भारत ने 2025-26 के लिए अफगान छात्रों को 1,000 ई-छात्रवृत्ति की पेशकश की

भारत ने शैक्षणिक और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में शैक्षणिक वर्ष 2025–26 के लिए अफगान छात्रों को 1,000 ई-स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है। यह छात्रवृत्तियाँ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) द्वारा स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम फॉर अफगान नेशनल्स (SSSAN) के अंतर्गत ई-विद्याभारती (e-VB) i-learn पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जाएँगी। यह कदम भारत की शिक्षा, क्षमता निर्माण और अफगानिस्तान के साथ जन-से-जन (people-to-people) संबंधों को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ई-स्कॉलरशिप कार्यक्रम के बारे में

1. अफगान युवाओं के लिए डिजिटल उच्च शिक्षा

  • छात्रवृत्ति से अफगान नागरिक प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों से स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगे।

  • अफगानिस्तान की मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों में, जहाँ शिक्षा का ढाँचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है, यह पहल अत्यंत लाभकारी है।

2. पात्रता और आयु सीमा

  • आवेदक अफगान नागरिक होने चाहिए।

  • आयु सीमा: 18 से 35 वर्ष

  • इसका उद्देश्य अधिकतर युवा शिक्षार्थियों को अवसर प्रदान करना है।

3. भाग लेने वाले भारतीय विश्वविद्यालय

9 भारतीय विश्वविद्यालय इस स्कॉलरशिप समूह में शामिल हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • जामिया मिलिया इस्लामिया

  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU)

  • अन्ना विश्वविद्यालय

  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय

  • अन्य विश्वविद्यालय भी मानविकी, विज्ञान, वाणिज्य, प्रबंधन और आईटी जैसे विषयों में ऑनलाइन डिग्री प्रदान करेंगे।

भारत की पूर्व सहायता का विस्तार

  • यह लगातार तीसरा वर्ष है जब भारत ने अफगान छात्रों को ई-स्कॉलरशिप दी है (2023–24, 2024–25 और अब 2025–26)।

  • 2021 के बाद भी SSSAN योजना भारत की सबसे प्रमुख शैक्षणिक सहायता पहलों में से एक बनी हुई है।

  • भारत वर्षों से अफगान छात्रों की पढ़ाई का बड़ा केंद्र रहा है, जहाँ हजारों छात्र ICCR, विदेश मंत्रालय (MEA) और अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से पढ़ चुके हैं।

आवेदन और पहुँच प्रक्रिया

  • ई-विद्याभारती (e-VB) i-learn पोर्टल इस योजना का मुख्य प्लेटफ़ॉर्म होगा।

  • सभी लेक्चर, अध्ययन सामग्री और परीक्षाएँ ऑनलाइन उपलब्ध होंगी।

  • आवेदन प्रक्रिया शीघ्र ही ICCR स्कॉलरशिप पोर्टल पर शुरू होगी, जहाँ पात्र छात्र दस्तावेज़ जमा कर पाठ्यक्रम चुन सकेंगे और नामांकन प्राप्त कर सकेंगे।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • योजना का नाम: स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम फॉर अफगान नेशनल्स (SSSAN)

  • शैक्षणिक वर्ष: 2025–26

  • माध्यम: ऑनलाइन (ई-विद्याभारती i-learn पोर्टल)

  • छात्रवृत्ति की संख्या: 1,000

  • पात्रता: 18–35 वर्ष आयु वर्ग के अफगान नागरिक

  • शामिल विश्वविद्यालय: 9 (IGNOU, जामिया, अन्ना विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सहित)

पीएम मोदी ने राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 सितम्बर 2025 को बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह पहल बिहार की ग्रामीण महिलाओं को सस्ती, डिजिटल रूप से सक्षम ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इसकी शुरुआत ₹105 करोड़ की प्रारंभिक पूंजी स्थानांतरण से हुई।

1. जीविका निधि क्या है?

  • समावेशी वित्त के लिए सहकारी संस्था
    राज्य स्तरीय सहकारी समिति, जो जीविका पहल के अंतर्गत पंजीकृत क्लस्टर स्तरीय महासंघों (Federations) को कम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

    • सामान्य माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा 18%–24% तक वसूले जाने वाले ब्याज की तुलना में महिलाओं को सस्ती दर पर ऋण मिलेगा।

  • सहभागी शासन व सदस्यता
    इस संस्था का संचालन बिहार सरकार और भारत सरकार दोनों के सहयोग से होगा। जीविका के सभी क्लस्टर स्तरीय महासंघ इसके स्वतः सदस्य होंगे।

2. डिजिटल वित्तीय मॉडल

  • सीधी और पारदर्शी सहायता
    यह पूरी तरह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर आधारित है, जिससे राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में पहुँचेगी।

    • जीविका दीदी (स्वयं सहायता समूह की महिला नेत्री) को सीधी वित्तीय मदद मिलेगी।

  • तकनीकी सहयोग
    12,000 से अधिक सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट दिए गए हैं, ताकि गाँव स्तर पर रीयल-टाइम संचार, सहायता और रिकॉर्ड प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।

3. दायरा और अपेक्षित प्रभाव

  • ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण
    यह योजना बिहार की 20 लाख से अधिक ग्रामीण महिला उद्यमियों को लाभ पहुँचाएगी।

    • इससे छोटे व्यवसाय, कृषि कार्य, और ग्रामीण सेवाओं जैसे आय-उत्पादक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।

  • ₹105 करोड़ की शुरुआत
    शुभारंभ के अवसर पर पीएम मोदी ने ₹105 करोड़ संस्था के खाते में स्थानांतरित किए।

4. रणनीतिक महत्व

  • महिला-नेतृत्व वाला विकास
    पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय विकास का केंद्रबिंदु महिलाओं का सशक्तिकरण है और आर्थिक बाधाएँ दूर करना उनकी सफलता के लिए अनिवार्य है।

  • अन्य योजनाओं से जुड़ाव
    जीविका निधि, सरकार की अन्य महिला-केंद्रित योजनाओं जैसे – लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और बैंक सखी – से जुड़ा हुआ है।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • शुभारंभ: 2 सितम्बर 2025, पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा (वर्चुअल)

  • लाभार्थी: 20 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाएँ

  • संचालन मॉडल: राज्य स्तरीय सहकारी समिति

  • वित्त पोषण: केंद्र व राज्य सरकार दोनों से

  • प्रारंभिक पूंजी: ₹105 करोड़ स्थानांतरित

पीएम मोदी ने सेमीकॉन इंडिया 2025 लॉन्च किया, तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 सितम्बर 2025 को यशोभूमि, नई दिल्ली में सेमिकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) महाशक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है। इसमें 40+ देशों के प्रतिनिधि, शीर्ष उद्योगपति, स्टार्ट-अप्स और हजारों छात्र शामिल हुए।

प्रमुख बातें

  1. वैश्विक विश्वास, भारतीय प्रतिबद्धता
    पीएम मोदी ने कहा – “दुनिया भारत पर भरोसा करती है, भारत पर विश्वास करती है और भारत के साथ सेमीकंडक्टर भविष्य गढ़ने के लिए तैयार है।”

  2. चिप्स: 21वीं सदी के डिजिटल हीरे
    उन्होंने कहा – “तेल काला सोना था, चिप्स डिजिटल हीरे हैं।”
    सेमीकंडक्टर वैश्विक बाजार $600 अरब का है और जल्द ही $1 ट्रिलियन को पार करेगा।

  3. स्पीड का महत्व: फाइल से फैक्ट्री तक
    नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए अनुमति प्रक्रियाएँ आसान हुईं, जिससे निवेशक तेज़ी से प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं।

  4. भारत की सेमीकंडक्टर टाइमलाइन

    • 2021: इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू

    • 2023: पहला सेमीकंडक्टर फैब स्वीकृत

    • 2024: कई फैब और डिज़ाइन सेंटर को मंजूरी

    • 2025: ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक निवेश के साथ 10 बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर

  5. फुल-स्टैक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम
    भारत डिज़ाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग और डिवाइस इंटीग्रेशन सभी चरणों को कवर कर रहा है। नोएडा और बेंगलुरु डिज़ाइन हब अगली पीढ़ी की चिप्स पर काम कर रहे हैं।

  6. आधार स्तंभ: खनिज और प्रतिभा

    • राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन के तहत घरेलू खनन व प्रोसेसिंग को बढ़ावा।

    • भारत का 20% वैश्विक सेमीकंडक्टर डिज़ाइन टैलेंट – मानव संसाधन है सबसे बड़ी ताकत।

  7. स्टार्टअप्स और MSMEs को सशक्त बनाना

    • डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना का पुनर्गठन।

    • चिप्स-टू-स्टार्टअप प्रोग्राम और नेशनल रिसर्च फंड की घोषणा।

  8. भविष्य-तैयार ढाँचा और राज्यों की भागीदारी
    राज्यों को प्लग-एंड-प्ले सेमीकंडक्टर पार्क बनाने के लिए प्रेरित किया गया, जिनमें बिजली, भूमि, पोर्ट कनेक्टिविटी और प्रशिक्षित श्रमिक उपलब्ध होंगे।

  9. रिफॉर्म – परफॉर्म – ट्रांसफॉर्म
    पीएम मोदी ने कहा – “डिज़ाइन तैयार है, मास्क अलाइन है, अब समय है सटीक क्रियान्वयन और बड़े पैमाने पर डिलीवरी का।”

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • लॉन्च: 2 सितम्बर 2025, नई दिल्ली (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी)

  • थीम: भारत के सेमीकंडक्टर भविष्य में विश्वास

  • बाजार लक्ष्य: वैश्विक $1 ट्रिलियन चिप उद्योग में योगदान

  • प्रोजेक्ट्स: 10 प्रमुख फैब व डिज़ाइन प्रोजेक्ट, निवेश ₹1.5 लाख करोड़+

  • योजनाएँ: नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम, PLI, DLI, स्टार्ट-अप ग्रांट्स

  • फोकस सेक्टर: डिज़ाइन, पैकेजिंग, क्रिटिकल मिनरल्स, AI, इमर्सिव टेक्नोलॉजी

अभ्यास मैत्री-XIV: भारत-थाईलैंड सैन्य अभ्यास मेघालय में शुरू हुआ

भारत और थाईलैंड के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास “अभ्यास मैत्री” का 14वाँ संस्करण 1 सितम्बर 2025 को संयुक्त प्रशिक्षण नोड (JTN), उमरोई, मेघालय में शुरू हुआ। यह अभ्यास 14 सितम्बर 2025 तक चलेगा और भारत-थाईलैंड की रक्षा साझेदारी एवं परिचालन सामंजस्य को और मजबूत करेगा। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ते रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है।

उद्देश्य और महत्व

  • सैन्य सामंजस्य और विश्वास को बढ़ावा देना: 2006 से शुरू हुआ अभ्यास मैत्री, आपसी समझ, परिचालन सामंजस्य और संयुक्त सामरिक क्षमता को बढ़ाने का प्रमुख साधन है।

  • द्विपक्षीय रक्षा प्रतिबद्धता: यह अभ्यास भारत और थाईलैंड की शांति, स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है, विशेषकर आतंकवाद-रोधी चुनौतियों और इंडो-पैसिफिक की रणनीतिक अहमियत के संदर्भ में।

भागीदारी करने वाली सेनाएँ

  • भारतीय सेना: मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन (120 सैनिक), जो काउंटर-इंसर्जेंसी और जंगल युद्ध में व्यापक अनुभव रखती है।

  • रॉयल थाई आर्मी: 1st इन्फेंट्री बटालियन, 14th इन्फेंट्री ब्रिगेड के 53 सैनिक, जो लाइट इन्फेंट्री और आंतरिक सुरक्षा अभियानों में दक्ष हैं।

प्रशिक्षण का केंद्रबिंदु और गतिविधियाँ

इस संस्करण का मुख्य फोकस संयुक्त राष्ट्र चार्टर (Chapter VII) के अंतर्गत अर्ध-शहरी क्षेत्रों में कंपनी-स्तर के आतंकवाद-रोधी अभियानों पर है।

प्रमुख प्रशिक्षण मॉड्यूल:

  • संयुक्त सामरिक अभ्यास और समन्वय

  • हथियार संचालन और विशेष शस्त्र कौशल

  • काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशनों की योजना और क्रियान्वयन

  • शारीरिक क्षमता और धैर्य सत्र

  • संयुक्त छापेमारी और क्लियरेंस ऑपरेशन

  • समापन: 48 घंटे का वास्तविक परिदृश्य आधारित अभ्यास, जिसमें दोनों सेनाओं की संयुक्त योजना, निर्णय और क्रियान्वयन क्षमता की परीक्षा होगी।

रणनीतिक संदर्भ और क्षेत्रीय प्रभाव

  • इंडो-पैसिफिक सहयोग का विस्तार: यह अभ्यास भारत और थाईलैंड की बढ़ती सैन्य भागीदारी और क्षेत्रीय शांति-सुरक्षा के साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है।

  • 2023 संस्करण का अनुसरण: पिछला (13वाँ) अभ्यास थाईलैंड के तक प्रांत के फोर्ट वाचिरप्रकान में हुआ था। यह वार्षिक अभ्यास दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • नाम: अभ्यास मैत्री-XIV

  • तिथियाँ: 1–14 सितम्बर 2025

  • स्थान: संयुक्त प्रशिक्षण नोड (JTN), उमरोई, मेघालय

  • फोकस: UN चार्टर अध्याय VII के अंतर्गत अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियान

  • शुरुआत: 2006, एक प्रमुख द्विपक्षीय सैन्य पहल के रूप में

कपास किसानों को सशक्त बनाने के लिए कपास किसान ऐप लॉन्च किया गया

कपास उत्पादक समुदाय को बड़ी राहत देते हुए केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने 2 सितम्बर 2025 को कपास किसान ऐप लॉन्च किया। यह मोबाइल एप्लीकेशन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना के तहत कपास की खरीद को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए तैयार किया गया है। इसके माध्यम से किसान पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग और भुगतान की ट्रैकिंग डिजिटल रूप से कर पाएंगे।

उद्देश्य और आवश्यकता

कपास खरीद प्रक्रिया का डिजिटलीकरण

कपास किसान ऐप का उद्देश्य प्रक्रिया संबंधी देरी को दूर करना और किसानों की बिचौलियों व मैनुअल कागजी कार्यवाही पर निर्भरता को कम करना है। स्व-पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग और भुगतान की वास्तविक समय ट्रैकिंग से किसानों को पारदर्शिता, समय की बचत और औने-पौने दामों पर बिक्री से मुक्ति मिलेगी।

सभी किसानों तक MSP की पहुँच

इस ऐप का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र कपास किसान MSP खरीद योजना का लाभ उठा सकें, जिससे उन्हें शोषणकारी बाजार स्थितियों और दामों में गिरावट से सुरक्षा मिले।

कपास किसान ऐप की प्रमुख विशेषताएँ

  • स्व-पंजीकरण: किसान मोबाइल और आधार-लिंक्ड विवरण से खुद पंजीकरण कर सकते हैं।

  • स्लॉट बुकिंग: खरीद केंद्रों पर कपास पहुंचाने के लिए पहले से स्लॉट बुक कर सकते हैं, जिससे लंबी कतारों से बचा जा सके।

  • भुगतान ट्रैकिंग: सरकारी एजेंसियों को कपास बेचने के बाद भुगतान की स्थिति को वास्तविक समय में देख सकते हैं।

  • भाषाई सुविधा: यह ऐप कई भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है ताकि सभी किसान आसानी से उपयोग कर सकें।

  • किसान-केंद्रित डिज़ाइन: सरल और सहज इंटरफ़ेस, विशेष रूप से ग्रामीण उपयोगकर्ताओं के लिए बनाया गया।

व्यापक प्रभाव और नीतिगत एकीकरण

डिजिटल इंडिया और एग्री-टेक पहल के साथ तालमेल

कपास किसान ऐप सरकार की डिजिटल इंडिया और स्मार्ट कृषि पहलों से जुड़ा है। इसका उद्देश्य पारंपरिक खेती को तकनीकी नवाचार से जोड़ना, दक्षता बढ़ाना और किसान कल्याण सुनिश्चित करना है।

कपास पारिस्थितिकी तंत्र को समर्थन

यह पहल भारतीय कपास निगम (CCI) और अन्य खरीद एजेंसियों को रिकॉर्ड्स के डिजिटलीकरण, लॉजिस्टिक्स सुधार और किसानों व खरीद केंद्रों के बीच बेहतर संवाद सुनिश्चित करने में मदद करेगी।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • लॉन्च करने वाले: केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह

  • उद्देश्य: डिजिटल MSP कपास खरीद

  • विशेषताएँ: स्व-पंजीकरण, स्लॉट बुकिंग, भुगतान ट्रैकिंग, बहुभाषी इंटरफ़ेस

  • लाभ: औने-पौने दाम पर बिक्री रोकना, कागजी कार्यवाही कम करना, समय की बचत

  • संबंध: डिजिटल इंडिया, किसान कल्याण, कृषि-तकनीकी नवाचार

महिला विश्व कप चैंपियन को मिलेगी लगभग 40 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि

आईसीसी ने घोषणा की है कि 2025 आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप की विजेता टीम को रिकॉर्ड 4.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर (₹39.55 करोड़) का इनाम मिलेगा। यह अब तक की सबसे बड़ी पुरस्कार राशि है और महिला क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। टूर्नामेंट की शुरुआत 30 सितंबर 2025 से होगी, जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से करेंगे।

ऐतिहासिक वृद्धि

  • पिछला संस्करण (2022, न्यूज़ीलैंड): विजेताओं को 1.32 मिलियन USD (₹11.65 करोड़)

  • वर्तमान संस्करण (2025): विजेताओं को 4.48 मिलियन USD (₹39.55 करोड़)

  • प्रतिशत वृद्धि: 239%

  • कुल इनामी राशि: 2022 में 3.5 मिलियन USD (₹31 करोड़) से बढ़कर 2025 में 13.88 मिलियन USD (₹122.5 करोड़), लगभग 297% की वृद्धि।

खास बात यह है कि यह इनामी राशि 2023 पुरुष विश्व कप (USD 10 मिलियन / ₹88.26 करोड़) से भी ज्यादा है।

इनामी राशि का बंटवारा

  • विजेता टीम: 4.48 मिलियन USD (₹39.55 करोड़)

  • रनर-अप: 2.24 मिलियन USD (₹19.77 करोड़) — 2022 में सिर्फ USD 600,000

  • सेमीफाइनल में हारने वाली टीमें: 1.12 मिलियन USD (₹9.89 करोड़) प्रत्येक — 2022 में सिर्फ USD 300,000

महत्व

  • लैंगिक समानता (Gender Equality) में मील का पत्थर
    महिला क्रिकेट विश्व कप का इनाम अब पुरुष विश्व कप से भी अधिक है। यह खेल जगत में महिला खिलाड़ियों की पहचान और अवसरों को नई ऊँचाई देगा।

  • निवेश और विकास
    आईसीसी का यह निर्णय दर्शाता है कि वह महिला क्रिकेट के भविष्य, दर्शक संख्या, प्रायोजन और जमीनी स्तर के कार्यक्रमों में निवेश कर रहा है।

मेजबानी का महत्व

भारत और श्रीलंका की मेजबानी से—

  • महिला क्रिकेट का ढांचा (infrastructure) और मजबूत होगा।

  • नई पीढ़ी की लड़कियाँ क्रिकेट अपनाने के लिए प्रेरित होंगी।

  • एशियाई बाज़ारों में नए व्यावसायिक और प्रसारण साझेदारी विकसित होंगी।

  • भारत की छवि एक वैश्विक खेल आयोजक देश के रूप में और सशक्त होगी।

आगे की राह

  • टूर्नामेंट: 30 सितंबर – 2 नवंबर 2025

  • प्रारूप: 8 शीर्ष राष्ट्रीय टीमें भारत और श्रीलंका में मुकाबला करेंगी।

  • भारतीय उम्मीदें: हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना जैसी खिलाड़ी मजबूत चुनौती पेश करेंगी।

  • आईसीसी: मार्केटिंग, टिकटिंग और फैन एंगेजमेंट को और बेहतर बनाने की तैयारी करेगा।

परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

  • आयोजन स्थल (Host Country): भारत और श्रीलंका

  • संस्करण (Edition): 13वाँ

  • विजेता इनाम राशि: USD 4.48 मिलियन (₹39.55 करोड़)

  • रनर-अप इनाम राशि: USD 2.24 मिलियन (₹19.77 करोड़)

  • कुल पुरस्कार राशि: USD 13.88 मिलियन (₹122.5 करोड़)

  • विशेषता: महिला विश्व कप का पुरस्कार पुरुष विश्व कप 2023 से अधिक

राष्ट्रपति ने केरल और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीशों की नियुक्ति की

भारतीय संविधान के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारत के राष्ट्रपति ने, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से परामर्श कर, इलाहाबाद और केरल उच्च न्यायालय में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। इसमें अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है। इससे दोनों उच्च न्यायालयों की न्यायिक क्षमता सुदृढ़ होगी।

मुख्य विवरण – न्यायिक नियुक्तियाँ

  1. अरुण कुमार (वरिष्ठ अधिवक्ता)

    • नियुक्ति: न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय

    • अनुभव: बार में दीर्घकालिक प्रैक्टिस

  2. न्यायमूर्ति जॉनसन जॉन

    • पदोन्नति: अतिरिक्त न्यायाधीश → स्थायी न्यायाधीश

    • उच्च न्यायालय: केरल

  3. न्यायमूर्ति जी. यू. गिरीश

    • पदोन्नति: स्थायी न्यायाधीश

    • उच्च न्यायालय: केरल

  4. न्यायमूर्ति सी. एन. प्रतिप कुमार

    • पदोन्नति: स्थायी न्यायाधीश

    • उच्च न्यायालय: केरल

ये नियुक्तियाँ कोलेजियम की अनुशंसाओं के अनुरूप की गई हैं।

संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद 217 (Article 217) – उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति का प्रावधान।

  • राष्ट्रपति नियुक्ति करते हैं, परामर्श लेते हैं:

    • भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)

    • संबंधित राज्य के राज्यपाल

    • संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

नियुक्तियों का महत्व

  • इलाहाबाद और केरल उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों में कमी आएगी।

  • न्यायिक शक्ति और क्षमता बढ़ेगी।

  • बढ़ते मुकदमों के बोझ से निपटने में सहायता मिलेगी।

  • न्याय तक समय पर पहुँच और न्यायिक दक्षता सुनिश्चित होगी।

  • अतिरिक्त न्यायाधीशों की समयबद्ध पदोन्नति से न्यायिक निरंतरता बनी रहेगी।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण बिंदु

  • नियुक्ति करने वाला प्राधिकारी: भारत के राष्ट्रपति

  • अनुच्छेद: 217

  • परामर्श लिया जाता है:

    • भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)

    • संबंधित राज्य के राज्यपाल

    • संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश

चीन ने एससीओ शिखर सम्मेलन में 2 अरब डॉलर और एआई समर्थन का वादा किया

2025 के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में, चीन ने क्षेत्रीय विकास, तकनीकी नवाचार और शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वाकांक्षी वादे किए। भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग द्वारा घोषित इन पहलों में एससीओ सदस्य देशों के लिए 2 अरब डॉलर का अनुदान, विस्तारित छात्रवृत्तियाँ, कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास कार्यक्रम और आजीविका परियोजनाएँ शामिल हैं।

चीन की प्रमुख घोषणाएँ

1. 2 अरब डॉलर का अनुदान और ऋण

  • वर्ष 2025 के अंत तक SCO सदस्य देशों को 2 अरब RMB (लगभग 274 मिलियन अमेरिकी डॉलर) अनुदान के रूप में दिया जाएगा।

  • अगले तीन वर्षों में 10 अरब RMB (लगभग 1.37 अरब अमेरिकी डॉलर) का ऋण SCO इंटरबैंक कंसोर्टियम सदस्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।
    उद्देश्य: आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा देना।

2. 100 “छोटे और सुंदर” परियोजनाएँ

  • SCO देशों में 100 स्थानीय जनजीवन परियोजनाएँ चलाई जाएँगी।

  • मुख्य क्षेत्र:

    • स्वास्थ्य व स्वच्छता

    • शिक्षा और बुनियादी सुविधाएँ

    • जमीनी स्तर पर क्षमता निर्माण

शैक्षणिक और मानव संसाधन पहलें

3. छात्रवृत्तियाँ और पीएचडी कार्यक्रम

  • वर्ष 2026 से चीन:

    • SCO-विशिष्ट छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुनी करेगा।

    • SCO इनोवेटिव पीएचडी प्रोग्राम शुरू करेगा।
      उद्देश्य: विज्ञान, प्रौद्योगिकी और सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में उच्च-स्तरीय प्रतिभा विकसित करना।

4. लुबान कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण

  • अगले पाँच वर्षों में:

    • SCO देशों में 10 लुबान कार्यशालाएँ स्थापित होंगी।

    • 10,000 प्रशिक्षण अवसर व्यावसायिक और तकनीकी कौशल में प्रदान किए जाएँगे।
      लुबान कार्यशालाएँ उन्नत विनिर्माण और तकनीकी कौशल विकास के लिए जानी जाती हैं।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता और तकनीकी सहयोग

  • तियानजिन घोषणा (Tianjin Declaration) में सभी सदस्य देशों (भारत सहित) ने:

    • जिम्मेदार AI विकास का समर्थन किया।

    • सुरक्षा, पारदर्शिता, समावेशिता और निष्पक्षता पर जोर दिया।

    • AI डेवलपमेंट कोऑपरेशन रोडमैप (चेंगदू, जून 2025) को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

  • चीन ने अपने AI कौशल का प्रदर्शन करते हुए “Xiao” नामक ह्यूमनॉइड रोबोट को सम्मेलन में तैनात किया, जिसने मीडिया और प्रतिनिधियों की सहायता की।

  • राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कहा कि AI, ऊर्जा, डिजिटल अर्थव्यवस्था और नवाचार SCO के भविष्य के स्तंभ होंगे।

भारत की भूमिका

भारत ने:

  • AI सहयोग का समर्थन किया।

  • नैतिक और जन-केंद्रित AI विकास पर बल दिया।

  • उभरती प्रौद्योगिकियों और डिजिटल अवसंरचना में सहयोग का आह्वान किया।

  • विकासशील देशों के लिए AI उपकरणों की समान पहुँच सुनिश्चित करने की बात कही।

यह भारत की रणनीतिक तकनीकी कूटनीति को मज़बूती देता है।

परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु

  • मेज़बान देश: चीन

  • महत्वपूर्ण घोषणा: तियानजिन घोषणा (2025)

  • मुख्य फोकस:

    • जिम्मेदार AI विकास

    • सुरक्षा, समावेशिता, निष्पक्षता और पारदर्शिता

  • चीन की घोषणाएँ:

    • 2 अरब RMB अनुदान और 10 अरब RMB ऋण

    • 100 जनजीवन परियोजनाएँ

    • छात्रवृत्तियाँ दोगुनी + इनोवेटिव पीएचडी प्रोग्राम

    • 10 लुबान कार्यशालाएँ और 10,000 प्रशिक्षण अवसर

ब्रह्मांड के शुरुआती राज खोलेगा ‘क्रेडिट कार्ड’ साइज का कंप्‍यूटर

भारत का बेंगलुरु स्थित रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) एक क्रांतिकारी प्रयास कर रहा है, जो ब्रह्मांड के “कॉस्मिक डॉन” (Cosmic Dawn) — यानी वह काल जब पहली बार तारे और आकाशगंगाएँ बनीं — के रहस्यों को उजागर करने में मदद करेगा। इसके लिए विकसित किया गया है एक क्रेडिट कार्ड जितना छोटा सिंगल-बोर्ड कंप्यूटर (SBC), जो चंद्रमा पर स्थापित किए जाने वाले प्रतुश मिशन का हिस्सा होगा।

कैसे काम करेगा प्रतुश? 

प्रतुश में लगाया गया डिजिटल रिसीवर सिस्टम इतना संवेदनशील है कि यह हाइड्रोजन परमाणुओं से निकलने वाले बेहद मंद रेडियो सिग्नल पकड़ सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह ऐसा है जैसे शोरगुल भरे स्टेडियम में किसी की फुसफुसाहट सुनना। पृथ्वी पर मौजूद रेडियो शोर और एफएम प्रसारण इन संकेतों को दबा देते हैं। इसलिए वैज्ञानिक इसे भविष्य में चंद्रमा की कक्षा से संचालित करने की योजना बना रहे हैं, जहां रेडियो हस्तक्षेप बहुत कम होता है।

प्रतुश (PRATUSH) क्या है?

  • यह एक चंद्रमा आधारित रेडियोमीटर मिशन है।

  • उद्देश्य: 21-सेमी हाइड्रोजन सिग्नल का अध्ययन करना।

    • यह सिग्नल ब्रह्मांड के शुरुआती समय में तटस्थ हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित हुआ था।

    • इसे पकड़कर हम करीब 13 अरब वर्ष पहले के कॉस्मिक डॉन के प्रत्यक्ष सबूत पा सकते हैं।

चंद्रमा क्यों?

पृथ्वी पर यह सिग्नल पकड़ना लगभग असंभव है क्योंकि यह भारी रेडियो व्यवधानों में दब जाता है:

  • एफएम रेडियो ट्रांसमिशन

  • आयनमंडल (Ionosphere) की गड़बड़ी

चंद्रमा का दूरस्थ भाग (far side) सौर मंडल का सबसे रेडियो-शांत क्षेत्र माना जाता है, जो ऐसे संवेदनशील मापन के लिए आदर्श है।

सिंगल-बोर्ड कंप्यूटर (SBC) की भूमिका

सामान्यतः अंतरिक्ष उपकरणों में भारी और अधिक ऊर्जा खपत करने वाले कंट्रोलर इस्तेमाल होते हैं।
लेकिन RRI की इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग टीम ने एक हल्के और कुशल SBC-आधारित डिजिटल रिसीवर का विकास किया है, जो:

  • एंटीना, रिसीवर और FPGA चिप का समन्वय करता है

  • रेडियो डेटा को रिकॉर्ड, स्टोर और प्री-प्रोसेस करता है

  • सिस्टम कैलिब्रेशन संभालता है

  • बहुत कम ऊर्जा में उच्च दक्षता प्रदान करता है

RRI के वैज्ञानिक गिरीश बी.एस. के अनुसार, यह SBC आकार, ऊर्जा और प्रदर्शन का आदर्श संतुलन है, जो चंद्र मिशनों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

परीक्षण परिणाम

  • 352 घंटे तक एक संदर्भ सिग्नल पर परीक्षण

  • शोर (Noise) को मिल्ली-केल्विन स्तर तक कम करने में सफलता

  • बेहद कमजोर सिग्नल पकड़ने की उच्च संवेदनशीलता

  • निरंतर संचालन में स्थिर प्रदर्शन

ये परिणाम दिखाते हैं कि यह प्रणाली अंतरिक्ष-आधारित रेडियोमेट्री के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

भविष्य की योजनाएँ

RRI टीम अब आगे बढ़कर:

  • स्पेस-क्वालिफाइड SBCs का उपयोग करेगी

  • AI-सक्षम प्रोसेसिंग के लिए सॉफ़्टवेयर अपग्रेड करेगी

  • पूरे सिस्टम को एक कॉम्पैक्ट पेलोड के रूप में चंद्रमा पर तैनात करने की तैयारी करेगी

संभावित उपलब्धियाँ

यदि प्रतुश मिशन सफल होता है तो यह भारत की अंतरिक्ष विज्ञान उपलब्धियों में मील का पत्थर होगा और इससे:

  • पहले ब्रह्मांडीय ढाँचों (Cosmic Structures) की उत्पत्ति

  • शुरुआती ब्रह्मांड का विकास

  • और वर्तमान ब्रह्मांडीय मॉडलों से परे नई भौतिकी के बारे में अहम जानकारियाँ मिल सकती हैं।

मिचेल स्टार्क ने टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया

ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने 35 वर्ष की आयु में आधिकारिक तौर पर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। यह कदम 2026 टी20 विश्व कप से कुछ ही महीने पहले आया है और इसका उद्देश्य उनकी टेस्ट और वनडे करियर को लंबा खींचना है, जहाँ वे ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व जारी रखना चाहते हैं।

शानदार टी20I सफर का अंत

  • डेब्यू: 2012 (पाकिस्तान के खिलाफ)

  • मैच खेले: 65

  • विकेट: 79

  • इकॉनमी रेट: 7.74
    ऑस्ट्रेलिया के टी20आई में दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़, सिर्फ़ एडम ज़म्पा से पीछे।

  • मुख्य उपलब्धि: 2021 टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की खिताबी जीत में अहम भूमिका।

  • टी20 विश्व कप भागीदारी: 6 में से 5 विश्व कप खेले (2016 को चोट के कारण मिस किया)।

  • शुरुआती ओवरों में आक्रामक स्पेल और डेथ ओवरों में सटीक यॉर्कर डालने की कला ने उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज़ों में से एक बना दिया।

अब क्यों लिया संन्यास?

  • स्टार्क ने अपने बयान में दोहराया कि टेस्ट क्रिकेट उनकी पहली प्राथमिकता है।

  • आने वाले बड़े टूर्नामेंट:

    • भारत का टेस्ट दौरा

    • एशेज़ सीरीज़

    • 2027 वनडे विश्व कप

  • टी20 से हटकर वे अपनी फिटनेस और वर्कलोड का बेहतर प्रबंधन करना चाहते हैं।

  • उन्होंने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का शारीरिक दबाव बहुत अधिक है और यह कदम उन्हें लंबे प्रारूपों में ताज़ा और फिट बनाए रखने में मदद करेगा।

टी20I संन्यास: पीढ़ीगत बदलाव का संकेत

स्टार्क का टी20 से संन्यास ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में चल रहे ट्रांज़िशन (पीढ़ीगत बदलाव) का हिस्सा है।

  • डेविड वॉर्नर → 2024 में सभी प्रारूपों से संन्यास।

  • स्टीव स्मिथ, ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टॉइनिस → 2025 में वनडे से संन्यास।

इससे साफ़ है कि ऑस्ट्रेलिया अब धीरे-धीरे युवा खिलाड़ियों पर भरोसा कर रहा है, ताकि आने वाले वैश्विक टूर्नामेंटों के लिए नई टीम तैयार की जा सके।

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