SBI Life Insurance ने दो नई चाइल्ड इंश्योरेंस योजनाओं के साथ प्रोडक्ट लाइन का किया विस्तार

भारत की प्रमुख निजी जीवन बीमा कंपनियों में से एक एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने “एसबीआई लाइफ – स्मार्ट फ्यूचर स्टार” और “एसबीआई लाइफ – स्मार्ट प्लेटिना यंग अचीवर” नामक दो नई बाल बीमा योजनाएँ लॉन्च की हैं। ये योजनाएँ माता-पिता को अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेंगी, खासकर शिक्षा, करियर और बढ़ती जीवनशैली लागतों को ध्यान में रखते हुए।

एसबीआई लाइफ की नई बाल बीमा योजनाओं की मुख्य विशेषताएँ

एसबीआई लाइफ – स्मार्ट फ्यूचर स्टार

  • प्रकार: व्यक्तिगत, नॉन-लिंक्ड, भागीदारी वाली (Participating) जीवन बीमा बचत योजना।
  • लंबी अवधि की वित्तीय वृद्धि: बोनस के लाभ के साथ मजबूत वित्तीय कोष तैयार करने में मदद।
  • प्रीमियम माफी लाभ: प्रस्तावक की मृत्यु या दुर्घटनावश पूर्ण स्थायी विकलांगता (ATPD) की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा।
  • लचीले मैच्योरिटी भुगतान विकल्प: बदलती वित्तीय जरूरतों के अनुसार अनुकूलित भुगतान।

एसबीआई लाइफ – स्मार्ट प्लेटिना यंग अचीवर

  • प्रकार: व्यक्तिगत, नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग जीवन बीमा बचत योजना।
  • गारंटीड मैच्योरिटी लाभ: शिक्षा, करियर और विवाह जैसी आवश्यकताओं के लिए निश्चित वित्तीय सुरक्षा।
  • प्रीमियम माफी लाभ: प्रस्तावक की मृत्यु या ATPD की स्थिति में आर्थिक सहायता।
  • लचीले मैच्योरिटी भुगतान विकल्प: बदलती जरूरतों के अनुसार भुगतान विकल्प।
  • जोखिम-मुक्त बचत दृष्टिकोण: गारंटीड रिटर्न चाहने वाले माता-पिता के लिए उपयुक्त।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की प्रतिबद्धता

एसबीआई लाइफ का उद्देश्य माता-पिता को वित्तीय सुरक्षा के साधन प्रदान करना है, जिससे बच्चे अपने सपनों को बिना किसी आर्थिक बाधा के पूरा कर सकें। ये योजनाएँ बीमा सुरक्षा और वित्तीय वृद्धि का संयोजन प्रस्तुत करती हैं, जिससे ग्राहकों का विश्वास और मजबूत होता है।

इन योजनाओं का लाभ कैसे उठाएँ?

ग्राहक अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी एसबीआई लाइफ शाखा में जा सकते हैं।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के बारे में

  • स्थापना: अक्टूबर 2000 में, और मार्च 2001 में IRDAI से पंजीकृत।
  • विस्तृत बीमा योजनाएँ: सुरक्षा (Protection), पेंशन, बचत (Savings) और स्वास्थ्य योजनाएँ।

विस्तृत नेटवर्क:

  • 1,086 कार्यालय, 25,949 कर्मचारी।
  • 2,41,251 एजेंट, 77 कॉर्पोरेट एजेंट, 14 बैंक बीमा भागीदार और 41,000+ शाखाएँ।
  • ग्राहक सेवा, डिजिटल नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व पर विशेष ध्यान।
  • BSE और NSE पर सूचीबद्ध, ₹4,416.8 बिलियन की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के साथ।
विषय विवरण
समाचार में क्यों? एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने दो नई बाल बीमा योजनाएँ लॉन्च कीं
नई योजनाएँ एसबीआई लाइफ – स्मार्ट फ्यूचर स्टार’ और एसबीआई लाइफ – स्मार्ट प्लेटिना यंग अचीवर’
उद्देश्य बच्चों की शिक्षा, करियर और सपनों के लिए वित्तीय सुरक्षा
स्मार्ट फ्यूचर स्टार भागीदारी जीवन बीमा बचत योजना, बोनस और प्रीमियम माफी के लाभ के साथ
स्मार्ट प्लेटिना यंग अचीवर गैर-भागीदारी जीवन बीमा योजना, गारंटीड मैच्योरिटी लाभ के साथ
मुख्य लाभ प्रीमियम माफी, लचीले मैच्योरिटी भुगतान विकल्प, जोखिम-मुक्त बचत (प्लेटिना यंग अचीवर के लिए)
एसबीआई लाइफ की प्रतिबद्धता वित्तीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा, और बच्चों के सपनों को साकार करना
कैसे आवेदन करें? एसबीआई लाइफ शाखा जाएँ या आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करें
कंपनी विवरण 2000 में स्थापित, 2001 में IRDAI से पंजीकृत, BSE और NSE में सूचीबद्ध
सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) बाल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आपदा राहत, और पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान

भारत ने उन्नत युद्धक टैंक इंजन के लिए रूस के साथ 248 मिलियन डॉलर का समझौता किया

भारत ने रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) के साथ 248 मिलियन डॉलर का समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय सेना के टी-72 युद्धक टैंकों के लिए 1,000 हॉर्सपावर (HP) इंजन खरीदे जाएंगे। यह अपग्रेड भारतीय सेना की युद्धक्षमता और गतिशीलता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, इस समझौते में तकनीक हस्तांतरण (ToT) भी शामिल है, जिससे भारतीय राज्य-स्वामित्व वाली बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (AVNL) इन इंजनों का स्थानीय उत्पादन कर सकेगी।

सौदे की मुख्य विशेषताएँ

1. समझौते का विवरण

  • भारत ने 248 मिलियन डॉलर का रक्षा समझौता रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ किया।
  • यह सौदा भारतीय सेना के टी-72 युद्धक टैंकों को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से किया गया है।

2. टी-72 टैंकों का उन्नयन

  • टी-72 टैंक 1970 के दशक में भारतीय सेना में शामिल किए गए थे और सेना की बख़्तरबंद टुकड़ी की रीढ़ माने जाते हैं।
  • वर्तमान में सेना 2,500 टी-72 टैंकों का संचालन कर रही है, जिनमें 780 एचपी के इंजन लगे हैं।
  • नए 1,000 एचपी इंजन पुराने इंजनों की जगह लेंगे, जिससे गतिशीलता और युद्धक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा।

3. तकनीक हस्तांतरण (ToT)

  • रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारत की बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (AVNL) को तकनीक हस्तांतरित करेगी।
  • AVNL भारत में इन इंजनों का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन करेगी।
  • यह कदम “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहल को बढ़ावा देगा और स्थानीय रक्षा उत्पादन को मजबूत करेगा।

4. भारत-रूस रक्षा सहयोग

  • रूस दशकों से भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है।
  • रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूस की रक्षा निर्यात क्षमताओं पर प्रभाव पड़ा है, जिससे भारत पश्चिमी रक्षा आपूर्तिकर्ताओं की ओर भी देख रहा है।
  • इसके बावजूद, रूस टैंकों और विमानों की तकनीक के क्षेत्र में भारत का प्रमुख रक्षा भागीदार बना हुआ है।

इस सौदे का महत्व

  • भारतीय सेना की युद्ध क्षमता और रणनीतिक बढ़त में सुधार होगा।
  • रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
  • भारत-रूस रक्षा साझेदारी को मजबूती मिलेगी।
विषय विवरण
समाचार में क्यों? भारत ने रूस के साथ $248 मिलियन का समझौता किया, जिससे टी-72 युद्धक टैंकों के लिए उन्नत इंजन खरीदे जाएंगे।
सौदे की राशि $248 मिलियन
उद्देश्य टी-72 टैंकों को 1,000 एचपी के उन्नत इंजनों से अपग्रेड करना
वर्तमान इंजन क्षमता 780 एचपी
नया इंजन अपग्रेड 1,000 एचपी
भारतीय सेना में टी-72 टैंक लगभग 2,500
तकनीक हस्तांतरण (ToT) रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (रूस) से बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (AVNL), भारत को
भारत में उत्पादन AVNL द्वारा लाइसेंस प्राप्त उत्पादन
रणनीतिक महत्व भारतीय सेना की युद्धक्षमता और गतिशीलता में वृद्धि
भारत-रूस रक्षा संबंधों पर प्रभाव रक्षा साझेदारी को मजबूती, हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत अन्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर भी देख रहा है

RBI ने विनियामक उल्लंघन के लिए चार एनबीएफसी पर 76.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने चार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) पर नियामक मानदंडों के उल्लंघन के कारण कुल ₹76.6 लाख का मौद्रिक दंड लगाया है। ये दंड भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58G और भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 की धारा 30 के तहत लगाए गए हैं। उल्लंघनों में शासन की खामियां, रिपोर्टिंग आवश्यकताओं की अनदेखी, निष्पक्ष ऋण प्रथाओं, पूंजी पर्याप्तता और धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन में कमियां शामिल थीं। यह कार्रवाई NBFC क्षेत्र में वित्तीय अनुशासन, उपभोक्ता संरक्षण और अनुपालन सुदृढ़ करने के प्रति RBI की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

दंड से संबंधित प्रमुख विवरण

नियामक उल्लंघन:

  • शासन में कमियां, निष्पक्ष ऋण मानदंडों का उल्लंघन, जोखिम प्रबंधन की अनदेखी और रिपोर्टिंग में चूक।

दंडित NBFCs:

  • NBFC A – निष्पक्ष ऋण प्रथाओं और “अपने ग्राहक को जानें” (KYC) मानदंडों का पालन न करने पर दंडित।
  • NBFC B – परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया।
  • NBFC C – पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) बनाए रखने में विफल।
  • NBFC D – धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन में खामियां और प्रमुख लेन-देन की रिपोर्टिंग में लापरवाही।

विज़नरी फाइनेंसपीयर (Visionary Financepeer) पर दंड:

  • RBI ने निष्पक्ष ऋण प्रथाओं और अनुपालन विफलताओं के लिए ₹16.6 लाख का जुर्माना लगाया।

RBI की कार्रवाई के प्रमुख कारण:

  • निष्पक्ष ऋण प्रथाओं का पालन न करना – कुछ NBFCs ने अत्यधिक ब्याज दरें वसूल कीं या अनुचित ऋण वसूली रणनीति अपनाई।
  • कमजोर KYC और AML अनुपालन – KYC और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम (AML) प्रक्रियाओं में खामियां।
  • जोखिम प्रबंधन दिशानिर्देशों का उल्लंघन – कुछ NBFCs पूंजी पर्याप्तता और जोखिम एक्सपोजर आवश्यकताओं को पूरा करने में विफल रहे।
  • रिपोर्टिंग और अनुपालन में लापरवाही – वित्तीय लेन-देन की रिपोर्टिंग में देरी या गलत जानकारी देने के मामले पाए गए।

NBFC क्षेत्र पर प्रभाव:

  • सख्त अनुपालन आवश्यकताएं: अब NBFCs को कड़े नियामक जांच का सामना करना पड़ेगा, जिससे बेहतर शासन की आवश्यकता होगी।
  • उपभोक्ता संरक्षण: यह कदम ग्राहकों को अनुचित ऋण प्रथाओं से बचाएगा और वित्तीय संस्थानों में भरोसा बढ़ाएगा।
  • बाजार विश्वास: सख्त नियमों से NBFC क्षेत्र की विश्वसनीयता और दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? RBI ने चार NBFCs पर नियामक उल्लंघनों के लिए ₹76.6 लाख का जुर्माना लगाया
कुल दंड राशि ₹76.6 लाख
नियामक अधिनियम धारा 58G (RBI अधिनियम, 1934) और धारा 30 (PSS अधिनियम, 2007)
दंडित NBFCs NBFC A, NBFC B, NBFC C, NBFC D
विज़नरी फाइनेंसपीयर पर दंड ₹16.6 लाख
मुख्य उल्लंघन निष्पक्ष ऋण मानकों का उल्लंघन, कमजोर KYC मानदंड, जोखिम प्रबंधन में विफलता, अनुचित रिपोर्टिंग
अपेक्षित प्रभाव बेहतर अनुपालन, उपभोक्ता संरक्षण में सुधार, बाज़ार में बढ़ा विश्वास

विकास कौशल को HPCL का सीएमडी नियुक्त किया गया

सरकार ने विकास कौशल को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) का अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD) नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल पांच वर्षों का होगा। वे राजनीश नारंग का स्थान लेंगे, जो 1 सितंबर 2024 से अंतरिम CMD के रूप में कार्यरत थे। विकास कौशल के पास ऊर्जा, तेल एवं गैस, और विद्युत क्षेत्र में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है और उन्होंने कई भारतीय ऊर्जा कंपनियों में रणनीतिक परिवर्तन एवं डिजिटल पहल को सफलतापूर्वक नेतृत्व प्रदान किया है।

विकास कौशल की नियुक्ति और करियर की मुख्य बातें

पेशेवर पृष्ठभूमि और अनुभव

  • 30+ वर्षों का अनुभव ऊर्जा, तेल एवं गैस, और विद्युत क्षेत्र में।
  • पिछले पांच वर्षों तक केर्नी इंडिया (Kearney India) के एमडी और कंट्री हेड रहे।
  • केर्नी के वैश्विक निदेशक मंडल (Global Board of Directors) में दो बार चुने गए, इस पद के लिए चुने जाने वाले एकमात्र भारतीय।
  • HPCL, इंडियन ऑयल (IOC), BPCL, GAIL और अन्य प्रमुख कंपनियों के सलाहकार रहे।

शैक्षणिक योग्यता

  • रासायनिक अभियांत्रिकी (Chemical Engineering) में स्नातक – पंजाब विश्वविद्यालय।
  • प्रबंधन में स्नातकोत्तर (MBA)भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), अहमदाबाद।

तेल और गैस उद्योग में प्रमुख योगदान

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) में

  • पांच वर्षीय डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जिससे कंपनी को “सर्वश्रेष्ठ डिजिटल ऑयल कंपनी” का पुरस्कार मिला।
  • पेट्रोकेमिकल्स, गैस और संबंधित क्षेत्रों में विभिन्न रणनीतिक परियोजनाओं का संचालन किया।
  • ध्रुव खुदरा परिवर्तन (Dhruva Retail Transformation), रिफाइनरी मेंटेनेंस ट्रांसफॉर्मेशन, और ल्यूब्स व्यवसाय लागत परिवर्तन का नेतृत्व किया।

हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) में

  • केंद्रीकृत खरीद कार्यालय (Centralized Procurement Office) की स्थापना, जिससे लागत में बचत और दक्षता बढ़ी।
  • पेट्रोकेमिकल विविधीकरण (Petrochemical Diversification) की रणनीति विकसित की।
  • BPCL के लिए नेट जीरो योजना (Net Zero Planning) तैयार की।

अन्य प्रमुख योगदान

  • NTPC के लिए कॉर्पोरेट योजना (Corporate Planning) लागू की।
  • टाटा पावर (Tata Power) के लिए विश्वसनीयता-केंद्रित रखरखाव (Reliability-Centered Maintenance) का नेतृत्व किया।
  • एक वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी के लिए 2 GW+ वाणिज्यिक और औद्योगिक विद्युत बिक्री का डिज़ाइन और निष्पादन किया।
सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? विकास कौशल HPCL के CMD नियुक्त
पद अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (CMD), HPCL
कार्यकाल 5 वर्षों की अवधि
पूर्ववर्ती राजनीश नारंग (अंतरिम CMD)
शिक्षा – बी.टेक (रासायनिक अभियांत्रिकी), पंजाब विश्वविद्यालय
– एमबीए, आईआईएम अहमदाबाद
उद्योग अनुभव 30+ वर्ष (ऊर्जा, तेल एवं गैस, और विद्युत क्षेत्र)
पूर्व भूमिकाएँ – प्रबंध निदेशक और कंट्री हेड, केर्नी इंडिया
– केर्नी के वैश्विक बोर्ड सदस्य
– HPCL, IOCL, BPCL, GAIL के सलाहकार
प्रमुख योगदान – इंडियन ऑयल (IOC) में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का नेतृत्व
– HPCL में पेट्रोकेमिकल विविधीकरण की रणनीति बनाई
– BPCL के लिए नेट जीरो योजना विकसित की
– NTPC के लिए कॉर्पोरेट योजना लागू की
– नवीकरणीय ऊर्जा में 2 GW+ व्यवसाय विस्तार का नेतृत्व

सुनील छेत्री ने संन्यास से वापसी की

भारतीय फुटबॉल के दिग्गज सुनील छेत्री ने 40 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय टीम में शानदार वापसी की है, उन्होंने पिछले वर्ष लिए गए संन्यास के फैसले को पलट दिया है। भारत के पूर्व कप्तान और सर्वकालिक शीर्ष गोल स्कोरर ने जून 2024 में कुवैत के खिलाफ वर्ल्ड कप क्वालिफायर के बाद संन्यास लिया था। हालांकि, मुख्य कोच मनोलो मार्क्वेज़ ने उन्हें 2027 एएफसी एशियन कप क्वालिफिकेशन अभियान के लिए वापस बुलाया है, यह मानते हुए कि उनकी उपस्थिति टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।

सुनील छेत्री: एक महान फुटबॉल करियर

करियर की मुख्य बातें

  • शुरुआत: 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू, भारत के लिए एकमात्र गोल किया।
  • भारत के सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी: 140 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
  • चौथे सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल स्कोरर (पुरुषों में): 90 से अधिक गोल, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनेल मेसी और अली डेई जैसे दिग्गजों के साथ स्थान।

क्लब करियर

  • अमेरिका और पुर्तगाल में खेल चुके हैं: कैनसस सिटी विजार्ड्स (यूएसए) और स्पोर्टिंग सीपी बी (पुर्तगाल) के लिए खेले।
  • भारत में अधिकतर समय बेंगलुरु एफसी के साथ बिताया।
  • 2009 में इंग्लैंड के क्वींस पार्क रेंजर्स क्लब से जुड़ने का मौका मिला, लेकिन वर्क परमिट नहीं मिलने के कारण रह गए।

सुनील छेत्री की वापसी क्यों?

  • भारत 2027 एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई करना चाहता है।
  • कोच मनोलो मार्क्वेज़ ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मनाकर टीम में वापस बुलाया।
  • भारत 19 मार्च को मालदीव और 25 मार्च को बांग्लादेश के खिलाफ अहम मैच खेलेगा।
  • छेत्री का अनुभव और नेतृत्व टीम के प्रदर्शन को मजबूती देगा।

भारतीय फुटबॉल के सामने चुनौतियां

  • भारत में अभी भी फुटबॉल को क्रिकेट की तुलना में कम समर्थन मिलता है।
  • पूर्व फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने भारत को फुटबॉल का “स्लीपिंग जायंट” कहा था।
  • अब तक भारत ने किसी प्रमुख वैश्विक टूर्नामेंट में नियमित भागीदारी नहीं की है।

Amul भारत में तीसरा सबसे वैल्युएबल ब्रांड बना

अमूल, भारत की प्रमुख डेयरी सहकारी संस्था, ने प्रतिष्ठित YouGov इंडिया वैल्यू रैंकिंग 2025 में तीसरा स्थान हासिल किया है, जिससे यह शीर्ष तीन में स्थान पाने वाला एकमात्र FMCG ब्रांड बन गया है। यह अमेज़न और फ्लिपकार्ट के साथ खड़ा है, जो इसके उपभोक्ता विश्वास और किफायती मूल्य प्रस्ताव को दर्शाता है। यह उपलब्धि अमूल के सहकारी मॉडल की ताकत को दर्शाती है, जो किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करता है और भारतीय परिवारों को उच्च गुणवत्ता वाले, किफायती डेयरी उत्पाद प्रदान करता है।

रैंकिंग की प्रमुख बातें

YouGov इंडिया वैल्यू रैंकिंग 2025 में अमूल की स्थिति

  • भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांडों में तीसरा स्थान
  • शीर्ष तीन में शामिल होने वाला एकमात्र FMCG ब्रांड
  • अमेज़न (1st) और फ्लिपकार्ट (2nd) के साथ प्रतिस्पर्धा में।

अमूल की सफलता के पीछे मुख्य कारण

  • मजबूत सहकारी मॉडल – लाखों किसानों का समर्थन और उचित मूल्य निर्धारण।
  • उच्च गुणवत्ता वाले और किफायती डेयरी उत्पाद – सभी उपभोक्ता वर्गों के लिए उपलब्ध।
  • उपभोक्ता विश्वास और ब्रांड निष्ठा – भारत में हर घर का पसंदीदा नाम।
  • निरंतर नवाचार और विस्तार – उत्पाद विविधीकरण और बाजार पहुंच में वृद्धि।

अलग-अलग उपभोक्ता वर्गों में अमूल का प्रदर्शन

  • टियर-2 शहरों में नंबर 1, और टियर-1 व टियर-3 शहरों में शीर्ष तीन में
  • पुरुष उपभोक्ताओं में तीसरा स्थान और महिला उपभोक्ताओं में दूसरा स्थान, जिससे इसकी व्यापक लोकप्रियता स्पष्ट होती है।

पहचान का महत्व

  • अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (2025) के अनुरूप यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण।
  • अमूल की भारत के सबसे विश्वसनीय डेयरी ब्रांड के रूप में विरासत को मजबूत करता है।
  • वैश्विक ब्रांडों के बीच प्रतिस्पर्धा के बावजूद, अमूल की FMCG उद्योग में अग्रणी स्थिति को बनाए रखता है।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? अमूल को YouGov इंडिया वैल्यू रैंकिंग 2025 में भारत का तीसरा सबसे मूल्यवान ब्रांड घोषित किया गया
रैंकिंग भारत का तीसरा सबसे मूल्यवान ब्रांड
सर्वेक्षण द्वारा आयोजित YouGov इंडिया
शीर्ष 3 ब्रांड 1. अमेज़न, 2. फ्लिपकार्ट, 3. अमूल
मुख्य ताकतें सहकारी मॉडल, किफायती मूल्य, गुणवत्ता, उपभोक्ता विश्वास
शहरों में प्रदर्शन टियर-2 में नंबर 1, टियर-1 और टियर-3 में शीर्ष 3 में
उपभोक्ता पसंद पुरुषों में तीसरा स्थान, महिलाओं में दूसरा स्थान
विशेष महत्व अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (2025) के दौरान मान्यता प्राप्त

राजनाथ सिंह बेंगलुरु में IAF के एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान का दौरा करने वाले पहले रक्षा मंत्री बने

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 9 मार्च 2025 को कर्नाटका के बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना (IAF) के एरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (IAM) का दौरा कर इतिहास रचा। वह इस संस्थान का दौरा करने वाले भारत के पहले रक्षा मंत्री बने। उनका यह दौरा भारत के रक्षा और उड्डयन क्षेत्रों में एरोस्पेस मेडिसिन की भूमिका को मान्यता देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

एरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (IAM) – एरोमेडिकल अनुसंधान का केंद्र
एरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (IAM) भारतीय वायुसेना के तहत एक प्रमुख संस्थान है, जो एरोस्पेस मेडिसिन के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए समर्पित है। यह संस्थान युद्धक पायलटों और अंतरिक्ष यात्रियों की शारीरिक और मानसिक भलाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्नत प्रशिक्षण सुविधाओं का निरीक्षण
श्री राजनाथ सिंह ने IAM की अत्याधुनिक प्रशिक्षण सिम्युलेटरों का निरीक्षण किया, जो भारतीय पायलटों की क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने निम्नलिखित सुविधाओं का दौरा किया:

  • डायनेमिक फ्लाइट सिम्युलेटर और हाई-परफॉर्मेंस ह्यूमन सेंट्रिफ्यूज: यह उपकरण पायलटों को अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बलों के तहत प्रशिक्षण देता है, जो हवाई युद्ध के दौरान सामना करना पड़ता है।
  • स्पैटियल डिसऑरिएंटेशन सिम्युलेटर: यह प्रणाली पायलटों को स्थानिक असमंजस के प्रभाव से निपटने के लिए प्रशिक्षित करती है।

स्पेस साइकोलॉजी अनुसंधान परियोजना की शुरुआत
दौरे के एक प्रमुख आकर्षण के रूप में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के तहत एक नया अनुसंधान परियोजना लॉन्च किया गया – ‘स्पेस साइकोलॉजी: चयन और व्यवहारिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन’। यह परियोजना भारतीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को तैयार करने के लिए काम करेगी।

एरोस्पेस मेडिसिन का महत्व
श्री राजनाथ सिंह ने IAM में अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए एरोस्पेस मेडिसिन के बढ़ते महत्व पर बल दिया:

  • पायलट सुरक्षा और सहनशक्ति सुनिश्चित करना: उच्च ऊंचाई पर चिकित्सा अनुसंधान नागरिक और सैन्य उड्डयन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • अंतरिक्ष को एक रणनीतिक क्षेत्र के रूप में देखना: उन्होंने अंतरिक्ष को आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में माना और कहा कि भारत को इस क्षेत्र में विशेषज्ञता विकसित करने की आवश्यकता है।

स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं में IAM का योगदान
रक्षा मंत्री ने IAM के स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं में योगदान की सराहना की, जिसमें विमान और हेलीकॉप्टरों की डिजाइन और विकास के लिए एरोमेडिकल परामर्श शामिल है।

एरोस्पेस क्षेत्र: राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास का भविष्य
अपने समापन भाषण में श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एरोस्पेस क्षेत्र अप्रत्याशित विकास की ओर बढ़ रहा है, जो भारत की तकनीकी प्रगति, राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति और आर्थिक विकास को आकार देगा। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण में एरोस्पेस प्रौद्योगिकियों और अंतरिक्ष अन्वेषण को प्रमुखता से रखने की बात की।

श्रेणी विवरण
समाचार में क्यों? रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 9 मार्च 2025 को बेंगलुरु स्थित एरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (IAM) का दौरा करने वाले पहले रक्षा मंत्री बने।
दौरे का उद्देश्य – पायलट प्रशिक्षण और एरोमेडिकल अनुसंधान में IAM की भूमिका को समझना।
– उन्नत एरोस्पेस प्रशिक्षण सुविधाओं का निरीक्षण।
– अंतरिक्ष साइकोलॉजी अनुसंधान परियोजना की शुरुआत।
निरीक्षित प्रमुख सुविधाएँ – डायनेमिक फ्लाइट सिम्युलेटर और हाई-परफॉर्मेंस ह्यूमन सेंट्रिफ्यूज: युद्धक पायलटों के लिए हाई-जी प्रशिक्षण।
– स्पैटियल डिसऑरिएंटेशन सिम्युलेटर: पायलटों को स्थानिक असमंजस के प्रभाव से निपटने के लिए प्रशिक्षित करता है।
नई अनुसंधान परियोजना शुरू की गई – शीर्षक: ‘स्पेस साइकोलॉजी: भारतीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए अंतरिक्ष यात्रियों और चयनित अंतरिक्ष यात्रियों का चयन और व्यवहारिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण’।
– उद्देश्य: ISRO के गगनयान कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष यात्रियों का मानसिक चयन और प्रशिक्षण।
एरोस्पेस मेडिसिन का महत्व – उच्च ऊंचाई की परिस्थितियों में पायलटों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
– अंतरिक्ष से संबंधित चिकित्सा चुनौतियों जैसे माइक्रोग्रैविटी और विकिरण के प्रभावों को संबोधित करता है।
– भारत को भविष्य में अंतरिक्ष और रक्षा के क्षेत्र में प्रगति के लिए तैयार करता है।
IAM का रक्षा में योगदान – विमान चालक दल मॉड्यूल डिज़ाइन के लिए एरोमेडिकल परामर्श।
– कॉकपिट एर्गोनॉमिक्स और पायलट सुरक्षा में सुधार।
– स्वदेशी विमान के विकास में समर्थन: ALH, LUH, LCH, LCA तेजस, और AMCA।
एरोस्पेस क्षेत्र का भविष्य – तकनीकी प्रगति, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद।
– भारत के ‘विकसित भारत’ 2047 के दृष्टिकोण में प्रमुख ध्यान केंद्र।
– उपग्रह प्रक्षेपण, अंतरग्रही मिशन और व्यावसायिक अंतरिक्ष सेवाओं में विस्तार।

पूर्व मंत्री और वरिष्ठ BJD नेता अनंत दास का 85 वर्ष की आयु में निधन

उच्च शिक्षा और उद्योग मंत्री रह चुके और बालासोर जिले से बीजू जनता दल (BJD) के वरिष्ठ नेता अनंत दास का भुवनेश्वर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे और लंबे समय से उम्र संबंधित बीमारियों से पीड़ित थे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अनंत दास का जन्म 28 अगस्त 1940 को भोगराई ब्लॉक के बालिम पंचायत के कूरथिया गांव में हुआ था। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि बहुत मजबूत थी। उन्होंने कला में स्नातकोत्तर किया और कानून की डिग्री भी प्राप्त की। सार्वजनिक सेवा के प्रति उनके जुनून ने उन्हें ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और बाद में राजनीति में प्रवेश किया।

प्रशासनिक सेवाओं में करियर

राजनीति में प्रवेश करने से पहले, अनंत दास ने ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) में शानदार करियर बनाया। उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिनमें शामिल थे:

  • बालासोर नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी
  • राज्य चुनाव आयोग के उप सचिव
  • राजस्व और पंचायती राज विभागों के उप सचिव
  • भद्रक के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM)

उनका व्यापक प्रशासनिक अनुभव ने उन्हें सरकार के कार्यप्रणाली को गहरे से समझने में मदद की, जिसका लाभ उन्हें बाद में राजनीति में मिला।

राजनीति में प्रवेश और विधानसभा करियर

सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद, दास ने भोगराई विकास परिषद की स्थापना की, जो भोगराई और आस-पास के क्षेत्रों के विकास के लिए समर्पित एक संगठन था। क्षेत्रीय विकास के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें सक्रिय राजनीति में शामिल होने के लिए प्रेरित किया, और उन्होंने बीजू जनता दल (BJD) का सदस्यता ग्रहण की।

अनंत दास ने 2004 के ओडिशा विधान सभा चुनावों में भोगराई निर्वाचन क्षेत्र से BJD के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने 2009, 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की और चार बार विधायक के रूप में सेवा की।

उनकी कार्यकाल के दौरान, उन्होंने बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा, और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया, जिससे उनके निर्वाचन क्षेत्र में जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।

मंत्रिस्तरीय और विधायक भूमिका

अनंत दास ने नवीन पटनायक की सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने जो प्रमुख पद धारण किए उनमें शामिल थे:

  • ओडिशा विधानसभा में BJD के मुख्य सचेतक (2014-2017) – इस भूमिका में वह विधायी कार्यवाहियों का प्रबंधन और पार्टी अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार थे।
  • उच्च शिक्षा और उद्योग मंत्री (2017-2019) – उनके कार्यकाल में ओडिशा में शिक्षा क्षेत्र और औद्योगिक नीतियों में कई सुधार हुए।

मंत्री के रूप में, दास ने उच्च शिक्षा, कौशल विकास, और ओडिशा में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाई। वह शिक्षा और रोजगार के अवसरों के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखते थे।

जस्टिस बागची बने सुप्रीम कोर्ट में नए जज

केंद्र सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची, को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की औपचारिक घोषणा की है। यह घोषणा केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से की, जिसमें बताया गया कि यह नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से परामर्श के बाद की गई है।

यह नियुक्ति विशेष महत्व रखती है क्योंकि न्यायमूर्ति बागची 2031 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने के लिए अग्रणी हैं, जो न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन का स्थान लेंगे। उनका उन्नयन उनकी योग्यता, ईमानदारी और क्षमता का प्रमाण है, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम ने इस सिफारिश को बनाने से पहले प्रमुख कारकों के रूप में ध्यान में रखा।

सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश और चयन प्रक्रिया

सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम, जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कर रहे हैं, ने 6 मार्च 2025 को न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची के सर्वोच्च न्यायालय में उन्नयन की सिफारिश की। कॉलेजियम ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा कि उसने उन उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और वरिष्ठ न्यायधीशों के नामों पर विचार किया जो सर्वोच्च न्यायालय में उन्नयन के लिए पात्र थे।

कॉलेजियम ने कई कारकों पर विचार किया, जिनमें शामिल थे:

  • योग्यता
  • ईमानदारी
  • क्षमता
  • विविधता, प्रतिनिधित्व और विभिन्न कानूनी क्षेत्रों में अनुभव

इन कारकों का मूल्यांकन करने के बाद, कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति बागची की सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति की सिफारिश की, उनके विशाल कानूनी अनुभव और भारतीय न्यायपालिका में उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची का न्यायिक करियर और अनुभव

  • प्रारंभिक करियर और उच्च न्यायालय में नियुक्ति: न्यायमूर्ति बागची को 27 जून 2011 को कलकत्ता उच्च न्यायालय का न्यायधीश नियुक्त किया गया। वर्षों में, उन्होंने संवैधानिक कानून, अपराध कानून, नागरिक कानून और वाणिज्यिक मुकदमे जैसे विभिन्न कानूनी क्षेत्रों में गहरा अनुभव प्राप्त किया।

  • आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरण: न्यायमूर्ति बागची को 4 जनवरी 2021 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया, जहां उन्होंने क्षेत्रीय कानूनी मामलों में कार्य किया। बाद में 8 नवंबर 2021 को उन्हें फिर से कलकत्ता उच्च न्यायालय में वापस भेज दिया गया।

  • कार्यकाल और कानूनी योगदान: 13 से अधिक वर्षों तक उच्च न्यायालय के न्यायधीश के रूप में सेवा देने के बाद, न्यायमूर्ति बागची ने कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके निर्णयों में संवैधानिक सिद्धांतों की गहरी समझ, न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और बुनियादी अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया गया।

न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची का भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने का रास्ता

न्यायमूर्ति बागची की सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति ऐतिहासिक है, क्योंकि वह 2031 में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनने के लिए अग्रणी हैं। न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन के 25 मई 2031 को सेवानिवृत्त होने के बाद, न्यायमूर्ति बागची वरिष्ठतम न्यायधीश होंगे, जिन्हें CJI बनने का अवसर मिलेगा।

मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति: न्यायमूर्ति बागची का कार्यकाल 2031 से अक्टूबर 2, 2031 तक रहेगा, जो उन्हें भारतीय न्यायपालिका पर महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ने का अवसर देगा।

कैलकत्ता उच्च न्यायालय से एक दशक बाद एक नया मुख्य न्यायाधीश: न्यायमूर्ति बागची की मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति से पहले, कैलकत्ता उच्च न्यायालय से आखिरी CJI न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर थे, जो 29 सितंबर 2012 से 18 जुलाई 2013 तक CJI रहे थे।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने ग्रिडकॉन 2025 का उद्घाटन किया

भारत के पावर ग्रिड को मजबूत करने और नवीनीकरण ऊर्जा के समाकलन में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल ने 9 मार्च 2025 को ‘GRIDCON 2025’ का उद्घाटन किया। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी दिल्ली के द्वारका स्थित IICC, यशोभूमी में आयोजित की गई। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री श्रीपद यसो नाइक भी मौजूद थे।

GRIDCON 2025: पावर सेक्टर के विशेषज्ञों का वैश्विक संगम

इस उद्घाटन समारोह में पावर सेक्टर के प्रमुख पेशेवरों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें 2,000 से अधिक सम्मेलन प्रतिनिधि, 150 तकनीकी पेपर, 150 प्रदर्शनी कंपनियां और 30 देशों के प्रतिनिधि शामिल थे।

GRIDCON 2025 का केंद्रीय विषय और उद्देश्य

GRIDCON 2025 का मुख्य विषय “ग्रिड रेजिलिएंस में नवाचार” है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के समाकलन, ग्रिड स्थिरता, स्मार्ट एसेट प्रबंधन, और पावर सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान करना है ताकि वे विचारों का आदान-प्रदान कर सकें और पावर ग्रिड के भविष्य के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा कर सकें।

GRIDCON 2025 की प्रमुख विशेषताएँ

इस सम्मेलन और प्रदर्शनी में चार प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की गई:

  1. नवीकरणीय ऊर्जा समाकलन
    GRIDCON 2025 में बड़े पैमाने पर सौर, पवन, और जल ऊर्जा को राष्ट्रीय ग्रिड में समाहित करने के लिए समाधान और चुनौतियों पर चर्चा की गई। इसमें ऊर्जा भंडारण, ग्रिड संतुलन, और हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं पर जोर दिया गया।

  2. ग्रिड रेजिलिएंस और स्थिरता
    पावर डिमांड और आपूर्ति में बढ़ती जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए, ग्रिड को स्थिर और लचीला बनाए रखने के उपायों पर चर्चा की गई, जैसे एआई-आधारित प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस और डिजिटल समाधान।

  3. स्मार्ट एसेट प्रबंधन
    पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर की दक्षता और दीर्घायु बढ़ाने के लिए उन्नत विश्लेषण, डिजिटल ट्विंस, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का उपयोग किया गया।

  4. पावर सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
    एआई-आधारित ग्रिड संचालन, ब्लॉकचेन तकनीक, और स्मार्ट मीटरिंग जैसी डिजिटल तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

GRIDCON 2025 का भारत के ऊर्जा क्षेत्र में महत्व

GRIDCON 2025 जैसे आयोजन नीतियों और प्रौद्योगिकियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो भारत को एक निचले-कार्बन अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।

पहलू विवरण
खबर में क्यों? केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने 9 मार्च 2025 को IICC, यशोभूमि, द्वारका, नई दिल्ली में GRIDCON 2025 का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम ग्रिड रेजिलिएंस, नवीकरणीय ऊर्जा समाकलन, और पावर सेक्टर में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन पर केंद्रित है।
आयोजक पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (POWERGRID), मंत्रालय ऊर्जा के संरक्षण में, CIGRE इंडिया के सहयोग से।
आयोजन अवधि 9–11 मार्च 2025
प्रमुख विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित – श्री मनोहर लाल (केंद्रीय मंत्री, ऊर्जा एवं आवास) – श्री श्रीपद येसो नाइक (केंद्रीय राज्य मंत्री, ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा) – श्री आर.के. त्यागी (CMD, POWERGRID) – मंत्रालय ऊर्जा, POWERGRID और अन्य PSUs के वरिष्ठ अधिकारी
विषय “ग्रिड रेजिलिएंस में नवाचार”
प्रमुख ध्यान केंद्रित क्षेत्र – नवीकरणीय ऊर्जा समाकलन (ग्रिड संतुलन, हाइब्रिड परियोजनाएँ) – ग्रिड रेजिलिएंस और स्थिरता (AI-आधारित प्रेडिक्टिव मेंटेनेंस, स्वचालन) – स्मार्ट एसेट प्रबंधन (डिजिटल ट्विंस, IoT पावर सिस्टम में) – डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (AI, ब्लॉकचेन, स्मार्ट मीटरिंग)
सहभागिता – 2,000+ प्रतिनिधि – 150+ तकनीकी पेपर – 150+ प्रदर्शक – 30+ देशों के प्रतिनिधि
प्रदर्शनी प्रमुख बिंदु – अगली पीढ़ी की पावर ट्रांसमिशन प्रौद्योगिकियाँ – AI-आधारित ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली – ग्रीन हाइड्रोजन समाधान और ऊर्जा भंडारण नवाचार
भारत के लिए महत्व – ग्रिड आधुनिकीकरण के लिए नीति निर्माण – स्मार्ट ग्रिड प्रौद्योगिकियों में निवेश – ऊर्जा संचरण में AI और डिजिटल समाधानों का कार्यान्वयन

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