बैंक ऑफ बड़ौदा को ‘द बैंकर’ द्वारा ‘भारत में सर्वश्रेष्ठ बैंक’ के रूप में मान्यता मिली

बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) को फ़ाइनेंशियल टाइम्स की प्रतिष्ठित प्रकाशन द बैंकर द्वारा आयोजित बैंक ऑफ द ईयर अवॉर्ड्स 2025 – एशिया-पैसिफ़िक में ‘बेस्ट बैंक इन इंडिया’ के सम्मान से नवाज़ा गया है। यह उपलब्धि बैंक के तेज़ी से हुए परिवर्तन, नवोन्मेषी बैंकिंग सेवाओं और भारत की वित्तीय प्रणाली को मज़बूत करने में इसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाती है। सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह ख़बर महत्वपूर्ण है, क्योंकि पुरस्कारों, बैंकिंग सुधारों, वित्तीय समावेशन और प्रमुख संस्थानों से जुड़े प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा को ‘बेस्ट बैंक इन इंडिया’ अवॉर्ड क्यों मिला?

1. फ़िजिटल बैंकिंग मॉडल का विस्तार
बैंक ऑफ बड़ौदा को यह सम्मान उसके सफल फिजिटल (Physical + Digital) बैंकिंग मॉडल के कारण मिला है। इस मॉडल में ग्राहक पा सकते हैं:

  • त्वरित स्टेटमेंट

  • आयकर भुगतान प्रमाणपत्र

  • नामिनी अपडेट की सुविधा

ग्राहक वीडियो कॉल के माध्यम से डिजिटल रूप से बैंक से जुड़ सकते हैं, या ज़रूरत पड़ने पर शाखा में जाकर यूनिवर्सल सर्विस डेस्क पर सहायता ले सकते हैं। यह हाइब्रिड मॉडल बैंक की ग्राहक सेवा को आधुनिक और सुविधाजनक बनाता है।

2. मजबूत ग्राहक सहायता और पहुंच
बैंक ने देशभर में 184 नई शाखाएँ खोलकर अपने नेटवर्क को और मज़बूत किया है, जिससे:

  • स्थानीय व्यापार को बढ़ावा

  • क्रेडिट तक बेहतर पहुंच

  • वित्तीय समावेशन में सुधार

The Banker मैगज़ीन के अनुसार, बैंक का यह विस्तार ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लोगों के लिए बैंकिंग को अधिक सरल और सुलभ बनाता है।

3. छोटे व्यवसायों के लिए Smart OD सुविधा
MSMEs को मज़बूत करने के लिए बैंक ने Smart OD (ओवरड्राफ्ट) सुविधा लॉन्च की। यह छोटे व्यवसायों को त्वरित वर्किंग कैपिटल उपलब्ध कराती है।

डिजिटल वेरिफिकेशन के जरिए तेज़ लोन
BoB अब ग्राहकों को इन आंकड़ों के आधार पर फंडिंग प्रदान करता है:

  • B2B सेल्स डेटा

  • GST रिटर्न

  • करेंट अकाउंट लेनदेन

ऐसे लोन 24 घंटे से भी कम समय में स्वीकृत हो जाते हैं। यह तेज़ और तकनीक-आधारित प्रणाली छोटे व्यवसायों के लिए बड़ी राहत है।

4. खुदरा ग्राहकों के लिए नवोन्मेषी बैंकिंग उत्पाद
बैंक ने लिक्विड फिक्स्ड डिपॉज़िट जैसे उत्पाद पेश किए हैं, जिनमें:

  • FD की ऊंची ब्याज दरें

  • सेविंग अकाउंट जैसी निकासी सुविधा

ग्राहक बिना पूरे FD को तोड़े कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं और शेष राशि पर ब्याज मिलता रहता है। यह सुविधा घर-परिवार और नौकरीपेशा लोगों के लिए बेहद उपयोगी है।

5. राष्ट्र निर्माण और समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता
BoB के MD & CEO, देबदत्ता चंद ने कहा कि बैंक का लक्ष्य है:

  • समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देना

  • वित्तीय पहुंच को मजबूत करना

  • भारत की वैश्विक वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करना

यह भारत के डिजिटल बैंकिंग, क्रेडिट एक्सेस और आर्थिक विकास के राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप है।

भारत के बैंकिंग सेक्टर के लिए इस पुरस्कार का महत्व

भारत की वैश्विक साख बढ़ी
यह सम्मान दर्शाता है कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली डिजिटल नवाचार और ग्राहक-केंद्रित सेवाओं में तेज़ी से प्रगति कर रही है।

निवेशकों और ग्राहकों का भरोसा बढ़ा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली यह पहचान बैंक में विश्वास और विश्वसनीयता को बढ़ाती है।

स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा
ऐसे अवॉर्ड अन्य बैंकों को भी नवाचार, डिजिटल सेवाओं और ग्राहक सुविधा पर ध्यान देने के लिए प्रेरित करते हैं।

भारत में होगी पहली राष्ट्रमंडल खो खो चैंपियनशिप

भारत 9 मार्च से 14 मार्च 2026 तक पहली बार कॉमनवेल्थ खो-खो चैम्पियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है। कॉमनवेल्थ के 24 से अधिक देशों के इसमें भाग लेने की उम्मीद है, जो पारंपरिक भारतीय खेल खो-खो के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स से मंजूरी

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स ने आधिकारिक रूप से भारत को 2026 खो-खो चैम्पियनशिप की मेजबानी की मंजूरी दे दी है। यह फैसला इस खेल के प्रति बढ़ती वैश्विक रुचि और भारत की खेल विरासत की पहचान को दर्शाता है।

वैश्विक भागीदारी

एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ओशिनिया और अमेरिका सहित कॉमनवेल्थ के 24 से अधिक देश इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेंगे। कॉमनवेल्थ 56 स्वतंत्र देशों का संगठन है, जिसकी जनसंख्या लगभग 2.7 अरब है—जिससे यह आयोजन वास्तव में अंतरराष्ट्रीय बन जाता है।

खो-खो वर्ल्ड कप के बाद अगला बड़ा आयोजन

इस वर्ष नई दिल्ली में आयोजित पहले खो-खो वर्ल्ड कप के बाद यह चैम्पियनशिप खो-खो का अगला प्रमुख वैश्विक कार्यक्रम मानी जा रही है। वर्ल्ड कप में 23 देशों ने हिस्सा लिया था, जिसमें 20 पुरुष और 19 महिला टीमें शामिल थीं।

2026 चैम्पियनशिप में भी 16 पुरुष टीमों और 16 महिला टीमों के एक साथ मुकाबले होंगे।

स्थान और भविष्य की योजनाएँ

खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया कई राज्यों से बातचीत कर रहा है ताकि आयोजन स्थल को अंतिम रूप दिया जा सके। उम्मीद है कि अहमदाबाद—जो 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी करेगा—इस आयोजन से लाभान्वित होगा।

फेडरेशन के महासचिव उपकार सिंह विर्क के अनुसार, यह चैम्पियनशिप खो-खो को भविष्य के अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में शामिल कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है, जैसे:

  • दोहा एशियाई खेल 2030

  • कॉमनवेल्थ गेम्स 2030

  • ब्रिस्बेन ओलंपिक 2032

भारतीय पारंपरिक खेलों को बढ़ावा

यह अंतरराष्ट्रीय आयोजन भारतीय पारंपरिक खेलों की लोकप्रियता को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही, यह भारत के युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा और खो-खो के अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिए नए अवसर खोलेगा।

राष्ट्रपति ने 2023 और 2024 के लिए शिल्प गुरु और राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में वर्ष 2023 और 2024 के लिए शिल्प गुरु पुरस्कार और राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए। ये सम्मान राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह 2025 का हिस्सा थे, जिसका आयोजन 8 से 14 दिसंबर तक वस्त्र मंत्रालय द्वारा किया गया था। समारोह में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा भी उपस्थित रहे।

ये पुरस्कार क्या हैं?

राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार: वर्ष 1965 में शुरू किए गए ये पुरस्कार कुशल शिल्पकारों को उनकी कलात्मक प्रतिभा और भारत की सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित करते हैं।

शिल्प गुरु पुरस्कार: वर्ष 2002 में शुरू किए गए ये पुरस्कार भारत के हस्तशिल्प क्षेत्र में उत्कृष्ट महारत रखने वाले शिल्प गुरुओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है।

वर्ष 2023–24 के लिए कुल 48 पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें 12 शिल्प गुरु पुरस्कार, 36 राष्ट्रीय पुरस्कार, और 2 विशेष डिज़ाइन एवं नवाचार पुरस्कार शामिल थे, जो कारीगर–डिज़ाइनर सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं।

हस्तशिल्प में महिला सशक्तिकरण

पुरस्कार पाने वालों में 20 महिलाएँ शामिल थीं, जो इस क्षेत्र में महिलाओं की मजबूत भागीदारी को दर्शाता है। वास्तव में, भारत की हस्तशिल्प कार्यबल में 68% महिलाएँ हैं, जो देशभर में 32 लाख से अधिक आजीविकाएँ समर्थित करती हैं।

मान्यता प्राप्त शिल्प और कारीगर

पुरस्कार विजेताओं ने भारत की विविध पारंपरिक कलाओं का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें शामिल हैं:

  • धातुकला और लकड़ी का शिल्प

  • हाथ से प्रिंट किए गए वस्त्र

  • पत्तचित्र चित्रकला

  • चमड़े की कठपुतली कला

  • टेराकोटा और पत्थर की नक्काशी

  • कालीन और बांस-बेंत शिल्प

ये पुरस्कार इस बात पर जोर देते हैं कि पारंपरिक शिल्प न सिर्फ सांस्कृतिक धरोहर हैं, बल्कि कारीगरों की आजीविका का महत्वपूर्ण आधार भी हैं।

शिल्प गुरु पुरस्कार – मुख्य झलकियाँ

2023 के शिल्प गुरु पुरस्कार विजेता:

  • अजीत कुमार दास – हस्त-चित्रित वस्त्र, पश्चिम बंगाल

  • सुधीर कुमार महाराणा – पत्तचित्र पेंटिंग, ओडिशा

  • डी. सिवम्मा – चमड़े की कठपुतली कला, आंध्र प्रदेश

  • डोलोन कुंडु मंडल – टेराकोटा, पश्चिम बंगाल

  • खत्री गुलामहुसैन उमर – कलात्मक वस्त्र (बांधनी), गुजरात

  • माधुरी मिश्रा – कलात्मक वस्त्र (बाटिक प्रिंटिंग), उत्तर प्रदेश

2024 के शिल्प गुरु पुरस्कार विजेता:

  • कमलेश शर्मा – वुड क्राफ्ट, राजस्थान

  • सुबHASH अरोड़ा – मेटल क्राफ्ट (ढोकरा), हरियाणा

  • शहीन अंजुम – वुड क्राफ्ट (ज्वेलरी बॉक्स), दिल्ली

  • मो. दिलशाद – वुड कार्विंग (शीशम टेबल), उत्तर प्रदेश

  • तारित पॉल – क्ले मॉडलिंग (कृष्ण जी का विश्वरूप), पश्चिम बंगाल

  • शोभारानी पोद्दार – जूट क्राफ्ट (देवी दुर्गा), पश्चिम बंगाल

भारत में हस्तशिल्प का महत्व

भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र न केवल सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति भी है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ:

  • ग्रामीण आजीविका और महिला सशक्तिकरण को मजबूत समर्थन

  • पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ शिल्प पर आधारित उत्पादन

  • GI टैग, ODOP पहल और वोकल फॉर लोकल कार्यक्रमों का लाभ

  • जीएसटी में कमी (18% से 5%) से निर्यात में बढ़ोतरी, लक्ष्य — 2031–32 तक ₹1 लाख करोड़

वस्त्र मंत्रालय के बारे में

  • केंद्रीय मंत्री: गिरिराज सिंह (बेगूसराय, बिहार)

  • राज्य मंत्री (MoS): पबित्रा मरघेरिटा (राज्यसभा, असम)

वस्त्र मंत्रालय का उद्देश्य भारत की पारंपरिक कला और शिल्प को बढ़ावा देना, कारीगरों का समर्थन करना और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना है।

नागालैंड ने वाटरशेड महोत्सव 2025 के दौरान मिशन पुनरुत्थान लॉन्च किया

केंद्र सरकार ने कोहिमा स्थित नागा सॉलिडैरिटी पार्क में स्टेट-लेवल वाटरशेड महोत्सव 2025 और मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्राकृतिक जल स्रोतों की सुरक्षा, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार, और ग्रामीण समुदायों को बेहतर जल प्रबंधन के लिए सक्षम बनाना है। यह पारंपरिक जल प्रणालियों के महत्व को रेखांकित करता है और लोगों को दीर्घकालिक जल सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रेरित करता है।

मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान के मुख्य उद्देश्य

मिशन वाटरशेड पुनरुत्थान का मुख्य लक्ष्य गाँवों को जल-सुरक्षित और पर्यावरणीय रूप से मजबूत बनाना है। यह मिशन विशेष रूप से निम्न बातों पर केंद्रित है:

  • प्राकृतिक झरनों का पुनर्जीवन

  • वाटरशेड संरचनाओं को बेहतर बनाना

  • ग्रामीण क्षेत्रों में जल उपलब्धता बढ़ाना

इस मिशन में समुदाय की सहभागिता को भी बड़ी प्राथमिकता दी गई है, जहाँ ग्रामीण स्वयं जल स्रोतों के संरक्षण में नेतृत्व करते हैं। मनरेगा जैसी योजनाएँ इन प्रयासों को मज़बूत बनाती हैं क्योंकि वे रोजगार पैदा करती हैं और ग्रामीण आजीविका में सुधार लाती हैं।

सरकारी दृष्टिकोण

कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री ने कहा कि जल सुरक्षा राष्ट्रीय प्राथमिकता है। उन्होंने नागालैंड की सामुदायिक संरक्षण परंपराओं की सराहना की और बताया कि प्राकृतिक संसाधनों का पुनर्जीवन पर्यावरण की रक्षा करने और भविष्य की जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक है।

नागालैंड में पीएमकेएसवाई के तहत प्रगति

नागालैंड ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) और वाटरशेड विकास कार्यक्रमों के तहत उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। प्रमुख प्रगति इस प्रकार है:

  • राज्य में 14 वाटरशेड परियोजनाएँ स्वीकृत

  • ₹140 करोड़ की मंजूरी, जिसमें से ₹80 करोड़ जारी

  • 555 जल-संग्रहण संरचनाओं की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण

  • 120 प्राकृतिक झरनों का पुनर्जीवन

  • 6,500 से अधिक किसानों को लाभ

पूर्वोत्तर राज्यों को 90% केंद्रीय सहायता भी मिलती है, जिससे विकास कार्यों की गति तेज होती है।

राष्ट्रीय जल लक्ष्यों को कैसे समर्थन मिलता है?

भारत के पास दुनिया के कुल मीठे पानी का केवल लगभग 4% हिस्सा है, जबकि वह विशाल जनसंख्या का समर्थन करता है। इस वजह से PMKSY जैसे कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे जल संरक्षण, भूजल पुनर्भरण और बहु-फसल चक्रों को समर्थन देते हैं। ऐसे प्रयास गाँवों को जल संकट से निपटने, मिट्टी की नमी बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों को जलवायु-सहिष्णु बनाने में मदद करते हैं।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने सुजलाम भारत ऐप का शुभारंभ किया

भारत सरकार ने ग्रामीण पेयजल प्रणालियों को ट्रैक करने, प्रबंधित करने और बेहतर बनाने के लिए सुजलाम भारत ऐप की शुरुआत की है। यह नया डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म नागरिकों और अधिकारियों को जल आपूर्ति योजनाओं से जुड़ी वास्तविक-समय की जानकारी उपलब्ध कराता है, जिससे गांवों को यह समझने में मदद मिलती है कि उनका पानी कहाँ से आता है और पूरी प्रणाली कितनी अच्छी तरह काम कर रही है। यह ऐप जल जीवन मिशन के तहत पारदर्शिता बढ़ाने, सामुदायिक भागीदारी मजबूत करने और बेहतर योजना बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

सुजलाम भारत ऐप — जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल ने सुजलाम भारत ऐप को आधिकारिक रूप से लॉन्च करते हुए कहा कि यह ग्रामीण जल सेवाओं को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि यह प्लेटफ़ॉर्म गांवों को अपनी पेयजल प्रणालियों की अधिक जिम्मेदारी लेने में सक्षम बनाएगा और जल योजनाओं के संचालन में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।

उन्नत तकनीक के लिए BISAG-N का सहयोग
इस ऐप को भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना संस्थान (BISAG-N) के सहयोग से विकसित किया गया है। BISAG-N की टीम ने उन्नत जियो-रेफ़रेंसिंग तकनीक विकसित की है, जिससे प्रत्येक जल स्रोत, पाइपलाइन, टैंक और योजना को स्पष्ट रूप से मैप किया जा सकता है। यह तकनीक अधिकारियों को जल अवसंरचना की स्थिति और कार्यप्रणाली की निगरानी करने में बड़ी सुविधा प्रदान करेगी।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रशिक्षण
लॉन्च के बाद BISAG-N ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया। उन्हें ऐप के उपयोग, डेटा अपलोड करने और जल आपूर्ति संपत्तियों को मैप करने की प्रक्रिया समझाई गई। यह प्रशिक्षण उन्हें एक पूर्णत: डिजिटल प्रणाली की ओर सुगम रूप से आगे बढ़ने में सहायता करेगा।

सुझल गांव आईडी: हर जल योजना के लिए एक अनूठी पहचान
सुजलाम भारत प्लेटफ़ॉर्म की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है सुझल गांव आईडी
इस अनोखी पहचान संख्या से प्रत्येक गांव और जल योजना की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी, जैसे:

  • कौन-सी योजना किन घरों को पानी उपलब्ध करा रही है

  • पानी का स्रोत क्या है

  • जल आपूर्ति कितनी विश्वसनीय है

  • पाइप, टैंक और मोटर की स्थिति क्या है

  • पानी की गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति

  • समुदाय की प्रतिक्रिया और मेंटेनेंस रिकॉर्ड

यह आईडी ग्रामीण जल प्रबंधन के लिए आधार जैसी भूमिका निभाएगी, जिससे हर योजना की पहचान राष्ट्रीय डेटाबेस में दर्ज रहेगी।

हर जल आपूर्ति प्रणाली का एक ही डिजिटल दृश्य
सुजलाम भारत डेटाबेस पानी के स्रोतों, अवसंरचना, दैनिक संचालन रिकॉर्ड, पुराने मरम्मत कार्य, और जल गुणवत्ता रिपोर्ट सहित सभी महत्वपूर्ण सूचनाओं को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर लाता है।
इससे ग्राम पंचायतों, वी.डब्ल्यू.एस.सी. (ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति) और सेवा प्रदाताओं को अपनी जल योजनाओं को ट्रैक करने और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करने में आसानी होगी।

बेहतर योजना और दीर्घकालिक स्थिरता
ऐप प्रत्येक जल योजना का पूरा इतिहास भी सुरक्षित रखेगा, जिसमें शामिल है:

  • अवसंरचना की स्थिति

  • मरम्मत और मेंटेनेंस का विवरण

  • समय के साथ जल आपूर्ति का प्रदर्शन

क्योंकि यह प्रणाली पीएम गतिशक्ति जीआईएस प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ी हुई है, इसलिए पाइपलाइन और जल नेटवर्क का सटीक मैप भी उपलब्ध होगा। इससे भविष्य की मरम्मत और विस्तार की योजनाओं में काफी मदद मिलेगी।

मजबूत डिजिटल जल प्रणाली की ओर बड़ा कदम
अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश समय पर अपना डेटा अपलोड करें ताकि यह सिस्टम सुचारू रूप से काम कर सके।
सुजलाम भारत ऐप से ग्रामीण जल प्रबंधन अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल बनने की उम्मीद है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हर घर को सुरक्षित और नियमित पेयजल मिलता रहे।

ऐप की उपलब्धता
सुजलाम भारत ऐप जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध होगा।

गूगल ने अमीन वहदात को AI इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए नया चीफ टेक्नोलॉजिस्ट नियुक्त किया

सेमाफोर द्वारा उद्धृत एक आंतरिक मेमो के अनुसार, अल्फाबेट के स्वामित्व वाली गूगल ने वरिष्ठ कार्यकारी अमीन वहदात को एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के नए चीफ टेक्नोलजिस्ट के रूप में नियुक्त किया है। यह कदम इस बात को रेखांकित करता है कि गूगल बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल, सेवाओं और क्लाउड वर्कलोड्स को संचालित करने के लिए आवश्यक कंप्यूटिंग आधारभूत संरचना को मजबूत करने पर अपना ध्यान तेजी से बढ़ा रहा है। ऐसे समय में जब वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियाँ उन्नत चिप्स, सुपरकंप्यूटर और डेटा सेंटर में बड़े स्तर पर निवेश कर रही हैं, गूगल का यह नेतृत्व परिवर्तन तेजी से बदलते एआई परिदृश्य में आगे बने रहने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है?

यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब गूगल अपनी अब तक की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार योजनाओं में से एक के लिए तैयारी कर रहा है। कंपनी का पूंजीगत व्यय 2025 के अंत तक 90 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है, जिसका बड़ा हिस्सा निम्न क्षेत्रों में निवेश होगा:

  • एआई-अनुकूलित डेटा सेंटर बनाना

  • आंतरिक हार्डवेयर नवाचार को बढ़ाना

  • वैश्विक कंप्यूट क्षमता का विस्तार

  • क्लाउड-आधारित एआई सेवाओं में सुधार

Google Cloud के सीईओ थॉमस कुरियन के अनुसार, यह परिवर्तन “एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को कंपनी के एक प्रमुख फोकस क्षेत्र के रूप में स्थापित करता है”, जो जनरेटिव एआई के दौर में कंप्यूट संसाधनों के बढ़ते रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।

अमीन वहदात कौन हैं?

अमीन वहदात गूगल के एक लंबे समय से कार्यरत वरिष्ठ कार्यकारी हैं, जिन्होंने नेटवर्किंग सिस्टम, क्लाउड आर्किटेक्चर और बड़े पैमाने की कंप्यूटिंग से संबंधित कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का नेतृत्व किया है। उनकी नेतृत्व क्षमता ने निम्न नवाचारों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है:

  • टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट (TPUs)

  • गूगल की स्वामित्व वाली नेटवर्किंग तकनीकें

  • Google Cloud में वितरित कंप्यूटिंग मॉडल

एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के चीफ टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में, उनके ऊपर गूगल के अगले हार्डवेयर और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास चरण का नेतृत्व करने की ज़िम्मेदारी होगी।

कम्प्यूट डॉमिनेंस की वैश्विक रेस

वैश्विक एआई उछाल ने तकनीकी कंपनियों के बीच जोरदार प्रतिस्पर्धा छेड़ दी है, जहां कम्प्यूट क्षमता — सिर्फ एल्गोरिदम नहीं — सबसे बड़ा रणनीतिक लाभ बन गई है।

गूगल की रणनीति

गूगल के कस्टम-निर्मित TPU, आंतरिक सिस्टम और हाइपर-स्केल डेटा सेंटर्स में निवेश का उद्देश्य बढ़त हासिल करना है:

  • एआई ट्रेनिंग और इन्फरेंस क्षमता में

  • क्लाउड कंप्यूटिंग प्रदर्शन में

  • Gemini जैसे बड़े एआई मॉडलों की स्केलेबिलिटी में

प्रतिस्पर्धी कंपनियों की चालें

  • Microsoft — डेटा सेंटर का तेजी से विस्तार और OpenAI के साथ गहरी साझेदारी।

  • Amazon Web Services (AWS) — Trainium और Inferentia जैसी नई कस्टम एआई चिप्स लॉन्च कर क्लाउड हार्डवेयर इकोसिस्टम को मजबूत करना।

एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की यह लड़ाई पूरी सिलिकॉन वैली की प्राथमिकताओं को बदल रही है, और कम्प्यूट पावर को अब अंतिम अंतर-निर्माता (ultimate differentiator) माना जा रहा है।

वित्तीय आधार: गूगल क्लाउड का मजबूत प्रदर्शन

यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई “अनुशासित खर्च” पर जोर दे रहे हैं — जबकि कंपनी इतिहास के सबसे बड़े एआई निवेशों में से एक का नेतृत्व भी कर रही है।

Google Cloud के पास आज 155 अरब डॉलर का बैकलॉग है, जो क्लाउड और एआई सेवाओं की भारी एंटरप्राइज मांग को दर्शाता है। इस मांग के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना गूगल की दीर्घकालिक एआई रणनीति के केंद्र में है।

IAS सुप्रिया साहू ने जीता संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान

तमिलनाडु सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान “चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा नैरोबी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-7) के दौरान घोषित किया गया। उन्हें यह सम्मान टिकाऊ शीतलन (sustainable cooling), पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन (ecosystem restoration) और जलवायु अनुकूलन (climate adaptation) के क्षेत्र में उनके अग्रणी योगदान के लिए दिया गया है।

सुप्रिया साहू को यह पुरस्कार ‘इंस्पिरेशन एंड एक्शन’ श्रेणी में मिला है, जो उन व्यक्तियों को सम्मानित करता है जो मानवता और पृथ्वी के लिए मापनीय और परिवर्तनकारी पर्यावरणीय लाभ पैदा करते हैं।

सुप्रिया साहू को क्यों चुना गया

UNEP के अनुसार, सुप्रिया साहू की जलवायु पहलों ने:

  • 25 लाख हरित नौकरियाँ सृजित कीं

  • तमिलनाडु के वन आवरण में वृद्धि की

  • सार्वजनिक स्थलों और बुनियादी ढाँचे में हीट-अनुकूलन उपाय शामिल किए

  • लगभग 1.2 करोड़ लोगों की जलवायु सहनशीलता (climate resilience) में सुधार किया

  • तमिलनाडु को अनुकूलन (adaptation) और टिकाऊ शीतलन (sustainable cooling) के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया

उनका कार्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले दशक में वैश्विक तापमान 1.5°C से ऊपर जा सकता है, जिससे हीटवेव और जलवायु-संबंधी आपदाएँ और तीव्र होंगी।

सुप्रिया साहू के प्रमुख जलवायु योगदान

1. टिकाऊ शीतलन (Sustainable Cooling) नवाचार

उनके नेतृत्व में तमिलनाडु ने कई हीट-रेज़िलिएंट सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे विकसित किए, जैसे:

  • पेड़ों से घिरे शहरी मार्ग

  • प्रकृति-आधारित छाया प्रणाली

  • संवेदनशील समुदायों के लिए हीट एक्शन प्लान

2. पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन 

उनकी नीतियों ने निम्नलिखित को मज़बूत किया:

  • मैंग्रोव पुनर्स्थापन

  • आर्द्रभूमि (wetland) संरक्षण

  • घासभूमि (grassland) पुनर्जीवन

इन प्रयासों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है और पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होता है।

3. समुदाय-केंद्रित जलवायु शासन 

साहू के कार्यक्रमों ने लो-टेक और हाई-टेक समाधानों को मिलाया है, यह दिखाते हुए कि नागरिक सहभागिता और सरकारी कार्रवाई का संयोजन दीर्घकालिक पर्यावरणीय बदलाव ला सकता है।

अन्य 2025 चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार विजेता

इस वर्ष के वैश्विक विजेताओं ने जलवायु और पर्यावरण चुनौतियों के लिए क्रांतिकारी समाधान प्रस्तुत किए:

  • प्रशांत द्वीपों का युवा समूह – जलवायु न्याय पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) की ऐतिहासिक सलाहकारी राय सुनिश्चित की

  • मरियम इसूफू (साहेल) – जलवायु-सहनशील वास्तुकला डिजाइन के लिए सम्मानित

  • Imazon (ब्राज़ील) – AI आधारित वनों की कटाई निगरानी के लिए पुरस्कार

  • मैनफ्रेडी काल्टाजिरोने (मरणोपरांत) – मीथेन में कमी पर आजीवन शोध के लिए सम्मान

ये सभी विजेता यह बतलाते हैं कि जलवायु समाधान नवीन, विस्तार योग्य और न्याय-आधारित होने चाहिए।

चैंपियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार का महत्व

2005 में स्थापित, यह UNEP का सबसे प्रतिष्ठित पर्यावरणीय सम्मान है।
इसके 20वें वर्ष में, यह निम्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी पर्यावरण नेतृत्व को पहचान देता है:

  • नीति नेतृत्व

  • उद्यमी दृष्टि

  • प्रेरणा और कार्रवाई

  • विज्ञान और नवाचार

UNEP ने यह भी बताया कि 2025 के विजेता ऐसे समय में साहसिक कदम उठा रहे हैं जब विकासशील देशों के लिए अनुकूलन लागत 2035 तक 365 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकती है।

गति शक्ति विश्वविद्यालय और अमेज़न ने साझा शिक्षण व शैक्षणिक नवाचार हेतु समझौता किया

गतिशक्ति विश्वविद्यायलय (Gati Shakti Vishwavidyalaya – GSV), जो भारत का परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र पर आधारित एक विशेषीकृत केंद्रीय विश्वविद्यालय है, ने विश्व की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक Amazon के साथ एक नया समझौता ज्ञापन (MoU) किया है। इस सहयोग का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार को मजबूत बनाना है।

सहयोग का उद्देश्य

इस एमओयू का मुख्य मकसद विश्वविद्यालय और ऐमज़ॉन के बीच ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना है। दोनों संस्थान मिलकर नए शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार करेंगे, मौजूदा पाठ्यक्रमों को आधुनिक रूप देंगे और संयुक्त अनुसंधान करेंगे।
इस समझौते की विशेष आकर्षण ‘Amazon Chair Professorship’ की स्थापना है, जिसके तहत डेटा-आधारित आधुनिक वेयरहाउसिंग पर शोध होगा।

कुलपति का बयान

GSV के कुलपति प्रो. मनोज चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय भारत के तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक्स सिस्टम के लिए मजबूत प्रतिभा निर्माण और गहन अनुसंधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ऐमज़ॉन इंडिया के साथ काम करने से छात्रों और शोधकर्ताओं को उद्योग विशेषज्ञों से सीधे सीखने का अवसर मिलेगा, जिससे परिवहन व लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बेहतर योजना, डिजाइन और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

गतिशक्ति विश्वविद्यायलय के बारे में

  • GSV की स्थापना वर्ष 2022 में संसद के एक अधिनियम के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी।

  • यह भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।

  • विश्वविद्यालय का ध्यान सभी परिवहन क्षेत्रों पर है —
    रेलवे, हाईवे, पोर्ट, एविएशन, मैरीटाइम, शिपिंग, इनलैंड वाटरवे, अर्बन ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक्स व सप्लाई चेन

  • इसके कुलाधिपति (Chancellor) श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री हैं।

एमओयू का महत्व

इस साझेदारी से छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा, उन्नत शोध को बढ़ावा मिलेगा, और भारत की लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने के लक्ष्य को समर्थन मिलेगा। शैक्षणिक विशेषज्ञता और ऐमज़ॉन के उद्योग अनुभव के मिलन से भारत के परिवहन और वेयरहाउसिंग क्षेत्र के लिए नए विचार और समाधान विकसित होने की उम्मीद है।

आलिया भट्ट को गोल्डन ग्लोब्स होराइजन अवॉर्ड मिला

बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट को रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में गोल्डन ग्लोब्स होराइजन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। आलिया को ट्यूनीशियाई अभिनेत्री हेंड सबरी के साथ एक समारोह में सम्मानित किया गया, जिन्हें उमर शरीफ अवॉर्ड से नवाजा गया। रेड सी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का पांचवां संस्करण सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित किया जा रहा है।

आलिया ने क्या कहा?

गोल्डन ग्लोब्स होराइजन अवॉर्ड जीतने पर खुशी जताते हुए आलिया ने कहा कि गोल्डन ग्लोब्स द्वारा सम्मानित होना मेरे लिए गर्व की बात है। मैं दुनिया भर में फिल्म और टेलीविजन में बदलाव ला रही महत्वाकांक्षी कलाकारों और महिलाओं की नई पीढ़ी की ओर से बोलने का मौका मिलने के लिए आभारी हूं। ऐसे समय में जब वैश्विक स्तर प्रभावशाली कहानियों को बताने के लिए लोग एकजुट हो रहे हैं, यह सम्मान वाकई काफी महत्वपूर्ण बन जाता है।

गोल्डन ग्लोब्स की अध्यक्ष ने क्या कहा?

गोल्डन ग्लोब्स की अध्यक्ष हेलेन होहेन ने इस मौके पर कहा कि हमें आलिया भट्ट को गोल्डन ग्लोब्स होराइजन अवॉर्ड से सम्मानित करते हुए बेहद खुशी हो रही है। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में उनके असाधारण योगदान के लिए है। साथ ही वैश्विक मंच पर फिल्म व टेलीविजन के एक गतिशील और प्रभावशाली केंद्र के रूप में मिडिल ईस्ट के लगातार आगे बढ़ने का जश्न मनाता है।

फिल्मों को लेकर सुर्खियां

आलिया भट्ट इन दिनों अपनी फिल्मों को लेकर सुर्खियां बटोर रही हैं। उनकी एक्शन ड्रामा फिल्म ‘अल्फा’ जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देगी। इस एक्शन-स्पाई थ्रिलर ‘अल्फा’ में वो शरवारी के साथ नजर आएंगी। फिल्म को क्रिसमस के मौके पर रिलीज किया जाना था, लेकिन कुछ वजह से मेकर्स ने इसकी रिलीज डेट 17 अप्रैल 2026 को कर दी।

आलिया भट्ट का बढ़ता ग्लोबल प्रभाव

Golden Globe Horizon Award मिलने के बाद आलिया भट्ट की अंतरराष्ट्रीय पहचान और मजबूत हुई है। उनकी मेहनत, बहुमुखी अभिनय क्षमता और चुनिंदा मजबूत भूमिकाओं ने उन्हें भारतीय सिनेमा की एक वैश्विक प्रतिनिधि बना दिया है।
चाहे प्रशंसक हों या आलोचक—सभी उनके इस सम्मान की सराहना कर रहे हैं।

आलिया की इन फिल्मों की हुई चर्चा

फेस्टिवल ने इंस्टाग्राम पर उनकी जीत की घोषणा करते हुए दिखाया कि कैसे 32 वर्षीय एक्ट्रेस वैश्विक स्तर पर लगातार पहचान बना रही हैं। वैरायटी डॉट काम की रिपोर्ट के मुताबिक आलिया को ये अवॉर्ड हाईवे, राजी, उड़ता पंजाब, डियर जिंदगी और गंगूबाई काठियावाड़ी जैसी फिल्मों के लिए मिला है। 

BMW ने मिलान नेडेल्जकोविक को नया सीईओ नियुक्त किया

बीएमडब्ल्यू ने एक बड़े नेतृत्व परिवर्तन की घोषणा की है, जिसमें उसकी पर्यवेक्षी बोर्ड ने लंबे समय से कार्यरत सीईओ ओलिवर ज़िप्से की जगह मिलान नेडेल्जकोविक को नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब वैश्विक ऑटोमोबाइल क्षेत्र तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और बीएमडब्ल्यू को चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे प्रमुख बाज़ारों में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। नेडेल्जकोविक 14 मई अगले वर्ष आधिकारिक रूप से पदभार संभालेंगे, जिससे जर्मन ऑटोमोबाइल दिग्गज के लिए एक नए रणनीतिक अध्याय की शुरुआत होगी। उनका कार्यकाल 2031 तक चलेगा, जो उन्हें इलेक्ट्रिक और डिजिटल नवाचार की अगली लहर के बीच बीएमडब्ल्यू का नेतृत्व करने के लिए एक लंबा अवसर प्रदान करेगा।

बीएमडब्ल्यू को नए नेतृत्व की आवश्यकता क्यों पड़ी

पिछले कुछ वर्षों में बीएमडब्ल्यू को चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, बढ़ती लागत और अमेरिकी बाज़ार में नए टैरिफ जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इन दबावों के कारण कंपनी को अपना 2025 का आय अनुमान कम करना पड़ा, जिससे निकट भविष्य की कठिन आर्थिक परिस्थितियों का संकेत मिलता है। अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए, बीएमडब्ल्यू अपनी अगली पीढ़ी की इलेक्ट्रिक कारों—विशेष रूप से पूर्णतः इलेक्ट्रिक “नॉय क्लासे” (Neue Klasse) मॉडल्स—पर बड़ा दांव लगा रही है, जिनसे 2026 के बाद तेजी से विकास की उम्मीद है। इस बदलाव को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए नया नेतृत्व अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मिलान नेडेल्जकोविक कौन हैं?

मिलान नेडेल्जकोविक, उम्र 56 वर्ष, बीएमडब्ल्यू के लिए कोई नया नाम नहीं हैं। 1993 में कंपनी से जुड़ने के बाद, उन्होंने पिछले तीन दशकों में गहन तकनीकी विशेषज्ञता और वैश्विक उत्पादन नेतृत्व पर आधारित एक उत्कृष्ट करियर बनाया है। उनकी व्यापक अनुभव और उत्पादन क्षेत्र में मजबूत पकड़ उन्हें बीएमडब्ल्यू के बदलाव और नवाचार के अगले चरण का नेतृत्व करने के लिए उपयुक्त बनाती है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सर्बिया में जन्मे मिलान नेडेल्जकोविक ने जर्मनी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और आगे चलकर अमेरिका के प्रतिष्ठित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में उच्च अध्ययन पूरा किया। उनकी मजबूत इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि को हमेशा उनकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक माना जाता है।

बीएमडब्ल्यू में करियर सफर

बीएमडब्ल्यू में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान नेडेल्ज़कोविच ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं—

  • ऑक्सफोर्ड स्थित बीएमडब्ल्यू के MINI प्लांट में पेंट शॉप का प्रबंधन

  • बीएमडब्ल्यू के म्यूनिख प्लांट के प्रबंध निदेशक

  • 2019 में बीएमडब्ल्यू के प्रबंधन बोर्ड में शामिल

  • वैश्विक उत्पादन प्रमुख के रूप में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर कंपनी के महत्वपूर्ण बदलाव का नेतृत्व

उत्पादन प्रणालियों को सरल बनाने और बीएमडब्ल्यू के विश्वभर के प्लांट संचालन को प्रभावी ढंग से संभालने की उनकी क्षमता ने उन्हें CEO पद के लिए स्वाभाविक विकल्प बना दिया।

उद्योग जगत में सराहना

बीएमडब्ल्यू की पर्यवेक्षी बोर्ड के अध्यक्ष निकोलस पीटर ने नेडेल्जकोविक की नेतृत्व शैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे “लोगों को एकजुट करते हैं और उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित करते हैं।” मेट्ज़लर के विश्लेषक पाल स्किर्टा सहित कई विशेषज्ञों ने माना कि बीएमडब्ल्यू के विभिन्न केंद्रों पर उनका व्यापक अनुभव आने वाली चुनौतियों के लिए उन्हें पूरी तरह तैयार करता है।

पूर्व CEO ओलिवर ज़िप्से का आगे क्या?

61 वर्षीय ओलिवर ज़िप्से बीएमडब्ल्यू के आधुनिक दौर के एक प्रमुख नेता रहे हैं। कंपनी में 35 वर्ष बिताने के बाद वे मई 2026 में पद छोड़ देंगे—यह विस्तार सामान्य से अधिक सेवानिवृत्ति आयु तक दिया गया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने:

  • कोविड-19 महामारी के दौर में बीएमडब्ल्यू को सफलतापूर्वक संभाला

  • वैश्विक व्यवधानों के बीच सप्लाई चेन को मजबूत किया

  • आने वाली “Neue Klasse” इलेक्ट्रिक वाहन आर्किटेक्चर की नींव रखी

वे जल्द ही एयरबस बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से जुड़ने वाले हैं, जिससे वे यूरोप के रणनीतिक उद्योगों पर अपना प्रभाव जारी रखेंगे।

निकोलस पीटर ने उन्हें “नॉय क्लासे के पीछे की प्रेरक शक्ति” बताया और बीएमडब्ल्यू की इलेक्ट्रिक भविष्य रोडमैप में उनके योगदान को सराहा।

नया नेतृत्व बीएमडब्ल्यू के भविष्य के लिए क्या मायने रखता है

मिलान नेडेल्जकोविक की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब:

  • इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार में प्रतिस्पर्धा तेज़ होती जा रही है, खासकर चीनी ब्रांडों की आक्रामक वृद्धि के कारण।

  • अमेरिका के उच्च टैरिफ जर्मन कार निर्माताओं के लिए नई चुनौतियाँ पैदा कर रहे हैं।

  • उपभोक्ता तेजी से सॉफ्टवेयर-आधारित और पर्यावरण-अनुकूल वाहनों की ओर झुक रहे हैं।

उत्पादन क्षेत्र में नेडेल्जकोविक की गहरी विशेषज्ञता से उम्मीद है कि बीएमडब्ल्यू लागत को अधिक कुशल बनाएगी, निर्माण प्रक्रियाओं को लचीला करेगी और EV विकास को गति देगी।

2026 में Neue Klasse मॉडल लॉन्च के साथ, बीएमडब्ल्यू को आशा है कि यह नेतृत्व परिवर्तन वैश्विक बाजार में उसकी स्थिति को और मजबूत करेगा।

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