Lunar Eclipse: 7 सितंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

7 सितंबर 2025 की पूर्णिमा की रात को लगने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण लगभग 82 मिनट तक चलेगा। इस दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए ब्लड मून बनेगा। उसी समय शनि ग्रह अपने छल्लों के साथ और नीला-हरा चमकता हुआ वरुण (Neptune) भी चंद्रमा के पास दिखाई देंगे। यह दुर्लभ खगोलीय घटना वैज्ञानिकों, ज्योतिषाचार्यों और धार्मिक मान्यताओं के सभी दृष्टिकोण से बेहद खास है।

यह वर्ष 2025 का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा और एशिया, अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया सहित पूर्वी गोलार्ध के बड़े हिस्से से साफ़-साफ़ देखा जा सकेगा। यह खगोलीय दृश्य न केवल पर्यवेक्षकों और फोटोग्राफरों के लिए अद्भुत है बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

ब्लड मून क्या है?

ब्लड मून पूर्ण चंद्रग्रहण के समय होता है, जब पृथ्वी सीधे सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और अपनी छाया चंद्रमा पर डालती है। अंधकार में गायब होने के बजाय चंद्रमा लालिमा लिए चमकने लगता है। यह प्रभाव रेले स्कैटरिंग (Rayleigh Scattering) के कारण होता है—वही प्रक्रिया जिसके कारण सूर्योदय और सूर्यास्त लाल दिखाई देते हैं।

जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरता है तो नीली छोटी तरंगें बिखर जाती हैं और लाल लंबी तरंगें मुड़कर चंद्रमा तक पहुँचती हैं। इस कारण चंद्रमा लाल रंग की छटा लिए दिखता है। यह लालिमा वातावरण में धूल, प्रदूषण और बादलों की मात्रा के अनुसार हल्की या गहरी हो सकती है।

ग्रहण का समय-सारणी (UTC समयानुसार)

  • उपच्छाया (Penumbral) ग्रहण आरंभ: 15:28

  • आंशिक ग्रहण आरंभ: 16:27

  • पूर्ण ग्रहण आरंभ: 17:30

  • ग्रहण का अधिकतम चरण: 18:11

  • पूर्ण ग्रहण समाप्त: 18:52

  • आंशिक ग्रहण समाप्त: 19:56

  • उपच्छाया ग्रहण समाप्त: 20:55

पूर्ण चरण (Totality) कुल 82 मिनट तक चलेगा, जो सामान्य 60–70 मिनट की तुलना में अधिक है।

कहाँ दिखाई देगा ब्लड मून?

  • एशिया और ऑस्ट्रेलिया: पूरा ग्रहण शुरू से अंत तक दिखाई देगा।

  • पूर्वी अफ्रीका और यूरोप: विशेषकर पूर्ण चरण के दौरान सबसे अच्छा दृश्य मिलेगा।

  • उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका: दिखाई नहीं देगा (क्योंकि वहाँ दिन का समय होगा)।

भारत, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप के कई हिस्सों से यह ग्रहण साफ़ दिखाई देगा।

कैसे देखें ग्रहण?

  • यह पूरी तरह नग्न आंखों से सुरक्षित है।

  • अनुभव को बेहतर बनाने के लिए आप दूरबीन या टेलीस्कोप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • सबसे अच्छा दृश्य साफ़ और अंधेरे आकाश वाले क्षेत्रों में मिलेगा, जहाँ कृत्रिम रोशनी कम हो।

  • बादलों से बचने के लिए खुले और साफ़ मौसम का इंतज़ार करें।

जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखाई नहीं देगा, वहाँ कई प्लेटफ़ॉर्म इस घटना का लाइव प्रसारण करेंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • TimeandDate.com (दोपहर 12 बजे पूर्वी मानक समय से शुरू)
  • वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट (दोपहर 1:45 बजे पूर्वी मानक समय)
  • नासा, स्थानीय वेधशालाओं के साथ मिलकर, वास्तविक समय की टिप्पणी और दृश्य प्रदान करेगा।

इस ग्रहण का महत्व

  • 2025 का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण (82 मिनट)।

  • वैज्ञानिक अध्ययन: चंद्रमा की लालिमा से पृथ्वी के वायुमंडल की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।

  • सांस्कृतिक महत्व: प्राचीन काल से इसे विभिन्न किंवदंतियों, पर्वों और अनुष्ठानों से जोड़ा गया है। यह हार्वेस्ट मून के साथ संयोग करता है, जो फसल उत्सवों से संबंधित है।

  • दुर्लभ अवसर: अमेरिका के लोग इसे नहीं देख पाएंगे, उन्हें अगली बार 2–3 मार्च 2026 को देखने का मौका मिलेगा।

एशिया कप 2025 का कार्यक्रम, प्रमुख मैच, समय और स्थान देखें

एशिया कप 2025, जो एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) द्वारा आयोजित महाद्वीपीय क्रिकेट टूर्नामेंट है, 9 सितंबर 2025 से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में शुरू होगा। यह टूर्नामेंट का 17वां संस्करण होगा, जिसमें मुकाबले टी20 प्रारूप में खेले जाएंगे ताकि टीमों को वर्ष 2026 में होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारी का अवसर मिल सके। इस प्रतियोगिता में रोमांचक मुकाबले देखने को मिलेंगे, जिनमें सबसे बहुप्रतीक्षित मैच भारत बनाम पाकिस्तान 14 सितंबर को दुबई में खेला जाएगा।

यह रहा एशिया कप 2025 का पूरा कार्यक्रम (IST में) 

तिथि मुकाबला चरण समय स्थान
9 सितम्बर अफ़ग़ानिस्तान बनाम हांगकांग चीन ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
10 सितम्बर भारत बनाम यूएई ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
11 सितम्बर बांग्लादेश बनाम हांगकांग चीन ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
12 सितम्बर पाकिस्तान बनाम ओमान ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
13 सितम्बर बांग्लादेश बनाम श्रीलंका ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
14 सितम्बर भारत बनाम पाकिस्तान ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
15 सितम्बर यूएई बनाम ओमान ग्रुप A शाम 5:30 बजे अबू धाबी
15 सितम्बर श्रीलंका बनाम हांगकांग चीन ग्रुप B रात 8:00 बजे दुबई
16 सितम्बर बांग्लादेश बनाम अफ़ग़ानिस्तान ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
17 सितम्बर पाकिस्तान बनाम यूएई ग्रुप A रात 8:00 बजे दुबई
18 सितम्बर श्रीलंका बनाम अफ़ग़ानिस्तान ग्रुप B रात 8:00 बजे अबू धाबी
19 सितम्बर भारत बनाम ओमान ग्रुप A रात 8:00 बजे अबू धाबी
20 सितम्बर ग्रुप B Q1 बनाम ग्रुप B Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
21 सितम्बर ग्रुप A Q1 बनाम ग्रुप A Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
23 सितम्बर ग्रुप A Q1 बनाम ग्रुप B Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे अबू धाबी
24 सितम्बर ग्रुप B Q1 बनाम ग्रुप A Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
25 सितम्बर ग्रुप A Q2 बनाम ग्रुप B Q2 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
26 सितम्बर ग्रुप A Q1 बनाम ग्रुप B Q1 सुपर 4 रात 8:00 बजे दुबई
28 सितम्बर फाइनल फाइनल रात 8:00 बजे दुबई

कुल मैच: 19

स्थल

  • दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम – 11 मैच (जिसमें फाइनल भी शामिल है)

  • शेख ज़ायद क्रिकेट स्टेडियम, अबू धाबी – 8 मैच

टूर्नामेंट प्रारूप

  1. ग्रुप चरण – 8 टीमें, 2 समूहों में विभाजित।

  2. सुपर 4 चरण – प्रत्येक समूह की शीर्ष 2 टीमें सुपर 4 में पहुँचेंगी।

  3. फाइनल – सुपर 4 की सर्वश्रेष्ठ 2 टीमें 28 सितम्बर 2025 को दुबई में भिड़ेंगी।

एशिया कप 2025: टीमें और समूह

  • ग्रुप A: भारत, पाकिस्तान, यूएई, ओमान

  • ग्रुप B: श्रीलंका, बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, हांगकांग चीन

टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच अफ़ग़ानिस्तान बनाम हांगकांग चीन (9 सितम्बर) होगा।
भारत का पहला मैच भारत बनाम यूएई (10 सितम्बर, दुबई) होगा।

भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबला – आकर्षण का केंद्र

  • तारीख: 14 सितम्बर 2025

  • स्थान: दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम

  • संभावना: दोनों टीमों की प्रगति पर निर्भर करते हुए, भारत-पाकिस्तान के बीच 3 मुकाबले हो सकते हैं –

    • ग्रुप स्टेज

    • सुपर 4

    • फाइनल

एशिया कप इतिहास और रिकॉर्ड

  • वर्तमान चैंपियन (2023): भारत

  • सबसे ज़्यादा खिताब: भारत – 8 बार

  • श्रीलंका: 6 खिताब

  • पाकिस्तान: 2 खिताब

  • स्थापना: 1983 से आयोजित

  • प्रारूप: 2016 से बारी-बारी से ODI और T20I

  • पिछला T20 एशिया कप (2022): श्रीलंका ने पाकिस्तान को फाइनल में हराया

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारत एशिया कप इतिहास की सबसे सफल टीम है।

  • श्रीलंका T20 प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है।

  • पाकिस्तान का प्रदर्शन यूएई की परिस्थितियों में देखने योग्य रहेगा।

  • यूएई और ओमान को घरेलू मैदान पर अपनी प्रतिभा दिखाने का बड़ा मौका मिलेगा।

PMAY-U 2.0 को बढ़ावा देने के लिए अंगीकार 2025 अभियान शुरू किया गया

आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने 4 सितंबर 2025 को अंगीकार 2025 अभियान की शुरुआत की। यह विशेष जागरूकता और संपर्क अभियान प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी 2.0 (PMAY-U 2.0) के अंतर्गत चलाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य शहरी आवास योजनाओं में अंतिम चरण तक लाभ पहुँचाना, जागरूकता बढ़ाना और जन भागीदारी (community participation) को प्रोत्साहित करना है।

क्या है अंगीकार 2025?

  • यह एक दो माह का राष्ट्रीय अभियान है (4 सितंबर से 31 अक्टूबर 2025 तक)।

  • मुख्य उद्देश्य :

    • संशोधित PMAY-U 2.0 योजना के बारे में जागरूकता फैलाना।

    • आवेदन सत्यापन को तेज़ करना और स्वीकृत घरों का शीघ्र निर्माण सुनिश्चित करना।

    • लाभार्थियों को क्रेडिट रिस्क गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर लो इन्कम हाउसिंग (CRGFTLIH) तथा पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना जैसी संबंधित योजनाओं की जानकारी देना।

    • विशेष फोकस समूह (SFG) के अंतर्गत कमजोर वर्गों को प्राथमिकता देना।

  • क्रियान्वयन : यह अभियान 5,000+ शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में चलाया जा रहा है, जिसमें घर-घर संपर्क, सामुदायिक कार्यक्रम और ऋण मेले (loan melas) शामिल हैं।

पीएमएवाई-यू और पीएमएवाई-यू 2.0 की प्रगति

  • अब तक 120 लाख घर स्वीकृत, जिनमें से 94.11 लाख पक्के घर पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे गए

  • अंगीकार 2025 के तहत :

    • शेष घरों के निर्माण की गति बढ़ेगी।

    • 1 करोड़ अतिरिक्त शहरी परिवारों को PMAY-U 2.0 में जोड़ा जाएगा।

    • प्रत्येक लाभार्थी को ₹2.5 लाख की वित्तीय सहायता मिलेगी पक्का घर बनाने या खरीदने के लिए।

अंगीकार 2025 का महत्व

  • नीति और क्रियान्वयन के बीच की खाई भरना, यानी जागरूकता से अंतिम लाभ तक पहुँचाना।

  • अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ अभिसरण (convergence) सुनिश्चित करना।

  • कमजोर और निम्न आय वर्ग की शहरी आबादी को आवास के अधिकार और अवसर दिलाना।

  • जन भागीदारी (Jan Bhagidari) को प्रोत्साहित कर लाभार्थियों में स्वामित्व की भावना पैदा करना।

  • सरकार के “सभी के लिए आवास” लक्ष्य को मज़बूती से आगे बढ़ाना।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • लॉन्च तिथि : 4 सितंबर 2025

  • अवधि : 2 माह (31 अक्टूबर 2025 तक)

  • कवरेज : 5,000+ शहरी स्थानीय निकाय

  • जुड़ी योजनाएँ : PMAY-U 2.0, CRGFTLIH, पीएम सूर्य घर योजना

अनुतिन चार्नविराकुल बने थाईलैंड के नए प्रधानमंत्री

अनुतिन चार्नवीराकुल (Anutin Charnvirakul), अनुभवी राजनीतिज्ञ और भुमजैथाई पार्टी (Bhumjaithai Party) के नेता, 5 सितंबर 2025 को थाईलैंड के प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए। उन्हें संसद में 63% मतों के साथ भारी जीत मिली। यह जीत थाई राजनीति में बड़ा बदलाव है, क्योंकि इससे अरबपति थक्सिन शिनावात्रा समर्थित लंबे समय से प्रभावशाली फेउ थाई पार्टी (Pheu Thai Party) का दबदबा कमजोर हुआ और एक सप्ताह से जारी राजनीतिक उथल-पुथल का अंत हुआ।

प्रोफ़ाइल : अनुतिन चार्नवीराकुल

  • आयु : 58 वर्ष

  • पिता : पूर्व कैबिनेट मंत्री

  • पद : पूर्व उपप्रधानमंत्री, गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री

  • उपलब्धि : थाईलैंड की कोविड-19 प्रतिक्रिया का नेतृत्व किया

  • नीति : कैनबिस (गांजा) के अपराधमुक्तिकरण में प्रमुख भूमिका, जिससे खुदरा क्षेत्र में तेज़ी आई

  • विचारधारा : प्रखर राजभक्त (Royalist), परंतु व्यावहारिक नीतिगत दृष्टिकोण

राजनीतिक रणनीति और गठबंधन

  • अनुतिन ने फेउ थाई पार्टी को पीछे छोड़ने के लिए विपक्ष की सबसे बड़ी संसदीय पार्टी पीपुल्स पार्टी से रणनीतिक समझौता किया।

  • वादा किया कि :

    • संवैधानिक सुधार पर जनमत संग्रह कराया जाएगा।

    • चार माह के भीतर नए चुनाव कराए जाएंगे।

  • भले ही पीपुल्स पार्टी सरकार में शामिल नहीं होगी, लेकिन उनके समर्थन से अनुतिन की जीत सुनिश्चित हुई।

इस कदम ने अनुतिन को एक चतुर डीलमेकर के रूप में स्थापित किया और भुमजैथाई पार्टी को प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच मध्य मार्ग की ताकत बना दिया।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • चुनाव की तिथि : 5 सितंबर 2025

  • पार्टी : भुमजैथाई पार्टी (Bhumjaithai Party)

  • पराजित प्रतिद्वंद्वी : चैकासेम नीतिसिरी (Pheu Thai Party)

  • मत प्रतिशत : 63%

  • गठबंधन समर्थन : पीपुल्स पार्टी (संसद की सबसे बड़ी पार्टी)

युद्धविराम के बाद यूक्रेन में सैनिक तैनात करने के लिए 26 देश तैयार

रूस के साथ चल रहे युद्ध के बाद की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 26 देशों ने यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का संकल्प लिया है। यह घोषणा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 4 सितंबर 2025 को पेरिस में हुए शिखर सम्मेलन में की। इन गारंटियों में ज़मीनी, समुद्री और हवाई तैनाती की संभावनाएँ शामिल हैं, जो भविष्य में रूस की किसी भी आक्रामक कार्रवाई को रोकने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही हैं।

सुरक्षा गारंटी का स्वरूप

  • 26 देशों का “Coalition of the Willing” ढांचा तैयार किया जा रहा है।

  • युद्ध समाप्त होते ही यह सुरक्षा ढांचा सक्रिय हो जाएगा।

  • कुछ देश सीधे यूक्रेन में सैनिक तैनात कर सकते हैं, जबकि अन्य प्रशिक्षण, हथियार आपूर्ति और वित्तीय सहयोग देंगे।

  • देशों को अपनी भूमिका चुनने की लचीलापन दी गई है।

सैन्य और गैर-सैन्य प्रतिबद्धताएँ

  • फ्रांस और ब्रिटेन : युद्धोत्तर सैनिक भेजने की संभावना जताई।

  • जर्मनी और इटली : जर्मनी ने अमेरिका की भूमिका स्पष्ट होने तक इंतज़ार की बात कही, जबकि इटली केवल प्रशिक्षण देगा, सैनिक नहीं भेजेगा।

  • बुल्गारिया : ज़मीनी सैनिक नहीं भेजेगा, लेकिन काला सागर (Black Sea) में नौसैनिक गतिविधियों, खासकर माइन हटाने (De-mining) में योगदान देगा।

  • बुल्गारिया ने रोमानिया और तुर्की के साथ क्षेत्रीय नौसैनिक सुरक्षा समझौते का प्रस्ताव भी रखा।

रणनीतिक महत्व

ये सुरक्षा गारंटी निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हैं –

  • युद्धविराम या शांति समझौते के बाद रूस की आक्रामकता को रोकना

  • यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा

  • भविष्य में नाटो या यूरोपीय संघ में एकीकरण की राह आसान करना।

  • यूक्रेन को दीर्घकालिक सुरक्षा कवच प्रदान करना, भले ही उसे तुरंत नाटो की सदस्यता न मिले।

यूरोपीय नेताओं ने ज़ोर दिया कि भले ही शांति अभी दूर हो, युद्धोत्तर सुरक्षा ढाँचे की तैयारी बेहद आवश्यक है, ताकि पिछली गलतियों को दोहराया न जाए।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • मुख्य घोषणा : 26 देशों ने युद्धोपरांत यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का संकल्प लिया।

  • सहयोग का स्वरूप : भूमि, समुद्र, वायु, प्रशिक्षण, हथियार, वित्तीय सहायता, प्रतिबंध समन्वय।

  • यूक्रेन के राष्ट्रपति : वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की

  • रूस के राष्ट्रपति : व्लादिमीर पुतिन

भारत का पहला गिद्ध ज्ञान पोर्टल असम में लॉन्च किया गया

भारत का पहला ऑनलाइन गिद्ध ज्ञान पोर्टल (The Vulture Network) 2 सितंबर 2025 को असम में अंतर्राष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस के अवसर पर लॉन्च किया गया। यह पोर्टल असम के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया है और गिद्ध संरक्षण के लिए वैज्ञानिक जानकारी, जागरूकता सामग्री तथा सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने का एक डिजिटल मंच है।

वल्चर नेटवर्क पोर्टल की विशेषताएँ

  • गिद्ध प्रजातियों और उनके संरक्षण की स्थिति पर वैज्ञानिक डाटा

  • जागरूकता अभियानों के लिए निःशुल्क डाउनलोड सामग्री

  • नागरिक विज्ञान (Citizen Science) पहलों को समर्थन देने वाले उपकरण

  • विद्यार्थी, शोधकर्ता और संरक्षणवादियों के लिए अनुकूल संसाधन

यह परियोजना वी फाउंडेशन इंडिया के सहयोग से शुरू की गई है, जिसमें गौहाटी विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग, असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क, LASA फाउंडेशन, सुरक्षा समिति और अन्य संरक्षण कार्यकर्ताओं का योगदान शामिल है।

भारत में गिद्ध संकट

पिछले कुछ दशकों में भारत में गिद्धों की संख्या तेजी से घटी है और कई प्रजातियाँ गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered) स्थिति में हैं।

मुख्य खतरे –

  • शवों (Carcasses) में ज़हरीले अवशेषों से विषाक्तता

  • डाइक्लोफेनाक जैसी पशु-चिकित्सा दवाएँ, जो गिद्धों के लिए घातक हैं

  • आवास (Habitat) और सुरक्षित भोजन स्थलों की कमी

  • नकारात्मक सामाजिक धारणाएँ और नीतिगत उपेक्षा

विशेष रूप से स्लेंडर-बिल्ड गिद्ध (Slender-billed Vulture) की संख्या केवल ~800 रह गई है।

समुदाय और नागरिक विज्ञान की भूमिका

विशेषज्ञों ने बताया कि गिद्ध संरक्षण में स्थानीय समुदायों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है।

  • शवों के सुरक्षित निपटान और गिद्ध-हितैषी प्रथाओं पर जागरूकता

  • पोषणयुक्त और सुरक्षित भोजन स्रोत तैयार करना

  • नागरिक विज्ञान परियोजनाओं के माध्यम से जनसंख्या की निगरानी

  • वैज्ञानिक शोध और सामुदायिक सहयोग का मेल

डॉ. रूपम भदुरी (असम बर्ड मॉनिटरिंग नेटवर्क) ने उदाहरण प्रस्तुत किया कि नागरिक-नेतृत्व वाली निगरानी से संरक्षण की योजना बनाने में उपयोगी डाटा मिल सकता है।

महत्व

इस पोर्टल का शुभारंभ –

  • पूरे भारत के संरक्षणवादियों के लिए एकीकृत डिजिटल मंच

  • गिद्धों पर मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने का साधन

  • संकटग्रस्त प्रजातियों पर नीति-निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास

  • वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग का पुल

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

गिद्धों की भूमिका

  • पशु शवों को खाकर पर्यावरण को साफ रखते हैं।

  • बीमारियों के फैलाव को रोकते हैं और पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखते हैं।

भारत में पाई जाने वाली गिद्ध प्रजातियाँ (कुल 9)

  1. ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड वल्चर (Gyps bengalensis)

  2. लॉन्ग-बिल्ड वल्चर (Gyps indicus)

  3. स्लेंडर-बिल्ड वल्चर (Gyps tenuirostis)

  4. रेड-हेडेड वल्चर (Sarcogyps calvus)

  5. इजिप्शियन वल्चर (Neophron percnopterus)

  6. हिमालयन वल्चर (Gyps himalayensis)

  7. सिनीरियस वल्चर (Aegypius monachus)

  8. बीअर्डेड वल्चर (Gypaetus barbatus)

  9. यूरेशियन ग्रिफ़ॉन (Gyps fulvus)

भारत और सिंगापुर ने रक्षा और व्यापार संबंधों को गहरा किया

भारत और सिंगापुर ने आपसी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रक्षा सहयोग, तकनीकी नवाचार और संतुलित व्यापार संबंधों पर विशेष जोर दिया है। यह समझौते सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की भारत यात्रा के दौरान हुए। यह यात्रा दोनों देशों के बीच 60 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उनकी राजनीतिक, आर्थिक और रक्षा समन्वय की अहमियत को रेखांकित करती है।

रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग : नया चरण

दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में सह-विकास (Co-development) और सह-उत्पादन (Co-production) को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई।

मुख्य बिंदु –

  • रक्षा प्रणालियों का संयुक्त विकास और उत्पादन

  • सैन्य प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान

  • प्रशिक्षण और सेवा-स्तरीय सहयोग का विस्तार

  • साझा उत्पादन व रणनीतिक अनुकूलता (interoperability) की रूपरेखा तैयार करना

पीएम नरेंद्र मोदी और पीएम लॉरेंस वोंग ने त्रि-सेवा सहयोग, प्रशिक्षण और भविष्य की तकनीकी साझेदारी को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर बल दिया।

व्यापार वार्ता : AITIGA और CECA की समीक्षा

व्यापार संबंध भी बातचीत का अहम हिस्सा रहे, खासकर ASEAN-India Trade in Goods Agreement (AITIGA) के बाद से भारत के बढ़ते व्यापार घाटे को लेकर।

  • सिंगापुर ने भारत की चिंताओं को ASEAN तक पहुँचाने का भरोसा दिया।

  • दोनों पक्ष समझौते में संशोधन कर संतुलित व्यापार का रास्ता निकालने के इच्छुक हैं।

  • भारत–सिंगापुर व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) की भी समीक्षा जारी है।

  • भारत निर्यात क्षेत्रों को लाभ पहुँचाने के लिए शुल्क संरचना और गैर-शुल्क बाधाओं (non-tariff barriers) में सुधार की मांग कर रहा है।

कूटनीतिक और सांस्कृतिक महत्व

यह प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा थी, जो पीएम मोदी की 2024 सिंगापुर यात्रा के बाद हुई।

मुख्य झलकियाँ –

  • पीएम वोंग ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

  • उच्चस्तरीय मंत्रिमंडलीय प्रतिनिधिमंडल और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत आए।

  • सांस्कृतिक संबंधों, शैक्षणिक सहयोग और लोग-से-लोग संपर्क पर बल दिया गया।

  • भारत की एक्ट ईस्ट नीति और ASEAN के साथ संबंधों में सिंगापुर की भूमिका को रेखांकित किया गया।

व्यापार और निवेश : मज़बूत होती साझेदारी

भारत और सिंगापुर के बीच आर्थिक सहयोग लगातार बढ़ा है।

  • द्विपक्षीय व्यापार 2004–05 में 6.7 अरब डॉलर से बढ़कर 2024–25 में 35 अरब डॉलर हुआ।

  • सिंगापुर भारत के शीर्ष विदेशी निवेशकों में से एक है।

  • निवेश प्रवाह, स्टार्टअप सहयोग और नवाचार-हितैषी नीतियों पर बातचीत हुई।

  • फिनटेक, स्वच्छ ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • सितंबर 2025 में पीएम लॉरेंस वोंग ने भारत का दौरा किया – 60 वर्ष पूरे होने का अवसर।

  • द्विपक्षीय व्यापार 2004–05 के 6.7 अरब डॉलर से 2024–25 में 35 अरब डॉलर पहुँचा।

  • सिंगापुर ने ASEAN व्यापार घाटे को लेकर भारत का समर्थन किया।

अमित मिश्रा ने 25 साल पेशेवर क्रिकेट खेलने के बाद संन्यास लिया

25 वर्षों की शानदार पेशेवर क्रिकेट यात्रा के बाद भारतीय लेग-स्पिनर अमित मिश्रा ने 42 वर्ष की आयु में आधिकारिक रूप से संन्यास की घोषणा कर दी है। पारंपरिक लेग-स्पिन तकनीक और मैच जिताने वाले स्पेल्स के लिए प्रसिद्ध मिश्रा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल (IPL) दोनों में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया। पिछले 16 महीनों से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के बाद लिया गया यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के सबसे लंबे और सफल गेंदबाज़ी करियरों में से एक के अंत का प्रतीक है।

अंतरराष्ट्रीय करियर और प्रमुख योगदान

शुरुआती दौर और टेस्ट डेब्यू
अमित मिश्रा ने 2008 में अनिल कुंबले की विदाई श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। मोहाली टेस्ट में उन्होंने पदार्पण करते ही पांच विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा। हालांकि, कुंबले, हरभजन सिंह, अश्विन और जडेजा जैसे दिग्गज स्पिनरों की मौजूदगी ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर के अवसरों को सीमित कर दिया।

  • टेस्ट: 22 मैच, 76 विकेट

  • वनडे (ODI): 36 मैच

  • टी20I: 10 मैच

उनकी गेंदबाज़ी शैली पारंपरिक लेग-स्पिन पर आधारित थी, जिसमें फ्लाइट, टर्न और कभी-कभार गूगली शामिल होती थी। यह शैली उपमहाद्वीप की स्पिन-फ्रेंडली पिचों पर बेहद प्रभावी रही।

उल्लेखनीय उपलब्धियां

  • 2015 में श्रीलंका दौरे पर 3 टेस्ट में 15 विकेट झटके।

  • 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे।

  • 2014 आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत को उपविजेता बनाने में अहम योगदान दिया।

आईपीएल में रिकॉर्ड तोड़ सफर

अमित मिश्रा को हमेशा आईपीएल के दिग्गजों में गिना जाएगा। उन्होंने डेक्कन चार्जर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) जैसी कई फ्रेंचाइज़ियों के लिए खेला।

  • आईपीएल में तीन हैट्रिक लेने वाले इकलौते गेंदबाज़।

  • 2024 सीज़न तक खेलते रहे, आखिरी मैच राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेला।

  • मिडल ओवर्स में रन रोकने और महत्वपूर्ण विकेट लेने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध।

  • दबाव की परिस्थितियों में लगातार शानदार प्रदर्शन किया।

हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट में उत्कृष्टता

अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल की रोशनी से इतर, मिश्रा हरियाणा की घरेलू टीम के स्तंभ रहे।

  • प्रथम श्रेणी रिकॉर्ड: 152 मैचों में 535 विकेट।

  • 2001–02 रणजी सीज़न में पदार्पण किया।

  • 2017 में अपना अंतिम घरेलू मैच खेला।

  • उनके योगदान ने हरियाणा को प्रतिस्पर्धी बनाए रखा और उन्होंने युवा खिलाड़ियों के मार्गदर्शक की भूमिका भी निभाई।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • तीन अलग-अलग टीमों के लिए तीन आईपीएल हैट्रिक – अमित मिश्रा का अनूठा रिकॉर्ड।

  • प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 535 विकेट

  • 2008 मोहाली टेस्ट डेब्यू में पांच विकेट

  • 4 सितंबर 2025 को संन्यास की घोषणा, अब युवा क्रिकेटरों को सहयोग देने का संकल्प।

भारत ने वैश्विक उपयोग के लिए दुर्लभ एंटी-डोपिंग संदर्भ सामग्री का संश्लेषण किया

भारत ने खेलों में डोपिंग जाँच तंत्र को मज़बूत बनाने के लिए एक दुर्लभ एंटी-डोपिंग रेफरेंस मटेरियल – मेथानडायनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) विकसित किया है। यह उपलब्धि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER) गुवाहाटी और नेशनल डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (NDTL) नई दिल्ली के संयुक्त प्रयास से संभव हुई है। इस पहल से भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो इतने विशिष्ट और जटिल मटेरियल का निर्माण करने में सक्षम हैं।

रेफरेंस मटेरियल (RMs) क्या हैं और क्यों ज़रूरी हैं?

रेफरेंस मटेरियल अल्ट्रा-शुद्ध रसायन या उनके मेटाबोलाइट होते हैं, जिनका उपयोग सटीक विश्लेषणात्मक परीक्षणों में किया जाता है। एंटी-डोपिंग संदर्भ में इनका महत्व है:

  • विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) की सूचीबद्ध प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाना।

  • खिलाड़ियों की डोपिंग जाँच में उच्च-स्तरीय शुद्धता और सटीकता सुनिश्चित करना।

  • परीक्षण प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनाए रखना।

दुनिया में केवल 4–5 संस्थान ही इन दुर्लभ RMs का उत्पादन करते हैं। भारत में अब इनका निर्माण होने से यह एक वैज्ञानिक और रणनीतिक उपलब्धि बन गई है।

मेथानडायनोन LTM का लॉन्च: डोपिंग टेस्टिंग में गेम-चेंजर

  • आधिकारिक लॉन्च: 4 सितंबर, 2025

  • अवसर: NDTL की 22वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग, नई दिल्ली

  • उद्घाटनकर्ता: डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री

विशेषताएँ:

  • वैश्विक स्तर पर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं

  • मूत्र परीक्षण के ज़रिए लंबे समय तक स्टेरॉयड के सेवन का पता लगाता है

  • खिलाड़ियों में डोपिंग रोकने हेतु निरोधक शक्ति बढ़ाता है।

  • वैज्ञानिक शुद्धता के साथ एंटी-डोपिंग प्रवर्तन को मज़बूत करता है

NIPER–NDTL सहयोग

  • 2020 से दोनों संस्थान मिलकर 22 नॉन-कमर्शियल रेफरेंस मटेरियल विकसित कर रहे हैं।

  • अब तक 12 सफलतापूर्वक तैयार हो चुके हैं।

  • मेथानडायनोन LTM इस श्रृंखला का नवीनतम जोड़ है।

महत्त्व:

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य और खेलों में वैज्ञानिक नवाचार को बढ़ावा।

  • 30 WADA-मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशालाओं को सहयोग।

  • महंगे आयात पर निर्भरता कम करना।

  • भारत को वैश्विक सप्लायर के रूप में स्थापित करना।

वैश्विक महत्व और भविष्य की दिशा

  • स्वच्छ खिलाड़ियों को सशक्त बनाना और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना।

  • संभावित डोपिंग करने वालों के लिए कड़ा संदेश

  • भारत को WADA नेटवर्क में वैज्ञानिक योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करना।

  • आगे के शोध, सहयोग और एंटी-डोपिंग विज्ञान में नेतृत्व की संभावनाएँ।

यह पहल भारत की Fit India Movement और खेलों में नैतिकता एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले दृष्टिकोण से भी मेल खाती है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारत ने मेथानडायनोन लॉन्ग-टर्म मेटाबोलाइट (LTM) सितंबर 2025 में विकसित किया।

  • NIPER गुवाहाटी और NDTL नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से तैयार।

  • यह रेफरेंस मटेरियल डोपिंग स्टेरॉयड मेथानडायनोन का पता महीनों या वर्षों बाद तक लगा सकता है।

पीएम मोदी और प्रधानमंत्री बैंग ने पीएसए मुंबई टर्मिनल चरण-2 का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस बैंग ने 4 सितंबर, 2025 को वर्चुअल माध्यम से जेएनपीए (Jawaharlal Nehru Port Authority) में PSA मुंबई टर्मिनल फेज़-II का संयुक्त उद्घाटन किया। यह अवसर भारत–सिंगापुर आर्थिक सहयोग का अहम पड़ाव है और भारत की स्थिति को वैश्विक शिपिंग और व्यापार लॉजिस्टिक्स में और मजबूत करता है।

PSA मुंबई टर्मिनल फेज़-II: भारतीय बंदरगाहों के लिए गेम-चेंजर

  • फेज़-II पूरा होने के बाद जेएनपीए टर्मिनल की क्षमता बढ़कर 4.8 मिलियन TEUs (Twenty-foot Equivalent Units) हो गई है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल बन गया है।

  • यह टर्मिनल सिंगापुर की वैश्विक पोर्ट ऑपरेटर कंपनी PSA International द्वारा संचालित है और भारत–सिंगापुर लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर का प्रमुख केंद्र है।

उन्नत टर्मिनल की मुख्य विशेषताएँ

  • 4.8 मिलियन TEUs क्षमता – भारत में सबसे अधिक

  • अत्याधुनिक क्रेन और ऑटोमेटेड सिस्टम से सुसज्जित

  • डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से सीधी रेल कनेक्टिविटी

  • वैश्विक दक्षता मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया

यह सुविधा माल परिवहन को सहज बनाने, लॉजिस्टिक लागत कम करने और भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।

भारत और सिंगापुर के लिए रणनीतिक महत्व

यह टर्मिनल भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग की फ्लैगशिप परियोजना है, जो दोनों देशों की इन प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है:

  • इंफ्रास्ट्रक्चर आधुनिकीकरण

  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में व्यापारिक कनेक्टिविटी

  • रणनीतिक क्षेत्रों में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन

दोनों प्रधानमंत्रियों का संयुक्त उद्घाटन इस बात का प्रतीक है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में सिंगापुर एक भरोसेमंद भागीदार है, विशेषकर पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • PSA मुंबई टर्मिनल फेज़-II का उद्घाटन – 4 सितंबर, 2025 को पीएम मोदी और पीएम लॉरेंस बैंग द्वारा।

  • जेएनपीए की क्षमता बढ़कर 4.8 मिलियन TEUs – भारत का सबसे बड़ा कंटेनर टर्मिनल।

  • टर्मिनल में अत्याधुनिक क्रेन, ऑटोमेटेड सिस्टम और DFC रेल कनेक्टिविटी

  • संचालन – PSA International, सिंगापुर-आधारित कंपनी।

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