गृह मंत्रालय (MHA) के एक राष्ट्रव्यापी निर्देश के तहत, बेंगलुरु में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नामक एक व्यापक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य जनता में आपात स्थिति के प्रति जागरूकता बढ़ाना और आपदा से निपटने की तैयारियों को मजबूत करना था। इस अभ्यास का संचालन कर्नाटक राज्य अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग द्वारा किया गया, जिसमें आग लगने, मलबे में फंसे लोगों को बचाने और ऊंची इमारतों से निकासी जैसी परिस्थितियों में बचाव और प्राथमिक चिकित्सा कार्यों का सजीव अभ्यास किया गया। विशेष रूप से हलासुरु क्षेत्र में यह ड्रिल व्यापक पैमाने पर आयोजित की गई।
समाचार में क्यों?
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद देशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी पृष्ठभूमि में गृह मंत्रालय (MHA) के निर्देश पर बेंगलुरु में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नामक एक सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस तरह के अभ्यास भारत के विभिन्न राज्यों में संभावित आपात स्थितियों से निपटने की तैयारी के तहत किए जा रहे हैं, खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए।
ऑपरेशन अभ्यास की प्रमुख विशेषताएं
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उद्देश्य: नागरिक सुरक्षा तत्परता को मजबूत करना और आपात स्थितियों से निपटने के लिए जन-जागरूकता बढ़ाना।
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आयोजक: कर्नाटक राज्य अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग (MHA के निर्देश पर)।
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मुख्य स्थान: हलासुरु, बेंगलुरु।
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समय: 7 मई 2025 को शाम 3:48 बजे से 7:00 बजे तक।
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अवधि: प्रत्येक अभ्यास लगभग 30 मिनट तक चला।
मॉक ड्रिल के घटक
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सायरन के माध्यम से आपातकालीन प्रतिक्रिया की प्रक्रिया शुरू की गई।
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मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य किए गए।
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ऊंची इमारतों से निकासी का प्रदर्शन एरियल लैडर वाहनों की मदद से किया गया।
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आग बुझाने और प्राथमिक चिकित्सा का अभ्यास।
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पुलिस, सिविल डिफेंस और अग्निशमन सेवाओं के बीच समन्वय का परीक्षण।
प्रासंगिक बयान और संदर्भ
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गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने जनता की तैयारियों के महत्व को रेखांकित करते हुए वर्तमान खतरे की स्थिति की तुलना 1972 के ऐतिहासिक हालात से की।
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भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को “युद्ध की छाया” के रूप में वर्णित किया गया।
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जनता से सतर्क रहने और आपात स्थितियों में अपनी ज़िम्मेदारियों को समझने की अपील की गई।
पृष्ठभूमि और स्थायी जानकारी
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ऑपरेशन अभ्यास एक राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा पहल का हिस्सा है।
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इन अभ्यासों का उद्देश्य विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमताओं की जांच करना है।
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यह अभियान हालिया आतंकी घटनाओं के बाद भारत की व्यापक आंतरिक सुरक्षा रणनीति के अंतर्गत आता है।