विश्व खाद्य भारत 2025 नई दिल्ली में शुरू होगा

भारत 25 से 28 सितम्बर, 2025 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में चौथे संस्करण के वर्ल्ड फ़ूड इंडिया (WFI) की मेज़बानी करेगा। यह प्रतिष्ठित वैश्विक सम्मेलन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। इसका उद्देश्य है—वैश्विक निवेश आकर्षित करना, भारत की खाद्य विविधता को प्रदर्शित करना और सतत खाद्य प्रणालियों में भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाना।

वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2025 : मुख्य बिंदु

  • थीम : सस्टेनेबिलिटी, इनोवेशन और इन्क्लूसिविटी

  • तिथियाँ : 25 से 28 सितम्बर 2025

  • स्थान : भारत मंडपम, नई दिल्ली

  • उद्घाटन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

  • आयोजक : खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

वैश्विक भागीदारी

  • 1700+ प्रदर्शक

  • 500+ अंतर्राष्ट्रीय खरीदार

  • 100+ देश प्रतिनिधित्व करेंगे

  • सहभागी देश (Partner Countries) : न्यूज़ीलैंड, सऊदी अरब

  • फ़ोकस देश (Focus Countries) : रूस, यूएई, जापान, वियतनाम

  • 21 भारतीय राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी

  • 10 केंद्रीय मंत्रालय शामिल

उद्देश्य व संदेश

  • किसानों की आय दोगुनी करना

  • फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना

  • कृषि स्टार्टअप्स और उद्यमिता को बढ़ावा देना

  • जलवायु-संवेदनशील कृषि को प्रोत्साहन

  • भारत को “Food Basket of the World” के रूप में स्थापित करना

 यह आयोजन केवल एक ट्रेड शो नहीं बल्कि एक रूपांतरकारी आंदोलन है, जो भारत को वैश्विक खाद्य प्रणालियों में अग्रणी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

विशाखापत्तनम घोषणा 2025: भारत के डिजिटल परिवर्तन की रूपरेखा

भारत की डिजिटल गवर्नेंस यात्रा ने एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया जब 23 सितम्बर 2025 को विशाखापट्टनम में आयोजित 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन (NCeG) में विशाखापट्टनम घोषणा को अपनाया गया। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (DARPG), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में एक रणनीतिक रोडमैप पेश किया गया, जो विकसित भारत 2047 की राष्ट्रीय दृष्टि से जुड़ा हुआ है।

मुख्य दृष्टि: विकसित भारत, न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन

सम्मेलन की थीम “विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन” रही, जिसने डेटा-आधारित, नागरिक-प्रथम गवर्नेंस मॉडल की आवश्यकता को दोहराया। घोषणा में इन प्राथमिकताओं पर बल दिया गया:

  • सिविल सेवाओं का डिजिटल दक्षताओं के माध्यम से रूपांतरण

  • AI, ML, ब्लॉकचेन, GIS, IoT और डेटा एनालिटिक्स को स्मार्ट गवर्नेंस के सक्षम साधन बनाना

  • साइबर सुरक्षा और डिजिटल ट्रस्ट को राष्ट्रीय लचीलापन (resilience) के स्तंभ के रूप में स्थापित करना

यह सब उस विचार के अनुरूप है जिसे “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” कहा गया है, जहाँ तकनीक नौकरशाही बाधाओं को कम करते हुए सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच को बढ़ाती है।

भारतभर में सफल डिजिटल मॉडलों का विस्तार

घोषणा में विभिन्न राज्यों के सफल डिजिटल मॉडलों को पूरे देश में लागू करने की सिफारिश की गई, जैसे:

  • संपदा 2.0 (मध्य प्रदेश) – कृषि नवाचार के लिए

  • ई-खाता (बेंगलुरु) – डिजिटल संपत्ति अभिलेखों के लिए

  • रोहिणी ग्राम पंचायत (महाराष्ट्र) – जमीनी स्तर पर गवर्नेंस के लिए

  • ड्रोन एनालिटिक्स मॉनिटरिंग सिस्टम (DAMS) – NHAI द्वारा बुनियादी ढाँचे की निगरानी के लिए

एआई-आधारित प्लेटफॉर्म और नैतिक तकनीक का उपयोग

भारत ने एआई और बहुभाषी सेवाओं पर जोर देते हुए निम्नलिखित प्लेटफॉर्म्स को बड़े पैमाने पर अपनाने पर बल दिया:

  • डिजिटल इंडिया भाषिनी – वास्तविक समय में अनुवाद और संचार

  • डिजी यात्री – हवाई अड्डों पर सुगम चेक-इन

  • नाड्रेस V2 – कृषि आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली

घोषणा में पारदर्शी, नैतिक एआई प्रयोग पर ज़ोर दिया गया जो गोपनीयता की रक्षा करते हुए समावेशन को बढ़ावा दे।

समावेशी डिजिटल विकास

घोषणा में यह सुनिश्चित करने पर बल दिया गया कि पूर्वोत्तर और लद्दाख जैसे अविकसित क्षेत्रों तक डिजिटल पहुँच हो। NeSDA (राष्ट्रीय ई-सेवाएँ प्रदाय आकलन) ढाँचे का विस्तार कर पंचायत स्तर की नवाचार पहलें (जैसे पश्चिम माजलिशपुर, सुakati और पलसाना) देशभर में लागू की जाएँगी।

विशाखापट्टनम की दृष्टि: भारत का भावी टेक हब

आंध्र प्रदेश की महत्वाकांक्षा को दर्शाते हुए घोषणा में विशाखापट्टनम को अग्रणी आईटी और नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करने की दृष्टि का समर्थन किया गया। इसमें शामिल है:

  • बुनियादी ढाँचे में निवेश

  • विशेष आईटी जोन की स्थापना

  • उद्योग और अकादमिक सहयोग को सुदृढ़ करना

साथ ही महिलाओं, युवाओं और वंचित समूहों को लक्षित डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को भी प्राथमिकता दी गई ताकि सामाजिक और आर्थिक समावेशन को प्रोत्साहन मिले।

मुख्य बिंदु

  • विशाखापट्टनम घोषणा 28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन में अपनाई गई।

  • मेज़बान: DARPG, MeitY और आंध्र प्रदेश सरकार।

  • थीम: “विकसित भारत: सिविल सेवा और डिजिटल परिवर्तन”

  • प्राथमिकताएँ: एआई, साइबर सुरक्षा, डिजिटल समावेशन, सिविल सेवा डिजिटल स्किल्स

  • संपदा 2.0, ई-खाता, DAMS जैसे मॉडलों को बढ़ाने पर ज़ोर।

  • ग्रामीण डिजिटल साक्षरता और राष्ट्रीय कृषि स्टैक को समर्थन।

आरबीआई ने दत्ता फाइनेंस एंड ट्रेडिंग का एनबीएफसी लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 22 सितंबर 2025 को दिल्ली स्थित Datta Finance and Trading Pvt. Ltd. (एनबीएफसी) का Certificate of Registration (CoR) रद्द कर दिया है। यह कदम कंपनी की डिजिटल लेंडिंग गतिविधियों में नियम उल्लंघन के चलते उठाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आरबीआई तेजी से बढ़ते डिजिटल लेंडिंग सेक्टर में नैतिकता और अनुपालन को लेकर सख्त है।

लाइसेंस क्यों रद्द किया गया?

आरबीआई के अनुसार, कंपनी ने आउटसोर्सिंग कोड ऑफ कंडक्ट और डिजिटल लेंडिंग गाइडलाइंस का उल्लंघन किया। कंपनी ने कई मूलभूत कार्य तीसरे पक्ष को सौंप दिए थे, जैसे–

  • ग्राहक सोर्सिंग

  • ड्यू डिलिजेंस और केवाईसी सत्यापन

  • ऋण वितरण और सेवा

  • ऋण वसूली प्रक्रिया

ये कार्य सीधे एनबीएफसी की जिम्मेदारी होते हैं, जिन्हें पूरी तरह आउटसोर्स करना नियमों का उल्लंघन है।

किन ऐप्स के जरिए हुआ डिजिटल लेंडिंग?

डेट्टा फाइनेंस की संदिग्ध डिजिटल लेंडिंग गतिविधियाँ इन ऐप्स के ज़रिए चल रही थीं–

  • KinCash (ज़ेस्ट टॉप वन टेक्नोलॉजी प्रा. लि. द्वारा संचालित)

  • DoLoan (ज़ेस्ट टॉप वन टेक्नोलॉजी प्रा. लि. द्वारा संचालित)

  • ZestCash (डेट्टा फाइनेंस का इन-हाउस प्लेटफ़ॉर्म)

इन ऐप्स पर ऋण सेवा तो मिल रही थी, लेकिन निर्णय लेने और नियंत्रण की प्रक्रिया ढीली थी, जिससे उपभोक्ता संरक्षण और डेटा सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे।

आरबीआई का रुख

आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि एनबीएफसी :

  • कोर निर्णय प्रक्रियाओं का आउटसोर्सिंग नहीं कर सकते

  • ग्राहक बातचीत और पारदर्शिता की जिम्मेदारी खुद निभानी होगी

  • टेक्नोलॉजी मदद ले सकते हैं, लेकिन निगरानी और नियंत्रण उन्हीं के पास रहना चाहिए

यह कार्रवाई फिनटेक और एनबीएफसी को संदेश देती है कि नियम उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द तक किया जा सकता है।

असर: कंपनी और ग्राहकों पर

  • डेट्टा फाइनेंस अब एनबीएफसी के रूप में कार्य नहीं कर पाएगी

  • ऋण देना, वितरित करना या वसूली करना अब वर्जित है।

  • इसके मौजूदा कारोबार को या तो बंद करना होगा या ट्रांसफर करना होगा।

  • KinCash, DoLoan और ZestCash ऐप उपयोगकर्ताओं को सेवाओं में बाधा आ सकती है।

  • ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि किसी विवाद या जबरन वसूली की स्थिति में आरबीआई से संपर्क करें या कानूनी सहायता लें

वंदना गुप्ता ने संचार लेखा महानियंत्रक का पदभार ग्रहण किया

आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सुश्री वंदना गुप्ता ने नई दिल्ली में कंट्रोलर जनरल ऑफ कम्युनिकेशन अकाउंट्स (CGCA) का पदभार संभाल लिया है। उनकी यह नियुक्ति एपेक्स ग्रेड में पदोन्नति के साथ हुई है, जो संचार और वित्तीय प्रशासन में उनकी उत्कृष्ट सेवा और नेतृत्व का प्रमाण है।

आईपी एंड टीएएफएस में शानदार करियर

  • 1990 बैच की इंडियन पोस्ट एंड टेलीकम्युनिकेशन अकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस (IP&TAFS) अधिकारी।

  • महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात जैसे प्रमुख टेलीकॉम सर्किलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य।

  • दूरसंचार विभाग (DoT) और डाक विभाग (DoP) में विभिन्न जिम्मेदारियों का निर्वहन, जिससे संचार ढांचे और वित्तीय प्रशासन की गहरी समझ विकसित की।

केंद्र सरकार में विविध भूमिकाएँ

  • अपने गृह कैडर से परे, सुश्री गुप्ता ने प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्य किया है।

  • वे दिल्ली स्थित नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) कार्यालय के अंतर्गत सरकारी लेखा मानक सलाहकार बोर्ड (GASAB) में प्रधान निदेशक थीं।

  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MoWCD) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) में संयुक्त सचिव के रूप में उनका कार्यकाल उनकी व्यापक नीतिगत और प्रशासनिक क्षमताओं को दर्शाता है।

  • इसके अतिरिक्त, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) में वित्त नियंत्रक के रूप में उनके कार्यकाल ने उनके पोर्टफोलियो को और विविधता प्रदान की।

मुख्य तथ्य

  • सुश्री वंदना गुप्ता अब 22 सितंबर, 2025 से संचार लेखा महानियंत्रक (डीसीए) के पद पर कार्यरत हैं।

  • वे 1990 बैच की आईपी एंड टीएएफएस अधिकारी हैं, जिन्हें राज्य स्तरीय और केंद्रीय मंत्रालयों में व्यापक अनुभव प्राप्त है।

  • उनकी पूर्व भूमिकाओं में जीएएसएबी (सीएजी) में प्रधान निदेशक, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में संयुक्त सचिव और जीजीएसआईपीयू में वित्त नियंत्रक के पद शामिल हैं।

  • सीजीसीए दूरसंचार वित्त, लेखा परीक्षा और यूएसओएफ संचालन की देखरेख करता है।

कोचीन शिपयार्ड ने जहाज निर्माण को बढ़ावा देने हेतु एचडी कोरिया के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

आत्मनिर्भर भारत दृष्टि और भारत की समुद्री विकास रणनीति के अनुरूप एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने एचडी कोरिया शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग (HD KSOE) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दीर्घकालिक साझेदारी भारत की जहाज निर्माण क्षमता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और आर्थिक एवं सामरिक आत्मनिर्भरता में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

यह समझौता 20 सितंबर 2025 को गुजरात के भावनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित उच्च-स्तरीय कार्यक्रम “समुद्र से समृद्धि – ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’स मरीटाइम सेक्टर” के दौरान संपन्न हुआ।

CSL–HD कोरिया सहयोग: एक सामरिक छलांग

  • इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और शंतनु ठाकुर, ह्युंदई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट जंग चांगिन तथा कोचीन शिपयार्ड के सीएमडी मधु एस. नायर उपस्थित थे।

  • साझेदारी का उद्देश्य CSL की जहाज निर्माण परंपरा और अधोसंरचना को HD KSOE की उन्नत तकनीकी क्षमताओं से जोड़ना है।

  • जनवरी 2024 में उद्घाटित CSL का 310 मीटर ड्राई डॉक बड़े वाणिज्यिक जहाजों जैसे सूएज़मैक्स टैंकर, कंटेनर शिप और केपसाइज बल्क कैरियर बनाने के लिए इस्तेमाल होगा, जिसकी वार्षिक क्षमता 6 जहाजों तक होगी।

कोच्चि में विशाल निवेश: ब्लॉक फैब्रिकेशन फैसिलिटी

  • इस स्तर के संचालन को समर्थन देने के लिए CSL कोच्चि में 80 एकड़ में फैली ब्लॉक फैब्रिकेशन फैसिलिटी (BFF) स्थापित करेगा।

  • इसकी वार्षिक क्षमता 1,20,000 मीट्रिक टन होगी।

  • ₹3,700 करोड़ के निवेश से बनने वाली यह सुविधा 2,000 प्रत्यक्ष और हजारों अप्रत्यक्ष नौकरियां (लॉजिस्टिक्स, MSMEs और सप्लाई चेन) उत्पन्न करेगी।

  • यह सुविधा जहाज निर्माण की दक्षता बढ़ाएगी, समयसीमा घटाएगी और घरेलू व वैश्विक बाज़ारों के लिए अगली पीढ़ी के जहाज तैयार करने में मदद करेगी।

तमिलनाडु में ₹15,000 करोड़ का नया शिपयार्ड: 10,000 नौकरियां

  • CSL ने तमिलनाडु में ₹15,000 करोड़ की लागत से एक ग्रीनफील्ड शिपयार्ड स्थापित करने की घोषणा की।

  • यह परियोजना 10,000 से अधिक रोजगार सृजित करेगी।

  • यह कदम मरीटाइम इंडिया विजन (MIV) 2030 और मरीटाइम अमृत काल विजन (MAKV) 2047 के लक्ष्यों के अनुरूप जहाज निर्माण क्लस्टर और क्षेत्रीय समुद्री उत्कृष्टता केंद्र विकसित करने की दिशा में है।

मुख्य बिंदु

  • MoU पर हस्ताक्षर 20 सितंबर 2025, भावनगर, गुजरात में “समुद्र से समृद्धि” कार्यक्रम के दौरान।

  • साझेदार: कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड और एचडी कोरिया शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग।

  • ₹3,700 करोड़ की BFF कोच्चि में, 80 एकड़ क्षेत्रफल में।

  • तमिलनाडु में ₹15,000 करोड़ का नया शिपयार्ड, 10,000 नौकरियां सृजित करेगा।

महान अंपायर डिकी बर्ड का 92 साल की उम्र में निधन

क्रिकेट जगत के महान अंपायर हेरोल्ड ‘डिकी’ बर्ड का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। बर्ड ने अपने करियर में 66 टेस्ट और 69 वनडे मैचों में अंपायरिंग की। अपने करियर में वह तीन वर्ल्ड कप के फाइनल में अंपायर की भूमिका में थे। अंपायर बनने से पहले वह काउंटी क्रिकेट में यॉर्कशायर के एक प्रमुख बल्लेबाज थे। वह कुछ समय तक लीसेस्टरशायर की टीम का भी हिस्सा रहे थे। उनके निधन की खबर यॉर्कशायर काउंटी क्लब ने दी।

क्रिकेट करियर की शुरुआत

अप्रैल 1933 में बार्न्सली में जन्मे बर्ड ने 1956 में स्कॉटलैंड के खिलाफ डेब्यू किया था। डेब्यू करने से पहले वह कुछ समय के लिए दिग्गज क्रिकेटर ज्योफ बॉयकॉट के साथ खेल चुके थे। उन्होंने 32 वर्ष की उम्र में खेल से संन्यास ले लिया। उसके बाद वह कई साल तक कोच की भूमिका में रहे और फिर उन्होंने अंपायरिंग में 1973 में अपने करियर की शुरुआत की। यॉर्कशायर के लिए उन्होंने कुल 93 फर्स्ट क्लास मैच खेले और इस दौरान 3,314 रन बनाने में कामयाब रहे।

भारत के खिलाफ आखिरी बार की थी अंपायरिंग 

बर्ड ने 1996 में अंपायरिंग से संन्यास लिया था। उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में आखिरी बार अंपायरिंग की थी। उसी मैच में सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने भारत के लिए डेब्यू किया था। दोनों टीमों के बीच वो मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।

खिलाड़ी से अंपायर तक की यात्रा

  • यॉर्कशायर और लीसेस्टरशायर से काउंटी क्रिकेट खेले।

  • 93 प्रथम श्रेणी मैचों में 3314 रन, 2 शतक और 14 अर्धशतक।

  • चोट के कारण 32 वर्ष की उम्र में खेल करियर समाप्त।

  • बाद में क्रिकेट अंपायरिंग को अपनाया।

अंपायरिंग करियर : 1970–1996

  • 1970 में अंपायरिंग की शुरुआत।

  • पहला टेस्ट : 1973, इंग्लैंड बनाम न्यूज़ीलैंड (हेडिंग्ले, लीड्स)

  • कुल 66 टेस्ट और 69 वनडे मैचों में अंपायरिंग।

  • लगातार तीन विश्व कप फाइनल (1975, 1979, 1983) में अंपायर, जिनमें 1983 की भारत की ऐतिहासिक जीत भी शामिल।

लॉर्ड्स में भावुक विदाई (जून 1996)

  • आख़िरी टेस्ट : इंग्लैंड बनाम भारत, लॉर्ड्स

  • खिलाड़ियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और दर्शकों ने खड़े होकर तालियों से सम्मानित किया।

  • डिकी बर्ड भावुक होकर आँसू रोक न सके।

यॉर्कशायर से गहरा नाता

  • यहीं से क्रिकेट जीवन की शुरुआत की और बाद में क्लब अध्यक्ष भी बने।

  • यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब ने उन्हें “हमारे इतिहास का सबसे महान व्यक्तित्वों में से एक” कहा और श्रद्धांजलि अर्पित की।

अमित शाह ने गांधीनगर में स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में बहुप्रतीक्षित स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया, जो भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊर्जा देने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन है। गुजरात राज्य शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय कॉन्क्लेव में देशभर से उद्यमियों, निवेशकों, मेंटर्स और नीति-निर्माताओं की भागीदारी हो रही है। यह आयोजन नवाचार को प्रोत्साहित करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और उच्च-विकास क्षेत्रों में निवेश को गति देने के लिए केंद्र और गुजरात सरकार की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पैमाना और दायरा: एक अभूतपूर्व स्टार्टअप शोकेस

स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2025 देश के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है, जिसमें शामिल हैं:

  • 1,000 से अधिक स्टार्टअप्स

  • 5,000 इनोवेटर्स

  • 100 उद्योग मेंटर्स

  • 50+ वेंचर कैपिटल फंड्स

  • 20 भारतीय राज्यों की भागीदारी

इसके अलावा, स्टार्टअप इंडिया, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा इनोवेशन फॉर डिफेन्स एक्सीलेंस (iDEX) कार्यक्रम द्वारा चयनित 170 से अधिक स्टार्टअप्स का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। यह कृषि, रक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), स्वच्छ प्रौद्योगिकी, फिनटेक और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक समाधान को राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करता है।

उद्यमियों को सशक्त बनाना: एमओयू, फंडिंग और इंटेंट लेटर्स

कॉन्क्लेव की प्रमुख विशेषता 50 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर है, जो स्टार्टअप्स, निवेशकों और वित्तीय संस्थानों के बीच रणनीतिक साझेदारी, फंडिंग और व्यवसाय विस्तार के नए अवसर खोलेगा।

इसके साथ ही, गुजरात सरकार कई संभावनाशील उद्यमों को:

  • फंडिंग चेक्स

  • लेटर ऑफ इंटेंट (LoIs)
    प्रदान करेगी, जिससे स्टार्टअप फाइनेंसिंग और मेंटरशिप को बढ़ावा मिलेगा।

गुजरात की दृष्टि: स्टार्टअप राजधानी बनने की ओर

इस कॉन्क्लेव की मेज़बानी करके गुजरात ने भारत का प्रमुख स्टार्टअप गंतव्य बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को दोहराया है। मजबूत औद्योगिक आधार, व्यवसाय करने में आसानी वाली नीतियाँ और मज़बूत शैक्षिक ढाँचा राज्य को स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन, एक्सेलेरेशन और स्केलिंग का आदर्श वातावरण प्रदान करता है।

यह आयोजन इस बात को भी रेखांकित करता है कि गुजरात किस तरह राष्ट्रीय पहलों जैसे:

  • स्टार्टअप इंडिया

  • डिजिटल इंडिया

  • आत्मनिर्भर भारत

के साथ सामंजस्य स्थापित कर एक ऐसा स्टार्टअप इकोसिस्टम बना रहा है जहाँ नवाचार को नीति, पूंजी और मेंटरशिप का पूर्ण सहयोग मिलता है।

कर्नाटक ने राज्य भर में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की “LEAP” योजना शुरू की

कर्नाटक सरकार ने एलईएपी (LEAP – Local Economy Accelerator Programme) नामक एक महत्वाकांक्षी नई पहल की शुरुआत की है, जिसका बजट पाँच वर्षों में ₹1,000 करोड़ है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बेंगलुरु से बाहर भी नवाचार और उद्यमिता की वृद्धि को बढ़ावा देना, पाँच लाख रोजगार सृजित करना, राज्यभर के उभरते टेक क्लस्टर्स को सशक्त बनाना और स्कूलों से लेकर वैश्विक बाज़ार तक स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना है। यह योजना अवसंरचना, फंडिंग और मेंटरशिप जैसी प्रमुख कमियों को दूर करने के लिए बनाई गई है, ताकि नवाचार कर्नाटक के हर क्षेत्र तक पहुँचे।

एलईएपी की मुख्य विशेषताएँ

दायरा और निवेश

  • पाँच वर्ष की अवधि वाला कार्यक्रम

  • ₹1,000 करोड़ का बजट

  • इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा लागू

रोज़गार सृजन और क्षेत्रीय फोकस

  • लक्ष्य: पाँच लाख (5,00,000) नौकरियाँ

  • विशेष फोकस वाले क्लस्टर्स:

    • मैसूरु–चामराजनगर

    • मंगलुरु–उडुपी

    • हुबली–बेलगावी–धारवाड़

    • तुमकुरु

    • कलबुर्गी

    • शिवमोग्गा

स्टार्टअप जीवनचक्र में सहयोग

  • स्कूलों और कॉलेजों से उद्यमिता को बढ़ावा

  • शुरुआती चरण के डीप-टेक स्टार्टअप्स को अनुदान और फंडिंग

  • इनक्यूबेटर, एक्सेलेरेटर, प्रोटोटाइप लैब और ग्रोथ लैब जैसी अवसंरचना का विकास

  • हैकाथॉन, बूटकैम्प, डिजिटल क्लिनिक आदि का आयोजन

इनोवेशन हब और पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण

  • उभरते क्लस्टर्स को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी इनोवेशन हब में बदलना

  • केवल अवसंरचना ही नहीं, बल्कि मार्गदर्शन, बाज़ार और फंडिंग तक पहुँच सुनिश्चित करना

रणनीतिक महत्व

बेंगलुरु पहले से ही वैश्विक स्टार्टअप सूचकांकों में ऊँचा स्थान रखता है, लेकिन सरकार का दृष्टिकोण है कि कर्नाटक की वास्तविक प्रगति तभी होगी जब नवाचार पूरे राज्य में समान रूप से फैले। इससे अति-केंद्रीकरण कम होगा, स्थानीय स्तर पर रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और बड़े शहरों की ओर पलायन का दबाव घटेगा। साथ ही, राज्य का इनोवेशन आधार और अधिक विविधतापूर्ण तथा मज़बूत बनेगा।

स्थिर तथ्य

  • LEAP = Local Economy Accelerator Programme

  • बजट: ₹1,000 करोड़

  • अवधि: 5 वर्ष

  • लक्ष्य: 5 लाख रोजगार

  • लक्ष्य क्षेत्र: मैसूरु-चामराजनगर, मंगलुरु-उडुपी, हुबली-बेलगावी-धारवाड़, तुमकुरु, कलबुर्गी, शिवमोग्गा

भारतीय नौसेना ‘एंड्रोथ’ को चालू करेगी: दूसरा पनडुब्बी रोधी युद्ध

भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय नौसेना 6 अक्टूबर 2025 को विशाखापट्टनम स्थित नौसैनिक अड्डे पर आईएनएस अंद्रोथ (INS Androth) को शामिल करने जा रही है। यह दूसरी एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) होगी। इस अवसर पर समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल राजेश पेंढरकर करेंगे।

आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक

आईएनएस अंद्रोथ का निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) लिमिटेड ने जहाज उत्पादन निदेशालय और युद्धपोत पर्यवेक्षण टीम की देखरेख में किया है।

  • इस पोत में 80% से अधिक स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं।

  • इसे 13 सितंबर 2025 को नौसेना को सौंपा गया था।

  • इसका डिज़ाइन, निर्माण और फिटिंग भारत की विकसित होती शिपबिल्डिंग क्षमता और नौसैनिक इंजीनियरिंग विशेषज्ञता का उदाहरण है।

विरासत और सामरिक महत्व

  • अंद्रोथ नाम लक्षद्वीप द्वीपसमूह के अंद्रोथ द्वीप से लिया गया है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

  • यह नया पोत पूर्ववर्ती आईएनएस अंद्रोथ (P69) की परंपरा को आगे बढ़ाता है, जिसने 27 वर्षों तक नौसेना की सेवा की थी।

उन्नत क्षमताएँ

नया आईएनएस अंद्रोथ केवल तटीय सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक आधुनिक मल्टी-रोल प्लेटफॉर्म है। इसमें शामिल हैं:

  • पनडुब्बी की पहचान और ट्रैकिंग के लिए उन्नत हथियार और सेंसर सिस्टम

  • शैलो वॉटर (कम गहराई वाले जलक्षेत्र) में तेज़ गति से संचालन हेतु वॉटरजेट प्रणोदन प्रणाली

  • नेटवर्क-आधारित समुद्री अभियानों के लिए आधुनिक संचार प्रणाली

संचालन में भूमिका

यह पोत निम्न अभियानों के लिए उपयुक्त है:

  • एंटी-सबमरीन वॉरफेयर (ASW)

  • समुद्री निगरानी और गश्ती

  • खोज एवं बचाव (SAR) अभियान

  • तटीय रक्षा और बेड़े का समर्थन

मुख्य तथ्य

  • आईएनएस अंद्रोथ का शामिल होना: 6 अक्टूबर 2025, विशाखापट्टनम

  • यह 16 नियोजित ASW-SWC में से दूसरा पोत है

  • निर्माणकर्ता: GRSE, कोलकाता

  • स्वदेशीकरण: 80% से अधिक

  • नाम: अंद्रोथ द्वीप (लक्षद्वीप) पर आधारित

  • भूमिका: पनडुब्बी रोधी युद्ध, तटीय रक्षा, खोज व बचाव अभियान

  • पहल का महत्व: आत्मनिर्भर भारत और सागर (SAGAR) दृष्टि को मजबूती

क्या अमेरिका के H1B वीजा की तरह है चीन का K-वीजा? जानिए किसे मिलेगा

जैसे ही अमेरिका H-1B वीज़ा आवेदनों पर भारी बढ़ोतरी और प्रतिबंध लागू कर रहा है, चीन ने एक नई इमिग्रेशन पहल के साथ कदम बढ़ाया है। 1 अक्टूबर 2025 से, चीन आधिकारिक रूप से K वीज़ा लॉन्च करेगा, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के युवा STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमैटिक्स) पेशेवरों और शोधकर्ताओं को आकर्षित करना है। यह वीज़ा वैश्विक प्रतिभाओं को विदेश में काम करने का वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा।

K वीज़ा क्या है?
K वीज़ा चीन की नई घोषित वीज़ा श्रेणी है, जिसे विशेष रूप से तैयार किया गया है ताकि:

  • युवा साइंस और टेक्नोलॉजी पेशेवरों को आकर्षित किया जा सके।

  • शैक्षिक, सांस्कृतिक और उद्यमिता आधारित आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया जा सके।

  • रहने की अवधि, कई प्रवेश, और रोजगार की शर्तों में लचीलापन प्रदान किया जा सके।

परंपरागत चीनी कार्य वीज़ा की तरह, K वीज़ा के लिए घरेलू नियोक्ता या संस्था से आमंत्रण पत्र की आवश्यकता नहीं है।

चीन के K वीज़ा की मुख्य विशेषताएँ

  • लॉन्च तिथि: 1 अक्टूबर 2025

  • पात्रता मानदंड:

    • STEM क्षेत्रों में हाल के स्नातक या पेशेवर

    • मान्यता प्राप्त वैश्विक या चीनी संस्थानों से स्नातक या उच्चतर डिग्री

    • स्थानीय प्रायोजक या नियोक्ता की आवश्यकता नहीं

  • अनुमत गतिविधियाँ:

    • शिक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी

    • उद्यमिता या व्यवसायिक परियोजनाओं में संलग्न होना

अन्य चीनी वीज़ाओं के मुकाबले फायदे:

  • कई प्रवेश की अनुमति

  • लंबी वैधता अवधि

  • प्रवास की लंबी अवधि

  • आसान आवेदन प्रक्रिया

  • आमंत्रण पत्र की आवश्यकता नहीं

महत्व:
K वीज़ा की शुरुआत ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिकी वीज़ा नीतियों में कड़ाई बढ़ी है, विशेषकर नए H-1B वीज़ा आवेदकों के लिए $1,00,000 आवेदन शुल्क की घोषणा के बाद। इसने भारतीय पेशेवरों और आईटी कंपनियों में चिंता पैदा की है।

मुख्य बिंदु:

  • K वीज़ा प्रभावी: 1 अक्टूबर 2025

  • लक्षित समूह: युवा STEM पेशेवर और शोधकर्ता

  • नियोक्ता आमंत्रण आवश्यक नहीं

  • कार्य क्षेत्र: विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति, उद्यमिता

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