भारतीय रिजर्व बैंक ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के जरिए संस्थाओं (गैर-व्यक्तियों) द्वारा किए जाने वाले 50 करोड़ रुपये अथवा उससे अधिक मूल्य के सभी भुगतान लेनदेन के लिए लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (LEI) की शुरुआत की है। रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) RBI द्वारा संचालित सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम हैं। यह निर्देश 01 अप्रैल, 2021 से लागू होगा।
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Legal Entity Identifier (LEI) के बारे में:
- लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (LEI) एक 20-अंकीय संख्या है जिसका उपयोग दुनिया भर में वित्तीय लेनदेन के लिए विशिष्ट रूप से पार्टियों की पहचान करने के लिए किया जाता है।
- रिज़र्व बैंक ने बड़े पैमाने पर कर्ज लेने वालों और नॉन-डेरीवेटिव मार्केट्स के साथ-साथ बड़े कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के लिए भी LEI को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया है।
- LEI, को लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर इंडिया लिमिटेड (LEIL) से प्राप्त किया जा सकेगा, जो कि Clearing Corporation of India Ltd (CCIL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.