भारत ने रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) के साथ 248 मिलियन डॉलर का समझौता किया है, जिसके तहत भारतीय सेना के टी-72 युद्धक टैंकों के लिए 1,000 हॉर्सपावर (HP) इंजन खरीदे जाएंगे। यह अपग्रेड भारतीय सेना की युद्धक्षमता और गतिशीलता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, इस समझौते में तकनीक हस्तांतरण (ToT) भी शामिल है, जिससे भारतीय राज्य-स्वामित्व वाली बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (AVNL) इन इंजनों का स्थानीय उत्पादन कर सकेगी।
सौदे की मुख्य विशेषताएँ
1. समझौते का विवरण
- भारत ने 248 मिलियन डॉलर का रक्षा समझौता रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ किया।
- यह सौदा भारतीय सेना के टी-72 युद्धक टैंकों को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
2. टी-72 टैंकों का उन्नयन
- टी-72 टैंक 1970 के दशक में भारतीय सेना में शामिल किए गए थे और सेना की बख़्तरबंद टुकड़ी की रीढ़ माने जाते हैं।
- वर्तमान में सेना 2,500 टी-72 टैंकों का संचालन कर रही है, जिनमें 780 एचपी के इंजन लगे हैं।
- नए 1,000 एचपी इंजन पुराने इंजनों की जगह लेंगे, जिससे गतिशीलता और युद्धक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
3. तकनीक हस्तांतरण (ToT)
- रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट भारत की बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (AVNL) को तकनीक हस्तांतरित करेगी।
- AVNL भारत में इन इंजनों का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन करेगी।
- यह कदम “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहल को बढ़ावा देगा और स्थानीय रक्षा उत्पादन को मजबूत करेगा।
4. भारत-रूस रक्षा सहयोग
- रूस दशकों से भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूस की रक्षा निर्यात क्षमताओं पर प्रभाव पड़ा है, जिससे भारत पश्चिमी रक्षा आपूर्तिकर्ताओं की ओर भी देख रहा है।
- इसके बावजूद, रूस टैंकों और विमानों की तकनीक के क्षेत्र में भारत का प्रमुख रक्षा भागीदार बना हुआ है।
इस सौदे का महत्व
- भारतीय सेना की युद्ध क्षमता और रणनीतिक बढ़त में सुधार होगा।
- रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
- भारत-रूस रक्षा साझेदारी को मजबूती मिलेगी।
विषय | विवरण |
समाचार में क्यों? | भारत ने रूस के साथ $248 मिलियन का समझौता किया, जिससे टी-72 युद्धक टैंकों के लिए उन्नत इंजन खरीदे जाएंगे। |
सौदे की राशि | $248 मिलियन |
उद्देश्य | टी-72 टैंकों को 1,000 एचपी के उन्नत इंजनों से अपग्रेड करना |
वर्तमान इंजन क्षमता | 780 एचपी |
नया इंजन अपग्रेड | 1,000 एचपी |
भारतीय सेना में टी-72 टैंक | लगभग 2,500 |
तकनीक हस्तांतरण (ToT) | रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (रूस) से बख़्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (AVNL), भारत को |
भारत में उत्पादन | AVNL द्वारा लाइसेंस प्राप्त उत्पादन |
रणनीतिक महत्व | भारतीय सेना की युद्धक्षमता और गतिशीलता में वृद्धि |
भारत-रूस रक्षा संबंधों पर प्रभाव | रक्षा साझेदारी को मजबूती, हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत अन्य आपूर्तिकर्ताओं की ओर भी देख रहा है |