विश्वास मत में हार के बाद फ्रांस्वा बायरू को फ्रांस के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है क्योंकि फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू सोमवार को संसद में विश्वास मत हार गए। बायरू को प्रधानमंत्री नियुक्त होने के महज आठ महीने बाद ही विश्वास मत हार गए जिसके तहत 364-194 के भारी मतों से हारने के बाद उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया गया। बायरू मंगलवार सुबह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। अब राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को 12 महीने में चौथी बार नया प्रधानमंत्री तलाश करना होगा।

इंटेल ने नेतृत्व में फेरबदल किया, होल्टहॉस बाहर होंगे

इंटेल कॉर्पोरेशन ने वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में जारी चुनौतियों के बीच कंपनी को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से बड़े स्तर पर प्रबंधन फेरबदल की घोषणा की है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कंपनी की चीफ़ ऑफ प्रोडक्ट्स मिशेल जॉनस्टन होल्थॉस (Michelle Johnston Holthaus), जो पिछले तीन दशकों से इंटेल से जुड़ी रही हैं, अब अपने पद से हटने जा रही हैं।

मिशेल होल्थॉस ने कई नेतृत्व परिवर्तनों के दौर में अहम भूमिका निभाई, यहाँ तक कि पूर्व सीईओ पैट गेलसिंगर के इस्तीफ़े के बाद कुछ समय तक इंटरिम सह-सीईओ भी रहीं।

हालाँकि, वह संक्रमण काल में रणनीतिक सलाहकार के रूप में कंपनी से जुड़ी रहेंगी। उनका जाना इस बात का संकेत है कि नए सीईओ लिप-बू तान (Lip-Bu Tan) कंपनी की लीडरशिप संरचना को सरल और संचालन को अधिक कुशल बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

नई नेतृत्व नियुक्तियाँ

इस फेरबदल के तहत दो बड़ी नियुक्तियाँ की गईं:

  • केवॉर्क केचिचियन 

    • एक्ज़िक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर, डेटा सेंटर ग्रुप

    • इससे पहले Arm, NXP Semiconductors और Qualcomm में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं।

  • श्रीनिवासन अय्यंगर 

    • नवनिर्मित सेंट्रल इंजीनियरिंग ग्रुप के प्रमुख होंगे।

    • यह कदम इंटेल के इंजीनियरिंग प्रयासों को एकीकृत दृष्टिकोण के तहत लाने का संकेत है।

रणनीतिक परिप्रेक्ष्य: बदलाव और चुनौतियाँ

इंटेल में यह बदलाव ऐसे समय पर हो रहा है जब कंपनी कई चुनौतियों का सामना कर रही है। सीईओ लिप-बू तान की अगुवाई में कंपनी:

  • प्रबंधकीय परतों को कम कर तेज़ निर्णय लेने की कोशिश कर रही है।

  • प्रोडक्ट डेवलपमेंट को पुनर्गठित कर नवाचार की रफ्तार बढ़ाना चाहती है।

  • शेयरधारकों और राजनीतिक दबाव के बीच अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की कोशिश में है।

साथ ही, इंटेल को वैश्विक परिदृश्य में सप्लाई चेन की बाधाएँ, AMD और NVIDIA से कड़ी प्रतिस्पर्धा, और अमेरिका की चिप स्वतंत्रता (chip independence) की नयी पहल जैसी चुनौतियों से भी निपटना होगा।

परीक्षा हेतु मुख्य तथ्य

  • कार्यकारी प्रस्थान: मिशेल होल्थॉस (30+ साल बाद इंटेल छोड़ेंगी)

  • नई नियुक्तियाँ:

    • केवॉर्क केचिचियन – ईवीपी, डेटा सेंटर ग्रुप

    • श्रीनिवासन अय्यंगर – प्रमुख, सेंट्रल इंजीनियरिंग ग्रुप

  • सीईओ: लिप-बू तान (नेतृत्व सरलीकरण और टर्नअराउंड पर केंद्रित)

यूनुस अहमद को कैमल इंटरनेशनल अवार्ड

मध्य पूर्व में डॉटस्पेस कोवर्किंग के कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत एनआरआई उद्यमी यूनुस अहमद को वैश्विक व्यवसाय नेतृत्व में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए कैमल इंटरनेशनल अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया है।

पुरस्कार समारोह और सम्मान

  • यह पुरस्कार दुबई में आयोजित एक औपचारिक समारोह में प्रदान किया गया। शारजाह कैमल रेसिंग क्लब के चेयरमैन शेख मतार बिन हुवैदेन अल केतबी ने यूनुस अहमद को यह सम्मान भेंट किया।
  • यह मान्यता एरेबियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दी जाती है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यवसाय में उत्कृष्टता और नेतृत्व का जश्न मनाती है।

पुरस्कार का महत्व

  • कैमल इंटरनेशनल अवार्ड एरेबियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिनके प्रयास और उपलब्धियाँ असाधारण व्यावसायिक कौशल और प्रभाव को दर्शाती हैं।
  • यूनुस अहमद के लिए यह सम्मान न केवल मध्य पूर्व में कोवर्किंग सेक्टर में उनके आदर्श नेतृत्व को रेखांकित करता है, बल्कि उन्हें एक प्रवासी भारतीय (NRI) प्रोफेशनल के रूप में वैश्विक व्यवसाय जगत में उनके योगदान का प्रमाण भी है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • पुरस्कार प्राप्तकर्ता: यूनुस अहमद, कार्यकारी निदेशक, डॉटस्पेस कोवर्किंग

  • मान्यता: कैमल इंटरनेशनल अवार्ड 2025

  • प्रदान करने वाली संस्था: एरेबियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

  • समारोह स्थल: दुबई

  • सम्मान प्रदानकर्ता: शेख मतार बिन हुवैदेन अल केतबी, चेयरमैन, शारजाह कैमल रेसिंग क्लब

RBI भूपेन हजारिका के लिए विशेष सिक्का जारी करेगा

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 13 सितंबर 2025 को ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करेगा, जो असम के महान गायक, कवि और सांस्कृतिक प्रतीक डॉ. भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी को समर्पित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुवाहाटी में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में इस सिक्के का अनावरण करेंगे, जिसके साथ ही हजारिका के भारतीय संस्कृति और संगीत में अद्वितीय योगदान का सम्मान करने वाले वर्षभर चलने वाले समारोहों की शुरुआत होगी।

गुवाहाटी में भव्य आयोजन

यह औपचारिक समारोह खानापारा स्थित वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड में आयोजित होगा, जहाँ बड़ी संख्या में जनता के भाग लेने की संभावना है। सिक्के के साथ-साथ असम प्रकाशन बोर्ड द्वारा प्रकाशित भूपेन हजारिका की विस्तृत जीवनी का भी विमोचन होगा। इस जीवनी का अनुवाद कई भारतीय भाषाओं में किए जाने की योजना है, ताकि उनका संदेश और जीवनकथा पूरे देश में पहुँचे।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस जीवनी को एक विद्वत्तापूर्ण कार्य और भावनात्मक कथन का संगम बताया है, जो हजारिका के सांस्कृतिक प्रभाव को सशक्त रूप से दर्शाता है।

वर्षभर का शताब्दी समारोह

सिक्के का विमोचन 8 सितंबर 2025 से शुरू हुए वर्षभर चलने वाले शताब्दी उत्सव का हिस्सा है, जो 8 सितंबर 2026 को भारत के राष्ट्रपति की उपस्थिति में भव्य समापन समारोह के साथ समाप्त होगा। इस दौरान नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय जैसे सांस्कृतिक एवं राजनीतिक केंद्रों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे।

सांस्कृतिक धरोहर और स्मारक परियोजनाएँ

शताब्दी वर्ष के अंतर्गत कई स्मृति-परियोजनाएँ शुरू होंगी:

  • जालुकबाड़ी स्थित भूपेन हजारिका स्मारक स्थल का नाम बदलकर भूपेन हजारिका समन्वय तीर्थ रखा जाएगा, जो उनके सामंजस्य और एकता के मूल्यों को प्रतिबिंबित करेगा।

  • गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में एक विशेष संग्रहालय बनाया जाएगा, जहाँ उनकी निजी वस्तुएँ, लेखन, संगीत और पुरस्कार रखे जाएँगे। यह स्थायी धरोहर स्थल के रूप में कार्य करेगा।

  • असम के सभी बीहू समितियों से अपील की गई है कि वे अपने उत्सवों की एक संध्या भूपेन हजारिका की विरासत को समर्पित करें।

हजारिका की अमर प्रेरणा

1926 में जन्मे भूपेन हजारिका केवल गायक ही नहीं थे, बल्कि एक सामाजिक दार्शनिक, मानवतावादी और सांस्कृतिक सुधारक भी थे। उनके कार्यों में सामाजिक न्याय, भाषाई गौरव और मानव गरिमा के संदेश निहित थे, जो असम की लोक परंपराओं को सार्वभौमिक विषयों से जोड़ते थे।
2019 में उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया, जो भारतीय कला, संगीत और सामाजिक चेतना पर उनके अद्वितीय प्रभाव की मान्यता है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 13 सितंबर 2025 को ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करेगा।

  • यह सिक्का भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती को समर्पित है।

वेरस्टैपेन ने 2025 इटैलियन ग्रां प्री शानदार अंदाज में जीती

मैक्स वेरस्टापेन ने 2025 इटालियन ग्रां प्री (मोनज़ा) में दबदबे वाली जीत दर्ज कर अपनी विजयी फॉर्म में वापसी की। मई के बाद यह उनकी पहली और इस सीज़न की मात्र तीसरी जीत है, जिसने रेड बुल रेसिंग के इस सितारे के लिए चुनौतीपूर्ण साल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की।

नाटकीय शुरुआत और शानदार समापन

रेस की शुरुआत रोमांचक रही, जब पहले मोड़ पर लैंडो नॉरिस और वेरस्टापेन की टक्कर हुई, जिसके चलते नॉरिस थोड़ी देर के लिए ट्रैक से बाहर हो गए। नियमों के तहत वेरस्टापेन को नॉरिस को पोज़ीशन वापस देनी पड़ी, लेकिन चौथे लैप तक उन्होंने दोबारा बढ़त हासिल कर ली।

उसके बाद से वेरस्टापेन ने पूरी रेस पर नियंत्रण बनाए रखा। उन्होंने इसे “अविश्वसनीय वीकेंड” कहा, क्योंकि क्वालिफाइंग में उन्होंने फॉर्मूला 1 इतिहास की सबसे तेज़ लैप टाइम लगाकर पोल पोज़ीशन भी हासिल की थी।

उन्होंने फिनिश लाइन नॉरिस से लगभग 20 सेकंड की बढ़त के साथ पार की, जो रेड बुल की बेहतर रणनीति और टायर मैनेजमेंट को दर्शाता है।

मैकलेरन का मिला-जुला प्रदर्शन

मैकलेरन के लिए यह रेस अच्छा साबित हुआ, जहाँ लैंडो नॉरिस दूसरे और ऑस्कर पियास्त्री तीसरे स्थान पर रहे। हालांकि, विवाद तब हुआ जब टीम ने अंतिम लैप्स में पियास्त्री को नॉरिस को आगे निकलने देने का निर्देश दिया। पियास्त्री ने टीम आदेश का पालन तो किया लेकिन टीम रेडियो पर इस फैसले पर असहमति जताई।

इसके बावजूद नॉरिस ने इस परिणाम को अपनी “छोटी वापसी” बताया, खासकर नीदरलैंड ग्रां प्री में रिटायरमेंट के बाद। इस परिणाम से उन्होंने चैंपियनशिप में पियास्त्री के साथ अंकों का अंतर घटाकर 31 अंक कर लिया, जिससे उनकी खिताबी उम्मीदें जीवित हैं।

फेरारी का घरेलू प्रदर्शन

जोशीले टिफ़ोसी (Ferrari प्रशंसक) के सामने चार्ल्स लेक्लर ने मजबूत प्रदर्शन करते हुए चौथा स्थान हासिल किया। लुईस हैमिल्टन, जिन्हें ग्रिड पेनल्टी के कारण 10वें स्थान से शुरुआत करनी पड़ी थी, ने शानदार ओवरटेक करते हुए छठा स्थान पाया, जबकि उनके साथी जॉर्ज रसेल पांचवें स्थान पर रहे।

चैंपियनशिप पर असर

इस जीत के बावजूद वेरस्टापेन अंक तालिका में तीसरे स्थान पर हैं और पियास्त्री से 94 अंक पीछे हैं। अब केवल आठ रेस बाकी हैं, ऐसे में मौजूदा चैंपियन के लिए लगातार पांचवां खिताब जीतना बेहद मुश्किल लग रहा है।

फिर भी वेरस्टापेन आशावादी बने हुए हैं। उन्होंने कहा: “हम कदम दर कदम, रेस दर रेस आगे बढ़ेंगे। यह वाकई अविश्वसनीय वीकेंड रहा।”

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • विजेता: मैक्स वेरस्टापेन (रेड बुल)

  • तिथि: 7 सितंबर 2025

  • स्थान: मोनज़ा, इटली

  • पो़डियम फिनिशर्स: वेरस्टापेन, नॉरिस, पियास्त्री

  • सबसे तेज़ लैप रिकॉर्ड: वेरस्टापेन (क्वालिफाइंग में)

हीरो मोटोकॉर्प ने हर्षवर्द्धन चितले को सीईओ नियुक्त किया

भारत की अग्रणी दोपहिया निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने अपने नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में हर्षवर्धन चितले की नियुक्ति की घोषणा की है। यह नियुक्ति 5 जनवरी 2026 से प्रभावी होगी। यह नेतृत्व परिवर्तन कंपनी की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और प्रीमियम प्रोडक्ट सेगमेंट में तेज़ प्रगति को गति देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

नेतृत्व में बदलाव और पृष्ठभूमि

यह घोषणा अप्रैल 2025 में निरंजन गुप्ता के सीईओ पद से इस्तीफा देने के बाद आई है। तब से कंपनी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (CTO) विक्रम कासबेकर कार्यकारी सीईओ (Acting CEO) के रूप में काम कर रहे थे। अब कासबेकर अपनी CTO की भूमिका जारी रखेंगे और चितले के पदभार ग्रहण करने तक संक्रमण प्रक्रिया में सहयोग करेंगे।

हर्षवर्धन चितले कौन हैं?

शैक्षणिक योग्यता

  • IIT दिल्ली के पूर्व छात्र, जिन्हें डायरेक्टर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था।

  • उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और प्रारंभिक नेतृत्व क्षमता का यह प्रतीक माना जाता है।

पेशेवर अनुभव
चितले को विभिन्न उद्योगों में 30 से अधिक वर्षों का वैश्विक अनुभव है:

  • सिग्निफाई (Signify) के €4 बिलियन प्रोफेशनल बिजनेस के वैश्विक सीईओ रहे, जहाँ उन्होंने 70 से अधिक देशों में 12,000 कर्मचारियों के साथ संचालन का नेतृत्व किया।

  • फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रहे। उनके नेतृत्व में कंपनी का सफलतापूर्वक लिस्टिंग हुआ और बाजार में नेतृत्व बनाए रखा गया।

  • एचसीएल इन्फोसिस्टम्स और हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं, जहाँ उन्होंने व्यवसाय परिवर्तन और वृद्धि की रणनीतियाँ चलाईं।

  • वे इलेक्ट्रिक वाहन, क्लीन टेक, हेल्थ-टेक और एग्री-टेक स्टार्टअप्स में एंजेल निवेशक भी हैं, जो उनके नवाचार और स्थिरता में गहरे रुचि को दर्शाता है।

उनकी नियुक्ति का रणनीतिक महत्व

  • ईवी और भविष्य की मोबिलिटी: हीरो मोटोकॉर्प इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में तेजी से विस्तार कर रही है। औद्योगिक स्वचालन, IoT नवाचार और वैश्विक संचालन का अनुभव रखने वाले चितले कंपनी की सस्टेनेबल और कनेक्टेड मोबिलिटी की ओर यात्रा को गति देंगे।

  • वैश्विक व्यवसाय दृष्टिकोण: लाभ को दोगुना करने, हर साल 100 से अधिक नए उत्पाद लॉन्च करने और सीमा-पार संचालन का नेतृत्व करने का उनका ट्रैक रिकॉर्ड हीरो की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देगा।

  • डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन: डिजिटल-प्रथम रणनीतियों और तकनीक-सक्षम समाधानों के नेतृत्व का उनका अनुभव हीरो की अगली यात्रा—स्मार्ट मोबिलिटी, डेटा-आधारित समाधान और प्रीमियम सेगमेंट—के लिए उपयुक्त है।

मुख्य बिंदु

  • नए सीईओ: हर्षवर्धन चितले

  • कार्यभार ग्रहण करने की तिथि: 5 जनवरी 2026

  • पिछला पद: ग्लोबल सीईओ, सिग्निफाई प्रोफेशनल बिजनेस

  • शैक्षणिक पृष्ठभूमि: IIT दिल्ली, डायरेक्टर गोल्ड मेडलिस्ट

भारत रत्न भूपेन हजारिका जन्म शताब्दी समारोह

भारत ने भारत रत्न से सम्मानित दिग्गज गायक, कवि और संगीतकार भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती का उत्सव मनाना शुरू कर दिया है। अपनी सशक्त आवाज़ और इंसानियत, समानता तथा सांस्कृतिक एकता पर आधारित अमर गीतों के लिए जाने जाने वाले हजारिका का काम आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करता है। यह शताब्दी समारोह उनके संगीत, सिनेमा और सामाजिक परिवर्तन में अमूल्य योगदान को सम्मानित करने और उनकी विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का प्रयास है।

भूपेन हजारिका कौन थे?

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम में हुआ था। वे अपनी आत्मीय गायकी, प्रभावशाली गीतों और समाज को जागरूक करने वाली रचनाओं के कारण भारत के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक व्यक्तित्वों में गिने जाते हैं। उन्होंने आम जनता के जीवन, वंचितों के संघर्ष और असम तथा पूर्वोत्तर की सुंदरता को अपने गीतों में स्वर दिया।

उन्हें संगीत और संस्कृति में असाधारण योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनका निधन 5 नवंबर 2011 को 85 वर्ष की आयु में हुआ।

प्रारंभिक जीवन

भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम के सदिया नगर में हुआ। वे अपनी माँ से पारंपरिक असमिया गीत सुनते हुए बड़े हुए। 10 साल की उम्र में ही उन्हें सांस्कृतिक दिग्गज ज्योतिप्रसाद अग्रवाला और विष्णु प्रसाद राभा ने खोज लिया था। 12 साल की उम्र में उन्होंने पहला गीत रिकॉर्ड किया और जल्दी ही अपनी गहरी आवाज़ और काव्यात्मक प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध हो गए।

शिक्षा और प्रेरणा

उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और बाद में अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की। वहीं उनकी मुलाकात नागरिक अधिकारों के योद्धा और गायक पॉल रोब्सन से हुई, जिन्होंने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। रोब्सन से प्रेरणा लेकर हजारिका ने संगीत को सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाया और इंसानियत, न्याय तथा समानता पर आधारित गीत लिखे।

भूपेन हजारिका की संगीत धरोहर

भूपेन हजारिका ने मुख्य रूप से असमिया भाषा में गीत लिखे और गाए, लेकिन उनके गीतों का अनुवाद बंगाली, हिंदी और अन्य भाषाओं में भी हुआ। उनके कुछ लोकप्रिय गीत हैं:

  • बिस्तीर्णो पारोरे

  • मोई एति जाजाबोर

  • मनुहे मनुहोर बाबे

उन्होंने असम और पूर्वोत्तर भारत की लोक परंपराओं को भारतीय सिनेमा में स्थान दिलाया और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाया। उनके गीत सांप्रदायिक सौहार्द और विश्व बंधुत्व के संदेश भी देते थे।

सिनेमा और राजनीति में योगदान

गायक होने के साथ-साथ हजारिका फिल्म निर्देशक और गीतकार भी थे। उन्होंने पुरस्कार विजेता असमिया फिल्में बनाईं और हिंदी तथा बंगाली फिल्मों जैसे रुदाली और दमन में संगीत दिया। वे असम विधान सभा के सदस्य रहे और 1998 से 2003 तक संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे।

सम्मान और पुरस्कार

भूपेन हजारिका को जीवनकाल और निधन के बाद भी अनेक पुरस्कार मिले:

  • राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1975)

  • पद्मश्री (1977) और पद्मभूषण (2001)

  • दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (1992)

  • संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (2008)

  • पद्मविभूषण (2012, मरणोपरांत)

  • भारत रत्न (2019, मरणोपरांत)

उनकी स्मृति में मूर्तियाँ, डाक टिकट और असम का ढोला-सदिया पुल (भूपेन हजारिका सेतु) समर्पित किया गया है।

अंतिम समय और निधन

जीवन के अंतिम वर्षों में उन्होंने फिल्मकार कल्पना लाजमी के साथ कई हिंदी फिल्मों पर काम किया। 5 नवंबर 2011 को मुंबई में उनका निधन हो गया। असम में उनके अंतिम संस्कार में लाखों लोग शामिल हुए, जो उनके प्रति जनता के अपार प्रेम और सम्मान का प्रमाण था।

भारत अक्टूबर 2025 में 28वीं एशियाई टीटी टीम चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा

भारत 28वीं आईटीटीएफ-एटीटीयू एशियन टेबल टेनिस टीम चैम्पियनशिप का आयोजन 11 से 15 अक्टूबर, 2025 तक भुवनेश्वर, ओडिशा में करेगा। यह प्रतिष्ठित महाद्वीपीय प्रतियोगिता पुरुष और महिला टीम मुकाबलों में शीर्ष स्तर का प्रदर्शन पेश करेगी और साथ ही 2026 आईटीटीएफ वर्ल्ड टीम चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफायर का काम करेगी। प्रत्येक श्रेणी की शीर्ष 13 टीमें वैश्विक टूर्नामेंट में जगह बनाएंगी।

यह आयोजन भारतीय टेबल टेनिस के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और भुवनेश्वर को भारत की उभरती खेल राजधानी के रूप में स्थापित करता है।

कार्यक्रम का महत्व

एशियाई टेबल टेनिस टीम चैम्पियनशिप, जिसका संचालन इंटरनेशनल टेबल टेनिस फेडरेशन (ITTF) और एशियन टेबल टेनिस यूनियन (ATTU) करते हैं, महाद्वीप का एक प्रमुख टूर्नामेंट है। इसकी मेज़बानी भारत को दिलाती है:

  • टेबल टेनिस की दुनिया में वैश्विक पहचान

  • भारतीय टीमों के लिए क्वालीफिकेशन का अवसर

  • खेल ढाँचे और आयोजन क्षमता दिखाने का मौका

यह पहली बार होगा जब ओडिशा एशियाई स्तर की टेबल टेनिस चैम्पियनशिप की मेज़बानी करेगा। हालांकि, राज्य ने पहले 2019 कॉमनवेल्थ टेबल टेनिस चैम्पियनशिप सफलतापूर्वक आयोजित की थी।

स्थान और ढाँचा 

मैच भुवनेश्वर में खेले जाएंगे, जिसने पहले एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप, खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और सैफ चैम्पियनशिप जैसे बड़े आयोजनों की मेज़बानी की है।

टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (TTFI) ने आश्वासन दिया है कि आयोजन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर होगा, जिसमें शामिल हैं:

  • आईटीटीएफ-स्वीकृत फ्लोरिंग

  • उन्नत लाइटिंग और उपकरण

  • पूरी तरह से वातानुकूलित (एयर-कंडीशंड) एरेना

ये सुविधाएँ दर्शाती हैं कि ओडिशा भारत में मल्टी-स्पोर्ट उत्कृष्टता केंद्र बनने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रतिस्पर्धा में कौन-कौन?

इस चैम्पियनशिप में एशिया की शीर्ष टेबल टेनिस टीमें भाग लेंगी, जिनमें शामिल हैं:

  • चीन (टेबल टेनिस में विश्व अग्रणी)

  • जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर

  • दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और मध्य एशिया की उभरती टीमें

भारत की पुरुष और महिला टीमें, हाल के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन से प्रेरित होकर, होम एडवांटेज का लाभ उठाते हुए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में क्वालीफाई करने का प्रयास करेंगी।

2026 वर्ल्ड टीम चैम्पियनशिप की राह

इस आयोजन की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह 2026 आईटीटीएफ वर्ल्ड टीम चैम्पियनशिप का क्वालीफायर है। पुरुष और महिला दोनों वर्गों की शीर्ष 13 टीमें सीधे क्वालीफाई करेंगी। इससे हर मैच की प्रतिस्पर्धात्मक तीव्रता और बढ़ जाएगी।

यह अवसर भारतीय टीमों के लिए वैश्विक रैंकिंग और दृश्यता बनाए रखने या सुधारने में अहम साबित हो सकता है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • आयोजन: 28वीं आईटीटीएफ-एटीटीयू एशियन टेबल टेनिस टीम चैम्पियनशिप

  • तारीखें: 11–15 अक्टूबर, 2025

  • स्थान: भुवनेश्वर, ओडिशा

  • आयोजक निकाय: टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (TTFI)

  • विशेषता: ओडिशा में पहली बार एशियाई स्तर की टेबल टेनिस चैम्पियनशिप

कमजोर मांग से जुलाई में कोयला आयात घटा

जुलाई 2025 में भारत का कोयला आयात 21.08 मिलियन टन (MT) रहा, जो पिछले वर्ष जुलाई 2024 के 25.23 एमटी की तुलना में 16.4% की गिरावट दर्शाता है। यह कमी मुख्य रूप से मानसून के दौरान कमजोर मांग और घरेलू स्तर पर पर्याप्त भंडारण के कारण हुई है। यह आंकड़े एमजंक्शन सर्विसेज (टाटा स्टील और सेल की संयुक्त इकाई) द्वारा जारी किए गए।

गिरावट के पीछे कारण

विनया वर्मा, एमडी और सीईओ, एमजंक्शन सर्विसेज ने बताया कि कोयला आयात में गिरावट के प्रमुख कारण हैं:

  • मानसून महीनों में उद्योग और बिजली की कमजोर मांग

  • थर्मल पावर प्लांट्स और उद्योगों में ऊँचा कोयला भंडार

  • घरेलू उत्पादन में वृद्धि से आयात की आवश्यकता कम होना

उन्होंने कहा कि सितंबर से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले मांग बढ़ सकती है, जिससे कोयले की खपत में इज़ाफा होगा।

जुलाई 2025 आयात आँकड़े

  • कुल कोयला आयात: 21.08 एमटी (जुलाई 2025) बनाम 25.23 एमटी (जुलाई 2024)

  • नॉन-कोकिंग कोल (बिजली उत्पादन हेतु): 11.54 एमटी (2025) बनाम 16.52 एमटी (2024)

  • कोकिंग कोल (इस्पात उद्योग हेतु): 5.85 एमटी (2025) बनाम 4.81 एमटी (2024)

नॉन-कोकिंग कोल की मांग बिजली क्षेत्र में कमी के कारण घटी, जबकि कोकिंग कोल आयात बढ़ा, जो इस्पात और भारी उद्योग में स्थिरता या वृद्धि को दर्शाता है।

अप्रैल–जुलाई 2025: संचयी आयात रुझान

  • कुल आयात: 97.49 एमटी (एफवाई 2025) बनाम 100.48 एमटी (एफवाई 2024)

  • नॉन-कोकिंग कोल: 60.62 एमटी (2025) बनाम 65.64 एमटी (2024)

  • कोकिंग कोल: 22.22 एमटी (2025) बनाम 20.26 एमटी (2024)

यह आँकड़े दिखाते हैं कि थर्मल (बिजली) कोल आयात घटा, लेकिन इस्पात क्षेत्र की मांग मजबूत बनी रही

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • जुलाई 2025 में कोयला आयात 16.4% घटकर 21.08 एमटी

  • अप्रैल–जुलाई 2025 संचयी आयात: 97.49 एमटी (पिछले वर्ष 100.48 एमटी)

  • नॉन-कोकिंग कोल में कमी, कोकिंग कोल में बढ़ोतरी

रूस ने आशाजनक परीक्षण परिणामों के बाद कोलन कैंसर का टीका पेश किया

रूस की फेडरल मेडिकल बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) ने घोषणा की है कि उसका कोलन कैंसर (बृहदान्त्र कैंसर) का टीका अब उपयोग के लिए तैयार है। यह घोषणा 10वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (EEF), व्लादिवोस्तोक (3–6 सितम्बर 2025) में की गई। यह कैंसर इम्यूनोथेरेपी में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेषकर कोलोरेक्टल कैंसर के लिए, जो विश्वभर में सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसरों में से एक है।

शोध से क्या सामने आया?

एफएमबीए प्रमुख वेरोनिका स्क्वॉर्त्सोवा के अनुसार, इस टीके ने प्री-क्लिनिकल परीक्षणों में उच्च स्तर की सुरक्षा और उल्लेखनीय प्रभावशीलता दिखाई। परीक्षणों में पाया गया:

  • ट्यूमर के आकार में 60%–80% की कमी

  • कैंसर की प्रगति में धीमापन

  • परीक्षण विषयों की जीवित रहने की दर में सुधार

  • कोई दुष्प्रभाव नहीं, चाहे खुराक दोहराई गई हो

यह शोध खासतौर पर कोलोरेक्टल कैंसर को लक्षित करता है, जो विश्वभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित करता है और कैंसर से होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है।

कैंसर वैक्सीन कैसे काम करती है?

सामान्य टीकों की तरह संक्रमण रोकने के बजाय कैंसर वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को सक्रिय कर कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने में मदद करती है।

  • पारंपरिक वैक्सीन → संक्रमण से बचाती है (जैसे HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर रोकती है)

  • कैंसर वैक्सीन → उपचारात्मक (Therapeutic) होती है

एफएमबीए की कोलन कैंसर वैक्सीन का उद्देश्य है:

  • इम्यून सिस्टम को सक्रिय करना

  • ट्यूमर एंटीजेन की पहचान बढ़ाना

  • बीमारी की प्रगति को धीमा करना और जीवनकाल बढ़ाना

अगले कदम और स्वीकृति

हालाँकि वैक्सीन को “उपयोग हेतु तैयार” बताया गया है, लेकिन नियामक स्वीकृति (Regulatory Approval) अभी लंबित है। स्वीकृति मिलने के बाद यह रूस द्वारा विकसित पहला सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कोलोरेक्टल कैंसर इम्यूनोथेरेपी टीका होगा, और घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध कराया जा सकेगा।

अन्य टीके विकासाधीन

एफएमबीए अन्य कैंसरों के लिए भी वैक्सीन विकसित कर रहा है:

  • ग्लियोब्लास्टोमा (मस्तिष्क का आक्रामक कैंसर)

  • मेलानोमा (त्वचा का कैंसर, जिसमें दुर्लभ ऑक्यूलर मेलानोमा शामिल)

इनके शुरुआती नतीजे भी सुरक्षित और प्रभावी पाए गए हैं, जिससे उम्मीद है कि भविष्य में कैंसर वैक्सीन का दायरा और बढ़ेगा।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • लक्षित कैंसर: कोलोरेक्टल (कोलन) कैंसर

  • घोषणा करने वाली: वेरोनिका स्क्वॉर्त्सोवा, प्रमुख – FMBA

  • घोषणा स्थल: 10वां ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम, व्लादिवोस्तोक (3–6 सितम्बर 2025)

  • प्रभावशीलता: ट्यूमर आकार में 60–80% कमी, जीवनकाल में सुधार

  • स्थिति: अंतिम नियामक स्वीकृति लंबित

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