ब्राज़ील स्वतंत्रता दिवस 2025: इतिहास, उत्सव और महत्व

ब्राज़ील स्वतंत्रता दिवस, या दिया दा इंडेपनडेंसिया (Dia da Independência), हर साल 7 सितंबर को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 में देश अपनी स्वतंत्रता की घोषणा (1822) के 203 वर्ष पूरे कर रहा है, जब उसने पुर्तगाल से आज़ादी हासिल की थी। इस दिन को सैन्य परेड, नागरिक समारोह, पारंपरिक व्यंजन और सार्वजनिक आयोजनों के माध्यम से मनाया जाता है, जो राष्ट्र के स्थायी गौरव और एकता का प्रतीक हैं। ब्राज़ीलवासियों के लिए यह सिर्फ़ एक अवकाश नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, पहचान और संस्कृति का उत्सव है, जो उनकी उस ऐतिहासिक यात्रा को दर्शाता है जो कई अन्य लैटिन अमेरिकी देशों से अलग रही है।

ब्राज़ील की स्वतंत्रता का इतिहास

औपनिवेशिक शासन और स्वायत्तता का उदय

ब्राज़ील वर्ष 1500 से पुर्तगाल के अधीन रहा और यह साम्राज्य की दक्षिण अमेरिकी उपनिवेशों की रीढ़ था। वर्ष 1808 में नेपोलियन युद्धों के दौरान पुर्तगाली शाही परिवार रियो डी जनेरियो भाग आया और अस्थायी रूप से ब्राज़ील ही पुर्तगाली साम्राज्य की राजधानी बन गया। इस घटना ने ब्राज़ील की राजनीतिक स्थिति को मज़बूती प्रदान की।

इपीरंगा की पुकार

7 सितंबर 1822 को प्रिंस पेद्रो प्रथम (Prince Pedro I) ने पुर्तगाली संसद कोर्टेस के आदेश को मानने से इंकार कर दिया कि वह लिस्बन लौट जाएं। साओ पाउलो के इपीरंगा नदी के किनारे उन्होंने घोषणा की — “Independência ou Morte!” (स्वतंत्रता या मृत्यु!)। यह ऐतिहासिक घोषणा, जिसे आज इपीरंगा की पुकार कहा जाता है, ब्राज़ील के पुर्तगाली शासन से औपचारिक अलगाव और स्वतंत्र राजशाही की शुरुआत का प्रतीक बनी, जो 1889 में गणराज्य की घोषणा तक चली।

शांतिपूर्ण परिवर्तन

अन्य लैटिन अमेरिकी देशों की तरह लम्बे युद्धों से गुज़रे बिना ब्राज़ील की स्वतंत्रता अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण रही। 1825 में पुर्तगाल ने वार्ता के बाद इसे आधिकारिक मान्यता दी। यही कारण है कि इसे उपनिवेशोत्तर इतिहास में एक अनोखा उदाहरण माना जाता है।

ब्राज़ील स्वतंत्रता दिवस 2025 कब है?

  • तारीख़: रविवार, 7 सितंबर 2025

  • महत्व: 1822 में पुर्तगाल से स्वतंत्रता की घोषणा की याद

  • सार्वजनिक प्रभाव: राष्ट्रीय अवकाश; बैंक, स्कूल, सरकारी कार्यालय और कई व्यवसाय बंद रहते हैं

ब्राज़ील स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाता है?

सैन्य परेड और नागरिक समारोह

  • राजधानी ब्राज़ीलिया में एस्प्लानाडा डॉस मिनिस्तेरियोस (Esplanada dos Ministérios) पर सबसे भव्य सैन्य परेड होती है, जिसमें राष्ट्रपति शामिल होते हैं और इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया जाता है।

  • शहरों और कस्बों में ध्वजारोहण, देशभक्ति भाषण और बैंड प्रस्तुतियां आयोजित होती हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारिवारिक उत्सव

  • संग्रहालय और ऐतिहासिक स्थल नि:शुल्क खोले जाते हैं।

  • परिवार पारंपरिक व्यंजनों जैसे फेज़ोआदा (feijoada), पाओ डी आसुकर (pão de açúcar) और ब्रिगादेरो (brigadeiros) के साथ जश्न मनाते हैं।

  • समुदायों में संगीत और नृत्य प्रस्तुतियां होती हैं, जो ब्राज़ील की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं।

राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक

  • ब्राज़ील का ध्वज:

    • हरा रंग – घने जंगल

    • पीला रंग – खनिज संपदा

    • नीला गोला और सितारे – ब्राज़ील के राज्य और राष्ट्रीय आदर्श वाक्य “Ordem e Progresso” (व्यवस्था और प्रगति)

  • राष्ट्रीय गान:
    हिनो नासियोनाल ब्राज़िलेइरो (Hino Nacional Brasileiro) सभी बड़े समारोहों में गाया जाता है और स्कूलों में सिखाया जाता है। नागरिक इसे गर्व से गाते हैं।

क्षेत्रीय उत्सव

  • साओ पाउलो:
    इपीरंगा संग्रहालय (Ipiranga Museum) पर केंद्रित उत्सव, जहाँ स्वतंत्रता घोषणा हुई थी। पुन:अभिनय और ऐतिहासिक प्रदर्शनी आयोजित होती हैं।

  • रियो डी जनेरियो:
    कोपाकबाना और इपानेमा समुद्र तटों पर अनौपचारिक समारोह और आतिशबाज़ी।

  • ब्राज़ीलिया:
    मुख्य राष्ट्रीय परेड आयोजित होती है। सड़कों को ध्वजों से सजाया जाता है और सुरक्षा कड़ी होती है।

  • छोटे कस्बे और ग्रामीण क्षेत्र:
    स्थानीय परेड, स्कूल कार्यक्रम और सामुदायिक प्रस्तुतियां लोगों को उत्सव से जोड़ती हैं और राष्ट्रीय गौरव को मज़बूत करती हैं।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • तारीख़: 7 सितंबर (प्रत्येक वर्ष निश्चित)

  • स्वतंत्रता वर्ष: 1822

  • प्रमुख व्यक्तित्व: प्रिंस पेद्रो प्रथम

  • मुख्य घटना: इपीरंगा की पुकार (Cry of Ipiranga)

  • 2025: स्वतंत्रता की 203वीं वर्षगांठ

सिंगापुर ने भारत की मलक्का जलडमरूमध्य गश्ती योजना का समर्थन किया

भारत और सिंगापुर के बीच रणनीतिक सहयोग को नई दिशा मिली है। 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के दौरान सिंगापुर ने औपचारिक रूप से भारत की मलक्का जलडमरूमध्य में गश्त करने की योजना का समर्थन किया। यह कदम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गहरी साझेदारी और समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मलक्का जलडमरूमध्य का सामरिक महत्व

  • यह जलडमरूमध्य हिंद महासागर को दक्षिण चीन सागर से जोड़ता है

  • विश्व के 60% से अधिक समुद्री व्यापार इसी मार्ग से होकर गुजरता है।

  • यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और व्यापारिक हितों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  • भारत की गश्त योजना को सिंगापुर का समर्थन मिलने से,

    • क्षेत्रीय समुद्री निगरानी मजबूत होगी।

    • चीनी नौसैनिक गतिविधियों से जुड़ी चिंताओं का संतुलन होगा।

    • भारत की Act East नीति और Indo-Pacific रणनीति को मजबूती मिलेगी।

भारत-सिंगापुर रक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग

बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में भविष्य की तकनीकों पर सहयोग बढ़ाने की घोषणा हुई, जिनमें शामिल हैं—

  • क्वांटम कंप्यूटिंग

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)

  • स्वचालन प्रणालियाँ (Automation systems)

  • मानवरहित नौसैनिक वाहन (Unmanned Vessels/UAVs)

यह पारंपरिक सैन्य सहयोग से आगे बढ़कर भविष्य की रणनीतिक क्षमताओं पर केंद्रित नई दिशा का संकेत देता है।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

मलक्का जलडमरूमध्य (Strait of Malacca):

  • स्थान: इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप (पश्चिम) और मलेशिया व दक्षिणी थाईलैंड (पूर्व) के बीच।

  • जोड़ता है: अंडमान सागर (हिंद महासागर) को दक्षिण चीन सागर (प्रशांत महासागर) से।

  • महत्व:

    • मध्य पूर्व और पूर्वी एशिया के बीच सबसे छोटा समुद्री मार्ग।

    • एशिया–मध्य पूर्व–यूरोप व्यापार के लिए लागत और समय की बचत।

    • चीन और जापान जैसे बड़े एशियाई उपभोक्ताओं के लिए मुख्य तेल आपूर्ति मार्ग।

सोनोवाल ने तूतीकोरिन बंदरगाह पर हरित हाइड्रोजन परियोजना का उद्घाटन किया

स्वतंत्रता सेनानी वी. ओ. चिदंबरनार की जयंती के अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तमिलनाडु के तुतिकोरिन स्थित वी. ओ. चिदंबरनार बंदरगाह में एक महत्वपूर्ण हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना का उद्घाटन किया और कई अधोसंरचना परियोजनाओं की नींव रखी। यह कदम भारत के हरित समुद्री भविष्य और बंदरगाह-आधारित आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।

हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना

  • यह बंदरगाह क्षेत्र में हाइड्रोजन ऊर्जा अपनाने वाला पहला पायलट प्रयास है।

  • हरित हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से किया जाएगा।

  • यह पहल भारी उद्योगों और समुद्री परिवहन में कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए अहम है।

  • यह परियोजना भारत की स्वच्छ ऊर्जा की ओर संक्रमण और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।

अन्य परियोजनाएं

  • दसवां कंटेनर टर्मिनल – 7.4 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित, जिससे कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ेगी।

  • 110 केवी सबस्टेशन – बंदरगाह संचालन की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा।

  • 6 मेगावॉट पवन ऊर्जा परियोजना – ₹59 करोड़ की लागत से स्थापित, बंदरगाह की हरित ऊर्जा दिशा को बढ़ावा।

  • ग्रीन कैंपस ड्राइव – मंत्री ने बंदरगाह परिसर में वृक्षारोपण कर पर्यावरणीय सततता पर बल दिया।

वी. ओ. चिदंबरनार को श्रद्धांजलि

  • जिन्हें “कप्पल ओटिया तमिझन” कहा जाता है, उन्होंने स्वदेशी स्टीम नेविगेशन कंपनी की स्थापना की थी।

  • उनका समुद्री स्वावलंबन का संदेश आज के आत्मनिर्भर बंदरगाहों और हरित नौवहन के प्रयासों से गहराई से जुड़ता है।

तुतिकोरिन बंदरगाह का महत्व

  • सागरमाला परियोजना के तहत तीव्र आधुनिकीकरण का केंद्र।

  • दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण समुद्री द्वार

  • हरित नौवहन तकनीकों का हब बनने की दिशा में अग्रसर।

  • कंटेनर और कार्गो हैंडलिंग क्षमता में वृद्धि।

  • तमिलनाडु और आसपास के क्षेत्रों की कनेक्टिविटी को मजबूती

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM):

  • शुरुआत: जनवरी 2023, केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत।

  • कार्यान्वयन मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय।

  • बजट: ₹19,744 करोड़।

  • उद्देश्य:

    • भारत को हरित हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात का वैश्विक केंद्र बनाना।

    • सतत ऊर्जा और जलवायु लक्ष्यों को समर्थन देना।

न्यायमूर्ति श्री चंद्रशेखर ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के प्रमुख के रूप में शपथ ली

न्यायमूर्ति श्री चंद्रशेखर ने औपचारिक रूप से बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ग्रहण की। यह शपथ महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने 5 सितंबर 2025 को मुंबई स्थित राजभवन में दिलाई। यह नियुक्ति भारत के सबसे प्रमुख उच्च न्यायालयों में से एक की न्यायपालिका में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।

शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित प्रमुख हस्तियां

  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

  • विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर

  • मुंबई पुलिस आयुक्त देवन भारती

  • पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला

इन गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के महत्व और प्रभाव को और अधिक रेखांकित किया, जिसकी अधिकारिता महाराष्ट्र, गोवा और केंद्रशासित प्रदेश दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव पर है।

न्यायमूर्ति श्री चंद्रशेखर की यात्रा

  • संवैधानिक और सिविल कानून की गहरी समझ के लिए प्रसिद्ध

  • पहले कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत रहे (न्यायमूर्ति अलोक अराधे के सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के बाद)

  • न्यायिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल से न्यायालय की कार्यकुशलता को और मजबूत करने की उम्मीद

नियुक्ति का महत्व

  • बॉम्बे उच्च न्यायालय (स्थापना: 1862) भारत के सबसे पुराने और सबसे व्यस्त न्यायालयों में से एक

  • मुख्य न्यायाधीश की भूमिका:

    • मामलों के शीघ्र निपटारे और न्यायिक दक्षता सुनिश्चित करना

    • संवैधानिक मूल्यों की रक्षा

    • न्यायिक सुधार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • शपथ तिथि: 5 सितंबर 2025

  • पद: मुख्य न्यायाधीश, बॉम्बे उच्च न्यायालय

  • शपथ दिलाने वाले: राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन

  • पूर्ववर्ती: न्यायमूर्ति अलोक अराधे (सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत)

DRDO ने उद्योग को प्रमुख रक्षा सामग्री तकनीक हस्तांतरित की

भारत की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को मज़बूती देने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी तीन उन्नत सामग्री (Advanced Materials) प्रौद्योगिकियाँ उद्योग भागीदारों को हस्तांतरित की हैं। ये तकनीकें हैदराबाद स्थित डिफेन्स मेटलर्जिकल रिसर्च लेबोरेटरी (DMRL) द्वारा विकसित की गई हैं और इनका उपयोग मिसाइल सिस्टम, डिफेन्स-ग्रेड स्टील उत्पादन तथा नौसैनिक जहाज़ निर्माण में होगा।

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (LAToT) के लाइसेंस एग्रीमेंट 30 अगस्त 2025 को DRDO प्रमुख समीर वी. कामत की अध्यक्षता में सौंपे गए। यह कदम आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) अभियान में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

हस्तांतरित तकनीकें

1. हाई-स्ट्रेंथ रडोम निर्माण तकनीक – BHEL, जगदीशपुर को

  • मिसाइल और राडार के सेंसर व ऐन्टेना को ढकने वाले सुरक्षात्मक आवरण (Radome)

  • उच्च शक्ति एवं थर्मल रेजिस्टेंस

  • वायुगतिकीय प्रदर्शन और स्टेल्थ क्षमता में सुधार

  • विदेशी निर्भरता घटाकर स्वदेशी मिसाइल कार्यक्रमों को मज़बूती

2. DMR-1700 स्टील शीट्स एवं प्लेट्स – JSPL, अंगुल को

  • विशेष प्रकार का अत्यधिक मजबूत स्टील

  • सामान्य तापमान पर उच्च फ्रैक्चर टफनेस

  • आर्मर प्लेटिंग और रक्षा हार्डवेयर में उपयोग

  • JSPL रणनीतिक प्रणालियों के लिए इस स्टील का उत्पादन व विस्तार करेगा

3. DMR 249A HSLA स्टील प्लेट्स – BSP (SAIL), भिलाई को

  • नौसैनिक जहाज़ निर्माण हेतु हाई-स्ट्रेंथ लो-एलॉय (HSLA) स्टील

  • समुद्री जंग (Marine corrosion) और संरचनात्मक तनाव के प्रति प्रतिरोधक

  • उच्च गुणवत्ता वाले मानकों के अनुरूप

  • अगली पीढ़ी के युद्धपोत निर्माण में सहायक

उद्योग-शोध सहयोग को मज़बूती

  • DRDO ने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की सक्षम कंपनियों को तकनीक सौंपकर देशी उत्पादन को प्रोत्साहित किया

  • आयात निर्भरता में कमी

  • उच्च स्तर की रक्षा सामग्री तकनीक अब भारतीय उद्योगों के पास

  • रक्षा एवं नौसैनिक परियोजनाओं में स्वदेशीकरण की नई दिशा

अतिरिक्त समझौता

  • DMRL और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) के बीच MoU पर हस्ताक्षर

  • विमानन दुर्घटनाओं की जांच में धातुकर्मीय विश्लेषण (Metallurgical Analysis) के लिए सहयोग

रणनीतिक महत्व

  • मेक इन इंडिया (Make in India) अभियान को बल

  • स्वदेशी रक्षा उत्पादन और भविष्य की परियोजनाओं की तैयारी

  • वाणिज्यिक व सामरिक दोनों उद्देश्यों की पूर्ति

  • रक्षा निर्यात में संभावनाओं को बढ़ावा

परीक्षा हेतु त्वरित तथ्य

  • विकास प्रयोगशाला: DMRL (DRDO), हैदराबाद

  • हस्तांतरित तकनीकें:

    • रडोम → BHEL, जगदीशपुर

    • DMR-1700 स्टील → JSPL, अंगुल

    • DMR 249A HSLA स्टील → BSP (SAIL), भिलाई

  • उपयोग क्षेत्र: मिसाइल, रक्षा हार्डवेयर, नौसैनिक जहाज़ निर्माण

नीति आयोग की 2047 तक दालों का उत्पादन दोगुना करने की रणनीति

भारत को कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए नीति आयोग (NITI Aayog) ने दालों (Pulses) को लेकर एक व्यापक रणनीति जारी की है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य वर्ष 2030 तक दालों में आत्मनिर्भरता और वर्ष 2047 तक उत्पादन को दोगुना करना है। यह रोडमैप तकनीकी, पारिस्थितिकीय और सामाजिक-आर्थिक हस्तक्षेपों को एकीकृत करता है, जिससे दाल क्षेत्र को भारत की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा का स्तंभ बनाया जा सके।

वर्तमान स्थिति और लक्ष्य

  • वर्तमान उत्पादन (2022): 26.06 मिलियन टन

  • लक्ष्य 2030 तक: 34.45 मिलियन टन (आत्मनिर्भरता)

  • लक्ष्य 2047 तक: 51.57 मिलियन टन (उत्पादन दोगुना)
    अनुमानित उत्पादन: 2030 तक 32.1 MT, 2047 तक 50.7 MT

रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें

1. क्लस्टर-आधारित खेती

  • “वन ब्लॉक, वन सीड विलेज” मॉडल 111 ज़िलों में

  • फसल-विशेष क्लस्टरिंग

  • स्थानीय कृषि पद्धतियाँ

  • सामुदायिक बीज बैंक और ट्रीटमेंट किट

2. प्रौद्योगिकी अपनाना

  • क्षेत्र विशेष की उच्च उपज किस्में

  • प्रिसिजन फार्मिंग उपकरण

  • सिंचाई और मृदा स्वास्थ्य की बेहतरीन तकनीकें

3. जलवायु-स्मार्ट कृषि

  • सूखा-रोधी दाल किस्में

  • एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन

  • आकस्मिक फसल रणनीतियाँ

4. डेटा-आधारित निर्णय

  • उपज निगरानी के लिए वास्तविक समय डेटा, सैटेलाइट इमेजरी और AI

  • कमी का पूर्वानुमान

  • कृषि बाज़ार नीतियों के लिए निर्णय सहयोग

मांग-आपूर्ति विश्लेषण

  • आपूर्ति (बीज, चारे, अपव्यय के बाद):

    • 2030 तक: 30.6 MT

    • 2047 तक: 45.8 MT

  • मांग (ICMR-NIN पोषण मानक अनुसार):

    • 2030 तक अधिशेष: 3.79 MT

    • 2047 तक अधिशेष: 16.48 MT

इससे भारत आयात पर निर्भरता घटाकर वैश्विक दाल निर्यातक बन सकता है।

पोषण एवं उपभोग बढ़ावा

  • दालों के महत्व पर जन-जागरूकता अभियान

  • स्कूल भोजन और PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में अधिक दालें

  • क्षेत्रीय उपभोक्ता पूर्वाग्रह दूर करने के प्रयास

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • वर्तमान उत्पादन: 26.06 मिलियन टन (2022)

  • लक्ष्य 2030: 34.45 मिलियन टन (आत्मनिर्भरता)

  • लक्ष्य 2047: 51.57 मिलियन टन (दोगुना उत्पादन)

  • मुख्य योजना: “वन ब्लॉक, वन सीड विलेज”, उच्च गुणवत्ता बीज, जलवायु अनुकूलन

  • अनुमानित अधिशेष: 3.79 MT (2030), 16.48 MT (2047)

इसरो का कुलसेकरपट्टिनम अंतरिक्ष बंदरगाह दिसंबर 2026 तक तैयार होगा

भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए एक बड़े कदम के रूप में, इसरो (ISRO) ने घोषणा की है कि तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले के कुलसेकरपट्टिनम में बन रहा नया प्रक्षेपण केंद्र (लॉन्च कॉम्प्लेक्स) दिसंबर 2026 तक पूरी तरह से संचालित हो जाएगा। यह भारत का दूसरा अंतरिक्ष बंदरगाह होगा, जो श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के साथ कार्य करेगा और मुख्य रूप से स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के प्रक्षेपण के लिए समर्पित होगा।

कुलसेकरपट्टिनम लॉन्च कॉम्प्लेक्स: मुख्य तथ्य

  • स्थान: तमिलनाडु के तूतीकोरिन ज़िले का तटीय गाँव कुलसेकरपट्टिनम

  • क्षेत्रफल: लगभग 2,300 एकड़

  • समापन लक्ष्य: दिसंबर 2026

  • शिलान्यास: फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से

  • लक्ष्य: प्रतिवर्ष 20–25 SSLV प्रक्षेपण

यह नया केंद्र श्रीहरिकोटा पर बढ़ते दबाव को कम करेगा और भारत की प्रक्षेपण क्षमता को और मज़बूत बनाएगा।

दूसरा लॉन्च कॉम्प्लेक्स क्यों आवश्यक?

  1. SSLV में विशेषज्ञता

  • छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) 500 किलोग्राम तक का पेलोड 400 किमी ऊँचाई तक ले जा सकते हैं।

  • ये कम लागत वाले, तेज़ी से असेंबल होने वाले और कई छोटे उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित करने के लिए उपयुक्त हैं।

  • कुलसेकरपट्टिनम में समर्पित SSLV कॉम्प्लेक्स से बार-बार और ऑन-डिमांड प्रक्षेपण संभव होंगे।

  1. भौगोलिक लाभ

  • विषुवत रेखा (Equator) के पास तटीय क्षेत्र में स्थित होने के कारण सीधी दक्षिण दिशा में प्रक्षेपण संभव है।

  • यह आबादी वाले क्षेत्रों से बचते हुए ध्रुवीय और सूर्य-समानकालिक कक्षाओं (Polar & Sun-synchronous Orbits) में उपग्रह भेजने के लिए आदर्श है।

  1. स्थानीय अर्थव्यवस्था और विज्ञान को बढ़ावा

  • यह परियोजना तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी।

  • कुशल नौकरियों का सृजन, एयरोस्पेस निवेश आकर्षण और STEM शिक्षा व क्षेत्रीय वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा मिलेगा।

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

  • स्थान: कुलसेकरपट्टिनम, तूतीकोरिन, तमिलनाडु

  • क्षमता: 20–25 SSLV प्रक्षेपण प्रतिवर्ष

  • प्रक्षेपण यान: स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)

  • पेलोड क्षमता: 500 किलोग्राम तक

  • वर्तमान लॉन्च साइट: श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)

  • इसरो प्रमुख: वी. नारायण

सिटीबैंक ने कौस्तुभ कुलकर्णी को एशिया-प्रशांत आईबी का सह-प्रमुख नियुक्त किया

सिटीबैंक (Citibank) ने कौस्तुभ कुलकर्णी को एशिया-प्रशांत (Asia-Pacific) क्षेत्र के निवेश बैंकिंग के सह-प्रमुख (Co-head of Investment Banking) के रूप में नियुक्त किया है। यह क्षेत्र जापान, उत्तर एशिया, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण एशिया जैसे प्रमुख बाज़ारों को शामिल करता है।

कुलकर्णी दिसंबर 2025 में सिटीग्रुप से जुड़ेंगे (नियामकीय मंज़ूरी के बाद) और वे सिंगापुर से काम करेंगे। यहाँ वे सिटी के मौजूदा एशिया-प्रशांत निवेश बैंकिंग प्रमुख जैन मेट्ज़गर के साथ मिलकर काम करेंगे।

कौस्तुभ कुलकर्णी का अनुभव और भूमिका

कुलकर्णी के पास लगभग तीन दशकों का अनुभव है, जो उन्होंने जेपी मॉर्गन (JPMorgan) में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए अर्जित किया। वे –

  • कंट्री ऑफिसर, भारत

  • हेड ऑफ़ इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, भारत

  • सह-प्रमुख, दक्षिण-पूर्व एशिया इन्वेस्टमेंट बैंकिंग

रहे हैं।

सिटीबैंक में उनका कार्यक्षेत्र –

  • कॉरपोरेट एडवाइजरी

  • कैपिटल रेज़िंग

  • रणनीतिक लेन-देन (Strategic Transactions)

पर केंद्रित होगा। उनकी नियुक्ति का उद्देश्य एशिया में बढ़ते आईपीओ, सीमा-पार विलय-अधिग्रहण (M&A) और प्राइवेट इक्विटी गतिविधियों का लाभ उठाना है।

अन्य प्रमुख नियुक्तियाँ

सिटीबैंक ने क्षेत्र में नेतृत्व को और मज़बूत करने के लिए दो और महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ की हैं –

  1. विक्रम चावली

    • पूर्व में गोल्डमैन सैक्स के साथ जुड़े रहे।

    • अब सिटीबैंक में मैनेजिंग डायरेक्टर और हेड, ग्लोबल एसेट मैनेजर्स (GAM), जापान, एशिया और ऑस्ट्रेलिया

    • हांगकांग में स्थित रहेंगे।

  2. दीपक डांगयाच

    • मैनेजिंग डायरेक्टर और सह-प्रमुख, डेट कैपिटल मार्केट्स (DCM), एशिया और ऑस्ट्रेलिया नियुक्त।

    • यह नियुक्ति फिक्स्ड इनकम और बॉन्ड इश्यूअन्स क्षेत्र में सिटी की मज़बूती को दर्शाती है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • नियुक्त व्यक्ति: कौस्तुभ कुलकर्णी

  • नया पद: सह-प्रमुख, निवेश बैंकिंग (Co-head, Investment Banking), एशिया-प्रशांत

  • स्थान: सिंगापुर

  • पूर्व संगठन: जेपी मॉर्गन (लगभग 30 वर्षों का अनुभव)

आर गांधी को RBI ने यस बैंक का अध्यक्ष फिर से नियुक्त किया

नेतृत्व की निरंतरता और सुशासन की स्थिरता को मज़बूत करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने निजी क्षेत्र के बैंक यस बैंक में आर. गांधी को आंशिककालिक (Part-time) गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (Non-executive Chairman) के रूप में पुनर्नियुक्त करने की मंज़ूरी दे दी है। उनका नया कार्यकाल 20 सितंबर 2025 से 13 मई 2027 तक रहेगा। यह जानकारी बैंक की नियामक फाइलिंग में दी गई है।

यह फ़ैसला उस समय आया है जब यस बैंक अपनी सुधार यात्रा जारी रखे हुए है और निवेशकों के विश्वास तथा संस्थागत निगरानी को और मज़बूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

आर. गांधी कौन हैं?

राम सुब्रमणियम गांधी (Rama Subramaniam Gandhi) भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उन्होंने 37 से अधिक वर्षों तक केंद्रीय बैंकर के रूप में कार्य किया और 2014 से 2017 तक RBI के डिप्टी गवर्नर रहे।

उनके योगदान –

  • बैंकिंग विनियमन, भुगतान प्रणाली और मुद्रा प्रबंधन में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ।

  • SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में तीन वर्ष का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल, जहाँ उन्होंने पूंजी बाज़ार के नियमन में योगदान दिया।

  • हैदराबाद में बैंकिंग प्रौद्योगिकी विकास एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीआरबीटी) में निदेशक के रूप में कार्यकाल।

यस बैंक पर प्रभाव

2020 के संकट के बाद पुनर्गठन और पूंजी प्रवाह के साथ यस बैंक RBI की निगरानी में मज़बूत हुआ है। इस समय गांधी की मौजूदगी –

  • नियामकीय विश्वसनीयता और वित्तीय अनुशासन लाती है।

  • दीर्घकालिक रणनीतिक योजना और सुशासन में सहायक होगी।

  • RBI मानकों के साथ अनुपालन की स्थिति को मज़बूत करेगी।

गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में गांधी दैनिक प्रबंधन में शामिल नहीं होंगे, लेकिन वे बोर्ड की कार्यप्रणाली, जोखिम निगरानी और नियामक संवाद की देखरेख में अहम भूमिका निभाएँगे।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • पुनर्नियुक्ति अवधि: 20 सितंबर 2025 – 13 मई 2027

  • नियुक्त व्यक्ति: आर. गांधी

  • पद: आंशिककालिक गैर-कार्यकारी अध्यक्ष, यस बैंक

  • पूर्व भूमिका: RBI के डिप्टी गवर्नर (2014–2017)

  • अन्य भूमिकाएँ: SEBI में प्रतिनियुक्ति, IDRBT निदेशक

स्केचर्स ने मोहम्मद सिराज को ब्रांड एंबेसडर बनाया

भारत के तेजी से बढ़ते क्रिकेट फुटवियर बाज़ार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए वैश्विक स्पोर्ट्सवियर ब्रांड स्केचर्स (Skechers) ने भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज को अपना नया ब्रांड एंबेसडर बनाया है। यह साझेदारी स्केचर्स की भारतीय क्रिकेट में बढ़ती मौजूदगी का संकेत है और इसके एथलीट्स की सूची में एक और बड़ा नाम जुड़ गया है। अब सिराज स्केचर्स के क्रिकेट फुटवियर पहनते नज़र आएंगे और ब्रांड के परफ़ॉर्मेंस एवं लाइफ़स्टाइल अभियानों का हिस्सा होंगे।

क्यों चुने गए मोहम्मद सिराज?

सिराज आज भारत के प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ों में गिने जाते हैं और हाल के वर्षों में उनकी लोकप्रियता तेज़ी से बढ़ी है।

उनकी कुछ अहम उपलब्धियाँ –

  • इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में भारत के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़।

  • इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में गुजरात टाइटन्स के अहम खिलाड़ी।

  • साधारण पृष्ठभूमि से उठकर कड़ी मेहनत और लगातार प्रदर्शन से युवाओं के लिए प्रेरणा।

युवाओं से जुड़ाव और मैदान पर प्रदर्शन सिराज को परफ़ॉर्मेंस-ड्रिवन ब्रांड स्केचर्स के लिए आदर्श चेहरा बनाता है।

भारत में स्केचर्स की क्रिकेट रणनीति

अब तक स्केचर्स मुख्य रूप से लाइफ़स्टाइल और रनिंग शूज़ पर केंद्रित रहा है। लेकिन क्रिकेट फुटवियर में उतरना उसके परफ़ॉर्मेंस स्पोर्ट्सवियर विस्तार की योजना को दर्शाता है।

ब्रांड की रणनीति में शामिल है –

  • भारत-विशेष क्रिकेट गियर लॉन्च करना।

  • शीर्ष क्रिकेटरों जैसे जसप्रीत बुमराह और अब मोहम्मद सिराज को जोड़ना।

  • क्रिकेट जूतों को उच्च प्रदर्शन और किफ़ायती विकल्प के रूप में पेश करना।

भारत दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट बाज़ार है, ऐसे में स्केचर्स नाइकी, एडिडास और प्यूमा जैसे स्थापित ब्रांडों को चुनौती देना चाहता है।

अभियान और बाज़ार पर असर

सिराज स्केचर्स के आगामी परफ़ॉर्मेंस और लाइफ़स्टाइल अभियानों में दिखाई देंगे, जिन्हें अगले आईपीएल सीज़न और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट आयोजनों के दौरान लॉन्च किया जाएगा।

इन अभियानों में मुख्य रूप से दिखाया जाएगा –

  • स्केचर्स के क्रिकेट शूज़ की तकनीकी खूबियाँ।

  • सिराज की प्रेरणादायक यात्रा और खेल उत्कृष्टता।

  • ब्रांड का वादा: आराम, टिकाऊपन और प्रदर्शन

इस साझेदारी से स्केचर्स को भारत के युवाओं और क्रिकेट प्रेमियों में ब्रांड रिकॉल और जुड़ाव बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है, खासकर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में।

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