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मॉक ड्रिल क्या है? भारत में स्थान और समय

भारत में हाल ही में बढ़ते खतरे और पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनज़र एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा पहल के तहत, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई 2025 (बुधवार) को देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह पहल 1971 के बाद पहली बार इतने व्यापक पैमाने पर की जा रही है, जिसका उद्देश्य संभावित बाहरी हमलों के खिलाफ भारत की निष्क्रिय रक्षा (passive defence) तैयारियों की जांच और उन्हें सुदृढ़ करना है।

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है?

सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक प्रकार का आपातकालीन पूर्वाभ्यास है, जिसे यह जांचने के लिए आयोजित किया जाता है कि नागरिक और सिविल डिफेंस एजेंसियाँ संकट की स्थिति — जैसे दुश्मन का हवाई हमला, आतंकवादी हमला या प्राकृतिक आपदा — के दौरान कितनी कुशलता से प्रतिक्रिया देती हैं।

इन ड्रिल्स के माध्यम से:

  • नागरिकों को शांत और प्रभावी प्रतिक्रिया देना सिखाया जाता है।

  • विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की क्षमता की जांच होती है।

  • तैयारियों में मौजूद कमियों की पहचान कर उन्हें बेहतर किया जा सकता है।

  • सुरक्षा, सतर्कता और लचीलापन की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।

इस परिप्रेक्ष्य में, 7 मई को आयोजित यह मॉक ड्रिल देश के 244 चिन्हित जिलों में आयोजित की जा रही है, जिन्हें खतरे के स्तर के अनुसार उच्च से निम्न श्रेणी में विभाजित किया गया है।

अब क्यों? मॉक ड्रिल की वजह
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इसके जवाब में सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित नौ आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई।

सैन्य कार्रवाई के साथ-साथ अब केंद्र सरकार ने आंतरिक तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नागरिक सुरक्षा (Civil Defence) व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में कदम उठाया है। इसका फोकस आम नागरिकों में जागरूकता और आपसी समन्वय बढ़ाना है, विशेषकर उन इलाकों में जो दुश्मन के हमलों या तोड़फोड़ की चपेट में आ सकते हैं।


7 मई, 2025 को मॉक ड्रिल के लिए चुने गए 244 नागरिक सुरक्षा ज़िलों की सूची

सारांश

  • श्रेणी I (उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र): 13 जिले

  • श्रेणी II (मध्यम प्राथमिकता वाले क्षेत्र): 201 जिले

  • श्रेणी III (निम्न प्राथमिकता वाले क्षेत्र): 45 जिले


श्रेणी I – उच्च प्राथमिकता वाले जिले (13 जिले)

राज्य/केंद्रशासित प्रदेश – जिले:

  • अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह: पोर्ट ब्लेयर

  • आंध्र प्रदेश: हैदराबाद, विशाखापट्टनम

  • अरुणाचल प्रदेश: आलो (पश्चिम सियांग), ईटानगर, तवांग

  • असम: हैयुलिंग, बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, धुबरी, गोलपाड़ा, जोरहाट, सिबसागर, तिनसुकिया, तेजपुर, डिगबोई, डुलियाजन, गुवाहाटी (दिसपुर), रंगिया, नामरूप, नजीरा, नॉर्थ लखीमपुर, नुमालिगढ़

  • बिहार: बरौनी, कटिहार, पटना, पूर्णिया, बेगूसराय

  • चंडीगढ़: चंडीगढ़

  • छत्तीसगढ़: दुर्ग (भिलाई)

  • दादरा और नगर हवेली: सिलवासा

  • दमन और दीव: दमन

  • दिल्ली: दिल्ली (नई दिल्ली और कैंटोनमेंट सहित)

  • गोवा: उत्तर गोवा (पणजी), दक्षिण गोवा (मर्मुगाओ, वास्को, डाबोलिम)

  • गुजरात: अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, काकरापार, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, कांडला, नालिया, अंकलेश्वर, ओखा, वाडी नार

  • हरियाणा: अंबाला, फरीदाबाद, गुड़गांव, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर

  • हिमाचल प्रदेश: शिमला

  • जम्मू-कश्मीर (लद्दाख सहित): अनंतनाग, पुलवामा, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, करगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पुंछ, राजौरी, श्रीनगर, उधमपुर, सांबा, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतीपुर

  • झारखंड: बोकारो, गोमिया, जमशेदपुर, रांची

  • कर्नाटक: बेंगलुरु (शहरी), मल्लेश्वरम, रायचूर

  • केरल: कोच्चि, तिरुवनंतपुरम

  • लक्षद्वीप: कवरत्ती

  • मध्य प्रदेश: भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, कटनी

  • महाराष्ट्र: मुंबई, उरण, तारापुर, ठाणे, पुणे, नासिक, रोहन-धाटाव-नागोठणे, मोंमाड, सिन्नर, थाल-वाशोट, पिंपरी-चिंचवड़

  • मणिपुर: इंफाल, चुराचांदपुर, उखरुल, मोरेह, निंगथौखोंग

  • मेघालय: शिलांग (ईस्ट खासी हिल्स), जवाई (जैंतिया हिल्स), तुरा (वेस्ट गारो हिल्स)

  • मिजोरम: आइजोल

  • नागालैंड: दीमापुर, कोहिमा, मोकोकचुंग, मोन, फेक, तुएनसांग, वोखा, जुन्हेबोटो, किफिरे, पेरेन

  • ओडिशा: तालचेर, हीराकुंड, पारादीप, राउरकेला, बालासोर, कोरापुट, भुवनेश्वर, गोपालपुर

  • पुडुचेरी: पुडुचेरी

  • पंजाब: अमृतसर, भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, रोपड़, संगरूर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, आदमपुर, बरनाला, भाखड़ा-नंगल, हलवारा, कोटकपूरा, बटाला, मोहाली (एसएएस नगर), अबोहर, फरीदपुर

  • राजस्थान: अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, फुलेरा (जयपुर), नागौर (मेड़ता रोड), जालोर, ब्यावर, हनुमानगढ़, जयपुर, लालगढ़, जैसलमेर, सवाई माधोपुर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद, भिवाड़ी, पाली, भीलवाड़ा, कोटा, रावतभाटा

  • सिक्किम: गंगटोक

  • तमिलनाडु: चेन्नई, कलपक्कम

  • तेलंगाना: हैदराबाद

  • त्रिपुरा: अगरतला

  • उत्तर प्रदेश: बुलंदशहर (नरोरा), आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाज़ियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बक्शी का तालाब, मुगलसराय, सरसावा, बागपत, मुजफ्फरनगर

  • उत्तराखंड: देहरादून

  • पश्चिम बंगाल: कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, मालदा, सिलीगुड़ी, ग्रेटर कोलकाता, दुर्गापुर, हल्दिया, हाशीमारा, खड़गपुर, बर्नपुर-आसनसोल, फरक्का-खेजुरीघाट, चित्तरंजन, बालुरघाट, अलीपुरद्वार, रायगंज, इस्लामपुर, दिनहाटा, मखलीगंज, माथाभांगा, कालिमपोंग, जलढाका, कुरसियांग, कोलाघाट, बर्दवान, बीरभूम, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद

श्रेणी II – मध्यम प्राथमिकता वाले जिले (201 जिले में से कुछ उदाहरण)

राज्य / केंद्रशासित प्रदेश जिले
असम दरांग, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग, कोकराझार
गुजरात भरूच, डांग, कच्छ, मेहसाणा, नर्मदा, नवसारी
हरियाणा झज्जर
झारखंड गोड्डा, साहेबगंज
महाराष्ट्र औरंगाबाद, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग
ओडिशा भद्रक, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा
राज्य / केंद्रशासित प्रदेश जिला
अरुणाचल प्रदेश बोंडिला

(गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित)

  1. वायु हमला चेतावनी सायरन की प्रभावशीलता की जांच करना।

  2. शहरी और संवेदनशील क्षेत्रों में ब्लैकआउट अभ्यास लागू करना।

  3. नागरिकों और छात्रों को हमले के समय सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण देना।

  4. निकासी योजनाओं का पूर्वाभ्यास और कंट्रोल रूम की तत्परता सुनिश्चित करना।

  5. भारतीय वायुसेना (IAF) के साथ संचार तंत्र को सक्रिय करना।

  6. महत्वपूर्ण ढांचे की छलावरण (कैमोफ्लाजिंग) तकनीकों को लागू करना।

  7. वार्डन, बचाव और अग्निशमन सेवाओं की सतर्कता का मूल्यांकन करना।

  8. NCC, NSS, NYKS और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के बीच समन्वय स्थापित करना।

  9. शैडो कंट्रोल रूम संचालन और आपदा प्रबंधन समन्वय की समीक्षा करना।

राष्ट्रीय समन्वय और निगरानी

वीडियो कॉन्फ्रेंस – केंद्रीय गृह सचिव द्वारा
ड्रिल के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन 6 मई 2025 को राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करेंगे। इसका उद्देश्य अंतिम परिचालन दिशा-निर्देश देना और विभिन्न राज्यों में कार्यक्रम के एकरूप निष्पादन को सुनिश्चित करना है।

स्थान और श्रेणियाँ: जिला-वार कवरेज

कुल 244 जिलों की पहचान की गई है, जिन्हें रणनीतिक महत्व और खतरे के स्तर के आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है:

श्रेणी I: उच्च प्राथमिकता वाले स्थान (13 जिले)

ये जिले उच्च जोखिम वाले क्षेत्र हैं, जहाँ अक्सर महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा, सैन्य अड्डे, सीमा क्षेत्र या बड़े शहरी केंद्र स्थित होते हैं।

उदाहरण:

  • दिल्ली (कैंटोनमेंट सहित)

  • मुंबई, उरण, तारापुर (महाराष्ट्र)

  • अहमदाबाद, सूरत, जामनगर (गुजरात)

  • अनंतनाग, पुलवामा, बारामुला, जम्मू (जम्मू-कश्मीर)

  • पोर्ट ब्लेयर (अंडमान व निकोबार द्वीप समूह)

  • कोच्चि, तिरुवनंतपुरम (केरल)

  • चेन्नई, कल्पक्कम (तमिलनाडु)

  • हैदराबाद (तेलंगाना और आंध्र प्रदेश)

इन जिलों में ब्लैकआउट, सायरन परीक्षण, सामूहिक निकासी, और नागरिक प्रतिक्रिया अभ्यास जैसे गहन अभ्यास होंगे।

श्रेणी II: मध्यम प्राथमिकता वाले स्थान (201 जिले)

इन जिलों में मध्यम खतरा होता है या ये महत्वपूर्ण सार्वजनिक सुविधाओं और परिवहन केंद्रों को समेटे होते हैं। यहाँ पर समन्वय परीक्षण, संचार अभ्यास, और आंशिक निकासी रणनीतियों पर ध्यान दिया जाएगा।

उदाहरण:

  • भरूच, मेहसाणा, कच्छ (गुजरात)

  • औरंगाबाद, भुसावल (महाराष्ट्र)

  • गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग (असम)

  • जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा (ओडिशा)

श्रेणी III: निम्न प्राथमिकता वाले स्थान (45 जिले)

हालाँकि ये जिले कम जोखिम वाले माने जाते हैं, फिर भी इन स्थानों पर जनजागरूकता अभियानों और मूलभूत तैयारी अभ्यासों का आयोजन किया जाएगा।

उदाहरण:

  • बोंडिला (अरुणाचल प्रदेश)

  • नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के दूरस्थ जिले

भागीदार एजेंसियाँ और सहायता तंत्र

संपूर्ण राष्ट्रव्यापी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई सरकारी और स्वयंसेवी संस्थाएं इस अभ्यास में शामिल होंगी:

  • राज्य और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMAs/DDMAs)

  • अग्निशमन एवं बचाव सेवाएं

  • पुलिस और ट्रैफिक विभाग

  • अस्पताल और स्वास्थ्य विभाग

  • नगरपालिका एवं पंचायत निकाय

  • राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)

  • नागरिक सुरक्षा, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस के स्वयंसेवक

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1971 के बाद पहली ऐसी ड्रिल

7 मई 2025 की यह सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहली व्यापक राष्ट्रव्यापी अभ्यास मानी जा रही है। यह लंबे अंतराल को दर्शाता है और मौजूदा बाहरी खतरों और विकसित होते युद्ध पैटर्न के बीच आंतरिक सुरक्षा तैयारी की तात्कालिकता को रेखांकित करता है।

 

मॉक ड्रिल क्या है? भारत में स्थान और समय |_3.1

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