खनन क्षेत्र, जो परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान उद्योग माना जाता था, अब महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के साथ परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस बदलाव को पहचानते और प्रोत्साहित करते हुए, खान मंत्रालय ने कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के सहयोग से “खनन क्षेत्र में महिलाओं का सम्मान” कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले आयोजित किया गया, जिसमें महिलाओं के योगदान को सम्मानित करने, उनकी चुनौतियों पर चर्चा करने और समावेशिता को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर विचार किया गया। इसमें प्रमुख मंत्रियों, उद्योग जगत के नेताओं और आईबीएम, टाटा, जीएसआई, अडानी और वेदांता जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के पेशेवरों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु
1. नेतृत्व और सरकारी प्रतिबद्धता
- खान मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा आयोजित।
- प्रमुख अतिथि:
- श्री जी. किशन रेड्डी (केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री)
- श्री सतीश चंद्र दुबे (राज्य मंत्री, कोयला एवं खान मंत्रालय)
- तेलंगाना की महिला एवं बाल विकास मंत्री
- महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और सरकार की लैंगिक विविधता को बढ़ावा देने वाली पहलों पर जोर दिया गया।
2. महिला पेशेवरों का सम्मान
- खनन क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 46 महिला पेशेवरों को सम्मानित किया गया।
- आईबीएम, टाटा, जीएसआई, अडानी, वेदांता, एनजीओ, पीएसयू और निजी कंपनियों की महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- उत्तर प्रदेश और गुजरात के खनन विभागों की महिला नेताओं की भागीदारी, महिला सशक्तिकरण की राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
3. प्रतीकात्मक दीप प्रज्वलन समारोह
- महिला प्रतिभागियों ने दीप जलाकर खनन क्षेत्र में प्रगति और सशक्तिकरण का प्रतीक प्रस्तुत किया।
4. महिला सशक्तिकरण पर पैनल चर्चाएं
पैनल चर्चा I: खनन में समावेशिता पर महिलाओं का दृष्टिकोण – चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
- मॉडरेटर: श्रीमती नीरुपमा कोत्रू (JS & FA)
- मुख्य चर्चा बिंदु:
- खनन में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली बाधाएँ।
- समावेशिता के लिए संरचनात्मक और सांस्कृतिक बदलावों की आवश्यकता।
- महिला विशेषज्ञों के व्यक्तिगत अनुभव और व्यावहारिक समाधान।
पैनल चर्चा II: खनन में महिलाओं को सशक्त बनाना – समावेशिता, आवश्यकताएँ, दृष्टिकोण और आगे का मार्ग
- मॉडरेटर: श्रीमती फरीदा एम. नाइक (JS, FMN)
- मुख्य चर्चा बिंदु:
- खनन क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने की रणनीतियाँ।
- नेतृत्व, मेंटरशिप और नीतिगत हस्तक्षेपों की भूमिका।
- खनन क्षेत्र में लैंगिक बाधाओं को तोड़ने के लिए आवश्यक कदम।
5. प्रमुख निष्कर्ष
- सरकार और उद्योग जगत महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध।
- महिलाओं के लिए मेंटरशिप कार्यक्रम और नेतृत्व की भूमिकाएँ आवश्यक।
- अधिक समावेशी खनन क्षेत्र के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता।
- युवा महिलाओं को खनन को एक संभावित करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
- खनन में महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानना, भविष्य में अधिक प्रगति का प्रेरणास्रोत बन सकता है।
संक्षेप / स्थिर जानकारी | विवरण |
क्यों चर्चा में? | खनन क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम |
कार्यक्रम का नाम | खनन क्षेत्र में महिलाओं का सम्मान (Celebrating Women in Mining Sector) |
आयोजक | खान मंत्रालय एवं कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) |
मुख्य गणमान्य व्यक्ति | श्री जी. किशन रेड्डी, श्री सतीश चंद्र दुबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री (तेलंगाना) |
उद्देश्य | खनन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को पहचानना और उन्हें सशक्त बनाना |
सम्मानित महिलाएँ | 46 उत्कृष्ट महिला पेशेवरों को सम्मानित किया गया |
प्रतिभागी संगठन | आईबीएम, टाटा, जीएसआई, अडानी, वेदांता, पीएसयू, एनजीओ एवं निजी कंपनियाँ |
पैनल चर्चा | – खनन में समावेशिता पर महिलाओं का दृष्टिकोण – चुनौतियाँ एवं भविष्य की राह |
– खनन में महिलाओं को सशक्त बनाना – समावेशिता, आवश्यकता, दृष्टिकोण एवं आगे का मार्ग | |
मुख्य फोकस क्षेत्र | लैंगिक समावेशिता, नेतृत्व, मेंटरशिप, नीतिगत हस्तक्षेप, कौशल विकास |
प्रतीकात्मक पहल | महिला प्रतिभागियों द्वारा दीप प्रज्वलन, सशक्तिकरण का प्रतीक |
परिणाम | बाधाएँ तोड़ने, समावेशिता को बढ़ावा देने और महिलाओं की वृद्धि सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता |