SEBI की कुल आय 2023-24 में 48 प्रतिशत बढ़कर 2,075 करोड़ रुपये

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 में अपनी कुल आय में 48% की वृद्धि दर्ज की, जो बढ़कर ₹2,075 करोड़ हो गई। यह वृद्धि मुख्य रूप से शुल्क और सदस्यता शुल्क से हुई आय में बढ़ोतरी के कारण हुई। स्टॉक एक्सचेंजों, बाजार सहभागियों और कंपनियों से अधिक योगदान के चलते शुल्क आय में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, SEBI की निवेश आय और अन्य आय में भी वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, राजस्व में बढ़ोतरी के साथ-साथ SEBI का कुल व्यय भी बढ़कर ₹1,006 करोड़ हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • SEBI की कुल आय वित्त वर्ष 2023-24 में 48% बढ़कर ₹2,075 करोड़ हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में ₹1,404.36 करोड़ थी।
  • मुख्य आय स्रोत: शुल्क और सदस्यता शुल्क, निवेश आय और अन्य आय।
  • शुल्क आय: वित्त वर्ष 2022-23 के ₹1,213.22 करोड़ से बढ़कर ₹1,851.5 करोड़ हो गई।
  • निवेश आय: वित्त वर्ष 2022-23 के ₹161.42 करोड़ से बढ़कर ₹192.41 करोड़ हो गई।
  • अन्य आय: वित्त वर्ष 2022-23 के ₹15 करोड़ से बढ़कर ₹18 करोड़ हो गई।

व्यय में वृद्धि

  • कुल व्यय: ₹1,006 करोड़, जो पिछले वर्ष ₹851.33 करोड़ था।
  • संस्थानिक व्यय: ₹576 करोड़ से बढ़कर ₹696.43 करोड़ हो गया।
  • प्रशासनिक व्यय: ₹172.42 करोड़ से बढ़कर ₹218 करोड़ हो गया।

निधियों की स्थिति

  • सामान्य कोष: ₹5,573 करोड़, जिसमें ₹1,065 करोड़ अधिशेष आय के रूप में शामिल हैं।
  • निवेशक संरक्षण एवं शिक्षा कोष (IPEF): ₹533.17 करोड़, जिसमें ₹27.66 करोड़ निवेश से प्राप्त हुए।
  • डिस्गॉर्जमेंट फंड: वित्त वर्ष 2023-24 में ₹7.38 करोड़

कुल निवेश

  • ₹1,255.31 करोड़ बांड और सरकारी प्रतिभूतियों में।
  • ₹1,235.92 करोड़ अनुसूचित बैंकों में जमा के रूप में।
  • ₹30 करोड़ नेशनल सेंटर फॉर फाइनेंशियल एजुकेशन (NCFE) के लिए।
  • ₹482 करोड़ बैंक जमा में निवेशित।

SEBI की यह आय और निवेश वृद्धि देश के पूंजी बाजार के बढ़ते दायरे और निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? SEBI की कुल आय 2023-24 में 48% बढ़कर ₹2,075 करोड़ हो गई।
कुल आय ₹2,075 करोड़
शुल्क आय ₹1,851.5 करोड़
निवेश आय ₹192.41 करोड़
अन्य आय ₹18 करोड़
कुल व्यय ₹1,006 करोड़
संस्थानिक व्यय ₹696.43 करोड़
प्रशासनिक व्यय ₹218 करोड़
सामान्य कोष (अंतिम शेष) ₹5,573 करोड़
निवेशक संरक्षण एवं शिक्षा कोष (IPEF) ₹533.17 करोड़
डिस्गॉर्जमेंट फंड ₹7.38 करोड़
बांड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश ₹1,255.31 करोड़
बैंक जमा (अनुसूचित बैंक) ₹1,235.92 करोड़

अंजू राठी राणा पहली महिला विधि सचिव नियुक्त

भारत ने अपनी कानूनी और प्रशासनिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि अंजू राठी राणा को देश की पहली महिला विधि सचिव नियुक्त किया गया है। भारतीय विधि सेवा (ILS) की एक प्रतिष्ठित अधिकारी, राणा की यह नियुक्ति कानून और न्याय मंत्रालय में एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित करती है। सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।

अंजू राठी राणा की ऐतिहासिक नियुक्ति

विधि सचिव का पद, जिसे आधिकारिक रूप से सचिव, कानूनी कार्य कहा जाता है, परंपरागत रूप से पुरुषों द्वारा संभाला जाता रहा है। अंजू राठी राणा ने इस परंपरा को तोड़ते हुए इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला बनने का गौरव प्राप्त किया है।

उनकी नियुक्ति नितिन चंद्रा, जो एक आईएएस अधिकारी थे, के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद हुई। उनकी नियुक्ति को सरकार में उच्च पदों पर लैंगिक समावेशन (Gender Inclusion) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

व्यावसायिक यात्रा और अनुभव

अंजू राठी राणा ने कानून के क्षेत्र में दशकों तक सेवा दी है। विधि सचिव बनने से पहले, उन्होंने दिल्ली सरकार में एक प्रमुख भूमिका निभाई। वह 18 वर्षों तक लोक अभियोजक (Public Prosecutor) के रूप में कार्यरत रहीं, जहां उन्होंने राज्य की ओर से अपराधियों पर मुकदमा चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसके बाद, वर्ष 2017 में, उन्होंने कानून और न्याय मंत्रालय में संयुक्त सचिव (Joint Secretary) के रूप में कार्यभार संभाला। सरकारी कानूनी प्रशासन और नीतिगत निर्माण में उनके व्यापक अनुभव ने उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।

विधि सचिव के रूप में उनकी जिम्मेदारियाँ

अंजू राठी राणा की नई भूमिका में उनकी मुख्य जिम्मेदारियाँ होंगी:

  • भारत सरकार को विभिन्न नीतियों और संवैधानिक मामलों पर कानूनी परामर्श देना।
  • नए कानूनों और संशोधनों के लिए विधायी मसौदा तैयार करना।
  • भारत सरकार से जुड़े मामलों में मुकदमों के प्रबंधन की निगरानी करना।
  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संधियों के अनुपालन को सुनिश्चित करना।
  • न्यायपालिका, राज्य सरकारों और अन्य कानूनी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करना।

उनकी नियुक्ति का महत्व

अंजू राठी राणा की नियुक्ति भारत के कानूनी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह नियुक्ति:

  • देश के विधि प्रशासन में लैंगिक बाधाओं (Gender Barriers) को तोड़ती है।
  • महिला कानूनी पेशेवरों को उच्च पदों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगी।
  • कानून और न्याय मंत्रालय में दशकों के अभियोजन और कानूनी अनुभव को जोड़ती है।
  • सरकार की कानूनी व्यवस्था को मजबूत बनाकर कुशल नेतृत्व सुनिश्चित करती है।

चुनौतियाँ और अपेक्षाएँ

पहली महिला विधि सचिव के रूप में, अंजू राठी राणा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • संवैधानिक कानून, कॉर्पोरेट कानून और आपराधिक न्याय प्रणाली जैसे जटिल कानूनी मामलों का समाधान।
  • यह सुनिश्चित करना कि विधायी प्रक्रियाएँ पारदर्शी और प्रभावी हों।
  • कानूनी सुधारों को संतुलित रखते हुए संवैधानिक अखंडता की रक्षा करना।
  • वैश्विक मंचों पर भारत के कानूनी हितों का प्रतिनिधित्व करना।

अंजू राठी राणा की यह नियुक्ति न केवल भारतीय कानूनी सेवाओं में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देती है, बल्कि सरकार के उच्चतम स्तर पर सशक्त और कुशल प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? अंजू राठी राणा को भारत की पहली महिला विधि सचिव नियुक्त किया गया है, जो कानून और न्याय मंत्रालय के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
अंजू राठी राणा कौन हैं? वह भारतीय विधि सेवा (ILS) की एक प्रतिष्ठित अधिकारी हैं। उन्होंने 2017 से कानून और न्याय मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया और इससे पहले दिल्ली सरकार में 18 वर्षों तक लोक अभियोजक के रूप में सेवा दी।
उनकी नई भूमिका क्या है? सचिव, कानूनी कार्य (Secretary, Legal Affairs) के रूप में, वह कानूनी नीतियों की निगरानी, विधायी मसौदा तैयार करने और सरकार को कानूनी परामर्श देने की जिम्मेदारी संभालेंगी।
इस पद को पहले कौन संभाल रहे थे? इस पद को पहले आईएएस अधिकारी नितिन चंद्रा ने संभाला था, और उनकी नियुक्ति के बाद यह पद कई महीनों से रिक्त था।
मुख्य जिम्मेदारियाँ भारत सरकार को कानूनी और संवैधानिक मामलों पर परामर्श देना।

केरल पुलिस ने उन्नत सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) के साथ साइबर सुरक्षा को मजबूत किया

केरल में साइबर सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केरल पुलिस साइबर डिवीजन के एडवांस्ड साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर (SOC) का उद्घाटन किया। यह SOC पुलिस प्रणाली और महत्वपूर्ण अवसंरचना की सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे साइबर खतरों से प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

TRINETRA के विकास में C-DOT की भूमिका

टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (C-DOT), जो कि दूरसंचार विभाग (DoT), संचार मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक प्रमुख अनुसंधान एवं विकास केंद्र है, ने केरल पुलिस के लिए TRINETRA नामक एक उन्नत साइबर सुरक्षा ऑपरेशन केंद्र विकसित किया है। यह पहल भारत में स्वदेशी साइबर सुरक्षा समाधानों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

TRINETRA क्या है?

TRINETRA एक एआई-सक्षम, स्वदेशी, एकीकृत साइबर सुरक्षा प्लेटफॉर्म है, जिसे उद्यमों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों की साइबर सुरक्षा रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। यह उन्नत प्रणाली संगठनों को एक व्यापक सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) स्थापित करने की अनुमति देती है, जो निम्नलिखित क्षमताएँ प्रदान करता है:

  • एंडपॉइंट्स, नेटवर्क ट्रैफिक और उपयोगकर्ता व्यवहार की निगरानी।
  • कमजोरियों की पहचान और अनियमितताओं का सक्रिय रूप से पता लगाना।
  • साइबर खतरों को प्रभावी ढंग से कम करना।

SOC के उद्देश्य और कार्यक्षमता

नवीनतम SOC केंद्र, केरल पुलिस प्रणाली के कंप्यूटर और महत्वपूर्ण अवसंरचना की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह केंद्र 24×7 साइबर सुरक्षा निगरानी प्रदान करेगा और निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा:

  • साइबर खतरों की पहचान और उन्हें निष्प्रभावी करना।
  • पुलिस मुख्यालय, सिटी कमिश्नरेट और पुलिस स्टेशनों की सुरक्षा।
  • संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा और डेटा संरक्षण सुनिश्चित करना।

यह पहल केरल की साइबर सुरक्षा अवसंरचना को एक नया आयाम देती है और राज्य की डिजिटल संपत्तियों को संभावित साइबर हमलों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उद्घाटन समारोह में प्रमुख प्रतिभागी

इस उद्घाटन समारोह में कई प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:

  • कडकमपल्ली सुरेंद्रन, विधायक, कझाकूटम।
  • डॉ. पंकज कुमार दलेला, कार्यकारी उपाध्यक्ष, C-DOT।
  • काउंसलर श्रीदेवी. ए।
  • टेक्नोपार्क सीईओ, संजीव नायर।
  • G-Tech सचिव, श्रीकुमार. वी।
  • साइबर ऑपरेशन एसपी, अंकित अशोकन।
  • डीएसपी अरुण कुमार. एस।
  • साइबर डोम इंस्पेक्टर, कृष्णन पोटी के.जी।

स्वदेशी साइबर सुरक्षा विकास के प्रति प्रतिबद्धता

C-DOT के सीईओ डॉ. राजकुमार उपाध्याय ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का भारत की स्वदेशी साइबर सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उनके निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने C-DOT की उन्नत दूरसंचार और साइबर सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास एवं विस्तार की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिससे भारत इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहे।

ऑस्ट्रेलिया के महान टेनिस खिलाड़ी फ्रेड स्टोल का 86 वर्ष की आयु में निधन

दुनिया भर के टेनिस प्रेमी महान खिलाड़ी फ्रेड स्टोले के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, जिसकी पुष्टि टेनिस ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को की। स्टोले को उनकी असाधारण खेल प्रतिभा और सम्मानित कमेंट्री के लिए याद किया जाता है। 1960 के दशक में ऑस्ट्रेलिया के स्वर्णिम टेनिस युग के महत्वपूर्ण सदस्य रहे स्टोले ने कोर्ट के अंदर और बाहर अपनी अमिट छाप छोड़ी।

प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत

फ्रेड स्टोले का जन्म सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। वह जल्दी ही टेनिस की दुनिया में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरे। 1.91 मीटर (6 फुट 3 इंच) लंबे स्टोले को उनके आक्रामक खेल और प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण “फियरी फ्रेड” (Fiery Fred) के नाम से जाना जाता था।

ग्रैंड स्लैम में सफलता की राह

स्टोले का ग्रैंड स्लैम एकल सफर हार और जीत के मिश्रण से भरा रहा। अपने पहले प्रमुख खिताब को जीतने से पहले, उन्होंने लगातार पाँच ग्रैंड स्लैम फाइनल गंवाए, जिनमें 1963, 1964 और 1965 के तीन लगातार विंबलडन फाइनल शामिल थे। उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी साथी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रॉय एमर्सन थे, जिन्होंने उन्हें चार बड़े फाइनल में हराया।

लेकिन 1965 में स्टोले की मेहनत रंग लाई जब उन्होंने फ्रेंच चैंपियनशिप में टोनी रोश को हराकर अपना पहला ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीता, भले ही क्ले कोर्ट उनकी पसंदीदा सतह नहीं थी। अगले साल, 1966 में, उन्होंने यू.एस. चैंपियनशिप (अब यू.एस. ओपन) में जॉन न्यूकॉम्ब को हराकर अपना दूसरा ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीता। विशेष बात यह थी कि स्टोले और न्यूकॉम्ब दोनों उस टूर्नामेंट में गैर-वरीयता प्राप्त खिलाड़ी थे। इस जीत के बाद, स्टोले ने विश्व में नंबर 1 रैंकिंग हासिल की और फिर पेशेवर टेनिस में कदम रखा।

युगल और मिश्रित युगल में उत्कृष्टता

स्टोले सिर्फ एकल में ही नहीं, बल्कि युगल और मिश्रित युगल में भी अविस्मरणीय खिलाड़ी थे। उन्होंने कुल 17 ग्रैंड स्लैम खिताब जीते:

  • पुरुष युगल: 10 ग्रैंड स्लैम खिताब (1962-1969)

    • बॉब हेविट और रॉय एमर्सन के साथ (प्रत्येक के साथ चार खिताब)
    • केन रोसवॉल के साथ दो खिताब
    • युगल में करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करने वाले गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल
  • मिश्रित युगल: 7 ग्रैंड स्लैम खिताब

    • मार्गरेट कोर्ट, लेस्ली टर्नर बोवरी और ऐन हेडन जोन्स के साथ साझेदारी में

डेविस कप में ऑस्ट्रेलिया के लिए योगदान

फ्रेड स्टोले ने 1964, 1965 और 1966 में ऑस्ट्रेलिया को डेविस कप जिताने में अहम भूमिका निभाई। 1964 में क्लीवलैंड में अमेरिका के खिलाफ उन्होंने डेनिस राल्सटन को हराकर ऑस्ट्रेलिया की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया।

1965 के डेविस कप फाइनल में भी स्टोले ने शानदार प्रदर्शन किया और सिडनी में हुए मुकाबले में मैनोलो सांताना को पाँच सेटों के संघर्ष में हराकर ऑस्ट्रेलिया को खिताब दिलाने में मदद की।

कोचिंग और कमेंट्री में योगदान

1982 में प्रतिस्पर्धी टेनिस से संन्यास लेने के बाद, स्टोले ने सफलतापूर्वक कोचिंग और कमेंट्री की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने विटास गेरुलाइटिस को कोचिंग दी, जिससे उन्हें 1977 ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीतने में मदद मिली।

स्टोले एक सम्मानित टेनिस कमेंटेटर भी बने और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के नाइन नेटवर्क और अमेरिकी प्रसारकों के लिए काम किया। उनकी गहरी विश्लेषण क्षमता और टेनिस ज्ञान ने उन्हें दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया।

IWAI ने नदी क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जम्मू-कश्मीर के साथ किया समझौता

भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) ने जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत केंद्र शासित प्रदेश में नदी क्रूज़ पर्यटन को विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना, आर्थिक विकास को गति देना और जल-आधारित अवकाश पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।

यह समझौता श्रीनगर में आयोजित चिंतन शिविर कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसमें केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल उपस्थित थे। इस परियोजना के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर की तीन राष्ट्रीय जलमार्गों – चिनाब नदी (NW-26), झेलम नदी (NW-49) और रावी नदी (NW-84) – पर जलमार्ग अवसंरचना और नेविगेशन सुधार कार्य किए जाएंगे, जिससे क्रूज़ संचालन को सुगम बनाया जा सके।

समझौते के प्रमुख बिंदु

उद्देश्य

  • जम्मू-कश्मीर में नदी क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देना।
  • क्षेत्र में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना।
  • जलमार्ग अवसंरचना को विकसित कर पर्यटन और अवकाश यात्रा को सुविधाजनक बनाना।

जम्मू-कश्मीर के राष्ट्रीय जलमार्ग

  • चिनाब नदी (NW-26)
  • झेलम नदी (NW-49)
  • रावी नदी (NW-84)

अवसंरचना विकास

  • 10 फ्लोटिंग जेट्टी और भूमि आधारित सुविधाएँ (प्रतीक्षालय, यात्री सुविधाएँ आदि)।

फ्लोटिंग जेट्टी के स्थान

  • चिनाब नदी (NW-26): अखनूर और रियासी (जम्मू के पास)।
  • झेलम नदी (NW-49): पंथा चौक, ज़ीरो ब्रिज, अमीरा कदल, शाह-ए-हमदान, सफा कदल/छट्टाबल दरगाह, सुम्बल ब्रिज और गुंड प्रांग (श्रीनगर और बांदीपोरा)।
  • रावी नदी (NW-84): सोहर।

नेविगेशन और सुरक्षा उपाय

  • जहाजों की सुचारू आवाजाही के लिए ड्रेजिंग कार्य।
  • सुरक्षित क्रूज़ संचालन के लिए नेविगेशनल एड्स और नियमित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण।

भूमिकाएँ और जिम्मेदारियाँ

IWAI (बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन)

  • जलमार्ग अवसंरचना (फ्लोटिंग जेट्टी, जलमार्ग) का विकास।
  • सुरक्षित नेविगेशन के लिए नेविगेशनल एड्स और हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण सुनिश्चित करना।

जम्मू-कश्मीर सरकार

  • भूमि उपलब्ध कराना और भूमि आधारित सुविधाएँ विकसित करना।
  • आवश्यक कानूनी मंजूरी प्रदान करना।
  • विभिन्न क्षेत्रों में क्रूज़ संचालन के लिए ऑपरेटरों की नियुक्ति करना।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में? IWAI ने जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ नदी क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
समझौता किनके बीच हुआ? IWAI (भारत अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण) और जम्मू-कश्मीर सरकार
उद्देश्य नदी क्रूज़ पर्यटन को विकसित करना, रोजगार सृजन करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
कार्यक्रम श्रीनगर में आयोजित चिंतन शिविर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।
शामिल राष्ट्रीय जलमार्ग चिनाब नदी (NW-26), झेलम नदी (NW-49), रावी नदी (NW-84)
अवसंरचना विकास 10 फ्लोटिंग जेट्टी, प्रतीक्षालय और यात्री सुविधाएँ।
फ्लोटिंग जेट्टी के स्थान चिनाब: अखनूर, रियासी।
झेलम: पंथा चौक, ज़ीरो ब्रिज, अमीरा कदल, शाह-ए-हमदान, सफा कदल/छट्टाबल दरगाह, सुम्बल ब्रिज, गुंड प्रांग।
रावी: सोहर।
अन्य विकास कार्य ड्रेजिंग, नेविगेशनल एड्स, हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण।
IWAI की भूमिका जलमार्ग अवसंरचना प्रदान करना, सुरक्षित नेविगेशन सुनिश्चित करना।
जम्मू-कश्मीर सरकार की भूमिका भूमि उपलब्ध कराना, आवश्यक मंजूरी प्राप्त करना, क्रूज़ ऑपरेटरों की नियुक्ति करना।

बारबाडोस ने पीएम मोदी को सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से किया सम्मानित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस’ से सम्मानित किया गया है, जो उनकी रणनीतिक नेतृत्व क्षमता और COVID-19 महामारी के दौरान दी गई सहायता के लिए प्रतिष्ठित सम्मान है। यह पुरस्कार भारत और बारबाडोस के बीच मजबूत राजनयिक संबंधों को दर्शाता है और वैश्विक विकास के प्रति साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। प्रधानमंत्री की ओर से यह सम्मान विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मरघेरिटा ने ब्रिजटाउन स्थित गवर्नमेंट हाउस में आयोजित समारोह में स्वीकार किया। इस अवसर पर बारबाडोस की राष्ट्रपति डेम सैंड्रा मेसन, प्रधानमंत्री मिया अमोर मोटले और विदेश मंत्री केरी साइमंड्स उपस्थित थे।

समारोह के मुख्य बिंदु

पुरस्कार का विवरण:

  • सम्मानित व्यक्ति: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (पबित्रा मरघेरिटा द्वारा स्वीकार किया गया)।
  • पुरस्कार का नाम: ‘ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस’।

सम्मान का कारण:

  • वैश्विक चुनौतियों के दौरान पीएम मोदी के रणनीतिक नेतृत्व को मान्यता।
  • भारत द्वारा COVID-19 महामारी के दौरान बारबाडोस को दी गई महत्वपूर्ण सहायता।

समारोह का विवरण:

  • तारीख एवं स्थान: गवर्नमेंट हाउस, ब्रिजटाउन, बारबाडोस।
  • प्रस्तुतकर्ता: बारबाडोस की राष्ट्रपति डेम सैंड्रा मेसन।
  • उपस्थित गणमान्य व्यक्ति: प्रधानमंत्री मिया अमोर मोटले, विदेश मंत्री केरी साइमंड्स और अन्य उच्चाधिकारी।

घोषणा एवं पृष्ठभूमि:

  • घोषणा की तारीख: 20 नवंबर 2024 (भारत-CARICOM लीडर्स समिट, जॉर्जटाउन, गुयाना के दौरान)।
  • प्रधानमंत्री मोटले की सराहना: उन्होंने पीएम मोदी के वैश्विक सहयोग और महामारी के दौरान उनके समर्थन की सराहना की।

पबित्रा मरघेरिटा के विचार:

  • पीएम मोदी की ओर से आभार व्यक्त किया।
  • भारत और बारबाडोस के गहरे होते संबंधों पर बल दिया।
  • दोनों देशों के 1966 से चले आ रहे राजनयिक संबंधों को रेखांकित किया।

विदेश मंत्रालय (MEA) का बयान:

  • यह सम्मान भारत और बारबाडोस के बीच स्थायी मित्रता का प्रतीक है।
  • वैश्विक विकास और संकट प्रबंधन में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देता है।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में? पीएम मोदी को ‘ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस’ से सम्मानित किया गया
पुरस्कार ऑनरेरी ऑर्डर ऑफ फ्रीडम ऑफ बारबाडोस
प्राप्तकर्ता पीएम नरेंद्र मोदी (पबित्रा मरघेरिटा द्वारा स्वीकार किया गया)
प्रस्तुतकर्ता बारबाडोस की राष्ट्रपति डेम सैंड्रा मेसन
सम्मान का कारण पीएम मोदी का नेतृत्व व COVID-19 महामारी के दौरान दी गई सहायता
समारोह स्थल गवर्नमेंट हाउस, ब्रिजटाउन, बारबाडोस
मुख्य उपस्थित व्यक्ति पीएम मिया अमोर मोटले, विदेश मंत्री केरी साइमंड्स, अन्य गणमान्य व्यक्ति
घोषणा की तारीख 20 नवंबर 2024 (भारत-CARICOM लीडर्स समिट, गुयाना)
विदेश मंत्रालय (MEA) का बयान भारत-बारबाडोस संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है

नेशनल डेंटिस्ट डे 2025: तिथि, इतिहास और महत्व

नेशनल डेंटिस्ट्स डे (राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस) हर साल 6 मार्च को भारत और अन्य हिस्सों में मनाया जाता है। यह विशेष दिन यह याद दिलाने के रूप में मनाया जाता है कि हमें अच्छे मौखिक स्वास्थ्य का पालन करना चाहिए और दंत चिकित्सकों की उस समर्पण का आभार व्यक्त करना चाहिए, जो वे हमारी मुस्कान को स्वस्थ रखने के लिए करते हैं। चाहे वह रोकथाम, निदान, या उपचार के माध्यम से हो, दंत चिकित्सक हमारे मौखिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

नेशनल डेंटिस्ट्स डे, यह भी एक अवसर है जब लोग नियमित दंत जांच, ब्रश करना, और फ्लॉसिंग जैसे अच्छे मौखिक देखभाल आदतों को अपनाने के महत्व को पहचानते हैं, जो मजबूत दांतों और मसूड़ों के लिए आवश्यक हैं। यह दिन मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को बेहतर दंत देखभाल आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करने, और उन पेशेवरों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है, जो दंत स्वच्छता बनाए रखने में मदद करते हैं।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस का इतिहास
दंत चिकित्सा का इतिहास हजारों साल पुराना है। सबसे प्रारंभिक ज्ञात दंत चिकित्सक हेसि-रा थे, जो प्राचीन मिस्र के एक दंत चिकित्सक थे और फिरौन जोसेर के लिए मुख्य दंत चिकित्सक के रूप में सेवा करते थे। उनकी यह भूमिका संगठित दंत चिकित्सा अभ्यासों की शुरुआत मानी जाती है।
1530 में, जर्मनी में दंत चिकित्सा पर आधारित पहला पुस्तक प्रकाशित हुआ था जिसका नाम था “आर्ट्ज़नी बुचलीन”। इस पुस्तक में दंत देखभाल, उपचार और मौखिक रोगों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई थी।

1840 में, डॉ. होरेस एच. हेइडन और डॉ. चापिन ए. हैरिस ने विश्व का पहला दंत विद्यालय – मैरीलैंड विश्वविद्यालय दंत चिकित्सा स्कूल स्थापित किया, जो मौखिक स्वास्थ्य देखभाल के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस का महत्व

  1. मौखिक स्वच्छता को बढ़ावा देना
    यह दिन लोगों को यह याद दिलाने के रूप में मनाया जाता है कि उन्हें अपनी मौखिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्वस्थ दांतों और मसूड़ों को बनाए रखना आवश्यक है ताकि दांत सड़न, मसूड़ों की बीमारी और बदबू से बचा जा सके।
  2. दंत चिकित्सकों के योगदान को पहचानना
    दंत चिकित्सक निरंतर मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम, निदान और उपचार करने के लिए मेहनत करते हैं। उनके विशेषज्ञता से लोग अपनी मुस्कान को बनाए रख सकते हैं और गंभीर दंत समस्याओं से बच सकते हैं।
  3. मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना
    कई लोग दंत जांच और रोकथाम की देखभाल की महत्ता को नजरअंदाज करते हैं। यह दिन लोगों को मौखिक स्वास्थ्य की अहमियत और इसके खराब होने से होने वाली समस्याओं, जैसे कि दांत सड़ना, मसूड़ों का संक्रमण, और यहां तक कि हृदय रोग और मधुमेह जैसी प्रणालीगत बीमारियों के बारे में शिक्षित करता है।
  4. नियमित दंत जांच को बढ़ावा देना
    राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस का एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि नियमित दंत जांच जरूरी है। दंत चिकित्सक कम से कम साल में दो बार दांतों की पूरी जांच और सफाई के लिए दंत चिकित्सक के पास जाने की सलाह देते हैं।
  5. दंत चिकित्सा में प्रगति को उजागर करना
    दंत चिकित्सा में निरंतर प्रगति हो रही है, जैसे कि कॉस्मेटिक दंत चिकित्सा, आर्थोडॉन्टिक्स, इम्प्लांटोलॉजी, और बिना दर्द वाली दंत प्रक्रियाएं। इन नवाचारों ने रोगी देखभाल और उपचार विकल्पों में काफी सुधार किया है।

नेशनल डेंटिस्ट्स डे 2025 को कैसे मनाएं

  • दंत जांच निर्धारित करें – अगर आपने लंबे समय से दंत चिकित्सक से जांच नहीं करवाई है, तो 6 मार्च को अपॉइंटमेंट लें।
  • मौखिक स्वच्छता में सुधार करें – प्रतिदिन दो बार ब्रश करने, फ्लॉसिंग और माउथवॉश का पालन करें।
  • दंत चिकित्सकों का आभार व्यक्त करें – अपने दंत चिकित्सक को धन्यवाद संदेश भेजें या एक छोटा सा तोहफा दें।
  • दूसरों को शिक्षित करें – परिवार और दोस्तों के साथ मौखिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी साझा करें।
  • बच्चों को अच्छा मौखिक स्वास्थ्य सिखाएं – बच्चों को ब्रश करना, फ्लॉसिंग करना और मीठी चीजों से बचने की आदत डालने के लिए प्रेरित करें।

दंत चिकित्सा के बारे में दिलचस्प तथ्य

  • सबसे पहले ज्ञात दंत चिकित्सक लगभग 3000 ईसा पूर्व के आसपास थे।
  • लुसी बीमैन हॉब्स 1866 में पहली महिला दंत चिकित्सक थीं।
  • कोई भी दो व्यक्ति के दांत एक जैसे नहीं होते! दंत संरचनाएं उतनी ही अद्वितीय होती हैं जितना कि अंगूठे के निशान।
  • 2015 में, दंत चिकित्सक दुनिया भर में सबसे अधिक मांग वाली पेशेवरों में से एक थे।
  • दंत चिकित्सक यह सलाह देते हैं कि टूथब्रश को टॉयलेट से कम से कम छह फीट की दूरी पर रखा जाए, ताकि हवा में मौजूद बैक्टीरिया से बचा जा सके।
  • 2028 तक, अनुमान है कि 10,400 अतिरिक्त दंत चिकित्सक इस पेशे में शामिल होंगे।
  • मैरीलैंड विश्वविद्यालय दंत चिकित्सा स्कूल, जो 1840 में स्थापित हुआ था, विश्व का पहला दंत चिकित्सा स्कूल था।
  • अमेरिकी दंत चिकित्सा संघ (ADA) केवल लगभग 20% दंत चिकित्सकों को विशेषज्ञ मानता है, जबकि बाकी सामान्य दंत चिकित्सा करते हैं।
  • पूरे जीवन में औसतन एक व्यक्ति अपने दांतों को ब्रश करने में लगभग 38.5 दिन खर्च करता है।
विषय विवरण
क्यों खबर में है? 6 मार्च 2025 को नेशनल डेंटिस्ट्स डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य मौखिक स्वच्छता को बढ़ावा देना और दंत चिकित्सकों के योगदान की सराहना करना है।
महत्व यह दंत देखभाल, नियमित जांच और मौखिक स्वास्थ्य जागरूकता के महत्व को उजागर करता है। लोगों को अच्छे मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और दंत चिकित्सकों के प्रयासों को पहचानने के लिए प्रेरित करता है।
इतिहास – सबसे पहले ज्ञात दंत चिकित्सक, हेसि-रा, जो 2600 ईसा पूर्व में फिरौन जोसेर के लिए काम करते थे।
– पहला दंत चिकित्सा पुस्तक, “द लिटिल मेडिसिनल बुक फॉर ऑल काइंड्स ऑफ डिजीज एंड इन्फर्मिटीज़ ऑफ द टीथ”, 1530 में जर्मनी में प्रकाशित हुआ।
– पहला दंत चिकित्सा स्कूल, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री, 1840 में स्थापित हुआ।
मुख्य संदेश – ब्रश करना, फ्लॉसिंग करना और नियमित दंत जांच को बढ़ावा देना।
– दंत चिकित्सकों के प्रयासों को पहचानना, जो रोकथाम और उपचारात्मक दंत देखभाल में योगदान करते हैं।
– मौखिक स्वास्थ्य मुद्दों और दंत चिकित्सा में प्रगति के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
कैसे मनाएं? – नियमित जांच के लिए दंत चिकित्सक से मिलें।
– सही मौखिक स्वास्थ्य दिनचर्या अपनाएं (दो बार ब्रश करना, फ्लॉसिंग)।
– दंत चिकित्सकों का आभार व्यक्त करने के लिए धन्यवाद संदेश भेजें।
– दूसरों को मौखिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करें।
– बच्चों को स्वस्थ दंत आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करें।
दिलचस्प तथ्य – दांतों की संरचना अंगूठे के निशान की तरह अनोखी होती है।
– पहली महिला लाइसेंस प्राप्त दंत चिकित्सक, लुसी बीमैन हॉब्स, 1866 में थीं।
– 2015 में, दंत चिकित्सक सबसे अधिक मांग वाली पेशेवरों में से एक थे।
– टॉयलेट से कम से कम छह फीट की दूरी पर टूथब्रश रखने से बैक्टीरिया के संपर्क से बचाव होता है।
– 2028 तक, अनुमान है कि लगभग 10,400 नए दंत चिकित्सक इस पेशे में जुड़ेंगे।
– अमेरिकी दंत चिकित्सा संघ केवल 20% दंत चिकित्सकों को विशेषज्ञ के रूप में मान्यता देता है।

साहित्य अकादमी साहित्य महोत्सव 2025 का आयोजन करेगी

साहित्य अकादमी, जो संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन भारत की प्रमुख साहित्यिक संस्था है, अपनी वार्षिक “फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025” का आयोजन 7 मार्च से 12 मार्च 2025 तक रवींद्र भवन, नई दिल्ली में करेगी। इस भव्य आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। इस अवसर पर प्रसिद्ध अंग्रेजी नाटककार महेश दत्तानी मुख्य अतिथि होंगे और साहित्य अकादमी पुरस्कार 23 भाषाओं में प्रदान किए जाएंगे। इस वर्ष का संवत्सर व्याख्यान प्रख्यात लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी देंगे।

एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव माने जाने वाले इस आयोजन में 700 लेखक, 50 से अधिक भाषाओं के प्रतिनिधि और 100 से अधिक साहित्यिक सत्र होंगे। इस वर्ष का मुख्य विषय “भारतीय साहित्यिक परंपराएँ” रहेगा। इस विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रमुख विचारकों और लेखकों की भागीदारी होगी। महोत्सव में युवा, महिला, दलित, उत्तर-पूर्वी, आदिवासी और LGBTQ लेखकों की विशेष भागीदारी के साथ-साथ बाल साहित्य, लेखक संवाद, पैनल चर्चाएँ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी होंगी।

फेस्टिवल ऑफ लेटर्स 2025 के प्रमुख आकर्षण

  • आयोजक – साहित्य अकादमी (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार)
  • तिथि एवं स्थान – 7 से 12 मार्च 2025, रवींद्र भवन, नई दिल्ली
  • उद्घाटन – केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
  • मुख्य अतिथि – प्रख्यात अंग्रेजी नाटककार महेश दत्तानी
  • संवत्सर व्याख्यान वक्ता – प्रसिद्ध लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी

एशिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव

  • 700 लेखक, 50+ भाषाओं का प्रतिनिधित्व
  • 100+ साहित्यिक सत्र
  • मुख्य विषयभारतीय साहित्यिक परंपराएँ
  • राष्ट्रीय संगोष्ठी – तीन दिवसीय चर्चा, जिनमें प्रमुख लेखक एवं विचारक भाग लेंगे

समावेशी भागीदारी

  • युवा लेखक
  • महिला लेखक
  • दलित लेखक
  • उत्तर-पूर्व एवं आदिवासी लेखक
  • LGBTQ लेखक

बाल साहित्य कार्यक्रम

  • “स्पिन अ टेल” – दिनभर चलने वाला कहानी सुनाने और रचनात्मक लेखन का कार्यक्रम

सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

  • राकेश चौरसिया – बांसुरी वादन
  • नलिनी जोशी – हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन
  • फौज़िया दस्तांगो और रितेश यादवदास्तान-ए-महाभारत कहानी प्रस्तुति

नि:शुल्क प्रवेश – सभी साहित्य प्रेमियों के लिए खुला।

विषय विवरण
आयोजक साहित्य अकादमी (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत)
तिथियाँ 7 – 12 मार्च 2025
उद्घाटनकर्ता श्री गजेंद्र सिंह शेखावत (केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री)
मुख्य अतिथि महेश दत्तानी (अंग्रेजी नाटककार)
संवत्सर व्याख्यान उपमन्यु चटर्जी (लेखक एवं विद्वान)
विषय भारतीय साहित्यिक परंपराएँ
कुल सत्र 100+
प्रतिभागी 50+ भाषाओं के 700 लेखक
राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय साहित्यिक परंपराओं पर विचार-विमर्श
समावेशी अनुभाग युवा, महिला, दलित, उत्तर-पूर्व, आदिवासी एवं LGBTQ लेखक
बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम “स्पिन अ टेल” – कहानी सुनाने का कार्यक्रम
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ राकेश चौरसिया (बांसुरी), नलिनी जोशी (हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन), फौज़िया दस्तांगो व रितेश यादव (दास्तान-ए-महाभारत)
प्रवेश सभी के लिए निःशुल्क

जन औषधि दिवस: जेनेरिक दवाओं के माध्यम से किफायती स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना

हर वर्ष 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ताकि सस्ते और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इनके उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आम जनता को किफायती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएँ उपलब्ध कराना है।

इस अवसर को चिह्नित करने के लिए 1 मार्च से 7 मार्च तक पूरे देश में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष, NCR में एक प्रमुख कार्यक्रम के साथ उत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें इस योजना के प्रभाव को उजागर किया गया।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) क्या है?

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) को नवंबर 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा केंद्रीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के सहयोग से शुरू किया गया था। इस पहल के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • गुणवत्तापूर्ण दवाओं को किफायती और सुलभ बनाना।
  • जनऔषधि केंद्रों (PMBJKs) के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • महंगी ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करना।
  • जेनेरिक दवाओं के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

PMBJP के उद्देश्य और प्रमुख गतिविधियाँ

  • सस्ती जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना – यह योजना इस धारणा को दूर करने का प्रयास करती है कि केवल महँगी दवाएँ ही गुणवत्तापूर्ण होती हैं।
  • जेनेरिक दवाओं के पर्चे को बढ़ावा देना – सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को जेनेरिक दवाओं को प्रिस्क्राइब करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
  • सभी क्षेत्रों में सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना – विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित समुदायों में।

PMBJP के अंतर्गत प्रमुख पहलें

1. जनऔषधि सुविधा सेनेटरी नैपकिन

  • महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए 27 अगस्त 2019 को जनऔषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन लॉन्च किए गए।
  • ये ₹1 प्रति पैड की किफायती कीमत पर 15,000+ जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं।
  • 31 जनवरी 2025 तक 72 करोड़ नैपकिन बेचे जा चुके हैं।

2. जनऔषधि SUGAM मोबाइल ऐप

अगस्त 2019 में लॉन्च किया गया यह ऐप उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित सुविधाएँ प्रदान करता है:

  • नजदीकी जनऔषधि केंद्र का पता लगाना।
  • जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता खोजना।
  • जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना करना।

PMBJP की प्रमुख विशेषताएँ

  • द्वि-स्तरीय संचालन मॉडल – सरकार एवं निजी उद्यमियों दोनों के माध्यम से संचालित किया जाता है।
  • 50%-80% तक की लागत बचत – जनऔषधि दवाएँ खुले बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं।
  • गुणवत्ता नियंत्रण – WHO-GMP प्रमाणित निर्माताओं से ही दवाओं की आपूर्ति होती है, और NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता परीक्षण किया जाता है।

उद्यमियों को वित्तीय सहायता

  • ₹20,000 प्रति माह (खरीद मूल्य का 20%) की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
  • उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप क्षेत्रों, पिछड़े जिलों (नीति आयोग द्वारा सूचीबद्ध), महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, SC/ST उद्यमियों को ₹2 लाख तक का एकमुश्त अनुदान दिया जाता है।

PMBJP का प्रभाव और भविष्य

  • 15,000+ जनऔषधि केंद्रों के साथ यह योजना देश के सभी जिलों में फैल चुकी है।
  • जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाओं को आम जनता तक पहुँचाया जा रहा है।
  • ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है।
  • उद्यमियों के लिए रोजगार और व्यावसायिक अवसरों का सृजन किया गया है।

जन औषधि दिवस इस मिशन की याद दिलाता है और लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएँ अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे गुणवत्तापूर्ण दवाएँ हर किसी की पहुँच में आ सकें।

खनन क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाना: समावेशिता और नेतृत्व की ओर एक कदम

खनन क्षेत्र, जो परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान उद्योग माना जाता था, अब महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के साथ परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस बदलाव को पहचानते और प्रोत्साहित करते हुए, खान मंत्रालय ने कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के सहयोग से “खनन क्षेत्र में महिलाओं का सम्मान” कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले आयोजित किया गया, जिसमें महिलाओं के योगदान को सम्मानित करने, उनकी चुनौतियों पर चर्चा करने और समावेशिता को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर विचार किया गया। इसमें प्रमुख मंत्रियों, उद्योग जगत के नेताओं और आईबीएम, टाटा, जीएसआई, अडानी और वेदांता जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के पेशेवरों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु

1. नेतृत्व और सरकारी प्रतिबद्धता

  • खान मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा आयोजित।
  • प्रमुख अतिथि:
    • श्री जी. किशन रेड्डी (केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री)
    • श्री सतीश चंद्र दुबे (राज्य मंत्री, कोयला एवं खान मंत्रालय)
    • तेलंगाना की महिला एवं बाल विकास मंत्री
  • महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और सरकार की लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने वाली पहलों पर जोर दिया गया।

2. महिला पेशेवरों का सम्मान

  • खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 46 महिला पेशेवरों को सम्मानित किया गया।
  • आईबीएम, टाटा, जीएसआई, अडानी, वेदांता, एनजीओ, पीएसयू और निजी कंपनियों की महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • उत्तर प्रदेश और गुजरात के खनन विभागों की महिला नेताओं की भागीदारी, महिला सशक्तिकरण की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

3. प्रतीकात्मक दीप प्रज्वलन समारोह

  • महिला प्रतिभागियों ने दीप जलाकर खनन क्षेत्र में प्रगति और सशक्तिकरण का प्रतीक प्रस्तुत किया।

4. महिला सशक्तिकरण पर पैनल चर्चाएं

पैनल चर्चा I: खनन में समावेशिता पर महिलाओं का दृष्टिकोण – चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

  • मॉडरेटर: श्रीमती नीरुपमा कोत्रू (JS & FA)
  • मुख्य चर्चा बिंदु:
    • खनन में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली बाधाएँ।
    • समावेशिता के लिए संरचनात्मक और सांस्कृतिक बदलावों की आवश्यकता।
    • महिला विशेषज्ञों के व्यक्तिगत अनुभव और व्यावहारिक समाधान।

पैनल चर्चा II: खनन में महिलाओं को सशक्त बनाना – समावेशिता, आवश्यकताएँ, दृष्टिकोण और आगे का मार्ग

  • मॉडरेटर: श्रीमती फरीदा एम. नाइक (JS, FMN)
  • मुख्य चर्चा बिंदु:
    • खनन क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने की रणनीतियाँ।
    • नेतृत्व, मेंटरशिप और नीतिगत हस्तक्षेपों की भूमिका।
    • खनन क्षेत्र में लैंगिक बाधाओं को तोड़ने के लिए आवश्यक कदम।

5. प्रमुख निष्कर्ष

  • सरकार और उद्योग जगत महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध।
  • महिलाओं के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम और नेतृत्व की भूमिकाएँ आवश्यक।
  • अधिक समावेशी खनन क्षेत्र के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता।
  • युवा महिलाओं को खनन को एक संभावित करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • खनन में महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानना, भविष्य में अधिक प्रगति का प्रेरणास्रोत बन सकता है।
संक्षेप / स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? खनन क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
कार्यक्रम का नाम खनन क्षेत्र में महिलाओं का सम्मान (Celebrating Women in Mining Sector)
आयोजक खान मंत्रालय एवं कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
मुख्य गणमान्य व्यक्ति श्री जी. किशन रेड्डी, श्री सतीश चंद्र दुबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री (तेलंगाना)
उद्देश्य खनन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को पहचानना और उन्हें सशक्त बनाना
सम्मानित महिलाएँ 46 उत्कृष्ट महिला पेशेवरों को सम्मानित किया गया
प्रतिभागी संगठन आईबीएम, टाटा, जीएसआई, अडानी, वेदांता, पीएसयू, एनजीओ एवं निजी कंपनियाँ
पैनल चर्चा खनन में समावेशिता पर महिलाओं का दृष्टिकोण – चुनौतियाँ एवं भविष्य की राह
खनन में महिलाओं को सशक्त बनाना – समावेशिता, आवश्यकता, दृष्टिकोण एवं आगे का मार्ग
मुख्य फोकस क्षेत्र लैंगिक समावेशिता, नेतृत्व, मेंटरशिप, नीतिगत हस्तक्षेप, कौशल विकास
प्रतीकात्मक पहल महिला प्रतिभागियों द्वारा दीप प्रज्वलन, सशक्तिकरण का प्रतीक
परिणाम बाधाएँ तोड़ने, समावेशिता को बढ़ावा देने और महिलाओं की वृद्धि सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता

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