राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नई दिल्ली के झंडेवालान में अपने अत्याधुनिक मुख्यालय ‘केशव कुंज’ का आधिकारिक उद्घाटन किया। यह विशाल परिसर चार एकड़ में फैला हुआ है और पांच लाख वर्ग फीट क्षेत्र को कवर करता है, जिसे संघ की बढ़ती गतिविधियों के अनुरूप विकसित किया गया है।
इस मुख्यालय में तीन ऊंची इमारतें, ऑडिटोरियम, पुस्तकालय, अस्पताल, कैंटीन और हनुमान मंदिर शामिल हैं। आधुनिक और पर्यावरण-संवेदनशील डिजाइन के साथ निर्मित यह परिसर आकार में भाजपा मुख्यालय से भी बड़ा है। ₹150 करोड़ की लागत से निर्मित इस परियोजना को पूरी तरह से जनसहयोग से वित्तपोषित किया गया, जो RSS को मिले व्यापक समर्थन को दर्शाता है।
भव्य दृष्टिकोण: केशव कुंज की विशेषताएँ
1. तीन मुख्य टॉवर: साधना, प्रेरणा और अर्चना
केशव कुंज परिसर में तीन विशिष्ट टॉवर बनाए गए हैं, जो अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं:
- साधना टॉवर – संगठन के प्रशासनिक कार्यों के लिए समर्पित।
- प्रेरणा टॉवर – आरएसएस पदाधिकारियों के आवासीय उपयोग के लिए।
- अर्चना टॉवर – संघ कार्यकर्ताओं के रहने की सुविधा प्रदान करने वाला आवासीय परिसर।
प्रेरणा और अर्चना टॉवर के बीच एक विशाल हरा-भरा लॉन है, जहां आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार की प्रतिमा स्थापित की गई है। यह स्थान संघ की दैनिक शाखाओं और संगठात्मक कार्यक्रमों के लिए निर्धारित है।
2. अत्याधुनिक ऑडिटोरियम
नए मुख्यालय में तीन विशाल ऑडिटोरियम बनाए गए हैं, जिनकी कुल बैठक क्षमता 1,300 से अधिक है। इनमें से एक ऑडिटोरियम विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल के नाम पर रखा गया है, जिसमें स्टेडियम-शैली की सीटिंग और आरामदायक कुशन वाली कुर्सियाँ हैं।
ये ऑडिटोरियम संघ के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, प्रशिक्षण सत्रों और प्रमुख बैठकों के आयोजन के लिए उपयोग किए जाएंगे, जिससे आरएसएस की जनसंपर्क और कार्यक्षमता को और अधिक मजबूती मिलेगी।
3. सुविधाएँ: पुस्तकालय, अस्पताल और कैंटीन
- केशव पुस्तकालय (केशव पुस्तकालय) – 10वीं मंजिल पर स्थित यह पुस्तकालय आरएसएस और संबंधित विचारधाराओं पर शोध सामग्री का केंद्र है।
- पाँच-बेड वाला अस्पताल – आरएसएस कार्यकर्ताओं और आगंतुकों के लिए चिकित्सा सहायता प्रदान करने हेतु।
- मेस और कैंटीन – मुख्यालय में रहने और कार्य करने वाले पदाधिकारियों को दैनिक भोजन और नाश्ते की सुविधा।
4. पर्यावरण-संवेदनशील वास्तुकला
केशव कुंज को पर्यावरण के अनुकूल डिज़ाइन किया गया है। इमारत की खिड़कियाँ राजस्थान और गुजरात की पारंपरिक वास्तुकला से प्रेरित हैं, जो आधुनिक भवन को सांस्कृतिक स्पर्श प्रदान करती हैं।
इसके अलावा, 1,000 ग्रेनाइट फ्रेम का उपयोग किया गया है ताकि लकड़ी की आवश्यकता को कम किया जा सके, जिससे यह भवन और अधिक इको-फ्रेंडली बन सके।
परिसर में 135 कारों की पार्किंग क्षमता है, जिसे 270 वाहनों तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे आगंतुकों और अधिकारियों के लिए सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा।
निर्माण और वित्तपोषण: जनभागीदारी का अद्भुत उदाहरण
केशव कुंज परियोजना की सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि इसका निर्माण पूरी तरह से जनसहयोग से वित्तपोषित किया गया है। एक आरएसएस पदाधिकारी के अनुसार, 75,000 से अधिक लोगों ने इस भवन के निर्माण में आर्थिक योगदान दिया।
दान ₹5 से लेकर लाखों रुपये तक के रहे, जो संघ कार्यकर्ताओं और समर्थकों की व्यापक भागीदारी को दर्शाता है।
आरएसएस ने पिछले आठ वर्षों तक झंडेवालान के उदासीन आश्रम से अपने कार्यों का संचालन किया। सितंबर 2024 से कार्यकर्ताओं का केशव कुंज में क्रमिक स्थानांतरण शुरू हुआ, जो अब पूरा हो चुका है, हालांकि कुछ आंतरिक कार्य अभी जारी हैं।
केशव कुंज में आगामी कार्यक्रम
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 19 फरवरी 2025 को नए मुख्यालय में ‘कार्यकर्ता मिलन’ कार्यक्रम की मेजबानी करेंगे।
इसके अलावा, 21-23 मार्च 2025 को बेंगलुरु में आयोजित होने वाली ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक’ से पहले यह एक महत्वपूर्ण आयोजन होगा।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा आरएसएस की सर्वोच्च निर्णय-निर्माण इकाई है और यह वार्षिक बैठक संगठन की भविष्य की नीतियों और रणनीतियों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नई दिल्ली के झंडेवालान में अपने नए मुख्यालय ‘केशव कुंज’ का उद्घाटन किया। यह परिसर संघ की बढ़ती गतिविधियों का समर्थन करने के लिए बनाया गया है और पाँच लाख वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है। |
स्थान | झंडेवालान, नई दिल्ली |
कुल क्षेत्रफल | 5 लाख वर्ग फुट, 4 एकड़ में विस्तृत |
निर्माण लागत | ₹150 करोड़ (पूरी तरह से जनसहयोग द्वारा वित्तपोषित) |
मुख्य विशेषताएँ | – तीन टॉवर: साधना (कार्यालय), प्रेरणा (आवासीय), अर्चना (आवासीय) – ऑडिटोरियम: तीन, कुल क्षमता 1,300+ सीटें; एक अशोक सिंघल के नाम पर – पुस्तकालय: 10वीं मंजिल पर ‘केशव पुस्तकालय’ – अस्पताल: पाँच-बेड की चिकित्सा सुविधा – कैंटीन और मेस: पदाधिकारियों और आगंतुकों के लिए भोजन सुविधा – पार्किंग: 135 कारों की क्षमता, 270 तक विस्तारित की जा सकती है |
वास्तुकला की विशेषताएँ | – पारंपरिक राजस्थान और गुजरात से प्रेरित मुखौटे – 1,000 ग्रेनाइट फ्रेम का उपयोग, पर्यावरण अनुकूल निर्माण |
वित्तपोषण और योगदान | – 75,000 लोगों ने दान किया, ₹5 से लेकर लाखों रुपये तक के योगदान |
स्थानांतरण समयरेखा | – आरएसएस ने सितंबर 2024 में उदासीन आश्रम (पुराना मुख्यालय) से स्थानांतरण शुरू किया – अब पूरी तरह से केशव कुंज में स्थानांतरण पूरा, हालांकि कुछ आंतरिक कार्य जारी हैं |
आगामी कार्यक्रम | – 19 फरवरी 2025: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ‘कार्यकर्ता मिलन’ की मेजबानी करेंगे – 21-23 मार्च 2025: बेंगलुरु में ‘अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक’ |