हर वर्ष 7 मार्च को ‘जन औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है ताकि सस्ते और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और इनके उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य आम जनता को किफायती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएँ उपलब्ध कराना है।
इस अवसर को चिह्नित करने के लिए 1 मार्च से 7 मार्च तक पूरे देश में जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष, NCR में एक प्रमुख कार्यक्रम के साथ उत्सव की शुरुआत हुई, जिसमें इस योजना के प्रभाव को उजागर किया गया।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) क्या है?
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) को नवंबर 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा केंद्रीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के सहयोग से शुरू किया गया था। इस पहल के प्रमुख उद्देश्य हैं:
- गुणवत्तापूर्ण दवाओं को किफायती और सुलभ बनाना।
- जनऔषधि केंद्रों (PMBJKs) के माध्यम से दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- महंगी ब्रांडेड दवाओं पर निर्भरता कम करना।
- जेनेरिक दवाओं के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
PMBJP के उद्देश्य और प्रमुख गतिविधियाँ
- सस्ती जेनेरिक दवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना – यह योजना इस धारणा को दूर करने का प्रयास करती है कि केवल महँगी दवाएँ ही गुणवत्तापूर्ण होती हैं।
- जेनेरिक दवाओं के पर्चे को बढ़ावा देना – सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को जेनेरिक दवाओं को प्रिस्क्राइब करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
- सभी क्षेत्रों में सस्ती दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना – विशेष रूप से ग्रामीण और वंचित समुदायों में।
PMBJP के अंतर्गत प्रमुख पहलें
1. जनऔषधि सुविधा सेनेटरी नैपकिन
- महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए 27 अगस्त 2019 को जनऔषधि सुविधा ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन लॉन्च किए गए।
- ये ₹1 प्रति पैड की किफायती कीमत पर 15,000+ जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध हैं।
- 31 जनवरी 2025 तक 72 करोड़ नैपकिन बेचे जा चुके हैं।
2. जनऔषधि SUGAM मोबाइल ऐप
अगस्त 2019 में लॉन्च किया गया यह ऐप उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित सुविधाएँ प्रदान करता है:
- नजदीकी जनऔषधि केंद्र का पता लगाना।
- जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता खोजना।
- जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना करना।
PMBJP की प्रमुख विशेषताएँ
- द्वि-स्तरीय संचालन मॉडल – सरकार एवं निजी उद्यमियों दोनों के माध्यम से संचालित किया जाता है।
- 50%-80% तक की लागत बचत – जनऔषधि दवाएँ खुले बाजार में मिलने वाली ब्रांडेड दवाओं की तुलना में सस्ती होती हैं।
- गुणवत्ता नियंत्रण – WHO-GMP प्रमाणित निर्माताओं से ही दवाओं की आपूर्ति होती है, और NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता परीक्षण किया जाता है।
उद्यमियों को वित्तीय सहायता –
- ₹20,000 प्रति माह (खरीद मूल्य का 20%) की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप क्षेत्रों, पिछड़े जिलों (नीति आयोग द्वारा सूचीबद्ध), महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, SC/ST उद्यमियों को ₹2 लाख तक का एकमुश्त अनुदान दिया जाता है।
PMBJP का प्रभाव और भविष्य
- 15,000+ जनऔषधि केंद्रों के साथ यह योजना देश के सभी जिलों में फैल चुकी है।
- जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाओं को आम जनता तक पहुँचाया जा रहा है।
- ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है।
- उद्यमियों के लिए रोजगार और व्यावसायिक अवसरों का सृजन किया गया है।
जन औषधि दिवस इस मिशन की याद दिलाता है और लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएँ अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जिससे गुणवत्तापूर्ण दवाएँ हर किसी की पहुँच में आ सकें।