हरियाणा ने नागरिक सेवाओं के लिए एआई चैटबॉट ‘सारथी’ लॉन्च किया

हरियाणा सरकार ने ‘सारथी’ नामक एआई-संचालित चैटबॉट लॉन्च किया है, जो सरकारी दस्तावेजों और नीतियों तक जनता की पहुंच को आसान बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा शुरू की गई इस पहल के तहत, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को शासन में एकीकृत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यह चैटबॉट 17,820 से अधिक सरकारी दस्तावेजों तक त्वरित पहुंच प्रदान करता है, जिससे अधिसूचनाएं, आदेश, अधिनियम और नीतियां सरलता से प्राप्त की जा सकती हैं और पारंपरिक प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर निर्भरता कम होती है।

‘सारथी’ की प्रमुख विशेषताएँ

  • तत्काल दस्तावेज़ प्राप्ति – नागरिक बिना जटिल सरकारी पोर्टलों पर जाए, सीधे नीतियों और अधिसूचनाओं तक पहुंच सकते हैं।

  • एआई-संचालित खोज – बड़ी डेटा फ़ाइलों को स्कैन कर सटीक और शीघ्र उत्तर प्रदान करता है।

  • 24/7 उपलब्धता – किसी भी समय सरकारी जानकारी प्राप्त करने की सुविधा।

  • उपयोगकर्ता अनुकूल इंटरफ़ेस – सहज और सरल नेविगेशन के साथ डिज़ाइन किया गया।

शासन में एआई की भूमिका

  • मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने डिजिटल शासन को बढ़ावा देने के लिए ‘सारथी’ लॉन्च किया।

  • यह चैटबॉट 73,622 स्कैन किए गए पीडीएफ़ पृष्ठों से डेटा प्रोसेस कर उपयोगकर्ताओं को जानकारी प्रदान करता है।

  • इसमें आधिकारिक आदेश, अधिनियम, नीतियां, परिपत्र और अधिसूचनाएं शामिल हैं।

  • मैन्युअल खोज को कम कर सरकारी सूचनाओं तक पहुंचने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाता है।

जन सेवाओं पर प्रभाव

  • प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि – सरकारी सूचनाएँ प्राप्त करने में लगने वाले समय को कम करता है।

  • जनसंपर्क को बढ़ावा – नागरिक आसानी से सरकारी नीतियों से जुड़ सकते हैं।

  • पारदर्शी शासन को समर्थन – आधिकारिक रिकॉर्ड तक आसान और खुली पहुंच सुनिश्चित करता है।

  • एआई आधारित शासन का विस्तार – भारत के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाई जा रही एआई-समाधानों की पहल के अनुरूप।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? हरियाणा सरकार ने नागरिक सेवाओं के लिए एआई चैटबॉट ‘सारथी’ लॉन्च किया
चैटबॉट का नाम सारथी
लॉन्च किया गया हरियाणा सरकार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा
उद्देश्य नागरिकों को सरकारी दस्तावेजों और नीतियों तक त्वरित पहुंच प्रदान करना
कुल दस्तावेज़ 17,820+
कुल स्कैन किए गए पृष्ठ 73,622
मुख्य कार्यक्षमताएँ एआई-संचालित खोज, त्वरित दस्तावेज़ प्राप्ति, 24/7 उपलब्धता, उपयोगकर्ता अनुकूल इंटरफ़ेस
प्रभाव पारदर्शिता में वृद्धि, प्रशासनिक दक्षता में सुधार, जनसंपर्क को बढ़ावा

PM मोदी करेंगे नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन, जानिए इसकी खासियत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के अवसर पर नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे, जो रामनाथपुरम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पंबन पुल की जगह अब नया पंबन ब्रिज बना लिया गया है। यह पुल 2.5 किलोमीटर से ज्यादा लंबा है। इसे रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने 535 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री तांबरम-रामेश्वरम के बीच एक नई ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाएंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे।

मुख्य बिंदु:

  • उद्घाटन की तारीख: 6 अप्रैल 2025 (राम नवमी)।

  • स्थान: नया पंबन रेल पुल, रामनाथपुरम-रामेश्वरम द्वीप।

  • लागत: ₹535 करोड़।

प्रधानमंत्री का कार्यक्रम:

  • नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन।

  • तांबरम-रामेश्वरम नई ट्रेन सेवा का शुभारंभ।

  • रामेश्वरम में सार्वजनिक सभा को संबोधित।

निरीक्षण और सुरक्षा:

  • 26 मार्च 2025 को दक्षिण रेलवे के महाप्रबंधक आर.एन. सिंह ने पुल का निरीक्षण किया।

  • पुल के केंद्रीय भाग का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

पुराना पंबन रेल पुल:

  • पुल की संरचना कमजोर हो गई है और इसे पूरी तरह संरक्षित नहीं किया जा सकता।

  • इसे धीरे-धीरे नष्ट किया जाएगा, जबकि कुछ हिस्सों को विरासत के रूप में संरक्षित किया जाएगा।

रामेश्वरम रेलवे स्टेशन पुनर्विकास:

  • पुनर्विकास कार्य सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन
तारीख 6 अप्रैल 2025 (राम नवमी)
स्थान रामनाथपुरम – रामेश्वरम द्वीप
निर्माण लागत ₹535 करोड़

लोकसभा ने वित्त विधेयक 2025 पारित किया

लोकसभा ने 25 मार्च 2025 को वित्त विधेयक 2025 को 35 सरकारी संशोधनों के साथ पारित कर दिया। इस विधेयक के एक प्रमुख संशोधन में ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाले 6 प्रतिशत डिजिटल कर को समाप्त कर दिया गया है। वित्त विधेयक 2025 के पारित होने के साथ ही निचले सदन में बजट स्वीकृति प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब यह विधेयक राज्यसभा में विचार के लिए जाएगा, जिसके बाद वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रक्रिया औपचारिक रूप से संपन्न होगी।

वित्त विधेयक 2025 और बजटीय अवलोकन

केंद्र सरकार ने ₹50.65 लाख करोड़ के कुल व्यय का प्रस्ताव किया है, जो कि वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है। पूंजीगत व्यय ₹11.22 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है, जबकि प्रभावी पूंजीगत व्यय ₹15.48 लाख करोड़ रहेगा। सरकार का अनुमानित सकल कर राजस्व ₹42.70 लाख करोड़ होगा, और सकल उधारी ₹14.01 लाख करोड़ निर्धारित की गई है।

वित्त विधेयक 2025 की प्रमुख घोषणाएँ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह विधेयक “विकसित भारत 2047” के दृष्टिकोण के अनुरूप है और कर स्थिरता सुनिश्चित करता है। इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • कर प्रावधानों का सरलीकरण कर व्यवसाय करने में सुगमता बढ़ाना।

  • व्यक्तिगत और व्यावसायिक करदाताओं के लिए अभूतपूर्व कर राहत उपाय

  • विदेशी संपत्तियों वाले करदाताओं से कर संग्रह बढ़ाने पर विशेष ध्यान।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं का आवंटन ₹5,41,850.21 करोड़ किया गया है, जो कि 2024-25 के ₹4,15,356.25 करोड़ की तुलना में अधिक है। इसी तरह, केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं को ₹16.29 लाख करोड़ का आवंटन मिला है, जो पिछले वित्त वर्ष के ₹15.13 लाख करोड़ से अधिक है।

बजट अनुमान (FY 2025-26)

सरकार ने बजट अनुमान को आर्थिक और रणनीतिक कारकों के आधार पर बढ़ाया है:

  • बाजार ऋण, ट्रेजरी बिल, बाहरी ऋण और भविष्य निधि पर ब्याज भुगतान में वृद्धि।

  • सशस्त्र बलों के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि।

  • रोजगार सृजन योजनाओं के लिए अतिरिक्त प्रावधान।

राज्य आवंटन और राजकोषीय घाटा

वित्त वर्ष 2025-26 में राज्यों को कुल ₹25,01,284 करोड़ का हस्तांतरण किया जाएगा, जिसमें राज्य शेयर कर हस्तांतरण, अनुदान/ऋण और केंद्र प्रायोजित योजनाएँ शामिल हैं। यह वित्त वर्ष 2023-24 की वास्तविक राशि से ₹4,91,668 करोड़ अधिक है।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा GDP का 4.4 प्रतिशत अनुमानित है, जो वर्तमान वित्त वर्ष के 4.8 प्रतिशत से कम है। इसके अलावा, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के संशोधित अनुमानों के अनुसार, भारत की GDP वित्त वर्ष 2025-26 में ₹3,56,97,923 करोड़ तक पहुँचने की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान ₹3,24,11,406 करोड़ से 10.1 प्रतिशत अधिक है।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? लोकसभा ने 25 मार्च 2025 को 35 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक 2025 पारित किया।
मुख्य संशोधन ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6% डिजिटल कर समाप्त।
कुल व्यय ₹50.65 लाख करोड़ (FY 2024-25 की तुलना में 7.4% वृद्धि)।
पूंजीगत व्यय ₹11.22 लाख करोड़ (प्रभावी पूंजीगत व्यय: ₹15.48 लाख करोड़)।
सकल कर राजस्व ₹42.70 लाख करोड़।
सकल उधारी ₹14.01 लाख करोड़।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए आवंटन ₹5,41,850.21 करोड़ (FY 2024-25 के ₹4,15,356.25 करोड़ से अधिक)।
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन ₹16.29 लाख करोड़ (FY 2024-25 के ₹15.13 लाख करोड़ से अधिक)।
राज्यों को संसाधन हस्तांतरण ₹25,01,284 करोड़ (FY 2023-24 की तुलना में ₹4,91,668 करोड़ अधिक)।
राजकोषीय घाटा 4.4% (FY 2024-25 के 4.8% से कम)।
FY 2025-26 के लिए GDP अनुमान ₹3,56,97,923 करोड़ (FY 2024-25 की तुलना में 10.1% वृद्धि)।
अगले कदम बजट प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्यसभा की मंजूरी।

बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस ने अंतरिक्ष मलबे को हटाने हेतु एस्ट्रोस्केल जापान के साथ साझेदारी की

बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस, एक बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष गतिशीलता कंपनी, ने जापान की एस्ट्रोस्केल के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी सक्रिय मलबा हटाने, उपग्रह सेवा प्रदान करने और कक्षा में सतत गतिशीलता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस सहयोग का उद्देश्य अंतरिक्ष स्थिरता को सुनिश्चित करना और पृथ्वी की कक्षा को स्वच्छ बनाए रखना है।

मुख्य बिंदु:

  • सहयोग के लक्ष्य: सक्रिय मलबा हटाने, उपग्रह सेवा और सतत कक्षीय गतिशीलता समाधान विकसित करना।
  • बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस: भारतीय अंतरिक्ष कंपनी, जो अपनी नवीन प्रणोदन (प्रोपल्शन) तकनीकों और अंतरिक्ष गतिशीलता समाधानों के लिए जानी जाती है।
  • एस्ट्रोस्केल जापान: अंतरिक्ष मलबा न्यूनीकरण में अग्रणी, जो जीवन विस्तार, अंतरिक्ष स्थिति जागरूकता और अंत-जीवन निपटान जैसी सेवाएं प्रदान करता है।
  • तकनीकी विशेषज्ञता: एस्ट्रोस्केल ने ELSA-d और ADRAS-J मिशनों के माध्यम से अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और JAXA, ESA, U.S. Space Force, UK Space Agency और Eutelsat OneWeb के साथ सहयोग किया है।
  • बेलाट्रिक्स की उपलब्धियां: पिछले वर्ष में तीन सफल अंतरिक्ष मिशन पूरे किए, जिसमें ग्रीन प्रोपल्शन और हॉल-इफेक्ट थ्रस्टर तकनीक को प्रमाणित किया।
  • बाजार विस्तार: यह साझेदारी बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस को जापानी अंतरिक्ष उद्योग में प्रवेश करने में सहायता करेगी।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में? बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस और एस्ट्रोस्केल जापान के बीच अंतरिक्ष मलबा हटाने के लिए साझेदारी
संबंधित कंपनियां बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस (भारत) और एस्ट्रोस्केल जापान
उद्देश्य अंतरिक्ष मलबा हटाने, उपग्रह सेवा और कक्षा में गतिशीलता को बढ़ावा देना
बेलाट्रिक्स की भूमिका सतत अंतरिक्ष संचालन के लिए प्रणोदन तकनीक विकसित और लागू करना
एस्ट्रोस्केल की भूमिका मलबा न्यूनीकरण, जीवन विस्तार और उपग्रह सेवा में विशेषज्ञता
प्रदर्शित तकनीक एस्ट्रोस्केल के ELSA-d और ADRAS-J मिशन; बेलाट्रिक्स की ग्रीन प्रोपल्शन और हॉल-इफेक्ट थ्रस्टर तकनीक
बाजार विस्तार बेलाट्रिक्स जापानी अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रवेश करेगा
प्रमुख साझेदार JAXA, ESA, U.S. Space Force, UK Space Agency, Eutelsat OneWeb

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत जन औषधि केंद्रों का विस्तार

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत पूरे भारत में 15,057 जन औषधि केंद्र (JAKs) खोले जा चुके हैं। यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने 28 फरवरी 2025 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के रूप में साझा की। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) का अवलोकन

PMBJP योजना को किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था। जन औषधि केंद्रों (JAKs) के माध्यम से ये दवाइयां ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम कीमत पर प्रदान की जाती हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो सकें।

भारत में जन औषधि केंद्रों की वर्तमान स्थिति

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 15,057 जन औषधि केंद्र विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्थापित किए गए हैं। राज्यवार वितरण के अनुसार, उत्तर प्रदेश 2,658 केंद्रों के साथ पहले स्थान पर है, इसके बाद केरल (1,528), कर्नाटक (1,425) और तमिलनाडु (1,363) हैं।

दवाइयों की आपूर्ति और वितरण सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम

सरकार ने जन औषधि केंद्रों पर दवाइयों की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली लागू की है, जिसमें शामिल हैं:

  • गुरुग्राम में एक केंद्रीय गोदाम।

  • बेंगलुरु, गुवाहाटी, चेन्नई और सूरत में चार क्षेत्रीय गोदाम।

  • पूरे भारत में 36 वितरक, जो आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करते हैं।

  • IT-सक्षम आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली, जो स्टॉक का कुशलता से प्रबंधन करती है।

  • 400 प्रमुख दवाओं की नियमित निगरानी।

  • 200 आवश्यक दवाओं का न्यूनतम स्टॉक अनिवार्य किया गया, जिनमें JAKs की शीर्ष 100 बेस्टसेलिंग दवाएं और बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली 100 दवाएं शामिल हैं।

  • JAK संचालकों को स्टॉक बनाए रखने के लिए प्रोत्साहन योजनाएं।

जन औषधि केंद्रों में दवाइयों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उपाय

सरकार दवाइयों की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कड़े प्रोटोकॉल का पालन करती है:

  • केवल WHO-GMP प्रमाणित निर्माताओं से दवाइयों की खरीद।

  • प्रत्येक बैच को NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही JAKs तक पहुंचाया जाता है।

  • भारतीय औषधि एवं चिकित्सा उपकरण ब्यूरो (PMBI) द्वारा नियमित गुणवत्ता ऑडिट।

  • निम्न गुणवत्ता वाली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए सख्त नियामक ढांचा।

जन औषधि केंद्रों का उद्यमिता मॉडल

JAKs एक उद्यमिता मॉडल पर काम करते हैं, जहां व्यक्तिगत उद्यमी स्थानीय मांग के अनुसार उत्पादों का स्टॉक तय करते हैं। यह मॉडल सुनिश्चित करता है कि आवश्यक दवाइयां वहां उपलब्ध हों, जहां उनकी सबसे अधिक जरूरत हो।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशवार जन औषधि केंद्रों का वितरण (28 फरवरी 2025 तक)

क्रम संख्या राज्य/केंद्र शासित प्रदेश खोले गए जन औषधि केंद्र (JAKs) की संख्या
1 अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 9
2 आंध्र प्रदेश 275
3 अरुणाचल प्रदेश 34
4 असम 170
5 बिहार 812
6 चंडीगढ़ 11
7 छत्तीसगढ़ 278
8 दिल्ली 492
9 गोवा 15
10 गुजरात 760
11 हरियाणा 408
12 हिमाचल प्रदेश 71
13 जम्मू और कश्मीर 318
14 झारखंड 148
15 कर्नाटक 1,425
16 केरल 1,528
17 लद्दाख 2
18 लक्षद्वीप 1
19 मध्य प्रदेश 545
20 महाराष्ट्र 708
21 मणिपुर 54
22 मेघालय 25
23 मिज़ोरम 15
24 नागालैंड 22
25 ओडिशा 682
26 पुडुचेरी 33
27 पंजाब 489
28 राजस्थान 486
29 सिक्किम 11
30 तमिलनाडु 1,363
31 तेलंगाना 199
32 दादरा और नागर हवेली और दमन और दीव 39
33 त्रिपुरा 28
34 उत्तर प्रदेश 2,658
35 उत्तराखंड 313
36 पश्चिम बंगाल 630

सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स की स्थापना की

उच्च शिक्षण संस्थानों में बढ़ते छात्र आत्महत्याओं के मामलों को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने छात्र मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स (NTF) का गठन किया है। कोर्ट ने इन घटनाओं के पीछे के कारणों को समझने और प्रभावी समाधान विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह निर्णय 2023 में दो IIT दिल्ली छात्रों की दुखद मौतों के बाद आया, जिससे अकादमिक तनाव, जातिगत भेदभाव और अन्य संस्थागत समस्याओं पर कार्रवाई की मांग उठी।

पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश जस्टिस एस. रविंद्र भट की अध्यक्षता में गठित यह टास्क फोर्स छात्र आत्महत्याओं के कारणों की जांच करेगी, मौजूदा नीतियों का विश्लेषण करेगी और मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सिफारिशें देगी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुख्य बिंदु:

  • NTF का गठन: छात्र मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की जांच और सुधारात्मक उपाय सुझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया।

  • अध्यक्ष एवं सदस्य: जस्टिस एस. रविंद्र भट इस टास्क फोर्स की अध्यक्षता करेंगे, जबकि उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय, विधि और महिला एवं बाल विकास मंत्रालयों के सचिव इसके पदेन सदस्य होंगे।

  • उद्देश्य:

    • छात्र आत्महत्याओं के मुख्य कारणों की पहचान करना।

    • मौजूदा कानूनी और संस्थागत व्यवस्थाओं की प्रभावशीलता का आकलन करना।

    • सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और आत्महत्याओं को रोकने के लिए सिफारिशें देना।

  • NTF की शक्तियां:

    • शैक्षणिक संस्थानों का औचक निरीक्षण करने का अधिकार।

    • आवश्यकता पड़ने पर अपने प्रारंभिक कार्यक्षेत्र से आगे जाकर अतिरिक्त उपाय सुझाने की स्वतंत्रता।

  • रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय-सीमा:

    • अंतरिम रिपोर्ट: चार महीने के भीतर।

    • अंतिम रिपोर्ट: आठ महीने के भीतर।

  • कानूनी निर्देश:

    • दिल्ली पुलिस को 2023 में IIT दिल्ली के दो छात्रों की मृत्यु से जुड़े मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश।

    • जांच एक ACP रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा कराई जाएगी।

  • जातिगत भेदभाव का मुद्दा:

    • कोर्ट ने जातिगत भेदभाव को छात्र आत्महत्याओं के महत्वपूर्ण कारणों में से एक माना।

    • पुलिस को SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत FIR दर्ज करने का निर्देश दिया गया।

  • छात्र आत्महत्याओं के आंकड़े (2018-2023):

    • IITs: 39

    • NITs: 25

    • केंद्रीय विश्वविद्यालय: 25

    • IIMs: 4

    • IISERs: 3

    • IIITs: 2

  • कानूनी पहलू:

    • कोर्ट ने पुलिस को आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 174 और धारा 154 के तहत अस्वाभाविक मृत्यु की जांच करने और आवश्यक FIR दर्ज करने का निर्देश दिया।

संजय सिंह UWW-एशिया ब्यूरो सदस्य चुने गए

भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW)-एशिया के ब्यूरो सदस्य के रूप में चुना गया है। यह चुनाव 24 मार्च 2025 को अम्मान, जॉर्डन में आयोजित UWW-एशिया जनरल असेंबली के दौरान हुआ। संजय सिंह ने कुल 38 में से 22 वोट हासिल किए, जो एशियाई कुश्ती समुदाय से उनके प्रति मजबूत समर्थन को दर्शाता है। उनका यह चुनाव भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उपस्थिति मजबूत होगी और एशिया में इस खेल के विकास को और गति मिलेगी।

चुनाव और समर्थन:

  • संजय सिंह को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW)-एशिया के ब्यूरो सदस्य के रूप में चुना गया।
  • यह चुनाव 24 मार्च 2025 को अम्मान, जॉर्डन में आयोजित UWW-एशिया जनरल असेंबली में हुआ।
  • उन्होंने 38 में से 22 वोट प्राप्त किए, जिससे उन्हें एशियाई कुश्ती समुदाय का मजबूत समर्थन मिला।

इस उपलब्धि का महत्व:

  • इस चुनाव से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रशासन में भारत की भागीदारी और उपस्थिति को मजबूती मिलेगी।
  • यह भारतीय कुश्ती की वैश्विक स्तर पर बढ़ती मान्यता और विकास को दर्शाता है।
  • इस पद के माध्यम से संजय सिंह को एशिया में कुश्ती के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए UWW-एशिया के साथ काम करने का अवसर मिलेगा।

बयान:

  • संजय सिंह ने इसे “भारतीय कुश्ती की बढ़ती मान्यता और विकास का प्रमाण” बताया।
  • WFI ने इसे “वैश्विक मंच पर भारतीय कुश्ती के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि” करार दिया।
समरी/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? संजय सिंह UWW-एशिया ब्यूरो सदस्य चुने गए
इवेंट UWW-एशिया जनरल असेंबली
स्थान अम्मान, जॉर्डन
पद UWW-एशिया ब्यूरो सदस्य
चुने गए व्यक्ति संजय सिंह (WFI अध्यक्ष)
प्राप्त वोट 38 में से 22
महत्व भारत की अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में उपस्थिति को मजबूत करता है और एशिया में इस खेल को बढ़ावा देता है

रिलायंस ने नौयान ट्रेडिंग का अधिग्रहण किया

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, रिलायंस स्ट्रैटेजिक बिजनेस वेंचर्स लिमिटेड (RSBVL) के माध्यम से नौयान ट्रेडिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (NTPL) का 100% अधिग्रहण किया है। यह सौदा वेलस्पन ट्रेडिंग्स लिमिटेड, जो वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड (WCL) की सहायक कंपनी है, के साथ मात्र ₹1 लाख में पूरा हुआ। इस अधिग्रहण के साथ, NTPL अब RIL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई है।

इसके अलावा, NTPL ने WCL के साथ एक शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत वह नौयान शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (NSPL) में 74% हिस्सेदारी ₹382.73 करोड़ में अधिग्रहित करेगा। यह अधिग्रहण 21 मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। यह कदम रिलायंस की शिपयार्ड संचालन को विस्तारित करने और नौसेना, रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

NSPL और दाहेज शिपयार्ड विस्तार:
NSPL दाहेज, गुजरात में स्थित है और रिलायंस के दाहेज विनिर्माण संयंत्र के पास 138 एकड़ पट्टे की भूमि पर कार्यरत है। इस भूमि का उपयोग नमक भंडारण, ब्राइन प्रीप्रेशन, इंजीनियरिंग फैब्रिकेशन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर्स के निर्माण के लिए किया जाएगा।

रिलायंस की शिपयार्ड विस्तार रणनीति:
जनवरी 2025 में, रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड को स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में पुनः ब्रांड किया गया, जिसे स्वान एनर्जी लिमिटेड ने अधिग्रहित किया था। यह अधिग्रहण भारत को नौसेना, रक्षा और तेल एवं गैस क्षेत्रों में भारी निर्माण क्षमताओं में विश्व की शीर्ष पांच देशों की सूची में शामिल करने की रिलायंस की योजना का हिस्सा है।

सुनील कुमार ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीता

भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने अम्मान, जॉर्डन में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में 87 किग्रा ग्रीको-रोमन वर्ग में कांस्य पदक जीता। सेमीफाइनल में ईरान के यासिन याज्दी से हारने के बाद, सुनील ने कांस्य पदक मुकाबले में चीन के जियाक्सिन हुआंग को हराकर शानदार वापसी की। 2019 में रजत पदक जीत चुके सुनील अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म को दोबारा हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव के खिलाफ 10-1 की प्रभावशाली जीत दर्ज की, जिसमें उन्होंने अपने सभी अंक दूसरे पीरियड में हासिल किए। हालांकि, सेमीफाइनल में ईरान के याज्दी ने उन्हें 3-1 से हराकर फाइनल में पहुंचने से रोक दिया।

मुख्य विशेषताएँ

सुनील कुमार का प्रदर्शन
भारतीय पहलवान सुनील कुमार ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में 87 किग्रा ग्रीको-रोमन वर्ग में कांस्य पदक जीता। कांस्य पदक मुकाबले में उन्होंने चीन के जियाक्सिन हुआंग को हराया। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव के खिलाफ 10-1 से शानदार जीत दर्ज की, लेकिन सेमीफाइनल में ईरान के यासिन याज्दी से 1-3 से हार गए।

अन्य भारतीय पहलवानों का प्रदर्शन

  • सागर ठाकरान (77 किग्रा): क्वालीफिकेशन बाउट जीती, लेकिन क्वार्टरफाइनल में जॉर्डन के अमरो सादेह से 0-10 से हार गए। उनका आगे बढ़ना सादेह के सेमीफाइनल प्रदर्शन पर निर्भर था।

  • उमेश (63 किग्रा): क्वालीफिकेशन दौर में बाहर हो गए।

  • नितिन (55 किग्रा) और प्रेम (130 किग्रा): शुरुआती दौर में ही हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गए।

सारांश/स्थिर विवरण
क्यों चर्चा में? सुनील कुमार ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप 2025 में कांस्य पदक जीता
सुनील कुमार (87 किग्रा) कांस्य पदक जीता (चीन के जियाक्सिन हुआंग को हराया)
क्वार्टरफाइनल ताजिकिस्तान के सुखरोब अब्दुलखाएव को 10-1 से हराया
सेमीफाइनल ईरान के यासिन याज्दी से 1-3 से हार गए
सागर ठाकरान (77 किग्रा) क्वालीफिकेशन बाउट जीती, लेकिन क्वार्टरफाइनल में जॉर्डन के अमरो सादेह से 0-10 से हार गए
उमेश (63 किग्रा) क्वालीफिकेशन दौर में बाहर हो गए
नितिन (55 किग्रा) शुरुआती दौर में बाहर हो गए
प्रेम (130 किग्रा) शुरुआती दौर में बाहर हो गए

एक्टर-डायरेक्टर मनोज भारतीराजा का निधन

तमिल अभिनेता और निर्देशक मनोज भारथीराजा, जो दिग्गज फिल्मकार भारथीराजा के पुत्र थे, का 25 मार्च 2025 को चेन्नई के चेटपेट स्थित आवास पर हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया। 48 वर्ष की आयु में उनके आकस्मिक निधन ने तमिल फिल्म उद्योग और उनके प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने हाल ही में बायपास सर्जरी करवाई थी, जिसके बाद उन्हें घातक हृदयाघात हुआ। मनोज अपने पीछे पत्नी अश्वथी (नंदना) और दो बेटियां अर्शिता और मथीवतनी को छोड़ गए हैं।

उनकी मृत्यु पर कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया और तमिल सिनेमा में उनके योगदान की सराहना की। संगीतकार इलैयाराजा ने इसे भारथीराजा और उनके परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया, जबकि अभिनेता-राजनेता सरथकुमार ने उन्हें प्रतिभाशाली अभिनेता और करीबी पारिवारिक मित्र बताते हुए उनके साथ फिल्म समुथिरम में बिताए पलों को याद किया।

मनोज भारथीराजा के जीवन और करियर की मुख्य बातें

व्यक्तिगत जानकारी

  • वे प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक भारथीराजा के पुत्र थे और एक फिल्मी परिवार में जन्मे थे।

  • निधन के समय वे 48 वर्ष के थे।

  • परिवार में उनकी पत्नी अश्वथी (नंदना) और बेटियां अर्शिता और मथीवतनी हैं।

मृत्यु का कारण

  • चेन्नई के चेटपेट स्थित अपने घर में हृदय गति रुकने से निधन।

  • हाल ही में उन्होंने बायपास सर्जरी करवाई थी।

अभिनय करियर

  • 1999 में अपने पिता द्वारा निर्देशित तमिल फिल्म ‘ताजमहल’ से अभिनय की शुरुआत की।

  • ‘समुथिरम’, ‘अल्ली अर्जुना’, ‘वरुषमेल्लम वसंथम’ जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएँ निभाईं।

  • अपने पिता की छवि से हटकर अपनी अलग पहचान बनाई।

निर्देशन करियर

  • अपने करियर के बाद के वर्षों में निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा।

श्रद्धांजलि और संवेदनाएँ

  • मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन: तमिल सिनेमा में उनके योगदान की सराहना की।

  • संगीतकार इलैयाराजा: इसे भारथीराजा परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया।

  • सरथकुमार: उन्हें प्रतिभाशाली अभिनेता और प्रिय मित्र बताया।

सारांश/स्थिर विवरण
क्यों चर्चा में? मनोज भारथीराजा का निधन: तमिल अभिनेता-निर्देशक को श्रद्धांजलि
अभिनय की शुरुआत ताजमहल (1999)
प्रसिद्ध फिल्में समुथिरम, अल्ली अर्जुना, वरुषमेल्लम वसंथम
अन्य करियर पहलू फिल्म निर्देशन में भी हाथ आजमाया
शोक संवेदनाएँ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, इलैयाराजा, सरथकुमार और अन्य हस्तियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की

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