अमूल, भारत की प्रमुख डेयरी सहकारी संस्था, ने प्रतिष्ठित YouGov इंडिया वैल्यू रैंकिंग 2025 में तीसरा स्थान हासिल किया है, जिससे यह शीर्ष तीन में स्थान पाने वाला एकमात्र FMCG ब्रांड बन गया है। यह अमेज़न और फ्लिपकार्ट के साथ खड़ा है, जो इसके उपभोक्ता विश्वास और किफायती मूल्य प्रस्ताव को दर्शाता है। यह उपलब्धि अमूल के सहकारी मॉडल की ताकत को दर्शाती है, जो किसानों को उचित मूल्य सुनिश्चित करता है और भारतीय परिवारों को उच्च गुणवत्ता वाले, किफायती डेयरी उत्पाद प्रदान करता है।
रैंकिंग की प्रमुख बातें
YouGov इंडिया वैल्यू रैंकिंग 2025 में अमूल की स्थिति
- भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांडों में तीसरा स्थान।
- शीर्ष तीन में शामिल होने वाला एकमात्र FMCG ब्रांड।
- अमेज़न (1st) और फ्लिपकार्ट (2nd) के साथ प्रतिस्पर्धा में।
अमूल की सफलता के पीछे मुख्य कारण
- मजबूत सहकारी मॉडल – लाखों किसानों का समर्थन और उचित मूल्य निर्धारण।
- उच्च गुणवत्ता वाले और किफायती डेयरी उत्पाद – सभी उपभोक्ता वर्गों के लिए उपलब्ध।
- उपभोक्ता विश्वास और ब्रांड निष्ठा – भारत में हर घर का पसंदीदा नाम।
- निरंतर नवाचार और विस्तार – उत्पाद विविधीकरण और बाजार पहुंच में वृद्धि।
अलग-अलग उपभोक्ता वर्गों में अमूल का प्रदर्शन
- टियर-2 शहरों में नंबर 1, और टियर-1 व टियर-3 शहरों में शीर्ष तीन में।
- पुरुष उपभोक्ताओं में तीसरा स्थान और महिला उपभोक्ताओं में दूसरा स्थान, जिससे इसकी व्यापक लोकप्रियता स्पष्ट होती है।
पहचान का महत्व
- अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (2025) के अनुरूप यह उपलब्धि और भी महत्वपूर्ण।
- अमूल की भारत के सबसे विश्वसनीय डेयरी ब्रांड के रूप में विरासत को मजबूत करता है।
- वैश्विक ब्रांडों के बीच प्रतिस्पर्धा के बावजूद, अमूल की FMCG उद्योग में अग्रणी स्थिति को बनाए रखता है।
सारांश/स्थिर विवरण | विवरण |
क्यों चर्चा में? | अमूल को YouGov इंडिया वैल्यू रैंकिंग 2025 में भारत का तीसरा सबसे मूल्यवान ब्रांड घोषित किया गया |
रैंकिंग | भारत का तीसरा सबसे मूल्यवान ब्रांड |
सर्वेक्षण द्वारा आयोजित | YouGov इंडिया |
शीर्ष 3 ब्रांड | 1. अमेज़न, 2. फ्लिपकार्ट, 3. अमूल |
मुख्य ताकतें | सहकारी मॉडल, किफायती मूल्य, गुणवत्ता, उपभोक्ता विश्वास |
शहरों में प्रदर्शन | टियर-2 में नंबर 1, टियर-1 और टियर-3 में शीर्ष 3 में |
उपभोक्ता पसंद | पुरुषों में तीसरा स्थान, महिलाओं में दूसरा स्थान |
विशेष महत्व | अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (2025) के दौरान मान्यता प्राप्त |