बढ़ते सीमा-पार तनाव और ऑपरेशन सिंदूर जैसे हालिया सैन्य प्रतिक्रियाओं के संदर्भ में, भारत की पाकिस्तान से लगने वाली सीमा के भू-रणनीतिक महत्व को दोबारा समझना अत्यंत आवश्यक हो गया है। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा न केवल रक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
भारत-पाकिस्तान सीमा, जिसे आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा (International Border – IB) कहा जाता है, उत्तर में जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश से लेकर पश्चिम में गुजरात तक फैली हुई है। यह सीमा 3,323 किलोमीटर लंबी है और इसे दुनिया की सबसे संवेदनशील और सख्ती से संरक्षित सीमाओं में से एक माना जाता है।
परिचय
1947 से भारत और पाकिस्तान के बीच एक अशांत सीमा रही है, जिसे युद्धों, घुसपैठ के प्रयासों और लगातार सुरक्षा संबंधी चिंताओं ने चिह्नित किया है। कई भारतीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सीधे तौर पर पाकिस्तान के साथ स्थलीय सीमा साझा करते हैं। ये क्षेत्र रणनीतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
भारत-पाकिस्तान सीमा को रात में अंतरिक्ष से दिखाई देने वाली सीमाओं में से एक माना जाता है, क्योंकि यहां लगभग 50,000 खंभों पर 1.5 लाख से अधिक फ्लडलाइट्स लगाई गई हैं। यह इसे दुनिया की सबसे अधिक रोशनी वाली सीमाओं में से एक बनाती है।
मुख्य तथ्य: भारत-पाकिस्तान सीमा का सारांश
राज्य/केंद्र शासित प्रदेश |
सीमा की लंबाई (किमी में) |
जम्मू और कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश) |
1,222 किमी |
राजस्थान |
1,170 किमी |
गुजरात |
506 किमी |
पंजाब |
425 किमी |
कुल |
3,323 किमी |
पाकिस्तान से सीमा साझा करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:
1. जम्मू और कश्मीर (केंद्र शासित प्रदेश)
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स्थिति: भारत के उत्तर में, कराकोरम और पश्चिमी हिमालय में स्थित
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सीमाएं: दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान से सीमा; उत्तर-पूर्व और पूर्व में चीन से सीमावर्ती
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क्षेत्रफल: 2,22,236 वर्ग किमी
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साक्षरता दर: 68.74%
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राजधानी: श्रीनगर (ग्रीष्मकालीन), जम्मू (शीतकालीन)
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बोली जाने वाली भाषाएं: उर्दू, डोगरी, कश्मीरी, पहाड़ी, लद्दाखी, गोजरी, बाल्ती
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महत्व: यह क्षेत्र सबसे अधिक संघर्ष-प्रवण और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1947 से अब तक कई संघर्षों का केंद्र रहा है और अक्सर सुरक्षा कारणों से समाचारों में बना रहता है।
भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जानकारी
राजस्थान
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स्थिति: भारत के उत्तर-पश्चिम में
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सीमाएं: पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों से सीमावर्ती
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क्षेत्रफल: 3,42,239 वर्ग किमी (क्षेत्रफल के अनुसार भारत का सबसे बड़ा राज्य)
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साक्षरता दर: 66.11%
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राजधानी: जयपुर (जिसे “गुलाबी नगरी” भी कहा जाता है)
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बोली जाने वाली भाषाएं: हिंदी, मारवाड़ी, जयपुरी, मेवाड़ी, मालवी
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जलवायु: शुष्क से लेकर अर्ध-आर्द्र तक
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महत्त्व: यह क्षेत्र थार मरुस्थल का घर है और सीमा अक्सर निगरानी में रहती है, क्योंकि अतीत में यहां घुसपैठ और तस्करी की घटनाएं हो चुकी हैं।
गुजरात
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स्थिति: भारत के पश्चिमी तट पर, अरब सागर के किनारे
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सीमाएं: उत्तर-पश्चिम में पाकिस्तान के सिंध प्रांत से जुड़ी
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क्षेत्रफल: 1,96,024 वर्ग किमी
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साक्षरता दर: 79.31%
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राजधानी: गांधीनगर
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बोली जाने वाली भाषाएं: गुजराती, हिंदी, अंग्रेज़ी
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विशेषता: कच्छ का रण इस राज्य में स्थित एक अनोखा नमकीन दलदल है, जो पाकिस्तान के निकट होने के कारण अक्सर निगरानी में रहता है।
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ऐतिहासिक संदर्भ: 1960 में बॉम्बे राज्य के विभाजन के बाद गुजरात का गठन हुआ।
पंजाब
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स्थिति: भारत के उत्तर-पश्चिम में
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सीमाएं: पश्चिम में पाकिस्तान से जुड़ी
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क्षेत्रफल: 50,362 वर्ग किमी
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साक्षरता दर: 75.84%
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राजधानी: चंडीगढ़ (हरियाणा के साथ साझा)
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बोली जाने वाली भाषाएं: पंजाबी, हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी
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महत्त्व: अमृतसर के पास स्थित वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे प्रतीकात्मक और औपचारिक सीमा पार बिंदु है। राज्य को क्षेत्रीय रूप से माज्हा, दोआबा और मालवा में विभाजित किया गया है।
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नाम की उत्पत्ति: “पंज-आब” से, जिसका अर्थ है “पांच नदियों की भूमि” — ब्यास, चेनाब, झेलम, रावी, सतलुज
लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश)
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स्थिति: भारत का सबसे उत्तरी क्षेत्र, ऊपरी सिंधु नदी घाटी में स्थित
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सीमाएं:
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क्षेत्रफल: लगभग 59,000 वर्ग किमी
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राजधानी: लेह (लेह ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय), कारगिल (कारगिल ज़िले का मुख्यालय)
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ऐतिहासिक संदर्भ: 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू और कश्मीर से अलग होकर केंद्र शासित प्रदेश बना
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साक्षरता दर: 97% से अधिक (ULLAS कार्यक्रम के अंतर्गत भारत का पहला “कार्यात्मक रूप से साक्षर” घोषित क्षेत्र)
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महत्त्व: इसकी ऊँचाई और कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ इसे भारत की रक्षा रणनीति में अत्यंत महत्वपूर्ण बनाती हैं।