वायु सेना पूर्वोत्तर में पूर्वी आकाश अभ्यास करेगी

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भारतीय वायु सेना अपनी परिचालन तत्परता का आकलन करने के लिए बड़े पैमाने पर वायु अभ्यास प्रलय चलाएगी। महत्वपूर्ण अभ्यास भारत के पूर्वोत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास होगा, जिसमें वायु सेना की सभी महत्वपूर्ण इकाइयां शामिल होंगी।

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प्रमुख बिंदु

 

  • भारतीय वायु सेना विशाल कमांड-स्तरीय अभ्यास के लिए आने वाले दिनों में राफेल और सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमानों के साथ-साथ हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान और अन्य विमानों जैसे महत्वपूर्ण युद्धक संसाधनों को तैनात करेगी।
  • हाल ही में पूर्वोत्तर में स्थानांतरित किए गए ड्रोन स्क्वाड्रन भी इस अभ्यास में भाग लेंगे।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारतीय वायु सेना के ड्रोन स्क्वाड्रन की हालिया तैनाती ने सिलीगुड़ी और सिक्किम कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक कॉरिडोर के रूप में भी जाना जाता है। इन कॉरिडोर के साथ दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी करने की अपनी क्षमताओं को बढ़ाया है।

 

अभ्यास का आयोजन फरवरी के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले ‘पूर्वी आकाश’ नाम के एक अन्य वायु सेना अभ्यास की तैयारी के बीच हुआ है। भारतीय वायु सेना ने एक बयान में कहा, अभ्यास पूर्वी आकाश एक वार्षिक कमांड-स्तरीय अभ्यास है और COVID-19 महामारी के कारण दो साल के बाद आयोजित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में आयोजित होने वाले दोनों अभ्यास चल रहे सीमा तनाव के बीच भारत-चीन सीमा पर भारतीय वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों का परीक्षण करेंगे।

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बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए ‘ऑपरेशन अलर्ट’ अभ्यास का आयोजन किया

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बीएसएफ ने आगामी गणतंत्र दिवस के मद्देनजर गुजरात के कच्छ जिले से राजस्थान के बाड़मेर तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए शनिवार से ‘आपरेशन अलर्ट’ अभ्यास शुरू किया है। यह अभ्यास गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान ”राष्ट्र-विरोधी तत्वों के किसी भी नापाक मंसूबे को विफल करने” के लिए किया जा रहा है। ‘आपरेशन अलर्ट’ अभ्यास 28 जनवरी तक सर क्रीक (दलदली क्षेत्र) में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ गुजरात में कच्छ के रण और राजस्थान के बाड़मेर जिले तक जारी रहेगा। इसके तहत गहराई वाले क्षेत्रों के साथ-साथ खाड़ी और ‘हरामी नाला’ में विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर ने अपने इस अभियान को लेकर एक विज्ञप्ति जारी की। इसमें बल ने बताया है कि शनिवार से शुरू हुई यह कवायद गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान राष्ट्र-विरोधी तत्वों के किसी भी बुरे मंसूबे को बेकार करने के लिए की जा रही है। गौरतलब है कि ऑपरेशन अलर्ट अभ्यास 21 जनवरी को शुरू हुआ था और 28 जनवरी तक सर क्रीक (दलदली क्षेत्र) से भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ गुजरात में कच्छ के रण और राजस्थान के बाड़मेर जिले तक जारी रहेगा। बीएसएफ इस अभ्यास के तहत आगे और गहराई वाले क्षेत्रों के साथ-साथ खाड़ी और ‘हरामी नाला’ में विशेष अभियान चलाएगा।

 

गौरतलब है कि गुजरात में कच्छ जिले से लगती भारत-पाक सीमा बेहद संवेदनशील है। पूर्व में इस सीमा पर कई पाकिस्तानी मछुआरे भारतीय जल क्षेत्र में मछली पकड़ने के लिए नावों सहित पकड़े गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बीएसएफ ने 2022 में गुजरात के इस क्षेत्र से 22 पाकिस्तानी मछुआरों को पकड़ा है। इसके साथ ही मछली पकड़ने की 79 नावें और 250 करोड़ रुपये की हेरोइन और 2.49 करोड़ रुपये की चरस जब्त की है।

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मशहूर आर्किटेक्चर और पद्म भूषण से सम्मानित बालकृष्ण दोशी का निधन

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प्रतिष्ठित प्रित्जकर पुरुस्कार के विजेता और मशहूर आर्केिटेक्ट बालकृष्ण दोशी (Balkrishna Doshi) का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की खबर साझा करते हुए आर्किटेक्टर डाइजेस्ट ऑफ इंडिया ने इंस्टाग्राम पर लिखा “रुप और प्रकाश के मास्टर दोशी ने एक अमित विरासत छोड़ी है। एक प्यार करने वाला पति, पिता, दादा, परदादा और इस देश के लोगों के लिए एक सच्ची प्रेरणा। वास्तुकला, कला, जीवन, संस्कृति और दर्शन में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”

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मशहूर आर्किटेक्ट बालकृष्ण दोशी को मई 2022 में रॉयल गोल्ड से सम्मानित किया गया था। बीवी दोशी उस कुछ चुनिंदा लोगों में से थे जिन्हें गोल्ड मेडल और प्रित्जकर आर्किटेक्चर पुरस्कार दोनों से सम्मानित किया गया था। जिसे वास्तुकला के क्षेत्र में नोबल भी कहा जता है। उन्हें अहमदाबाद की कुछ सबसे प्रतिष्ठित इमारतों को डिजाइन करने का भी गौरव हासिल है।

 

कौन हैं बालकृष्ण दोशी’

बालकृष्ण दोशी का जन्म 1927 को महाराष्ट्र के पुणे में फर्नीचर बनाने वाले परिवार में हुआ था। जेजे स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर से पढ़ाई करने वाले दोशी ने ले कॉर्बूसियर के साथ पेरिस में एक सीनियर डिजाइनर के रुप में लगभग 4 सालों कर काम किया। उन्होंने गुजरात और अहमदाबाद में कई प्रोजेक्ट को भी लीड किया है। दोशी ने इंडियन मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट अहमदाबाद के निर्णाण प्रोजेक्ट में एक सहयोगी के रुप में लुइस कान के साथ काम किया है।

इसके बाद साल 2018 में, उन्हें वास्तुकला के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माना जाने वाला प्रित्जकर आर्किटेक्चर पुरस्कार मिला, जो सम्मान प्राप्त करने वाले पहले भारतीय वास्तुकार बन गए। इसके बाद साल 2020 में उन्हें भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

उन्होंने अहमदाबाद में इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, सीईपीटी यूनिवर्सिटी और कनोरिया सेंटर फॉर आर्ट्स, बैंगलोर में भारतीय प्रबंधन संस्थान और इंदौर में निम्न से मध्यम आय वाले परिवारों के लिए एक टाउनशिप अरन्या लो कॉस्ट हाउसिंग जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया। उनके कामों के लिए 1995 में उन्हें वास्तुकला के लिए प्रतिष्ठित आगा खान पुरस्कार से नवाजा गया था।

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हिमाचल प्रदेश ने मनाया अपना 53वां स्थापना दिवस, सीएम ने राज्य की जनता को दी बधाई

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हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी 2023 को पूरे राज्य में अपना 53वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मना रहा है। 1971 में इसी दिन हिमाचल प्रदेश भारत का 18वां राज्य बना था। पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह हमीरपुर जिले में आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और विभिन्न टुकड़ियों द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट की सलामी ली।

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प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य के पहले मुख्यमंत्री डॉ. वाई.एस. परमार के कुशल नेतृत्व में राज्य के लोगों के निरंतर प्रयासों से पूर्ण राज्य का दर्जा संभव हो पाया है।
  • उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य की विकास यात्रा में लोगों के योगदान को याद करते हुए बताया कि वर्तमान राज्य सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है.
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हिमाचल प्रदेश के लोगों को उसके 53वें स्थापना दिवस पर बधाई दी।

 

हिमाचल प्रदेश का इतिहास

  • सिंधु घाटी सभ्यता के लोग 2250 और 1750 ईसा पूर्व के बीच हिमाचल प्रदेश के आधुनिक राज्य की तलहटी के पास रहते थे।
  • प्रागैतिहासिक युग के दौरान कोली, हाली, साही, धौगरी, दासा, खासा, कनौरा और किराता जैसी जनजातियाँ यहाँ रहती थीं।
  • सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान मूल आवास कोल और मुंडा थे, उसके बाद भोटा और किरात थे।
  • वैदिक काल के दौरान जनपद के रूप में जाने जाने वाले कई छोटे गणराज्यों को बाद में गुप्त साम्राज्य ने जीत लिया था।
  • राजा हर्षवर्धन के पास बाद में इस क्षेत्र की शक्ति थी और उन्होंने इसे सरदारों के नेतृत्व वाली कई स्थानीय शक्तियों और कुछ राजपूत रियासतों में विभाजित किया।
  • इस क्षेत्र ने बड़ी मात्रा में स्वतंत्रता का आनंद लिया और दिल्ली सल्तनत द्वारा कई बार आक्रमण किया गया।
  • 11वीं शताब्दी के प्रारंभ में महमूद गजनवी ने कांगड़ा पर अधिकार कर लिया। बाद में, तैमूर और सिकंदर लोदी ने राज्य की निचली पहाड़ियों को जीत लिया और कई किलों पर कब्जा कर लिया।
  • स्वतंत्रता के बाद, पश्चिमी हिमालय के प्रांतों में 28 छोटी रियासतों के एकीकरण के परिणामस्वरूप 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश के मुख्य आयुक्त प्रांत का गठन किया गया था।
  • हिमाचल प्रदेश आदेश, 1948 के तहत अतिरिक्त प्रांत क्षेत्राधिकार अधिनियम 1947 की धारा 3 और 4 के तहत, इन राज्यों को शिमला पहाड़ी राज्यों और चार पंजाब दक्षिणी पहाड़ी राज्यों के रूप में जाना जाता था।
  • 1 जुलाई, 1954 को बिलासपुर राज्य को हिमाचल प्रदेश और बिलासपुर अधिनियम 1954 के तहत हिमाचल प्रदेश में मिला दिया गया था।
  • 26 जनवरी 1950 को जब भारत का संविधान लागू हुआ, तो हिमाचल एक पार्ट सी राज्य बन गया।
  • 1 नवंबर 1956 को हिमाचल प्रदेश एक केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
  • हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम 18 दिसंबर 1970 को संसद द्वारा पारित किया गया था और नया राज्य 25 जनवरी 1971 को अस्तित्व में आया।

 

हिमाचल प्रदेश के बारे में

 

हिमाचल प्रदेश भारत के उत्तरी भाग में स्थित है और पश्चिमी हिमालय में स्थित है। यह भारत के उन तीन पर्वतीय राज्यों में से एक है, जहाँ चरम परिदृश्य, कई चोटियाँ और नदी प्रणालियाँ हैं। यह जम्मू और कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है।

हिमाचल प्रदेश को आम तौर पर देव भूमि या भगवान की भूमि और वीर भूमि के रूप में जाना जाता है जिसका अर्थ है भारत में बहादुरों की भूमि। हिमाचल प्रदेश की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान के लिए कृषि, बागवानी, जल विद्युत और पर्यटन का अभ्यास करती है।

 

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देश का सर्विस एक्सपोर्ट चालू वित्त वर्ष में 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को पार करेगा

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दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद निर्यात के मोर्चे पर भारत का सेवा क्षेत्र काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में देश से सेवाओं का निर्यात करीब 20 फीसदी बढ़कर 300 अरब डॉलर के लक्ष्य के पार पहुंच जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वस्तु निर्यात क्षेत्र भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर रहा है। वैश्विक मंदी की आशंका, महंगाई के दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अब तक अच्छा रहा है।

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वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 के पहले नौ महीने यानी अप्रैल-दिसंबर अवधि में 235.81 अरब डॉलर के सेवाओं का निर्यात किया गया। 2021-22 की समान अवधि में यह आंकड़ा 184.65 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, दिसंबर, 2022 में देश का निर्यात 12.2 फीसदी घटकर 34.48 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 23.76 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।

 

वैश्विक मंदी को मात दे रहा भारत

दुनिया में मंदी, मुद्रास्फीतिक दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अच्छा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल कहा कि वस्तुओं के निर्यात की बात की जाए, तो यह क्षेत्र भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन सब दबावों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर 2022 में देश का निर्यात 9% बढ़ा है।

 

‘मेक इन इंडिया’ का दिख रहा असर

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल परिस्थितियों तथा दुनिया के प्रत्येक हिस्से से दबाव की खबरों के बीच कुल मिलाकर यह एक बहुत ही संतोषजनक साल होगा।’’ उन्होंने कहा कि सरकार के संरचनात्मक सुधारों तथा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसे कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं।

 

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बनवारी लाल पुरोहित ने चंडीगढ़ में उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना का उद्घाटन किया

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चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने हाल ही में उत्तर भारत की 2000 केडब्ल्यूपी की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना का उद्घाटन किया। सेक्टर 39 में वाटर वर्क्‍स में 2000 केडब्ल्यूपी का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट 11.70 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया है। उन्होंने धनास झील के ऊपर स्थापित 500 केडब्ल्यूपी के तैरते सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया। इसका निर्माण 3.34 करोड़ रुपये की लागत से किया गया।

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, दोनों परियोजनाओं को क्रेस्ट (चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी) द्वारा डिजाइन और निष्पादित किया गया है और 20 प्रतिशत मॉड्यूल दक्षता के साथ प्रति वर्ष न्यूनतम 35 लाख यूनिट (केडब्ल्यूएच) उत्पन्न करेगा।

 

प्रशासक ने धनास झील को फव्वारों से विकसित करने और इसे एक और पर्यटन स्थल बनाने के लिए क्रेस्ट और वन और वन्यजीव विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने निवासियों से यह भी आग्रह किया कि वह अपने भवनों की छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करें ताकि सौर ऊर्जा का दोहन किया जा सके।

 

चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने सोलर प्लांट के साथ-साथ फव्वारों के चालू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की, जिन्होंने न केवल झील को सुशोभित किया है बल्कि सौर ऊर्जा के दोहन की आवश्यकता पर जागरूकता पैदा करने में भी मदद की है। प्रशासक के सलाहकार धरम पाल ने अनूठी फ्लोटिंग परियोजनाओं के उद्घाटन पर क्रेस्ट के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इस गति से चंडीगढ़ भारत सरकार के भविष्य में 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा बनने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

 

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एयू बैंक ने क्रेडिट कार्ड ऑफरिंग प्लेटफॉर्म स्वाइपअप लॉन्च किया

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एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, भारत का सबसे बड़ा स्मॉल फाइनेंस बैंक, ने क्रेडिट कार्ड उद्योग में अपनी तरह का पहला प्लेटफॉर्म – स्वाइपअप प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की घोषणा की। इस प्लेटफॉर्म के साथ, एयू बैंक अन्य बैंक क्रेडिट कार्डधारकों को अपने कार्ड को एयू क्रेडिट कार्ड में से एक में अपग्रेड करने का अवसर प्रदान करेगा। बैंक ने 2-3 सेकंड के भीतर ग्राहकों के मौजूदा क्रेडिट कार्ड की तुलना करने के लिए एक मंच प्रदान किया है। इसके बाद, मिनटों के भीतर वे क्रेडिट लिमिट, कैशबैक, रिवार्ड पॉइंट्स को त्वरित एंड-टू-एंड डिजिटल प्रक्रिया के साथ अपग्रेड कर सकते हैं ताकि कार्ड उनकी वर्तमान जीवन शैली से मेल खा सके।

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इस प्लेटफॉर्म के बारे में अधिक जानकारी:

 

स्वाइपअप प्लेटफॉर्म में जारी किए गए क्रेडिट कार्ड एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक द्वारा पेश किए जाने वाले मौजूदा क्रेडिट कार्ड से अलग हैं। जबकि कार्ड की नई रेंज ग्राहकों को उच्च मूल्य प्रस्ताव प्रदान करती है, कार्ड प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल है जो बेहतर वातावरण की दिशा में एक और कदम है।

 

इस मंच का महत्व:

 

स्वाइपअप प्लेटफॉर्म मुख्य रूप से उन ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनके पास किसी अन्य बैंक का क्रेडिट कार्ड है और वे अपनी वर्तमान जीवनशैली से मेल खाते हुए अपग्रेडेड क्रेडिट कार्ड से लाभ उठा सकते हैं। अन्य बैंकों के क्रेडिट कार्ड धारक अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड का विवरण प्रदान कर सकते हैं और 2-3 सेकंड के भीतर एयू क्रेडिट कार्ड की उन्नत श्रेणी के लिए अपनी पात्रता की जांच कर सकते हैं। इन कार्डों में उच्च क्रेडिट सीमा, उच्च कैशबैक, बेहतर रिवार्ड पॉइंट्स, शून्य सदस्यता शुल्क और कई अन्य सुविधाएँ होंगी जो उनके मौजूदा क्रेडिट कार्ड से अपग्रेड हैं।

 

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:

 

  • एयू लघु वित्त बैंक मुख्यालय: जयपुर, राजस्थान;
  • एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के एमडी और सीईओ: संजय अग्रवाल;
  • एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के अध्यक्ष: राज विकास वर्मा।

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अमेरिका भविष्य के मंगल अभियानों के लिए परमाणु इंजन का परीक्षण करेगा

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संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि देश 2027 तक परमाणु विखंडन से संचालित एक अंतरिक्ष यान इंजन का परीक्षण करने की योजना बना रहा है, जो मंगल ग्रह पर मानवयुक्त यात्रा सहित लंबी दूरी के मिशन के लिए महत्वपूर्ण प्रगति है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने कहा कि परमाणु थर्मल प्रणोदन इंजन विकसित करने और इसे अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए नासा अमेरिकी सेना की रक्षा उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी (डीएआरपीए) के साथ साझेदारी करेगी।

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परियोजना का नाम:

 

इस परियोजना को एजाइल सिसलूनर ऑपरेशंस या ड्रेको के लिए प्रदर्शन रॉकेट नाम दिया गया है।

 

इस विकास का महत्व:

 

इस नई तकनीक की मदद से, अंतरिक्ष यात्री गहरे अंतरिक्ष में पहले से कहीं ज्यादा तेजी से यात्रा कर सकते हैं – मंगल ग्रह पर चालक दल के मिशन के लिए तैयार करने की एक प्रमुख क्षमता। परमाणु तापीय रॉकेट का उपयोग तेजी से पारगमन समय की अनुमति देता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए जोखिम कम हो जाता है।

अंतरिक्ष यात्रा के अन्य लाभों में बढ़ी हुई विज्ञान पेलोड क्षमता और उपकरण और संचार के लिए उच्च शक्ति शामिल है।

एक परमाणु तापीय रॉकेट इंजन में, अत्यधिक उच्च तापमान उत्पन्न करने के लिए एक विखंडन रिएक्टर का उपयोग किया जाता है। इंजन रिएक्टर द्वारा उत्पादित गर्मी को एक तरल प्रणोदक में स्थानांतरित करता है, जो अंतरिक्ष यान को आगे बढ़ाने के लिए नोजल के माध्यम से विस्तारित और समाप्त हो जाता है। परमाणु थर्मल रॉकेट परंपरागत रासायनिक प्रणोदन से तीन या अधिक गुना अधिक कुशल हो सकते हैं।

 

कैसे काम करेगा परमाणु प्रणोदन:

  • न्यूक्लियर प्रोपल्शन दो अवधारणाओं न्यूक्लियर-थर्मल प्रोपल्शन (NTP) और न्यूक्लियर-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (NEP) पर आधारित है।
  • NTP प्रणाली में एक परमाणु रिएक्टर शामिल है जो तरल हाइड्रोजन (LH2) प्रणोदक को गर्म करेगा और इसे आयनित हाइड्रोजन गैस (प्लाज्मा) में बदल देगा जिसे फिर प्रणोद उत्पन्न करने के लिए नलिका के माध्यम से प्रवाहित किया जाएगा।
  • एनईपी हॉल-इफेक्ट थ्रस्टर (आयन इंजन) को बिजली प्रदान करने के लिए परमाणु रिएक्टर पर निर्भर करता है।
  • यह एक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करेगा जो जोर पैदा करने के लिए एक अक्रिय गैस (उदाहरण के लिए क्सीनन) को आयनित और तेज करेगा।
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2020 में जैविक खेती के विस्तार में शीर्ष 3 देशों में भारत

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भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में से एक के रूप में उभरा है जहां 2020 में जैविक कृषि के तहत क्षेत्र में अधिकतम विस्तार हुआ है। 2020 में वैश्विक स्तर पर जैविक खेती के तहत कुल वृद्धि 3 मिलियन हेक्टेयर (mh) थी। जिसमें से अर्जेंटीना 7,81,000 हेक्टेयर (21 प्रतिशत की वृद्धि) के लिए जिम्मेदार है, इसके बाद उरुग्वे 5,89,000 हेक्टेयर (28 प्रतिशत) और भारत 3,59,000 हेक्टेयर में है।

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इस विकास के बारे में अधिक:

 

जैविक खेती के तहत दुनिया के कुल 74.9 मिलियन घंटे में, ऑस्ट्रेलिया में सबसे अधिक 35.7 मिलियन घंटे हैं। जबकि भारत में 2.8 एमएच है। इसके विपरीत, दुनिया के कुल 34 लाख जैविक उत्पादकों में से, भारत में 16 लाख किसान प्रमाणित जैविक खेती कर रहे हैं।

 

कृषक समुदाय के लिए सहायता:

 

प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय मिशन (NMNF) बनाने के लिए कृषि मंत्रालय की ₹2,481-करोड़ की योजना को अभी तक कैबिनेट द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है। यह परियोजना चालू वित्त वर्ष से 2025-26 तक चलने वाली है, जिसका लक्ष्य 7.5 लाख हेक्टेयर में गैर-रासायनिक प्राकृतिक खेती करने के लिए 7.5 लाख किसानों को साथ लाना है। योजना के तहत किसानों को अधिकतम ₹15,000/हेक्टेयर (2025-26 तक) मिलेंगे, जो प्राकृतिक खेती में परिवर्तन से होने वाली किसी आय हानि पर निर्भर करेगा।

 

जैविक खेती क्या है:

 

  • जैविक खेती एक प्रकार की कृषि या खेती है जो सिंथेटिक उर्वरकों, कीटनाशकों, विकास नियामकों और पशुधन फ़ीड योजकों के उपयोग से बचती है।
  • जैविक खेती प्रणालियां फसल चक्रण, फसल अवशेष, पशु खाद, फलियां, हरी खाद, ऑफ-फार्म जैविक अपशिष्ट और जैव उर्वरक, मिट्टी की उत्पादकता बनाए रखने के लिए खनिज युक्त चट्टानों आदि पर निर्भर करती हैं।

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ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुआ RRR का गाना Naatu Naatu

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एसएस राजामौली की फिल्म RRR ने ऑस्कर नॉमिनेशन में जगह बना ली है। मूवी का सॉन्ग नाटू-नाटू ऑफिशियल तौर पर बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग कैटेगरी में ऑस्कर की रेस में शामिल हो गया है। गोल्डन ग्लोब्स और क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड्स में जीत के बाद फिल्म ने आधिकारिक रूप से अकादमी पुरस्कारों की दौड़ में प्रवेश कर लिया। इससे पहले नाटू-नाटू को बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग श्रेणी के लिए ग्लोडन ग्लोब मिला था। गीत ने उसी श्रेणी में क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड भी जीता।

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यदि RRR ऑस्कर जीतती है तो यह भारतीय फिल्म उद्योग के लिए सबसे सुनहरा पल होगा। पहला ऑस्कर किसी भारतीय कलाकार को कॉस्ट्यूम डिजाइनिंग के लिए दिया गया था। भानु अथैया ने ऐतिहासिक फिल्म ‘गांधी’ में कॉस्ट्यूम डिजाइन करने के लिए ऑस्कर जीता है। 2009 में भारत में बनी ब्रिटिश मूवी ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ ने 4 ऑस्कर जीते।

 

स्लमडॉग मिलियनेयर में म्यूजिक देने वाले संगीतकार एकआर रहमान ने सर्वश्रेष्ठ मूल गीत और सर्वश्रेष्ठ मूल संगीत के लिए ऑस्कर जीता। आरआरआर फिल्म में राम चरण और जूनियर एनटीआर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म मे 1200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। मूवी में आलिया भट्टा, अजय देवगन और श्रिया सरन भी हैं।

 

डॉक्यूमेंट्री फिल्मों ने मारी बाजी

 

इसके अलावा शॉनक सेन की डॉक्यूमेंट्री ‘ऑल दैट ब्रीथ्स’ ऑस्कर अवॉर्ड्स में नॉमिनेट हुई है। वहीं गुनीत मोंगी की द एलिफेंट व्हिस्पर्स डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म के लिए नॉमिनेट हुई है।

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