अर्मेनिया अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का 104वां पूर्ण सदस्य बना

अर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में 104वें पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होकर वैश्विक सौर ऊर्जा सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। ISA, जो 2015 में स्थापित हुआ था, का उद्देश्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, लागत कम करना और नवाचार को प्रोत्साहित करना है। अर्मेनिया की सदस्यता यह दर्शाती है कि वह टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के प्रति प्रतिबद्ध है। गठबंधन का लक्ष्य 2030 तक सौर ऊर्जा के प्रसार के लिए 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना है।

मुख्य घोषणाएं

  • घोषणा की तिथि: 21 नवंबर 2024
  • अर्मेनिया ने आधिकारिक रूप से ISA का 104वां पूर्ण सदस्य बनने की घोषणा की।
  • यह घोषणा विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल द्वारा की गई।
  • अर्मेनिया ने ISA की सदस्यता के लिए अपना अनुबंधन दस्तावेज (Instrument of Ratification) नई दिल्ली में सौंपा।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की स्थापना

  • स्थापना: 30 नवंबर 2015
  • संस्थापक: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद
  • मुख्यालय: भारत

ISA के प्रमुख उद्देश्य

  1. सौर ऊर्जा का प्रसार: वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना।
  2. लागत में कमी: सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करना।
  3. नवाचार और अनुसंधान: सौर ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, शोध, और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहन।
  4. वित्तीय जुटाव: 2030 तक सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना।

भारत की भूमिका और वैश्विक परियोजनाएं

भारत ISA के नेतृत्व में वैश्विक दक्षिण (Global South) में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
ISA के तहत भारत द्वारा निम्नलिखित प्रमुख परियोजनाएं चलाई गई हैं:

  • मलावी की संसद का सोलराइजेशन।
  • फिजी में सौर ऊर्जा से संचालित स्वास्थ्य केंद्र।
  • सेशेल्स में सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज।
  • किरिबाती में सोलर पीवी रूफटॉप सिस्टम।

ISA का विस्तार और हालिया मील के पत्थर

  • जून 2024: पराग्वे ISA का 100वां पूर्ण सदस्य बना।
  • नवंबर 2024: अर्मेनिया ISA का 104वां सदस्य बना।
  • यह विस्तार सौर ऊर्जा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में ISA की सफलता को दर्शाता है।

ISA की वैश्विक महत्ता

  1. जलवायु परिवर्तन से लड़ाई: ISA अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है जो स्वच्छ ऊर्जा की ओर वैश्विक परिवर्तन में योगदान देता है।
  2. पर्यावरण नेतृत्व:
    • भारत के नेतृत्व में ISA टिकाऊ ऊर्जा समाधान और पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
    • भारत तकनीकी प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा को सुलभ और किफायती बना रहा है।

पर्यावरणीय नेतृत्व

भारत का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में नेतृत्व टिकाऊ ऊर्जा समाधानों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति इसकी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

सारांश/स्थैतिक विवरण

विषय विवरण
समाचार में क्यों? अर्मेनिया अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का 104वां पूर्ण सदस्य बना।
घटना अर्मेनिया ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में 104वें पूर्ण सदस्य के रूप में सदस्यता ली।
ISA की स्थापना 30 नवंबर 2015 को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद द्वारा ISA की स्थापना की गई।
ISA के उद्देश्य – वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाना।
सौर ऊर्जा उत्पादन की लागत को कम करना।
– नवाचार, अनुसंधान, विकास और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना।
अनुबंधन पत्र सौंपना अर्मेनिया ने नई दिल्ली में ISA सदस्यता के लिए अपना अनुबंधन पत्र (Instrument of Ratification) सौंपा।
ISA का लक्ष्य 2030 तक सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 1000 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना।
पिछला मील का पत्थर जून 2024 में पराग्वे ISA का 100वां पूर्ण सदस्य बना।
ISA मुख्यालय अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय भारत में है।
ISA में भारत की भूमिका वैश्विक दक्षिण (Global South) में सौर परियोजनाओं के लिए प्रमुख भूमिका।

 

काल भैरव जयंती 2024, तिथि, समय, इतिहास और महत्व

काल भैरव जयंती भगवान शिव के उग्र और रक्षक स्वरूप काल भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह पर्व भगवान काल भैरव की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो अपने भक्तों को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाते हैं। भक्त इस दिन विशेष पूजा, व्रत और अनुष्ठान कर उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

काल भैरव जयंती 2024 की तिथि और समय

तारीख: शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार:

  • यह पर्व मार्गशीर्ष (अगहन) मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
  • अष्टमी तिथि का समय:
    • प्रारंभ: 22 नवंबर 2024 को शाम 6:07 बजे
    • समाप्त: 23 नवंबर 2024 को शाम 7:56 बजे

भक्त इस अवधि के दौरान भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना और अनुष्ठान करना शुभ मानते हैं।

काल भैरव जयंती का इतिहास

  • भगवान काल भैरव:
    भगवान शिव का यह रौद्र रूप समय (काल), विनाश और बुरी शक्तियों को नष्ट करने का प्रतीक है।
  • जन्म कथा:
    शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने अपनी रुद्र ऊर्जा से भगवान काल भैरव को उत्पन्न किया।

    • यह जन्म एक राक्षस का विनाश करने और अहंकार को नष्ट करने के लिए हुआ।
    • काल भैरव को इतना शक्तिशाली माना जाता है कि समय (काल) भी उनसे डरता है, इसलिए उन्हें “काल भैरव” कहा जाता है।

काल भैरव जयंती 2024 का महत्व

काल भैरव जयंती हिंदू धर्म में, विशेष रूप से शैव परंपरा का पालन करने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ माने जाते हैं:

  1. नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा:
    • काल भैरव की कृपा से बुरी शक्तियों और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है।
  2. भय और अनहोनी से मुक्ति:
    • भगवान काल भैरव को प्रसन्न कर व्यक्ति भय, दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु से बच सकता है।
  3. अवरोधों से मुक्ति:
    • जीवन के मार्ग में आने वाली बाधाएं, रोग और संकट दूर होते हैं।
  4. शांति और समृद्धि:
    • उनकी पूजा से जीवन में शांति और खुशहाली आती है।

2024 में विशेष महत्व:
इस वर्ष काल भैरव जयंती पर ब्रह्म योग, इंद्र योग और रवि योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इस दिन की आध्यात्मिक शक्ति को और अधिक बढ़ाते हैं।

पूजा विधि

  • व्रत: भक्त व्रत रखते हैं और संयमित जीवन शैली अपनाते हैं।
  • पूजा:
    • भगवान काल भैरव की मूर्ति या चित्र पर तेल, काला तिल, नारियल, और गुड़ चढ़ाया जाता है।
    • उनके वाहन कुत्ते को भोजन खिलाना भी शुभ माना जाता है।
  • मंत्र जाप:
    • “ॐ काल भैरवाय नमः” मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होता है।
  • दक्षिणा: गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करना भी पुण्यदायक माना जाता है।

करीमगंज जिले का नाम बदला, अब श्रीभूमि होगा नया नाम

असम सरकार ने करीमगंज जिले का आधिकारिक नाम बदलकर श्रीभूमि जिला और करीमगंज नगर का नाम श्रीभूमि नगर कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व को सम्मानित करने के लिए उठाया गया कदम है।

मुख्य बिंदु

जिले का नामकरण

  • नया नाम:
    • करीमगंज जिला → श्रीभूमि जिला।
    • करीमगंज नगर → श्रीभूमि नगर।

ऐतिहासिक संदर्भ

  • रवींद्रनाथ टैगोर का उल्लेख:
    • नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने इस क्षेत्र को “श्रीभूमि” (मां लक्ष्मी की भूमि) के रूप में 100 साल पहले वर्णित किया था।
    • असम सरकार ने उनके इस उल्लेख को मान्यता दी है।

मुख्यमंत्री का बयान

  • स्थानीय मांग का सम्मान:
    • CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि यह निर्णय स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।
    • इससे जिले को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, जो इसकी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है।

सरकार का औचित्य

  • सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा:
    • नाम बदलने का उद्देश्य स्थानीय गर्व और पहचान को मजबूत करना है।
    • सरकार की यह पहल राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक प्रयास है।

आधिकारिक अधिसूचना

  • जारी अधिसूचना:
    • सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत नाम परिवर्तन तुरंत प्रभाव से लागू हो गया।

भविष्य की योजनाएं

  • CM सरमा ने संकेत दिया कि जिन स्थानों के नामों का कोई ऐतिहासिक या शब्दकोशीय आधार नहीं है, उन्हें बदले जाने का यह क्रम जारी रहेगा।

सारांश: नाम परिवर्तन का महत्व

विषय विवरण
समाचार में क्यों? असम सरकार ने करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि किया।
नई पहचान करीमगंज जिला → श्रीभूमि जिला।
करीमगंज नगर → श्रीभूमि नगर।
ऐतिहासिक संदर्भ 100 साल पहले रवींद्रनाथ टैगोर ने इस क्षेत्र को “श्रीभूमि” (मां लक्ष्मी की भूमि) कहा था।
मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण स्थानीय मांग का सम्मान और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना।
सरकार का उद्देश्य सांस्कृतिक पहचान और स्थानीय गौरव को बढ़ावा देना।
भविष्य की योजनाएं ऐतिहासिक और शब्दकोशीय आधारहीन स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

भारत ने 130 वर्षों में पहली बार वैश्विक सहकारी सम्मेलन की मेजबानी की

भारत 25 से 30 नवंबर, 2024 के बीच नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA) ग्लोबल कॉपरेटिव कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा। यह पहली बार है जब ICA के 130 वर्षों के इतिहास में यह वैश्विक सहकारी आंदोलन का प्रमुख आयोजन भारत में हो रहा है। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीसंयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025’ का शुभारंभ करेंगे।

मुख्य बिंदु

कार्यक्रम का विवरण

  • तिथियां: 25 से 30 नवंबर, 2024
  • स्थान: नई दिल्ली, भारत
  • शुभारंभ: PM नरेंद्र मोदी द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025’ का उद्घाटन।
  • प्रमुख मेहमान:
    • भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे
    • फिजी के उप-प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका
  • उद्घाटन सत्र: 25 नवंबर को केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में।
  • प्रतिभागी:
    • कुल 3,000 प्रतिनिधि (1,000 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि 100+ देशों से)।

थीम और प्रमुख विषय

थीम: “सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण करती है”

उप-विषय:

  1. नीति और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम बनाना।
  2. समृद्धि के लिए उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व का पोषण।
  3. सहकारी पहचान को पुनः पुष्टि देना।
  4. 21वीं सदी में समृद्धि के लिए भविष्य का निर्माण।

विशेषताएं

  • कार्बन-न्यूट्रल आयोजन: कार्यक्रम को पर्यावरणीय रूप से स्थायी बनाने के लिए 10,000 पीपल के पेड़ लगाए जाएंगे।
  • शुद्ध शाकाहारी भोजन: केवल शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा और मादक पेय पर प्रतिबंध रहेगा।

भारत की सहकारी भूमिका

सहकारी क्षेत्र में भारत का योगदान

  • विश्व की 25% सहकारी संस्थाएं भारत में हैं।
  • भारत में लगभग 8 लाख सहकारी संस्थाएं हैं।
  • यह सम्मेलन भारत के सहकारी क्षेत्र की ताकत को प्रदर्शित करेगा।

महत्वपूर्ण नेतृत्व बयान

  1. IFFCO के MD यू.एस. अवस्थी:
    • कार्यक्रम की पर्यावरणीय जागरूकता और भारत के सहकारी क्षेत्र की मजबूती पर जोर दिया।
  2. सहकारिता सचिव आशीष कुमार भूटानी:
    • 100+ देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी पर प्रकाश डाला।
    • सम्मेलन भारत की सहकारी उपलब्धियों को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करेगा।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA)

  • स्थापना: 1895 में सहकारी मॉडल को बढ़ावा देने के लिए।
  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड (1982 में लंदन से स्थानांतरित)।
  • सदस्यता: 105 देशों की 306 से अधिक संगठन ICA के सदस्य हैं।
  • उद्देश्य:
    • सहकारिता के लिए वैश्विक मंच और आवाज प्रदान करना।
    • ज्ञान, विशेषज्ञता, और सहकारी कार्रवाई में समन्वय बनाना।

सारांश: आयोजन का महत्व

विषय विवरण
समाचार में क्यों? पहली बार भारत ICA ग्लोबल कॉपरेटिव कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगा।
कार्यक्रम का नाम ICA ग्लोबल कॉपरेटिव कॉन्फ्रेंस 2024।
तिथियां 25–30 नवंबर, 2024।
स्थान नई दिल्ली, भारत।
महत्वपूर्ण पहल PM मोदी द्वारा ‘संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025’ का शुभारंभ।
प्रतिभागी 3,000 प्रतिनिधि (1,000 अंतरराष्ट्रीय)।
थीम “सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण करती है”।
विशेषताएं – कार्बन-न्यूट्रल कार्यक्रम।
– शुद्ध शाकाहारी भोजन।
भारत की सहकारी ताकत विश्व की 25% सहकारी संस्थाएं भारत में।

बीमा सुगम: डिजिटल बीमा पारिस्थितिकी तंत्र की ओर एक कदम

बीमा उत्पादों के गलत और जबरन विक्रय (mis-selling and force-selling) के बढ़ते मामलों को देखते हुए, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा सुगम प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। इस डिजिटल पहल का उद्देश्य ग्राहकों को बीमा उत्पादों के प्रति पारदर्शिता और भरोसा प्रदान करना है। IRDAI के अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने इस मुद्दे पर SBI के वार्षिक बिजनेस और इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में कहा कि बैंकों को अपने मुख्य कार्य, यानी ऋण प्रदान करने, पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और ग्राहकों को अनावश्यक बीमा उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।

यह पहल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उस अपील के अनुरूप है, जिसमें उन्होंने बैंकों को जिम्मेदार बैंकएश्योरेंस प्रथाओं को अपनाने की सलाह दी थी।

मुख्य बिंदु

बैंकएश्योरेंस में गलत विक्रय की समस्या

  1. वित्त मंत्री की टिप्पणियां
    • बैंकों पर जबरन बीमा बेचने का आरोप लगाया गया है, जिससे ग्राहकों के लिए ऋण का अप्रत्यक्ष खर्च बढ़ जाता है।
    • वित्त मंत्री ने बैंकों को अपने मुख्य बैंकिंग कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और ग्राहकों पर अनावश्यक बीमा उत्पाद थोपने से बचने की सलाह दी।
  2. IRDAI अध्यक्ष की राय
    • गलत विक्रय और जबरन विक्रय ने बैंकएश्योरेंस प्रणाली की छवि खराब की है।
    • बैंकों को ग्राहकों को कई विकल्प और पारदर्शिता प्रदान करनी चाहिए।

बीमा सुगम प्लेटफॉर्म की भूमिका

  1. प्लेटफॉर्म की विशेषताएं
    • बीमा उत्पादों को दिखाने के लिए एक डिजिटल मंच।
    • आधार, खाता एग्रीगेटर फ्रेमवर्क, और यूपीआई के साथ एकीकृत।
    • बीमा पॉलिसियों की खरीद, बिक्री और दावों के निपटान में पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।
  2. उद्देश्य
    • गलत और अनैतिक प्रथाओं को रोकना।
    • ग्राहकों को दबावमुक्त और सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाना।

बैंकएश्योरेंस चैनल: लाभ और चुनौतियां

  1. लाभ
    • बीमा उत्पादों के वितरण के लिए कम लागत वाला और प्रभावी चैनल।
  2. चुनौतियां
    • अनैतिक प्रथाओं और बीमा बिक्री पर अत्यधिक निर्भरता के मामले।
    • बैंकों के लिए ऋणदाता और बीमा विक्रेता के रूप में संतुलन बनाना।

IRDAI की सहयोगात्मक अपील

  • सभी हितधारकों (बैंकों, बीमाकर्ताओं, और नियामकों) को मिलकर ग्राहक-केंद्रित प्रथाओं को अपनाने की जरूरत है।
  • पारदर्शिता और न्यायपूर्ण प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित कर ग्राहकों के विश्वास को पुनः स्थापित करना आवश्यक है।

बीमा सुगम प्लेटफॉर्म: एक नजर में

विषय विवरण
समाचार में क्यों? बीमा सुगम प्लेटफॉर्म बीमा उत्पादों के गलत विक्रय की समस्या का समाधान करेगा।
मुख्य चिंता ग्राहकों पर बीमा उत्पादों का गलत और जबरन विक्रय।
वित्त मंत्री की राय – बैंकों को मुख्य बैंकिंग कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
– गलत विक्रय से ऋण का अप्रत्यक्ष खर्च बढ़ता है।
IRDAI की टिप्पणी – बीमा सुगम प्लेटफॉर्म पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगा।
– ग्राहकों को विकल्प प्रदान करना चाहिए।
प्लेटफॉर्म की विशेषताएं – आधार, यूपीआई, और खाता एग्रीगेटर के साथ एकीकृत।
– बीमा उत्पादों की पारदर्शी खरीद, बिक्री, और सेवा।
सहयोग की अपील सभी हितधारकों को ग्राहकों के विश्वास को बहाल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

शिवांगी देसाई को मिस चार्म इंडिया 2024 का खिताब मिला

शिवांगी देसाई, एक 22 वर्षीय विधि छात्रा और पुणे के इंडियन लॉ स्कूल (ILS) की अंतिम वर्ष की छात्रा, ने मिस चार्म इंडिया 2024 का खिताब जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया है। इस दिसंबर, वह वियतनाम में आयोजित होने वाले मिस चार्म 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। उनकी यात्रा ने बौद्धिकता, सौंदर्य, और दृढ़ता का एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है, जिससे वह युवाओं के लिए एक आदर्श बन गई हैं।

प्रारंभिक उपलब्धियां और पेजेंट सफलता

शिवांगी ने 16 वर्ष की आयु में पेजेंट्री में अपना सफर शुरू किया, जब उन्होंने 2018 में पुणे के आरएसआई आर्मी इंस्टीट्यूट में मई क्वीन का खिताब जीता। इसके बाद उन्होंने मिस टीन इंडिया नॉर्थ (मिस टीन दिवा), मिस एनडीए, और मिस यूनिवर्स गुजरात में प्रथम रनर-अप जैसी उपलब्धियां हासिल कीं। इन प्रारंभिक सफलताओं ने उन्हें मिस चार्म इंडिया 2024 जीतने की नींव प्रदान की।

सशस्त्र बलों की पृष्ठभूमि से प्रेरणा

शिवांगी का पालन-पोषण भारतीय नौसेना में कार्यरत अपने पिता के स्थानांतरणीय नौकरी के कारण भारत के विभिन्न हिस्सों में हुआ। दस अलग-अलग स्कूलों में पढ़ने के अनुभव ने उन्हें अनुकूलनशीलता, दृढ़ता, और अनुशासन जैसे गुण सिखाए। इन गुणों ने उनकी शैक्षिक और पेजेंट्री यात्रा को गहराई से प्रभावित किया है।

संस्कृति और विरासत के प्रति जुनून

शिवांगी भारत की पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने “बियॉन्ड द यूजुअल” नामक एक पुस्तक लिखी, जो भारत के छुपे हुए पर्यटन रत्नों को उजागर करती है। उनकी यह रुचि वैश्विक मंच पर भारत की समृद्ध विरासत को प्रस्तुत करने की उनकी आकांक्षाओं के साथ पूरी तरह मेल खाती है।

शैक्षणिक उत्कृष्टता और विधि क्षेत्र की आकांक्षाएं

पेजेंट्री के अलावा, शिवांगी एक प्रतिभाशाली विधि छात्रा हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, ट्राईलीगल और खैतान एंड कंपनी जैसे शीर्ष विधि फर्मों के साथ इंटर्नशिप पूरी की है, और कई शोध पत्र लिखे हैं। वह फैशन, खेल और मनोरंजन कानून में अग्रणी वकील बनने की आकांक्षी हैं, जिससे वह अपनी शैक्षिक योग्यता को पेजेंट्री की सफलता के साथ जोड़ती हैं।

मार्गदर्शन और तैयारी

मिस चार्म इंडिया 2024 के लिए शिवांगी की तैयारी पेजेंट कोच रितिका रामत्री और ग्लैमनांड सुपरमॉडल इंडिया टीम के मार्गदर्शन में हुई। उनके कुशल प्रशिक्षण ने शिवांगी को अपने कौशल को निखारने और प्रतियोगिता में सफलता हासिल करने में मदद की।

उज्ज्वल भविष्य की ओर

शिवांगी देसाई की यात्रा दृढ़ता, जुनून और उद्देश्य की शक्ति को दर्शाती है। अपनी उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ, वह वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए एक स्थायी प्रभाव छोड़ने के लिए तैयार हैं। मिस चार्म 2024 में उनकी भागीदारी न केवल उनकी बुद्धिमत्ता और आकर्षण का प्रदर्शन करेगी, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करेगी।

समाचार का सारांश

Why in News Key Points
शिवांगी देसाई ने मिस चार्म इंडिया 2024 का ताज पहना आईएलएस पुणे की 22 वर्षीय लॉ छात्रा ने मिस चार्म इंडिया 2024 जीता। वियतनाम में मिस चार्म 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
घटना स्थान मिस चार्म 2024 वियतनाम में आयोजित किया जाएगा।
शिक्षा इंडियन लॉ स्कूल (आईएलएस) पुणे में अंतिम वर्ष की कानून की छात्रा।
किताब भारत के छिपे हुए पर्यटन रत्नों की खोज करते हुए “बियॉन्ड द यूज़ुअल” पुस्तक लिखी।
प्रारंभिक उपलब्धि 2018 में पुणे में आरएसआई आर्मी इंस्टीट्यूट में मई क्वीन का खिताब जीता।
अन्य शीर्षक मिस टीन दिवा में मिस टीन इंडिया नॉर्थ, मिस एनडीए और मिस यूनिवर्स गुजरात में प्रथम रनर-अप रहीं।
सदस्यता द टियारा की पेजेंट कोच रितिका रामत्री और ग्लैमानंद सुपरमॉडल इंडिया टीम द्वारा मार्गदर्शन।
प्रगति की प्रेरणा फैशन, खेल और मनोरंजन वकील बनने की इच्छा है।
शैक्षणिक उपलब्धियां राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं जीतीं, शोध पत्र लिखे और ट्राइलीगल और खेतान एंड कंपनी में इंटर्नशिप की।
पारिवारिक पृष्ठभूमि एक भारतीय नौसेना अधिकारी और एक डॉक्टर की बेटी।
गृहनगर पुणे, महाराष्ट्र से।

इराक ने 40 वर्षों में पहली बार राष्ट्रीय जनगणना आयोजित की

इराक 1987 के बाद पहली बार देशव्यापी जनगणना कर रहा है, जो कि सद्दाम हुसैन के शासनकाल के दौरान आयोजित हुई थी। इस व्यापक जनसर्वेक्षण में 120,000 शोधकर्ता शामिल हैं। यह जनगणना देश के सभी 18 गवर्नरेट्स (प्रांतों) में घर-घर जाकर डेटा संग्रह करेगी। प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए, गृह मंत्रालय ने दो दिवसीय कर्फ्यू लागू किया है।

परिचय

उद्देश्य:

  • जनगणना का उद्देश्य इराक की डेटा संग्रह प्रणाली का आधुनिकीकरण करना, भविष्य की विकास योजनाओं में सहायता करना, और देश की जनसांख्यिकीय, सामाजिक, और आर्थिक स्थिति की समग्र तस्वीर प्रस्तुत करना है।

ऐतिहासिक संदर्भ:

  • पिछली देशव्यापी जनगणना 1987 में हुई थी।
  • 1997 की जनगणना में कुर्दिश क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया था।

जनगणना की मुख्य विशेषताएं

शुरुआत:

  • नवंबर 2024 में शुरू हुई यह जनगणना दो दिनों तक चलेगी।

तकनीकी उपयोग:

  • पहली बार, आधुनिक तकनीकों का उपयोग डेटा संग्रह और विश्लेषण के लिए किया जा रहा है।

दायरा:

  • 120,000 जनगणना कर्मी, प्रत्येक दो दिनों में लगभग 160 आवासीय इकाइयों का सर्वेक्षण करेंगे।

पद्धति:

  • “डी-ज्यूरे” विधि का उपयोग किया जाएगा, जिसमें व्यक्तियों को उनके वर्तमान निवास स्थान पर गिना जाएगा (अगर वे विस्थापित हैं तो उनके मूल घर पर नहीं)।
  • अपवर्जन: विदेशों में रह रहे इराकी या अन्य देशों में विस्थापित व्यक्तियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

राजनीतिक और क्षेत्रीय संवेदनशीलता

विवादित क्षेत्र:

  • जनगणना ऐसे विवादित क्षेत्रों में भी आयोजित की जाएगी, जैसे कि किर्कुक, दियाला, और मोसुल, जहां केंद्रीय सरकार और स्वायत्त कुर्दिश क्षेत्र के बीच तनाव है।

समावेशी दृष्टिकोण:

  • निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, प्रमुख जातीय समूहों – कुर्द, अरब, तुर्कमेन, और ईसाइयों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।

सरकारी सहयोग:

  • जनगणना को निष्पक्ष रूप से आयोजित करने के लिए केंद्रीय सरकार और कुर्दिश अधिकारियों के साथ समझौते किए गए हैं।

जातीयता और सांप्रदायिक पहचान

जातीय/सांप्रदायिक प्रश्नों का बहिष्कार:

  • संघीय अदालत ने जातीयता और सांप्रदायिक पहचान से संबंधित प्रश्नों को हटाने का आदेश दिया है ताकि तनाव बढ़ने से रोका जा सके।

धार्मिक श्रेणियों पर ध्यान:

  • जनगणना में व्यापक धार्मिक श्रेणियों जैसे मुस्लिम और ईसाई पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इराक पर जनगणना के प्रभाव

संसाधन आवंटन:

  • यह जनगणना संसाधनों के वितरण, बजट आवंटन और बुनियादी ढांचे के विकास पर निर्णय लेने के लिए अद्यतन डेटा प्रदान करेगी।
  • कुर्दिश क्षेत्र के बजट में हिस्सेदारी (वर्तमान में 12%) वास्तविक जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर स्पष्ट होगी।

राजनीतिक प्रभाव:

  • अल्पसंख्यक समूहों को आशंका है कि यदि उनकी संख्या कम दर्ज होती है, तो उनके राजनीतिक प्रभाव और आर्थिक लाभ कम हो सकते हैं।
  • जनगणना का राजनीतिक और आर्थिक नीतियों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जिससे संसाधनों के वितरण, सार्वजनिक सेवाओं, और भविष्य के राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर असर होगा।

भविष्य की योजना पर प्रभाव:

  • यह जनगणना सरकार को युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण और संसाधन आवंटन की योजना बनाने में मदद करेगी।
  • यह कुर्दिश क्षेत्र में सार्वजनिक कर्मचारियों की संख्या पर भी स्पष्टता प्रदान करेगी।

सुरक्षा और निगरानी

कर्फ्यू:

  • गृह मंत्रालय ने डेटा संग्रह के दौरान सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लागू किया।

अंतरराष्ट्रीय निगरानी:

  • इस जनगणना की गुणवत्ता और सटीकता का आकलन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों द्वारा निगरानी की जाएगी।

भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर रचा इतिहास, चीन को 1-0 से हराया

भारत की महिला हॉकी टीम ने वीमेंस एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया। यह भारत का तीसरा एसीटी खिताब है, जिसने इस टूर्नामेंट के इतिहास में अपनी मजबूत स्थिति को दक्षिण कोरिया के साथ साझा किया। दीपिका के 31वें मिनट में किए गए शानदार रिवर्स-हिट गोल ने भारत को लगातार दूसरा खिताब दिलाने में निर्णायक भूमिका निभाई।

भारत की शानदार खिताबी यात्रा

  • फाइनल तक पहुंचने का भारत का सफर चुनौतियों से भरा था। सेमीफाइनल में साधारण प्रदर्शन के बावजूद, टीम ने महत्वपूर्ण मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।
  • फाइनल में दोनों टीमों ने सधी हुई रक्षात्मक रणनीति अपनाई।
  • दीपिका, जो इस टूर्नामेंट की शीर्ष स्कोरर रहीं, ने 31वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से निर्णायक गोल किया। उनकी कुशलता और दबाव में संयम ने इस हाई-प्रेशर मैच में भारत को जीत दिलाई।

फाइनल के प्रमुख क्षण

पहला हाफ

  • दोनों टीमों ने आक्रामक खेल दिखाया, लेकिन भारत की रक्षा पंक्ति, जिसमें युवा सुनेलिता टोप्पो का नेतृत्व था, मजबूती से खड़ी रही।
  • चीन को पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारत की गोलकीपर बिचू देवी खारीबम ने शानदार बचाव करते हुए उन्हें गोल करने से रोक दिया।

दूसरा हाफ

  • भारत ने दबाव बनाए रखा और 31वें मिनट में एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल दिया।
  • 42वें मिनट में दीपिका को पेनल्टी स्ट्रोक का मौका मिला, लेकिन चीन की गोलकीपर ली टिंग ने शानदार बचाव करते हुए अपनी टीम को मुकाबले में बनाए रखा।

भारत की निरंतरता और विरासत

  • इस जीत के साथ, भारत ने 2016, 2023, और 2024 में खिताब जीतकर एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे सफल टीम के रूप में अपनी पहचान को और मजबूत किया।
  • फाइनल में चीन पर मिली यह जीत भारतीय महिला हॉकी टीम की दृढ़ता और प्रगति का प्रमाण है।
  • यह प्रदर्शन भारत को महिला हॉकी में एक शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करता है और टीम की निरंतरता एवं समर्पण का प्रतीक है।

समाचार का सारांश

Why in News Key Points
भारत ने महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 जीती भारत ने फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर अपना खिताब बरकरार रखा।
सर्वोच्च गोल स्कोरर दीपिका ने 11 गोल किए, जिनमें फाइनल में मैच विजयी गोल भी शामिल है।
भारत का खिताबी इतिहास भारत ने 2016 और 2023 में पिछली जीत के बाद अपनी तीसरी महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
चीन का प्रदर्शन चीन उपविजेता रहा, जो टूर्नामेंट में उसका तीसरा उपविजेता स्थान था।
तीसरे स्थान का मैच जापान ने मलेशिया को 4-1 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया।
फाइनल मैच विवरण दीपिका के 31वें मिनट में किये गये गोल ने भारत की जीत सुनिश्चित कर दी।
भारत का रक्षात्मक प्रदर्शन ठोस रक्षात्मक प्रदर्शन, बिचु देवी खारिबाम ने महत्वपूर्ण बचाव किया।
पेनल्टी कॉर्नर रूपांतरण मुद्दा पूरे टूर्नामेंट में कई अवसर बनाने के बावजूद भारत को पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा।

भारत ने सुरक्षा और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पहला एआई डेटा बैंक लॉन्च किया

भारत ने अपनी पहली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) डेटा बैंक की शुरुआत की है, जो नवाचार को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस ऐतिहासिक कदम की घोषणा केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ASSOCHAM AI लीडरशिप मीट 2024 के दौरान की। यह पहल भारत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो आर्थिक विकास और शासन में AI का उपयोग बढ़ाने पर केंद्रित है। इस डेटा बैंक का उद्देश्य शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और डेवलपर्स को उच्च गुणवत्ता वाले डेटा सेट्स तक पहुंच प्रदान करना है, ताकि स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष अनुसंधान और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में व्यापक AI समाधान विकसित किए जा सकें।

भारत के भविष्य के विकास के लिए रणनीतिक AI रोडमैप

  • AI अब भारत की दीर्घकालिक विकास रणनीति का एक मुख्य तत्व बनता जा रहा है।
  • सरकार ने शासन, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में AI को सक्रिय रूप से शामिल किया है।
  • मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने AI की क्षमता पर जोर दिया, जो जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक सेवा वितरण जैसे मुद्दों को हल करते हुए विकास को बढ़ावा दे सकता है।
  • यह पहल राष्ट्रीय कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति का विस्तार है, जो नवाचार, नैतिक शासन और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है।

राष्ट्रीय सुरक्षा में AI डेटा बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका

  • यह डेटा बैंक उपग्रह, ड्रोन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) डेटा के वास्तविक समय विश्लेषण के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
  • इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में पूर्वानुमानित विश्लेषण के लिए AI का उपयोग करना है।
  • विविध और उच्च गुणवत्ता वाले डेटा सेट्स तक पहुंच प्रदान करके, डेटा बैंक उन AI समाधानों के विकास को गति देगा जो भारत की सीमाओं और बुनियादी ढांचे की रक्षा में योगदान कर सकते हैं।

AI के जिम्मेदार और पारदर्शी उपयोग की प्रतिबद्धता

  • मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने AI तकनीक के जिम्मेदार उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना शामिल है।
  • उन्होंने डेटा गोपनीयता और एल्गोरिदमिक पक्षपात जैसे मुद्दों को हल करने के लिए मजबूत शासन ढांचे की आवश्यकता दोहराई।
  • उन्होंने कहा कि AI का उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाना और असमानताओं को कम करना है, न कि उनकी जगह लेना।
  • इस आयोजन ने 2047 तक वैश्विक AI विकास में भारत के नेतृत्व के दृष्टिकोण को सशक्त किया, जिसमें जिम्मेदार और समावेशी AI को बढ़ावा देना शामिल है।

वैश्विक सहयोग और नैतिक AI फ्रेमवर्क

  • इस आयोजन में वैश्विक सहयोग और नैतिक AI को अपनाने के महत्व पर जोर दिया गया।
  • डॉ. सिंह ने UN और G20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया, ताकि AI के लिए नियम-आधारित ढांचा तैयार करने में योगदान दिया जा सके।
  • यह पहल नैतिक शासन और नवाचार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है और भारत को वैश्विक AI पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करती है।

समाचार का सारांश

Why in News Details
भारत के पहले एआई डेटा बैंक का शुभारंभ (2024) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 7वें एसोचैम एआई लीडरशिप मीट 2024 में नवाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत का पहला एआई डेटा बैंक लॉन्च किया।
प्रमुख मंत्री शामिल जितेंद्र सिंह, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
आयोजन एसोचैम एआई लीडरशिप मीट 2024 का 7वां संस्करण
कार्यक्रम का विषय “भारत के लिए एआई: भारत के एआई विकास को आगे बढ़ाना – नवाचार, नैतिकता और शासन”
एआई डेटा बैंक का उद्देश्य शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और डेवलपर्स को स्केलेबल एआई समाधान बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले, विविध डेटासेट प्रदान करना।
एआई के प्रभाव क्षेत्र शासन, व्यवसाय, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण, राष्ट्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा
तकनीकी फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उपग्रह, ड्रोन और IoT डेटा का AI-संचालित वास्तविक समय विश्लेषण।
सरकार का फोकस पारदर्शी और निष्पक्ष शासन के साथ एआई प्रणालियों का विकास करना, एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह और डेटा गोपनीयता को संबोधित करना।
भारत की एआई रणनीति एआई के लिए भारत की राष्ट्रीय रणनीति नवाचार, नैतिक शासन और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है।
वैश्विक एआई भागीदारी भारत का लक्ष्य नियम-आधारित एआई ढांचे को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र और जी-20 जैसे वैश्विक मंचों में सक्रिय रूप से भाग लेना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा में एआई की भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा और आपदा प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए उपग्रह, ड्रोन और IoT क्षेत्रों में वास्तविक समय डेटा विश्लेषण के लिए AI का उपयोग किया जाता है।
एआई के लिए मंत्री का दृष्टिकोण वर्ष 2047 तक भारत का लक्ष्य एआई विकास के प्रति जिम्मेदार और समावेशी दृष्टिकोण के साथ वैश्विक एआई नेता बनना है।
एआई का मुख्य उद्देश्य एआई को विभाजन को पाटना होगा, नागरिकों को सशक्त बनाना होगा, तथा मानवीय नौकरियों को समाप्त किए बिना एआई के लाभों तक समान पहुंच सुनिश्चित करनी होगी।
डेटा उपयोग एआई डेटा बैंक साइबर सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण में सहायता करेगा।
नागरिकों के लिए एआई सशक्तिकरण सभी नागरिकों के लिए एआई प्रौद्योगिकी तक समान पहुंच सुनिश्चित करना, एल्गोरिदम संबंधी पूर्वाग्रह और डेटा गोपनीयता जैसी चुनौतियों का समाधान करना।
भारत सरकार की रणनीति स्वास्थ्य सेवा, कृषि और अंतरिक्ष अन्वेषण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एआई अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए शिक्षाविदों, निजी उद्यमों और स्टार्टअप्स के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना।

न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार ने मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला

20 नवंबर 2024 को, केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से एक अधिसूचना जारी कर मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार को मणिपुर उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया। यह निर्णय मणिपुर उच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की सेवानिवृत्ति के बाद लिया गया। यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के अनुसार की गई, जिसमें न्यायमूर्ति कृष्णकुमार की कानूनी विशेषज्ञता और ईमानदारी को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।

मुख्य बिंदु

नियुक्ति अधिसूचना

  • न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार को मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
  • यह नियुक्ति न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की 21 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्ति के बाद प्रभावी होगी।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की भूमिका

  • उनकी नियुक्ति की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 18 नवंबर 2024 को की गई थी।
  • कॉलेजियम, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कर रहे थे, ने उम्मीदवार की योग्यता, कानूनी विशेषज्ञता, ईमानदारी और मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की कम प्रतिनिधित्व की स्थिति पर विचार किया।

न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार का पेशेवर अनुभव

  • अपनी पदोन्नति से पहले, न्यायमूर्ति कृष्णकुमार मद्रास उच्च न्यायालय में एक प्रख्यात अधिवक्ता के रूप में कार्यरत थे।
  • वे मुख्य रूप से नागरिक, संवैधानिक और सेवा मामलों में विशेषज्ञ थे, विशेषकर संवैधानिक कानून में।
  • उनके कानूनी करियर को व्यापक अनुभव और ईमानदारी के लिए जाना जाता है।

कॉलेजियम का मूल्यांकन

  • कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति कृष्णकुमार की कुशलता, ईमानदारी और अनुभव की सराहना की।
  • उनकी नियुक्ति मद्रास उच्च न्यायालय के कानूनी विशेषज्ञता को मान्यता प्रदान करती है।

मणिपुर उच्च न्यायालय पर प्रभाव

  • न्यायमूर्ति कृष्णकुमार न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की सेवानिवृत्ति के बाद मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभालेंगे।
  • उनके नेतृत्व से मणिपुर उच्च न्यायालय को एक सशक्त न्यायिक दृष्टिकोण मिलने की उम्मीद है।
Summary/Static Details
चर्चा में क्यों? केंद्र ने न्यायमूर्ति डी कृष्णकुमार को मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की
नियुक्ति न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार को मणिपुर उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
प्रभावी तिथि 21 नवंबर 2024 को न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की सेवानिवृत्ति के बाद, उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के नेतृत्व में कॉलेजियम द्वारा 18 नवंबर, 2024 को अनुशंसित।
न्यायमूर्ति कृष्णकुमार की पृष्ठभूमि इससे पहले वे मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके हैं और उन्हें सिविल, संवैधानिक और सेवा मामलों में विशेषज्ञता हासिल है।

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