विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2025: जानें इस दिन का इतिहास और महत्व

हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour Date) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद दुनिया भर में बच्चों से काम करवाने की समस्या पर ध्यान खींचना और इसे खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। 2025 की थीम है: “प्रगति स्पष्ट है, लेकिन अभी और काम करना बाकी है: आइए प्रयासों में तेजी लाएं”। यह थीम अब तक हुई उपलब्धियों को स्वीकार करती है, लेकिन इस बात पर भी ज़ोर देती है कि बाल श्रम को समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयासों में तेजी लाना बेहद आवश्यक है, क्योंकि 2024 में 138 मिलियन (13.8 करोड़) बच्चे अब भी बाल श्रम में लगे हुए थे।

समाचार में क्यों?

  • 12 जून 2025 को बाल श्रम के विरुद्ध विश्व दिवस की 21वीं वर्षगांठ मनाई गई।

  • इस दिवस की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने वर्ष 2002 में की थी।

  • 2025 की थीम यह स्पष्ट करती है कि प्रगति हो रही है, लेकिन बाल श्रम को पूरी तरह समाप्त करने के लिए वैश्विक प्रयासों में तेजी ज़रूरी है।

2025 की थीम

“प्रगति स्पष्ट है, लेकिन अभी और करना बाकी है: आइए हम अपने प्रयासों को तेज़ करें!”
इसका उद्देश्य है:

  • बाल श्रम में कमी को पहचानना।

  • इसे पूर्णतः समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रयासों को पुनः समर्पित करना।

  • संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (SDG) 8.7 के साथ तालमेल बनाना।

इस दिन के उद्देश्य

  • बाल श्रम के शोषण के प्रति वैश्विक जागरूकता फैलाना।

  • बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और बचपन का अधिकार दिलाने की वकालत करना।

  • गरीबी से प्रभावित विकासशील देशों में बाल श्रम की चुनौतियों को उजागर करना।

  • सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और आम नागरिकों को नीति-निर्माण और क्रियान्वयन में भागीदारी के लिए प्रेरित करना।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • प्रथम आयोजन: 12 जून 2002

  • आरंभकर्ता: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)

  • मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड

  • 2025 में वर्षगांठ: 21 वर्ष पूर्ण

वैश्विक और भारतीय संदर्भ

  • 2024 में: विश्व स्तर पर 138 मिलियन बच्चे बाल श्रम में शामिल पाए गए।

  • भारत में बाल श्रम से निपटने के उपाय:

    • राष्ट्रीय बाल श्रम नीति (1987)

    • बाल श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2016

    • प्रभावित बच्चों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम

    • शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act), 2009 के तहत मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा

इस दिवस का महत्व

  • बचपन एक अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं।

  • यह दिन एक वैश्विक नैतिक और कानूनी चेतावनी के रूप में कार्य करता है।

  • यह प्रयासों को बढ़ाता है:

    • गरीबी और शिक्षा की कमी जैसी जड़ों से लड़ने के लिए।

    • श्रम कानूनों के कड़े प्रवर्तन के लिए।

    • प्रभावित बच्चों के लिए पुनर्वास और पुनर्समावेशन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए।

    • बच्चों के पोषण, सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर ज़ोर देने के लिए।

भारत में ITU की FG-AINN बैठक: AI-नेटिव टेलीकॉम नेटवर्क का भविष्य तय करने की दिशा

भारत ने वैश्विक दूरसंचार नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाते हुए 11 से 13 जून 2025 तक नई दिल्ली में तीसरी अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU-T) की एआई-नेटिव दूरसंचार नेटवर्क पर केंद्रित फोकस ग्रुप (FG-AINN) की बैठक की मेज़बानी की। यह आयोजन दूरसंचार विभाग (DoT) के अधीन टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) द्वारा आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि भविष्य के दूरसंचार नेटवर्क कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को एक सहायक नहीं, बल्कि एक मूलभूत तत्व के रूप में अपनाकर कैसे कार्य करेंगे। यह एक बुद्धिमान, अनुकूली और स्वायत्त संचार प्रणाली की दिशा में वैश्विक प्रयासों में भारत की प्रमुख भूमिका को दर्शाता है।

समाचार में क्यों?

  • तीसरी FG-AINN बैठक की शुरुआत 11 जून 2025 को नई दिल्ली में हुई।

  • भारत ने ITU Plenipotentiary Conference 2030 (PP-30) की मेज़बानी का प्रस्ताव रखा।

  • श्रीमती एम. रेवती को ITU रेडियोकम्युनिकेशन ब्यूरो (2027–2030) की निदेशक पद हेतु पहली महिला और क्षेत्रीय उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया।

  • Build-a-Thon 2025 के ज़रिए वास्तविक समय में एआई-आधारित टेलीकॉम समाधानों के सह-निर्माण को बढ़ावा दिया गया।

  • चर्चाओं में शामिल विषय: फेडरेटेड लर्निंग, 6G उपयोग, AI एजेंट, और टेलीकॉम में चेहरे की पहचान तकनीक

प्रमुख उद्देश्य

  • दूरसंचार संरचना का पुनर्निर्माण: नेटवर्क के मूल में AI को एकीकृत करके स्व-इष्टतम और लचीले नेटवर्क बनाना।

  • वैश्विक सहयोग को बढ़ावा: भविष्य के लिए तैयार दूरसंचार नवाचारों और मानकों पर साझेदारी।

  • नैतिक AI उपयोग को सुनिश्चित करना: समावेशी, व्याख्यात्मक, और डिजिटल संप्रभुता का सम्मान करने वाला एआई विकास।

प्रमुख बिंदु

आयोजनकर्ता:

टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC), दूरसंचार विभाग (DoT)।

उद्घाटन भाषण:

श्री संजीव बिदवई ने 3GPP मानकों, Bharat Gen LLM, और C-DOT नवाचारों में एआई की भूमिका को रेखांकित किया।

वैश्विक भागीदारी:

  • Seizo Onoe, निदेशक, ITU टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन ब्यूरो।

  • Atsuo Okuda, क्षेत्रीय निदेशक, ITU एशिया-प्रशांत।

  • उद्योग प्रतिनिधि और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी।

भारत की रणनीतिक घोषणाएँ

  • PP-30 सम्मेलन (2030) की मेज़बानी का प्रस्ताव।

  • ITU काउंसिल के लिए नामांकन (2027–2031 कार्यकाल)।

  • एम. रेवती को ITU रेडियोकम्युनिकेशन ब्यूरो की निदेशक पद के लिए नामांकित किया गया — इस पद पर नामांकित होने वाली पहली महिला व क्षेत्रीय उम्मीदवार।

FG-AINN (AI-Native Networks फोकस ग्रुप) के बारे में

  • स्थापना: जुलाई 2024, ITU-T स्टडी ग्रुप 13 द्वारा।

  • मुख्य कार्य:

    • नेटवर्क कोर में AI को एम्बेड करने के लिए आर्किटेक्चर पुनः डिज़ाइन करना।

    • स्मार्ट सिटी, हेल्थकेयर, आपदा-जागरूक प्रणालियों जैसे एप्लिकेशनों का विकास।

    • कॉल ड्रॉप्स, नेटवर्क लेटेंसी और रीयल-टाइम अनुकूलन जैसी चुनौतियों का समाधान।

यह बैठक भारत की AI और दूरसंचार तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की आकांक्षा और Viksit Bharat@2047 लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

केंद्र ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिए कच्चे खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क घटाया

महंगाई नियंत्रण और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेल सहित प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क (Basic Customs Duty) को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। यह निर्णय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य खुदरा कीमतों में गिरावट लाना, घरेलू रिफाइनिंग को प्रोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि इसका लाभ उपभोक्ताओं और किसानों — दोनों तक पहुंचे।

समाचार में क्यों?

सरकार ने प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर सीमा शुल्क को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। यह कदम आयात लागत को कम करेगा, खुदरा कीमतों को नियंत्रित करेगा और देश में खाद्य तेल बाजार को स्थिर बनाने में मदद करेगा। सरकार ने सभी संबंधित पक्षों को परामर्श जारी किया है ताकि उपभोक्ताओं को इसका सीधा लाभ मिले।

इस कदम के उद्देश्य

  • खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों को कम करना।

  • आयातित कच्चे तेल की “लैंडेड कॉस्ट” घटाना।

  • रिफाइंड तेल पर शुल्क अंतर बढ़ाकर घरेलू रिफाइनिंग को बढ़ावा देना

  • किसानों को समर्थन और बाजार में निष्पक्ष मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करना।

  • खाद्य महंगाई को कम करना।

प्रमुख बिंदु

सीमा शुल्क में कटौती

  • 20% से घटाकर 10%

  • सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेल पर लागू।

नया शुल्क अंतर 

  • कच्चे और रिफाइंड तेल के बीच शुल्क अंतर 8.75% से बढ़ाकर 19.25% किया गया।

  • इससे देश में रिफाइनिंग अधिक लाभदायक होगी।

अपेक्षित प्रभाव

  • खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में गिरावट।

  • घरेलू रिफाइनर्स और उद्योग को प्रोत्साहन।

  • महंगाई से जूझ रहे परिवारों को राहत।

पृष्ठभूमि

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक देशों में से एक है।

  • घरेलू खपत का बड़ा हिस्सा आयात से पूरा होता है।

  • वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं घरेलू कीमतों को प्रभावित कर रही थीं।

सरकार के पूर्व कदम:

  • जमाखोरों पर स्टॉक लिमिट लगाना।

  • वैश्विक कीमतों की निगरानी।

  • तिलहन खेती को प्रोत्साहित करना।

उद्योग और नीति प्रतिक्रिया

सलाह जारी:

  • तेल संघों और व्यापारियों को लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए निर्देश।

किसानों की सुरक्षा:

  • कच्चे और रिफाइंड तेलों पर शुल्क अंतर बनाए रखने से आयातित रिफाइंड तेल का डंपिंग नहीं होगा।

  • घरेलू मूल्यवर्धन (value addition) और पैकेजिंग को बढ़ावा मिलेगा।

ICG ने केरल तट के पास बहते मालवाहक जहाज में लगी आग पर काबू पाया

एक उच्च-दांव वाले समुद्री ऑपरेशन में, भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने सिंगापुर के कंटेनर जहाज एमवी वान हाई 503 पर लगी भीषण आग को बुझाने के लिए अग्निशमन और बचाव कार्य तेज कर दिया है, जो 9 जून 2025 से केरल तट से खतरनाक तरीके से भटक रहा है। 2,100 मीट्रिक टन से अधिक ईंधन और खतरनाक माल से लदा यह जहाज गंभीर पर्यावरणीय और नौवहन जोखिम पैदा करता है, क्योंकि यह भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में है।

समाचार में क्यों?

9 जून को MV Wan Hai 503, एक सिंगापुर-ध्वजधारी कंटेनर जहाज, पर भीषण आग लग गई। यह जहाज केरल के बेपुर तट के समीप दक्षिण-पूर्व दिशा में भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में बहता हुआ पाया गया, और जहाज के भीतरी हिस्सों में अब भी आग सक्रिय है। इस संकट से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने जहाजों, विमानों और हेलीकॉप्टरों की मदद से एक बड़े स्तर का बचाव और अग्निशमन अभियान शुरू किया है। यह घटना भारत द्वारा अपने समुद्री सुरक्षा ढांचे और पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति बढ़ती गंभीरता को दर्शाती है।

घटना का स्वरूप

  • घटना की तिथि: 9 जून 2025

  • जहाज का नाम: MV Wan Hai 503

  • ध्वज: सिंगापुर

  • वर्तमान स्थिति: केरल के बेपुर तट से दक्षिण-पूर्व दिशा में लगभग 42 नौटिकल मील दूर बहता हुआ

  • स्थिति: जहाज में आग अब भी भीतरी डेक में सक्रिय, विशेषकर ईंधन टैंकों के पास

जहाज में मौजूद सामग्री

  • ईंधन: 2,128 मीट्रिक टन

  • कंटेनर: सैकड़ों कंटेनर, जिनमें खतरनाक रसायन और पदार्थ शामिल हैं

ICG की प्रतिक्रिया और बचाव अभियान

  • कर्मियों की तैनाती:

    • 5 बचाव विशेषज्ञ

    • 1 एयरक्रू डाइवर, जिन्हें हेलीकॉप्टर द्वारा जहाज पर उतारा गया

  • अग्निशमन संसाधन:

    • 5 भारतीय तटरक्षक पोत

    • 2 डोर्नियर विमान

    • 1 हेलीकॉप्टर

  • सहयोग:

    • नौवहन महानिदेशालय (DG Shipping)

    • भारतीय वायुसेना से सहायता का अनुरोध

अग्नि की स्थिति

  • बाहरी हिस्सों में आग काबू में

  • धुएँ की मात्रा अब भी कंटेनरों में बनी हुई

  • भीतरी डेक, विशेषकर ईंधन टैंक क्षेत्र में आग बनी हुई है

रोकथाम और नियंत्रण उपाय

  • टोव लाइन (Towline) स्थापित की गई है ताकि जहाज को खींचकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा सके

  • निरंतर निगरानी की जा रही है

  • अंतरराष्ट्रीय समन्वय की संभावना, यदि स्थिति और बिगड़ती है

  • बहुराष्ट्रीय प्रतिक्रिया (Multinational Response) की तैयारी पर विचार

भारत के वस्त्र निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पहली टास्क फोर्स बैठक आयोजित

वाणिज्य मंत्रालय ने 10 जून 2025 को वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल की अध्यक्षता में वाणिज्य भवन, दिल्ली में वस्त्र निर्यात पर टास्क फोर्स की पहली बैठक आयोजित की। यह पहल क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करके, एकीकृत रणनीति तैयार करके और हितधारकों के बीच सहयोग सुनिश्चित करके वस्त्र निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा एक रणनीतिक कदम है। बैठक में शीर्ष अधिकारी, निर्यातक और विभिन्न वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों और उद्योग संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

समाचार में क्यों?

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 10 जून 2025 को वस्त्र निर्यात पर गठित कार्यबल की पहली बैठक वाणिज्य सचिव श्री सुनील बार्थवाल की अध्यक्षता में वाणिज्य भवन, दिल्ली में आयोजित हुई। इसका उद्देश्य भारत के वस्त्र निर्यात को बढ़ावा देना, क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करना, और सभी हितधारकों के सहयोग से समेकित रणनीतियाँ बनाना है।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • वस्त्र निर्यात क्षेत्र में मुद्दों के समाधान के लिए एकीकृत मंच का निर्माण।

  • मंत्रालयों, निर्यात संवर्धन परिषदों (EPCs) और उद्योग संगठनों की साझेदारी को बढ़ावा देना

  • भारत की वैश्विक वस्त्र निर्यात हिस्सेदारी बढ़ाने हेतु रणनीतिक और व्यावहारिक नीतिगत सुझावों का निर्माण।

प्रमुख चर्चित मुद्दे

सततता और ESG (Environmental, Social, Governance)

  • उत्पादन में ESG ढांचे को उन्नत करना।

  • नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर जोर।

नियामकीय चुनौतियाँ

  • यूरोपीय संघ वनों की कटाई नियमन (EUDR) का अनुपालन।

  • नियामकीय ढांचे को सरल बनाना।

ई-कॉमर्स और ब्रांडिंग

  • वस्त्र निर्यात के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों को सशक्त बनाना।

  • भारतीय वस्त्र उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग को मजबूत करना।

प्रस्तावित समर्थन उपाय

  • ब्याज सहायता योजनाओं का विस्तार।

  • प्रमाणीकरण और परीक्षण सुविधाओं को बढ़ावा।

  • MSME निर्यातकों को जमानत सहायता

प्रोत्साहन योजनाएं

  • RoDTEP, RoSCTL, और ड्यूटी ड्रॉबैक से जुड़े मुद्दे।

  • पीएम मित्रा (PM MITRA) पार्कों का महत्व।

रेशा और उत्पाद नवाचार

  • नवीन जूट विविधीकृत उत्पाद (JDPs)

  • GI टैग प्राप्त उत्पादों के लिए अलग HS कोड

  • प्राकृतिक रेशों की उत्पादकता, विशेषकर जूट में सुधार।

भागीदारी और आगे की योजना

  • वाणिज्य विभाग, DGFT, वस्त्र मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

  • उद्योग प्रतिनिधियों और निर्यातकों ने सुझाव प्रस्तुत किए।

  • निर्णय: प्रत्येक मुद्दे पर उप-कार्यबलों का गठन, संबंधित मंत्रालयों और EPC प्रतिनिधियों के नेतृत्व में।

महत्व

  • भारतीय वस्त्र क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम।

  • विकसित भारत @2047 के निर्यात लक्ष्यों के अनुरूप।

  • सतत विकास, नवाचार और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देता है।

पंजाब में कपास की खेती में 20% की वृद्धि

फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति करते हुए, पंजाब में वर्ष 2025 में कपास की खेती में 20% की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024 में जहाँ कपास की खेती 2.49 लाख एकड़ भूमि पर की गई थी, वहीं 2025 में यह बढ़कर 2.98 लाख एकड़ तक पहुँच गई है — यानी करीब 49,000 एकड़ की बढ़ोतरी हुई है। फाजिल्का, मानसा, बठिंडा और श्री मुक्तसर साहिब जैसे जिले इस वृद्धि में अग्रणी हैं। राज्य सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी और डिजिटल पंजीकरण अभियान चला रही है।

समाचार में क्यों?

वर्ष 2025 में पंजाब में कपास की खेती के रकबे में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जो राज्य की फसल विविधीकरण नीति का हिस्सा है। राज्य सरकार कपास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कपास के बीज पर 33% सब्सिडी दे रही है। अब तक 49,000 से अधिक किसान ऑनलाइन पंजीकरण कर चुके हैं, और पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 जून 2025 निर्धारित की गई है। इस पहल का उद्देश्य धान पर निर्भरता को कम करना और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है।

आंकड़ों में वृद्धि

  • पिछले वर्ष (2024): 2.49 लाख एकड़

  • वर्तमान वर्ष (2025): 2.98 लाख एकड़

  • वृद्धि: लगभग 49,000 एकड़ (करीब 20%)

प्रमुख कपास उत्पादक जिले

  • फाजिल्का

  • मानसा

  • बठिंडा

  • श्री मुक्तसर साहिब

इन जिलों में पहले कपास की खेती होती थी, लेकिन हाल के वर्षों में कीट प्रकोप और उच्च लागत के कारण इसमें गिरावट आई थी।

उद्देश्य और पहलें

  • धान जैसी पानी-प्रधान फसलों पर निर्भरता घटाना

  • फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना

  • टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करना

  • किसानों की आय में वृद्धि

  • कपास के बीज पर 33% सब्सिडी

  • ऑनलाइन पोर्टल्स के माध्यम से किसानों का डिजिटल पंजीकरण

ऑनलाइन पंजीकरण अभियान

  • अब तक 49,000+ किसान पंजीकृत

  • मुख्य कृषि अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 15 जून 2025 तक 100% पंजीकरण सुनिश्चित करें।

सरकारी समर्थन

  • सब्सिडी के माध्यम से कपास को प्रोत्साहन

  • कृषि में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा

  • भूजल पर निर्भरता कम करने की दिशा में पहल

यह पहल न केवल कृषि की विविधता को बढ़ावा देती है बल्कि पानी संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और किसानों की आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

श्रीलंका में पोसोन पोया पर्व मनाया गया

श्रीलंका आज पवित्र पोसन पोया (Poson Poya) पर्व मना रहा है, जो द्वीप राष्ट्र में बौद्ध धर्म के आगमन की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व जून माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इस दिन को विशेष इसलिए माना जाता है क्योंकि आज से लगभग 2,000 वर्ष पूर्व सम्राट अशोक के पुत्र अरहत महिंदा ने मिहिंतले (Mihintale) में राजा देवनंपिय तिस्स (King Devanampiyatissa) को पहला उपदेश दिया था। इस पर्व पर श्रद्धालु मिहिंतले और अनुराधापुर जैसे पवित्र स्थलों पर एकत्र होते हैं। मंदिरों और सड़कों को रंग-बिरंगी लालटेन और सजावट से सजाया जाता है। पर्व को भक्ति, सांस्कृतिक प्रदर्शनों और विशेष यातायात व्यवस्थाओं के साथ मनाया जा रहा है।

समाचार में क्यों?

पोसन पोया 2025 आज पूरे श्रीलंका में श्रद्धा से मनाया जा रहा है। यह दिन अरहत महिंदा द्वारा दिया गया पहला बौद्ध उपदेश और श्रीलंका में बौद्ध धर्म के आगमन की स्मृति को चिह्नित करता है। राष्ट्रपति अनुर कुमार डिसानायके ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और राष्ट्रीय एकता एवं आध्यात्मिक पुनरुत्थान का संदेश दिया। भारत के उच्चायोग द्वारा कोलंबो में भारतीय बौद्ध विरासत पर एक प्रदर्शनी आयोजित की गई है। मिहिंतले और अनुराधापुर की यात्रा हेतु तीर्थयात्रियों के लिए विशेष और नि:शुल्क रेल सेवाएं चलाई जा रही हैं।

ऐतिहासिक महत्व

  • पोसन पोया 3वीं शताब्दी ईसा पूर्व श्रीलंका में बौद्ध धर्म के आगमन की स्मृति में मनाया जाता है।

  • अरहत महिंदा, जो सम्राट अशोक के पुत्र थे, मिहिंतले आए और राजा देवनंपिय तिस्स को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया।

  • मिहिंतले को श्रीलंका में बौद्ध धर्म की जन्मस्थली माना जाता है।

2025 में आयोजन की झलकियाँ

धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ प्रमुख रूप से इन स्थलों पर:

  • मिहिंतले पर्वत

  • पवित्र शहर अनुराधापुर

सजावट और व्यवस्थाएँ:

  • सफेद कपड़े (सिल बैनर)

  • लालटेन (वेसाक कुडु)

  • रोशनी और दानशालाएँ (दानसाल)

विशेष सुविधाएँ

  • मिहिंतले और अनुराधापुर के बीच नि:शुल्क शटल ट्रेनों की सेवा पोसन सप्ताह के दौरान।

  • कोलंबो फोर्ट से अनुराधापुर के लिए विशेष रेलगाड़ियाँ तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु।

भारत की भागीदारी

  • कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग द्वारा राष्ट्रीय संग्रहालय में भारतीय बौद्ध विरासत पर प्रदर्शनी आयोजित।

  • यह भारत और श्रीलंका के साझे बौद्ध मूल्यों और सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूत करता है।

राष्ट्रपति का संदेश

राष्ट्रपति अनुर कुमार डिसानायके ने इस अवसर पर बल दिया:

  • राष्ट्रीय एकता

  • नैतिक और आध्यात्मिक पुनरुत्थान का मार्ग

  • बौद्ध धर्म की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका

यह पर्व न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि भारत और श्रीलंका के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी जीवंत करता है।

पुडुचेरी: नेवा प्लेटफॉर्म अपनाने वाला देश का 19वां विधानमंडल

विधायी प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने 9 जून 2025 को पुडुचेरी विधानसभा के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) का उद्घाटन किया। इस पहल के साथ पुडुचेरी भारत का 19वां ऐसा विधानमंडल बन गया है जिसने NeVA प्लेटफॉर्म को अपनाया है। यह कदम ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन के अनुरूप पारदर्शी, पेपरलेस और कुशल शासन को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।

समाचार में क्यों?

पुडुचेरी ने अपने विधायी कामकाज को डिजिटाइज़ करने के लिए आधिकारिक रूप से NeVA डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। यह पहल केंद्र सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक एप्लिकेशन’ दृष्टिकोण के अंतर्गत आती है। इसका उद्देश्य शासन को आधुनिक और डिजिटल बनाना, कागज़ के उपयोग को कम करना और लाइवस्ट्रीमिंग के माध्यम से सार्वजनिक पारदर्शिता बढ़ाना है।

NeVA क्या है?

NeVA (राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन) एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत आता है। इसका उद्देश्य देश के सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की विधानसभाओं को एक एकीकृत डिजिटल मंच पर लाना है।

लक्ष्य:

  • कागज़ रहित, कुशल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित विधायी वातावरण तैयार करना।

उद्देश्य और लाभ

  • कागज़ के उपयोग को समाप्त करना — प्रतिवर्ष 3–5 टन कागज़ की बचत।

  • विधायी कार्यवाही तक रीयल-टाइम पहुंच सुनिश्चित करना।

  • जनता की ज़वाबदेही बढ़ाने हेतु कार्यवाही का लाइव प्रसारण।

  • “Go Green” शासन के तहत पर्यावरणीय स्थिरता को समर्थन देना।

  • सभी विधानसभाओं में केंद्रीकृत डेटा और दस्तावेज़ प्रबंधन की सुविधा।

पुडुचेरी की NeVA अपनाने की पहल

उद्घाटन डॉ. एल. मुरुगन द्वारा निम्न प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति में किया गया:

  • उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन

  • मुख्यमंत्री एन. रंगासामी

  • विधानसभा अध्यक्ष आर. सेल्वम

पुडुचेरी भारत का 19वां विधानमंडल बन गया है जिसने NeVA को अपनाया है।

यह परियोजना संपूर्ण रूप से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है।

उद्घाटन के प्रमुख बिंदु

डॉ. एल. मुरुगन ने NeVA को भारत में व्यापक सुधारों का हिस्सा बताया, जैसे:

  • एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड

  • एक राष्ट्र, एक चुनाव (प्रस्तावित)

भारत की डिजिटल उपलब्धियों को रेखांकित किया:

  • डिजिटल लेनदेन में विश्व में दूसरा स्थान

  • आत्मनिर्भर भारत के तहत रक्षा आयात में कमी

  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं में सुधार

कार्यान्वयन योजना

  • विधायकों और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण

  • जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।

  • इससे नागरिकों की भागीदारी, पर्यावरण-अनुकूल शासन और विधायी कार्यों में दक्षता को बढ़ावा मिलेगा।

LIC के सीईओ, एमडी पद के लिए आर दुरईस्वामी के नाम की सिफारिश

भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), के लिए एक महत्वपूर्ण विकास के तहत फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशंस ब्यूरो (FSIB) ने वरिष्ठ कार्यकारी आर दुरईस्वामी को LIC के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पद के लिए अनुशंसित किया है। LIC में 38 वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाले आर दुरईस्वामी संचालन, विपणन, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। अंतिम निर्णय अब मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet) द्वारा लिया जाएगा।

समाचार में क्यों?

11 जून 2025 को FSIB ने LIC के CEO एवं MD पद के लिए चार वरिष्ठ अधिकारियों का साक्षात्कार लिया। प्रदर्शन, अनुभव और पात्रता के आधार पर आर दुरईस्वामी को इस पद के लिए अनुशंसित किया गया। यह पद LIC में नेतृत्व पुनर्गठन के चलते रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है।

आर दुरईस्वामी कौन हैं?

  • वर्तमान में LIC में प्रबंध निदेशक (MD) के पद पर कार्यरत हैं।

  • LIC में 38 वर्षों से अधिक सेवा दे चुके हैं।

  • अनेक क्षेत्रों में कार्यानुभव:

    • संचालन (Operations)

    • विपणन और बिक्री (Marketing & Sales)

    • तकनीकी कार्यान्वयन (Technology Implementation)

    • शैक्षणिक और प्रशिक्षण भूमिकाएं (Academic and Training Roles)

FSIB के बारे में

  • फाइनेंशियल सर्विसेज इंस्टीट्यूशंस ब्यूरो (FSIB) सरकार की शीर्ष संस्था है जो सार्वजनिक क्षेत्र की वित्तीय कंपनियों के लिए वरिष्ठ नेतृत्व की तलाश करती है।

  • यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs), बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के शीर्ष पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवारों की सिफारिश करता है।

  • यह पूर्व संस्था बैंक्स बोर्ड ब्यूरो (BBB) का उत्तराधिकारी है।

LIC के CEO और MD की भूमिका और महत्व

  • भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का नेतृत्व करते हैं, जिसकी संपत्ति प्रबंधन (AUM) ₹45 लाख करोड़ से अधिक है।

  • देश और विदेश में LIC के विस्तार की निगरानी करते हैं।

  • डिजिटल परिवर्तन, ग्राहक अधिग्रहण और बाज़ार में विश्वास बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

  • IPO के बाद से LIC पर सार्वजनिक और सरकारी निगरानी बढ़ गई है।

चयन प्रक्रिया

  • 11 जून 2025 को FSIB द्वारा 4 उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया गया।

  • मूल्यांकन के मानदंड:

    • पूर्व प्रदर्शन

    • नेतृत्व क्षमता

    • LIC के भविष्य के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण

    • बीमा और वित्तीय क्षेत्रों में व्यापक अनुभव

शेयर बाजार में साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए SEBI लाएगा UPI वेरिफिकेशन टूल

निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने और ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक नई पहल “SEBI Check” की घोषणा की है। यह टूल निवेशकों को SEBI-पंजीकृत मध्यस्थों (intermediaries) द्वारा उपयोग किए जा रहे UPI भुगतान हैंडल की पुष्टि करने की सुविधा देगा, ताकि लेन-देन से पहले सत्यापन किया जा सके। यह सुविधा जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है और इससे पूंजी बाजार में वित्तीय लेन-देन की सुरक्षा और पारदर्शिता काफी हद तक बढ़ेगी। इसके अलावा, SEBI ने 1 अक्टूबर 2025 से सभी पंजीकृत मध्यस्थों के लिए नया UPI भुगतान तंत्र अनिवार्य कर दिया है।

समाचार में क्यों?

SEBI ने 11 जून 2025 को SEBI Check टूल की घोषणा की, जो UPI आईडी सत्यापन के लिए उपयोग किया जाएगा। यह कदम उन धोखाधड़ी गतिविधियों के जवाब में आया है, जिनमें नकली वित्तीय मध्यस्थ बनकर अवैध UPI हैंडल के माध्यम से निवेशकों से धन एकत्र किया जा रहा था। नया UPI-आधारित भुगतान सिस्टम 1 अक्टूबर 2025 से सभी SEBI-पंजीकृत संस्थाओं पर अनिवार्य होगा।

“SEBI Check” क्या है?

एक डिजिटल सत्यापन उपकरण, जो निवेशकों को यह जांचने की सुविधा देता है कि वे जिस UPI ID पर भुगतान कर रहे हैं, वह वैध है या नहीं। इसमें दो विकल्प होंगे:

  • QR कोड स्कैन करना

  • या UPI ID को मैन्युअली दर्ज करना

सत्यापन विवरण में शामिल होगा:

  • खाता संख्या

  • IFSC कोड

  • यह पुष्टि कि संबंधित UPI ID वास्तव में SEBI-पंजीकृत मध्यस्थ से जुड़ी है या नहीं।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • फर्जीवाड़े और फ़िशिंग हमलों को रोकना।

  • निवेशकों को धन स्थानांतरित करने से पहले लाभार्थी की पहचान की पुष्टि करने का अधिकार देना।

  • पूंजी बाजार में सुरक्षित और नियंत्रित भुगतान चैनल को बढ़ावा देना।

पृष्ठभूमि

  • जनवरी 2025 में SEBI ने इस तंत्र को लेकर एक परामर्श पत्र जारी किया था।

  • अपंजीकृत संस्थाओं द्वारा अवैध धन संग्रह के मामलों में वृद्धि के कारण यह कदम आवश्यक हो गया।

  • फर्जी UPI हैंडल का इस्तेमाल कर खुद को वैध मध्यस्थ बताकर खुदरा निवेशकों को गुमराह किया जा रहा था।

नए UPI तंत्र की मुख्य विशेषताएं

  • सभी SEBI-पंजीकृत मध्यस्थों (जैसे ब्रोकर्स, म्यूचुअल फंड वितरक आदि) पर लागू।

  • केवल सत्यापित UPI हैंडल का उपयोग अनिवार्य।

  • भारतीय प्रतिभूति बाजार में भरोसा और लेन-देन सुरक्षा को बढ़ावा देता है।

  • खुदरा निवेशकों के लिए डिजिटल भुगतान की विश्वसनीयता में वृद्धि करता है।

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