केंद्र ने जनजातीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु ‘आदि कर्मयोगी’ की शुरुआत की

आदिवासी विकास को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने “आदि कर्मयोगी” कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह एक राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसका उद्देश्य फील्ड-स्तर के अधिकारियों को प्रेरित और प्रशिक्षित कर जनजातीय कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन को मजबूत बनाना है। इस कार्यक्रम की घोषणा नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में आयोजित “आदि अन्वेषण” राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर की गई।

समाचार में क्यों?

“आदि अन्वेषण” सम्मेलन के दौरान यह पाया गया कि जनजातीय पिछड़ेपन का मुख्य कारण योजनाओं या फंड की कमी नहीं, बल्कि उन्हें लागू करने वाले कर्मियों में प्रेरणा की कमी है।
इस कमी को दूर करने और योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के उद्देश्य से “आदि कर्मयोगी” कार्यक्रम शुरू किया गया है।

‘आदि कर्मयोगी’ कार्यक्रम के मुख्य बिंदु

  • घोषणा: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम द्वारा

  • उद्देश्य:

    • एक ऐसा प्रशिक्षित और प्रेरित अधिकारियों का समूह तैयार करना जो नागरिक-केंद्रित और सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण रखता हो।

    • योजनाओं को अंतिम लाभार्थी तक प्रभावी ढंग से पहुँचाना।

  • प्रेरणा: देशभर के फील्ड अधिकारियों के अनुभव और संवाद से मिली सीख

प्रशिक्षण लक्ष्य

  • राज्य स्तरीय प्रशिक्षक: 180

  • जिला स्तरीय प्रशिक्षक: 3,000+

  • ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षक: 15,000+

  • कुल लाभार्थी: 20 लाख फील्ड-स्तर के हितधारक (ब्यूरोक्रेट्स, ब्लॉक अधिकारी, फ्रंटलाइन कार्यकर्ता आदि)

पृष्ठभूमि व स्थैतिक जानकारी

  • कार्य मंत्रालय: जनजातीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Tribal Affairs – MoTA)

  • सम्मेलन स्थल: वाणिज्य भवन, नई दिल्ली

  • सम्मेलन का नाम: “आदि अन्वेषण” राष्ट्रीय सम्मेलन

प्रमुख फोकस क्षेत्र

  • जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

  • स्कूलों में शिक्षकों की कमी

  • जनसेवाओं तक सीमित पहुंच

  • फील्ड अधिकारियों में उत्तरदायित्व की भावना का अभाव

कार्यक्रम का उद्देश्य

  • रूटीन नौकरशाही से बाहर निकलकर उद्देश्य-प्रेरित सेवा व्यवस्था को अपनाना

  • सहानुभूति, नवाचार और प्रभावी शासन को प्रोत्साहित करना

  • जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर सेवा वितरण और जवाबदेही सुनिश्चित करना

भारत आगरा में वैश्विक आलू अनुसंधान केंद्र की मेजबानी करेगा

कृषि अनुसंधान और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने आगरा जिले के सिंगना में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (CSARC) की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यह केंद्र पेरू स्थित इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) का क्षेत्रीय अंग होगा, जो विश्व स्तर पर आलू और शकरकंद अनुसंधान में अग्रणी है। भारत, जो दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक और उपभोक्ता देश है, इस केंद्र की स्थापना से बीज गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रोसेसिंग और निर्यात में क्रांतिकारी सुधार की उम्मीद कर रहा है।

समाचार में क्यों?

दिनांक: 25 जून 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने CSARC की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह केंद्र भारत सहित नेपाल, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों के किसानों को उन्नत आलू और शकरकंद तकनीकों का लाभ देगा। यह निर्णय बढ़ती आलू कीमतों और जलवायु-लचीले किस्मों की मांग के मद्देनज़र लिया गया है।

इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (CIP) के बारे में

  • स्थापना: 1971

  • मुख्यालय: लीमा, पेरू

  • कार्य क्षेत्र: आलू, शकरकंद और एंडीज ट्यूबर

  • भारत से संबंध: 1975 से ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के साथ शोध साझेदारी

CSARC की प्रमुख विशेषताएं (आगरा, यूपी में)

  • स्थान: सिंगना, आगरा, उत्तर प्रदेश

  • निवेश: ₹171 करोड़ (भारत ₹111.5 करोड़, CIP ₹60 करोड़)

  • भूमि: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 10 हेक्टेयर

  • लक्षित क्षेत्र: भारत, नेपाल, बांग्लादेश सहित दक्षिण एशिया

प्रमुख उद्देश्य

  • उच्च उत्पादकता, रोगमुक्त, जलवायु-लचीली आलू व शकरकंद की किस्में विकसित करना

  • कटाई के बाद प्रबंधन और प्रोसेसिंग तकनीकों को बढ़ाना

  • मूल्य संवर्धन और निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना

  • स्थानीय बीज उत्पादन को बढ़ाकर आयात पर निर्भरता घटाना

  • किसानों की आय और रोजगार में वृद्धि

  • वैश्विक जर्मप्लाज्म और जेनेटिक संसाधनों तक भारत की पहुँच को मजबूत करना

भारत के लिए महत्व

  • वैश्विक स्थिति:

    • भारत – दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आलू उत्पादक (2020: 51.30 मिलियन टन)

    • चीन – 78.24 मिलियन टन

  • उत्पादकता अंतर (Yield Gap):

    • आलू: वर्तमान – 25 टन/हेक्टेयर | संभावित – 50+ टन/हेक्टेयर

    • शकरकंद: वर्तमान – 11.5 टन/हेक्टेयर | संभावित – 30 टन/हेक्टेयर

  • लाभार्थी राज्य: उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश

  • खाद्य सुरक्षा: आलू भारत में चावल और गेहूं के बाद तीसरा सबसे अधिक उपलब्ध खाद्य उत्पाद है

पृष्ठभूमि और वैश्विक संदर्भ

  • समान मॉडल:

    • CIP-China Center for Asia Pacific (CCCAP): बीजिंग, 2017

    • IRRI-South Asia Regional Center (IRRI-SARC): वाराणसी, भारत, 2017

  • ICAR सहयोगी संस्थान:

    • CPRI (शिमला): आलू अनुसंधान

    • CTCRI (तिरुवनंतपुरम): शकरकंद और अन्य कंद फसलों पर अनुसंधान

अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस 2025

हर साल 29 जून को अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह इसका नवां वार्षिक आयोजन है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2016 में इस दिवस को घोषित किया था, ताकि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की असीम विविधता और वैश्विक भविष्य को आकार देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी जा सके। यह दिन उन विशिष्ट चुनौतियों की ओर भी ध्यान आकर्षित करता है, जिनका सामना ये क्षेत्र जलवायु, भूगोल और विकासीय असमानताओं के कारण कर रहे हैं। अन्य अंतर्राष्ट्रीय दिवसों के विपरीत, यह दिवस किसी वार्षिक थीम का अनुसरण नहीं करता, जिससे इस पर व्यापक और समावेशी दृष्टिकोण से विचार संभव होता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: रिपोर्ट से मान्यता तक

  • इस दिवस की नींव 29 जून 2014 को प्रकाशित ‘स्टेट ऑफ द ट्रॉपिक्स रिपोर्ट’ से पड़ी।

  • यह रिपोर्ट 12 प्रमुख उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से तैयार की गई थी, जिसमें उष्णकटिबंधीय दुनिया की पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों का व्यापक विश्लेषण था।

  • इस रिपोर्ट के प्रभाव को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2016 में प्रस्ताव A/RES/70/267 पारित कर 29 जून को अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस घोषित किया

  • इस रिपोर्ट का दूसरा संस्करण वर्ष 2020 में प्रकाशित हुआ, जिससे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की निगरानी और सहयोग की महत्ता और पुष्ट हुई।

भौगोलिक परिभाषा: उष्णकटिबंधीय क्षेत्र क्या हैं?

  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्र पृथ्वी पर कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच फैले होते हैं।

  • इन क्षेत्रों में सालभर गर्म मौसम रहता है, तापमान में ज्यादा अंतर नहीं होता, लेकिन वर्षा का पैटर्न भिन्न होता है।

  • भूमध्य रेखा के समीप वर्षा प्रचुर और नियमित होती है, जबकि दूर के क्षेत्रों में यह मौसमी होती है।

  • यह क्षेत्र जैव विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि का केंद्र हैं, जहां हजारों प्रजातियाँ, आदिवासी समुदाय और भाषाएँ पाई जाती हैं।

वैश्विक महत्व: जैव विविधता और संस्कृति का केंद्र

  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्र पृथ्वी की सतह का लगभग 40% भाग घेरते हैं और यहाँ विश्व की 80% जैव विविधता पाई जाती है।

  • ये क्षेत्र एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ओशिनिया के कई देशों को शामिल करते हैं, जहाँ जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और शहरीकरण हो रहा है।

  • लेकिन इनके साथ वनों की कटाई, निवास स्थानों की हानि, प्रदूषण, और सामाजिक-आर्थिक असमानता जैसी चुनौतियाँ भी हैं।

  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में भी केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।

उद्देश्य और महत्व: जागरूकता और कार्रवाई का आह्वान

  • इस दिवस का उद्देश्य दुनिया का ध्यान उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की संभावनाओं और संकटों की ओर आकर्षित करना है।

  • यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, शोध साझेदारी और विकास पहलों को बढ़ावा देता है ताकि उष्णकटिबंधीय देश अपने संसाधनों का सतत और न्यायपूर्ण उपयोग कर सकें।

  • साथ ही यह दिन ग्लोबल वार्मिंग, वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसी समस्याओं की ओर चेताता है और इनके समाधान हेतु समूहगत और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

प्रज्ञानानंदा ने जीता उजचेस कप मास्टर्स का खिताब

भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंद ने उज़बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित UzChess कप मास्टर्स 2025 का खिताब जीत लिया है, जो इस वर्ष में उनकी तीसरी बड़ी क्लासिकल शतरंज प्रतियोगिता में जीत है। इस शानदार प्रदर्शन के साथ 19 वर्षीय प्रज्ञानानंद की लाइव FIDE रेटिंग 2778.3 हो गई है और वे विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंच गए हैं, साथ ही भारत के नंबर 1 खिलाड़ी भी बन गए हैं।

क्यों है यह समाचार में?

27 जून 2025 को प्रज्ञानानंद ने UzChess कप मास्टर्स 2025 के अंतिम राउंड में नाटकीय जीत हासिल की, जिससे उन्होंने नोदिरबेक अब्दुसत्तारोव और जवोखिर सिंदारोव को पीछे छोड़ते हुए खिताब अपने नाम किया।

टूर्नामेंट हाइलाइट्स

  • स्थान: ताशकंद, उज़बेकिस्तान

  • टूर्नामेंट: UzChess Cup Masters 2025

  • विजय तिथि: 27 जून 2025

  • अंतिम स्कोर: 5.5 अंक (अब्दुसत्तारोव व सिंदारोव के साथ संयुक्त रूप से)

टाईब्रेक फ़ॉर्मेट

  1. पहला टाईब्रेक: डबल राउंड-रॉबिन ब्लिट्ज – तीनों खिलाड़ियों के 2-2 अंक

  2. दूसरा टाईब्रेक:

    • प्रज्ञानानंद ने सिंदारोव को हराया

    • अब्दुसत्तारोव से ड्रॉ

    • सिंदारोव की अब्दुसत्तारोव पर जीत के कारण खिताब प्रज्ञानानंद को मिला

विश्व रैंकिंग में बदलाव

  • प्रज्ञानानंद की लाइव FIDE रेटिंग: 2778.3

  • नई विश्व रैंक: 4 (पहले 7वें स्थान पर थे)

अन्य शीर्ष भारतीय खिलाड़ी

  • डी. गुकेश: 2776.6 – अब विश्व रैंक 5

  • अर्जुन एरिगैसी: 2775.7 – अब विश्व रैंक 6

विश्व के शीर्ष खिलाड़ी

  1. मैग्नस कार्लसन: 2839.2

  2. हिकारू नाकामुरा: 2807.0

  3. फैबियानो कारुआना: 2784.2

प्रतिक्रियाएं और विरासत

विश्वनाथन आनंद ने कहा:

  • यह जीत “सबसे कम संभावना वाली जीत” थी, क्योंकि अंतिम दो राउंड तक स्थिति विपरीत थी

  • प्रज्ञानानंद की टाईब्रेक जीतने की निरंतरता को सराहा (2025 में यह तीसरी टाईब्रेक जीत है)

  • उनकी संघर्षशीलता और मानसिक दृढ़ता की प्रशंसा की

निष्कर्ष

प्रज्ञानानंद की यह जीत भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक पल है। वह न केवल भारत के शीर्ष खिलाड़ी बन गए हैं, बल्कि विश्व मंच पर भी मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं। यह उनके निरंतर परिश्रम, मानसिक संतुलन और रणनीतिक कौशल का परिचायक है।

JioBlackRock Broking को ब्रोकरेज कारोबार शुरू करने के लिए सेबी की मंजूरी मिली

जियो ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स प्राइवेट लि. की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी जियो ब्लैकरॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड को ब्रोकरेज इकाई के रूप में परिचालन शुरू करने के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि जियोब्लैकरॉक ब्रोकिंग का लक्ष्य निवेशकों के लिए सस्ती, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-संचालित निष्पादन क्षमताएं लाना है। यह कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) और ब्लैकरॉक इंक के बीच 50:50 के संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) JioBlackRock Investment Advisers Pvt. Ltd. की सहायक इकाई है।

क्यों है यह समाचार में?

27 जून 2025 को SEBI ने जियोब्लैकरॉक ब्रोकिंग को ब्रोकिंग सेवाओं की शुरुआत के लिए अनुमति दे दी। यह मंजूरी ऐसे समय पर मिली है जब कुछ ही समय पहले इसकी एसेट मैनेजमेंट और इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी शाखाओं को भी रेगुलेटरी स्वीकृति मिल चुकी है। यह विकास भारत में तकनीक-प्रेरित, पारदर्शी और किफायती निवेश समाधान प्रदान करने के संयुक्त उद्यम के विज़न को मजबूत करता है।

जियोब्लैकरॉक ब्रोकिंग के बारे में

  • कंपनी का नाम: JioBlackRock Broking Pvt. Ltd.

  • मूल कंपनी: JioBlackRock Investment Advisers Pvt. Ltd.

  • स्वामित्व संरचना:

    • 50% – Jio Financial Services Ltd. (रिलायंस समूह का हिस्सा)

    • 50% – BlackRock Inc. (विश्व की अग्रणी एसेट मैनेजमेंट कंपनी, मुख्यालय अमेरिका)

  • नियामक प्राधिकरण: SEBI

प्रमुख सेवाएं और उद्देश्य

  • ब्रोकिंग सेवाएं:

    • Self-directed investors के लिए डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म

  • निवेश सलाह:

    • व्यक्तिगत निवेश मार्गदर्शन – JioBlackRock Investment Advisers द्वारा

  • एसेट मैनेजमेंट:

    • नवीन म्यूचुअल फंड और संपत्ति निर्माण उपकरणों का संचालन

रणनीतिक दृष्टिकोण

  • तकनीक आधारित समाधान: निवेश को अधिक सुलभ, सस्ता और पारदर्शी बनाना।

  • निवेश का लोकतंत्रीकरण: शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी निवेश को बढ़ावा देना।

  • एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म: जहां उपयोगकर्ता को सलाह, फंड मैनेजमेंट, और ट्रेडिंग की सुविधाएं एक साथ मिलें।

महत्वपूर्ण प्रभाव

  • यह मंजूरी भारत में एक डिजिटल-फर्स्ट निवेश इकोसिस्टम की दिशा में एक और बड़ा कदम है।

  • जियो की डिजिटल पहुंच और ब्लैकरॉक की वैश्विक विशेषज्ञता मिलकर भारतीय खुदरा निवेशकों को सशक्त बनाएगी।

  • निवेश का अनुभव अधिक सरल, किफायती और भरोसेमंद बनेगा।

Bihar सरकार ने मां जानकी मंदिर के निर्माण, पुनर्विकास के लिए न्यास गठित किया

बिहार सरकार ने सीतामढ़ी जिले में देवी सीता की जन्मस्थली पुनौरा धाम में मां जानकी मंदिर के निर्माण और पुनर्विकास के लिए बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय न्यास का गठन किया। राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर पुनौरा धाम में एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा। यह पहल उस क्षेत्र को एक प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल में बदलने के उद्देश्य से की गई है, जिसे पारंपरिक रूप से सीता माता का जन्मस्थान माना जाता है। यह परियोजना अयोध्या में बने श्रीराम मंदिर की तर्ज पर तैयार की जा रही है।

क्यों है यह समाचार में?

26 जून 2025 को बिहार सरकार ने “श्री जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति” (Shree Janaki Janm Bhumi Punaura Dham Mandir Nyas Samiti) के गठन की राजपत्र अधिसूचना जारी की। इससे पहले 22 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंदिर की अंतिम डिज़ाइन का अनावरण किया और इसे राज्य के पर्यटन और अधोसंरचना विकास से जोड़ने की घोषणा की।

मुख्य विशेषताएं

  • ट्रस्ट मंदिर निर्माण और पुनौरा धाम के समग्र विकास की निगरानी करेगा।

  • अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर मंदिर को भव्य रूप से विकसित किया जाएगा।

  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थानीय रोज़गार सृजन और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण पर ज़ोर होगा।

न्यास (ट्रस्ट) की संरचना

  • अध्यक्ष: बिहार के मुख्य सचिव

  • उपाध्यक्ष: विकास आयुक्त

  • सचिव: सीतामढ़ी के जिलाधिकारी

  • कोषाध्यक्ष: सीतामढ़ी के डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर (DDC)

अन्य सदस्य:

  • पुनौरा धाम मठ के महंत

  • पर्यटन, पथ निर्माण, और आवास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी

  • तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त

पृष्ठभूमि और विकास दृष्टि

  • पुनौरा धाम (सीतामढ़ी) को मां सीता के जन्मस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त है।

  • मंदिर निर्माण के साथ-साथ सड़कें, धर्मशालाएं, पेयजल, स्वच्छता, और पर्यटन-सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

  • मुख्यमंत्री की “प्रगति यात्रा” के दौरान इस परियोजना को धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का एकीकृत मॉडल बताया गया।

उद्देश्य और महत्व

  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और आध्यात्मिक चेतना को सुदृढ़ करना।

  • स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देना और रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना।

  • सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और मिथकीय परंपराओं से लोगों को जोड़ना।

  • बिहार को धार्मिक पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर उभारना।

 

फेयरफैक्स ने Amitabh Kant को वरिष्ठ सलाहकार किया नियुक्त

कनाडा स्थित निवेश कंपनी फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड ने भारत के पूर्व G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत को सीनियर एडवाइजर (वरिष्ठ सलाहकार) नियुक्त किया है। आर्थिक नीतियों और विकास कार्यक्रमों के क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव को देखते हुए, यह नियुक्ति भारत में फेयरफैक्स के दीर्घकालिक निवेशों को रणनीतिक रूप से दिशा देने के उद्देश्य से की गई है, विशेष रूप से भारत के “विकसित भारत 2047” विजन के अनुरूप।

क्यों है यह खबर में?

अमिताभ कांत ने हाल ही में भारत के G20 शेरपा पद से इस्तीफा दिया, जहां उन्होंने 2023 में सफल G20 अध्यक्षता के दौरान “नई दिल्ली घोषणा पत्र” जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक सहमतियों को संभव बनाया। 27 जून 2025 को उनकी फेयरफैक्स में नियुक्ति, भारत में बढ़ते निवेश अवसरों और विकास पथ के प्रति कंपनी की रुचि को दर्शाती है।

अमिताभ कांत के बारे में

  • भारत के G20 शेरपा (2022–2025)

  • नीति आयोग के CEO (2016–2022)

  • प्रमुख पहलों का नेतृत्व किया:

    • आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम 

    • स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया

  • कुशल नीति निर्माता और सर्वसम्मति स्थापित करने वाले नेतृत्वकर्ता

फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स

  • मुख्यालय: कनाडा

  • अध्यक्ष: प्रेम वत्स, जिन्हें अक्सर “कनाडा के वॉरेन बफे” कहा जाता है

  • प्रमुख कार्यक्षेत्र:

    • जनरल इंश्योरेंस

    • रिइंश्योरेंस

    • निवेश प्रबंधन

  • भारत में निवेश:

    • Go Digit जनरल इंश्योरेंस

    • केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेंगलुरु

    • वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स

भारत पर फेयरफैक्स का ध्यान

  • भारत को दीर्घकालिक विकास की कहानी मानता है

  • 2047 तक भारत के $4 ट्रिलियन से $30 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के विजन के साथ जुड़ाव

  • निवेश के प्रमुख क्षेत्र:

    • शहरीकरण 

    • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

    • सतत विकास 

    • निजी उद्यम 

नियुक्ति का महत्व

  • अमिताभ कांत लाएंगे:

    • नीति निर्माण का गहरा अनुभव

    • सरकारी कार्यक्रमों की गहरी समझ

    • निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच सेतु की भूमिका

  • यह नियुक्ति फेयरफैक्स की ईमानदारी और समावेशी विकास की नीति के साथ मेल खाती है

IRDAI ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस उल्लंघन के लिए एडलवाइस लाइफ पर ₹1 करोड़ का जुर्माना लगाया

बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एडलवाइस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी पर ₹1 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना कंपनी द्वारा कॉरपोरेट गवर्नेंस दिशानिर्देशों, विशेष रूप से आउटसोर्सिंग मानदंडों और पॉलिसीधारकों के KYC अनुपालन में चूक के चलते लगाया गया है।

क्यों है खबर में?

यह मामला 25 जून 2025 को IRDAI द्वारा पारित आदेश के बाद चर्चा में आया, जिसमें एडलवाइस लाइफ की कई नियामकीय चूक को उजागर किया गया। यह फैसला बीमा उद्योग में कड़ाई से अनुपालन लागू करने की नियामक की मंशा को दर्शाता है।

मुख्य उल्लंघन

आउटसोर्सिंग गवर्नेंस में विफलता

  • कंपनी ने आउटसोर्सिंग से जुड़े हितों के टकराव (Conflict of Interest) को ठीक से नहीं संभाला।

  • IRDAI के अनुसार:

    • बीमा कंपनियों को सेवा प्रदाताओं की जांच और निगरानी करनी होती है।

    • सेवा आउटसोर्स करने पर भी पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है।

    • पर्याप्त नीतियां, प्रक्रियाएं और नियंत्रण प्रणाली अनिवार्य हैं।

बैंक विवरण से संबंधित नियमों का उल्लंघन

  • कंपनी ने ₹10,000 से अधिक प्रीमियम वाले प्रस्तावों पर पॉलिसीधारकों के बैंक खाते की जानकारी नहीं ली।

  • कंपनी ने दलील दी कि बैंक विवरण अनिवार्य नहीं था।

  • IRDAI ने इसे खारिज करते हुए कहा कि KYC और उचित प्रकटीकरण के तहत यह अनिवार्य है।

IRDAI ने कंपनी को चेतावनी भी दी है कि भविष्य में इस तरह की चूक को गंभीरता से लिया जाएगा।

पृष्ठभूमि

  • IRDAI भारत में बीमा नियामक शीर्ष संस्था है।

  • इसका उद्देश्य पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा और बीमा क्षेत्र का सुव्यवस्थित विकास सुनिश्चित करना है।

  • बीमा कंपनियों को कंपनी अधिनियम 2013 और IRDAI दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।

इस कार्रवाई का महत्व

  • यह फैसला दर्शाता है कि वित्तीय सेवाओं में कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर अब अधिक सख्ती बरती जा रही है।

  • अन्य बीमा कंपनियों के लिए यह सख्त चेतावनी है कि नियामकीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

  • पॉलिसीधारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रिकॉर्ड-कीपिंग और जोखिम प्रबंधन को सुदृढ़ करना आवश्यक है।

निष्कर्ष:
यह कार्रवाई बीमा कंपनियों के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि उन्हें नैतिकता, पारदर्शिता और अनुपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी, वरना कड़ी कार्रवाई झेलनी पड़ेगी।

कांटा लगा फेम शेफाली जरीवाला का निधन

बिग बॉस 13 की कंटेस्टेंट शेफाली जरीवाला का 42 साल की उम्र में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेफाली को 12 जून की देर रात दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी अचानक मौत हो गई। इस खबर ने न सिर्फ उनके फैंस को, बल्कि पूरी इंडस्ट्री को गहरे सदमे में डाल दिया है। उन्हें उनके पति पराग त्यागी ने बेलेव्यू मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है और जांच जारी है।

क्यों चर्चा में हैं?

प्रसिद्ध अभिनेत्री शेफाली जरीवाला के अचानक निधन की खबर ने मनोरंजन जगत और आम जनता को गहरा सदमा दिया है। उनकी उम्र केवल 42 वर्ष थी और वे हाल के वर्षों में भी सक्रिय थीं। उनके निधन को लेकर मीडिया में व्यापक कवरेज, शोक और चिंता व्यक्त की जा रही है।

करियर की मुख्य झलकियां

  • 2002 में ‘कांटा लगा’ म्यूजिक वीडियो से मिली जबरदस्त प्रसिद्धि; यह वीडियो पॉप कल्चर का हिस्सा बन गया।

  • 2019 में बिग बॉस 13 में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने अपनी स्पष्टता और गरिमा से लोकप्रियता हासिल की।

  • 2004 की फिल्म ‘मुझसे शादी करोगी’ में सलमान खान और अक्षय कुमार के साथ अभिनय किया।

  • पति पराग त्यागी के साथ नच बलिए 5 और 7 में भाग लिया।

  • खुद को “कांटा लगा गर्ल” के रूप में हमेशा गर्व से प्रस्तुत किया।

निजी जीवन

  • वर्ष 2015 में टीवी अभिनेता पराग त्यागी से विवाह किया।

  • उन्होंने एपिलेप्सी (मिर्गी) से अपनी जंग के बारे में भी खुलकर बताया था,
    जिसने उनके करियर के अवसरों को प्रभावित किया।

वर्तमान घटनाक्रम

  • उन्हें शुक्रवार रात तबीयत बिगड़ने पर
    बेलव्यू मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ले जाया गया,
    जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

  • शव को पोस्टमार्टम के लिए कूपर अस्पताल भेजा गया है।

  • पुलिस जांच जारी है; घरेलू स्टाफ से पूछताछ हो रही है।

जुलाई 2025 से लागू होने वाले प्रमुख क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव

कई प्रमुख भारतीय बैंकों – एसबीआई, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक – ने अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों और शर्तों में महत्वपूर्ण संशोधनों की घोषणा की है, जो जुलाई 2025 से लागू होंगे। इन अपडेट में रिवॉर्ड स्ट्रक्चर, नए ट्रांजैक्शन फीस, बीमा कवरेज एडजस्टमेंट और क्रेडिट कार्ड रिप्लेसमेंट में बदलाव शामिल हैं। कार्डधारकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी व्यवधान या लाभ में कमी से बचने के लिए इन बदलावों की समीक्षा करें।

SBI कार्ड: हवाई दुर्घटना बीमा बंद और अन्य बदलाव

प्रभावी तिथि: 15 जुलाई 2025

मुख्य बदलाव:
SBI ने घोषणा की है कि कई प्रीमियम क्रेडिट कार्डों पर मिलने वाला कॉम्प्लिमेंट्री एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस लाभ बंद किया जाएगा।

प्रभावित कार्ड और बीमा राशि:

  • SBI Card Elite, Miles Elite, Miles Prime → ₹1 करोड़ का बीमा समाप्त

  • SBI Card Prime, Pulse → ₹50 लाख का बीमा समाप्त

ये सभी लाभ 15 जुलाई 2025 से बंद हो जाएंगे।
जो लोग इस बीमा को यात्रा सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करते हैं, उन्हें वैकल्पिक बीमा योजनाओं पर विचार करना चाहिए।

अन्य बदलाव:

  • मिनिमम ड्यू (Minimum Due) की गणना और

  • पेमेन्ट सेटलमेंट अनुक्रम (Payment Settlement Hierarchy) में बदलाव
    इनसे ब्याज दरें और लेट फीस पर असर पड़ सकता है, इसलिए बिल स्टेटमेंट को सावधानी से पढ़ें।

HDFC बैंक: ट्रांजैक्शन शुल्क और रिवॉर्ड पॉइंट नियमों में बदलाव

प्रभावी तिथि: 1 जुलाई 2025

नया लेन-देन शुल्क (1% शुल्क):

निम्न श्रेणियों पर लागू:

  • ऑनलाइन गेमिंग

  • वॉलेट टॉप-अप (Paytm, Mobikwik आदि)

  • ₹50,000 से अधिक यूटिलिटी बिल भुगतान (कंज़्यूमर कार्ड)

  • ₹75,000 से अधिक (बिज़नेस कार्ड)
    अधिकतम शुल्क: ₹4,999 प्रति माह

रिवॉर्ड पॉइंट सीमाएं (Capping):

  • Infinia Card: 10,000 प्वाइंट/माह

  • Diners Black: 5,000 प्वाइंट/माह

  • अन्य कार्ड: अधिकतम 2,000 प्वाइंट/माह

  • Marriott Bonvoy कार्ड: कोई सीमा नहीं

गेमिंग पर अब कोई रिवॉर्ड प्वाइंट नहीं मिलेगा।

Kotak Mahindra Bank: Myntra क्रेडिट कार्ड होगा समाप्त

प्रभावी तिथि: 10 जुलाई 2025

बदलाव:

  • Myntra Kotak क्रेडिट कार्ड को Kotak League Credit Card से स्वचालित रूप से बदला जाएगा।

  • नई रिवॉर्ड संरचना, कैशबैक श्रेणियों, और मर्चेंट टाई-अप में बदलाव संभव।

  • Myntra के विशेष ऑफर अब लागू नहीं होंगे।

कार्डधारकों को सलाह दी जाती है कि वे नए कार्ड की शर्तें और लाभ ध्यान से पढ़ें।

निष्कर्ष:

जुलाई 2025 से लागू होने वाले ये बदलाव आपके क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड, शुल्क, और सुरक्षा लाभों को प्रभावित कर सकते हैं।

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