भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, रोहित शर्मा — जो भारत के सबसे सफल बल्लेबाज़ों में से एक और वर्तमान टेस्ट कप्तान हैं — ने आधिकारिक रूप से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। यह निर्णय उन्होंने बहुप्रतीक्षित भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला से ठीक पहले लिया, जिससे उनके लंबे और उतार-चढ़ाव भरे टेस्ट करियर का अंत हो गया। रोहित ने 2013 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ी है जो संघर्ष, पुनर्निर्माण और नेतृत्व से भरी रही है। हालांकि उन्होंने IPL 2025 के दौरान टीम की कप्तानी जारी रखने की इच्छा जताई थी, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में बदलते समीकरणों के कारण उनके टेस्ट करियर का समापन अपेक्षा से पहले और कुछ हद तक अप्रत्याशित रूप से हो गया।
समाचार में क्यों?
7 मई 2025 को रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। यह फैसला उन्होंने भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाली आगामी टेस्ट श्रृंखला से ठीक पहले लिया, जबकि उन्होंने इससे पहले टीम की कप्तानी जारी रखने की इच्छा जताई थी। लेकिन 2025–27 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र के लिए युवा नेतृत्व की तलाश के चलते BCCI के निर्णय ने इस फैसले को प्रभावित किया।
करियर का संक्षिप्त विवरण
टेस्ट डेब्यू और शुरुआती वादा (2013)
रोहित ने 2013 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और अपने पहले दो घरेलू टेस्ट मैचों में शतक जड़कर जबरदस्त शुरुआत की।
वे मिडल ऑर्डर बल्लेबाज़ के रूप में अपार संभावनाओं वाले खिलाड़ी माने गए।
संघर्ष और अस्थिरता
मध्य क्रम में अपनी जगह पक्की करने में उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
लगातार चोटों और फॉर्म में गिरावट के चलते कई वर्षों तक उनकी उपस्थिति सीमित रही।
सलामी बल्लेबाज़ के रूप में रूपांतरण (2019 के बाद)
2019 में उन्हें पारी की शुरुआत करने का मौका मिला — जो उनके टेस्ट करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
उन्होंने खासकर घरेलू पिचों पर शानदार प्रदर्शन किया और सुरुचिपूर्ण बल्लेबाज़ी से बड़े रन बनाए।
कप्तानी युग (2022–2025)
2022 में विराट कोहली के पद छोड़ने के बाद उन्होंने टेस्ट कप्तानी संभाली।
उनकी कप्तानी में भारत ने कई श्रृंखलाएं जीतीं, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुछ अहम हार भी झेलीं।
उनके नेतृत्व की स्थिरता की सराहना हुई, हालांकि विदेशी दौरों पर प्रदर्शन को लेकर सवाल उठे।
संन्यास के कारण
हालांकि उनका इरादा सकारात्मक था, लेकिन पिछली टेस्ट श्रृंखला में उनका फॉर्म गिर गया।
38 वर्ष की उम्र में BCCI ने आगामी WTC चक्र के लिए युवा नेतृत्व को प्राथमिकता दी।
हाल ही में उन्होंने T20I क्रिकेट से भी संन्यास लिया था, और टेस्ट से संन्यास भी उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के समापन की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है।