पुस्तक के बारे में:
जयशंकर पुस्तक में लिखते हैं कि भारत को एक ऐसे क्षेत्र में प्रभाव हासिल करने के लिए दृढ़ता से संघर्ष करना पड़ रहा है जो इससे पहले और अधिक आसानी से किया जा सकता था क्योंकि इसकी विदेश नीति में अतीत में “तीन बड़ी गलतियां” रही है। ये तीन गलतियाँ है:-
- 1947 के विभाजन ने देश को जनसंख्या और राजनीतिक, दोनों के लिहाज से छोटा कर दिया.
- आर्थिक सुधार में की गई देरी, जो चीन के बाद लगभग डेढ़ दशक बाद शुरू हुआ, चीन के 15 साल के अंतराल के बाद भी भारत अपने भारी नुकसान में है, जिसका कारण भारत के आर्थिक सुधारों में हुई देरी है.
- परमाणु विकल्प का संबंधी कवायद का लंबा होना, जिसके परिणामस्वरूप भारत को इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए पराक्रम के साथ संघर्ष करना पड़ा जो पूर्व में आसानी से किया जा सकता था.












