सरकार ने चांदी के गहनों की स्वैच्छिक हॉलमार्किंग शुरू की

भारत में 1 सितम्बर 2025 से चाँदी के आभूषणों और वस्तुओं के लिए HUID (हॉलमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन) आधारित हॉलमार्किंग स्वैच्छिक रूप से लागू की गई है। यह उपभोक्ताओं के लिए चाँदी की शुद्धता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की इस पहल का उद्देश्य चाँदी के आभूषणों को उसी तरह के डिजिटल रूप से ट्रैसेबल ढाँचे में लाना है जैसा पहले से सोने की हॉलमार्किंग में अपनाया जा चुका है। इससे खरीदारों को सशक्त बनाया जाएगा और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा होगी।

भारत में चाँदी की हॉलमार्किंग का विकास

  • चाँदी की हॉलमार्किंग भारत में अक्टूबर 2005 से स्वैच्छिक रूप से शुरू हुई थी, जिसे IS 2112 मानक के तहत नियंत्रित किया गया था।

  • BIS की शर्तें पूरी करने वाले ज्वैलर्स को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किए जाते थे, जिससे वे हॉलमार्क वाली चाँदी की ज्वैलरी बेच सकते थे।

  • उपभोक्ताओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता की बढ़ती मांग को देखते हुए BIS ने मानक को IS 2112:2014 से संशोधित कर IS 2112:2025 कर दिया है।

  • इस संशोधन के साथ ही अब चाँदी के आभूषणों के लिए आधिकारिक रूप से HUID आधारित हॉलमार्किंग लागू की गई है।

HUID आधारित हॉलमार्किंग क्या है?

HUID (Hallmarking Unique Identification) एक 6 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है, जो प्रत्येक हॉलमार्क वाले आभूषण को अलग-अलग पहचान देता है।

इसके फायदे:

  • आभूषण की पूर्ण ट्रैसेबिलिटी

  • उपभोक्ता BIS Care App के माध्यम से शुद्धता और प्रामाणिकता की जाँच कर सकते हैं

  • आभूषण की हॉलमार्किंग की तारीख, शुद्धता और पंजीकरण विवरण की जानकारी मिलती है

नई प्रणाली के तहत चाँदी के प्रत्येक हॉलमार्क वाले आभूषण पर तीन निशान अनिवार्य होंगे:

  1. BIS स्टैंडर्ड मार्क (साथ में “SILVER” शब्द)

  2. प्योरिटी ग्रेड (जैसे 925, 958, 999)

  3. HUID कोड

इससे उपभोक्ता न केवल आभूषण की शुद्धता पर भरोसा कर सकेंगे, बल्कि डिजिटल तरीके से उसकी प्रामाणिकता भी सत्यापित कर पाएंगे।

IS 2112:2014 और IS 2112:2025 के बीच मुख्य अंतर

विशेषता IS 2112:2014 IS 2112:2025
शुद्धता ग्रेड 800, 835, 900, 925, 970, 990 800, 835, 925, 958, 970, 990, 999 (नए ग्रेड: 958 और 999)
हॉलमार्क घटक 4 घटक (BIS मार्क, शुद्धता, AHC ID, ज्वैलर ID) 3 घटक (BIS मार्क, शुद्धता, HUID कोड)
ट्रेसबिलिटी (अनुसरण क्षमता) मैनुअल या सीमित डिजिटल – BIS Care App के माध्यम से
सत्यापन स्थानीय/भौतिक राष्ट्रव्यापी, मोबाइल ऐप आधारित

भारत में चाँदी के आभूषणों पर HUID आधारित हॉलमार्किंग (2025)

बुनियादी ढाँचा और कार्यान्वयन का पैमाना
साल 2025 तक –

  • 87 ज़िलों में 230 BIS मान्यता प्राप्त जांच एवं हॉलमार्किंग केंद्र (AHCs) संचालित हो रहे हैं।

  • वित्त वर्ष 2024–25 में 32 लाख से अधिक चाँदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की गई।

  • BIS Care App के माध्यम से उपभोक्ता HUID कोड स्कैन करके वास्तविक समय में आभूषण की जाँच कर सकते हैं।
    ये सभी केंद्र गुणवत्ता नियंत्रण, परीक्षण और हॉलमार्क जारी करने का कार्य करते हैं, जिससे भारत की हॉलमार्किंग प्रणाली को मजबूत आधार मिलता है।

हितधारकों की भागीदारी और जन-जागरूकता
संशोधित हॉलमार्किंग प्रणाली को सुचारु रूप से लागू करने और उसकी समझ बढ़ाने के लिए 7 अगस्त 2025 को BIS ने एक परामर्श बैठक आयोजित की, जिसमें 80 से अधिक प्रतिभागियों (ज्वैलर्स, AHC प्रतिनिधि और उपभोक्ता) ने हिस्सा लिया।

इसके अलावा BIS सक्रिय रूप से –

  • अपने शाखा कार्यालयों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहा है।

  • सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर HUID के लाभों का प्रचार कर रहा है।

  • ज्वैलर्स और उपभोक्ताओं को नए शुद्धता ग्रेड और हॉलमार्किंग प्रारूप की जानकारी दे रहा है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • HUID आधारित चाँदी की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक रूप से 1 सितंबर 2025 से प्रारंभ हुई।

  • IS 2112:2025 मानक ने IS 2112:2014 को प्रतिस्थापित किया।

  • HUID कोड के माध्यम से BIS Care App पर डिजिटल सत्यापन संभव है।

  • नए शुद्धता ग्रेड जोड़े गए: 958 और 999।
    यह बदलाव हॉलमार्किंग संरचना को सरल बनाता है और उपभोक्ताओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाता है।

पीयूष गोयल ने खान सचिव का पदभार संभाला

एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक नियुक्ति के तहत श्री पीयूष गोयल, नागालैंड कैडर के 1994 बैच के आईएएस अधिकारी, ने 4 सितम्बर 2025 को आधिकारिक रूप से खनन मंत्रालय के सचिव का पदभार संभाला। उनकी नियुक्ति श्री वी.एल. कंथा राव के स्थानांतरण के बाद हुई है, जो अब जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। यह बदलाव केंद्र सरकार के उस प्रयास को दर्शाता है जिसमें रणनीतिक महत्व वाले मंत्रालयों में अनुभवी और सक्षम अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।

पीयूष गोयल का व्यावसायिक पृष्ठभूमि
अपने नए कार्यभार से पहले, श्री पीयूष गोयल गृह मंत्रालय के अधीन नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (NATGRID) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रहे। NATGRID में उनके नेतृत्व के दौरान उन्होंने कई सुरक्षा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित किया, जिससे डेटा एकीकरण और राष्ट्रीय खुफिया ढांचे को मज़बूत बनाने में मदद मिली।

प्रशासनिक क्षेत्रों में उनके व्यापक अनुभव के कारण श्री गोयल को जाना जाता है:

  • एजेंसियों के बीच मज़बूत समन्वय क्षमता के लिए

  • प्रौद्योगिकी-आधारित शासन में रणनीतिक नेतृत्व के लिए

  • विकास और सुरक्षा मामलों में संतुलित दृष्टिकोण के लिए

उनकी यह पृष्ठभूमि खनन क्षेत्र में एक नया दृष्टिकोण लाने की उम्मीद है, विशेषकर डिजिटलीकरण, विनियमन और संसाधन प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में।

खनन मंत्रालय में नेतृत्व परिवर्तन
श्री गोयल ने श्री वी.एल. कंथा राव (1992 बैच, आईएएस) का स्थान लिया है, जो अब जल संसाधन विभाग का नेतृत्व कर रहे हैं। श्री राव के कार्यकाल के दौरान, खनन मंत्रालय में:

  • महत्वपूर्ण खनिजों की खोज का विस्तार हुआ,

  • राष्ट्रीय खनिज नीति के तहत नए सुधार किए गए,

  • खनन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिला।

यह बदलाव सरकार के उस निरंतर प्रयास को दर्शाता है जिसमें संसाधन-सघन और रणनीतिक मंत्रालयों में अनुभवी अधिकारियों को नेतृत्व की भूमिका सौंपी जाती है।

परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु

  • श्री पीयूष गोयल, आईएएस (1994 बैच, नागालैंड कैडर) ने 4 सितम्बर 2025 को खनन मंत्रालय के सचिव का पदभार संभाला।

  • इससे पहले वे गृह मंत्रालय के अधीन NATGRID के CEO रहे।

  • उन्होंने श्री वी.एल. कंथा राव, आईएएस (1992 बैच) का स्थान लिया, जो अब जल संसाधन विभाग के सचिव हैं।

शिक्षक दिवस 2025: भारतीय इतिहास का एक ऐतिहासिक दिन

भारत में हर वर्ष 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल कैलेंडर की एक तारीख भर नहीं है, बल्कि उन शिक्षकों को श्रद्धांजलि है जो पीढ़ियों को दिशा देते हैं और भविष्य गढ़ते हैं। यह अवसर समाज और राष्ट्र की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जिसमें शिक्षकों की भूमिका को बौद्धिक और नैतिक मूल्यों की नींव मानकर सम्मानित किया जाता है। वर्ष 2025 में यह दिवस और भी विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस बार इसका केंद्रीय विषय है—“अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना।”

5 सितम्बर क्यों? डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की विरासत

शिक्षक दिवस, भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। जब उनके विद्यार्थियों ने उनका जन्मदिन मनाने का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने विनम्रता से कहा—
“यदि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।”
तब से 1962 से हर वर्ष 5 सितम्बर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

2025 का विषय: “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना”

इस वर्ष का विषय दर्शाता है कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जिज्ञासा, रचनात्मकता और चरित्र का निर्माण भी करते हैं। बदलते समय में उनका दायित्व है कि वे छात्रों को केवल किताबों तक सीमित न रखकर उन्हें नवाचार, आत्मनिर्भरता और जीवन कौशल की ओर मार्गदर्शन दें।

भारतभर में उत्सव

शिक्षक दिवस पर देशभर के विद्यालयों और महाविद्यालयों में:

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, गीत और भाषण होते हैं।

  • छात्र शिक्षक बनकर कक्षाएं संचालित करते हैं, जो भूमिका परिवर्तन का प्रतीक है।

  • शिक्षकों को सम्मान पत्र, संदेश और पुरस्कार देकर कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

  • सोशल मीडिया पर आभार और श्रद्धा से भरे संदेश साझा किए जाते हैं।

सरकार की पहलें

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप सरकार शिक्षकों को सशक्त बनाने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है:

  1. निष्ठा (NISHTHA): विश्व का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम।

  2. राष्ट्रीय मार्गदर्शन मिशन (NMM): अनुभवी शिक्षकों को नए शिक्षकों का मार्गदर्शन करने का अवसर।

  3. राष्ट्रीय पेशेवर मानक (NPST): शिक्षकों के कार्य और प्रगति के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश।

  4. राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार: हर वर्ष 5 सितम्बर को उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।

डॉ. राधाकृष्णन: जीवन और प्रेरणा

1888 में जन्मे डॉ. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षाविद थे। उन्होंने भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति (1952–1962) और द्वितीय राष्ट्रपति (1962–1967) के रूप में सेवा की। उनका मानना था कि शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और आत्मिक उत्थान का सर्वोत्तम साधन है।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु

  • भारत में शिक्षक दिवस: 5 सितम्बर

  • अवसर: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती।

  • पहली बार मनाया गया: 1962

  • 2025 का विषय: “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना”

शिक्षक दिवस के लिए श्रेष्ठ पुस्तकें: शिक्षकों और नेतृत्व को समर्पित प्रेरणादायी पाठ्य

शिक्षक दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि उन मस्तिष्कों और मार्गदर्शकों का उत्सव है जो हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। किसी शिक्षक को दिया जाने वाला सबसे सार्थक उपहार एक ऐसी पुस्तक है जो प्रेरित करे, उत्साहित करे और उत्साह से भर दे। सही पुस्तक केवल “धन्यवाद” नहीं कहती, बल्कि यह संदेश देती है – “आपका कार्य जीवन बदल देता है।”

भारत में, जहाँ शिक्षक की भूमिका अत्यंत पूजनीय मानी जाती है, वहाँ ऐसी पुस्तकें जो नेतृत्व, दृष्टि और शैक्षणिक परिवर्तन को उजागर करती हैं, और भी अधिक प्रभावशाली होती हैं। यहाँ कुछ चुनी हुई पुस्तकें दी जा रही हैं, जिन्हें इस शिक्षक दिवस पर उपहार देने या पढ़ने के लिए आदर्श माना जा सकता है।

1. विंग्स ऑफ़ फ़ायर – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (अरुण तिवारी के साथ)

भारत के “मिसाइल मैन” और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम की आत्मकथा, जो विनम्र पृष्ठभूमि से राष्ट्रीय नेतृत्व तक उनकी यात्रा को दर्शाती है। इसमें उनके शिक्षकों के प्रति गहरी श्रद्धा झलकती है और यह पुस्तक शिक्षा की शक्ति का जीवंत प्रमाण है।

2. इग्नाइटेड माइंड्स – ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

संक्षिप्त, प्रेरणादायक और दूरदर्शी पुस्तक, जो शिक्षकों को राष्ट्र निर्माण में उनकी केंद्रीय भूमिका की याद दिलाती है। इसमें डॉ. कलाम ने विद्यार्थियों में स्वतंत्र सोच और राष्ट्रीय गर्व विकसित करने का आह्वान किया है।

3. हाउ चिल्ड्रन सक्सीड: ग्रिट, क्यूरियोसिटी एंड द हिडन पावर ऑफ कैरेक्टर – पॉल टफ

यह वैश्विक रूप से प्रशंसित पुस्तक बताती है कि सफलता केवल IQ या अंकों पर नहीं, बल्कि दृढ़ता, जिज्ञासा और भावनात्मक लचीलापन जैसी विशेषताओं पर आधारित है। यह पुस्तक उन शिक्षकों के लिए आदर्श है जो जीवन के लिए तैयार विद्यार्थियों का निर्माण करना चाहते हैं।

4. द आर्ट ऑफ टीचिंग – गिल्बर्ट हाईगेट

यह क्लासिक पुस्तक शिक्षा को केवल विज्ञान नहीं, बल्कि एक कला के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें बौद्धिकता, कहानी कहने की कला और मानवीय जुड़ाव का सुंदर संगम है। जो शिक्षक अपने शिक्षण कौशल को गहराई और सुरुचिता देना चाहते हैं, उनके लिए यह पुस्तक अनमोल है।

5. व्हाट टीचर्स मेक: इन प्रेज़ ऑफ़ द ग्रेटेस्ट जॉब इन द वर्ल्ड – टेलर माली

वायरल कविता पर आधारित यह पुस्तक शिक्षकों के अद्भुत कार्यों का हृदयस्पर्शी और हास्यपूर्ण चित्रण करती है। यह पुस्तक शिक्षकों को उनकी महत्ता और समाज पर उनके स्थायी प्रभाव की याद दिलाती है।

6. लेटर्स टू ए यंग टीचर – जोनाथन कोज़ोल

वरिष्ठ शिक्षक जोनाथन कोज़ोल के पत्रों का यह संग्रह युवा शिक्षकों के लिए मार्गदर्शन और प्रेरणा का स्रोत है। विशेषकर उन शिक्षकों के लिए जो संसाधनहीन क्षेत्रों में कार्य करते हैं या शिक्षा में सामाजिक समानता के प्रति जुनून रखते हैं। यह पुस्तक याद दिलाती है कि चुनौतियों के बावजूद, शिक्षण अब भी सबसे महान पेशों में से एक है।

अमीश त्रिपाठी ने लॉन्च किया द चोला टाइगर्स: एवेंजर्स ऑफ सोमनाथ

एक भव्य साहित्यिक उत्सव में भारत के सर्वाधिक चर्चित मिथक-आधारित (माइथो-फ़िक्शन) लेखक अमिश त्रिपाठी ने अपनी नवीनतम कृति “द चोला टाइगर्स: अवेंजर्स ऑफ सोमनाथ” का विमोचन किया। यह आयोजन मुंबई के क्रॉसवर्ड बुकस्टोर्स, केम्प्स कॉर्नर में हुआ। यह पुस्तक उनकी इंडिक क्रॉनिकल्स शृंखला की दूसरी कड़ी है, जिसका उद्देश्य भारत के मध्यकालीन इतिहास को रोचक और प्रभावशाली शैली में पुनः प्रस्तुत करना है। पाठकों, प्रशंसकों और फिल्मी जगत की हस्तियों की उपस्थिति ने इस शाम को साहित्य और भारतीय ऐतिहासिक धरोहर के नाम कर दिया।

द चोला टाइगर्स: भारतीय इतिहास का नया पुनर्कथन

अमिश की यह कृति चोल वंश की गाथा पर आधारित है, जिसमें सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण और उसके प्रतिशोध की ऐतिहासिक घटना को केंद्र में रखा गया है।

यह उपन्यास प्रस्तुत करता है—

  • इतिहास और पौराणिक कल्पना का मिश्रित तीव्र गति वाला कथानक।

  • वीरता, अस्मिता और सभ्यतागत गर्व के सशक्त प्रसंग।

  • दक्षिण भारत के राष्ट्रीय प्रतिरोध में योगदान की गहरी झलक।

अमिश इस कथा के माध्यम से पाठकों को आमंत्रित करते हैं कि वे उन नायकों को समझें जिन्होंने विदेशी आक्रमणों के समय भारत की संस्कृति और जनता की रक्षा की।

भारतीय साहित्य में अमिश की विरासत

शिव ट्रिलॉजी से लेकर लेजेन्ड ऑफ सुहेलदेव तक, अमिश ने भारतीय साहित्य में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विषयों को आधुनिक कथा-शैली से जोड़कर एक नई राह बनाई। उनकी पुस्तकों की 80 लाख से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं।

उनके कार्यों ने—

  • भारत के प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास के प्रति नई रुचि जगाई।

  • मिथक-कथा (माइथो-फ़िक्शन) को लोकप्रिय विधा बना दिया।

  • सांस्कृतिक स्मृति और पहचान पर बहस को प्रेरित किया।

इंडिक क्रॉनिकल्स शृंखला अमिश के 1300 वर्षों के भारतीय इतिहास पर गहन चिंतन का परिणाम है, जो मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा और इतिहास को नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर देती है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • अमिश त्रिपाठी ने सितंबर 2025 में मुंबई के क्रॉसवर्ड केम्प्स कॉर्नर में The Chola Tigers: Avengers of Somnath का विमोचन किया।

  • यह इंडिक क्रॉनिकल्स शृंखला की दूसरी पुस्तक है (पहली लेजेन्ड ऑफ सुहेलदेव)।

  • विषय: सोमनाथ मंदिर आक्रमण का प्रतिशोध और चोल वंश की भूमिका

  • लॉन्च पर अभिनेता रवि दुबे, सरगुन मेहता और जिम्मी शेरगिल उपस्थित रहे।

  • अमिश की प्रमुख कृतियाँ: शिव ट्रिलॉजी, राम चंद्र सीरीज़; कुल बिक्री 80 लाख से अधिक

आनंद वी. पाटिल को बेंगलुरु में प्रो. वी.के. गोकाक पुरस्कार मिलेगा

साहित्यिक उत्कृष्टता के उत्सव के रूप में, बच्चों के साहित्य में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध आनंद वी. पाटिल को प्रो. वी.के. गोकाक पुरस्कार 7 सितंबर 2025 को बेंगलुरु में प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार भारत के प्रमुख साहित्यकारों में से एक प्रो. विनायक कृष्ण गोकाक के नाम पर स्थापित किया गया है और विशेष रूप से कन्नड़ साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को सम्मानित करता है।

साहित्यिक हस्ती: आनंद वी. पाटिल

आनंद वी. पाटिल भारतीय साहित्य की एक प्रतिष्ठित हस्ती हैं, जिन्होंने विशेष रूप से बाल साहित्य को समृद्ध करने का कार्य किया है। उन्हें केन्द्रीय साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार भी मिल चुका है। पाटिल ने अपनी लेखनी से बच्चों के लिए विचारोत्तेजक और कल्पनाशील कहानियाँ रचकर नई पीढ़ी को प्रेरित किया है।

प्रो. वी.के. गोकाक पुरस्कार से उनका सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह बाल साहित्य रचनाकारों के लिए एक प्रोत्साहन का प्रतीक भी है।

प्रो. विनायक कृष्ण गोकाक की विरासत

यह पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्तकर्ता प्रो. वी.के. गोकाक की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने—

  • विद्यालयों में शिक्षा का माध्यम कन्नड़ भाषा बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • प्रोफेसर, शिक्षाविद् और बहुआयामी लेखक के रूप में ख्याति प्राप्त की।

  • कन्नड़ और अंग्रेज़ी दोनों साहित्य को अपने रचनात्मक और विद्वत्तापूर्ण योगदान से समृद्ध किया।

उनकी विरासत आज भी साहित्यकारों और नीति-निर्माताओं को प्रेरित करती है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • आनंद वी. पाटिल को 7 सितंबर 2025 को बेंगलुरु में प्रो. वी.के. गोकाक पुरस्कार मिलेगा।

  • यह पुरस्कार ज्ञानपीठ सम्मानित प्रो. वी.के. गोकाक की स्मृति में दिया जाता है।

  • पाटिल केन्द्रीय साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार विजेता हैं।

  • आयोजनकर्ता: भारतीय विद्या भवन और विनायक गोकाक वाङ्मय ट्रस्ट

कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 26 नए जजों की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की भारी कमी को पूरा करने के लिए एक बड़ा प्रस्ताव पेश किया है। इस सिफ़ारिश में न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं का मिश्रण है, जिनमें वरिष्ठ महिला वकील भी शामिल हैं। हाल के समय में यह उच्च न्यायालयों के लिए भेजी गई सबसे बड़ी सिफ़ारिशों में से एक है। इसका उद्देश्य बढ़ते मामलों के बोझ को कम करना और न्यायिक व्यवस्था को मज़बूत बनाना है।

पृष्ठभूमि : इलाहाबाद उच्च न्यायालय और रिक्तियाँ

  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय देश का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय है।

  • स्वीकृत शक्ति (Sanctioned Strength): 160 न्यायाधीश

  • कार्यरत न्यायाधीश (सितंबर 1, 2025 तक): 84

  • रिक्तियाँ: 76 (लगभग आधी सीटें खाली)
    इतनी अधिक रिक्तियाँ मामलों के निपटारे में देरी और न्याय प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करती हैं।

कॉलेजियम की सिफ़ारिश

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक (1 सितंबर 2025) में प्रस्तावित :

  • 14 न्यायिक अधिकारी

  • 12 अधिवक्ता, जिनमें वरिष्ठ महिला वकील

    • गरिमा परशद

    • स्वरुपमा चतुर्वेदी (सुप्रीम कोर्ट बार से)
      कुल 26 नामों की सिफ़ारिश की गई, जो हाल के महीनों में किसी उच्च न्यायालय के लिए सबसे बड़ा प्रस्ताव है।

इस कदम का महत्व

  1. न्यायपालिका को मज़बूत बनाना

    • नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से मामलों की लंबित संख्या (Pendency) घटेगी।

    • क़ानून के शासन और समय पर न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

  2. महिला प्रतिनिधित्व

    • वरिष्ठ महिला वकीलों की शामिलीकरण से उच्च न्यायपालिका में लैंगिक विविधता (Gender Diversity) बढ़ेगी।

    • यह अधिक महिलाओं को विधि व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

  3. अन्य उच्च न्यायालयों की तुलना

    • इलाहाबाद के अलावा बॉम्बे, कलकत्ता और पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालयों में भी रिक्तियाँ काफ़ी हैं।

    • इन नियुक्तियों से न्यायपालिका की समग्र दक्षता बढ़ेगी।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

उच्च न्यायालय न्यायाधीशों की नियुक्ति

  • संवैधानिक प्रावधान : अनुच्छेद 217, भारतीय संविधान

  • नियुक्ति प्राधिकारी : भारत के राष्ट्रपति

  • परामर्श लिया जाता है :

    • भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)

    • राज्यपाल

    • संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (यदि नियुक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की न हो)

हर 100 में 1 मौत का कारण आत्महत्या: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में युवा पीढ़ी में बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य संकट पर गंभीर चिंता जताई है। रिपोर्ट के अनुसार, आत्महत्या अभी भी विश्व स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, जो हर 100 में से 1 से अधिक मौतों के लिए ज़िम्मेदार है। WHO ने कहा कि अब तक की प्रगति अपर्याप्त है और सरकारों को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

WHO रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

1. आत्महत्या : वैश्विक स्वास्थ्य संकट

  • वर्ष 2021 में लगभग 7.27 लाख लोगों ने आत्महत्या की।

  • हर एक आत्महत्या के पीछे लगभग 20 प्रयास किए जाते हैं।

  • आत्महत्या केवल पीड़ितों को नहीं बल्कि परिवारों, मित्रों और समुदायों को गहरे भावनात्मक और सामाजिक घाव देती है।

2. युवा सबसे अधिक जोखिम में

  • 15–29 वर्ष की आयु वर्ग में :

    • महिलाओं और लड़कियों में आत्महत्या दूसरा प्रमुख कारण है।

    • पुरुषों में यह तीसरा प्रमुख कारण है।

  • यह युवाओं के लिए लक्षित मानसिक स्वास्थ्य सहयोग की आवश्यकता दर्शाता है।

3. वैश्विक रुझान

  • 2000 से 2021 के बीच आत्महत्या दर में 35% की कमी हुई।

  • लेकिन 2015–2030 तक 1/3 कमी का लक्ष्य रखा गया था, जिसके मुकाबले अब केवल 12% कमी संभव लग रही है।

  • अमेरिकी महाद्वीप (Americas) में आत्महत्या दर 17% बढ़ी, जो वैश्विक रुझान से उलट है।

4. क्षेत्रीय और आय आधारित प्रभाव

  • लगभग 75% आत्महत्याएँ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं।

  • समृद्ध देशों में अनुपात अधिक दिखाई देता है, पर वहाँ रिपोर्टिंग सिस्टम बेहतर हैं।

  • यह अंतर दर्शाता है कि गरीब देशों में मानसिक स्वास्थ्य ढाँचे को और मज़बूत करना होगा।

5. बढ़ते मानसिक रोग

  • चिंता (Anxiety) और अवसाद (Depression) जैसे रोग वैश्विक जनसंख्या वृद्धि से तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

  • 2011 से 2021 के बीच इनके मामलों में तेज़ उछाल आया।

  • इससे स्पष्ट है कि समय पर जाँच, जागरूकता अभियान और सुलभ मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ अति आवश्यक हैं।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)

    • स्थापना : 1948

    • प्रकार : संयुक्त राष्ट्र (UN) की विशेषीकृत एजेंसी

    • मुख्यालय : जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड

    • सदस्य देश : 194

    • आदर्श वाक्य : “सभी के लिए स्वास्थ्य” (Health for All)

यूपीएससी सर्वोत्तम प्रथाओं के रूप में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने घोषणा की है कि वह एक उत्कृष्टता केंद्र (CoE) स्थापित करेगा, जो UPSC और राज्य लोक सेवा आयोगों (State PSCs) की श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों (Best Practices) का ज्ञान भंडार बनेगा। इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता, दक्षता और नवाचार को मज़बूत करना है। UPSC अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने यह घोषणा 27 राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ हुई एक वर्चुअल बैठक में की।

उद्देश्य

1. श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों का ज्ञान केंद्र

  • CoE एक केंद्रीय भंडार होगा जिसमें SOPs, नवाचारी उपाय और अनुभव शामिल होंगे।

  • UPSC, राज्य PSCs और अन्य भर्ती संस्थानों को समानता और उच्च मानक स्थापित करने में मदद मिलेगी।

2. पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा

  • सफल मॉडल और सुधारों का दस्तावेजीकरण और साझा करना

  • भर्ती प्रक्रियाओं में आधुनिक तकनीक और नवाचार को बढ़ावा देना।

घोषणा की मुख्य बातें

  • यह घोषणा 27 राज्य लोक सेवा आयोगों के साथ बैठक में हुई।

  • प्रतिभा सेतु पोर्टल: UPSC का यह अभिनव प्रयास उन अभ्यर्थियों को अवसर देता है, जो इंटरव्यू तक पहुँचे पर अंतिम सूची में नहीं आए।

  • CoE एक सहयोगात्मक मंच के रूप में कार्य करेगा, UPSC और राज्य PSCs के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेगा।

महत्व

1. अभ्यर्थियों के लिए

  • बेहतर भर्ती नीतियाँ → निष्पक्ष और प्रभावी प्रक्रिया

  • प्रतिभा सेतु जैसे प्रयास → अंतिम सूची से बाहर हुए योग्य अभ्यर्थियों को अन्य अवसर।

2. सुशासन के लिए

  • केंद्रीय ज्ञान भंडार → सभी आयोगों में एकसमान मानक।

  • भर्ती प्रक्रिया में सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) को मज़बूती।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • UPSC: संघ लोक सेवा आयोग

  • संवैधानिक आधार: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से 323

  • प्रकृति: संवैधानिक निकाय

  • कार्य (अनुच्छेद 320):

    • संघ सेवाओं के लिए भर्ती और नियुक्तियाँ

    • भर्ती योजनाएँ और परीक्षा प्रक्रियाएँ तैयार करना

छत्तीसगढ़ की बिजली क्षमता बढ़कर 30,000 मेगावाट हुई

साल 2000 में गठन के समय मात्र 1,400 मेगावाट (MW) क्षमता रखने वाला छत्तीसगढ़ आज 30,000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है। यह तीव्र वृद्धि राज्य को भारत के पावर हब में बदलने और क्षेत्रीय बिजली आपूर्ति में एक मज़बूत स्तंभ के रूप में स्थापित करने का प्रमाण है।

बिजली उत्पादन में वृद्धि

  • 2000: 1,400 MW क्षमता

  • 2025: 30,000 MW क्षमता

  • आगामी निवेश: ₹3 लाख करोड़, जिससे 30,000 MW और जुड़ने की संभावना।
    छत्तीसगढ़ अब पड़ोसी राज्यों को बिजली सप्लाई कर स्थायी राजस्व कमा रहा है और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा में योगदान दे रहा है।

हालिया विकास

  • नया पावर प्लांट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 1,320 MW क्षमता वाला पावर प्लांट उद्घाटित किया।

  • नया मुख्यालय: नव रायपुर अटल नगर में राज्य संचालित बिजली कंपनियों का संयुक्त मुख्यालय बनाया जा रहा है, जिससे समन्वय, दक्षता और उपभोक्ता सेवाओं में सुधार होगा।

  • वैश्विक दृष्टिकोण: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जापान और दक्षिण कोरिया का दौरा कर विश्वस्तरीय कार्यसंस्कृति और अवसंरचना अपनाने का संदेश दिया।

औद्योगिक नीति और निवेश

  • नई औद्योगिक नीति के तहत ₹3 लाख करोड़ के एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर।

  • राज्य की क्षमता निकट भविष्य में 60,000 MW तक पहुँचने की संभावना।

  • नवीकरणीय और थर्मल ऊर्जा परियोजनाओं में वैश्विक निवेश आकर्षित होगा।

  • रोज़गार और औद्योगिक विकास के नए अवसर पैदा होंगे।

नवीकरणीय ऊर्जा की भूमिका

  • पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सौर ऊर्जा का विस्तार, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में।

  • सौर परियोजनाएँ पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता घटाकर सतत ऊर्जा लक्ष्यों की ओर अग्रसर कर रही हैं।

परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य

  • मुख्यमंत्री: विष्णु देव साय

  • राज्यपाल: खंभापति

  • राजधानी: रायपुर

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