ईयाल जमीर को इजराइल का नया सैन्य प्रमुख नियुक्त

इजराइल ने ईयाल जमीर को अपने नए चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में नियुक्त किया है, जो देश के सैन्य इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर इस पद को संभाल रहे हैं। वे लेफ्टिनेंट जनरल हेरज़ी हेलवी की जगह लेंगे, जिन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इस्तीफा दे दिया था। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब गाजा में इज़राइली सैन्य अभियान जारी है, ईरान के साथ तनाव बढ़ रहा है और वेस्ट बैंक की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ज़मीर के नेतृत्व में “हमास पर संपूर्ण विजय” का भरोसा जताया है।

ईयाल जमीर की नियुक्ति के प्रमुख बिंदु

1. पृष्ठभूमि और सैन्य करियर

  • ईयाल का जन्म इजराइल में हुआ, उनका यमनी और सीरियाई मूल है।
  • 1984 में इज़राइली सेना में शामिल हुए, जहां उन्होंने आर्मर्ड कॉर्प्स में सेवा शुरू की।
  • पहली और दूसरी फलस्तीनी इंतिफ़ादा (Palestinian Intifadas) में महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया।
  • 2002 में जेनिन शरणार्थी शिविर में आतंकवाद विरोधी अभियानों की कमान संभाली।

2. प्रमुख नेतृत्व भूमिकाएँ

  • 2012-2015: प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सैन्य सचिव के रूप में कार्य किया।
  • 2015-2018: दक्षिणी कमान के प्रमुख, जहां हमास की सुरंगों को नष्ट करने पर ध्यान केंद्रित किया।
  • 2018-2021: डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ, इस दौरान उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
  • रक्षा मंत्रालय के निदेशक के रूप में इजराइली रक्षा खरीद कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

3. सामरिक सैन्य चुनौतियाँ

  • हमास और ईरान के खिलाफ इजराइल की सुरक्षा और सैन्य प्रभुत्व सुनिश्चित करना।
  • ईरान पर कड़ा रुख अपनाने के पक्षधर, 2022 में एक नीति पत्र में ईरान के परमाणु ठिकानों पर आक्रामक कार्रवाई का प्रस्ताव रखा
  • 20 वर्षों में पहली बार वेस्ट बैंक में टैंकों की तैनाती की देखरेख कर रहे हैं।

4. वर्तमान इजराइल-हमास युद्ध में भूमिका

  • ऐसे समय में पदभार संभाला जब हमास के साथ युद्धविराम (19 जनवरी 2025 से प्रभावी) अस्थिर स्थिति में है
  • हमास पर “पूर्ण विजय” प्राप्त करने की रणनीति पर कार्य करेंगे, जो नेतन्याहू की सैन्य नीति के अनुरूप है।
  • दक्षिणी कमान में कार्यकाल के दौरान गाजा पर पूर्ण नियंत्रण की विस्तृत सैन्य योजना तैयार कर चुके हैं

5. नेतृत्व शैली और दृष्टिकोण

  • मिशन-केंद्रित, अनुशासनप्रिय और विस्तार पर ध्यान देने वाले नेता माने जाते हैं।
  • पूर्ववर्ती चीफ ऑफ स्टाफ हेरज़ी हेलवी की तुलना में अधिक प्रभावशाली और आक्रामक रणनीति अपनाने वाले सैन्य अधिकारी माने जाते हैं।
  • 7 अक्टूबर 2023 की सुरक्षा चूक के बाद इजराइली सेना में जनता का विश्वास बहाल करने की कोशिश करेंगे।
  • इजराइल की रक्षा रणनीति में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के पक्षधर हैं।

सी ड्रैगन 2025 नौसैनिक अभ्यास: पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को मजबूत करना

सी ड्रैगन 2025, एक प्रमुख बहुपक्षीय समुद्री युद्ध अभ्यास, गुआम तट के पास पश्चिमी प्रशांत महासागर में शुरू हो गया है। यह उच्च-तीव्रता वाला पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) अभ्यास अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े द्वारा आयोजित किया जाता है और 4 मार्च से 19 मार्च 2025 तक चलेगा।

इस सामरिक अंतरसंचालनीयता (interoperability) अभ्यास में भारतीय नौसेना, जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF), रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (RAAF), और रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी (ROKN) के साथ भाग ले रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा अभियानों में समन्वय बढ़ाना और संयुक्त रक्षा रणनीतियों को मजबूत करना है।

सी ड्रैगन अभ्यास का ऐतिहासिक विकास और भागीदार देश

उद्गम और प्रारंभिक भागीदार

  • 2019 में यह अभ्यास एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में शुरू हुआ, जिसमें अमेरिकी नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (RAAF) शामिल थे।
  • 2020 में जापान (JMSDF), दक्षिण कोरिया (ROKN), और न्यूजीलैंड (RNZN) इस अभ्यास में शामिल हुए।

भारत की भागीदारी और विस्तार

  • 2021, 2022 और 2023 में क्वाड देशों (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका) के साथ कनाडा (RCAF) और दक्षिण कोरिया (ROKN) भी इस अभ्यास में शामिल हुए।
  • 2024 में कनाडा को आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे यह अभ्यास क्वाड + दक्षिण कोरिया का संयुक्त अभ्यास बन गया।

सी ड्रैगन 2025 के भागीदार देश

इस वर्ष अमेरिकी नौसेना ने निम्नलिखित प्रमुख नौसैनिक बलों को आमंत्रित किया है:

  • भारतीय नौसेना
  • जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF)
  • रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (RAAF)
  • रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी (ROKN)

ये देश संयुक्त पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) प्रशिक्षण में भाग लेंगे, जिसका उद्देश्य सामरिक समन्वय और समुद्री निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना है।

सी ड्रैगन 2025 के उद्देश्य और महत्व

मुख्य उद्देश्य

  • सामरिक समन्वय को बढ़ाना – भागीदार नौसेनाएं अंतरसंचालनीयता विकसित करेंगी और पनडुब्बी पहचान रणनीतियों में सुधार करेंगी
  • समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना – इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षित और मुक्त नौवहन सुनिश्चित करना
  • पनडुब्बी रोधी तकनीकों में सुधारट्रैकिंग, टोही मिशन और रीयल-टाइम खुफिया साझाकरण पर ध्यान केंद्रित करना।
  • वास्तविक पनडुब्बी शिकार पर अभ्यास – अंतिम चरण में अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी का लाइव-हंटिंग अभ्यास किया जाएगा।
  • सैन्य सहयोग को बढ़ावा देनाक्वाड देशों और दक्षिण कोरिया के बीच रक्षा रणनीतियों को मजबूत करना

सी ड्रैगन अभ्यास की प्रकृति

पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) केंद्रित अभ्यास

  • प्रत्येक देश समुद्री गश्ती और टोही विमान (MPRA) तैनात करता है ताकि शत्रु पनडुब्बियों को ट्रैक किया जा सके।
  • भारतीय नौसेना ने अपने उन्नत P-8I समुद्री गश्ती और टोही विमान को इस अभ्यास के लिए तैनात किया है, जिसे बोइंग (अमेरिका) द्वारा निर्मित किया गया है।
  • अभ्यास में मॉक ASW ड्रिल्स, सामरिक चर्चा और वास्तविक पनडुब्बी पहचान प्रशिक्षण शामिल हैं।
  • प्रत्येक देश के पायलट और चालक दल पनडुब्बी ट्रैकिंग और नष्ट करने की रणनीतियों को साझा करते हैं।

ग्रेडिंग सिस्टम और “ड्रैगन बेल्ट अवार्ड”

इस अभ्यास के दौरान, भागीदार देशों के पनडुब्बी पहचान और ट्रैकिंग दक्षता का मूल्यांकन किया जाता है। जो देश सबसे अधिक अंक अर्जित करता है, उसे “ड्रैगन बेल्ट अवार्ड” से सम्मानित किया जाता है।

जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF) ने 2022 से लगातार यह पुरस्कार जीता है, जिससे उसकी उत्कृष्ट पनडुब्बी रोधी क्षमताओं का प्रमाण मिलता है।

भारत और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए सी ड्रैगन 2025 का महत्व

भारत के लिए लाभ

  • भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाता है।
  • अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करता है।
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भविष्य के संयुक्त नौसैनिक अभियानों की तैयारी करता है।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए महत्व

  • स्थिरता और स्वतंत्र नौवहन सुनिश्चित करता है।
  • संभावित समुद्री खतरों के खिलाफ निवारक रक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
  • भागीदार देशों के बीच क्षेत्रीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में है? सी ड्रैगन 2025 नौसैनिक अभ्यास, जिसे अमेरिकी नौसेना के 7वें बेड़े द्वारा आयोजित किया जा रहा है, गुआम तट के पास पश्चिमी प्रशांत महासागर में 4 मार्च से 19 मार्च 2025 तक जारी रहेगा। यह अभ्यास पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) पर केंद्रित है, जिसमें भारतीय नौसेना भी भाग ले रही है।
मेजबान देश संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिकी नौसेना का 7वां बेड़ा)
भाग लेने वाले देश भारतीय नौसेना
जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF)
रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (RAAF)
रिपब्लिक ऑफ कोरिया नेवी (ROKN)
अभ्यास का उद्देश्य भागीदार नौसेनाओं के बीच सामरिक समन्वय को बढ़ाना।
पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) क्षमताओं को मजबूत करना।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा में सुधार करना।
अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी का एक सिम्युलेटेड शिकार (मॉक अभ्यास) करना।
सहयोगी बलों के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना।
भारतीय नौसेना की भूमिका भारतीय नौसेना ने P-8I समुद्री गश्ती और टोही विमान (बोइंग, अमेरिका निर्मित) को ASW अभ्यास में भाग लेने के लिए तैनात किया है।
ग्रेडिंग प्रणाली देशों को उनकी पनडुब्बी पहचान और ट्रैकिंग दक्षता के आधार पर ग्रेड दिया जाता है।
जिस देश का प्रदर्शन सर्वोत्तम होता है, उसे “ड्रैगन बेल्ट अवार्ड” प्रदान किया जाता है।
2022 से लगातार जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (JMSDF) इस पुरस्कार को जीत रही है।
ऐतिहासिक विकास 2019: अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ।
2020: जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड शामिल हुए।
2021: भारत, कनाडा और दक्षिण कोरिया शामिल हुए।
2024: कनाडा को आमंत्रित नहीं किया गया, जिससे यह क्वाड + दक्षिण कोरिया अभ्यास बन गया।
2025: भागीदार देश – संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया
भारत के लिए महत्व भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को मजबूत करता है।
क्वाड देशों और दक्षिण कोरिया के साथ रक्षा संबंधों को बेहतर बनाता है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए भारत की तैयारी को बढ़ाता है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर प्रभाव क्षेत्रीय स्थिरता और मुक्त नौवहन सुनिश्चित करता है।
समुद्री खतरों के खिलाफ निवारक रक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग को मजबूती प्रदान करता है।

IndiaAI Mission: केंद्रीय आईटी मंत्री ने कंप्यूट पोर्टल और एआईकोशा डेटासेट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया

भारत की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल और AIKosha डेटासेट प्लेटफॉर्म सहित कई अन्य पहलें लॉन्च कीं। इंडियाAI मिशन के तहत उठाए गए ये कदम AI संसाधनों तक पहुंच को बढ़ाने, नवाचार को प्रोत्साहित करने और भारत की AI क्षमताओं को विकसित करने के लिए हैं।

इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल: AI विकास में क्रांति

सबसे महत्वपूर्ण घोषणाओं में से एक इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल का शुभारंभ था, जो 18,000 से अधिक GPU, क्लाउड स्टोरेज और विभिन्न AI सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।

कंप्यूट पोर्टल की मुख्य विशेषताएँ:

  • छात्रों, स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी विभागों के लिए डिज़ाइन किया गया।
  • AI मॉडल के निर्माण और प्रशिक्षण के लिए उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग संसाधन प्रदान करता है।
  • सस्ती दरों पर AI संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  • भारत का अपना फाउंडेशनल AI मॉडल विकसित करने में सहायक होगा।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि GPU का उपयोग ₹100 प्रति घंटे से कम कीमत पर किया जा सकेगा, जिससे यह दुनिया की सबसे किफायती AI कंप्यूटिंग सेवाओं में से एक बनेगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के अपने AI मॉडल के लिए 67 आवेदन पहले ही आ चुके हैं, और अगले 3-4 वर्षों में भारत के GPU वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे

AIKosha: भारत का एकीकृत डेटा प्लेटफॉर्म

कंप्यूट पोर्टल के साथ, AIKosha डेटासेट प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया गया, जो डेटा-आधारित AI अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देगा।

AIKosha के उद्देश्य:

  • उच्च-गुणवत्ता वाले गैर-व्यक्तिगत डेटा तक आसान पहुंच प्रदान करना।
  • AI डेवलपर्स और मॉडल निर्माताओं के लिए आवश्यक संसाधन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराना।
  • भारत-केंद्रित AI मॉडल बनाने के लिए क्यूरेटेड डेटा प्रदान करना।
  • AI स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी निकायों को अत्याधुनिक AI समाधानों के विकास में सहायता करना।

AIKosha संरचित और प्रमाणित डेटा प्रदान करके AI मॉडल विकास की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, जिससे शोधकर्ताओं और व्यवसायों को मजबूत AI एप्लिकेशन बनाने में मदद मिलेगी

भारत का अपना फाउंडेशनल AI मॉडल: एक महत्वाकांक्षी कदम

फाउंडेशनल AI मॉडल क्या है?

एक फाउंडेशनल मॉडल वह बड़ा AI मॉडल होता है जिसे विशाल डेटा सेट पर प्रशिक्षित किया जाता है और जो विभिन्न AI कार्यों को करने में सक्षम होता है। उदाहरण: ChatGPT, Google Gemini, Meta Llama

भारत का किफायती AI मॉडल विजन

अश्विनी वैष्णव ने जोर देकर कहा कि जिस तरह भारत ने चंद्रयान मिशन को कम लागत में पूरा किया, उसी तरह भारत का AI मॉडल भी वैश्विक मॉडलों की तुलना में किफायती होगा। सरकार शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और स्टार्टअप्स के साथ मिलकर एक प्रतिस्पर्धी और सभी के लिए सुलभ AI मॉडल विकसित करने पर कार्य कर रही है

इंडियाAI मिशन के तहत अन्य प्रमुख पहलें

1. सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारियों के लिए AI क्षमता ढांचा

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने सरकारी अधिकारियों के लिए AI कौशल बढ़ाने और सार्वजनिक सेवाओं में AI के बेहतर उपयोग हेतु एक क्षमता ढांचा तैयार किया।

2. इंडिया AI स्टार्टअप्स ग्लोबल एक्सेलेरेशन प्रोग्राम

  • यह भारतीय AI स्टार्टअप्स को वैश्विक बाजारों, मेंटरशिप और फंडिंग तक पहुंच दिलाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम है।

3. इंडिया AI फेलोशिप प्रोग्राम

  • AI अनुसंधान और प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिए छात्रों को इंडिया AI फेलोशिप से सम्मानित किया गया
  • 30 AI एप्लिकेशन को उनके योगदान के लिए मान्यता दी गई।

इंडियाAI मिशन का बजट और कार्यान्वयन

  • मार्च 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ₹10,371.92 करोड़ के बजट के साथ स्वीकृत।
  • यह मिशन डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (DIC) के तहत इंडियाAI इंडिपेंडेंट बिजनेस डिवीजन (IBD) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
  • मिशन का उद्देश्य पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के माध्यम से AI इकोसिस्टम को मजबूत करना है।

इंडियाAI मिशन का रणनीतिक महत्व

  • AI अनुसंधान और विकास को गति देना।
  • भारत की AI क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना।
  • स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और उद्यमों के लिए सुलभ AI अवसंरचना उपलब्ध कराना।
  • स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और प्रशासन जैसे क्षेत्रों के लिए AI-आधारित समाधान विकसित करना।

निष्कर्ष:
इंडियाAI कंप्यूट पोर्टल और AIKosha प्लेटफॉर्म भारत को वैश्विक AI शक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कम लागत, उच्च गुणवत्ता और स्वदेशी AI मॉडल के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह मिशन भारत के डिजिटल भविष्य को नया आकार देगा

ऑस्ट्रेलिया-भारत खेल उत्कृष्टता मंच: खेलों के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना

ऑस्ट्रेलिया-भारत स्पोर्ट्स एक्सीलेंस फोरम का आधिकारिक उद्घाटन 6 मार्च 2025 को गुजरात के गिफ्ट सिटी में भारत की राज्य खेल मंत्री रक्षा खडसे द्वारा किया गया। इस फोरम का उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेल सहयोग को बढ़ाना है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खेल विकास में विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं को भारतीय खेल प्रणाली में लागू करना शामिल है।

खेल विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल

उद्घाटन समारोह में रक्षा खडसे ने कहा कि खेल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक मजबूत संबंध का माध्यम है। उन्होंने इस फोरम को पारंपरिक खेलों जैसे क्रिकेट और हॉकी से आगे बढ़ाते हुए इसे एलीट एथलीट विकास, खेल अवसंरचना, और खेल उद्योग में निवेश तक विस्तारित करने पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन और गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी सहित कई गणमान्य अतिथि शामिल हुए।

मुख्य चर्चा के विषय और उद्देश्य

ऑस्ट्रेलिया-भारत स्पोर्ट्स एक्सीलेंस फोरम ने निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग और ज्ञान साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया:

1. प्रतिभा विकास और खेल विज्ञान

  • जमीनी स्तर से लेकर एलीट स्तर तक खेल प्रतिभाओं की पहचान और विकास
  • खेल विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार।
  • ऑस्ट्रेलियाई कोचिंग तकनीकों को अपनाकर भारतीय खिलाड़ियों की फिटनेस और प्रशिक्षण में सुधार।

2. प्रमुख खेल आयोजनों का प्रबंधन

  • ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों जैसे बड़े खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए रणनीतियाँ साझा करना
  • भारत के 2036 ओलंपिक बोली को मजबूत करने के लिए नीतियों और प्रबंधन रणनीतियों पर चर्चा।
  • ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ गेम्स और क्रिकेट वर्ल्ड कप जैसे आयोजनों के अनुभव से सीखना

3. खेलों में विविधता, समावेशिता और लैंगिक समानता

  • महिलाओं की खेलों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना
  • सभी खिलाड़ियों को समान अवसर प्रदान करना, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो
  • एक समावेशी खेल नीति विकसित करने के लिए सहयोग बढ़ाना।

4. खेल उद्योग में निवेश और व्यापार

  • भारतीय खेल अवसंरचना में कॉर्पोरेट निवेश को बढ़ावा देना
  • भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई खेल संगठनों के बीच साझेदारी को मजबूत करना
  • भारत को खेल स्टार्टअप और नवाचार का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रयास।

भारत की ओलंपिक महत्वाकांक्षा और फोरम की भूमिका

भारत ने 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी में रुचि दिखाई है, जो वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऑस्ट्रेलिया-भारत स्पोर्ट्स एक्सीलेंस फोरम में हुई चर्चाएँ इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विश्वस्तरीय प्रशिक्षण सुविधाओं, कोचिंग मानकों और खेल अवसंरचना के विकास की नींव रखेंगी।

भविष्य की कार्ययोजना: भारत-ऑस्ट्रेलिया खेल सहयोग को मजबूत बनाना

फोरम का समापन भारत-ऑस्ट्रेलिया के खेल सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सिफारिशों के एक सेट के साथ होगा। इन सिफारिशों में शामिल होंगे:

  • भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बीच प्रशिक्षण आदान-प्रदान कार्यक्रमों का विस्तार।
  • संयुक्त खेल अनुसंधान और विकास केंद्रों की स्थापना।
  • ऑस्ट्रेलियाई खेल कंपनियों से भारत में निवेश को बढ़ावा देना।
  • भारत के ओलंपिक और पैरालंपिक सपनों को साकार करने के लिए एक संरचित रोडमैप तैयार करना।

 

डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाएगा बेंगलुरु सिटी यूनिवर्सिटी का नाम

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि बेंगलुरु सिटी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह बेंगलुरु विश्वविद्यालय रखा जाएगा, ताकि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सम्मान दिया जा सके। सरकार इस विश्वविद्यालय को एक आदर्श संस्थान बनाने के उद्देश्य से इसमें गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज और गवर्नमेंट आरसी कॉलेज को संबद्ध कॉलेजों के रूप में शामिल करेगी। इसके अलावा, कर्नाटक सरकार ने उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसमें 2,000 रिक्त शिक्षकों के पदों को भरना, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, तथा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों और पॉलिटेक्निक संस्थानों का सशक्तिकरण शामिल है।

मुख्य घोषणाएँ और प्रमुख बिंदु

विश्वविद्यालय का नामकरण और विस्तार

  • बेंगलुरु सिटी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह बेंगलुरु विश्वविद्यालय किया जाएगा।
  • गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज और गवर्नमेंट आरसी कॉलेज इस विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेज होंगे।

उच्च शिक्षा सुधार

  • प्रथम श्रेणी के कॉलेजों और इंजीनियरिंग पॉलिटेक्निक संस्थानों में 2,000 रिक्त शिक्षकों के पदों को भरा जाएगा
  • 16 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस नियुक्त किए जाएंगे ताकि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी मिले।
  • सरकारी इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और डिग्री कॉलेजों के आधारभूत ढांचे के उन्नयन के लिए ₹275 करोड़ की राशि आवंटित की गई।
  • नए स्थापित पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों में फर्नीचर, उपकरण, कंप्यूटर और पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए ₹10 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई।

तकनीकी शिक्षा का विस्तार

  • चिंतामणि, चिक्कबल्लापुर जिले में विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (VTU) का एक संबद्ध कॉलेज ₹150 करोड़ की लागत से स्थापित किया जाएगा।
  • मैसूर विश्वविद्यालय में प्रो. नंजुंडास्वामी अनुसंधान पीठ (Research Chair) स्थापित की जाएगी।

DPIIT और Mercedes-Benz India ने विनिर्माण, सड़क सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने हेतु किया समझौता

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) और मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने भारत में विनिर्माण, सड़क सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य स्टार्टअप्स को बुनियादी ढांचा, मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और बाजार से जुड़ाव के अवसर प्रदान करना है। इसके अलावा, यह साझेदारी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान विनिमय को भी बढ़ावा देगी, जिससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और स्थायी नवाचार को बल मिलेगा।

उद्देश्य और मुख्य क्षेत्र

  • भारत में विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करना।
  • सड़क सुरक्षा को प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से बढ़ावा देना।
  • ग्रीन सॉल्यूशंस द्वारा ऑटोमोबाइल सेक्टर में स्थिरता को बढ़ाना।
  • इंडस्ट्री-एकेडेमिया सहयोग को बढ़ावा देना ताकि प्रभावशाली नवाचार हो सकें।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान विनिमय के लिए अवसर उपलब्ध कराना।

डीपीआईआईटी की भूमिका

  • स्टार्टअप्स को विनिर्माण, स्थिरता और सड़क सुरक्षा क्षेत्रों में सहायता देने के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करना।
  • उभरते व्यवसायों के लिए मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और बाजार कनेक्शन उपलब्ध कराना।
  • वैश्विक ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ भागीदारी करके तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करना।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया की भूमिका

  • अपने ऑटोमोटिव इनोवेशन के अनुभव का उपयोग करके भारतीय स्टार्टअप्स का समर्थन करना।
  • कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) पहलों के माध्यम से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालना।
  • इनक्यूबेटर्स और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर उन्नत निर्माण समाधान विकसित करना।

मुख्य अधिकारियों के बयान

  • संजय, संयुक्त सचिव, डीपीआईआईटी – यह समझौता जिम्मेदार और स्थायी नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ-साथ विनिर्माण को सशक्त बनाएगा।
  • डॉ. सुमीत कुमार जरंगल, निदेशक, स्टार्टअप इंडिया – यह साझेदारी स्टार्टअप्स को वैश्विक सर्वोत्तम प्रक्रियाओं और महत्वपूर्ण उद्योग नेटवर्क तक पहुंचने में मदद करेगी।
  • संतोष अय्यर, प्रबंध निदेशक, मर्सिडीज-बेंज इंडिया – कंपनी स्टार्टअप्स, इनक्यूबेटर्स और संस्थानों को CSR फंडिंग के माध्यम से समर्थन देगी।

अपेक्षित प्रभाव

  • भारत के ऑटोमोटिव और विनिर्माण क्षेत्रों को मजबूत करना।
  • सड़क सुरक्षा और स्थिरता में नवाचार को बढ़ावा देना।
  • स्टार्टअप्स को समर्थन देकर उन्हें स्केल और नई तकनीकों के विकास में मदद करना।

पंजाब ने महिला एवं बाल सुरक्षा को मजबूत करने हेतु ‘प्रोजेक्ट हिफाजत’ शुरू किया

पंजाब में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने 7 मार्च 2025 को ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ का आधिकारिक शुभारंभ किया। यह पहल हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए 24×7 इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन, विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय और जमीनी प्रतिक्रिया तंत्र को शामिल करती है।

सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में कदम

लॉन्च इवेंट के दौरान, डॉ. बलजीत कौर ने महिलाओं को बिना किसी भय के अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर ‘181’ अपने मोबाइल में सेव करने की अपील की।

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ का उद्देश्य लैंगिक हिंसा के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना और सरकारी एजेंसियों को एकीकृत कर पीड़ितों को निर्बाध सहायता प्रदान करना है।

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की मुख्य विशेषताएँ

1. 24×7 महिला और बाल हेल्पलाइन

मिशन शक्ति’ और ‘मिशन वात्सल्य’ के तहत इस परियोजना के लिए दो समर्पित हेल्पलाइन शुरू की गई हैं:

  • महिला हेल्पलाइन (181) – घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न और अन्य अपराधों की शिकायतों के लिए।
  • बाल हेल्पलाइन (1098) – बच्चों के साथ हो रहे शोषण, दुर्व्यवहार और हिंसा की घटनाओं के लिए।

ये हेल्पलाइन 24×7 संचालित होंगी, जिससे महिलाओं और बच्चों को किसी भी समय सहायता मिल सकेगी। आपातकालीन मामलों को ‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS-112)’ से जोड़ा जाएगा, ताकि त्वरित पुलिस हस्तक्षेप संभव हो सके।

2. बहु-विभागीय समन्वय से प्रभावी कार्रवाई

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों के बीच तालमेल स्थापित किया गया है:

  • पंजाब पुलिस – तत्काल कानून प्रवर्तन और बचाव कार्य।
  • सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग – आश्रय, पुनर्वास और वित्तीय सहायता।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग – चिकित्सा सहायता, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श।
  • विधिक सहायता प्राधिकरण – कानूनी प्रक्रिया, सुरक्षा आदेश और मुकदमों में सहायता।

इस समन्वित दृष्टिकोण से पीड़ितों को कानूनी, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता में कोई देरी नहीं होगी।

3. बचाव वाहनों की तैनाती

आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने के लिए हर जिले में विशेष बचाव वाहन तैनात किए जाएंगे, जो:

  • हेल्पलाइन पर कॉल आने के तुरंत बाद घटनास्थल तक पहुंचेंगे
  • तत्काल चिकित्सा सहायता और सुरक्षित आश्रय तक परिवहन सुनिश्चित करेंगे
  • पीड़ितों को मौके पर ही मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करेंगे

इस पहल का उद्देश्य प्रतिक्रिया समय को कम करना और पीड़ितों को संकट की स्थिति में सुरक्षा का अहसास कराना है।

4. प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ की सख्त निगरानी विभिन्न स्तरों पर की जाएगी:

  • डिप्टी कमिश्नर (DC) – क्रियान्वयन की निगरानी और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय।
  • जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) – जमीनी स्तर पर संचालन और प्रतिक्रिया व्यवस्था की जिम्मेदारी।

राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष (चंडीगढ़)

  • 24×7 निगरानी केंद्र जो संकट कॉल्स और प्रतिक्रिया समय पर नज़र रखेगा।
  • मामलों की ट्रैकिंग और फॉलो-अप सुनिश्चित करेगा
  • महिलाओं और बच्चों के लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा
  • डेटा विश्लेषण और रिपोर्टिंग से सुरक्षा उपायों में सुधार करेगा

रीयल-टाइम ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करके, यह परियोजना सुरक्षा उपायों को लगातार मजबूत करने में मदद करेगी

सरकार का विजन: महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित पंजाब

पंजाब सरकार का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना है। ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ डर को खत्म करने, अपराधों की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस पहल के माध्यम से:

  • घरेलू हिंसा और शोषण के मामलों की रिपोर्टिंग में वृद्धि होगी।
  • पीड़ितों को तेज़ कानूनी और चिकित्सा सहायता मिलेगी।
  • पुलिस प्रतिक्रिया तंत्र को मज़बूती मिलेगी।
  • महिलाओं और बच्चों के लिए अधिक सुरक्षित वातावरण तैयार होगा।

‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ महिला सशक्तिकरण और बाल सुरक्षा की दिशा में पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना प्रौद्योगिकी, सरकारी एजेंसियों और जनभागीदारी को एकीकृत करके हिंसा से पीड़ितों के लिए एक अधिक सुरक्षित और उत्तरदायी तंत्र स्थापित करेगी।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने 7 मार्च 2025 को ‘प्रोजेक्ट हिफाज़त’ लॉन्च किया, जो हिंसा से प्रभावित महिलाओं और बच्चों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है।
उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें सशक्त बनाना। यह 24×7 हेल्पलाइन सहायता, आपातकालीन बचाव अभियान और अंतर-विभागीय समन्वय के माध्यम से किया जाएगा।
मुख्य विशेषताएँ 1. 24×7 हेल्पलाइन: महिलाओं के लिए 181 और बच्चों के लिए 1098 हेल्पलाइन शुरू। 2. आपातकालीन प्रतिक्रिया: गंभीर मामलों को ERSS-112 से जोड़कर त्वरित पुलिस हस्तक्षेप। 3. अंतर-विभागीय समन्वय: पंजाब पुलिस, सामाजिक सुरक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और विधिक सहायता प्राधिकरण मिलकर पीड़ितों की सहायता करेंगे। 4. बचाव वाहन: हर जिले में तैनात, ताकि जमीनी स्तर पर सहायता और चिकित्सा सुविधा दी जा सके। 5. निगरानी प्रणाली: चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित, जो संकट कॉल्स, मामलों के समाधान और सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करेगा।
क्रियान्वयन निगरानी: डिप्टी कमिश्नर (DC) कार्यान्वयन की देखरेख करेंगे। – जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO): नोडल अधिकारी के रूप में जमीनी स्तर पर संचालन समन्वय करेंगे। – रीयल-टाइम ट्रैकिंग: चंडीगढ़ नियंत्रण कक्ष मामलों की निगरानी और प्रतिक्रिया को अधिक प्रभावी बनाएगा।
सरकार का विजन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करना।कानूनी, चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता त्वरित रूप से प्रदान करना।पुलिस प्रतिक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना।प्रौद्योगिकी और जन-जागरूकता के माध्यम से पंजाब को अधिक सुरक्षित बनाना।

दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड A23a दक्षिण जॉर्जिया द्वीप के पास फंसा

दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड, A23a, ब्रिटिश प्रवासी क्षेत्र साउथ जॉर्जिया के पास फंस गया है, जो अपनी विविध वन्यजीव आबादी के लिए प्रसिद्ध है। वैज्ञानिक इसकी निगरानी कर रहे हैं ताकि यह समझा जा सके कि यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित करेगा। यह हिमखंड वन्यजीवों के लिए भोजन मार्ग बाधित कर सकता है, लेकिन इसके पिघलने से महासागर में पोषक तत्व घुलकर समुद्री उत्पादकता भी बढ़ा सकते हैं।

मुख्य बिंदु

हिमखंड A23a और इसकी यात्रा

  • A23a दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड है, जो रोड आइलैंड के आकार का और लगभग एक ट्रिलियन टन वजनी है।
  • यह 1986 में अंटार्कटिका के फ़िल्चनर आइस शेल्फ़ से टूटा था और 30 से अधिक वर्षों तक वेडेल सागर में फंसा रहा।
  • 2020 में यह मुक्त होकर अंटार्कटिक प्रायद्वीप के पास उत्तर की ओर बहने लगा।
  • कुछ महीनों तक यह “टेलर कॉलम वर्टेक्स” में फंसा रहा, फिर आगे बढ़ते हुए साउथ जॉर्जिया पहुंचा।
  • 1 मार्च 2025 की सैटेलाइट छवियों में यह पुष्टि हुई कि यह साउथ जॉर्जिया से 73 किमी दूर महाद्वीपीय शेल्फ़ पर अटक गया है।

वन्यजीवों पर संभावित प्रभाव

  • साउथ जॉर्जिया क्षेत्र लाखों सील और पेंगुइनों का घर है।
  • वैज्ञानिकों को चिंता है कि A23a उनके प्रमुख भोजन क्षेत्रों तक पहुंच बाधित कर सकता है।
  • लंबी दूरी की यात्रा करने से शावकों के भोजन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
  • प्रवास मार्ग अवरुद्ध होने से सील, पेंगुइन और समुद्री पक्षी प्रभावित हो सकते हैं।

संभावित पर्यावरणीय लाभ

  • पिघलते हिमखंड समुद्र में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व छोड़ते हैं।
  • समुद्र की परतों के मिश्रण से फाइटोप्लांकटन (सूक्ष्म शैवाल) की वृद्धि हो सकती है, जो समुद्री जीवों के लिए भोजन उपलब्ध कराएगा।
  • इससे स्थानीय शिकारी जीवों जैसे सील और पेंगुइनों की आबादी को लाभ मिल सकता है।

वैज्ञानिक अनुसंधान के अवसर

  • वैज्ञानिक हिमखंडों के महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र और कार्बन अवशोषण पर प्रभाव का अध्ययन कर रहे हैं।
  • शोधकर्ता समुद्र तल पर पड़े प्रभावों जैसे भूवैज्ञानिक निशान और संभावित भूस्खलन का निरीक्षण कर रहे हैं।
  • यह घटना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और महासागर परिसंचरण को समझने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।

हिमखंड के फिर से आगे बढ़ने की संभावना

  • कनाडाई बर्फ विशेषज्ञ डोनावन ट्रेम्बले का मानना है कि A23a मजबूत तूफानों और महासागरीय धाराओं के कारण फिर से हिल सकता है।
  • 2020 में A68a नामक एक विशाल हिमखंड भी साउथ जॉर्जिया के पास फंस गया था, लेकिन बाद में टूटकर समुद्र में 152 गीगाटन ताजा पानी छोड़ दिया था।
क्यों चर्चा में? दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड A23a साउथ जॉर्जिया द्वीप के पास फंसा
हिमखंड का नाम A23a
आकार और वजन रोड आइलैंड के आकार का, वजन लगभग 1 ट्रिलियन टन
उत्पत्ति 1986 में अंटार्कटिका के फिल्चनर आइस शेल्फ़ से टूटा
प्रारंभिक स्थिति 30+ वर्षों तक वेडेल सागर में फंसा रहा
हालिया गतिविधि 2020 में मुक्त हुआ, अंटार्कटिका के उत्तर में बहा
वर्तमान स्थिति मार्च 2025 में साउथ जॉर्जिया से 73 किमी दूर अटका
चिंताएँ वन्यजीवों के भोजन मार्ग अवरुद्ध, पेंगुइन और सील प्रभावित हो सकते हैं
संभावित लाभ पोषक तत्व छोड़कर महासागर उत्पादकता बढ़ा सकता है
भविष्य की संभावनाएँ मौसम और समुद्री धाराओं के कारण स्थिर रह सकता है या फिर हिल सकता है
वैज्ञानिक शोध समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्र तल में बदलाव और जलवायु प्रभावों का अध्ययन

जय शाह की जगह लेंगे राजीव शुक्ला, मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

दिसंबर 2024 में, जय शाह ने लगातार तीन कार्यकाल पूरे करने के बाद एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। बीसीसीआई सचिव को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया, और उन्होंने 1 दिसंबर 2024 को आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। उनके जाने के बाद, ACC में नेतृत्व में बड़े बदलाव हुए, जहां श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख शम्मी सिल्वा नए ACC अध्यक्ष बने और राजीव शुक्ला को BCCI के प्रतिनिधि के रूप में ACC बोर्ड में नियुक्त किया गया।

मुख्य बिंदु:

1. जय शाह का ICC चेयरमैन के रूप में पदभार ग्रहण

  • तीन कार्यकाल तक ACC अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • दिसंबर 2024 में निर्विरोध ICC अध्यक्ष चुने गए
  • 1 दिसंबर 2024 से औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया
  • ACC में नए नेतृत्व के लिए रास्ता खुला।

2. एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) में बदलाव

  • श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शम्मी सिल्वा नए ACC अध्यक्ष बने।
  • राजीव शुक्ला अब ACC बोर्ड में BCCI का प्रतिनिधित्व करेंगे।
  • आशीष शेलार को भी ACC में एक प्रमुख भूमिका दी गई।

3. ACC में राजीव शुक्ला की भूमिका

  • ACC की नीतियों और निर्णय प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद।
  • हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल (लाहौर) में BCCI प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए।

4. भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध

  • राजीव शुक्ला ने स्पष्ट किया कि भारत-पाक द्विपक्षीय क्रिकेट का निर्णय भारत सरकार पर निर्भर करता है।
  • BCCI की नीति: द्विपक्षीय मैच अपने घरेलू मैदान पर होने चाहिए, न कि तटस्थ स्थानों पर।

5. आगामी एशिया कप 2025

  • सितंबर 2025 में UAE में आयोजित होगा।
  • T20 प्रारूप में खेला जाएगा, ताकि 2026 ICC T20 वर्ल्ड कप के लिए तैयारी हो सके।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? राजीव शुक्ला ने ACC नेतृत्व में जय शाह की जगह ली
जय शाह की भूमिका ACC अध्यक्ष पद से इस्तीफा; 1 दिसंबर 2024 को ICC अध्यक्ष निर्वाचित
नया ACC नेतृत्व शम्मी सिल्वा (अध्यक्ष), राजीव शुक्ला (BCCI प्रतिनिधि)
राजीव शुक्ला की भूमिका ACC में प्रभावशाली भूमिका निभाने की उम्मीद; लाहौर में चैंपियंस ट्रॉफी में BCCI प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए
भारत-पाकिस्तान सीरीज निर्णय भारत सरकार पर निर्भर; BCCI घरेलू मैदान पर मैच आयोजित करने को प्राथमिकता देता है
एशिया कप 2025 T20 प्रारूप में, सितंबर 2025 में UAE में आयोजित होगा

LIC बना दुनिया का तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड

ब्रांड फाइनेंस इंश्योरेंस 100 (2025) रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड घोषित किया गया है। LIC का ब्रांड स्ट्रेंथ इंडेक्स (BSI) स्कोर 88/100 रहा। इस सूची में पोलैंड की PZU कंपनी (94.4 स्कोर) पहले स्थान पर रही, जबकि चीन की चाइना लाइफ इंश्योरेंस (93.5 स्कोर) दूसरे स्थान पर रही।

इसके अलावा, LIC वैश्विक बीमा कंपनियों में ब्रांड मूल्य के मामले में 12वें स्थान पर है। SBI लाइफ भी शीर्ष 100 सूची में शामिल एकमात्र अन्य भारतीय बीमा कंपनी है, जो 76वें स्थान पर रही।

प्रमुख बिंदु

LIC की वैश्विक रैंकिंग

  • वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड
  • ब्रांड स्ट्रेंथ इंडेक्स (BSI) स्कोर: 88/100
  • वैश्विक बीमा ब्रांड मूल्य सूची में 12वां स्थान
  • SBI लाइफ ने 76वां स्थान प्राप्त किया, शीर्ष 100 में एकमात्र अन्य भारतीय कंपनी

वैश्विक बीमा बाजार के रुझान

  • शीर्ष 100 बीमा ब्रांडों की ब्रांड वैल्यू में 9% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • इस वृद्धि का प्रमुख कारण उच्च निवेश आय, बढ़ती ब्याज दरें और बढ़ता मुनाफा रहा।
  • बीमा उत्पादों की बढ़ती मांग से बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में उछाल आया।
  • आर्थिक सुधार, रणनीतिक विलय-अधिग्रहण और तकनीकी नवाचारों से उद्योग में तेजी आई।

LIC का वित्तीय प्रदर्शन

  • दिसंबर तिमाही में स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ 17% बढ़कर ₹11,056.47 करोड़ हो गया (पिछले वर्ष: ₹9,444.42 करोड़)।
  • संयुक्त शुद्ध लाभ 16% बढ़कर ₹11,000 करोड़ हो गया।
  • प्रबंधन व्यय में कमी, जिसमें कर्मचारियों के वेतन और कल्याण खर्च 30% घटे
  • व्यय अनुपात (Expense Ratio) 231 बेसिस पॉइंट (bps) घटकर 12.97% हो गया (पिछले वर्ष: 15.28%)।

LIC की यह उपलब्धि भारत की बीमा इंडस्ट्री के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है और यह भविष्य में और भी मजबूती से आगे बढ़ने की क्षमता रखती है।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में? LIC को विश्व का तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड घोषित किया गया।
रैंकिंग LIC वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे मजबूत बीमा ब्रांड है (BSI स्कोर: 88/100)।
ब्रांड मूल्य LIC दुनिया के सबसे मूल्यवान बीमा ब्रांडों में 12वें स्थान पर है।
अन्य भारतीय बीमाकर्ता SBI लाइफ 76वें स्थान पर है, जिससे ये दोनों शीर्ष 100 में शामिल एकमात्र भारतीय बीमा कंपनियां हैं।
वैश्विक बाजार वृद्धि 2025 में बीमा ब्रांडों का मूल्य 9% बढ़ा, जिसका कारण बेहतर निवेश रिटर्न और आर्थिक सुधार रहा।
वित्तीय प्रदर्शन LIC का Q3 शुद्ध लाभ 17% बढ़कर ₹11,056.47 करोड़ हो गया, और व्यय अनुपात 12.97% तक घट गया।
लागत में कमी कर्मचारी वेतन और कल्याण व्यय 30% घटा, जिससे लाभप्रदता में सुधार हुआ।

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