केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की पांच विशेष “नारी शक्ति” शाखाओं का उद्घाटन बेंगलुरु, चेन्नई, विशाखापत्तनम और जयपुर में किया। इन शाखाओं का उद्देश्य महिलाओं के वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और खासकर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में महिला उद्यमियों का समर्थन करना है। इन शाखाओं के माध्यम से सरकार और यूनियन बैंक महिलाओं को सशक्त बनाने, आसान वित्तीय सेवाएं, कौशल प्रशिक्षण, और सलाहकारी सेवाएं प्रदान करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत के लैंगिक केंद्रित आर्थिक विकास के लक्ष्य को मजबूत किया जा सके।
महिला उद्यमियों के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्र
ये नारी शक्ति शाखाएं खास तौर पर महिलाओं द्वारा संचालित व्यवसायों को ऋण उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। इसका उद्देश्य महिला उद्यमियों के सामने वित्तीय बाधाओं को दूर करना और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। इन शाखाओं को सेवा और विनिर्माण उद्योगों में महिलाओं के लिए अनुकूलित वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है।
प्रौद्योगिकी-प्रेरित और क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण
मंत्री सीतारमण ने इन शाखाओं के लिए प्रौद्योगिकी-प्रेरित, क्लस्टर-आधारित योजनाओं को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। ये पहल विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की अनूठी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बनाई गई हैं, ताकि वित्तीय सेवाएं सुलभ, कुशल और क्षेत्रीय आर्थिक समूहों के लिए प्रासंगिक हो सकें।
वित्त पोषण से परे व्यापक समर्थन
क्रेडिट सुविधाओं के अलावा, ये शाखाएं कौशल विकास, मार्गदर्शन और सलाहकारी सेवाओं के केंद्र के रूप में भी कार्य करेंगी। वे स्टार्टअप्स के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करेंगी, नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करेंगी, और महिला उद्यमियों के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगी, जिससे ये शाखाएं महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए एक व्यापक सहायता केंद्र बन सकें।
भविष्य की दृष्टि
यह पहल भारत के महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के निरंतर प्रयासों के साथ मेल खाती है, जिसमें समावेशिता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना शामिल है। महिला उद्यमियों को इन संसाधनों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि आर्थिक भागीदारी में लैंगिक समानता के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान किया जा सके।