क्या है राजस्थान सरकार का ‘ग्रीन’ बजट, जानें सबकुछ

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का पहला हरित बजट (Green Budget) प्रस्तुत किया। इस बजट का कुल प्रावधान ₹5.37 लाख करोड़ है, जिसमें बिजली, सड़क, पानी के साथ स्वास्थ्य एवं कृषि को प्राथमिकता दी गई है। यह बजट संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) 2030 के अनुरूप है। सरकार ने 2.75 लाख नौकरियों (1.25 लाख सरकारी व 1.5 लाख निजी) के सृजन की योजना बनाई है और पहले बजट की 73% घोषणाओं को पूरा किया है।

मुख्य बजट घोषणाएं

हरित पहल (Green Initiatives)

  • ₹27,854 करोड़ (योजनागत व्यय का 11.34%) हरित परियोजनाओं के लिए।
  • जलवायु परिवर्तन अनुकूलन योजना – 2030 की घोषणा।
  • जलवायु परिवर्तन केंद्र (Centre of Excellence for Climate Change) – ₹150 करोड़।
  • 10 करोड़ पेड़ लगाने की योजना।
  • 2.5 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए सब्सिडी।
  • 4,700+ गांवों में जल संरक्षण संरचनाएं (₹2,700 करोड़)।
  • राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव योजना एवं वाहन स्क्रैप नीति।
  • हर जिले में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ पार्क।
  • स्वच्छ एवं हरित प्रौद्योगिकी विकास केंद्र – ₹250 करोड़।
  • ग्रीन अरावली विकास परियोजना – ₹250 करोड़।

जल एवं स्वच्छता (Water & Sanitation)

  • 20 लाख घरों में नए जल कनेक्शन।
  • ग्रामीण पेयजल परियोजना – ₹425 करोड़।
  • मुख्यमंत्री जल जीवन मिशन (शहरी) – ₹5,830 करोड़।
  • 1,000 नए ट्यूबवेल व 1,500 नए हैंडपंप।
  • जल जीवन मिशन के तहत 1,050 संविदा तकनीकी अधिकारी नियुक्ति।

ऊर्जा एवं विद्युत (Energy & Power)

  • 6,400 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन।
  • 5,700 मेगावाट सरकारी + 10 गीगावाट निजी उत्पादन।
  • 50,000 नए कृषि विद्युत कनेक्शन।
  • 5 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन।

बुनियादी ढांचा एवं परिवहन (Infrastructure & Transport)

  • ₹5,000 करोड़ – राष्ट्रीय राजमार्ग, बाईपास, फ्लाईओवर एवं पुलों के लिए।
  • 9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (₹60,000 करोड़) (Hybrid Annuity Model/BOT)।
  • ₹6,000 करोड़ – 21,000 किमी गैर-मरम्मत योग्य सड़कों के सुधार के लिए।
  • ₹500 करोड़ – 150 गांवों के लिए अटल प्रगति पथ।

कृषि (Agriculture)

  • राम जल सेतु लिंक परियोजना – ₹9,300 करोड़।
  • राजस्थान वॉटर ग्रिड कॉर्पोरेशन – ₹4,000 करोड़ (ERCP का नया स्वरूप)।
  • ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली पर ₹1,250 करोड़ की सब्सिडी।
  • सौर पंप और कृषि तालाबों के लिए ₹900 करोड़।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बढ़ाकर ₹9,000 प्रति वर्ष।
  • गेहूं पर ₹150 प्रति क्विंटल एमएसपी बोनस।
  • वैश्विक राजस्थान एग्री-टेक मीट की घोषणा।

पर्यटन एवं संस्कृति (Tourism & Culture)

  • ₹975 करोड़ – पर्यटन अवसंरचना विकास के लिए।
  • 10 स्थलों को ‘आइकोनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • शेखावाटी हवेलियों के संरक्षण की घोषणा।
  • ₹100 करोड़ – जनजातीय पर्यटन सर्किट।
  • ₹20 करोड़ – ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए।
  • 50,000 वरिष्ठ नागरिकों को वातानुकूलित ट्रेन एवं हवाई तीर्थ यात्रा।

युवा एवं रोजगार (Youth & Employment)

  • राजस्थान रोजगार नीति – 2025 लॉन्च।
  • विवेकानंद रोजगार सहायता कोष – ₹500 करोड़।
  • 1,500 नए स्टार्टअप को बढ़ावा।
  • स्कूलों में अधिक सीसीटीवी, 1,500 अटल टिंकरिंग लैब्स, डिजिटल तारामंडल, नवाचार केंद्र, ओपन जिम।

उद्योग एवं व्यापार (Industry & Business)

  • 149 ऑनलाइन अनुमतियां सिंगल विंडो सिस्टम में शामिल।
  • ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति लागू।
  • राजस्थान व्यापार संवर्धन नीति की घोषणा।

सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण (Social Security & Welfare)

  • ₹1,250/महीना सामाजिक सुरक्षा पेंशन।
  • ₹350 करोड़ – गिग एवं असंगठित श्रमिक विकास कोष।
  • 1 लाख दिव्यांगों को कृत्रिम अंगों के लिए ₹20,000 की सहायता।
  • 35,000 छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी।
  • आंगनवाड़ी के बच्चों (3-6 वर्ष) के लिए दूध सप्ताह में 3 से बढ़ाकर 5 दिन।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 10 लाख नए लाभार्थी।
  • 5,000 नई उचित मूल्य की राशन दुकानें।

कानून एवं व्यवस्था (Law & Order)

  • राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम लागू।
  • 3,500 नए पुलिस पदों पर भर्ती।
  • सरदार पटेल साइबर कंट्रोल सेंटर एवं वॉर रूम – ₹350 करोड़।

स्वास्थ्य एवं कल्याण (Health & Wellness)

  • मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (MAA) योजना – ₹3,500 करोड़।
  • MAA योजना के तहत अंतरराज्यीय लाभ की सुविधा।
  • तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने हेतु ₹1,300 करोड़।
  • 750 नए डॉक्टरों और 1,500 पैरामेडिक्स की नियुक्ति।
  • सभी जिला अस्पतालों में मधुमेह क्लीनिक।
  • फिट राजस्थान अभियान – ₹50 करोड़।
  • नई आयुष नीति की घोषणा।

शिक्षा एवं अनुसंधान (Education & Research)

  • जयपुर में अंबेडकर संविधान अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान।
  • 8 नए जिलों में जिला स्तरीय कार्यालयों के लिए ₹1,000 करोड़।

यह बजट राजस्थान को हरित, समावेशी, और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? राजस्थान ने पहला हरित बजट प्रस्तुत किया: बिजली, सड़क, पानी को प्राथमिकता
हरित पहल ₹27,854 करोड़ बजट, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन योजना, 10 करोड़ पेड़, वेस्ट टू वेल्थ पार्क, वाहन स्क्रैप नीति
जल एवं स्वच्छता 20 लाख नए जल कनेक्शन, ₹5,830 करोड़ जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए, 1,000 ट्यूबवेल, 1,500 हैंडपंप
ऊर्जा एवं विद्युत 6,400 मेगावाट नई विद्युत उत्पादन क्षमता, 10 गीगावाट निजी क्षेत्र उत्पादन, 50,000 कृषि और 5 लाख घरेलू कनेक्शन
बुनियादी ढांचा एवं परिवहन ₹5,000 करोड़ सड़क निर्माण के लिए, ₹60,000 करोड़ एक्सप्रेसवे, ₹6,000 करोड़ 21,000 किमी सड़कों के लिए
पर्यटन ₹975 करोड़ पर्यटन अवसंरचना के लिए, 10 आइकोनिक डेस्टिनेशन, ₹100 करोड़ जनजातीय पर्यटन सर्किट, वरिष्ठ नागरिकों के लिए एसी तीर्थयात्रा
रोजगार एवं युवा 2.75 लाख नौकरियां, ₹500 करोड़ रोजगार कोष, 1,500 नए स्टार्टअप, स्कूलों में सीसीटीवी, ओपन जिम
उद्योग एवं व्यापार नई व्यापार संवर्धन नीति, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति, 149 सिंगल विंडो क्लीयरेंस
सामाजिक सुरक्षा ₹1,250 मासिक पेंशन, 35,000 छात्राओं को स्कूटी, आंगनवाड़ी बच्चों को 5 दिन दूध, 10 लाख नए एनएफएसए लाभार्थी
कानून एवं व्यवस्था नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 3,500 पुलिस नौकरियां, साइबर कंट्रोल वॉर रूम (₹350 करोड़)
स्वास्थ्य एवं कल्याण ₹3,500 करोड़ मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना (MAA), ₹1,300 करोड़ अस्पतालों के लिए, नई आयुष नीति, फिट राजस्थान अभियान (₹50 करोड़)
शिक्षा एवं अनुसंधान ₹1,000 करोड़ नए जिला कार्यालयों के लिए, अंबेडकर संविधान अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान

केरल सरकार ने नयनामृतम 2.0 नामक एक एआई-संचालित नेत्र जांच पहल शुरू की

केरल सरकार ने नयनामृतम 2.0 नामक एक एआई-संचालित नेत्र जांच पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य गंभीर नेत्र रोगों का प्रारंभिक चरण में पता लगाना है। हेल्थ-टेक कंपनी रेमिडियो (Remidio) के सहयोग से शुरू किया गया यह कार्यक्रम ग्लूकोमा (काला मोतिया), डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR), और उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) जैसी बीमारियों की पहचान करने वाला दुनिया का पहला सरकारी एआई-सहायता प्राप्त जांच कार्यक्रम है। इस पहल के माध्यम से केरल सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकृत कर रही है, जिससे राज्यभर में लोगों को उन्नत नेत्र जांच की सुविधा मिलेगी।

नयनामृतम 2.0 ने केरल में नेत्र जांच को कैसे सुधारा?

पहला संस्करण: नयनामृतम की पहली पहल फैमिली हेल्थ सेंटर्स (FHCs) में डायबिटिक रेटिनोपैथी की जांच पर केंद्रित थी। संभावित रोगियों को माध्यमिक एवं तृतीयक चिकित्सा केंद्रों में रेफर किया जाता था, जहां नेत्र रोग विशेषज्ञ आगे की जांच करते थे।

नया संस्करण (2.0):

  • अब जांच का दायरा बढ़ाग्लूकोमा और AMD जैसी बीमारियों की पहचान भी की जाएगी।
  • एआई-सक्षम फंडस कैमरे – तुरंत मामलों को “रेफरेबल” या “नॉन-रेफरेबल” वर्गीकृत कर सकते हैं, जिससे तेजी से निदान और उपचार संभव होगा।
  • स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार – अब यह सेवा केवल FHCs तक सीमित नहीं, बल्कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, तालुक अस्पतालों और जिला अस्पतालों में भी उपलब्ध होगी।

केरल का यह एआई-समेकित नेत्र जांच कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर क्यों महत्वपूर्ण है?

  • इस पहल के साथ, केरल पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में एआई-आधारित नेत्र जांच को एकीकृत किया है
  • रेमिडियो की एआई तकनीक को स्वास्थ्य प्रणाली में शामिल कर सुविधा, दक्षता और लागत-प्रभावशीलता को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
  • उद्देश्य: निवारणीय अंधत्व को कम करना और उच्च जोखिम वाले मामलों की शीघ्र पहचान कर उचित उपचार प्रदान करना।

विशेषज्ञों की राय: सार्वजनिक नेत्र स्वास्थ्य में एआई का महत्व

  • डॉ. बिपिन गोपाल (केरल स्वास्थ्य सेवा विभाग के उप निदेशक) के अनुसार, एआई डॉक्टरों की जगह नहीं ले रहा, बल्कि उन्हें सशक्त बना रहा है
  • ऑप्टोमेट्रिस्ट अब सामान्य मामलों की पहचान एआई-सक्षम कैमरों से कर सकते हैं, जिससे नेत्र रोग विशेषज्ञ जटिल मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं
  • यह पहल स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की दक्षता को बढ़ाएगी, जिससे सभी वर्गों के लोगों के लिए नेत्र जांच अधिक सुलभ और प्रभावी होगी।

केरल का कदम: अन्य राज्यों और देशों के लिए उदाहरण

  • नयनामृतम 2.0 के माध्यम से, केरल ने दिखाया है कि एआई कैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य जांच कार्यक्रमों को बदल सकता है
  • सरकार की इस रणनीति से नेत्र रोगों की शीघ्र पहचान, बेहतर उपचार और सभी वर्गों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता सुनिश्चित होगी।
  • यह पहल अन्य राज्यों और देशों के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है, जिससे वैश्विक स्तर पर एआई-सक्षम स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में? केरल सरकार ने नयनामृतम 2.0 लॉन्च किया, जो दुनिया का पहला सरकारी एआई-संचालित नेत्र जांच कार्यक्रम है।
पहल द्वारा केरल सरकार ने रेमिडियो (Remidio) हेल्थ-टेक कंपनी के सहयोग से इसे शुरू किया।
उद्देश्य डायबिटिक रेटिनोपैथी (DR), ग्लूकोमा और उम्र-संबंधी मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) जैसी बीमारियों की प्रारंभिक पहचान।
प्रयोग की गई तकनीक एआई-सक्षम फंडस कैमरे, जो मामलों को रेफरेबल या नॉन-रेफरेबल के रूप में वर्गीकृत करते हैं।
विस्तारित दायरा अब यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, तालुक अस्पतालों और जिला अस्पतालों में भी लागू किया गया है।
वैश्विक महत्व केरल एआई-आधारित नेत्र रोग जांच को अपनाने वाला पहला सार्वजनिक स्वास्थ्य तंत्र बन गया।
विशेषज्ञों की राय एआई चिकित्सा सेवा प्रदाताओं को सशक्त बनाता है, जिससे तेजी से जांच और निवारणीय अंधत्व को कम करने में मदद मिलती है।

भारत में आत्महत्या की दर तीन दशकों में 30% घटी: लैंसेट

लैंसेट (Lancet) की एक हालिया अध्ययन, जो ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरीज़ और रिस्क फैक्टर्स स्टडी (GBD) 2021 के डेटा पर आधारित है, ने 1990 से 2021 तक भारत में आत्महत्या मृत्यु दर में 30% की गिरावट को उजागर किया है। यह अध्ययन बताता है कि वैश्विक स्तर पर औसतन हर 43 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। भारत में, विशेष रूप से महिलाओं के बीच आत्महत्या दर में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसमें विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य पहलों और नीति सुधारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

लैंसेट अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

वैश्विक आंकड़े

  • विश्व स्तर पर, हर 43 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है

भारत में आत्महत्या दर में गिरावट

वर्ष आत्महत्या मृत्यु दर (प्रति लाख जनसंख्या)
1990 18.9
2021 13.0
  • महिलाओं की आत्महत्या दर में पुरुषों की तुलना में अधिक गिरावट दर्ज की गई।

लिंग-आधारित आत्महत्या दर

लिंग 1990 (प्रति लाख) 2021 (प्रति लाख)
महिलाएं 16.8 10.3
पुरुष 20.9 15.7

सबसे अधिक जोखिम वाली श्रेणी

  • शिक्षित महिलाएं (2020) भारत में सबसे अधिक आत्महत्या दर वाले समूह में रहीं।
  • पारिवारिक समस्याएं आत्महत्या के सबसे प्रमुख कारणों में से एक पाई गईं।

आत्महत्या दर में गिरावट के पीछे प्रमुख पहलें

आत्महत्या का अपराधीकरण समाप्त करना

  • मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के तहत आत्महत्या को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया, जिससे आत्महत्या के प्रयास करने वालों को सजा की बजाय मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जाने लगी।
  • भारतीय न्याय संहिता (BNS) में अब आत्महत्या के प्रयास को अपराध मानने वाला कोई प्रावधान नहीं है, जो पहले आईपीसी की धारा 309 के तहत अपराध था।

राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति (2022)

  • 2030 तक आत्महत्या मृत्यु दर को 10% तक कम करने का लक्ष्य।

WHO का मानसिक स्वास्थ्य कार्य योजना (2013-2030)

  • मानसिक स्वास्थ्य को संपूर्ण कल्याण का महत्वपूर्ण कारक माना गया।

अन्य प्रमुख सरकारी पहलें

  • राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति (2014): मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या रोकथाम पर केंद्रित।
  • मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम।

मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए हेल्पलाइन

मनोदर्पण: शिक्षा मंत्रालय द्वारा छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए शुरू की गई पहल।
किरण हेल्पलाइन: मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए एक राष्ट्रीय टोल-फ्री हेल्पलाइन।

सारांश/स्थिर तथ्य विवरण
क्यों चर्चा में? भारत में आत्महत्या दर तीन दशकों में 30% घटी: लैंसेट
वैश्विक आत्महत्या दर हर 43 सेकंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है
भारत में आत्महत्या दर (1990-2021) 18.9 से घटकर 13 प्रति लाख जनसंख्या
महिला आत्महत्या दर 16.8 (1990) → 10.3 (2021)
पुरुष आत्महत्या दर 20.9 (1990) → 15.7 (2021)
सबसे प्रभावित समूह शिक्षित महिलाएं (2020)
आत्महत्या के प्रमुख कारण पारिवारिक समस्याएं
आत्महत्या रोकथाम के प्रमुख उपाय मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम (2017), राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति (2022), WHO मानसिक स्वास्थ्य योजना (2013-2030), राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति (2014)
हेल्पलाइन सेवाएं मनोदर्पण, किरण

गुजरात सरकार ने पेश किया 3 लाख 70 हजार करोड़ का बजट

गुजरात के वित्त मंत्री श्री कनु देसाई ने राज्य विधानसभा में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) के माध्यम से वित्त वर्ष 2025-26 का बजट डिजिटल रूप से प्रस्तुत किया। यह पहल डिजिटल इंडिया के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य पेपरलेस गवर्नेंस को बढ़ावा देना और विधायी कार्यों में पारदर्शिता, दक्षता और पहुंच को सुदृढ़ करना है। NeVA भारत के सभी राज्य विधानमंडलों को ‘डिजिटल हाउस’ में बदलने और विधायी कार्यों को सुव्यवस्थित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है।

गुजरात बजट 2025-26 की मुख्य विशेषताएं

  • डिजिटल प्रस्तुति: पहली बार गुजरात का बजट पूरी तरह डिजिटल रूप में NeVA के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
  • पेपरलेस गवर्नेंस: ई-गवर्नेंस को मजबूत करते हुए कागजी कार्यवाही को कम कर दक्षता बढ़ाई गई।
  • पारदर्शिता एवं सुगमता: विधायक और आम नागरिक NeVA प्लेटफॉर्म पर बजट विवरण तुरंत देख सकते हैं।
  • डिजिटल इंडिया से मेल: भारत में विधायी प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण के उद्देश्य का समर्थन।
  • पर्यावरण हितैषी पहल: कागज के उपयोग को कम कर पर्यावरणीय प्रभाव को घटाया गया।

राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) क्या है?

  • पूरा नाम: नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA)
  • शुरुआत: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत
  • श्रेणी: मिशन मोड प्रोजेक्ट (MMP)
  • उद्देश्य: सभी राज्य विधानसभाओं को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस बनाना

NeVA की प्रमुख विशेषताएं

  • पेपरलेस विधायी प्रक्रिया: सभी राज्य विधानसभाओं में कागजी कार्यवाही को समाप्त करता है।
  • डिवाइस-न्यूट्रल एवं सदस्य-केंद्रित: टैबलेट, स्मार्टफोन, कंप्यूटर जैसे कई उपकरणों पर कार्य करता है।
  • विस्तृत जानकारी उपलब्धता: विधायक नियम, प्रक्रियाएं, नोटिस, बिल, प्रश्नोत्तर, समिति रिपोर्ट आदि देख सकते हैं।
  • बेहतर निर्णय-निर्माण: विधायी डेटा तक त्वरित और आसान पहुंच से दक्षता में सुधार।
  • पारदर्शिता एवं सार्वजनिक पहुंच: नागरिक ऑनलाइन विधायी दस्तावेज और कार्यवाही देख सकते हैं।

NeVA कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति

21 राज्य विधानसभाओं ने NeVA लागू करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।

17 विधानसभाओं को परियोजना की मंजूरी और फंडिंग मिली।

9 राज्य विधानसभाएं पूरी तरह डिजिटल हो चुकी हैं और NeVA प्लेटफॉर्म पर लाइव हैं।

जिम्मेदार मंत्रालय: संसदीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Parliamentary Affairs) NeVA के कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय है।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों खबर में? गुजरात के वित्त मंत्री ने NeVA पर बजट 2025-26 पेश किया
घटना गुजरात के वित्त मंत्री ने NeVA के माध्यम से डिजिटल रूप से बजट प्रस्तुत किया
NeVA पूरा नाम नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन
किसके तहत शुरू हुआ? डिजिटल इंडिया कार्यक्रम
उद्देश्य सभी राज्य विधानसभाओं को पेपरलेस और पूरी तरह डिजिटल बनाना
नोडल मंत्रालय संसदीय कार्य मंत्रालय
वर्तमान कार्यान्वयन 21 राज्यों ने MoU पर हस्ताक्षर किए, 17 को स्वीकृति एवं फंडिंग, 9 पूरी तरह डिजिटल और लाइव
मुख्य लाभ पेपरलेस गवर्नेंस, पारदर्शिता, दक्षता, रियल-टाइम एक्सेस
क्या गुजरात में पहली बार? हाँ, पहली बार पूरी तरह डिजिटल बजट प्रस्तुति

चीन की ‘बैटवुमन’ ने खोजा नया बैट कोरोना वायरस

चीनी शोधकर्ताओं ने एक नए चमगादड़ कोरोनावायरस की पहचान की है, जिसे HKU5-CoV-2 नाम दिया गया है, और यह मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता रखता है। यह वायरस ACE2 रिसेप्टर का उपयोग करता है, जो वही मार्ग है जिससे SARS-CoV-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाला वायरस) मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है। इस खोज ने ज़ूनोटिक संचरण (जानवरों से मनुष्यों में वायरस के प्रसार) की संभावनाओं को लेकर चिंता बढ़ा दी है और चमगादड़ों में पाए जाने वाले वायरसों की निरंतर निगरानी की आवश्यकता को उजागर किया है।

HKU5-CoV-2 क्या है और इसकी खोज कैसे हुई?

वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक शी झेंगली के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने HKU5-CoV-2 की पहचान चमगादड़ों में की। यह वायरस मेरबेकोवायरस (Merbecovirus) उपप्रकार का है, जिसमें मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) वायरस भी शामिल है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रयोगशाला परीक्षणों में पाया गया कि यह वायरस ACE2 रिसेप्टर से जुड़ सकता है, जो इसे मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने में सक्षम बनाता है।

हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा है कि HKU5-CoV-2 का मानव कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता SARS-CoV-2 की तुलना में कम है, जिससे इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम हो सकती है। लेकिन वायरस में एक फ्यूरिन क्लिवेज साइट (Furin Cleavage Site) मौजूद है, जो इसकी संक्रामकता को बढ़ा सकता है और इसे संभावित रूप से खतरनाक बना सकता है।

क्या HKU5-CoV-2 अगली महामारी का कारण बन सकता है?

HKU5-CoV-2 की खोज की तुलना RaTG13 से की जा रही है, जो एक चमगादड़ कोरोनावायरस है और जिसे 2013 में पहचाना गया था। RaTG13 की SARS-CoV-2 से 96.1% आनुवंशिक समानता थी। ऐसे शोध यह संकेत देते हैं कि ज़ूनोटिक स्पिलओवर (जब वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलते हैं) की संभावना बार-बार बनी रहती है।

मिनेसोटा विश्वविद्यालय के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. माइकल ओस्टरहोम ने रॉयटर्स से कहा कि HKU5-CoV-2 मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है, लेकिन SARS-CoV-2 जैसे वायरसों के प्रति पहले से विकसित प्रतिरक्षा इसकी गंभीरता को सीमित कर सकती है। अध्ययन बताते हैं कि इस वायरस की ACE2 रिसेप्टर से जुड़ने की क्षमता कम है, जिससे इसके बड़े स्तर पर महामारी बनने की संभावना फिलहाल कम है।

जन स्वास्थ्य के लिए इसका क्या अर्थ है?

विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य की महामारी को रोकने के लिए चमगादड़ कोरोनावायरस की सतत निगरानी आवश्यक है। HKU5-CoV-2 की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि अन्य अज्ञात वायरस भी हो सकते हैं, जिनमें अधिक संक्रमण क्षमता हो सकती है।

इस शोध से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक निगरानी कार्यक्रमों की आवश्यकता है, जो प्रारंभिक पहचान, आनुवंशिक अनुक्रमण (Genetic Sequencing) और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित हों। वैज्ञानिकों ने उन क्षेत्रों में जैव-सुरक्षा उपाय (Biosecurity Measures) बढ़ाने की सिफारिश की है, जहां मानव और चमगादड़ आबादी का संपर्क अधिक होता है, ताकि भविष्य में संभावित महामारियों के जोखिम को कम किया जा सके।

प्रमुख पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? चीन में एक नए चमगादड़ कोरोनावायरस HKU5-CoV-2 की खोज, जो मानव कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।
वायरस का नाम HKU5-CoV-2
उत्पत्ति वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं द्वारा चमगादड़ आबादी में पाया गया।
प्रवेश का तरीका ACE2 रिसेप्टर का उपयोग करता है, जो SARS-CoV-2 (कोविड-19 वायरस) के समान है।
संक्रमण क्षमता प्रयोगशाला परीक्षणों में पुष्टि हुई कि यह मानव श्वसन और आंतों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है।
खतरे का स्तर SARS-CoV-2 की तुलना में कम बाइंडिंग क्षमता, जिससे मानव संचरण का जोखिम कम है।
मुख्य चिंता फ्यूरिन क्लिवेज साइट की उपस्थिति, जो वायरस की संक्रामकता को बढ़ा सकती है।
विशेषज्ञ राय वैज्ञानिकों का कहना है कि नए प्रकोप का खतरा कम है, लेकिन निरंतर निगरानी आवश्यक है।

मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने मॉरीशस की राष्ट्रीय दिवस (नेशनल डे) समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए मॉरीशस की यात्रा करेंगे। इस बात की घोषणा मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने की, जिन्होंने इस यात्रा को दोनों देशों के गहरे और ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक बताया।

मॉरीशस का राष्ट्रीय दिवस: एक ऐतिहासिक अवसर

मॉरीशस हर साल 12 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो 1968 में ब्रिटिश शासन से मिली स्वतंत्रता की वर्षगांठ का प्रतीक है। यह दिन मॉरीशस के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन से देश की संप्रभुता की यात्रा शुरू हुई थी।

इस वर्ष के समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति इस आयोजन को और भी विशेष बना देगी और भारत-मॉरीशस के मजबूत संबंधों को और सशक्त करेगी।

पीएम मोदी की यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना

शुक्रवार को मॉरीशस की नेशनल असेंबली में बोलते हुए प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मॉरीशस के लिए “अत्यंत सम्मान” की बात है कि एक वैश्विक नेता, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यस्त कार्यक्रम में रहते हैं, हमारे देश के इस महत्वपूर्ण अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

भारत-मॉरीशस संबंधों का प्रमाण

रामगुलाम ने इस यात्रा को भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि भारत वर्षों से मॉरीशस के विकास कार्यों, बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं और रणनीतिक साझेदारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने पीएम मोदी की हालिया फ्रांस और अमेरिका यात्राओं का भी उल्लेख किया और कहा कि मोदी लगातार वैश्विक नेताओं से मिलकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। इसके बावजूद, उनका मॉरीशस दौरा इस विशेष संबंध को दर्शाता है जो दोनों देशों के बीच मौजूद है।

मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में पूर्व भारतीय गणमान्य व्यक्ति

भारत हमेशा से मॉरीशस के विकास और साझेदारी का अहम भागीदार रहा है। मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय नेताओं को अक्सर आमंत्रित किया जाता रहा है।

  • 2023 में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया था, जिससे भारत के मजबूत कूटनीतिक संबंधों की पुन: पुष्टि हुई।
  • अतीत में भी कई भारतीय गणमान्य व्यक्ति मॉरीशस के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेते रहे हैं, जो दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाता है।

भारत-मॉरीशस संबंध: एक मजबूत साझेदारी

भारत और मॉरीशस के संबंध साझा इतिहास, संस्कृति और आर्थिक सहयोग पर आधारित हैं। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

1. आर्थिक और व्यापारिक सहयोग

भारत मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापार और निवेश भागीदारों में से एक है। दोनों देशों के बीच समग्र आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि हुई है।

2. बुनियादी ढांचे का विकास

भारत मॉरीशस की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सक्रिय भागीदार रहा है। कुछ प्रमुख परियोजनाएं इस प्रकार हैं:

  • मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट – मॉरीशस में शहरी परिवहन को बेहतर बनाने के लिए।
  • सुप्रीम कोर्ट भवन का नवीनीकरण – न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए।
  • सोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट – नागरिकों को सस्ती आवासीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए।

3. रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और मॉरीशस समुद्री सुरक्षा, रक्षा प्रशिक्षण और संयुक्त सैन्य अभ्यास में सहयोग करते हैं। भारतीय नौसेना मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

4. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध

मॉरीशस में भारतीय मूल के लोगों की एक बड़ी संख्या है, जो वहां की कुल जनसंख्या का लगभग 70% है। इसके कारण दोनों देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक और भाषाई संबंध बने हुए हैं। भोजपुरी, हिंदी और तमिल जैसी भारतीय भाषाएं मॉरीशस में व्यापक रूप से बोली जाती हैं।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत और मॉरीशस के ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और वैश्विक कूटनीति में भारत की बढ़ती भूमिका का संकेत भी है।

शीर्षक विवरण
क्यों चर्चा में? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 मार्च 2025 को मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम ने इस यात्रा की घोषणा की और भारत-मॉरीशस के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया।
मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस का महत्व मॉरीशस हर साल 12 मार्च को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है, जो 1968 में ब्रिटिश शासन से मिली स्वतंत्रता की वर्षगांठ का प्रतीक है। पीएम मोदी की उपस्थिति भारत और मॉरीशस की ऐतिहासिक मित्रता को और सुदृढ़ करेगी।
पीएम मोदी की यात्रा का महत्व यह यात्रा भारत और मॉरीशस के बीच कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है। मॉरीशस भारत की क्षेत्रीय आउटरीच नीति में एक महत्वपूर्ण भागीदार है।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री का बयान नवीन रामगुलाम ने पीएम मोदी की मेजबानी को “अत्यंत सम्मान” बताया, यह दर्शाते हुए कि व्यस्त अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के बावजूद पीएम मोदी ने मॉरीशस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
पूर्व भारतीय गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी 2023 में, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई थीं, जिससे भारत-मॉरीशस के मजबूत कूटनीतिक संबंधों की पुष्टि हुई।
भारत-मॉरीशस संबंध विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी:
आर्थिक और व्यापारिक सहयोग भारत मॉरीशस का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और समग्र आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (CECPA) जैसे समझौतों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया है।
बुनियादी ढांचा विकास भारत मॉरीशस में प्रमुख परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण करता है: – मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट (शहरी परिवहन) – सुप्रीम कोर्ट भवन का नवीनीकरणसोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट
रक्षा और सुरक्षा सहयोग समुद्री सुरक्षा, सैन्य प्रशिक्षण और नौसेना सहयोग के माध्यम से मॉरीशस की सुरक्षा को मजबूत करना।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध मॉरीशस की 70% आबादी भारतीय मूल की है, जिससे दोनों देशों के बीच मजबूत भाषाई और सांस्कृतिक संबंध बने हुए हैं। (भोजपुरी, हिंदी और तमिल व्यापक रूप से बोली जाती हैं)।

काश पटेल बने एफबीआई प्रमुख, भगवद गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

भारतीय मूल के काश पटेल को आधिकारिक रूप से 21 फरवरी 2025 को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के नौवें निदेशक के रूप में शपथ दिलाई गई। पटेल, जो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं, ने भगवद गीता पर शपथ ली, जो अमेरिकी इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था। उनकी शपथ ग्रहण समारोह आइजनहावर एग्जीक्यूटिव ऑफिस बिल्डिंग में आयोजित किया गया, जहां अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने उन्हें शपथ दिलाई। पटेल ने क्रिस्टोफर रे की जगह ली, जिन्होंने बाइडेन प्रशासन के अंत में इस्तीफा दे दिया था।

काश पटेल का शपथ ग्रहण समारोह

इस समारोह में पटेल के परिवार, उनकी गर्लफ्रेंड और कई प्रमुख रिपब्लिकन नेता, जैसे सीनेटर टेड क्रूज़ और प्रतिनिधि जिम जॉर्डन, उपस्थित थे। उनकी नियुक्ति सीनेट में 51-49 वोटों से अनुमोदित हुई, जिसमें दो रिपब्लिकन सीनेटर – सुसान कॉलिन्स (मेन) और लिसा मुर्कोव्स्की (अलास्का) – ने उनके खिलाफ मतदान किया।

भगवद गीता पर शपथ लेने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी नहीं

हालांकि पटेल की भगवद गीता पर शपथ ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, लेकिन वे पहले भारतीय-अमेरिकी नहीं हैं जिन्होंने ऐसा किया। इससे पहले, कांग्रेस सदस्य सुहास सुब्रमण्यम ने भी अपने पद की शपथ भगवद गीता पर ली थी, जो अमेरिका में भारतीय मूल के नेताओं के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

नियुक्ति से जुड़े विवाद और चुनौतियां

ट्रंप समर्थक होने का आरोप

पटेल की नियुक्ति को लेकर डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध जताया। वे मानते हैं कि पटेल FBI के स्वतंत्र निदेशक के बजाय ट्रंप के समर्थक के रूप में काम कर सकते हैं। उनकी पुरानी टिप्पणियों को लेकर भी चिंता जताई गई, जिनमें उन्होंने कहा था कि वे “ट्रंप विरोधी षड्यंत्रकारियों” के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

अपनी पुष्टि सुनवाई के दौरान, पटेल ने सांसदों को आश्वस्त करने की कोशिश की कि वे संविधान का पालन करेंगे और किसी भी राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, अपने शपथ ग्रहण भाषण में उन्होंने मीडिया की आलोचना करते हुए कहा कि कई पत्रकारों ने उनके बारे में “नकली, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक” खबरें प्रकाशित की हैं।

FBI में उथल-पुथल और आंतरिक बदलाव

पटेल एक ऐसे समय में FBI का कार्यभार संभाल रहे हैं जब एजेंसी में बड़े पैमाने पर बदलाव हो रहे हैं। न्याय विभाग ने हाल ही में कई वरिष्ठ FBI अधिकारियों को हटाया और उन हजारों एजेंटों की जानकारी मांगी जो 6 जनवरी 2021 के यू.एस. कैपिटल दंगे की जांच में शामिल थे।

FBI में संभावित सुधार और रणनीतिक परिवर्तन

1. FBI संचालन का विकेंद्रीकरण
पटेल का मानना है कि FBI का मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी. में अत्यधिक केंद्रित है, जिसे बदलने की जरूरत है। वे 1,000 FBI कर्मचारियों को क्षेत्रीय कार्यालयों में स्थानांतरित करने और 500 कर्मचारियों को अलबामा के हंट्सविल स्थित FBI सुविधा में भेजने की योजना बना रहे हैं।

2. FBI की प्राथमिकताओं में बदलाव
पटेल FBI के मुख्य उद्देश्य को फिर से पारंपरिक अपराध जांच की ओर केंद्रित करना चाहते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि पिछले दो दशकों में एजेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने मूल कर्तव्यों से भटक गई है।

3. अपराध पर कड़ा रुख
उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधियों और संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

काश पटेल की पृष्ठभूमि और FBI निदेशक के रूप में चयन

FBI निदेशक बनने से पहले, पटेल न्याय विभाग में आतंकवाद-निरोधी अभियोजक थे और ट्रंप प्रशासन के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे। नवंबर 2024 में, डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें FBI निदेशक के रूप में नामित किया था, क्योंकि क्रिस्टोफर रे ने बाइडेन प्रशासन के अंत में इस्तीफा दे दिया था।

पूर्व FBI निदेशकों के साथ ट्रंप के तनावपूर्ण संबंध

डोनाल्ड ट्रंप और FBI के बीच हमेशा से तनाव रहा है। उन्होंने 2017 में तत्कालीन FBI निदेशक जेम्स कोमी को बर्खास्त कर दिया था और क्रिस्टोफर रे के साथ भी मतभेद रहे, विशेष रूप से जब 2022 में FBI एजेंटों ने ट्रंप के मार-ए-लागो निवास पर छापा मारा था।

पटेल के नेतृत्व में FBI का भविष्य

FBI निदेशकों को आमतौर पर 10 साल का कार्यकाल दिया जाता है ताकि वे राजनीतिक दबाव से स्वतंत्र रह सकें। हालांकि, पटेल की ट्रंप से नजदीकी और उनकी आक्रामक सुधार योजनाएं उनके कार्यकाल को विवादों और राजनीतिक चुनौतियों से घेर सकती हैं।

उनकी नेतृत्व क्षमता की परीक्षा तब होगी जब वे डेमोक्रेट्स के विरोध, राजनीतिक दबाव और FBI में सुधार की जटिलताओं से निपटेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम, नई दिल्ली में SOUL (स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप) कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया, जो विकसित भारत (Viksit Bharat) के लिए नेतृत्व विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों में भविष्य के नेताओं को तैयार करने पर केंद्रित है, जिससे वे रणनीतिक निर्णय लेने, अनुकूलनशीलता, और समस्या-समाधान दृष्टिकोण विकसित कर सकें। SOUL का एक समर्पित कैंपस GIFT सिटी, गुजरात के पास स्थापित किया जाएगा, जो विश्वस्तरीय नेतृत्व प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के प्रमुख बिंदु

1. नेतृत्व विकास और विकसित भारत

  • नेतृत्व विकास विकसित भारत की नींव है।
  • राजनीति, व्यापार, तकनीक, खेल और प्रशासन सहित हर क्षेत्र में प्रभावी नेतृत्व की आवश्यकता है।
  • स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि 100 सक्षम नेता भारत को बदल सकते हैं।

2. भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में

  • भारत वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है और उसे दूरदृष्टि और जमीनी सोच वाले नेता चाहिए।
  • रणनीतिक निर्णय लेने, संकट प्रबंधन और भविष्य की सोच पर विशेष ध्यान देना होगा।

3. SOUL की नेतृत्व विकास में भूमिका

SOUL का लक्ष्य वैज्ञानिक और संरचित तरीकों से नेताओं को प्रशिक्षित करना है, जिसमें शामिल हैं:

  • क्रिटिकल थिंकिंग (गंभीर विश्लेषण क्षमता)
  • जोखिम लेने की क्षमता
  • समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण
  • परिवर्तनशील परिस्थितियों में अनुकूलन क्षमता

प्रारंभिक नेतृत्व प्रशिक्षण:

  • राज्यों के शिक्षा सचिवों और परियोजना निदेशकों को नई शिक्षा नीति (NEP) के कार्यान्वयन के लिए प्रशिक्षण।
  • गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के कर्मचारियों को कार्यशाला दी गई।

4. प्रमुख नेतृत्व क्षेत्र

नए उभरते क्षेत्र:

  • डीप-टेक
  • अंतरिक्ष (स्पेस)
  • जैव-प्रौद्योगिकी
  • नवीकरणीय ऊर्जा

परंपरागत क्षेत्र:

  • खेल
  • कृषि
  • विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग)
  • सामाजिक सेवा

5. लोक नीति और शासन में नेतृत्व

  • नई वैश्विक उत्कृष्ट संस्थाएं (Global Institutions of Excellence) स्थापित करने की आवश्यकता।
  • नीतियों में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल किया जाना चाहिए।
  • नेताओं को वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी होगी।

6. साझा उद्देश्य और टीम भावना

  • एक साझा लक्ष्य लोगों को जोड़ता है और नेतृत्व को मजबूत करता है।
  • भारत के स्वतंत्रता संग्राम से सीखकर, एकजुटता और दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित किया जाएगा।

7. SOUL को नेतृत्व प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित करना

  • यह संस्था नेतृत्व प्रयोगशाला (Leadership Laboratory) के रूप में कार्य करेगी।
  • भविष्य के नेताओं के लिए प्रमुख चुनौतियों और अवसरों की पहचान करेगा।
  • “अमृत पीढ़ी” के युवा नेताओं को प्रशिक्षित करेगा।

SOUL नेतृत्व कॉन्क्लेव 2025 की पृष्ठभूमि

  • तिथियां: 21-22 फरवरी 2025
  • प्रतिभागी: राजनीति, खेल, कला-मीडिया, लोक नीति, व्यापार, सामाजिक क्षेत्र और आध्यात्मिकता के नेता।
  • उद्देश्य: सहयोग और विचारशील नेतृत्व (Thought Leadership) का एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना।
  • फोकस: सफलताओं और असफलताओं से सीखकर युवा मस्तिष्क को प्रेरित करना।

निष्कर्ष

SOUL भारत के भविष्य के नेताओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पहल भारत के विकसित भारत के विजन के अनुरूप है। SOUL के नेतृत्व प्रशिक्षण से भारत की वैश्विक प्रभावशीलता और राष्ट्रीय प्रगति को गति मिलेगी।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? पीएम मोदी ने पहले SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया
इवेंट का नाम SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव 2025
उद्घाटनकर्ता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
स्थान भारत मंडपम, नई दिल्ली
SOUL कैंपस का स्थान GIFT सिटी, गुजरात के पास
उद्देश्य विकसित भारत के लिए नेतृत्व विकास
प्रमुख नेतृत्व क्षेत्र सार्वजनिक नीति, व्यापार, प्रौद्योगिकी, खेल, सामाजिक कार्य
प्रमुख नेतृत्व गुण क्रिटिकल थिंकिंग, जोखिम लेने की क्षमता, समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण, अनुकूलनशीलता
प्रशिक्षण पहल राज्य शिक्षा सचिवों, राज्य परियोजना निदेशकों, मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) स्टाफ के लिए कार्यशालाएं
वैश्विक दृष्टि रणनीतिक और भविष्यवादी सोच वाले नेताओं को तैयार करना
प्रतिभागी राजनीति, व्यापार, कला, मीडिया, सामाजिक क्षेत्र, खेल, आध्यात्मिकता के नेता

SBI ने भारत के वित्त वर्ष 25 के जीडीपी पूर्वानुमान को घटाकर 6.3% किया

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि का अनुमान 6.3% कर दिया है, जो राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के 6.4% के पूर्वानुमान से थोड़ा कम है। यह संशोधन मुख्य रूप से ऋण प्रवाह, विनिर्माण क्षेत्र और कुल मांग में सुस्ती के कारण किया गया है। यह अनुमान ऐसे समय में आया है जब नीति निर्माता वित्तीय और मौद्रिक उपायों के माध्यम से विकास को बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

GDP अनुमान में संशोधन के पीछे प्रमुख कारण

SBI रिसर्च ने 36 उच्च-आवृत्ति संकेतकों के विश्लेषण के आधार पर यह संशोधन किया है। बैंक के अनुसार, FY25 की तीसरी तिमाही में GDP वृद्धि 6.2% से 6.3% के बीच रहने का अनुमान है। विभिन्न क्षेत्रों में मिश्रित प्रवृत्तियाँ देखी गई हैं –

  • कृषि और संबद्ध गतिविधियाँ: FY25 में 3.8% की वृद्धि होने की संभावना है, जो FY24 में 1.4% थी। यह बेहतर मानसूनी परिस्थितियों के कारण संभव हो सकता है।
  • औद्योगिक क्षेत्र: FY24 में 9.5% की तुलना में FY25 में 6.2% की वृद्धि का अनुमान है, जो विनिर्माण और निर्यात में गिरावट को दर्शाता है।
  • सेवा क्षेत्र: FY25 में 7.2% की वृद्धि का अनुमान है, जो FY24 में 7.6% थी। यह उपभोक्ता मांग और खपत में धीमापन का संकेत देता है। (स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड)

निजी खपत और निवेश का विकास पर प्रभाव

भारत की आर्थिक वृद्धि में निजी खपत (Private Consumption) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। FY25 में निजी खपत की वास्तविक वृद्धि 7.3% रहने की संभावना है। यह वृद्धि मजबूत कृषि उत्पादन और खाद्य मुद्रास्फीति में कमी के कारण ग्रामीण मांग को बढ़ा सकती है।

हालांकि, निवेश वृद्धि घटकर 6.4% रह गई है, जो पिछले वर्ष के 9% की तुलना में कम है। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भी निवेश में कोई महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद नहीं है। निवेश में गिरावट के पीछे दो मुख्य कारण बताए जा रहे हैं –

  1. उच्च उधारी लागत (High Borrowing Costs)
  2. निगमों द्वारा सतर्क खर्च (Cautious Corporate Spending)

RBI और IMF के GDP अनुमान की तुलना

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी FY25 के लिए GDP वृद्धि अनुमान को 6.6% कर दिया है, जो पहले 7.2% था
  • RBI के अनुसार, FY25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP वृद्धि 5.4% रही, जो पिछली सात तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि है।
  • अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की GDP वृद्धि का अनुमान अगले दो वर्षों के लिए 6.5% रखा है। IMF का कहना है कि मजबूत घरेलू मांग और सरकारी नीतियों के कारण यह वृद्धि बनी रहेगी।

आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

भारत सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें शामिल हैं –

  • कर कटौती (Tax Cuts) और वित्तीय सुधार (Financial Reforms)
  • निजी आयकर सीमा (Personal Income Tax Threshold) में वृद्धि
  • मध्यम आय वर्ग के लिए करों में कटौती – जिससे उपभोक्ता खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे ऋण लेने की लागत कम होगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

निष्कर्ष

SBI, RBI और IMF के अलग-अलग अनुमानों के बावजूद, यह स्पष्ट है कि भारत की आर्थिक वृद्धि कुछ क्षेत्रों में मजबूत बनी हुई है, लेकिन विनिर्माण, निवेश और सेवा क्षेत्र में मंदी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। सरकार और RBI द्वारा लिए गए मौद्रिक और वित्तीय निर्णय GDP वृद्धि को स्थिर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? SBI रिसर्च ने भारत की FY25 जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर 6.3% किया, आर्थिक मंदी का हवाला दिया।
GDP वृद्धि अनुमान (SBI) 6.3% (NSO के 6.4% के अनुमान से थोड़ा कम)।
क्षेत्रीय वृद्धि कृषि: 3.8% (FY24 में 1.4% से अधिक)।
उद्योग: 6.2% (FY24 में 9.5% से कम)।
सेवा क्षेत्र: 7.2% (FY24 में 7.6% से कम)।
निजी खपत 7.3% की वृद्धि की संभावना, मजबूत ग्रामीण मांग और कम खाद्य मुद्रास्फीति से प्रोत्साहित।
निवेश वृद्धि 6.4%, जो FY24 में 9% थी, और निकट भविष्य में कोई बड़ा सुधार अपेक्षित नहीं।
अन्य संस्थानों के अनुमान RBI: 6.6% (पहले 7.2% था)।
IMF: 6.5% (वर्तमान और अगले वित्तीय वर्ष के लिए)।
नीतिगत उपाय – उपभोक्ता खर्च बढ़ाने के लिए कर कटौती
RBI ने रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की, आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए।
कुल मिलाकर दृष्टिकोण चुनौतियों के बावजूद, नीतिगत समर्थन और मजबूत घरेलू मांग के कारण भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा।

भारत ने बंगाल की खाड़ी अंतर-सरकारी संगठन की अध्यक्षता संभाली

भारत ने आधिकारिक रूप से बे ऑफ बंगाल प्रोग्राम इंटर-गवर्नमेंटल ऑर्गनाइजेशन (BOBP-IGO) की अध्यक्षता बांग्लादेश से अपने हाथों में ले ली है। यह बदलाव 13वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक के दौरान माले, मालदीव में हुआ, जिसमें श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम 20 से 22 फरवरी 2025 तक मालदीव के मत्स्य एवं महासागर संसाधन मंत्रालय द्वारा BOBP-IGO के सहयोग से आयोजित किया गया था।

भारत के मत्स्य विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लखी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्षता ग्रहण की। उन्होंने सतत मत्स्य पालन, क्षेत्रीय सहयोग और छोटे मछुआरों के कल्याण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। भारत के नेतृत्व में BOBP-IGO का फोकस समुद्री संसाधन प्रबंधन, क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नीति निर्माण और अवैध, अनियमित और अनियंत्रित (IUU) मछली पकड़ने की रोकथाम पर रहेगा। यह नेतृत्व ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टिकोण के अनुरूप है, जो आर्थिक विकास के साथ पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करता है।

भारत की अध्यक्षता के मुख्य बिंदु

1. नेतृत्व में परिवर्तन

  • भारत ने 13वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में बांग्लादेश से BOBP-IGO की अध्यक्षता ग्रहण की।
  • इस बदलाव के साक्षी श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश के प्रतिनिधि बने।
  • यह बदलाव “ईकोसिस्टम अप्रोच टू फिशरीज मैनेजमेंट (EAFM) इन स्मॉल-स्केल फिशरीज” सम्मेलन का हिस्सा था।

2. भारत के अध्यक्षता में मुख्य फोकस क्षेत्र

  • सतत मत्स्य विकास और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना।
  • छोटे मछुआरों के कल्याण को प्राथमिकता देना।
  • समुद्री संसाधनों के प्रबंधन और जिम्मेदार मत्स्य पालन को बढ़ावा देना।
  • प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण और अनुसंधान कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
  • अवैध, अनियमित और अनियंत्रित (IUU) मछली पकड़ने के खिलाफ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करना।

3. भारत के नेतृत्व की भूमिका

  • नेतृत्व कर रहे हैं डॉ. अभिलक्ष लखी, सचिव, मत्स्य विभाग, भारत सरकार।
  • सतत मत्स्य प्रबंधन के लिए नीति नवाचार को बढ़ावा देने का लक्ष्य।
  • तकनीकी उन्नति, ज्ञान आदान-प्रदान और डेटा साझाकरण को प्राथमिकता देना।

4. वैश्विक और राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ भारत की रणनीति

  • भारत का नेतृत्व ‘विकसित भारत 2047’ दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • यह गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण को समर्थन देता है।
  • भारत को इन अंतरराष्ट्रीय संगठनों का समर्थन मिलने की उम्मीद –
    • संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
    • दक्षिण-पूर्व एशियाई मत्स्य विकास केंद्र (SEAFDEC)
    • संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (UNODC)

5. भारत की अध्यक्षता में भविष्य की संभावनाएँ

  • छोटे मछुआरों की आजीविका को मजबूत करना और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना।
  • बंगाल की खाड़ी के देशों में जिम्मेदार मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करना।
  • क्षेत्रीय नीतियों को मजबूत कर ब्लू इकोनॉमी को बढ़ावा देना।

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