दिल्ली घोषणापत्र ने COP30 में वैश्विक दक्षिणी शहरों को ऊंचा स्थान दिलाया

जैसा कि जलवायु कूटनीति (climate diplomacy) अब जमीन पर क्रियान्वयन पर केंद्रित हो रही है, शहर सीमांत पर खड़े प्रमुख अभिनेता के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। “दिल्ली घोषणा: वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के लिए स्थानीय कार्रवाई” (Delhi Declaration on Local Action for Global Climate Goals) को 9 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित पहले ARISE Cities Forum में अपनाया गया। यह घोषणा ग्लोबल साउथ के शहरी स्वर को वैश्विक मंच पर उठाती है और मांग करती है कि स्थानीय सरकारों को वैश्विक जलवायु व्यवस्था में भागीदार के रूप में मान्यता दी जाए। घोषणा को बाद में COP30, बेलें, ब्राज़ील को सौंपा जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर आधारित मजबूत जलवायु कार्रवाई के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।

पृष्ठभूमि और तर्क 

ARISE Cities Forum क्या है?

  • ARISE: Adaptive, Resilient, Innovative, Sustainable, Equitable

  • यह ICLEI South Asia का प्रमुख शहरी लचीलापन (urban resilience) मंच है।

  • 2025 का संस्करण “From Bharat to Belém” विषय पर आधारित था और इसमें मेयर, नगरपालिका, राष्ट्रीय और वैश्विक हितधारक शामिल हुए।

  • दिल्ली घोषणा COP30 को प्रस्तुत किए जाने वाला सामूहिक परिणाम है।

शहरों पर ध्यान क्यों?

  • शहर जनसंख्या, उत्सर्जन और संवेदनशीलता का केंद्र हैं।

  • शहरी समाधानों में कुशल अवसंरचना, सार्वजनिक परिवहन, जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन, प्रकृति आधारित ठंडा करने के उपाय शामिल हैं।

  • वैश्विक जलवायु वार्ता में अक्सर शहरी प्राथमिकताओं को सीमांत रखा जाता है; दिल्ली घोषणा इसे बदलने का प्रयास करती है।

मुख्य विशेषताएँ और प्रतिबद्धताएँ 

भाग लेने वाले शहर और प्रतिनिधि

  • 60 शहरों से 200+ प्रतिनिधि शामिल हुए, जो 25 देशों का प्रतिनिधित्व करते थे।

  • प्रतिनिधियों में स्थानीय, उपराष्ट्रीय, राष्ट्रीय सरकारें, निजी क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल थे।

  • घोषणा को शंकर लालवानी (सांसद, Climate Parliament India) ने COP30 के लिए Rodrigo De Souza Corradi (Deputy Exec. Secretary, ICLEI South America) को सौंपा।

मुख्य प्रतिबद्धताएँ

  • मापनीय और संसाधित बहुस्तरीय NDCs (NDCs 3.0) के माध्यम से स्थानीय जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना

  • सभी के लिए शहरी लचीलापन बढ़ाना: अनुकूलन, सर्कुलर अर्थव्यवस्था और प्रकृति आधारित समाधान

  • न्यायसंगत और सहभागी हरित संक्रमण को बढ़ावा देना

  • नागरिकों, महिलाओं, युवाओं और समुदायों को जलवायु शासन में सशक्त बनाना

  • बहुस्तरीय शासन और पारदर्शी, इंटरऑपरेबल डेटा सिस्टम मजबूत करना

  • जलवायु वित्त जुटाना और शहरों के लिए प्रत्यक्ष पहुँच का विस्तार

  • Global South नेतृत्व को बढ़ावा देना: South–South और त्रिकोणीय सहयोग

थीमेटिक फोकस और फोरम सत्र

  • राष्ट्रीय जलवायु महत्वाकांक्षा और स्थानीय कार्यान्वयन के बीच अंतर को पाटना

  • जल और अपशिष्ट प्रणाली में सर्कुलैरिटी

  • टिकाऊ शहरी खाद्य प्रणाली

  • प्रकृति आधारित जलवायु समाधान

  • शहरी गर्मी, आपदा प्रबंधन, स्वच्छ गतिशीलता, ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट

  • डिजिटल योजना उपकरण, जलवायु वित्त उपकरण, शासन नवाचार

स्थायी तथ्य 

तथ्य विवरण
आयोजन का नाम ARISE Cities Forum 2025
घोषणा का नाम Delhi Declaration on Local Action for Global Climate Goals
अंगीकृत होने की तिथि 9 अक्टूबर 2025
स्थान नई दिल्ली, भारत
आयोजक ICLEI South Asia और National Institute of Urban Affairs (NIUA)

पूर्व ब्रिटिश PM ऋषि सुनक बने Microsoft और Anthropic के एडवाइजर

पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने वैश्विक प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नई भूमिकाएँ ग्रहण की हैं। उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और एंथ्रोपिक (Anthropic), एक प्रमुख कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंपनी, में वरिष्ठ सलाहकार (Senior Adviser) के रूप में भाग-कालिक, गैर-नीति भूमिकाएँ संभाली हैं। इन भूमिकाओं में सुनक सामरिक मार्गदर्शन (strategic guidance) देंगे, विशेषकर आर्थिक और भू-राजनीतिक रुझानों पर, और यह उनके सार्वजनिक कार्यालय से अंतरराष्ट्रीय कॉर्पोरेट जुड़ाव की ओर संक्रमण को दर्शाता है।

भूमिका और जिम्मेदारियाँ 

एंथ्रोपिक में:

  • रणनीति और भू-राजनीतिक रुझानों पर सलाह देना।

  • आंतरिक कॉर्पोरेट रणनीति में भाग लेना, बिना ब्रिटेन की नीति मामलों में प्रतिनिधित्व किए।

माइक्रोसॉफ्ट में:

  • आर्थिक विकास और प्रवृत्तियों पर अंतर्दृष्टि प्रदान करना।

  • माइक्रोसॉफ्ट वार्षिक सम्मेलन (Microsoft Annual Summit) जैसे कॉर्पोरेट समिट में भाषण देना।

ये भूमिकाएँ इस व्यापक प्रवृत्ति का हिस्सा हैं, जिसमें पूर्व नेता टेक्नोलॉजी क्षेत्र में रणनीतिक सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं, जहाँ भू-राजनीतिक जागरूकता AI, डेटा और नवाचार नीति से जुड़ती है।

क्या यह सशुल्क भूमिका है? 

  • हाँ, दोनों भूमिकाएँ सशुल्क हैं।

  • हालांकि, सुनक ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि इन भूमिकाओं से होने वाली संपूर्ण आय दान के रूप में The Richmond Project, एक ब्रिटेन स्थित चैरिटी को दी जाएगी।

  • यह संस्था सामान्य गणितीय कौशल और आत्मविश्वास बढ़ाने पर केंद्रित है।

  • इस निर्णय से यह सुनिश्चित होता है कि पूर्व राजनीतिक नेताओं द्वारा कॉर्पोरेट भूमिकाओं से लाभ लेने पर संभावित सार्वजनिक आलोचना को संबोधित किया जा सके।

नियामक निगरानी और नैतिकता 

  • सांसद होने के नाते, सुनक के कॉर्पोरेट सलाहकार बनने का ACoBA (Advisory Committee on Business Appointments) द्वारा मूल्यांकन किया गया।

  • ACoBA ने निम्न शर्तों के साथ दोनों नियुक्तियों को स्वीकृत किया:

    • किसी भी ब्रिटेन सरकार अधिकारी के साथ लॉबिंग या प्रत्यक्ष संपर्क निषिद्ध।

    • सुनक ब्रिटेन-विशिष्ट नीति मामलों पर सलाह नहीं देंगे।

ये शर्तें हितों के टकराव को रोकने और सरकारी प्रक्रियाओं की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए लागू की गई हैं।

स्थायी तथ्य 

तथ्य विवरण
व्यक्ति ऋषि सुनक, पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री
कंपनियाँ माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और एंथ्रोपिक (Anthropic)
भूमिकाएँ वरिष्ठ सलाहकार (Senior Adviser, पार्ट-टाइम, वैश्विक रणनीति पर केंद्रित)
घोषणा तिथि अक्टूबर 2025
भुगतान हाँ, सभी आय चैरिटी को दान की जाएगी (The Richmond Project)

रूस के कलमीकिया में पहली बार प्रदर्शित होंगे बुद्ध के पवित्र अवशेष

भारत सरकार ने अपनी आध्यात्मिक विरासत और सांस्कृतिक कूटनीति को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष (Sacred Relics of Lord Buddha) अब पहली बार रूस के काल्मिकिया गणराज्य (Kalmykia Republic) भेजे जाएंगे, जहाँ इन्हें 11 से 18 अक्टूबर 2025 तक राजधानी एलीस्ता (Elista) में सार्वजनिक दर्शन हेतु प्रदर्शित किया जाएगा। इस आयोजन का उद्देश्य स्थानीय बौद्ध समुदाय को आशीर्वाद प्रदान करना और भारत-रूस के बीच आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व 

अवशेषों का स्रोत (Origin of the Relics)

  • ये पवित्र अवशेष दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय (National Museum) में सुरक्षित हैं।

  • माना जाता है कि ये अवशेष शाक्यमुनि बुद्ध के काल के हैं और बौद्ध परंपरा में अत्यंत पूजनीय माने जाते हैं।

  • इनका उत्खनन उत्तर प्रदेश के पिपरहवा (Piprahwa) से हुआ था, जो प्राचीन कपिलवस्तु राज्य से संबंधित एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है।

क्यों काल्मिकिया? (Why Kalmykia?)

  • काल्मिकिया यूरोप का एकमात्र बौद्ध-बहुल क्षेत्र है।

  • यहाँ के लोग तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, जिन्होंने सोवियत काल की दमनकारी नीतियों के बाद अपने धार्मिक संस्थानों का पुनरुद्धार किया है।

  • भगवान बुद्ध के अवशेषों की मेज़बानी इस क्षेत्र के लिए गौरव और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का प्रतीक मानी जा रही है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल और समारोहिक कार्यक्रम 

भारतीय प्रतिनिधित्व 

  • भारत से एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अवशेषों के साथ काल्मिकिया जाएगा, जिसमें 11 वरिष्ठ बौद्ध भिक्षु शामिल होंगे।

  • दल का नेतृत्व उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य करेंगे — जो इस आयोजन के प्रति भारत की उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है।

  • प्रमुख बौद्ध आचार्य जिनके भाग लेने की संभावना है:

    • 43वें साक्य त्रिज़िन रिनपोछे (43rd Sakya Trizin Rinpoche)

    • 13वें कुंडलिंग ताक्तसक रिनपोछे (13th Kundeling Taktsak Rinpoche)

    • 7वें योंगज़िन लिंग रिनपोछे (7th Yongzin Ling Rinpoche)

  • ये सभी धार्मिक नेता सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों के दौरान धर्मोपदेश, आशीर्वाद और सामुदायिक संवाद करेंगे।

समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर

  • इस अवसर पर सेंट्रल स्पिरिचुअल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ बुद्धिस्ट्स और इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन (IBC) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।

  • इसका उद्देश्य बौद्ध शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और बौद्ध विरासत के संरक्षण में सहयोग को औपचारिक रूप देना है।

  • आयोजन का संयुक्त संचालन भारत के संस्कृति मंत्रालय, राष्ट्रीय संग्रहालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) और इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन (IBC) द्वारा किया जा रहा है।

स्थायी तथ्य 

तथ्य विवरण
अवशेषों की खोज का स्थल पिपरहवा, उत्तर प्रदेश (1898)
खोजकर्ता विलियम पेप्पे (William Peppe), ब्रिटिश पुरातत्वविद्
अवशेषों के संरक्षक राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली
यूरोप का एकमात्र बौद्ध-बहुल क्षेत्र काल्मिकिया, रूस
मुख्य बौद्ध मठ गे़देन शेडुप छोइकोर्लिंग मठ (Geden Sheddup Choikorling Monastery)

कैस्ट्रॉल इंडिया के एमडी ने इस्तीफा दिया, अंतरिम सीईओ नियुक्त

भारत की अग्रणी लुब्रिकेंट कंपनी कैस्ट्रोल इंडिया (Castrol India) में नेतृत्व परिवर्तन होने जा रहा है। कंपनी के वर्तमान प्रबंध निदेशक (Managing Director) केदार लेले दिसंबर 2025 के अंत में पद छोड़ देंगे, ताकि वे “नई अवसरों की तलाश” कर सकें। उनके स्थान पर सौगाता बसुराय (Saugata Basuray) को जनवरी 2026 से अंतरिम मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Interim CEO) नियुक्त किया गया है। वे अपने वर्तमान पद “पूर्णकालिक निदेशक एवं बी2सी बिक्री प्रमुख (Wholetime Director & Head, B2C Sales)” के रूप में कार्यरत रहेंगे।

नेतृत्व परिवर्तन का विवरण 

केदार लेले का इस्तीफा 

  • बोर्ड के निर्णय के अनुसार, लेले 31 दिसंबर 2025 को व्यवसायिक कार्यदिवस की समाप्ति पर प्रबंध निदेशक पद से मुक्त हो जाएंगे।

  • यह निर्णय उनके “अन्य अवसरों की तलाश” करने के व्यक्तिगत निर्णय के अनुरूप है।

  • उनका कार्यकाल अपेक्षाकृत छोटा रहा, क्योंकि उन्होंने हाल ही में यह जिम्मेदारी संभाली थी।

सौगाता बसुराय की नियुक्ति 

  • 1 जनवरी 2026 से बसुराय अंतरिम CEO का अतिरिक्त पदभार संभालेंगे, जब तक स्थायी प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं हो जाती।

  • नए पद के अनुसार उनकी पदवी होगी: “पूर्णकालिक निदेशक एवं अंतरिम CEO (Wholetime Director & Interim CEO)”।

  • बसुराय 1999 से कैस्ट्रोल से जुड़े हुए हैं और उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों व नेतृत्व पदों पर दीर्घकालीन अनुभव प्राप्त किया है।

प्रभाव और विश्लेषण 

  • निरंतरता और स्थिरता: कंपनी ने अंदरूनी नेतृत्व से अंतरिम CEO नियुक्त कर संगठनात्मक स्थिरता बनाए रखने का संकेत दिया है।

  • नेतृत्व उत्तराधिकार की तैयारी: बसुराय का अनुभव और संस्थागत समझ उन्हें इस संक्रमण काल में उपयुक्त विकल्प बनाती है।

  • बाजार की प्रतिक्रिया: इस खबर के बाद कंपनी के शेयर मूल्य में हल्की गिरावट देखी गई, जो निवेशकों की नेतृत्व परिवर्तनों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है।

  • रणनीतिक मोड़: यह परिवर्तन ऐसे समय में हो रहा है जब लुब्रिकेंट उद्योग इलेक्ट्रिक वाहनों, सततता (sustainability) और बदलते ऑटोमोटिव रुझानों जैसी नई चुनौतियों का सामना कर रहा है।

जसप्रीत बुमराह ने रचा इतिहास, तीनों फार्मेंट में ऐसा कारनामा करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ जब जसप्रीत बुमराह ने सभी अंतरराष्ट्रीय प्रारूपों (Tests, ODIs, T20Is) में 50-50 मैच खेलने वाले पहले भारतीय तेज़ गेंदबाज बनने का गौरव हासिल किया। यह उपलब्धि उन्होंने 10 अक्टूबर 2025 को दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में हासिल की। यह मील का पत्थर बुमराह की पहचान को भारत के आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ तेज़ गेंदबाजों में से एक के रूप में और मजबूत करता है।

मील का पत्थर मैच 

  • बुमराह का यह 50वां टेस्ट मैच भारत के लिए एक प्रभावशाली प्रदर्शन वाला मुकाबला था, जिसमें वे शुभमन गिल की अगुवाई वाली टीम का हिस्सा थे।

  • भारत ने इससे पहले अहमदाबाद में पहला टेस्ट मैच जीतकर बढ़त बनाई थी और दिल्ली टेस्ट में उसी लय के साथ उतरा।

बुमराह का अनोखा रिकॉर्ड 

  • बुमराह न केवल 50 टेस्ट खेलने वाले पहले भारतीय तेज़ गेंदबाज बने हैं, बल्कि वे तीनों प्रारूपों (Tests, ODIs, T20Is) में 50 या उससे अधिक मैच खेलने वाले एकमात्र भारतीय पेसर भी हैं।

तीनों प्रारूपों में 50+ मैच:

  • टेस्ट मैच

  • एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ODI)

  • ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (T20I)

अन्य उपलब्धि प्राप्त खिलाड़ी 

बुमराह अब उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने सभी प्रारूपों में 50 से अधिक मैच खेले हैं। इस सूची में शामिल हैं —

  • महेंद्र सिंह धोनी

  • विराट कोहली

  • रवींद्र जडेजा

  • रविचंद्रन अश्विन

  • रोहित शर्मा

  • के.एल. राहुल

इस प्रकार, बुमराह सभी प्रारूपों में 50+ मैच खेलने वाले सातवें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं — और उनमें से पहले तेज़ गेंदबाज।

एआईआईए ने आयुष बीमा और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा दिया

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने आयुष क्षेत्र में बीमा कवरेज और वैज्ञानिक अनुसंधान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संस्थान ने 10 अक्टूबर 2025 को बीमा और शैक्षणिक क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधियों की मेजबानी की, ताकि पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली से एकीकृत करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाया जा सके। इस बैठक के दौरान हुए विचार-विमर्श और साझेदारियाँ आयुष प्रणालियों—जिनमें आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी शामिल हैं—को भारत की स्वास्थ्य एवं बीमा व्यवस्था में अधिक सुलभ, विश्वसनीय और नीतिगत रूप से संगठित बनाने की दिशा में केंद्रित थीं।

नीतिगत पहल 

  • भारत के स्वास्थ्य नियामक निकायों ने बीमा योजनाओं में आयुष उपचारों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया है, जिससे पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियाँ व्यापक रूप से उपलब्ध हो सकें।

  • IRDAI के 2024 के निर्देशों के बाद अब देशभर में स्वास्थ्य बीमा नीतियों में आयुष कवरेज अनिवार्य किया जा रहा है।

  • संरचित नीतिगत समर्थन, दावा प्रबंधन (claim management), और पैनलिंग प्रक्रियाओं की आवश्यकता को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने विशेषज्ञ समितियाँ और क्रियान्वयन इकाइयाँ (Implementation Units) गठित की हैं — जिनमें AIIA में स्थापित इकाई भी शामिल है।

प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU)

  • AIIA ने आयुष बीमा संबंधी कार्यों के प्रबंधन के लिए एक समर्पित परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) स्थापित की है।

  • यह PMU एक केंद्रीय समन्वय केंद्र के रूप में कार्य करेगी, जो बीमा कंपनियों, अस्पतालों और सरकारी निकायों के बीच पारदर्शी और समयबद्ध समन्वय सुनिश्चित करेगी।

  • इसका उद्देश्य है — उपचार सत्यापन, दावे की प्रक्रिया और रोगी जागरूकता जैसी प्रक्रियाओं को सरल बनाना, ताकि आयुष बीमा योजनाओं के लाभ जनता तक प्रभावी और समान रूप से पहुँच सकें।

मुख्य तथ्य 

  • संस्थान: अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA)

  • घोषणा: आयुष बीमा नीति के क्रियान्वयन हेतु PMU की स्थापना

  • तिथि: 10 अक्टूबर 2025 — आयुष बीमा और अनुसंधान को बढ़ावा देने हेतु उच्च-स्तरीय बैठकें आयोजित

  • प्रमुख व्यक्ति:

    • प्रो. पी. के. प्रजापति (AIIA)

    • प्रो. बी. के. मिश्रा (आयुष इंश्योरेंस समूह)

    • डॉ. एस. श्रीवास्तव (MRIIRS)

  • मुख्य उद्देश्य:

    • बीमा एकीकरण (Insurance Integration)

    • जनजागरूकता बढ़ाना

    • आयुष क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान सहयोग को प्रोत्साहित करना

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की 2025 की भारत यात्रा के प्रमुख परिणाम

अक्टूबर 2025 में यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर (Keir Starmer) की भारत यात्रा ने भारत–ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया। यह यात्रा ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 (मुंबई) के साथ सम्पन्न हुई, जहाँ दोनों देशों ने प्रौद्योगिकी-आधारित विकास, नवाचार, जलवायु सहयोग और शिक्षा आदान-प्रदान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।

मुख्य उपलब्धियाँ (List of Outcomes)

प्रौद्योगिकी और नवाचार (Technology and Innovation)

  1. भारत–ब्रिटेन कनेक्टिविटी एवं इनोवेशन सेंटर की स्थापना।

  2. भारत–ब्रिटेन संयुक्त कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) केंद्र की स्थापना।

  3. यूके–इंडिया क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी (Phase-II) का शुभारंभ और आईआईटी-आईएसएम धनबाद में नया सैटेलाइट कैंपस स्थापित करने की घोषणा।

  4. क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना, ताकि हरित प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन और आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती सुनिश्चित की जा सके।

शिक्षा (Education)

  1. लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी (Lancaster University) के बेंगलुरु कैंपस के लिए अभिप्राय पत्र (Letter of Intent) सौंपा गया।

  2. गिफ्ट सिटी (GIFT City) में यूनिवर्सिटी ऑफ सरे (University of Surrey) के कैंपस खोलने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति (in-principle approval) प्रदान की गई।

व्यापार और निवेश (Trade and Investment)

  1. भारत–ब्रिटेन सीईओ फोरम (India-UK CEO Forum) की पुनर्गठित बैठक का उद्घाटन।

  2. भारत–ब्रिटेन संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति (JETCO) को पुनः सक्रिय किया गया, जो समग्र आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) के कार्यान्वयन में सहयोग करेगी और दोनों देशों में आर्थिक विकास व रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी।

  3. क्लाइमेट टेक्नोलॉजी स्टार्टअप फंड में नया संयुक्त निवेश — यह पहल ब्रिटिश सरकार और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) के अंतर्गत है, जिसका उद्देश्य जलवायु प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

जलवायु, स्वास्थ्य और अनुसंधान (Climate, Health and Research)

  1. बायो-मेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (Phase-III) का शुभारंभ।

  2. ऑफशोर विंड टास्कफोर्स की स्थापना।

  3. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और यूके के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ रिसर्च (NIHR) के बीच स्वास्थ्य अनुसंधान पर अभिप्राय पत्र (LoI) पर हस्ताक्षर।

स्मार्ट और सतत भविष्य की साझेदारी

  • प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की 2025 की भारत यात्रा के परिणाम भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच गहरी होती सामरिक एकता को दर्शाते हैं — यह साझेदारी विश्वास, प्रौद्योगिकी और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित है।
  • संयुक्त AI और नवाचार केंद्रों की स्थापना से लेकर जलवायु प्रौद्योगिकी और उच्च शिक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने तक, इस यात्रा ने डिजिटल और हरित अर्थव्यवस्था में सहयोग के नए युग का मार्ग प्रशस्त किया है।
  • जैसे-जैसे दोनों देश इन पहलों को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, भारत–यूके साझेदारी समावेशी विकास, स्थिरता और वैश्विक सहयोग का एक आदर्श उदाहरण बनती जा रही है।

मुख्य तथ्य (Key Takeaways)

  • यात्रा: यूके प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भारत यात्रा (अक्टूबर 2025)

  • कुल घोषणाएँ: 12 प्रमुख परिणाम, 4 प्रमुख क्षेत्रों में

  • मुख्य क्षेत्र: प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, शिक्षा, व्यापार एवं निवेश, जलवायु एवं स्वास्थ्य

भारत-ब्रिटेन ने कनेक्टिविटी और नवाचार केंद्र का शुभारंभ किया

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक रणनीतिक सहयोग की शुरुआत की है, जो डिजिटल कूटनीति और प्रौद्योगिकी सहयोग के नए अध्याय को चिह्नित करता है। इंडिया-यूके कनेक्टिविटी एंड इनोवेशन सेंटर (India‑UK Connectivity & Innovation Centre) का उद्देश्य उन्नत दूरसंचार में नवाचार, अनुसंधान और बाज़ार परिनियोजन को एकीकृत करना है। यह साझेदारी अगले दशक में 6G, नेटवर्क सुरक्षा और समावेशी कनेक्टिविटी के विकास में साझा महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है।

सेंटर के उद्देश्य 

अगले चार वर्षों के दौरान — जो 6G के वैश्विक ढांचे और मानकों को परिभाषित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं — सेंटर तीन प्रमुख स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करेगा:

  1. AI-परिवर्तित दूरसंचार:

    • उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) टूल्स के माध्यम से नेटवर्क संचालन का अनुकूलन।

    • सेवा वितरण में सुधार और स्वायत्त दूरसंचार प्रणालियों में नई क्षमताओं का विकास।

  2. गैर-स्थलीय नेटवर्क:

    • सैटेलाइट, हवाई और हाइब्रिड आर्किटेक्चर का विकास।

    • दूरदराज, ग्रामीण और असहाय क्षेत्रों में उच्च गति और भरोसेमंद कनेक्टिविटी प्रदान करना।

  3. दूरसंचार साइबरसुरक्षा और इंटरऑपरेबिलिटी:

    • मजबूत सुरक्षा ढांचे, खुले मानक और स्थिर प्रोटोकॉल विकसित करना।

    • बदलते खतरों के खिलाफ संचार अवसंरचना की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

ये स्तंभ प्रयोगशालाओं और वास्तविक दुनिया के बीच अंतर को पाटने, परीक्षण, मानकीकरण और वाणिज्यीकरण में सहायता करेंगे।

वित्त, संरचना और साझेदार 

  • भारत और यूके सरकारों ने इस पहल को लागू करने के लिए चार वर्षों में £24 मिलियन का निवेश किया है।

  • सेंटर UK-India Technology Security Initiative का प्रमुख घटक है, जिसका कार्यान्वयन UK Research and Innovation (UKRI) और भारत के टेलीकॉम विभाग (DoT) द्वारा किया जा रहा है।

  • उद्योग भागीदार जैसे BT, Nokia, Ericsson और दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थान सहयोगी अनुसंधान, परीक्षण सुविधा साझा करना और वैश्विक मानक विकास में भाग लेंगे।

  • यह पहल UK–India Research & Innovation Corridor के अनुरूप है और प्रधानमंत्रियों की 2035 दृष्टि में द्विपक्षीय सहयोग के हिस्से के रूप में आती है।

महत्त्व और रणनीतिक मूल्य 

  1. तकनीकी नेतृत्व:

    • यूके के अनुसंधान और नवाचार के साथ भारत की क्षमता और पैमाना मिलकर अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रणालियों के वैश्विक मानक को आकार दे सकते हैं।

  2. डिजिटल समावेशन:

    • NTN समाधान दूरदराज क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी पहुंचाने का वादा करते हैं, जहाँ पारंपरिक अवसंरचना महंगी या अनुपयुक्त है।

    • यह भारत के सर्वव्यापक ब्रॉडबैंड और समावेश लक्ष्यों का समर्थन करता है।

  3. सुरक्षा और स्थिरता:

    • डिजिटल संप्रभुता, नेटवर्क सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों के बढ़ते जोखिमों के मद्देनजर, यह साझेदारी सुरक्षित और भरोसेमंद प्रणालियों का विकास संभव बनाती है।

  4. आर्थिक अवसर:

    • सेंटर स्टार्टअप और स्थापित कंपनियों को प्रोटोटाइप, परीक्षण और दूरसंचार नवाचार का विस्तार करने का अवसर प्रदान करता है।

    • लक्षित बाज़ार भारत, यूके और वैश्विक स्तर हैं।

मुख्य तथ्य 

तथ्य विवरण
सेंटर का नाम इंडिया-यूके कनेक्टिविटी एंड इनोवेशन सेंटर
उद्घाटन अक्टूबर 2025
वित्तीय प्रतिबद्धता £24 मिलियन, चार वर्षों में
मुख्य क्षेत्र AI इन टेलीकॉम, गैर-स्थलीय नेटवर्क, दूरसंचार साइबर सुरक्षा
कार्यान्वयन एजेंसियां UKRI और भारत का DoT, Technology Security Initiative के तहत

शेरी सिंह ने भारत की पहली मिसेज यूनिवर्स का ताज जीता

देश के लिए गौरव के क्षण में, भारत ने वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिता के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है, जब शेरी सिंह (Sherry Singh) को मिसेज यूनिवर्स 2025 (Mrs Universe 2025) का ताज मनीला (फिलिपींस) में आयोजित भव्य फाइनल में पहनाया गया। दुनियाभर से आई 120 प्रतिभाशाली महिलाओं में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शेरी ने भारत के लिए पहला मिसेज यूनिवर्स खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। यह जीत केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय नारीत्व, दृढ़ता और गरिमा का वैश्विक उत्सव है।

वैश्विक मंच पर भारत का ऐतिहासिक क्षण

  • मिसेज यूनिवर्स का 48वां संस्करण मनीला के भव्य ओकाडा (Okada) स्थल पर आयोजित हुआ, जहाँ आत्मविश्वास, शालीनता और बुद्धिमत्ता का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला।

  • इस शानदार आयोजन में शेरी सिंह ने अपनी गरिमामय उपस्थिति, प्रभावशाली वक्तृत्व और महिलाओं के सशक्तिकरण एवं मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पर आधारित सशक्त विचारों से सभी का दिल जीता।

  • इस जीत के साथ भारत ने न केवल नया इतिहास रचा बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी बढ़ती प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ किया।

मिसेज यूनिवर्स 2025 के परिणाम

विजेता: भारत – शेरी सिंह
प्रथम रनर-अप: सेंट पीटर्सबर्ग
द्वितीय रनर-अप: फिलिपींस
तृतीय रनर-अप: एशिया
चतुर्थ रनर-अप: रूस

अन्य फाइनलिस्ट्स अमेरिका, जापान, म्यांमार, बुल्गारिया, यूएई, अफ्रीका और यूक्रेन जैसे देशों से थीं, जिन्होंने विविधता और वैश्विक एकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
हर प्रतिभागी ने अपने नेतृत्व और करुणा से प्रभावित किया, लेकिन शेरी सिंह की सच्ची अभिव्यक्ति, आत्मविश्वास और विनम्रता ने सभी के दिल जीत लिए।

मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता क्यों है विशेष

  • मिसेज यूनिवर्स विवाहित महिलाओं के लिए सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में से एक है, जो केवल सौंदर्य ही नहीं बल्कि बुद्धिमत्ता, नेतृत्व और सामाजिक योगदान का भी सम्मान करती है।

  • प्रतिभागियों का मूल्यांकन उनके करिश्मे, सामाजिक जागरूकता और समाज के प्रति योगदान के आधार पर किया जाता है।

  • 2025 संस्करण में विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, सामुदायिक कार्य और वैश्विक एकता पर जोर दिया गया।

  • शेरी सिंह का महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य और सशक्तिकरण पर केंद्रित अभियान उनके विजेता बनने का मुख्य कारण बना, जिसने उन्हें व्यापक सम्मान और प्रशंसा दिलाई।

मुख्य तथ्य (Key Takeaways)

  • कार्यक्रम: मिसेज यूनिवर्स 2025

  • विजेता: शेरी सिंह (भारत)

  • स्थान: ओकाडा, मनीला (फिलिपींस)

  • महत्त्व: भारत को मिला पहला मिसेज यूनिवर्स खिताब

  • थीम: महिलाओं का सशक्तिकरण एवं मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता

  • नेशनल डायरेक्टर: उर्मीमाला बोरुआ, UMB पेजेंट्स

भारतीय सेना ने स्वदेशी ‘सक्षम’ एंटी-ड्रोन ग्रिड लॉन्च किया

भारतीय सेना ने अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने के लिए SAKSHAM, एक स्वदेशी काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) ग्रिड, लॉन्च किया है। यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन का वास्तविक समय में पता लगाने, ट्रैक करने, पहचानने और नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। SAKSHAM एकीकृत युद्धक्षेत्र प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है और भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है।

SAKSHAM के बारे में

  • SAKSHAM का पूर्ण रूप है: Situational Awareness for Kinetic Soft and Hard Kill Assets Management

  • यह एक उन्नत कमांड और कंट्रोल नेटवर्क है जो सेना की वायु क्षेत्र नियंत्रण क्षमताओं को बढ़ाता है।

  • इसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), गाज़ियाबाद के सहयोग से विकसित किया गया है।

  • यह सुरक्षित संचार के लिए आर्मी डेटा नेटवर्क (ADN) पर संचालित होता है।

  • यह Tactical Battlefield Space (TBS) में एकीकृत और मान्यता प्राप्त UAS पिक्चर प्रदान करता है, जो जमीन से 3,000 मीटर (10,000 फीट) तक कवर करता है।

आधुनिक युद्ध में महत्व

  • Tactical Battlefield Space (TBS) की अवधारणा ऑपरेशन सिंदूर के बाद उभरी, जिसने सीमा पार संचालन के दौरान बढ़ते ड्रोन खतरों को उजागर किया।

  • आधुनिक युद्ध अब केवल भूमि नियंत्रण नहीं, बल्कि सैनिकों के ऊपर के वायु क्षेत्र पर नियंत्रण की मांग करता है।

  • SAKSHAM वास्तविक समय में खतरे का पता लगाने और उसे निष्क्रिय करने में मदद करता है, जो युद्धक्षेत्र में सर्वोच्चता के लिए महत्वपूर्ण है।

मुख्य विशेषताएँ

  • मॉड्यूलर ग्रिड सिस्टम: कई काउंटर-ड्रोन हथियार और सेंसर को जोड़ता है।

  • मल्टी-सेंसर फ्यूज़न: राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम और अन्य स्रोतों को एकीकृत करता है।

  • एआई-चालित खतरा विश्लेषण: तेजी और सटीकता के लिए निर्णय लेने को स्वचालित करता है।

  • फील्ड रेडी: इसे फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (FTP) मार्ग के तहत एक वर्ष के भीतर शामिल किया जाएगा।

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