भारतीय फुटबॉल के दिग्गज सुनील छेत्री ने 40 वर्ष की उम्र में राष्ट्रीय टीम में शानदार वापसी की है, उन्होंने पिछले वर्ष लिए गए संन्यास के फैसले को पलट दिया है। भारत के पूर्व कप्तान और सर्वकालिक शीर्ष गोल स्कोरर ने जून 2024 में कुवैत के खिलाफ वर्ल्ड कप क्वालिफायर के बाद संन्यास लिया था। हालांकि, मुख्य कोच मनोलो मार्क्वेज़ ने उन्हें 2027 एएफसी एशियन कप क्वालिफिकेशन अभियान के लिए वापस बुलाया है, यह मानते हुए कि उनकी उपस्थिति टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी।
सुनील छेत्री: एक महान फुटबॉल करियर
करियर की मुख्य बातें
- शुरुआत: 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू, भारत के लिए एकमात्र गोल किया।
- भारत के सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाड़ी: 140 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेले।
- चौथे सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय गोल स्कोरर (पुरुषों में): 90 से अधिक गोल, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लियोनेल मेसी और अली डेई जैसे दिग्गजों के साथ स्थान।
क्लब करियर
- अमेरिका और पुर्तगाल में खेल चुके हैं: कैनसस सिटी विजार्ड्स (यूएसए) और स्पोर्टिंग सीपी बी (पुर्तगाल) के लिए खेले।
- भारत में अधिकतर समय बेंगलुरु एफसी के साथ बिताया।
- 2009 में इंग्लैंड के क्वींस पार्क रेंजर्स क्लब से जुड़ने का मौका मिला, लेकिन वर्क परमिट नहीं मिलने के कारण रह गए।
सुनील छेत्री की वापसी क्यों?
- भारत 2027 एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई करना चाहता है।
- कोच मनोलो मार्क्वेज़ ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मनाकर टीम में वापस बुलाया।
- भारत 19 मार्च को मालदीव और 25 मार्च को बांग्लादेश के खिलाफ अहम मैच खेलेगा।
- छेत्री का अनुभव और नेतृत्व टीम के प्रदर्शन को मजबूती देगा।
भारतीय फुटबॉल के सामने चुनौतियां
- भारत में अभी भी फुटबॉल को क्रिकेट की तुलना में कम समर्थन मिलता है।
- पूर्व फीफा अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने भारत को फुटबॉल का “स्लीपिंग जायंट” कहा था।
- अब तक भारत ने किसी प्रमुख वैश्विक टूर्नामेंट में नियमित भागीदारी नहीं की है।