IMF प्रमुख ने डैनियल कैट्ज़ को दूसरे सर्वोच्च पद पर प्रस्तावित किया

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में नेतृत्व परिवर्तन की बड़ी तैयारी चल रही है। प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अमेरिकी ट्रेज़री के वरिष्ठ अधिकारी डैनियल कैट्ज़ को IMF के प्रथम उप प्रबंध निदेशक (First Deputy Managing Director – FDMD) यानी दूसरे सर्वोच्च पद पर नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। यदि IMF कार्यकारी बोर्ड इसे मंज़ूरी देता है तो यह नियुक्ति 6 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगी।

डैनियल कैट्ज़ कौन हैं?

  • जन्म: दिसंबर 1987

  • वर्तमान पद: अमेरिकी ट्रेज़री सचिव स्कॉट बेसेंट के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़

  • अनुभव: आर्थिक नीति में एक दशक से अधिक, घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय मामलों पर प्रमुख सलाहकार

उनका योगदान –

  • अमेरिका–चीन व्यापार और आर्थिक नीति

  • वित्तीय स्थिरता व उधारी ढाँचे

  • महामारी के बाद वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार में सहयोग

  • IMF और विश्व बैंक जैसी बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ समन्वय

कैट्ज़ को अंतर्राष्ट्रीय वित्त की गहरी समझ और कूटनीतिक दक्षता के लिए अमेरिकी नीति जगत में व्यापक रूप से पहचाना जाता है।

IMF में नेतृत्व परिवर्तन

  • मौजूदा FDMD गीता गोपीनाथ ने अगस्त 2025 में पद छोड़ा और अब वे अकादमिक क्षेत्र में लौट रही हैं।

  • परंपरा के अनुसार, IMF के सबसे बड़े हिस्सेदार अमेरिका द्वारा FDMD पद के लिए उम्मीदवार सुझाया जाता है।

  • कैट्ज़ की नामांकन से संकेत मिलता है कि IMF अब अपने मुख्य मैक़्रो-आर्थिक जनादेश, संकट ऋण कार्यक्रमों और वैश्विक वित्तीय जोखिमों की निगरानी पर ज़ोर दे सकता है।

स्थायी तथ्य

  • नाम: डैनियल कैट्ज़

  • प्रस्तावित पद: प्रथम उप प्रबंध निदेशक (FDMD), IMF

  • प्रस्तावक: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (IMF प्रबंध निदेशक)

  • नियुक्ति प्रभावी: 6 अक्टूबर 2025 (बोर्ड अनुमोदन के बाद)

  • पूर्ववर्ती: गीता गोपीनाथ

  • वर्तमान भूमिका: अमेरिकी ट्रेज़री सचिव स्कॉट बेसेंट के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़

अंतर्राष्ट्रीय लाल पांडा दिवस 2025

अपनी तांबे जैसी चमकदार खाल, धारीदार पूंछ और शर्मीले स्वभाव के साथ रेड पांडा हिमालय का सबसे आकर्षक जीवों में से एक है। लेकिन इसकी खूबसूरती एक गंभीर सच्चाई को छुपाती है — आज जंगलों में 10,000 से भी कम रेड पांडा बचे हैं। इन्हें बचाने और दुनिया का ध्यान इस संकटग्रस्त प्रजाति की ओर खींचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय रेड पांडा दिवस 2025 का आयोजन शनिवार, 20 सितंबर 2025 (हर साल सितंबर के तीसरे शनिवार) को किया जा रहा है। यह अभियान 2010 में रेड पांडा नेटवर्क द्वारा शुरू किया गया था और आज यह वैश्विक स्तर पर एक बड़ा संरक्षण आंदोलन बन चुका है।

एक अद्वितीय प्रजाति

  • मूल रूप से पूर्वी हिमालय की निवासी यह प्रजाति नेपाल, भारत, भूटान, म्यांमार और चीन में पाई जाती है।

  • आकार में बिल्ली जितनी बड़ी, लेकिन झबरीली धारीदार पूंछ और लाल-भूरी चमकदार फर इन्हें लोमड़ी जैसा रूप देती है।

  • ये प्रायः निशाचर और एकांतप्रिय जीव हैं, जिनका मुख्य भोजन बाँस है, हालांकि ये फल, अंडे और कीट भी खाते हैं।

असली “फायरफॉक्स” और “पांडा” का पहला नाम

  • रेड पांडा का वैज्ञानिक वर्णन सबसे पहले 1825 में हुआ था, यानी विशाल पांडा से भी पहले।

  • यह अपनी अलग एइलुरिडे (Ailuridae) परिवार से संबंधित है और आनुवंशिक रूप से रैकून और नेवले के ज्यादा करीब है, भालुओं से नहीं।

  • चीन में इन्हें “फायरफॉक्स” कहा जाता है और यही नाम मोज़िला फायरफॉक्स ब्राउज़र को भी प्रेरित करता है।

खतरे और चुनौतियाँ

पिछले 20 वर्षों में रेड पांडा की आबादी आधी हो चुकी है। मौजूदा अनुमान केवल 2,500 से 10,000 जीवों का है। इनके सामने प्रमुख खतरे हैं:

  • वनों की कटाई और आवास का विखंडन

  • फर और पारंपरिक दवाओं के लिए अवैध शिकार

  • अवैध पालतू व्यापार

  • धीमी प्रजनन दर (कम संतान, जन्म के बीच लंबा अंतराल)

जागरूकता और संरक्षण का असर

रेड पांडा नेटवर्क की उपलब्धियाँ:

  • 100 से अधिक फ़ॉरेस्ट गार्जियंस सक्रिय गश्त कर रहे हैं।

  • 2025 तक 1.5 लाख से अधिक स्थानीय पेड़ और बाँस लगाए गए।

  • 2024 में नेपाल में पुवामाझुवा सामुदायिक रेड पांडा संरक्षण क्षेत्र (116 हेक्टेयर) की स्थापना।

  • जलस्रोत निर्माण, अवैध शिकार रोकथाम और विद्यालय-आधारित शिक्षा कार्यक्रम।

शिक्षा और वैश्विक भागीदारी

रेड पांडा दिवस का एक मुख्य उद्देश्य शिक्षा है:

  • इंटरनेशनल रेड पांडा डे एक्टिविटी बुक (खेल, पहेलियाँ, रंग भरने के पृष्ठ)

  • स्कूल पाठ योजनाएँ (Twinkl, Lesson Planet आदि पर उपलब्ध)

  • चिड़ियाघरों और ऑनलाइन आयोजनों में संरक्षण आधारित गतिविधियाँ

स्थिर तथ्य

  • प्रजाति: रेड पांडा (Ailurus fulgens)

  • स्थिति: संकटग्रस्त (2,500–10,000 जीव)

  • आवास: हिमालय — नेपाल, भारत, भूटान, चीन, म्यांमार

  • आहार: मुख्यतः बाँस

  • दिवस: अंतर्राष्ट्रीय रेड पांडा दिवस — 20 सितंबर 2025 (सितंबर का तीसरा शनिवार)

जापान ने जताया भारत पर भरोसा, अपग्रेड की सॉवरेन रेटिंग

भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूती देते हुए जापान की रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन, इंक. (R&I) ने देश की फॉरेन करेंसी इश्यूअर रेटिंग को BBB से बढ़ाकर BBB+ कर दिया है और आउटलुक को स्थिर (Stable) रखा है। यह कदम भारत की मजबूत घरेलू मांग, संतुलित वित्तीय प्रबंधन और बेहतर बाहरी स्थिरता पर भरोसे को दर्शाता है।

पाँच महीनों में तीसरी अपग्रेड

2025 में भारत को यह तीसरा सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड मिला है –

  • मई 2025: मॉर्निंगस्टार DBRS ने BBB (लो) से BBB किया

  • अगस्त 2025: S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने BBB- से BBB किया

  • सितंबर 2025: R&I ने BBB से BBB+ किया

ये अपग्रेड भारत की पहचान को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती, लचीली और निवेश योग्य अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में और मज़बूत करते हैं।

सुधार की गति और भविष्य की दिशा

R&I ने भारत के संरचनात्मक सुधारों और दूरदर्शी नीतियों को भी सराहा है –

  • टू-टियर जीएसटी संरचना (सितंबर 2025 से लागू) – उपभोग को बढ़ाने के उद्देश्य से, भले ही इससे अल्पकालिक राजस्व घटे।

  • सरकार का फोकस –

    • वैश्विक विनिर्माताओं को आकर्षित करना

    • अधोसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) का विस्तार

    • कारोबारी माहौल में सुधार

हालाँकि, R&I ने यह भी कहा है कि भारत को गरीबी, बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटना होगा और वित्तीय अनुशासन (Fiscal Consolidation) बनाए रखना होगा ताकि 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पूरा किया जा सके।

स्थिर तथ्य

  • एजेंसी: रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन, इंक. (जापान)

  • अपग्रेड: BBB → BBB+ (स्थिर आउटलुक)

  • सेक्टर: सॉवरेन फॉरेन करेंसी इश्यूअर रेटिंग

  • शॉर्ट-टर्म रेटिंग: a-2 पर बरकरार

  • हालिया जीडीपी आँकड़े:

    • FY24: 6.5%

    • Q1 FY25: 7.8%

    • FY25 अनुमान: 6.5%

  • वित्तीय घाटा लक्ष्य (FY25): 4.4%

अरशदीप सिंह बने टी20 अंतरराष्ट्रीय में 100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय

अरशदीप सिंह ने इतिहास रचते हुए अपना नाम रिकॉर्ड पुस्तकों में दर्ज कर लिया है। वे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। यह उपलब्धि उन्होंने 2025 एशिया कप में ओमान के खिलाफ भारत के अंतिम ग्रुप मैच के दौरान हासिल की, जब उन्होंने विनायक शुक्ला को आउट कर अपना 100वां विकेट लिया। उन्होंने यह मुकाम सिर्फ 64 मैचों में हासिल किया, जिससे वे वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ गेंदबाजों में शुमार हो गए हैं।

तेज़ गेंदबाजों में सबसे तेज़ 100 विकेट

  • डेब्यू: जुलाई 2022 बनाम इंग्लैंड

  • समय: 3 साल, 74 दिन

  • मैच: 64

  • गेंदें: 1,329

  • वैश्विक रैंक: तेज़ गेंदबाजों में सबसे तेज़ (मैच और गेंदों के आधार पर)

  • कुल रैंक: चौथे सबसे तेज़ (राशिद खान, संदीप लामिछाने और वानिंदु हसरंगा के बाद)

अरशदीप का करियर झलक

पावरप्ले में दबदबा

  • विकेट: 43

  • औसत: 20.06

  • इकॉनमी: 7.50

  • डेब्यू के बाद से सबसे ज्यादा पावरप्ले विकेट

डेथ ओवर स्पेशलिस्ट

  • विकेट: 48 (आखिरी चार ओवरों में)

  • डेब्यू के बाद से किसी भी गेंदबाज से ज्यादा

  • हरीस रऊफ और एहसान खान को पीछे छोड़ा

भारत में टी20आई आँकड़े

  • विकेट: 28

  • औसत: 21.00 (भारत में किसी भी भारतीय तेज़ गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ)

  • केवल 6 तेज़ गेंदबाजों के नाम भारत में 20+ विकेट

मुख्य तथ्य

  • नाम: अरशदीप सिंह

  • डेब्यू: जुलाई 2022 (इंग्लैंड के खिलाफ)

  • 100वां विकेट: विनायक शुक्ला (ओमान, एशिया कप 2025)

  • कुल मैच (100 विकेट तक): 64

  • करियर औसत: 18.37

व्योममित्र: गगनयान हेतु इसरो का एआई अर्ध-मानवाकृति रोबोट

भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान अंतरिक्ष मिशन में एक बड़ा मील का पत्थर जुड़ने वाला है। दिसंबर 2025 में प्रस्तावित बिना-मानव परीक्षण उड़ान में इसरो का एआई-संचालित अर्ध-मानवाकृति रोबोट “व्योममित्र” तैनात किया जाएगा। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन के अनुसार, यह रोबोट उड़ान के दौरान मानव जैसी गतिविधियों का अनुकरण करेगा, जिससे वैज्ञानिकों को क्रू मॉड्यूल के अंदर की परिस्थितियों का आकलन करने में मदद मिलेगी। यह कदम भारत की रोबोटिक्स, अंतरिक्ष-चिकित्सा, एआई एकीकरण और मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं को दर्शाता है।

व्योममित्र क्या है?

व्योममित्र (संस्कृत: व्योम = आकाश, मित्र = मित्र) इसरो द्वारा विकसित एक महिला-सदृश अर्ध-मानवाकृति रोबोट है, जिसे मानव अंतरिक्ष यात्री के समान कार्यों को करने के लिए बनाया गया है।

मुख्य विशेषताएँ

  • एआई-सक्षम: बोलने, पर्यावरण की निगरानी, सिस्टम नियंत्रण और मानव संवाद करने में सक्षम।

  • अर्ध-मानवाकृति: केवल ऊपरी शरीर वाला, जो अंतरिक्ष मिशनों से जुड़े प्रमुख कार्यों का अनुकरण करता है।

  • संवेदी क्षमताएँ: तापमान, दबाव, आर्द्रता और CO₂ स्तर जैसी स्थितियों की निगरानी।

  • कमांड निष्पादन: स्विच पैनल संचालित करने और ग्राउंड कंट्रोल से संवाद करने में सक्षम।

गगनयान मिशन: संदर्भ और लक्ष्य

इसरो द्वारा संचालित और भारतीय वायुसेना, DRDO तथा नौसेना के सहयोग से चल रहा गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत:

  • भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों (व्योमनॉट्स) को 400 किमी की निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में भेजना।

  • 3 दिन तक अंतरिक्ष प्रवास

  • सुरक्षित पुनःप्रवेश और भारतीय जलक्षेत्र में लैंडिंग सुनिश्चित करना।

व्योममित्र के साथ आगामी बिना-मानव मिशन का महत्व

  • जीवन-समर्थन प्रणालियों का परीक्षण।

  • पुनःप्रवेश तंत्र की पुष्टि।

  • सुरक्षा प्रोटोकॉल और ऑनबोर्ड परिस्थितियों का आकलन।

इसरो अध्यक्ष से प्रमुख अपडेट

  • लॉन्च समयसीमा: दिसंबर 2025 के अंत में बिना-मानव मिशन।

  • मिशन प्रणालियाँ:

    • पर्यावरण नियंत्रण जाँच – दबाव, आर्द्रता और CO₂ स्तर।

    • आपातकालीन निकासी प्रणाली (एस्केप सिस्टम)।

    • सुरक्षित समुद्री लैंडिंग के लिए 9 पैराशूट का उपयोग।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • रोबोट का नाम: व्योममित्र

  • प्रकार: एआई-सक्षम अर्ध-मानवाकृति

  • मिशन: गगनयान (बिना-मानव परीक्षण उड़ान)

  • लॉन्च समयसीमा: दिसंबर 2025

  • कक्षा: 400 किमी LEO

  • मिशन अवधि: 3 दिन (मानव मिशन हेतु योजनाबद्ध)

यात्री सेवा दिवस 2025: भारत के हवाईअड्डों पर यात्रियों को सर्वोपरि स्थान

नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया यात्री सेवा दिवस 2025 भारत के हवाईअड्डों पर सेवाओं के दृष्टिकोण में बड़ा बदलाव लाता है। अब हवाईअड्डों को केवल ढाँचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) के रूप में नहीं, बल्कि यात्रियों की गरिमा, सुविधा और कल्याण पर आधारित अनुभव के रूप में देखा जाएगा। इस पहल का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने हिंडन हवाईअड्डे से किया। इसका उद्देश्य है कि यात्रियों को प्राथमिकता देने वाली सेवाएँ अपवाद नहीं, बल्कि सामान्य नियम बनें। यह अभियान भारत के उड्डयन क्षेत्र में व्यापक बदलाव का हिस्सा है, जहाँ ध्यान अब केवल रनवे की लंबाई और उड़ानों की संख्या पर नहीं, बल्कि यात्रियों के अनुभव, समावेशिता और सेवा-समानता पर भी है। यह पहल उड़ान (UDAN) जैसी योजनाओं के आधार पर बनी है, लेकिन हवाईअड्डों पर यात्रियों की सुविधाओं और सेवा-गुणवत्ता में बनी खामियों को दूर करने पर केंद्रित है।

मुख्य विशेषताएँ – यात्री सेवा दिवस 2025

  • हिंडन हवाईअड्डे से शुभारंभ

    • मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसेवा-आधारित शासन दृष्टि को दर्शाता है।

    • इसे विकास के उत्सव और यात्रा की गरिमा के प्रति प्रतिबद्धता के रूप में देखा गया।

  • कार्यक्रम और गतिविधियाँ

    • महिलाओं के लिए स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत निःशुल्क स्वास्थ्य जांच।

    • सांस्कृतिक कार्यक्रम, जागरूकता अभियान, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और वृक्षारोपण।

    • टैक्सी चालकों, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष पहल।

  • डिजिटल पहल

    • डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत सभी हवाईअड्डों पर वाई-फाई की सुविधा।

    • सेवाओं का मानकीकरण सुनिश्चित करना अभियान का प्रमुख लक्ष्य।

यह पहल क्यों महत्त्वपूर्ण है?
यात्रियों की संख्या और हवाईअड्डों के ढाँचे में उड़ान योजना के तहत वृद्धि हुई है, लेकिन छोटे हवाईअड्डों पर यात्रियों को अभी भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है—

  • स्वास्थ्य सेवाओं की कमी।

  • साफ-सफाई और स्वच्छता में असमानता।

  • डिजिटल सेवाओं और इंटरनेट की अनुपलब्धता।

  • महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए अपर्याप्त सुविधाएँ।

यात्री सेवा दिवस इन खामियों को दूर करने और यात्रियों को एक समान, गरिमापूर्ण और प्राथमिकता-आधारित सेवाएँ उपलब्ध कराने का संकल्प है।

मुख्य तथ्य:

  • पहल का नाम: यात्री सेवा दिवस 2025

  • शुरू किया: नागरिक उड्डयन मंत्रालय

  • शुभारंभ स्थल: हिंडन हवाईअड्डा

भारत और एफएओ ने स्मार्ट मत्स्य पालन के लिए ब्लू पोर्ट्स की शुरुआत की

भारत ने अपनी मत्स्यपालन अवसंरचना को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के साथ टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोग्राम (TCP) के तहत रणनीतिक साझेदारी की है। 18 सितंबर 2025 को मत्स्य विभाग (DoF) ने इस पहल के तहत पहला वेबिनार आयोजित किया, जिसका उद्देश्य स्मार्ट तकनीकों और सतत प्रथाओं से युक्त विश्वस्तरीय ब्लू पोर्ट्स का विकास करना है।

₹369.80 करोड़ के निवेश से गुजरात, दमन एवं दीव तथा पुडुचेरी में तीन स्मार्ट और एकीकृत मत्स्य बंदरगाहों का निर्माण किया जा रहा है। यह पहल सरकार की खाद्य सुरक्षा, आर्थिक समावेशन और जलवायु-संवेदनशील अवसंरचना को बढ़ावा देने की बड़ी दृष्टि से जुड़ी हुई है।

ब्लू पोर्ट्स क्या हैं?

ब्लू पोर्ट्स ढाँचा स्मार्ट, पर्यावरण-अनुकूल और समावेशी मत्स्य बंदरगाहों को बढ़ावा देता है। इनका उद्देश्य है—

  • फसलोपरांत अवसंरचना को सशक्त करना।

  • तकनीक-आधारित पोर्ट संचालन को एकीकृत करना।

  • सामाजिक समावेशन और जलवायु-लचीली प्रथाओं को प्रोत्साहित करना।

  • ट्रेसबिलिटी और ऊर्जा-कुशल संचालन को सक्षम बनाना।

यह परंपरागत मत्स्य बंदरगाहों को स्मार्ट अवसंरचना हब में बदलने की अवधारणा है, जिससे भारत की ब्लू इकॉनमी (Blue Economy)—समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग पर आधारित आर्थिक मॉडल—की आकांक्षाओं को गति मिलेगी।

प्रमुख योजनाओं की भूमिका

इन बंदरगाहों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और मत्स्य व जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF) से समर्थन प्राप्त है, जिनका उद्देश्य मत्स्य क्षेत्र को सशक्त करना और निर्यात बढ़ाना है।

₹369.80 करोड़ का निवेश: स्मार्ट हार्बर

ब्लू पोर्ट्स पहल के तहत तीन पायलट हार्बर विकसित किए जा रहे हैं—

  • वनकबरा (दीव)

  • जखाऊ (गुजरात)

  • कराईकल (पुडुचेरी)

FAO का टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोग्राम (TCP)

FAO–भारत समझौते के तहत उद्देश्य हैं—

  • भारतीय मत्स्य बंदरगाहों की तकनीकी क्षमताओं का निर्माण

  • निवेश परियोजनाओं की पहचान के लिए रणनीतिक उपकरण उपलब्ध कराना।

  • जलवायु अनुकूलन, पर्यावरणीय दक्षता और सामाजिक समावेशन में सहायता।

इस कार्यक्रम के तहत वनकबरा और जखाऊ को पायलट साइट के रूप में विशेष समर्थन दिया जा रहा है, जिसमें सरकारी और निजी हितधारकों के लिए विस्तृत क्षमता निर्माण घटक शामिल है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • समझौता: भारत के मत्स्य विभाग और FAO के बीच (TCP)।

  • निवेश: ₹369.80 करोड़ (3 स्मार्ट हार्बर)।

  • पायलट हार्बर: वनकबरा (दीव), जखाऊ (गुजरात), कराईकल (पुडुचेरी)।

  • तकनीक एकीकरण: AI, 5G, IoT, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म।

  • सहयोगी योजनाएँ: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), FIDF।

ऑस्ट्रेलिया ने 2035 तक उत्सर्जन लक्ष्य बढ़ाकर 62% किया

ऑस्ट्रेलिया ने अपनी राष्ट्रीय उत्सर्जन कटौती लक्ष्य में बड़ा बदलाव करते हुए अब 2005 के स्तर की तुलना में 2035 तक 62% उत्सर्जन कम करने का ऐलान किया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने की। यह पहले के 2030 तक 43% कटौती लक्ष्य से काफी अधिक है। यह निर्णय पेरिस जलवायु समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया की जिम्मेदारियों के अनुरूप है और बढ़ती जलवायु आपदाओं—जैसे भीषण आग, सूखा और समुद्री तटों पर बाढ़—की आशंका को देखते हुए उठाया गया है।

पृष्ठभूमि: ऑस्ट्रेलिया की जलवायु प्रतिबद्धताएँ

  • पुराना लक्ष्य (2030): 2005 के स्तर से 43% उत्सर्जन में कटौती।

  • पेरिस समझौता: एक हस्ताक्षरकर्ता के रूप में ऑस्ट्रेलिया को अपने राष्ट्रीय रूप से निर्धारित योगदान (NDCs) पेश करने और समय-समय पर महत्वाकांक्षा बढ़ाने की बाध्यता है।

नया 2035 लक्ष्य

  • लक्ष्य: 62% उत्सर्जन में कटौती।

  • आधार वर्ष: 2005।

  • घोषणा: प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ द्वारा।

  • सिफारिश: क्लाइमेट चेंज अथॉरिटी ने 62–70% की कमी का सुझाव दिया था।

यह बदलाव क्यों अहम है

  • वैश्विक दबाव और घरेलू हकीकतें:

    • ऑस्ट्रेलिया लंबे समय से प्रति व्यक्ति उच्चतम कार्बन उत्सर्जकों में से एक रहा है।

    • कोयला और जीवाश्म ईंधनों पर इसकी निर्भरता वैश्विक लक्ष्यों के विपरीत रही है।

    • नया लक्ष्य डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में गंभीर प्रतिबद्धता का संकेत है।

  • जलवायु जोखिम मूल्यांकन:
    सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट में भविष्य की चेतावनी दी गई है कि ऑस्ट्रेलिया को सामना करना पड़ेगा—

    • अधिक बार और भीषण जंगल की आग।

    • लम्बे समय तक चलने वाले सूखे।

    • समुद्र स्तर में वृद्धि और तटीय क्षेत्रों में बाढ़।

    • कृषि, जैव विविधता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव।

स्थिर तथ्य (परीक्षा हेतु)

  • नया लक्ष्य: 2035 तक 62% उत्सर्जन में कटौती।

  • आधार वर्ष: 2005।

  • पुराना लक्ष्य: 2030 तक 43%।

  • घोषक: प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़।

  • सिफारिश: क्लाइमेट चेंज अथॉरिटी।

  • वैश्विक ढाँचा: पेरिस जलवायु समझौता।

ईपीएफओ ने लॉन्च किया ‘पासबुक लाइट’: तेज़ दावे, रीयल-टाइम ट्रैकिंग

कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) सदस्यों के जीवन को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण डिजिटल पहल करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्य पोर्टल पर ‘पासबुक लाइट’ नामक नई सुविधा शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य EPF खाते के प्रबंधन को और अधिक आसान, तेज़ और पारदर्शी बनाना है। इसे केंद्रीय मंत्री मंसुख मांडविया ने घोषित किया। यह कदम उन व्यापक सुधारों का हिस्सा है जिनका लक्ष्य दावों की प्रोसेसिंग अवधि कम करना, जवाबदेही बढ़ाना और सदस्यों की संतुष्टि में वृद्धि करना है। यह पहल न केवल उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाती है, बल्कि वेतनभोगी वर्ग के लिए डिजिटल गवर्नेंस और स्व-सेवा प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने की सरकार की दृष्टि के अनुरूप भी है।

EPFO की ‘पासबुक लाइट’ क्या है?

‘पासबुक लाइट’ पारंपरिक EPF पासबुक का एक सरल संस्करण है, जिसे EPFO सदस्य पोर्टल पर सीधे देखा जा सकता है और इसके लिए अलग से लॉगिन की आवश्यकता नहीं होती।

मुख्य विशेषताएँ

  • स्नैपशॉट व्यू: कुल योगदान, निकासी और मौजूदा बैलेंस का एकीकृत दृश्य।

  • कोई अतिरिक्त लॉगिन नहीं: अलग पोर्टल में लॉगिन की ज़रूरत नहीं।

  • रियल-टाइम एक्सेस: पारदर्शिता और वित्तीय डेटा तक त्वरित पहुँच।

अन्य प्रमुख बदलाव

  1. एनेक्सचर K डाउनलोड अब संभव

  • पहले यह दस्तावेज़ केवल EPFO कार्यालयों के बीच साझा होता था और सदस्यों को इसे पाने के लिए विशेष अनुरोध करना पड़ता था।

  • अब सदस्य सीधे पोर्टल से एनेक्सचर K (PDF) डाउनलोड कर सकते हैं।

  • यह पुराने योगदान का प्रमाण देता है और पीएफ ट्रांसफर की स्थिति सत्यापित करने में मदद करता है।

  1. पीएफ ट्रांसफर की ऑनलाइन ट्रैकिंग

  • ट्रांसफर आवेदन की स्थिति ट्रैक करना।

  • नई खाते में सेवा अवधि और पीएफ बैलेंस अपडेट की जाँच करना।

  • भविष्य के लिए स्थायी डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना।

सदस्यों को लाभ

  • तेज़ दावे और ट्रांसफर।

  • हर चरण पर पारदर्शिता।

  • आवश्यक दस्तावेज़ों तक आसान पहुँच।

  • उपयोगकर्ता संतुष्टि और विश्वास में वृद्धि।

  • सेवानिवृत्ति और पेंशन योजना के लिए भरोसेमंद डिजिटल रिकॉर्ड।

स्थिर तथ्य (परीक्षा के लिए)

  • लॉन्च वर्ष: 2025

  • लॉन्च किया: EPFO, केंद्रीय मंत्री मंसुख मांडविया द्वारा

  • प्लेटफ़ॉर्म: EPFO सदस्य पोर्टल

  • नई सुविधाएँ: पासबुक लाइट, एनेक्सचर K डाउनलोड, सरल अनुमोदन

  • लाभ: तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग, पारदर्शिता, शिकायतों में कमी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ‘अंबू करंगल योजना’ शुरू की

माता-पिता की देखभाल से वंचित बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक संवेदनशील कदम उठाते हुए, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 16 सितंबर, 2025 को ‘अंबु करंगल’ (प्यार के हाथ) योजना शुरू की। इस कल्याणकारी पहल के तहत अनाथ बच्चों को ₹2,000 की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि माता-पिता के मार्गदर्शन के अभाव में उनकी शिक्षा और बुनियादी ज़रूरतें प्रभावित न हों। यह योजना डीएमके सरकार के व्यापक सामाजिक सुरक्षा ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे राज्य भर के हज़ारों बच्चों पर सीधा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। यह समावेशी और बाल-केंद्रित शासन पर तमिलनाडु के बढ़ते ज़ोर को दर्शाता है।

योजना विवरण: ‘अंबू करंगल’ क्या है?

‘अंबू करंगल’ योजना का उद्देश्य निम्नलिखित को लाभ पहुँचाना है:

  • जिन बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है।
  • जिन बच्चों के केवल एक ही जीवित माता-पिता हैं और जो देखभाल करने में असमर्थ हैं।

प्रमुख विशेषताएँ

  • प्रत्येक पात्र बच्चे को ₹2,000 मासिक सहायता मिलेगी।

  • सहायता तब तक जारी रहेगी जब तक बच्चा स्कूल शिक्षा पूरी न कर ले या 18 वर्ष का न हो जाए, जो भी पहले हो।

  • पहले चरण में 6,082 बच्चों को लाभ मिलेगा।

  • आर्थिक सहायता सीधे लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित होगी।

  • यह योजना किशोर न्याय (बालकों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 पर आधारित है, जो राज्य सरकारों को अनाथ, परित्यक्त या देखभाल की आवश्यकता वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश देता है।

विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त सहायता

उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने:

  • 1,340 विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए, जिन्होंने दोनों माता-पिता खो दिए हैं, कक्षा 12 उत्तीर्ण की है और कॉलेज में प्रवेश लिया है।

  • इसका उद्देश्य डिजिटल युग में ऐसे छात्रों को पीछे न छूटने देना और उन्हें शैक्षणिक सफलता की राह पर आगे बढ़ाना है।

डिजिटल शासन: निगरानी हेतु मोबाइल ऐप

पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए, तमिलनाडु सरकार ने तमिलनाडु ई-गवर्नेंस एजेंसी के सहयोग से एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च किया है।

एप की विशेषताएँ

  • ऑनलाइन आवेदन जमा करना।

  • शिकायत निवारण तंत्र।

  • रियल-टाइम मॉनिटरिंग और लाभार्थियों की ट्रैकिंग।

यह डिजिटल साधन सेवा वितरण को सरल बनाएगा और विशेषकर ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नौकरशाही की देरी को कम करेगा।

स्थिर तथ्य (Static Facts)

  • योजना का नाम: अंबू करंगल (प्यार के हाथ)

  • शुभारंभ: मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन

  • मासिक सहायता: ₹2,000

  • लाभार्थी: अनाथ बच्चे या ऐसे बच्चे जिनके एकमात्र अभिभावक देखभाल करने में अक्षम हैं

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