IFFI 2025: गोवा के मुख्‍यमंत्री ने फिल्‍म निर्माता के. वैकुंठ के सम्‍मान में स्‍मारक डाक टिकट जारी किया

भारतीय सिनेमा की विरासत को सम्मानित करने वाले इस भावपूर्ण क्षण में, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में वरिष्ठ सिनेमैटोग्राफर और फ़िल्ममेकर के. वैकुंठ के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। यह आयोजन पनजी, गोवा में हुआ और भारतीय सिनेमा में पाँच दशकों तक चले वैकुंठ के अमूल्य योगदान को औपचारिक रूप से श्रद्धांजलि दी गई।

भारतीय सिनेमा के दृश्य-शिल्पी: के. वैकुंठ

  • मुख्यमंत्री सावंत ने कार्यक्रम में कहा कि के. वैकुंठ “वे कलाकार थे जिनके कैमरे ने क्लासिक भारतीय सिनेमा की दृश्य-भाषा को आकार दिया।”
  • उन्होंने बताया कि वैकुंठ का काम केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था—उन्होंने भारतीय कहानी कहने की भव्यता और पात्रों की भावनात्मक गहराई दोनों को समान कुशलता से कैद किया।
  • उनकी सिनेमैटिक शैली चमकदार दृश्य सौंदर्य और मानवीय संवेदनाओं के संतुलन के लिए जानी जाती है।
  • गोवा के फिल्म-हब बनने से बहुत पहले ही वैकुंठ भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण पहचान बना चुके थे, जिससे उनका योगदान और भी ज्यादा अर्थपूर्ण हो जाता है।

‘गोवा मार्चेस ऑन’ की स्क्रीनिंग: एक भूली-बिसरी धरोहर

कार्यक्रम की भावनात्मक गहराई बढ़ाने के लिए के. वैकुंठ की 1977 की डॉक्यूमेंट्री ‘Goa Marches On’ की विशेष स्क्रीनिंग की गई।
फिल्म ने गोवा के सांस्कृतिक विकास के दौर को सूक्ष्म दृष्टि से दर्शाया, जिससे युवा दर्शकों और अनुभवी सिने-प्रेमियों को वैकुंठ की गहरी समझ और कलात्मक दृष्टि देखने का अवसर मिला।

यह डॉक्यूमेंट्री वैकुंठ के गोवा से गहरे जुड़ाव की भी याद दिलाती है—एक ऐसा प्रदेश जो आज विश्वस्तरीय फिल्म फेस्टिवल की मेजबानी करता है, पर कभी फिल्म दुनिया की मुख्यधारा से दूर था।

पाँच दशकों की रचनात्मक यात्रा: 35+ फ़िल्में और अनगिनत डॉक्यूमेंट्री

अपने 50+ सालों के करियर में के. वैकुंठ ने:

  • 35 से अधिक फीचर फिल्मों

  • अनेक विज्ञापनों

  • और कई डॉक्यूमेंट्री फिल्मों

पर काम किया।

वे इन प्रसिद्ध फिल्मों से जुड़े रहे:

  • मेरे अपने

  • बंधन

  • मौसम

  • राज़

  • परिचय

इन फिल्मों की व्यावसायिक सफलता से आगे, उनका सौंदर्यबोध और भावनात्मक गहराई वैकुंठ की सिनेमैटोग्राफी से और समृद्ध हुई।

एक महान कलाकार की विरासत

के. वैकुंठ का 9 फ़रवरी 2003 को निधन हुआ, परंतु उनकी कला आज भी नई पीढ़ी के फिल्मकारों को प्रेरित करती है। उनके सम्मान में जारी किया गया स्मारक डाक टिकट उनके योगदान की आधिकारिक और सांस्कृतिक मान्यता को दर्शाता है। IFFI जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह सम्मान अतीत की महान विरासत को वर्तमान की रचनात्मक आकांक्षाओं से जोड़ देता है—यही के. वैकुंठ की स्थायी धरोहर है।

भरतनाट्यम की मशहूर नृत्यांगना कुमारी कमला का निधन

भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया ने एक महान विभूति को खो दिया है। प्रसिद्ध भरतनाट्यम नर्तकी कुमारी कमला — जिन्हें कमला लक्ष्मीनारायणन या बेबी कमला के नाम से भी जाना जाता है — का 91 वर्ष की आयु में कैलिफोर्निया (अमेरिका) में निधन हो गया। एक बाल प्रतिभा से लेकर विश्वप्रसिद्ध कलाकार और अध्यापिका बनने तक की उनकी यात्रा भरतनाट्यम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। उनका जीवन भारतीय नृत्य परंपराओं के एक महत्वपूर्ण परिवर्तन — सदीर से भरतनाट्यम के रूपांतरण — का जीवंत प्रमाण था।

सदीर से भरतनाट्यम: नृत्य परंपरा का नवजागरण

  • कमला उन कुछ कलाकारों में थीं जो मंदिरों में प्रचलित सदीर नृत्य से लेकर मंच-उपयुक्त आधुनिक भरतनाट्यम के विकास की ऐतिहासिक प्रक्रिया की साक्षी रहीं।

  • प्रसिद्ध गुरु वझुवूर रमैय्या पिल्लै की शिष्या होने के कारण उन्होंने वझुवूर बानी की कोमलता, नज़ाकत, लयबद्धता और भावाभिव्यक्ति को उच्चतम स्तर तक साधा।

  • कमला के शुरुआती प्रदर्शनों ने उनकी लय पर अद्भुत पकड़, भावपूर्ण प्रस्तुतियों और मंच पर असाधारण नियंत्रण को उजागर किया।

करियर की महत्वपूर्ण झलकियाँ और वैश्विक प्रभाव

  • बहुत कम उम्र से नृत्य आरंभ करने के कारण उन्हें “बेबी कमला” के नाम से ख्याति मिली।

  • उन्होंने भारत और विदेशों में प्रतिष्ठित मंचों पर प्रदर्शन किए—विशेषकर नेहरू युग के सांस्कृतिक दौरों में वे भारत की सांस्कृतिक दूत बनीं।

  • जीवन के बाद के वर्षों में अमेरिका में बसकर उन्होंने नृत्य संस्थानों की स्थापना की और भारतीय प्रवासी समुदाय में भरतनाट्यम को लोकप्रिय बनाया।

  • भरतनाट्यम की शास्त्रीय शुद्धता और भावपूर्ण अभिव्यक्ति उनकी शैली की पहचान थी।

सम्मान और राष्ट्रीय पहचान

कुमारी कमला को उनकी अतुलनीय कला के लिए अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले:

  • पद्म भूषण (1970) — भारत का उच्च नागरिक सम्मान

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1968) — संगीत, नाटक और नृत्य के क्षेत्र का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान

  • US National Heritage Fellowship — अमेरिका में भारतीय नृत्य को बढ़ावा देने के लिए दिया गया सर्वोच्च सम्मान

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने सात दशकों से अधिक समय तक भरतनाट्यम के संरक्षण और प्रसार में अप्रतिम योगदान दिया।

उनकी विरासत का महत्व

  • उनका जाना केवल एक महान कलाकार का निधन नहीं, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक पुनर्जागरण के एक जीवित दस्तावेज़ का खो जाना है।

  • उन्होंने पारंपरिक और आधुनिक दोनों रूपों में भरतनाट्यम को नई ऊँचाइयाँ दीं।

  • अमेरिका में उनके कार्य ने भारतीय नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई।

  • एक गुरु के रूप में उन्होंने अनुशासन, तकनीक और नृत्य-भक्ति के मूल्य सिखाए और उनके शिष्य आज विश्वभर में उनके नाम को आगे बढ़ा रहे हैं।

मुख्य स्थिर तथ्य 

नाम: कमला लक्ष्मीनारायणन
लोकप्रिय नाम: कुमारी कमला / बेबी कमला
आयु: 91 वर्ष
निधन स्थान: कैलिफोर्निया, अमेरिका
प्रमुख गुरु: वझुवूर रमैय्या पिल्लै
नृत्य शैली: भरतनाट्यम (वझुवूर बानी)

प्रमुख पुरस्कार:

  • पद्म भूषण (1970)

  • संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1968)

प्रधानमंत्री मोदी ने विक्रम-I रॉकेट और स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का शुभारंभ किया

भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र को बड़ी गति देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 नवंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्काईरूट एयरोस्पेस के ‘इन्फिनिटी कैंपस’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कंपनी के पहले ऑर्बिटल लॉन्च व्हीकल विक्रम-I का भी अनावरण किया। यह क्षण न केवल स्काईरूट एयरोस्पेस के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, बल्कि भारत के उस विज़न के लिए भी महत्वपूर्ण है जिसमें स्टार्टअप और निजी कंपनियाँ वैश्विक अंतरिक्ष नवाचार के केंद्र में हों।

विक्रम-I: भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र का ऐतिहासिक कदम

  • विक्रम-I का नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है।

  • यह देश का पहला निजी तौर पर विकसित ऑर्बिटल रॉकेट है।

  • सबऑर्बिटल रॉकेटों के विपरीत, विक्रम-I छोटे उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थापित करने में सक्षम है, जो भारत को तेजी से बढ़ते वैश्विक सैटेलाइट लॉन्च बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बढ़त देता है।

  • यह उपलब्धि विक्रम-S (नवंबर 2022) की सफलता के बाद आई है, जो भारत का पहला निजी सबऑर्बिटल रॉकेट था।

स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस: भारत की अत्याधुनिक स्पेस सुविधा

  • हैदराबाद स्थित यह 2,00,000 वर्ग फुट का अत्याधुनिक परिसर लॉन्च व्हीकल के डिज़ाइन, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग—सभी प्रक्रियाओं के लिए तैयार है।

  • स्काईरूट का लक्ष्य है हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट का निर्माण करना, जिससे भारत की लॉन्च क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

  • यह सुविधा भारत की नई अंतरिक्ष नीति के अनुरूप निजी क्षेत्र की सहभागिता को बढ़ावा देती है।

पीएम मोदी का संदेश: भारत का भविष्य अंतरिक्ष में

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के युवा इंजीनियरों, कोडर्स और वैज्ञानिकों की नवाचार क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा—

“स्काईरूट का इन्फिनिटी कैंपस भारत की नई सोच, नवाचार और युवा शक्ति का प्रतीक है।”

उन्होंने बताया कि भारत में 300 से अधिक अंतरिक्ष स्टार्टअप अब देश के अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा और गति दे रहे हैं।

स्काईरूट की स्थापना और दृष्टि

  • स्काईरूट एयरोस्पेस की स्थापना पवन चंदना और भारत डाका ने की थी—दोनों IIT स्नातक और पूर्व ISRO वैज्ञानिक।

  • उनका मिशन है:

    • अंतरिक्ष तक पहुंच को सरल और सस्ती बनाना

    • लॉन्च लागत कम करना

    • लचीले और स्केलेबल लॉन्च सिस्टम विकसित करना

  • इन्फिनिटी कैंपस भविष्य में व्यावसायिक, वैज्ञानिक और रणनीतिक सभी प्रकार के मिशनों का केंद्र बनेगा।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

  • पीएम मोदी ने 27 नवंबर 2025 को स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस का उद्घाटन और विक्रम-I का अनावरण किया।

  • 2 लाख वर्ग फुट का यह केंद्र हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बना सकता है।

  • विक्रम-I भारत का पहला निजी ऑर्बिटल रॉकेट है; विक्रम-S के बाद अगला बड़ा कदम।

  • स्काईरूट की स्थापना ISRO वैज्ञानिक पवन चंदना और भारत डाका ने की।

  • भारत में अब 300+ स्पेस स्टार्टअप अंतरिक्ष क्षेत्र को नई गति दे रहे हैं।

CBDT ने ‘NUDGE’ कैंपेन शुरू किया

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने करदाताओं को आयकर रिपोर्टिंग में स्वैच्छिक अनुपालन (voluntary compliance) के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘NUDGE’ नामक नया जन-जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसका पूरा नाम है Non-intrusive Usage of Data to Guide and Enable, जिसका उद्देश्य बिना हस्तक्षेप किए उपलब्ध डेटा का उपयोग करके करदाताओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देना है। यह अभियान विशेष रूप से करदाताओं से अपने आयकर रिटर्न (ITR) की दोबारा समीक्षा और आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करने का आग्रह करता है, खासकर Schedule FA (Foreign Assets) और Foreign Source Income (FSI) के प्रकटीकरण से संबंधित विवरणों पर। यह कदम वैश्विक स्तर पर सीमा-पार लेनदेन और विदेशी संपत्ति रिपोर्टिंग पर बढ़ती निगरानी के बीच उठाया गया है, ताकि भारत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय पारदर्शिता मानकों के अनुरूप आगे बढ़ सके।

NUDGE अभियान क्या है?

NUDGE अभियान, जो तुरंत प्रभाव से शुरू किया गया है, एक डेटा-आधारित, गैर-हस्तक्षेपकारी (non-intrusive) अनुपालन पहल है। इसके तहत आयकर विभाग पहले से उपलब्ध और चिन्हित जानकारी का उपयोग करके करदाताओं को उनके दाखिल किए गए रिटर्न में संभावित गलतियों या छूटे हुए विवरणों की याद दिलाएगा। कल से CBDT करदाताओं को SMS और ईमेल अलर्ट भेजना शुरू करेगा, जिनमें उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे स्वेच्छा से अपने रिटर्न की सत्यापन, संशोधन या सुधार करें—और यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है: किसी भी कानूनी या दंडात्मक कार्रवाई से पहले करदाताओं को स्वयं-सुधार का अवसर देना।

मुख्य फोकस: विदेशी परिसंपत्तियाँ और आय

NUDGE अभियान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ITR में Schedule FA और FSI से संबंधित जानकारी की सटीकता बढ़ाना। इसमें शामिल हैं:

  • विदेशी बैंक खाते

  • विदेश में संपत्ति (property ownership)

  • विदेशी प्रतिभूतियाँ (securities), ट्रस्ट आदि

  • विदेशी स्रोतों से आय — जैसे निवेश, नौकरी या अन्य कमाई

यदि इन विवरणों में कोई गलती या कमी रहती है, तो करदाता पर Black Money (Undisclosed Foreign Income and Assets) Act, 2015 के तहत भारी दंड लग सकता है। इसलिए यह अभियान करदाताओं के लिए पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

अभियान का महत्व

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विदेशी आय और विदेशों में छिपाई गई संपत्तियों पर कर नियमों को काफी सख्त किया है।

CRS (Common Reporting Standard) जैसी वैश्विक सूचना-साझा व्यवस्था के तहत भारत को अब अन्य देशों से विस्तृत वित्तीय जानकारी स्वतः मिलती है।

NUDGE अभियान CBDT की टेक्नोलॉजी-आधारित, डेटा-ड्रिवन रणनीति का हिस्सा है, जहाँ फोकस तत्काल दंड की बजाय सहज और स्वैच्छिक अनुपालन पर है।

यह सरकार की उस नीति के अनुरूप है जिसमें अनुपालन को सरल, पारदर्शी और दबाव-रहित बनाया जा रहा है, ताकि राजस्व जवाबदेही बढ़े और प्रवर्तन बोझ कम हो।

करदाताओं को क्या करना चाहिए?

CBDT ने विशेष रूप से उन करदाताओं को सलाह दी है जिनके पास विदेशी संपत्तियाँ या विदेशी आय है कि वे—

  • अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर चेक करें

  • आयकर पोर्टल में लॉग इन करके अपने ITR की सभी जानकारी की दोबारा जाँच करें

  • यदि कोई गलती या अनुपालन कमी है, तो तुरंत ITR संशोधित (revised) करें

  • यह प्रक्रिया अगले महीने के अंत तक पूरी कर लें, ताकि किसी दंड या कानूनी कार्रवाई से बच सकें

ध्यान देने योग्य बात:
करदाता धारा 139(5) के तहत अपना रिटर्न संशोधित कर सकते हैं, बशर्ते यह समयसीमा के भीतर किया जाए और किसी जांच (scrutiny) की कार्यवाही शुरू न हुई हो।

Nominal GDP और Real GDP में क्या अंतर है?

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी देश के आर्थिक प्रदर्शन को मापने के लिए इस्तेमाल होने वाला सबसे महत्वपूर्ण सूचक है। लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में समानुपाती (Nominal) GDP और वास्तविक (Real) GDP से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इनके बीच का अंतर सरल भाषा में समझना बहुत उपयोगी है। यह लेख दोनों अवधारणाओं, उनके सूत्रों और मुद्रास्फीति (Inflation) के प्रभाव को समझाता है।

GDP क्या है? 

GDP किसी देश में एक वर्ष के दौरान उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को दर्शाता है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था कितनी बड़ी है और कितनी तेज़ी से बढ़ रही है। लेकिन जब कीमतें मुद्रास्फीति या अपस्फीति के कारण बदलती हैं, तो GDP मापना कठिन हो जाता है। यही वजह है कि Nominal GDP और Real GDP का उपयोग किया जाता है।

Nominal GDP क्या है?

Nominal GDP किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसकी गणना वर्तमान बाज़ार कीमतों पर की जाती है। यानी इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल होता है

मुख्य बिंदु

  • वर्तमान वर्ष की कीमतों से गणना की जाती है

  • आर्थिक वृद्धि दिखाता है, लेकिन उच्च मुद्रास्फीति के समय भ्रमित कर सकता है

  • कीमतें बढ़ने पर आमतौर पर अधिक दिखाई देता है

उदाहरण

यदि 2024 में एक देश 100 किलो चावल का उत्पादन करता है और कीमत ₹50 प्रति किलो है—
Nominal GDP = 100 × 50 = ₹5,000

यदि अगले वर्ष कीमत ₹60 हो जाती है और उत्पादन वही रहता है—
Nominal GDP = 100 × 60 = ₹6,000

यह वृद्धि उत्पादन नहीं, बल्कि कीमत बढ़ने के कारण है।

Real GDP क्या है?

Real GDP किसी देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसकी गणना एक स्थिर (base year) कीमत पर की जाती है। यानी इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव हटाया जाता है और वास्तविक उत्पादन वृद्धि दिखाई देती है।

मुख्य बिंदु

  • आधार वर्ष की कीमतों से गणना की जाती है

  • आर्थिक वृद्धि की अधिक सटीक तुलना करता है

  • अर्थशास्त्रियों और सरकारी एजेंसियों द्वारा पसंद किया जाता है

उदाहरण

उसी चावल उदाहरण में, यदि आधार वर्ष की कीमत ₹50 है—
Real GDP = 100 × 50 = ₹5,000 (दोनों वर्षों में)

कोई वृद्धि नहीं → क्योंकि उत्पादन में बदलाव नहीं हुआ।

Nominal GDP और Real GDP में अंतर

  1. कीमतों का प्रभाव

    • Nominal GDP: मुद्रास्फीति शामिल

    • Real GDP: मुद्रास्फीति हटाई जाती है

  2. सटीकता

    • Nominal GDP: उच्च मुद्रास्फीति में भ्रामक

    • Real GDP: वास्तविक आर्थिक वृद्धि दिखाता है

  3. उपयोगिता

    • Nominal GDP: वर्तमान आर्थिक आकार मापने के लिए

    • Real GDP: समय के साथ वास्तविक वृद्धि मापने के लिए

  4. सूत्र

    • Nominal GDP = मूल्य × मात्रा (वर्तमान वर्ष)

    • Real GDP = मूल्य × मात्रा (आधार वर्ष)

GDP Deflator क्या है?

Nominal GDP को Real GDP में परिवर्तित करने के लिए GDP Deflator का उपयोग किया जाता है।

सूत्र

GDP Deflator = (Nominal GDP / Real GDP) × 100

GDP Deflator यदि 100 से ऊपर हो → मतलब मुद्रास्फीति है।

परीक्षाओं में Real GDP क्यों अधिक महत्वपूर्ण है?

सरकारी परीक्षाएँ Real GDP पर ज़ोर देती हैं क्योंकि यह—

  • वास्तविक उत्पादन वृद्धि दिखाता है

  • कर, सब्सिडी, निवेश जैसी नीतियों के प्रभाव को मापने में मदद करता है

  • अर्थव्यवस्था के वास्तविक प्रदर्शन को दर्शाता है

Nominal GDP कीमत बढ़ने पर भी बढ़ सकता है, लेकिन Real GDP सच दिखाता है

भारत कौन-सा GDP उपयोग करता है?

भारत आर्थिक विकास मापने के लिए Real GDP को प्रमुख संकेतक मानता है।
वर्तमान आधार वर्ष: 2011–12

सारणी: Nominal GDP बनाम Real GDP

विशेषता Nominal GDP Real GDP
प्रयुक्त कीमतें वर्तमान कीमतें स्थिर (आधार वर्ष) कीमतें
मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल हटाया हुआ
सटीकता कम अधिक
उपयोग आर्थिक आकार मापने के लिए आर्थिक वृद्धि मापने के लिए

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार आईडीए के अध्यक्ष बने

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि के रूप में, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार वर्ष 2026 के लिए इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस (International IDEA) के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे। वह यह जिम्मेदारी 3 दिसंबर 2025 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आयोजित सदस्य देशों की परिषद की बैठक के दौरान औपचारिक रूप से ग्रहण करेंगे।

International IDEA क्या है?

International IDEA एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना 1995 में विश्वभर में लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के मूल उद्देश्य से की गई थी। इसका मुख्यालय स्टॉकहोम में स्थित है और इसके 35 सदस्य देश हैं, जिनमें भारत भी शामिल है, जबकि अमेरिका और जापान जैसे देश पर्यवेक्षक के रूप में जुड़े हैं।

इसके प्रमुख कार्यक्षेत्र शामिल हैं—

  • समावेशी और जवाबदेह लोकतंत्र को बढ़ावा देना

  • चुनावी प्रणाली सुधारों का समर्थन

  • विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (EMBs) के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना

  • दुष्प्रचार, मतदाता उदासीनता जैसी चुनौतियों का समाधान

भारत इस संगठन का संस्थापक सदस्य है और इसकी नीतियों एवं लोकतांत्रिक विकास एजेंडा को आकार देने में लगातार सक्रिय भूमिका निभाता रहा है।

भारत की अध्यक्षता का महत्व

लगभग एक अरब मतदाताओं के साथ, भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे जटिल चुनावी अभ्यास संचालित करता है। उसकी पारदर्शी प्रणालियाँ और व्यापक मतदाता सहभागिता वैश्विक मानकों के रूप में मानी जाती हैं।

अध्यक्ष के रूप में ज्ञानेश कुमार—

  • वर्ष 2026 के दौरान International IDEA की परिषद बैठकों की अध्यक्षता करेंगे

  • संगठन के वैश्विक एजेंडा को भारत के लोकतांत्रिक अनुभव के आधार पर दिशा देंगे

  • साक्ष्य-आधारित चुनावी सुधारों को बढ़ावा देंगे

  • सदस्य देशों के EMBs के बीच सहयोग को मजबूत करेंगे

यह केवल औपचारिक पद नहीं है, बल्कि भारत की चुनावी नवाचारों को विश्व मंच पर प्रदर्शित करने और डिजिटल चुनौतियों व दुष्प्रचार के दौर में वैश्विक लोकतांत्रिक सहयोग को गहरा करने का अवसर है।

वैश्विक चुनावी क्षमता निर्माण में भारत की भूमिका

भारत का चुनाव आयोग अपने प्रशिक्षण संस्थान IIIDEM (India International Institute of Democracy and Election Management) के माध्यम से विश्वभर में चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षित करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

मुख्य उपलब्धियाँ—

  • 142 देशों के 3,169 अधिकारियों का प्रशिक्षण

  • 28 देशों के साथ प्रशिक्षण एवं सहयोग के समझौते (MoUs)

  • International IDEA के साथ संयुक्त कार्यशालाएँ और शोध कार्यक्रम

ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में यह साझेदारी और भी मजबूत होने की उम्मीद है, जिसमें अधिक संरचित ज्ञान-साझाकरण, संयुक्त कार्यक्रम और भारत की चुनावी श्रेष्ठ प्रक्रियाओं का तकनीकी दस्तावेजीकरण शामिल होगा।

अध्यक्षता से जुड़े प्रमुख विवरण

  • अध्यक्ष: ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त, भारत

  • संगठन: International IDEA

  • कार्यकाल: पूरा कैलेंडर वर्ष 2026

  • कार्यभार ग्रहण तिथि: 3 दिसंबर 2025

  • स्थान: स्टॉकहोम, स्वीडन

  • भारत की स्थिति: संस्थापक सदस्य

  • सदस्य देश: 35 (ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका आदि)

स्थैतिक तथ्य

  • CEC नियुक्ति: ज्ञानेश कुमार

  • पद: अध्यक्ष, International IDEA (2026)

  • स्थापना वर्ष: 1995

  • मुख्यालय: स्टॉकहोम, स्वीडन

  • सदस्य देश: 35

  • पर्यवेक्षक: अमेरिका और जापान

जावोखिर सिंडारोव बने फिडे विश्व कप जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी

उजबेकिस्तान के जावोखिर सिंडारोव ने 26 नवंबर 2025 को चीन के वेई यी को हराकर फिडे विश्व कप जीत लिया। इससे वह 19 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। वेई यी ने सफेद मोहरों के साथ एक और आसान ड्रॉ खेला। लेकिन सिंडारोव ने दूसरे गेम में सफेद मोहरों से जीत दर्ज की।

लगभग एक माह तक चले इस टूर्नामेंट में 206 खिलाड़ियों ने भाग लिया और अद्भुत मुकाबलों, तकनीकी उत्कृष्टता और कई ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बना। इस जीत के साथ सिंदारोव सबसे कम उम्र के फ़िडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनने वाले खिलाड़ी बन गए।

2025 फ़िडे वर्ल्ड कप का सार

इस लंबे और चुनौतीपूर्ण टूर्नामेंट का अंतिम मुकाबला इन दो खिलाड़ियों के बीच हुआ:

  • वेई यी (2752) – चीन के नंबर 1 खिलाड़ी

  • जावोखिर सिंडारोव (2721) – उज़्बेकिस्तान के उभरते सितारे

दोनों खिलाड़ी कठिन राउंड्स, क्लासिकल खेलों और रोमांचक टाईब्रेकर से गुजरते हुए फाइनल तक पहुँचे।

मुख्य झलकियाँ

  • टूर्नामेंट की शुरुआत 1 नवंबर को 206 खिलाड़ियों के साथ हुई।

  • आंद्रेई एसिपेंको ने 2–0 की क्लासिकल जीत के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।

  • फाइनल के दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहे, जिसके बाद टाईब्रेकर खेले गए।

  • टाईब्रेकर में सिंदारोव ने 1½–½ से जीत दर्ज की।

फाइनल दिवस का माहौल

गोवा में आयोजित फाइनल में तनाव और उत्साह का अनोखा मिश्रण देखने को मिला।

विशेष बातें

  • उद्घाटन चाल: जी.एम. डिब्येंदु बरुआ (AICF के उपाध्यक्ष)

  • समापन समारोह की तैयारियाँ पहले से ही शुरू

  • खिलाड़ियों, प्रतिनिधियों और आयोजकों के लिए शानदार गाला डिनर

  • पूरी दुनिया के प्रशंसक निर्णायक खेल को लाइव देख रहे थे

टाईब्रेकर गेम 1

जावोखिर सिंडारोव ने सभी को चौंकाते हुए 1.d4 से शुरुआत की, जिससे रागोज़िन डिफेंस की संतुलित स्थिति बनी।

  • वेई यी ने 30…g5 की गंभीर गलती की।

  • जावोखिर सिंडारोव को जीत का मौका मिला पर वे सर्वश्रेष्ठ चाल नहीं ढूँढ पाए।

  • खेल ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

टाईब्रेकर गेम 2

दूसरा टाईब्रेकर “इटैलियन ओपनिंग” के साथ शुरू हुआ।

  • स्थिति अंत तक संतुलित रही।

  • समय संकट में दोनों खिलाड़ियों के पास केवल कुछ सेकंड बचे थे।

  • वेई यी ने जीत का मौका गंवाया और बाद में 57.Rxd4?? की बड़ी गलती कर बैठे।

  • जावोखिर सिंडारोव ने निर्णायक आक्रमण करते हुए जीत हासिल की।

जावोखिर सिंडारोव की ऐतिहासिक जीत

  • जावोखिर सिंडारोव ने इस जीत को अपने करियर का सबसे शानदार पल बताया।
  • वह उज़्बेकिस्तान के झंडे में लिपटे हुए अपने परिवार और समर्थकों के साथ जश्न मनाते दिखे।
  • यह जीत उनके युवा शतरंज करियर में एक विशाल उपलब्धि है।

टूर्नामेंट के यादगार क्षण

2025 वर्ल्ड कप कई अविश्वसनीय घटनाओं से भरा रहा:

शीर्ष हाइलाइट्स

  • जोसे मार्टिनेज ने नोडिरबेक अब्दुसत्तारोव को हराकर उलटफेर किया।

  • फ़्रेडरिक स्वाने ने विश्व चैंपियन गुकेश डी को मात दी।

  • दानिल डुबोव की 10 मिनट की वायरल तैयारी।

  • अर्जुन एरिगैसी की वेई यी के खिलाफ दर्दनाक टाईब्रेकर गलती।

  • 2026 फ़िडे कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तीन नए खिलाड़ी क्वालीफाई हुए।

आगे क्या?

वर्ल्ड कप समाप्त होने के बाद अब शतरंज प्रेमियों की निगाहें अगले बड़े आयोजन पर टिकी हैं:

आगामी चैंपियनशिप

  • 2025 फ़िडे रैपिड एवं ब्लिट्ज चैंपियनशिप

  • स्थान: दोहा, क़तर

  • तिथियाँ: 26–30 दिसंबर

तेज़ गति वाले रोमांचक मुकाबलों का इंतज़ार अब सभी कर रहे हैं।

टूर्नामेंट का महत्व

  • एक महीना—उलटफेर, शानदार खेल और नाटकीय मोड़ों से भरा

  • तीन नए कैंडिडेट्स क्वालिफ़ायर मिले

  • दोहा में होने वाली रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप की नींव रखी

IIGF 2025 : भारत इंटरनेट गवर्नेंस फोरम 27-28 नवंबर को नई दिल्ली में होगा आयोजित

इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (IIGF) 2025, जो भारत के अग्रणी बहु-हितधारक इंटरनेट नीति मंच का पाँचवाँ संस्करण है, 27–28 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। “समावेशी और सतत विकसित भारत के लिए इंटरनेट गवर्नेंस को आगे बढ़ाना” थीम के तहत आयोजित यह फ़ोरम भारत की डिजिटल इकोसिस्टम के भविष्य की दिशा तय करने के लिए विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाएगा। दो दिवसीय इस कार्यक्रम में नीति-निर्माताओं, तकनीकी उद्योग के नेताओं, शैक्षणिक शोधकर्ताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और वैश्विक डिजिटल संगठनों की भागीदारी होगी, जिससे यह भारत की डिजिटल गवर्नेंस में रुचि रखने वाले हर व्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन बन जाता है।

स्थल और प्रतिभागिता

पहला दिन: इंडिया हैबिटैट सेंटर, नई दिल्ली
दूसरा दिन: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली

फ़ोरम में इंटरनेट गवर्नेंस के तकनीकी, विनियामक (regulatory) और समुदाय-केंद्रित पहलुओं पर आधारित चार प्रमुख पैनल चर्चाएँ और बारह कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी।

कार्यक्रम का उद्घाटन श्री जितिन प्रसादा, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, श्री सुशील पाल, संयुक्त सचिव (MeitY), तथा डॉ. देशेश त्यागी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी (NIXI) द्वारा किया जाएगा।

IIGF 2025 की प्रमुख थीम्स

IIGF 2025 को भारत की डिजिटल प्राथमिकताओं और विकसित भारत @2047 के अनुरूप तीन महत्वपूर्ण उप-थीम्स के आधार पर संरचित किया गया है:

1. समावेशी डिजिटल भविष्य (Inclusive Digital Future)

इस ट्रैक में डिजिटल विभाजन को कम करने, इंटरनेट सेवाओं को सुलभ और किफायती बनाने तथा डिजिटल विकास में ग्रामीण, उपेक्षित और वंचित समुदायों को शामिल करने पर जोर दिया जाएगा।

2. लचीले और सतत विकास के लिए डिजिटल अवसंरचना

यह चर्चा मजबूत डिजिटल अवसंरचना—जैसे क्लाउड सिस्टम, डेटा सेंटर और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी—की भूमिका पर केंद्रित होगी, जो आर्थिक विकास, स्थिरता और आपदा-रोधी क्षमता को मजबूत करती है।

3. लोगों, ग्रह और प्रगति के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते उपयोग को ध्यान में रखते हुए, यह थीम AI के नैतिक, सुरक्षित और मानव-केंद्रित उपयोग पर केंद्रित होगी, ताकि यह विकास लक्ष्यों, पर्यावरणीय स्थिरता और डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा को समर्थन दे।

बहु-हितधारक संवाद मंच

2021 में स्थापित, IIGF संयुक्त राष्ट्र इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (UN IGF) का भारतीय अध्याय है। यह एक बहु-हितधारक मंच के रूप में विकसित किया गया है, जिसमें सरकार, उद्योग, नागरिक समाज, शैक्षणिक क्षेत्र और तकनीकी समुदाय की समान भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।

फ़ोरम का प्रबंधन 14 सदस्यीय आयोजन समिति द्वारा किया जाता है, जो भारत की डिजिटल नीति को आकार देने में विविध विशेषज्ञता और हितों का संतुलन दर्शाती है।

UN IGF, Meta, Google Cloud, CCAOI और भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों के वक्ता और विशेषज्ञ विभिन्न विषयों—डिजिटल समावेशन, साइबर सुरक्षा, AI विनियमन और गवर्नेंस ढांचे—पर विचार-विमर्श करेंगे।

स्थैतिक तथ्य 

  • कार्यक्रम: इंडिया इंटरनेट गवर्नेंस फ़ोरम (IIGF) 2025

  • तिथियाँ: 27–28 नवंबर 2025

  • स्थल:

    • दिन 1: इंडिया हैबिटैट सेंटर

    • दिन 2: इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली

  • थीम: “समावेशी और सतत विकसित भारत के लिए इंटरनेट गवर्नेंस को आगे बढ़ाना”

  • आयोजक: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) एवं NIXI

  • स्थापना वर्ष: 2021

MapmyIndia ने भारत के पहले स्वदेशी लोकेशन इंटेलिजेंस को पावर देने हेतु ज़ोहो CRM के साथ पार्टनरशिप की

MapmyIndia Mappls—जो देश की अग्रणी जियोस्पेशियल और मैपिंग कंपनी है—ने Zoho, भारत की सबसे सफल SaaS कंपनियों में से एक, के साथ साझेदारी की है। इस सहयोग का उद्देश्य Zoho CRM में उन्नत लोकेशन इंटेलिजेंस सुविधाओं को सीधे एकीकृत करना है।

यह साझेदारी भारत का पहला पूर्णतः स्वदेशी CRM–जियोस्पेशियल इंटीग्रेशन है, जो भारतीय व्यवसायों को स्मार्ट, सुरक्षित और लोकेशन-आधारित निर्णय लेने की नई क्षमता प्रदान करेगा। यह कदम आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) मिशन की दिशा में एक मजबूत योगदान भी है।

लोकेशन इंटेलिजेंस के साथ बेहतर CRM अनुभव

इस सहयोग के तहत Zoho CRM उपयोगकर्ता अब MapmyIndia की शक्तिशाली लोकेशन-आधारित सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे, जैसे—

  • एड्रेस कैप्चर: कस्टमर एड्रेस को ऑटोमैटिकली वेरिफाई और जियो-लोकेट करने के लिए
  • आस-पास लीड फाइंडर: मौजूदा कस्टमर्स के आस-पास नए सेल्स प्रॉस्पेक्ट्स की पहचान करने के लिए
  • लोकेशन विज़ुअलाइज़ेशन: यूज़र्स को मैप पर कस्टमर स्प्रेड देखने में मदद करता है
  • सेल्स रूट ऑप्टिमाइज़ेशन: फील्ड टीमों को सबसे कुशल सेल्स रूट प्लान करने में मदद करता है

इन सुविधाओं से Zoho CRM सिर्फ डेटा प्रबंधन उपकरण नहीं, बल्कि एक जियो-स्मार्ट सेल्स इंजन बन जाता है जो बिक्री टीमों की दक्षता को कई गुना बढ़ाता है।

यह साझेदारी क्यों महत्वपूर्ण है?

यह सहयोग भारतीय तकनीकी पारिस्थितिकी में कई कारणों से विशेष है:

  • भारत की टेक संप्रभुता (Tech Sovereignty) को मजबूत करता है
    – विदेशी जियोस्पेशियल APIs और CRM समाधानों पर निर्भरता कम होगी।

  • पूरी तरह स्वदेशी लोकेशन इंटेलिजेंस समाधान
    – डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और स्थानीय उपयुक्तता सुनिश्चित।

  • स्टार्टअप्स, MSMEs और बड़े उद्यमों के लिए वरदान
    – बेहतर सेल्स प्लानिंग, लीड खोज, डिलीवरी और फील्ड ऑपरेशंस में बड़ी मदद।

  • भारतीय SaaS और जियोस्पेशियल उद्योगों के बीच सामंजस्य का मॉडल
    – आने वाले वर्षों में ऐसी घरेलू साझेदारियों को प्रेरित करेगा।

यह साझेदारी देश में SaaS + Geospatial convergence का नया मानक स्थापित करती है।

स्टैटिक फैक्ट्स 

तथ्य विवरण
घोषणा की तारीख 26 नवंबर 2025
साझेदारी MapmyIndia Mappls × Zoho CRM
मुख्य फीचर्स Address Capture, Nearby Lead Finder, Route Optimisation, Location Visualisation
प्रमुख उपयोग क्षेत्र सेल्स प्लानिंग, लीड खोज, ग्राहक पते का सत्यापन
तकनीकी फोकस जियोस्पेशियल + CRM इंटीग्रेशन
मुख्य नेता राकेश वर्मा (MapmyIndia), मणी वेंबू (Zoho)

डिजिटल कनेक्शन विशाखापत्तनम में AI डेटा सेंटर में $11 बिलियन का निवेश करेगा

डिजिटल कनेक्शन—जो ब्रूकफ़ील्ड, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ और डिजिटल रियल्टी का संयुक्त उद्यम है—उन्होंने 26 नवंबर 2025 को 11 अरब डॉलर के निवेश से 1 गीगावॉट (GW) क्षमता वाला AI-नेटिव डेटा सेंटर कैंपस विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में स्थापित करने का निर्णय लिया। यह परियोजना 2030 तक पूरी होने की योजना के साथ भारत के सबसे बड़े डिजिटल अवसंरचना प्रोजेक्ट्स में से एक मानी जा रही है।

परियोजना में क्या शामिल है?

400 एकड़ में फैले इस विशाल AI डेटा कैंपस को विशेष रूप से AI वर्कलोड के लिए डिजाइन किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक कंप्यूटिंग तकनीकें शामिल होंगी, जैसे—

  • GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स)

     

  • TPU (टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स)
  • अन्य उन्नत AI प्रोसेसर

यह घोषणा CII पार्टनरशिप समिट 2025 में की गई, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, IT मंत्री नारा लोकेश और रिलायंस के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर पी. एम. एस. प्रसाद उपस्थित थे।

परियोजना की प्रमुख विशेषताएँ:

  • हाई-डेंसिटी AI इन्फ्रास्ट्रक्चर

  • AI-नेटिव ऑपरेशनों के लिए मॉड्यूलर और स्केलेबल डिज़ाइन

  • उन्नत सबस्टेशनों के साथ बैकअप पावर सिस्टम

  • अत्याधुनिक कूलिंग तकनीक और नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग

यह विकास Google द्वारा हाल में घोषित 15 अरब डॉलर की AI डेटा सेंटर परियोजना के तुरंत बाद सामने आया है, जो आदानीकनेक्‍स और एयरटेल के साथ विशाखापत्तनम में स्थापित की जा रही है। ये घटनाएँ विशाखापत्तनम को भारत की नई डिजिटल राजधानी के रूप में उभरते हुए दिखाती हैं।

रणनीतिक महत्व — क्यों चुना गया विशाखापत्तनम?

भारत के पूर्वी तट पर स्थित विशाखापत्तनम अब तेजी से नेक्स्ट-जनरेशन डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रमुख केंद्र बन रहा है। इसके प्रमुख कारण:

  • कम लेटेंसी वाली विश्वसनीय कनेक्टिविटी

  • अंतरराष्ट्रीय सबसी केबल नेटवर्क की उपलब्धता

  • स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों तक पहुँच

इन कारणों से यह शहर AI-आधारित कंप्यूटिंग के लिए एक आदर्श स्थान बन गया है।

डिजिटल कनेक्शन और Google की परियोजनाएँ:

  • आंध्र प्रदेश को AI प्रौद्योगिकी हब में बदल देंगी

  • भारत के डिजिटल परिवर्तन को गति देंगी

  • IT, इन्फ्रास्ट्रक्चर और संबंधित क्षेत्रों में हजारों नौकरियाँ उत्पन्न करेंगी

  • विकसित भारत 2047 विज़न को समर्थन देंगी

भारत में डिजिटल कनेक्शन की बढ़ती मौजूदगी

डिजिटल कनेक्शन भारत में पहले से ही:

  • चेन्नई में एक डेटा सेंटर कैंपस संचालित करता है

  • मुंबई के चांदीवली में एक नया कैंपस निर्माणाधीन है

विशाखापत्तनम परियोजना भारत में उनका सबसे बड़ा केंद्र होगा, जो कंपनी की AI-उन्मुख डिजिटल अर्थव्यवस्था को समर्थन देने की प्रतिबद्धता दर्शाता है।

Google की $15 अरब परियोजना का पूरक

अक्टूबर 2025 में Google ने आंध्र प्रदेश सरकार के साथ मिलकर एक 1 GW AI डेटा सेंटर स्थापित करने की घोषणा की थी—जो अमेरिका के बाहर Google का सबसे बड़ा निवेश है। यह परियोजना आदानीकनेक्‍स के साथ साझेदारी में विकसित की जा रही है और AI कंप्यूटिंग की अत्यधिक मांग को पूरा करेगी।

स्थिर तथ्य 

श्रेणी विवरण
कंपनी डिजिटल कनेक्शन
संयुक्त उद्यम ब्रूकफ़ील्ड, रिलायंस इंडस्ट्रीज़, डिजिटल रियल्टी
निवेश राशि 11 अरब डॉलर
स्थान विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश
परियोजना क्षमता 1 GW AI-नेटिव डेटा सेंटर (400 एकड़)
लक्ष्य पूर्णता 2030
तकनीक GPU, TPU, AI प्रोसेसर समर्थित

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