जीएसटी दर में कटौती 2025: उपभोक्ताओं के लिए क्या सस्ता, क्या महंगा

सरकार ने 2025 में जीएसटी दरों में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जिससे रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और यहां तक कि ऑटोमोबाइल भी अधिक किफ़ायती हो गए हैं। अब उपभोक्ताओं को दैनिक उपयोग के सामान, कृषि उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स पर कम दाम का लाभ मिलेगा। इन कटौतियों से आम जनता की जेब पर बोझ हल्का होगा और बाज़ार में खपत को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में इज़ाफ़ा भी किया गया है, जिससे वे पहले से महंगे हो जाएंगे।

दैनिक आवश्यक वस्तुओं पर बड़ी बचत करें

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
बालों का तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, टॉयलेट सोप बार, टूथब्रश, शेविंग क्रीम 18% 5%
मक्खन, घी, पनीर एवं डेयरी स्प्रेड्स 12% 5%
पैक किए गए नमकीन, भुजिया और मिक्सचर 12% 5%
बर्तन 12% 5%
बच्चों की फीडिंग बोतलें, नैपकिन व क्लीनिकल डायपर्स 12% 5%
सिलाई मशीनें एवं उनके पुर्जे 12% 5%

किसानों और कृषि का उत्थान

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
ट्रैक्टर टायर एवं पुर्ज़े 18% 5%
ट्रैक्टर 12% 5%
निर्दिष्ट बायो-पेस्टीसाइड्स, सूक्ष्म पोषक तत्व 12% 5%
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एवं स्प्रिंकलर्स 12% 5%
कृषि, बागवानी या वानिकी की मिट्टी की तैयारी, खेती, कटाई एवं मड़ाई की मशीनें 12% 5%

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में राहत

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
ट्रैक्टर के टायर एवं पुर्ज़े 18% 5%
ट्रैक्टर 12% 5%
निर्दिष्ट जैव-कीटनाशक एवं सूक्ष्म पोषक तत्व 12% 5%
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एवं स्प्रिंकलर 12% 5%
कृषि, बागवानी या वानिकी हेतु मिट्टी की तैयारी, खेती, कटाई एवं मड़ाई की मशीनें 12% 5%

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में राहत

वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा 18% शून्य
थर्मामीटर 18% 5%
चिकित्सीय ग्रेड ऑक्सीजन 12% 5%
सभी डायग्नोस्टिक किट एवं अभिकर्मक 12% 5%
ग्लूकोमीटर एवं टेस्ट स्ट्रिप्स 12% 5%
दृष्टि सुधारक चश्मे 12% 5%

ऑटोमोबाइल को किफायती बनाया गया

वाहनों की श्रेणी पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
पेट्रोल एवं पेट्रोल हाइब्रिड, एलपीजी, सीएनजी कारें (1200 सीसी एवं 4000 मिमी तक) 28% 18%
डीज़ल एवं डीज़ल हाइब्रिड कारें (1500 सीसी एवं 4000 मिमी तक) 28% 18%
तिपहिया वाहन 28% 18%
मोटरसाइकिलें (350 सीसी एवं उससे कम) 28% 18%
माल परिवहन हेतु मोटर वाहन 28% 18%

सस्ती शिक्षा

शैक्षणिक वस्तुएँ पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
मानचित्र, चार्ट एवं ग्लोब 12% शून्य
पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन एवं पेस्टल 12% शून्य
अभ्यास पुस्तिकाएँ एवं नोटबुक 12% शून्य
रबर (इरेज़र) 12% शून्य

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर बचत करें

इलेक्ट्रॉनिक/घरेलू उपकरण पहले जीएसटी दर अब जीएसटी दर
एयर कंडीशनर 28% 18%
टेलीविज़न (32 इंच से ऊपर) (एलईडी एवं एलसीडी टीवी सहित) 28% 18%
मॉनिटर एवं प्रोजेक्टर 28% 18%
बर्तन धोने की मशीनें 28% 18%

प्रक्रिया सुधार

पंजीकरण (Registration)

  • आवेदकों को स्वचालित पंजीकरण 3 कार्य दिवसों के भीतर मिलेगा, जिन्हें सिस्टम द्वारा डाटा विश्लेषण के आधार पर चुना जाएगा।

  • यह तब लागू होगा जब आवेदक यह निर्धारित करे कि उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ₹2.5 लाख प्रति माह से अधिक नहीं होगा और वह इस योजना का विकल्प चुनता है।

रिफंड (Refund)

  • उचित अधिकारी द्वारा सिस्टम-आधारित जोखिम मूल्यांकन के माध्यम से प्रावधिक रिफंड (Provisional Refund) की स्वीकृति दी जाएगी, निम्नलिखित मामलों में:

    • शून्य-कर (Zero Rated) आपूर्ति

    • उल्टे शुल्क संरचना (Inverted Duty Structure) के अंतर्गत आपूर्ति

गगनचुंबी इमारत दिवस 2025: शहरी चमत्कारों का उत्सव

हर वर्ष 3 सितंबर को दुनिया भर के इंजीनियर, वास्तुकार और शहरी प्रेमी गगनचुंबी इमारत दिवस (Skyscraper Day) मनाते हैं। यह दिवस आधुनिक इंजीनियरिंग और वास्तुकला की ऊँचाइयों का जश्न है, जिसमें उन प्रतिष्ठित इमारतों की सराहना की जाती है जो आसमान को छूती हैं और प्रगति, रचनात्मकता तथा मानव महत्वाकांक्षा का प्रतीक हैं।

उत्पत्ति : लुईस एच. सुलिवन की स्मृति में

3 सितंबर का महत्व अमेरिकी वास्तुकार लुईस एच. सुलिवन के जन्मदिन से जुड़ा है, जिन्हें “गगनचुंबी इमारतों के जनक” कहा जाता है। उन्होंने “आकार कार्य का अनुसरण करता है” (Form follows function) का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 19वीं शताब्दी के अंत तथा 20वीं शताब्दी की शुरुआत में आधुनिक गगनचुंबी इमारतों की नींव रखी। उनका योगदान आज भी वास्तुकला को दिशा देता है।

गगनचुंबी इमारतों का महत्व

ये इमारतें केवल कंक्रीट और काँच की ऊँची संरचनाएँ नहीं हैं, बल्कि मानव क्षमता और शहरी नवाचार का प्रतीक हैं।

  • नवाचार (Innovation): नवीनतम सामग्री और डिज़ाइन सिद्धांतों का उपयोग

  • कुशलता (Efficiency): सीमित शहरी भूमि का सर्वोत्तम उपयोग

  • सौंदर्य (Aesthetic): कार्य और कला का अद्भुत संगम

ये इमारतें न केवल स्काईलाइन को परिभाषित करती हैं, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देती हैं, राष्ट्रीय गर्व का स्रोत बनती हैं और आर्थिक-सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करती हैं।
प्रमुख उदाहरण : कुआलालंपुर की पेट्रोनास टावर्स, लंदन का द शार्ड, और पेरिस का आइफ़िल टॉवर (यद्यपि तकनीकी रूप से गगनचुंबी इमारत नहीं, परंतु समान इंजीनियरिंग प्रतिभा का प्रतीक)।

2025 में महत्व

इस वर्ष गगनचुंबी इमारत दिवस हमें उन दूरदर्शी लोगों की याद दिलाता है जिन्होंने असंभव को संभव किया। दुबई, शंघाई, न्यूयॉर्क और मुंबई जैसे शहर यह दिखा रहे हैं कि तकनीक और रचनात्मकता के मेल से भविष्य कैसा हो सकता है। अब लक्ष्य केवल ऊँचाई नहीं, बल्कि सतत, भूकंप-रोधी और पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन हैं।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • मनाया जाता है: 3 सितंबर को प्रतिवर्ष

  • समर्पित है: लुईस एच. सुलिवन के जन्मदिवस पर

  • सिद्धांत: “आकार कार्य का अनुसरण करता है”

  • प्रतीकात्मक महत्व: प्रगति, नवाचार और राष्ट्रीय पहचान

ISRO-SCL ने बनाया भारत का पहला 32-बिट Vikram 3201 प्रोसेसर

भारत ने अपने सेमीकंडक्टर सफर में बड़ी छलांग लगाते हुए विक्रम-3201, देश का पहला “मेड-इन-भारत” 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर लॉन्च किया है। इसे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 सितंबर 2025 को सेमिकॉन इंडिया 2025 (नई दिल्ली) में प्रस्तुत किया। यह उपलब्धि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और चिप निर्माण में वैश्विक केंद्र बनने की महत्वाकांक्षा को रेखांकित करती है।

1. पृष्ठभूमि और महत्व

सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की ओर कदम
भारत ने 2021 में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया था ताकि विदेशी माइक्रोप्रोसेसरों पर निर्भरता कम की जा सके। सिर्फ साढ़े तीन वर्षों में भारत उपभोक्ता से उत्पादक बना। विक्रम-3201 का अनावरण इस यात्रा का ऐतिहासिक क्षण है।

रणनीतिक और प्रतीकात्मक प्रभाव
पीएम मोदी ने चिप्स को “डिजिटल डायमंड्स” बताया और कहा कि यह भारत की उभरती सेमीकंडक्टर शक्ति का प्रतीक है।

2. विक्रम-3201 क्या है?

  • संयुक्त विकास: इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) और सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (SCL), मोहाली द्वारा विकसित।

  • प्रोसेस तकनीक: 180 nm CMOS फैब्रिकेशन।

  • अपग्रेड: यह विक्रम-1601 (16-बिट प्रोसेसर, 2009 से उपयोग) का उत्तराधिकारी है।

3. तकनीकी विशेषताएँ

  • 32-बिट आर्किटेक्चर – बेहतर डाटा प्रोसेसिंग क्षमता।

  • फ्लोटिंग-पॉइंट गणना – सटीक नेविगेशन और गाइडेंस के लिए।

  • कस्टम ISA – अंतरिक्ष अनुप्रयोगों हेतु अनुकूलित।

  • एडा प्रोग्रामिंग भाषा का समर्थन।

  • इसरो द्वारा विकसित टूलचेन – कम्पाइलर, असेंबलर, लिंकर और सिम्युलेटर।

  • मजबूती – –55°C से +125°C तक कार्यशील; कंपन और विकिरण प्रतिरोधी।

  • सफल परीक्षण – PSLV-C60 मिशन में अंतरिक्ष में परीक्षण।

4. उपयोग और व्यापक प्रभाव

  • अंतरिक्ष मिशन – रॉकेट और उपग्रहों में नेविगेशन, गाइडेंस और मिशन प्रबंधन।

  • रणनीतिक क्षेत्र – रक्षा, एयरोस्पेस, उच्च-प्रदर्शन ऑटोमोबाइल और ऊर्जा क्षेत्र।

  • चिप इकोसिस्टम को बढ़ावा – यह कदम भारत की डिज़ाइन-लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना से जुड़ा है। अब तक ₹1.60 लाख करोड़ से अधिक निवेश सेमीकंडक्टर क्षेत्र में घोषित हो चुका है।

5. चुनौतियाँ और आगे का रास्ता

  • भारत को अब उन्नत फैब्रिकेशन (sub-65nm नोड्स) की ओर बढ़ना होगा।

  • अधिक फैब यूनिट्स, डिज़ाइन क्षमताएँ और कुशल प्रतिभा निर्माण आवश्यक।

नीतिगत सुझाव:

  • उद्योग साझेदारी से फैब निर्माण में तेजी।

  • अकादमिक–औद्योगिक अनुसंधान सहयोग।

  • सेमीकंडक्टर डीप-टेक स्टार्टअप्स में निवेश।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • विक्रम-3201 – भारत का पहला स्वदेशी 32-बिट प्रोसेसर।

  • विकासकर्ता – इसरो (VSSC) और SCL, मोहाली।

  • उत्तराधिकारी – विक्रम-1601 (16-बिट, 2009 से उपयोग)।

  • अनावरण – 2 सितंबर 2025, सेमिकॉन इंडिया 2025, नई दिल्ली।

  • उपयोग – अंतरिक्ष, रक्षा, एयरोस्पेस, ऊर्जा।

  • प्रोग्रामिंग भाषा – एडा (इसरो टूलचेन सहित)।

  • महत्व – भारत की आत्मनिर्भरता और सेमीकंडक्टर मिशन को गति।

नारियल विकास बोर्ड ने नारियल किसानों के लिए सहायता बढ़ाने की घोषणा की

विश्व नारियल दिवस 2 सितंबर 2025 के उपलक्ष्य में केरल स्थित नारियल विकास बोर्ड (CDB) ने किसानों के लिए वित्तीय सहायता में बड़ी वृद्धि की घोषणा की। पौधरोपण, पुनरोपण और प्रौद्योगिकी उन्नयन पर सब्सिडी को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाकर इस पहल का उद्देश्य टिकाऊ नारियल खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

विश्व नारियल दिवस क्या है?

वैश्विक जागरूकता और उद्योग संवर्धन
विश्व नारियल दिवस हर साल 2 सितंबर को मनाया जाता है ताकि नारियल के पोषण, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसकी शुरुआत 2009 में अंतरराष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC) ने संगठन की स्थापना (1969, UN ESCAP के अंतर्गत) की वर्षगांठ के रूप में की थी।

भारत की भूमिका

भारत ICC का संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ दुनिया के सबसे बड़े नारियल उत्पादकों में से एक है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य इसमें अग्रणी हैं। खासकर केरल में यह दिन सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है।

वित्तीय सहायता की घोषणाएँ

  • 2.5 लाख उच्च गुणवत्ता वाले नारियल पौधे इस वर्ष तैयार किए जाएंगे। प्रति पौधा सहायता राशि ₹4 से बढ़ाकर ₹45 कर दी गई है।

  • बूढ़े या अनुपयोगी नारियल वृक्षों को बदलने के लिए पुनरोपण करने वाले किसानों को अब प्रति पौधा ₹350 की सहायता मिलेगी (पहले केवल ₹40 थी)।

  • नारियल प्रौद्योगिकी मिशन (Coconut Technology Mission) के अंतर्गत सहायता राशि को छह गुना बढ़ा दिया गया है, जिससे किसानों को लाभ होगा—

    • कटाई-पश्चात प्रसंस्करण इकाइयाँ

    • मूल्य संवर्धन हेतु ढाँचा

    • उत्पादकता सुधार के लिए तकनीकी नवाचार

यह सहायता नारियल आधारित उत्पादों (जैसे—जूट, नारियल तेल, वर्जिन नारियल तेल, नारियल चीनी, शैल उत्पाद आदि) की बाजार क्षमता बढ़ाने में मदद करेगी।

मुख्य तथ्य

  • पर्व तिथि: 2 सितंबर (प्रति वर्ष)

  • आयोजक: अंतरराष्ट्रीय नारियल समुदाय (ICC), 1969 में UNESCAP के तहत स्थापित

  • पौध सहायता: ₹4 → ₹45 प्रति पौधा

  • पुनरोपण सहायता: ₹40 → ₹350 प्रति वृक्ष

  • प्रौद्योगिकी मिशन सहायता: छह गुना वृद्धि

  • लक्ष्य: 2025 में 2.5 लाख पौधों का वितरण

दीपक मित्तल यूएई में भारत के अगले राजदूत नियुक्त

भारत ने वरिष्ठ राजनयिक डॉ. दीपक मित्तल को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में अपना अगला राजदूत नियुक्त किया है, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक और जनकेंद्रित संबंध और मजबूत होंगे। 1998 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी डॉ. मित्तल व्यापक कूटनीतिक अनुभव और रणनीतिक दृष्टिकोण लेकर आ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और विदेशों में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जहाँ उनकी भूमिका भारत के वैश्विक हितों की रक्षा और साझेदारियों के विस्तार में अहम रही है।

प्रमुख अनुभव

  • दो बार प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में कार्य कर चुके हैं – भारत की शीर्ष रणनीतिक और कूटनीतिक सर्किल में विश्वसनीय चेहरा।

  • 2021 में तालिबान से भारत का पहला आधिकारिक राजनयिक संपर्क स्थापित कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका।

  • 2020–22: भारत के कतर में राजदूत – कोविड-19 महामारी और खाड़ी क्षेत्र की कूटनीतिक जटिलताओं के दौरान भारत के हितों का संरक्षण।

किसका स्थान लेंगे?

  • डॉ. मित्तल, सुनजय सुधीर का स्थान लेंगे, जो सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

  • सुधीर के कार्यकाल में भारत–UAE संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई, और मित्तल की नियुक्ति से इन संबंधों को और रणनीतिक गहराई मिलेगी।

भारत के लिए UAE का महत्व

  • ऊर्जा सुरक्षा – तेल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत।

  • व्यापार और निवेश साझेदारी – CEPA (Comprehensive Economic Partnership Agreement) के अंतर्गत।

  • रणनीतिक सहयोग – समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद-निरोधक सहयोग।

  • भारतीय प्रवासी – 35 लाख से अधिक भारतीय, जो सबसे बड़े प्रवासी समुदायों में से एक हैं।

संस्थागत संबंध (1972 से)

  • भारत और UAE के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध 1972 में स्थापित हुए।

  • संबंधों में तीव्रता विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी की 2015 की यात्रा के बाद आई, जो 30 वर्षों में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा थी।

डॉ. मित्तल के कार्यकाल से अपेक्षाएँ

  1. ऊर्जा व व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करना (CEPA के अंतर्गत)।

  2. रक्षा एवं प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देना।

  3. जन-से-जन और सांस्कृतिक संबंधों को गहराना।

  4. भारतीय प्रवासी समुदाय के कल्याण और सहभागिता को सुनिश्चित करना।

  5. समुद्री सुरक्षा, उग्रवाद और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर समन्वय।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • नए राजदूत (UAE) – डॉ. दीपक मित्तल

  • IFS बैच – 1998

  • पूर्व भूमिका – भारत के कतर में राजदूत (2020–22), प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्य

  • किसका स्थान लेंगे – सुनजय सुधीर (सितंबर 2025 में सेवानिवृत्त)

  • UAE का महत्व – ऊर्जा, व्यापार, प्रवासी भारतीय, रणनीतिक साझेदारी

गंगटोक भारत में महिलाओं के लिए 5वां सबसे सुरक्षित शहर

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) द्वारा जारी राष्ट्रीय वार्षिक रिपोर्ट एवं सूचकांक ऑन विमेन्स सेफ़्टी (NARI) 2025 के अनुसार, गंगटोक (सिक्किम) को भारत का पाँचवाँ सबसे सुरक्षित शहर घोषित किया गया है। गंगटोक ने 70.4% सुरक्षा स्कोर प्राप्त किया, जो राष्ट्रीय सुरक्षा मानक (65%) से अधिक है।

गंगटोक की सुरक्षा उपलब्धि

  • सुरक्षा स्कोर – 70.4%

  • राष्ट्रीय मानक – 65%

  • शामिल कारक –

    • सार्वजनिक अवसंरचना व आवागमन

    • उत्पीड़न की घटनाएँ और रिपोर्टिंग

    • कार्यस्थल सुरक्षा

    • कानून प्रवर्तन पर भरोसा

    • दिन बनाम रात की सुरक्षा धारणा

सर्वेक्षण पद्धति

  • उत्तरदात्री महिलाएँ – 12,770

  • कवरेज शहर – 31 प्रमुख शहर

  • इसे अब तक की सबसे व्यापक शहरी महिला सुरक्षा रिपोर्ट माना गया।

पूर्वोत्तर भारत की मज़बूत उपस्थिति

  • 1वाँ स्थान – कोहिमा (नागालैंड)

  • 4था स्थान – आइज़ॉल (मिज़ोरम)

  • 5वाँ स्थान – गंगटोक (सिक्किम)

सामुदायिक चौकसी, लैंगिक समावेशिता और कम अपराध दर को सफलता के प्रमुख कारण माना गया।

अन्य शीर्ष शहर (पूर्वोत्तर के बाहर)

  • 2रा – विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)

  • 3रा – भुवनेश्वर (ओडिशा)

इन शहरों ने सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा, शिकायत निवारण तंत्र और कार्यस्थल सुरक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • रिपोर्ट का नाम – National Annual Report and Index on Women’s Safety (NARI) 2025

  • जारी करने वाली संस्था – राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)

  • गंगटोक की रैंकिंग – 5वाँ स्थान (70.4% स्कोर)

  • सर्वेक्षण दायरा – 12,770 महिलाएँ, 31 शहर

  • शीर्ष 5 शहर

    1. कोहिमा (नागालैंड)

    2. विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)

    3. भुवनेश्वर (ओडिशा)

    4. आइज़ॉल (मिज़ोरम)

    5. गंगटोक (सिक्किम)

Badminton: भारत करेगा वर्ल्ड चैंपियनशिप 2026 की मेजबानी

भारतीय खेल प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है कि नई दिल्ली 2026 बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप की मेज़बानी करेगा। यह टूर्नामेंट अगस्त 2026 में आयोजित होगा और 17 साल बाद भारत में इसकी वापसी होगी। बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने यह घोषणा पेरिस (2025 चैंपियनशिप) के समापन समारोह के दौरान की। यह निर्णय भारत की वैश्विक खेल गंतव्य के रूप में बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाता है।

लंबे इंतज़ार के बाद वापसी

  • भारत ने पिछली बार 2009 में हैदराबाद में इस चैंपियनशिप की मेज़बानी की थी।

  • 2026 संस्करण न सिर्फ भारत में वापसी करेगा बल्कि 8 साल बाद एशिया में वापसी होगी।

    • एशिया का पिछला मेज़बान: नानजिंग, चीन (2018)

2026 संस्करण क्यों खास है?

  • भारत के शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ियों की सफलताओं का जश्न मनाने का अवसर।

  • नई पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरित करने का मौका।

  • स्पोर्ट्स टूरिज्म और वैश्विक सहभागिता को बढ़ावा।

  • नई दिल्ली में हजारों दर्शक, मीडिया और खिलाड़ी जुटेंगे, जिससे शहर की अंतरराष्ट्रीय खेल छवि और मज़बूत होगी।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • इवेंट: बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप 2026

  • मेज़बान शहर: नई दिल्ली, भारत

  • भारत ने पिछली बार मेज़बानी की: 2009 (हैदराबाद)

  • एशिया में पिछला मेज़बान: 2018 (नानजिंग, चीन)

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और मर्क ने सेमीकंडक्टर विकास के लिए समझौता किया

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और मर्क (Merck) ने भारत की सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमताओं को मज़बूत करने के लिए एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सहयोग इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के अनुरूप है और भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

प्रमुख सहयोग क्षेत्र

1. उन्नत सामग्री और एआई एकीकरण

  • मर्क टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को धोलेरा, गुजरात में बनने वाले फैब्रिकेशन प्लांट (Fab) के लिए उच्च गुणवत्ता वाले समाधान उपलब्ध कराएगा:

    • हाई-प्योरिटी इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स

    • गैस व केमिकल डिलीवरी सिस्टम

    • टर्नकी फैब्रिकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर

    • AI-संचालित मटेरियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशन्स

  • टाटा को Athinia® प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच मिलेगी, जिससे रियल-टाइम डेटा विश्लेषण और परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइज़ेशन संभव होगा।

2. विनिर्माण और सुरक्षा मानक

  • दोनों कंपनियाँ सुरक्षा प्रोटोकॉल, गुणवत्ता आश्वासन और विनिर्माण उत्कृष्टता से जुड़ी वैश्विक श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करेंगी।

  • इससे धोलेरा फैब में विश्वस्तरीय मानक और परिचालन विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी।

3. इकोसिस्टम और प्रतिभा विकास

  • कच्चे माल की आपूर्ति श्रृंखला और वेयरहाउसिंग क्षमताएँ भारत में विकसित की जाएँगी।

  • स्थानीय सोर्सिंग बढ़ेगी और आयात पर निर्भरता घटेगी।

  • कौशल विकास कार्यक्रमइंडस्ट्री बेंचमार्क बनाए जाएँगे, ताकि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में टिकाऊ प्रतिभा उपलब्ध हो।

भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को मज़बूती

  • भारत का पहला चिप फैब:
    टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ₹91,000 करोड़ (11 अरब अमेरिकी डॉलर) का निवेश करके धोलेरा, गुजरात में भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट बना रहा है।

  • यह फैब ऑटोमोबाइल, मोबाइल डिवाइस, एआई सिस्टम और वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए चिप्स तैयार करेगा।

  • मर्क के सहयोग से फैब का निर्माण तेज़ होगा और एक मज़बूत सप्लाई एवं इनोवेशन नेटवर्क तैयार होगा।

  • यह साझेदारी भारत की वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में स्थिति को और मज़बूत करेगी।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • निवेश राशि: ₹91,000 करोड़ (11 अरब USD)

  • स्थान: धोलेरा, गुजरात

  • फोकस क्षेत्र:

    • उन्नत सामग्री (Advanced Materials)

    • इन्फ्रास्ट्रक्चर

    • एआई टूल्स

    • सुरक्षा मानक

    • आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain)

    • प्रतिभा विकास (Talent Development)

रजित पुन्हानी ने एफएसएसएआई के सीईओ का कार्यभार संभाला

रजित पुन्हानी, बिहार कैडर के 1991 बैच के IAS अधिकारी, ने 1 सितम्बर 2025 को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पदभार संभाला। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत खाद्य सुरक्षा, जनस्वास्थ्य और नियामक आधुनिकीकरण पर ज़ोर दे रहा है।

व्यापक प्रशासनिक अनुभव

रजित पुन्हानी के पास तीन दशकों से अधिक की सिविल सेवा का अनुभव है। उन्होंने केंद्र, राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे सुधार-उन्मुख शासन के लिए जाने जाते हैं।

प्रमुख पद और योगदान

  • सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय – कौशल विकास को उद्योग रुझानों और वैश्विक मानकों से जोड़ा।

  • सचिव, राज्यसभा और CEO, संसद टीवी – संस्थागत संवाद और विधायी सहभागिता को बढ़ाया।

  • पेंशन व बीमा योजना शुरू की, जिससे असंगठित क्षेत्र के 45 करोड़ से अधिक मज़दूरों को कवर किया।

  • दुनिया का सबसे बड़ा मातृत्व संदेश कार्यक्रम लागू किया, जिससे मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हुआ।

  • अप्रत्यक्ष कर समिति के सदस्य रहे, जिसने भारत के वस्तु एवं सेवा कर (GST) ढांचे की नींव रखी।

जमीनी और वैश्विक अनुभव

  • जिलाधिकारी व उप-विकास आयुक्त, बिहार के आकांक्षी ज़िलों में कार्य किया।

  • प्रधान सचिव, बिहार सरकार और विशेष सचिव, गृह मंत्रालय के रूप में ज़िम्मेदारी निभाई।

  • यूरोपीय संघ में भारत के राजनयिक के रूप में शासन और व्यापार संबंधों में अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त किया।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • पूरा नाम (Full Form): Food Safety and Standards Authority of India (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण)

  • स्थापना (Established under): खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006

  • प्रकार (Type): स्वायत्त निकाय (Autonomous Body)

  • अधीनस्थ मंत्रालय (Works under): स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार

  • मुख्यालय (Headquarters): नई दिल्ली

मॉर्गन स्टेनली ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.7% किया

मॉर्गन स्टेनली ने भारत की GDP वृद्धि दर का अनुमान FY 2025–26 के लिए 6.2% से बढ़ाकर 6.7% कर दिया है। यह संशोधन अप्रैल–जून 2025 तिमाही में भारत की मज़बूत आर्थिक वृद्धि (7.8%) और आने वाले GST कटौती से त्योहारी सीजन में घरेलू माँग बढ़ने की उम्मीद के कारण किया गया है।

अनुमान बढ़ाने के प्रमुख कारण

1. Q1 (अप्रैल–जून 2025) का मजबूत प्रदर्शन

  • GDP वृद्धि: 7.8%

  • सरकारी खपत (Government consumption): +7.5% (YoY)

  • निजी खपत (Private consumption): +7% (YoY)

  • सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF): +7.8% (निवेश की अच्छी गति)

  • अग्रिम सरकारी व्यय (Front-loaded expenditure) से माँग और पूंजी निर्माण को बढ़ावा मिला।

2. घरेलू माँग का दृष्टिकोण

  • प्रस्तावित GST दर कटौती से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा।

  • त्योहारी सीजन की खपत अर्थव्यवस्था को सहारा देगी।

  • ग्रामीण माँग अच्छी मानसून और मज़बूत खरीफ बुवाई से टिकाऊ रहेगी।

3. बाहरी चुनौतियों का संतुलन

  • वैश्विक बाज़ारों में कमजोर निर्यात।

  • अमेरिका के उच्च टैरिफ से प्रतिस्पर्धा प्रभावित।

  • हालाँकि, रिपोर्ट का मानना है कि बाहरी माँग से लगभग 50 बेसिस पॉइंट का नकारात्मक असर GST कटौती से उत्पन्न खपत से संतुलित हो जाएगा।

4. निर्यात प्रवृत्तियाँ

  • Q1 में निर्यात वृद्धि का सहारा: अमेरिका को अग्रिम शिपमेंट, टैरिफ लागू होने से पहले।

  • अन्य क्षेत्रों में निर्यात धीमा, आयात निर्यात से अधिक रहा, जिससे नेट एक्सपोर्ट्स वृद्धि में बाधा बने।

5. क्षेत्रीय सहारा और ग्रामीण स्थिरता

  • कृषि क्षेत्र: अच्छा मानसून और खरीफ बुवाई से स्थिर।

  • GST सुधार: उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएँ सस्ती, छोटे व्यवसायों को सहारा, खपत आधारित वृद्धि को बढ़ावा।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • नया अनुमान (FY26 GDP वृद्धि): 6.7% (पहले: 6.2%)

  • Q1 GDP वृद्धि (FY26): 7.8%

  • मुख्य चालक: GST कटौती, त्योहारी माँग, ग्रामीण मजबूती

  • निजी खपत वृद्धि: +7% YoY

  • सरकारी खपत वृद्धि: +7.5% YoY

Recent Posts

about | - Part 122_12.1