हर वर्ष 30 जून को विश्व क्षुद्रग्रह दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पृथ्वी के निकट आने वाले खगोलीय पिंडों (NEOs), विशेष रूप से क्षुद्रग्रहों से उत्पन्न संभावित खतरों के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है। दिसंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक रूप से इस दिन को मान्यता दी थी।
तुंगुस्का घटना: प्रकृति की चेतावनी
30 जून, 1908 को रूस के साइबेरिया क्षेत्र में एक विशाल क्षुद्रग्रह (50–60 मीटर आकार का) वायुमंडल में फट गया।
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विस्फोट की शक्ति हिरोशिमा परमाणु बम से 185 गुना अधिक थी।
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लगभग 2,000 वर्ग किलोमीटर के जंगल नष्ट हो गए।
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यह इतिहास की सबसे बड़ी क्षुद्रग्रह विस्फोट घटना मानी जाती है।
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पहली वैज्ञानिक जांच 1927 में हुई, 19 साल बाद।
विश्व क्षुद्रग्रह दिवस की शुरुआत
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वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 जून को अंतरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस घोषित किया।
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यह प्रस्ताव एसोसिएशन ऑफ स्पेस एक्सप्लोरर्स द्वारा दिया गया था।
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उद्देश्य:
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क्षुद्रग्रहों के खतरे के प्रति जागरूकता
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क्षुद्रग्रह निगरानी और विक्षेपण (deflection) के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाना
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पहला खोजा गया क्षुद्रग्रह
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1801 में इतालवी खगोलविद ज्यूसेप्पे पियाज़ी ने Ceres नामक क्षुद्रग्रह की खोज की।
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इसे पहले एक ग्रह समझा गया था।
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Ceres अब भी मंगल और बृहस्पति के बीच क्षुद्रग्रह पट्टी का सबसे बड़ा पिंड है।
इतिहास की प्रमुख क्षुद्रग्रह घटनाएं
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चेल्याबिंस्क, रूस (2013): वायुमंडल में विस्फोट, 1,600 लोग घायल
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चिक्सुलब प्रभाव (66 मिलियन वर्ष पूर्व): डायनासोर के विलुप्त होने का कारण
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मेटिओर क्रेटर, एरिज़ोना: 1.2 किमी चौड़ा गड्ढा (50,000 वर्ष पूर्व)
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2008 TC3 (सूडान, 2008): टकराव से पहले पहचान गया पहला क्षुद्रग्रह
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सुलावेसी, इंडोनेशिया (2009): आकाश में विस्फोट, 50,000 टन TNT जितनी ऊर्जा
क्यों महत्वपूर्ण हैं क्षुद्रग्रह?
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ये सौरमंडल के प्रारंभिक समय के अवशेष हैं।
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जीवन की उत्पत्ति और ग्रहों की संरचना को समझने में मदद करते हैं।
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कुछ NEOs पृथ्वी की कक्षा को पार करते हैं — यदि अनदेखे रह जाएं, तो विनाशकारी हो सकते हैं।
DART मिशन: ग्रह सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर
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2022 में NASA ने DART मिशन लॉन्च किया, जिसने एक क्षुद्रग्रह से टकराकर उसकी दिशा बदली।
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यह पहली सफल कोशिश थी जिससे साबित हुआ कि क्षुद्रग्रह का रास्ता बदला जा सकता है।
2029: अंतरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह जागरूकता वर्ष
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संयुक्त राष्ट्र ने 2029 को अंतरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह जागरूकता और ग्रह सुरक्षा वर्ष घोषित किया है।
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इस वर्ष 99942 अपोफिस नामक क्षुद्रग्रह पृथ्वी से सिर्फ 32,000 किमी की दूरी से गुजरेगा — कुछ उपग्रहों से भी पास।
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यह 340 मीटर बड़ा है और यूरोप, अफ्रीका, पश्चिम एशिया में खाली आंखों से दिखाई देगा।