लांट-बेस्ड चॉकलेट
बेस्ट वीगन दही व्हाइट क्यूब पीनट कर्ड प्लांट-बेस्ड दही
बेस्ट वीगन हनी द वाइल्ड हार्वेस्ट महुआ सिरप प्लांट-बेस्ड शहद विकल्प

Delhi की सुरक्षा के लिए स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम होगा तैनात

भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) को शत्रु के हवाई खतरों से सुरक्षित करने के लिए स्वदेशी इंटीग्रेटेड एयर डिफेन्स वेपन सिस्टम (IADWS) तैनात करने की तैयारी शुरू कर दी है। मिसाइलों, ड्रोन और तेज़ गति वाले विमान जैसे आधुनिक हवाई खतरों के तेजी से विकसित होते स्वरूप को देखते हुए यह कदम आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं की दिशा में बड़ी प्रगति माना जा रहा है।

IADWS में क्या शामिल है?

प्रस्तावित IADWS एक मल्टी-लेयर्ड (बहु-स्तरीय) एयर डिफेन्स नेटवर्क है, जिसमें कई स्वदेशी प्रणालियों को एकीकृत किया गया है। इसके प्रमुख घटक हैं—

  • क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) – उच्च गतिशीलता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता के साथ हवाई खतरों को मार गिराने में सक्षम

  • वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेन्स सिस्टम्स (VSHORADS) – ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों जैसे लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए विकसित

  • नेटवर्किंग एवं कमांड-एंड-कंट्रोल अवसंरचना – सभी सेंसर, मिसाइल और प्रतिक्रिया इकाइयों को एक समन्वित ऑपरेशनल ग्रिड में जोड़ने के लिए

यह संयोजन कम एवं अत्यंत कम दूरी के हवाई खतरों के खिलाफ तेज़, परत-दर-परत सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

रणनीतिक संदर्भ: ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख

रक्षा मंत्रालय का यह कदम उच्च सुरक्षा संवेदनशीलता के माहौल में लिया गया है। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारत को निशाना बनाने के प्रयास के बाद सरकार ने राजधानी क्षेत्र की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के उपायों को तेज़ किया। स्वदेशी IADWS की तैनाती न केवल सामरिक दृष्टि से आवश्यक है बल्कि यह भारत की तकनीकी क्षमता और रक्षा तैयारी का सशक्त प्रतीक भी है।

NASAMS-II खरीद योजना से बदलाव

यह कदम भारत की नीति में एक बड़ा परिवर्तन भी दर्शाता है।
पहले, अमेरिका से NASAMS-II (वॉशिंगटन D.C. की सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाने वाला सिस्टम) खरीदने पर विचार चल रहा था। बातचीत आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन अमेरिका द्वारा मांगी गई अत्यधिक कीमत के कारण यह योजना रोक दी गई।

स्वदेशी विकल्प अपनाने का निर्णय कई कारणों से महत्वपूर्ण है—

  • लागत में बचत

  • रक्षा खरीद में आत्मनिर्भरता

  • घरेलू रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन

  • आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • भारत दिल्ली-NCR को मिसाइल, ड्रोन और विमानों से बचाने के लिए स्वदेशी IADWS तैनात करेगा।

  • इसमें QRSAM, VSHORADS और उन्नत कमांड-एंड-कंट्रोल नेटवर्क शामिल होंगे।

  • यह निर्णय ऑपरेशन सिंदूर (मई 2025) के बाद सुरक्षा ज़रूरतों में तेजी के चलते लिया गया।

  • अमेरिका से NASAMS-II खरीदने की योजना अत्यधिक लागत के कारण छोड़ दी गई।

  • सिस्टम का संचालन भारतीय वायुसेना (IAF) करेगी; DRDO और उत्पादन एजेंसियां मिलकर तकनीक एकीकृत करेंगी।

मानवाधिकार दिवस 2025: थीम, इतिहास और महत्व

हर वर्ष 10 दिसंबर को विश्वभर में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, जो 1948 में अपनाई गई मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) की स्मृति में मनाया जाता है। मानवाधिकार दिवस 2025 दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा, स्वतंत्रता और समानता की रक्षा के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को दोहराता है—चाहे वह किसी भी राष्ट्रीयता, वर्ग, लिंग या पहचान का हो। इस दिन सरकारें, नागरिक समाज, शैक्षणिक संस्थान और समुदाय मिलकर विभिन्न अभियानों, चर्चाओं और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, ताकि मौलिक अधिकारों तथा उनसे जुड़ी जिम्मेदारियों के प्रति लोगों की समझ और जागरूकता को और गहरा किया जा सके।

Human Rights Day 2025 की थीम

2025 का थीम “Human Rights, Our Everyday Essentials” इसी बात पर जोर देता है कि ये अधिकार सिर्फ कागजों में नहीं बल्कि हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। यह हमें याद दिलाता है कि इन अधिकारों की सुरक्षा सिर्फ कानूनों से नहीं बल्कि हमारी अच्छाई, सहानुभूति और रोजमर्रा के कर्मों से होती है।

मानवाधिकार दिवस का इतिहास

मानवाधिकार दिवस का एक लंबा वैश्विक इतिहास है, जो दुनिया भर में उत्पीड़न को रोकने और स्वतंत्रताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों से जुड़ा है।

इसकी पृष्ठभूमि में कुछ प्रमुख घटनाएँ शामिल हैं—

  • 1948: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाया, जो संपूर्ण मानव जाति के अधिकारों और स्वतंत्रताओं को परिभाषित करने वाला पहला वैश्विक दस्तावेज़ बना।

  • 1950: संयुक्त राष्ट्र ने 10 दिसंबर को आधिकारिक रूप से मानवाधिकार दिवस घोषित किया और सभी देशों से इस दिन को मनाने तथा जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

तब से, यह दिन न्याय और समानता की दिशा में संवाद, कानूनी सुधार, सांस्कृतिक बदलाव और नागरिक कार्रवाई को आगे बढ़ाने वाला एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।

मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR)

10 दिसंबर 1948 को अपनाया गया UDHR मानव इतिहास के सबसे प्रभावशाली दस्तावेजों में से एक है। यह 30 अनुच्छेदों में उन अधिकारों की परिभाषा करता है, जिनका हर व्यक्ति हकदार है।

मुख्य अधिकारों में शामिल हैं—

  • समानता और भेदभाव से मुक्ति

  • जीवन, स्वतंत्रता और व्यक्तिगत सुरक्षा का अधिकार

  • विचार, विवेक, धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

  • शिक्षा, काम और सम्मानजनक जीवन स्तर का अधिकार

  • शासन में भागीदारी, न्याय तक पहुँच, और उल्लंघनों के लिए उपाय पाने का अधिकार

UDHR ने विश्वभर में कई अंतरराष्ट्रीय संधियों, राष्ट्रीय संविधानों और मानवाधिकार संस्थाओं की नींव रखी।

भारत में मानवाधिकार: संवैधानिक आधार

भारत का संविधान मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए दुनिया के सबसे मजबूत कानूनी ढाँचों में से एक है। इसमें गरिमा, समानता, न्याय और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सिद्धांत विभिन्न प्रावधानों में निहित हैं।

प्रस्तावना

भारत को एक सर्वभौम, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता सुनिश्चित करने का संकल्प व्यक्त करती है। यही मूल्य देश में मानवाधिकार संरक्षण की आधारशिला हैं।

मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12–35)

संविधान नागरिकों को ये अधिकार देता है—

  • कानून के समक्ष समानता

  • भेदभाव का निषेध

  • भाषण, आंदोलन और पेशे की स्वतंत्रता

  • जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा (अनुच्छेद 21)

  • शोषण और मनमानी हिरासत से सुरक्षा

ये अधिकार अदालतों द्वारा लागू किए जा सकते हैं, जिससे ये मानवाधिकार संरक्षण का शक्तिशाली साधन बनते हैं।

राज्य के नीति निर्देशक तत्व (अनुच्छेद 38–51)

राज्य को निर्देश देते हैं कि वह—

  • सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय को बढ़ावा दे

  • समान काम के लिए समान वेतन दे

  • मानवीय कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करे

  • शिक्षा और बाल कल्याण को प्रोत्साहित करे

यद्यपि ये न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं हैं, लेकिन नीतियों और कल्याणकारी कानूनों की दिशा तय करते हैं।

सार्वजनिक वयस्क मताधिकार (अनु. 325–326)

प्रत्येक वयस्क नागरिक को मतदान का अधिकार प्रदान करता है, जिससे राजनीतिक समानता सुनिश्चित होती है।

अल्पसंख्यक संरक्षण (जैसे अनु. 244, 244A)

जनजातीय, भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए संवैधानिक तंत्र उपलब्ध कराता है।

भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)

मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत स्थापित NHRC देश में मानवाधिकारों की निगरानी और संवर्धन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

मुख्य कार्यों में शामिल हैं—

  • मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायतों की जांच

  • कारागारों, निरुद्ध केंद्रों और बाल गृहों की निगरानी

  • अधिकार संरक्षण को मजबूत करने के लिए नीतिगत सुझाव

  • जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम

  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों पर सरकार को सलाह देना

NHRC नागरिकों और राज्य के बीच एक जवाबदेह और सक्रिय सेतु के रूप में कार्य करता है।

मानवाधिकार जागरूकता का महत्व

मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता एक न्यायपूर्ण और समावेशी समाज के निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह—

  • व्यक्तियों को अन्याय, शोषण और भेदभाव से स्वयं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाती है

  • महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों और वंचित समूहों को सशक्त बनाती है

  • सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देती है

  • लोकतंत्र को मजबूत बनाती है

  • नैतिकता और पारस्परिक सम्मान पर आधारित जिम्मेदार नागरिकता को बढ़ाती है

  • न्याय तक पहुँच को आसान बनाती है

मुख्य तथ्य

  • मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है।

  • थीम 2025: Human Rights, Our Everyday Essentials

  • UDHR का अंगीकरण: 1948

  • वैश्विक पहली आधिकारिक मान्यता: 1950

  • UDHR समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा और न्याय सहित कई सार्वभौमिक अधिकार निर्धारित करता है

  • भारतीय संविधान: प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, DPSPs, अल्पसंख्यक संरक्षण और सार्वभौमिक मताधिकार के माध्यम से अधिकारों की रक्षा करता है

  • NHRC भारत में मानवाधिकारों की निगरानी व संवर्धन की प्रमुख संस्था है

माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में 17.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा की

माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बुनियादी ढांचे, कौशल विकास और संप्रभु क्षमताओं के निर्माण में सहयोग के लिए 17.5 अरब डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपए) का बड़ा निवेश करने जा रही है। यह कंपनी का एशिया में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है और 2025 में घोषित 3 अरब डॉलर के निवेश पर आधारित है, जिसका उपयोग 2026 के अंत तक पूरा हो जाएगा। यह घोषणा माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद की गई, जो इस बात की पुष्टि करती है कि भारत AI नवाचार, स्वदेशी समाधान और प्रतिभा विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व पैमाने पर अग्रणी बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत में तेज़ी से बढ़ते एआई बाजार को देखते हुए अन्य बड़ी टेक कंपनियां भी महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं। अमेजन को उम्मीद है कि स्थानीय क्लाउड और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में उसके 12.7 अरब डॉलर के निवेश से 2030 तक देश के 1.5 करोड़ छोटे व्यवसायों को लाभ मिलेगा। अमेजन के इमर्जिंग मार्केट्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने बताया कि कंपनी अगले पांच वर्षों में 40 लाख सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखती है।

माइक्रोसॉफ्ट का भारत में निवेश

माइक्रोसॉफ्ट का यह निवेश भारत सरकार के उस विज़न के अनुरूप है, जिसमें AI को समावेशी विकास, डिजिटल क्षमताओं के विस्तार और डेटा संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण माना गया है। कंपनी का फोकस तीन प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है।

1. हाइपरस्केल AI इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण

निवेश का बड़ा हिस्सा भारत की क्लाउड और AI कंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाने में लगाया जाएगा। इसका प्रमुख केंद्र है इंडिया साउथ सेंट्रल क्लाउड रीजन (हैदराबाद), जो बनेगा—

  • भारत में माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बड़ा हाइपरस्केल डाटा सेंटर रीजन

  • मध्य 2026 तक संचालन शुरू

  • तीन अवेलेबिलिटी ज़ोन, जिनका आकार मिलकर दो ईडन गार्डन्स स्टेडियम जितना

कंपनी चेन्नई, हैदराबाद और पुणे में मौजूद अपने डाटा सेंटर रीजन को भी मजबूत करेगी, जिससे—

  • AI कार्यभार के लिए कम लेटेंसी

  • एंटरप्राइज़ और स्टार्टअप्स को मिशन-क्रिटिकल सपोर्ट

  • सार्वजनिक क्षेत्र की डिजिटल सेवाओं के लिए बेहतर रेज़िलिएंस

इन सुधारों से भारत वैश्विक AI कंप्यूट हब के रूप में उभर सकेगा और उभरते AI इकोसिस्टम को मजबूत समर्थन मिलेगा।

2. जन-स्तर पर AI का प्रसार

निवेश का एक बड़ा और परिवर्तनकारी हिस्सा है माइक्रोसॉफ्ट का श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के साथ साझेदारी करके दो प्रमुख डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफॉर्मों में AI को जोड़ना—

  • ई-श्रम, जो 18 कल्याणकारी योजनाओं से असंगठित श्रमिकों को जोड़ता है

  • नेशनल करियर सर्विस (NCS), एक प्रमुख रोजगार मंच

Azure OpenAI Service द्वारा संचालित AI एकीकरण से अब प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहे हैं—

  • बहुभाषी पहुंच

  • बुद्धिमान जॉब-मैचिंग एल्गोरिद्म

  • स्किल्स और मांग के रुझानों के लिए प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स

  • स्वचालित रिज़्यूमे निर्माण

  • औपचारिक रोजगार के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन

यह अपग्रेड 310 मिलियन (31 करोड़) असंगठित श्रमिकों को सीधे लाभ देता है—जो दुनिया के सबसे बड़े “AI for Public Good” प्रयासों में से एक है।
ILO के अनुसार, भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2019 में 24% से बढ़कर 2025 में 64% हो चुकी है, जिसमें ई-श्रम का बड़ा योगदान है।

3. 2030 तक 2 करोड़ भारतीयों को स्किलिंग

भारत की AI परिवर्तन यात्रा में मानव पूंजी की भूमिका को समझते हुए, माइक्रोसॉफ्ट ने अपना स्किलिंग लक्ष्य दोगुना किया है—

  • जनवरी 2025 में घोषित 1 करोड़ से बढ़ाकर

  • 2030 तक 2 करोड़ लोगों का प्रशिक्षण

ADVANTA(I)GE India पहल, जिसे Microsoft Elevate लागू करता है—

  • जनवरी 2025 से अब तक 56 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया

  • 1.25 लाख लोगों को नौकरियाँ या उद्यमिता के अवसर मिले

यह कार्यक्रम छात्रों, पेशेवरों, उद्यमियों और वंचित समुदायों को समान अवसर देने पर केंद्रित है।

डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करना

डेटा संप्रभुता को राष्ट्रीय प्राथमिकता मानते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के लिए दो नए संप्रभु क्लाउड समाधान घोषित किए—

● संप्रभु सार्वजनिक क्लाउड 

प्रदान करता है—

  • Sovereign Landing Zones आधारित वास्तुकला

  • अनुपालन नियंत्रण और गवर्नेंस

  • माइक्रोसॉफ्ट के भारत रीजन से ही तैनाती

● संप्रभु निजी क्लाउड 

डिज़ाइन किया गया—

  • कनेक्टेड और डिस्कनेक्टेड दोनों तरह के ऑपरेशन्स के लिए

  • उच्चतम स्तर के नियंत्रण की आवश्यकता वाले उपभोक्ताओं के लिए

  • सैकड़ों नोड स्केल, बाहरी SAN इंटीग्रेशन और NVIDIA GPU सपोर्ट के साथ

इसके साथ, Microsoft 365 Local, जो पूरी तरह संप्रभु निजी क्लाउड पर चलता है, अब भारतीय उद्यमों के लिए उपलब्ध है।

मुख्य बातें (Key Takeaways)

  • माइक्रोसॉफ्ट का एशिया में सबसे बड़ा निवेश: 17.5 अरब USD (2026–2029)

  • 2025 में घोषित 3 अरब USD के निवेश पर आधारित

  • नया इंडिया साउथ सेंट्रल हाइपरस्केल रीजन मिड-2026 में लाइव होगा

  • ई-श्रम और NCS में AI एकीकरण से 31 करोड़ श्रमिकों को लाभ

  • सामाजिक सुरक्षा कवरेज 24% (2019) → 64% (2025)

  • स्किलिंग लक्ष्य दोगुना: 2030 तक 2 करोड़ लोग

  • संप्रभु सार्वजनिक और संप्रभु निजी क्लाउड लॉन्च किए गए

लिथुआनिया में राष्ट्रीय आपातकाल: बेलारूस के गुब्बारों से सुरक्षा जोखिम

रूस समर्थित बेलारूस से लगातार आ रहे मौसम संबंधी गुब्बारों द्वारा एयरस्पेस उल्लंघन के बाद लिथुआनिया की सरकार ने 09 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। पिछले कुछ हफ्तों में ये गुब्बारे देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कई बार बंद करवाने की वजह बने, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।

लिथुआनिया की प्रधानमंत्री इंगा रुगिनिएने ने कहा कि गुब्बारों के जरिए हो रहा यह व्यवधान एक हाइब्रिड अटैक है, जिसका उद्देश्य देश में अस्थिरता फैलाना है। प्रधानमंत्री रुगिनिएने ने कहा हमें सबसे कड़े कदम उठाने होंगे और उन क्षेत्रों की रक्षा करनी होगी जहां यह हमला सबसे ज्यादा असर डाल रहा है। कैबिनेट की इमरजेंसी बैठक के बाद यह घोषणा की गई। लिथुआनिया नाटो का सदस्य है और रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन का मुखर समर्थक भी रहा है।

पृष्ठभूमि: लिथुआनिया और बेलारूस के बीच बढ़ता तनाव

विल्नियस (लिथुआनिया) और मिन्स्क (बेलारूस) के रिश्ते राजनीतिक मतभेदों, प्रवासन तनाव और बेलारूस की रूस के प्रति गहरी निष्ठा के कारण कई वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं।

पिछले कुछ हफ्तों में लिथुआनियाई अधिकारियों ने रिपोर्ट किया कि—

  • कई मौसम संबंधी गुब्बारे लिथुआनिया के हवाई क्षेत्र में प्रवेश कर गए,

  • कुछ गुब्बारों में तस्करी किए गए सिगरेट थे जिन्हें काले बाज़ार में पहुँचाया जाना था,

  • इसकी वजह से लिथुआनिया के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जबरन बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्रियों पर असर पड़ा।

अधिकारियों का मानना है कि इन घटनाओं की आवृत्ति और समय स्पष्ट रूप से जानबूझकर की गई विघटनकारी गतिविधि की ओर इशारा करते हैं, न कि किसी आकस्मिक घटना की ओर।

क्यों गुब्बारों को हाइब्रिड खतरा माना जा रहा है

हाइब्रिड हमले वे होते हैं जिनमें असामान्य तरीकों—जैसे साइबर अटैक, दुष्प्रचार, या गैर-परंपरागत व्यवधान—का उपयोग करके किसी देश को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है।

लिथुआनिया का मानना है कि ये गुब्बारे—

  • नागरिक विमानों की सुरक्षा के लिए खतरा बनते हैं,

  • हवाई अड्डों को महँगी और तात्कालिक बंदी के लिए मजबूर करते हैं,

  • जनता के भरोसे को कमजोर करते हैं,

  • सीमा और सुरक्षा एजेंसियों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं।

सरकार की प्रतिक्रिया और आपातकाल की घोषणा

लिथुआनिया सरकार ने आपातकाल की घोषणा करते हुए स्पष्ट किया कि यह कदम सुरक्षित रखने के लिए उठाया गया है—

  • राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को,

  • नागरिकों की सुरक्षा को,

  • महत्वपूर्ण अवसंरचना को,

  • पर्यावरणीय अखंडता को।

आपातकाल लागू होने से सरकार को यह सक्षम हुआ कि—

  • सुरक्षा बलों की त्वरित तैनाती की जा सके,

  • हवाई क्षेत्र की निगरानी और मजबूत की जा सके,

  • गुब्बारों को रोकने और निष्क्रिय करने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र लागू हो सके,

  • उड्डयन प्राधिकरणों, सीमा सुरक्षा बलों और रक्षा बलों के बीच समन्वय तेज़ी से किया जा सके।

सरकार ने यह भी कहा कि यह कदम निवारक, अस्थायी और बढ़ते जोखिमों के कारण आवश्यक है।

बेलारूस की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय संदर्भ

लिथुआनिया का आरोप है कि बेलारूस—

  • जानबूझकर गुब्बारे छोड़ रहा है,

  • सीमा पार तस्करी को बढ़ावा दे रहा है,

  • शत्रुतापूर्ण और अस्थिरता बढ़ाने वाली रणनीतियों में शामिल है।

बेलारूस इन आरोपों से इनकार करता है, लेकिन उसका पुराना रिकॉर्ड—और रूस का राजनीतिक प्रभाव—लिथुआनिया के संदेह को मजबूत करता है कि यह EU पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने की समन्वित रणनीति का हिस्सा हो सकता है।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • बेलारूस से आने वाले गुब्बारों की लगातार घुसपैठ के कारण लिथुआनिया ने आपातकाल घोषित किया।

  • गुब्बारों में तस्करी की गई सिगरेट थीं और वे बार-बार हवाई क्षेत्र का उल्लंघन कर रहे थे।

  • कई घटनाओं के कारण मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्री प्रभावित हुए।

  • लिथुआनिया इन गुब्बारों को बेलारूस और रूस से जुड़े हाइब्रिड हमले के रूप में देखता है।

  • आपातकाल का उद्देश्य हवाई निगरानी, सुरक्षा समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना है।

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