अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के महत्व की याद दिलाता है तथा दुनिया भर में संकटग्रस्त भाषाओं की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देता है।
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की थीम
इस साल यूनेस्को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का सिल्वर जुबली समारोह” थीम (Theme) पर अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मना रहा है। इस दिन कविताएं पढ़ने, अलग-अलग भाषाओं में कहानी सुनाने और सांस्कृतिक संगीत से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह सेलिब्रेशन यूनेस्को के पेरिस, फ्रांस हेडक्वार्टर्स में हो रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास
उत्पत्ति और घोषणा
इस दिवस को मनाने की प्रेरणा बांग्लादेश से मिली, जहाँ 1952 के भाषा आंदोलन ने बांग्ला को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 17 नवंबर 1999 को यूनेस्को ने 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया, जिससे भाषाई विविधता और बहुभाषावाद को बढ़ावा दिया जा सके।
संयुक्त राष्ट्र का समर्थन
2002 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिवस की घोषणा का स्वागत किया। इसके बाद, 2007 में, महासभा ने प्रस्ताव A/RES/61/266 पारित किया, जिसमें सदस्य देशों से सभी भाषाओं के संरक्षण और सुरक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया। इसके अतिरिक्त, 2008 को “अंतर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष” घोषित किया गया, जिसमें यूनेस्को ने बहुभाषावाद को प्रोत्साहित करने के लिए नेतृत्व किया।
अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व
भाषाई और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
भाषाएँ पहचान, परंपरा और इतिहास की संवाहक होती हैं। किसी भाषा के विलुप्त होने से सांस्कृतिक अभिव्यक्तियाँ, पारंपरिक ज्ञान और लोक-व्यवहार समाप्त हो जाते हैं। यह दिन संकटग्रस्त भाषाओं के दस्तावेजीकरण, पुनर्जीवन और सुरक्षा की आवश्यकता पर जागरूकता बढ़ाता है।
बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा
मातृभाषा-आधारित बहुभाषी शिक्षा से सीखने के परिणाम बेहतर होते हैं, स्थानीय भाषाओं को संरक्षित किया जाता है और समावेशी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन मिलता है। शिक्षा प्रणाली में मातृभाषाओं को शामिल करने से भाषाई विविधता को अगली पीढ़ियों तक संरक्षित रखा जा सकता है।
सामाजिक समावेशन और एकता को सुदृढ़ करना
भाषाई विविधता सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विविधता के प्रति सम्मान और समावेशी समाजों को प्रोत्साहित करती है। सभी भाषाओं को सार्वजनिक संवाद, शासन और प्रौद्योगिकी में उचित स्थान देने से भाषाई समुदायों के लिए समान अवसर उपलब्ध होते हैं।
डिजिटल समावेशन को प्रोत्साहन
डिजिटल युग में भाषा प्रतिनिधित्व की असमानता एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में, केवल सौ से भी कम भाषाएँ डिजिटल दुनिया में प्रमुख रूप से उपयोग हो रही हैं। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, एआई टूल्स और ऑनलाइन शिक्षा में अधिक भाषाई प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना आधुनिक युग में भाषाई विविधता की रक्षा के लिए आवश्यक है।
विषय | विवरण |
क्यों चर्चा में? | अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्रत्येक वर्ष 21 फरवरी को भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। |
2024 की थीम | अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती समारोह। |
उत्पत्ति और घोषणा | 1952 के बांग्लादेश भाषा आंदोलन से प्रेरित; यूनेस्को ने 1999 में 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया। |
संयुक्त राष्ट्र की स्वीकृति | 2002 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिवस को मान्यता दी। 2007 में प्रस्ताव A/RES/61/266 के माध्यम से भाषा संरक्षण को बढ़ावा दिया गया। 2008 को अंतर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित किया गया। |
महत्व | – धरोहर संरक्षण: संकटग्रस्त भाषाओं और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा। – बहुभाषी शिक्षा: शिक्षण को सशक्त बनाना और भाषाई विविधता को बनाए रखना। – सामाजिक समावेशन: सांस्कृतिक सम्मान और समान अवसरों को मजबूत करना। – डिजिटल समावेशन: एआई, प्रौद्योगिकी और ऑनलाइन शिक्षा में भाषाई प्रतिनिधित्व का विस्तार। |