उष्णकटिबंधीय तूफान सारा ने होंडुरास में दस्तक दी, मध्य अमेरिका और मैक्सिको में बाढ़ का खतरा

उष्णकटिबंधीय तूफान सारा ने गुरुवार देर रात उत्तरी होंडुरास में दस्तक दी, जिससे मध्य अमेरिका और दक्षिणी मेक्सिको के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और जानलेवा बाढ़ का खतरा पैदा हो गया। तूफान ने होंडुरास के ब्रूस लगुना के पास दस्तक दी और उम्मीद है कि यह बेलीज और मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप को प्रभावित करते हुए पश्चिम की ओर बढ़ेगा। पूर्वानुमानों में कुछ क्षेत्रों में 30 इंच तक बारिश, 45 मील प्रति घंटे (75 किमी/घंटा) की रफ्तार से हवाएं और 10 मील प्रति घंटे (17 किमी/घंटा) की धीमी गति से चलने की भविष्यवाणी की गई है।

तूफान का प्रकोप
उष्णकटिबंधीय तूफान सारा ने गुरुवार देर रात उत्तरी होंडुरास के ब्रूस लागुना क्षेत्र में लैंडफॉल किया। तूफान ने मध्य अमेरिका और दक्षिणी मैक्सिको के हिस्सों में भारी बारिश और जानलेवा बाढ़ का खतरा पैदा कर दिया है।

होंडुरास पर प्रभाव

लैंडफॉल स्थान:
तूफान ने होंडुरास-निकारागुआ सीमा पर कैबो ग्रासियास ए डियोस से 105 मील (165 किमी) पश्चिम-उत्तर पश्चिम में ब्रूस लागुना गांव के पास दस्तक दी।

वर्षा का अनुमान:
सारा से 10 से 20 इंच (25-50 सेमी) बारिश होने की संभावना है, जबकि कुछ क्षेत्रों में 30 इंच (75 सेमी) तक बारिश हो सकती है। इससे गंभीर बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है।

मैक्सिको और बेलीज पर खतरा

गति और हवा की रफ्तार:
45 मील प्रति घंटे (75 किमी/घंटा) की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ, सारा पश्चिम की ओर 10 मील प्रति घंटे (17 किमी/घंटा) की गति से आगे बढ़ रही है। यह रोआटान, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, के पास से गुजरने की संभावना है और फिर बेलीज और युकाटन प्रायद्वीप की ओर बढ़ेगी।

बाढ़ का जोखिम:
मैक्सिकन अधिकारियों ने युकाटन के पर्यटन क्षेत्रों में भारी बारिश और गंभीर बाढ़ की चेतावनी जारी की है। यह तूफान कमजोर ढांचागत क्षेत्रों और समुद्रतटीय इलाकों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। बचाव और सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी है।

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Category Key Points
चर्चा में क्यों? उष्णकटिबंधीय तूफान सारा ने होंडुरास में दस्तक दी, जिससे मध्य अमेरिका और मैक्सिको में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
तूफ़ान का भूस्खलन काबो ग्रेसियस ए डिओस से लगभग 105 मील (165 किमी) पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में ब्रूस लगुना, होंडुरास के पास भूस्खलन हुआ।
वर्षा का पूर्वानुमान अपेक्षित वर्षा: 10 से 20 इंच (25-50 सेमी), अलग-अलग क्षेत्रों में 30 इंच (75 सेमी) तक वर्षा हो सकती है।
हवा की गति भूमि पर पहुंचने पर हवा की गति 45 मील प्रति घंटा (75 किमी/घंटा) होगी।
तूफान पथ 10 मील प्रति घंटे (17 किमी/घंटा) की गति से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, बेलीज़ और युकाटन प्रायद्वीप की ओर बढ़ रहा है।
प्रभावित क्षेत्र होंडुरास (ब्रूस लगुना, रोतन), बेलीज़, मैक्सिको (युकाटन प्रायद्वीप)।
संभावित खतरे भारी वर्षा के कारण जीवन के लिए खतरा बनी बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है।
पर्यटन स्थल होंडुरास का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल रोआटन भी तूफान से प्रभावित होने का अनुमान है।

चीन ने पेरू में मेगापोर्ट का अनावरण किया

चीन की शिपिंग कंपनी कॉस्को द्वारा पेरू के चांकाय में विकसित किया जा रहा यह मेगापोर्ट प्रोजेक्ट, दक्षिण अमेरिका को एशिया से जोड़ने और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने का वादा करता है। हालांकि, चांकाय गांव के स्थानीय लोग, जहां अधिकांश निवासी बुनियादी सुविधाओं के बिना जीवन जीते हैं, इस परियोजना से असंतुष्ट हैं। वे इसे अपनी आजीविका और पर्यावरण के लिए खतरा मानते हैं, जबकि सरकार इसे आर्थिक विकास का एक महत्वपूर्ण साधन मानती है।

परियोजना और स्थानीय चिंताएं

चांकाय मेगापोर्ट की विशेषताएं

  • यह मेगापोर्ट 15 क्वेज़ (पोत गोदी) वाला एक प्रमुख ट्रांसशिपमेंट हब बनेगा।
  • $3.5 बिलियन से अधिक का निवेश आकर्षित करेगा।
  • पेरू के ब्लूबेरी और चिली के तांबे जैसे दक्षिण अमेरिकी निर्यातों को एशियाई बाजारों तक पहुंचाने में मदद करेगा।

स्थानीय निवासियों की शिकायतें

  1. मछली पकड़ने का क्षेत्र नष्ट:
    • ड्रेजिंग (गहराई बढ़ाने के लिए समुद्री तल की खुदाई) के कारण मछली पकड़ने के पारंपरिक क्षेत्रों को नुकसान हुआ है।
    • मछुआरों को अब मछली पकड़ने के लिए अधिक दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनके खर्चे बढ़ गए हैं।
  2. पर्यावरणीय चिंताएं:
    • पानी में प्रदूषण और संभावित तेल रिसाव की आशंका है।
    • 2022 में पास के रिफाइनरी में हुए तेल रिसाव की घटना ने इन चिंताओं को और बढ़ा दिया है।
  3. सर्फिंग और पर्यटन पर असर:
    • पोर्ट के ब्रेकवाटर (लहरों को रोकने वाली संरचना) ने समुद्री धाराओं को बदल दिया, जिससे सर्फिंग की स्थिति खराब हो गई।
    • पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है।

आर्थिक संभावनाएं बनाम सामाजिक सच्चाई

सरकारी दावे और वादे

  • चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस परियोजना को रोजगार सृजन और आर्थिक लाभ का स्रोत बताया है।
  • पेरू सरकार ने इसे क्षेत्रीय विकास का महत्वपूर्ण कदम बताया है।

स्थानीय असंतोष

  • बुनियादी सुविधाओं की कमी:
    • गांव में साफ पानी, सीवेज सिस्टम और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।
    • स्थानीय लोग पोर्ट के निर्माण और उनके खराब जीवन स्तर के बीच असमानता की ओर इशारा करते हैं।
  • संदेह और अविश्वास:
    • स्थानीय निवासियों का मानना है कि पोर्ट से होने वाले लाभ केवल बाहरी निवेशकों और अधिकारियों तक सीमित रहेंगे।
    • उन्हें रोजगार, बुनियादी ढांचा, या आजीविका में सुधार जैसी कोई ठोस उम्मीद नहीं दिखती।

सरकार और कॉस्को का जवाब

  • कॉस्को ने चांकाय में असमानता को स्वीकार किया है।
  • कंपनी स्थानीय विकास को बढ़ावा देने के लिए अध्ययन और परियोजनाओं की योजना बना रही है।
  • हालांकि, स्थानीय लोगों के लिए यह प्रयास अभी भी अपर्याप्त और धीमे लगते हैं।

निष्कर्ष

चांकाय मेगापोर्ट एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है, जो दक्षिण अमेरिका और एशिया के बीच व्यापार में क्रांति ला सकती है। लेकिन यह परियोजना स्थानीय पर्यावरण, आजीविका और सामाजिक समस्याओं के कारण विवादों में है। जब तक सरकार और कॉस्को स्थानीय समुदायों के विकास और उनके मुद्दों के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक यह परियोजना वादों और वास्तविकता के बीच फंसी रहेगी।

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Why in News Key Points
चीन ने पेरू में चांके मेगापोर्ट का अनावरण किया चान्के मेगापोर्ट परियोजना, 1.3 बिलियन डॉलर का निवेश, अधिकांश स्वामित्व चीनी शिपिंग दिग्गज कॉस्को के पास।
जगह चान्के, पेरू, पेरू के रेगिस्तानी क्षेत्र के तट पर स्थित है।
मुख्य आंकड़े चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पेरू की राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे।
बंदरगाह विवरण 15 घाट, 17 मीटर गहरा शिपिंग चैनल, बड़ा औद्योगिक पार्क।
आर्थिक प्रभाव इससे लाखों डॉलर की आय होने तथा तटीय शहरों को विशेष आर्थिक क्षेत्रों में बदलने की उम्मीद है।
स्थानीय प्रभाव इससे लाखों डॉलर की आय होने तथा तटीय शहरों को विशेष आर्थिक क्षेत्रों में बदलने की उम्मीद है।
पर्यावरणीय चिंता ड्रेजिंग से मछली प्रजनन स्थलों पर प्रभाव पड़ सकता है, प्रदूषण का खतरा हो सकता है, तथा तेल रिसाव हो सकता है।
स्थानीय जनसांख्यिकी चान्के की जनसंख्या: 60,000, जिसमें से 33% में पानी की कमी है।
सरकार का दृष्टिकोण पेरू सरकार क्षेत्रीय निर्यात के लिए बंदरगाह को रणनीतिक ट्रांसशिपमेंट केंद्र के रूप में बढ़ावा दे रही है।
कॉस्को का योगदान कॉस्को की योजना बंदरगाह विकास को स्थानीय बुनियादी ढांचे से जोड़कर असमानता को कम करने और स्थानीय विकास को बढ़ावा देने की है।
दक्षिण अमेरिका से महत्वपूर्ण निर्यात पेरू का ब्लूबेरी, ब्राजील का सोयाबीन, चिली का तांबा।

ऋण देने में मंदी के बावजूद जमा वृद्धि ऋण के बराबर

1 नवंबर 2024 को समाप्त पखवाड़े में जमा वृद्धि (11.83%) और ऋण वृद्धि (11.9%) लगभग समान हो गई, जो पिछले वर्षों में ऋण वृद्धि के लगातार जमा वृद्धि से अधिक रहने के ट्रेंड में बदलाव का संकेत देती है। मार्च 2022 के बाद से क्रेडिट वृद्धि और जमा वृद्धि के बीच का अंतर 700 आधार अंक तक पहुंच गया था। यह बदलाव भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियामक उपायों और कुछ क्षेत्रों, जैसे असुरक्षित ऋण और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), में क्रेडिट वृद्धि के धीमे होने का परिणाम है।

मुख्य कारक: जमा और ऋण वृद्धि में बदलाव

1. क्रेडिट वृद्धि में कमी

  • RBI ने असुरक्षित ऋण और NBFC को दिए गए ऋणों पर अधिक जोखिम भार लागू किया है।
  • ऋण-जमा अनुपात (LDR) को कम करने के निर्देशों ने बैंकों को अधिक सतर्क बनाया है।
  • इससे ऋण वृद्धि धीमी हो गई है, जो अब जमा वृद्धि के करीब आ गई है।

2. एचडीएफसी बैंक का योगदान

  • भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक, एचडीएफसी बैंक ने अपने उच्च LDR को कम करने के लिए ऋण वृद्धि को धीमा कर दिया है, जिससे क्रेडिट वृद्धि में और कमी आई है।

विशेषज्ञों की राय: क्रेडिट और जमा वृद्धि पर दृष्टिकोण

1. क्रेडिट वृद्धि का परिदृश्य

  • विशेषज्ञों के अनुसार, क्रेडिट वृद्धि धीमी हुई है, लेकिन FY25 की चौथी तिमाही में इसमें तेजी आने की संभावना है।
  • FY25 के लिए क्रेडिट वृद्धि का अनुमान लगभग 15% है।

2. जमा वृद्धि का परिदृश्य

  • जमा वृद्धि स्थिर बनी हुई है, जिसमें निजी बैंकों ने नेतृत्व किया है।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बढ़ते LDR प्रबंधन के लिए जमा जुटाने पर अधिक ध्यान देना होगा।

भविष्य के रुझान और अनुमान

1. Q4 में संभावित तेजी

  • वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में ऋण की मांग में मौसमी वृद्धि के कारण, क्रेडिट वृद्धि के जमा वृद्धि से आगे निकलने की उम्मीद है।

2. बैंकिंग रणनीतियां

  • निजी क्षेत्र के बैंक जमा संग्रहण में अग्रणी रहेंगे, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को LDR प्रबंधन में तेजी लाने की आवश्यकता होगी।

 

स्वच्छ खेलों को बढ़ावा देने के लिए ‘नो योर मेडिसिन’ ऐप लॉन्च किया गया

केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया ने खेलों में डोपिंग के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए ‘Know Your Medicine (KYM)’ ऐप का शुभारंभ किया। यह ऐप खिलाड़ियों, कोचों और पूरे खेल समुदाय को डोपिंग रोकने के लिए जागरूक करने और सही दिशा में मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।

लॉन्च का उद्देश्य

  • खेलों में डोपिंग को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा।
  • खिलाड़ियों में नैतिकता और निष्पक्षता को बढ़ावा देना।
  • खिलाड़ियों को निष्पक्ष और स्वच्छ प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक जानकारी और उपकरण प्रदान करना।

डॉ. मनसुख मांडविया का संदेश

  • निष्पक्ष और स्वच्छ खेल प्रतिस्पर्धा के महत्व पर जोर दिया।
  • खिलाड़ियों, कोचों और खेल पेशेवरों से KYM ऐप अपनाने की अपील की।
  • कहा कि खिलाड़ी देश का गौरव हैं और उन्हें निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के लिए हर संभव सहायता मिलनी चाहिए।

KYM ऐप की विशेषताएं और कार्यक्षमता

मुख्य कार्यक्षमता

  • उपयोगकर्ताओं को यह जांचने का सरल तरीका प्रदान करता है कि किसी दवा या उसके घटकों में विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) द्वारा प्रतिबंधित पदार्थ शामिल हैं या नहीं।
  • खिलाड़ियों को अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थों के सेवन से बचने में सहायता करता है।

विशिष्ट विशेषताएं

  1. इमेज और ऑडियो सर्च:
    • उपयोगकर्ता दवाओं की जानकारी छवि या ऑडियो इनपुट के माध्यम से सर्च कर सकते हैं, जिससे ऐप का उपयोग और अधिक सुलभ हो जाता है।
  2. खेल-विशेष जानकारी:
    • खिलाड़ी अपनी खेल श्रेणी का चयन कर सकते हैं और अपने खेल से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  3. सुविधाजनक उपयोग:
    • यह सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ी और कोच आसानी से दवाओं को सत्यापित कर सकें और प्रतिबंधित पदार्थों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें।

KYM के साथ NADA इंडिया का व्यापक मिशन

शिक्षा और जागरूकता

  • NADA इंडिया के एंटी-डोपिंग उपायों के बारे में खेल समुदाय को शिक्षित करने के निरंतर मिशन का हिस्सा।
  • खिलाड़ियों को ज्ञान प्रदान करता है ताकि वे अनजाने में डोपिंग से बच सकें।

नैतिक खेल भावना को बढ़ावा देना

  • भारतीय खेल तंत्र में निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा की संस्कृति को प्रोत्साहित करता है।
  • सुनिश्चित करता है कि खिलाड़ी स्वच्छ खेल के सिद्धांतों को बनाए रखें।

महत्व और योगदान

  • खेल समुदाय को महत्वपूर्ण एंटी-डोपिंग जानकारी तक सीधी पहुंच प्रदान करता है।
  • WADA के नियमों का पालन करना आसान बनाता है और अनजाने उल्लंघनों के जोखिम को कम करता है।
  • पारदर्शी और नैतिक खेल माहौल के विकास में योगदान देता है।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ खेल के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
Summary/Static Details
चर्चा में क्यों? डॉ. मनसुख मंडाविया द्वारा KYM (नो योर मेडिसिन) ऐप लॉन्च किया गया
पहल का नेतृत्व केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मंडाविया
उद्देश्य खेलों में डोपिंग विरोधी प्रयासों को मजबूत करना; निष्पक्ष खेल और निष्ठा को बढ़ावा देना
KYM ऐप कार्यक्षमता – उपयोगकर्ताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देता है कि दवाओं में WADA-प्रतिबंधित पदार्थ हैं या नहीं
प्रमुख विशेषताऐं – छवि और ऑडियो खोज: छवि और ऑडियो-आधारित क्वेरी सक्षम करता है

– खेल-विशिष्ट जानकारी

नाडा का मिशन – डोपिंग विरोधी जागरूकता बढ़ाएं

– एथलीटों को आकस्मिक डोपिंग से बचने के लिए शिक्षित करें

एथलीटों के लिए लाभ – महत्वपूर्ण एंटी-डोपिंग जानकारी तक सीधी पहुंच

– अनजाने में डोपिंग के जोखिम को कम करता है

खेल संस्कृति पर प्रभाव – पारदर्शी, नैतिक खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करता है

– वैश्विक स्तर पर स्वच्छ खेल के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करता है

बिरसा मुंडा जयंती 2024, जानें इसके बारे में सबकुछ

बिरसा मुंडा जयंती, जिसे जनजातीय गौरव दिवस के नाम से भी जाना जाता है, हर साल 15 नवंबर को मनाई जाती है। यह दिन वीर जनजातीय नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ उलगुलान आंदोलन का नेतृत्व किया और भारत में जनजातीय लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।

बिरसा मुंडा जयंती 2024 – तिथि

बिरसा मुंडा जयंती हर साल 15 नवंबर को उनके जीवन और योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाई जाती है। इसे राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह दिन जनजातीय विरासत, संस्कृति और भारत के इतिहास में जनजातीय समुदायों की महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मानित करने का अवसर है।

बिरसा मुंडा का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष

  • जन्म: बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को झारखंड के उलिहातु गांव में हुआ।
  • परिवार: वे एक साधारण मुंडा परिवार में पले-बढ़े और आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया।
  • बाल्यावस्था में ही बिरसा मुंडा ने अपने लोगों पर विदेशी शासकों और जमींदारी प्रथा के अन्यायपूर्ण व्यवहार को देखा।
  • इस अन्याय ने उनके भीतर जनजातीय समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ने का मजबूत संकल्प जगाया।

बिरसा मुंडा कौन थे?

  • बिरसा मुंडा केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि एक सामाजिक सुधारक भी थे।
  • उन्होंने जनजातीय समाज से कुप्रथाओं, अंधविश्वासों और नशे की आदतों को हटाने के लिए काम किया।
  • अपने अनुयायियों को एकता, शिक्षा और सत्यनिष्ठा का संदेश दिया।
  • उन्होंने “बिरसाईट” नामक धार्मिक आंदोलन की शुरुआत की, जो सरल और नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस की घोषणा

  • वर्ष 2021 में भारत सरकार ने 15 नवंबर को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया।
  • यह दिन बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय नेताओं के योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है।
  • इस अवसर पर पूरे देश में जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और उनके साहस और प्रतिरोध की लंबी गाथा का उत्सव मनाया जाता है।

स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा की भूमिका

  • बिरसा मुंडा के नेतृत्व ने न केवल स्थानीय जनजातियों को प्रेरित किया, बल्कि भारत के अन्य जनजातीय समुदायों को भी स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
  • उनका उलगुलान आंदोलन साहस और प्रतिरोध का एक उदाहरण है।
  • हालांकि, बिरसा मुंडा का जीवन केवल 24 साल और 7 महीने की आयु में 9 जून, 1900 को समाप्त हो गया, लेकिन उनकी विरासत आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करती है।

बिरसा मुंडा जयंती का महत्व

  • बिरसा मुंडा जयंती केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि जनजातीय समुदाय की पहचान, संस्कृति और विरासत का उत्सव है।
  • यह दिन हमें जनजातीय समुदायों द्वारा भारत के इतिहास को आकार देने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है।
  • यह अवसर सभी को उनके बलिदानों और उपलब्धियों के प्रति सम्मान और प्रशंसा दिखाने का एक अवसर प्रदान करता है।

अक्टूबर में भारत का निर्यात 17% बढ़ा, व्यापार घाटा 27 अरब डॉलर पर पहुंचा

अक्टूबर 2024 में भारत के माल निर्यात ने 17.3% की वृद्धि के साथ $39.2 बिलियन का आंकड़ा छू लिया। यह वृद्धि मुख्य रूप से क्रिसमस से पहले पश्चिमी देशों में स्टॉक निर्माण के कारण हुई, जिससे इंजीनियरिंग उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रसायनों और परिधान जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ी। हालांकि, इस निर्यात वृद्धि के साथ आयात में भी 3.9% की वृद्धि दर्ज की गई, जो $66.34 बिलियन के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसके परिणामस्वरूप व्यापार घाटा $27.1 बिलियन हो गया, जो सितंबर में $20.8 बिलियन था।

निर्यात वृद्धि के प्रमुख कारण

गैर-तेल निर्यात

  • गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न व आभूषण वस्तुओं का निर्यात 27.7% बढ़कर $31.36 बिलियन हो गया।
  • यह इंजीनियरिंग सामान, रसायनों और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में मजबूत मांग को दर्शाता है।

निर्यात में अग्रणी क्षेत्र

  • इंजीनियरिंग उत्पाद: 39.4% की वृद्धि।
  • रसायन: 27.35% की वृद्धि।
  • इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद: 45.7% की वृद्धि।
  • रेडीमेड गारमेंट्स: 35.1% की वृद्धि।
  • चावल: 85.8% की वृद्धि।

पेट्रोलियम निर्यात में गिरावट

  • वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 22.1% घटा।

आयात में रिकॉर्ड वृद्धि

आयात में वृद्धि

  • आयात $66.34 बिलियन तक पहुंच गया, जिसमें कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, वनस्पति तेल और गैर-लौह धातुओं की अधिक शिपमेंट शामिल है।

सोने का आयात

  • सालाना आधार पर 1% की गिरावट के बावजूद, सोने का आयात $7.14 बिलियन पर उच्च स्तर पर बना रहा।

व्यापार घाटा और आर्थिक परिदृश्य

व्यापार घाटा

  • व्यापार घाटा अक्टूबर में $27.1 बिलियन तक बढ़ गया, जो मुख्य रूप से कच्चे तेल के आयात और त्योहारों के मौसम में सोने की मांग में वृद्धि के कारण हुआ।

संचयी डेटा (अप्रैल से अक्टूबर 2024)

  • निर्यात: 3.2% बढ़कर $244.5 बिलियन।
  • आयात: 5.7% बढ़कर $416.9 बिलियन।
  • संचयी व्यापार घाटा: $164.65 बिलियन।

भविष्य की संभावनाएं

  • वाणिज्य सचिव सुनील बार्थवाल ने अनुमान लगाया कि भारत चालू वित्त वर्ष में $800 बिलियन का निर्यात कर सकता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग, रसायन और कृषि जैसे क्षेत्रों में विकास निरंतर जारी रहेगा।

सेवाओं के निर्यात में वृद्धि

  • सेवाओं का निर्यात: अक्टूबर में 21.3% बढ़कर $34 बिलियन।
  • सेवाओं का आयात: 26.3% की वृद्धि।
  • अधिशेष: $17 बिलियन।

विशेषज्ञों की राय और चुनौतियां

वैश्विक तनाव

  • इज़राइल और ईरान के बीच चल रहे भू-राजनीतिक तनाव ने पारंपरिक व्यापार मार्गों को बाधित किया है।
  • फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने इन व्यवधानों को लेकर चिंता व्यक्त की है, लेकिन भारत के निर्यात वृद्धि के प्रति आशावादी है।

रणनीतिक फोकस

  • सरकार की पीएलआई योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) और इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना सकारात्मक परिणाम दे रहा है और भविष्य में भी जारी रहेगा।

समाचार का सारांश

Why in News Key Points
भारत के व्यापारिक निर्यात में उछाल – अक्टूबर 2024 में भारत का व्यापारिक निर्यात 17.3% बढ़ा, जो 28 महीनों में सबसे तेज़ गति है।

– क्रिसमस सीज़न से पहले इन्वेंट्री बिल्डअप के कारण निर्यात 39.2 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।

व्यापार घाटा – अक्टूबर में 66.34 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड आयात के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 27.1 बिलियन डॉलर हो गया।

– अक्टूबर में आयात में 3.9% की वृद्धि हुई, जिसमें कच्चे तेल, इलेक्ट्रॉनिक सामान और वनस्पति तेल का योगदान रहा।

क्षेत्रीय निर्यात वृद्धि – इंजीनियरिंग सामान: +39.4%, इलेक्ट्रॉनिक सामान: +45.7%, रसायन: +27.35%, रेडीमेड वस्त्र: +35.1%, चावल: +85.8%।
– पेट्रोलियम निर्यात में 22.1% की गिरावट आई।
गैर-तेल और गैर-रत्न निर्यात – गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न निर्यात 27.7% बढ़कर 31.36 बिलियन डॉलर हो गया, जो मजबूत विनिर्माण स्वास्थ्य का संकेत है।
सेवाएँ निर्यात – अक्टूबर 2024 में सेवाओं का निर्यात 21.3% बढ़कर 34 बिलियन डॉलर हो गया।
– सेवाओं का व्यापार अधिशेष 17 बिलियन डॉलर था।
सरकार का निर्यात लक्ष्य – भारत का लक्ष्य वित्त वर्ष 2024-25 में कुल निर्यात 800 बिलियन डॉलर तक पहुंचाना है।

– छह क्षेत्रों (इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, रसायन, प्लास्टिक, कृषि) और 20 देशों पर ध्यान केंद्रित करना।

आयात वृद्धि चालक – कच्चे तेल का आयात: +13.3%, इलेक्ट्रॉनिक सामान: +6.8%, वनस्पति तेल: +50.9%, मशीनरी: +8.7%, अलौह धातु: +26.1%।
वाणिज्य सचिव – सुनील बर्थवाल: पिछले साल की तुलना में बेहतर निर्यात प्रदर्शन का अनुमान। विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए पीएलआई योजना पर ध्यान केंद्रित।
अप्रैल-अक्टूबर के दौरान निर्यात प्रदर्शन – अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान निर्यात 3.2% बढ़कर 244.5 बिलियन डॉलर हो गया।
– आयात 5.7% बढ़कर 416.9 बिलियन डॉलर हो गया, जिससे कुल व्यापार घाटा 164.65 बिलियन डॉलर हो गया।
आर्थिक पूर्वानुमान – अदिति नायर (इक्रा): चालू खाता घाटा वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद के 1.2% तक कम होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 1.8% था।

थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में चार महीने के उच्चस्तर 2.36 प्रतिशत पर

अक्टूबर में भारत की थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति 2.36% पर पहुंच गई, जो सितंबर में 1.84% थी। यह वृद्धि मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण हुई। यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के हालिया आंकड़ों के अनुरूप है, जिसने खुदरा मुद्रास्फीति को 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2% पर दर्ज किया, जो खाद्य पदार्थों की कीमतों में इसी तरह की बढ़ोतरी से प्रेरित थी। यह मुद्रास्फीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो वर्ष की शुरुआत में अपेक्षाकृत कम स्तर पर थी।

WPI मुद्रास्फीति के प्रमुख कारक

खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि

  • थोक खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में 13.54% पर पहुंच गई, जो सितंबर में 11.53% थी।
  • सब्जियों की कीमतें: 63.04% की वृद्धि।
  • आलू की कीमतें: 78.73% की वृद्धि।
  • अन्य प्रमुख योगदानकर्ता:
    • गेहूं: 8.04%
    • फल: 13.55%
    • प्याज: 39.25% (हालांकि, इसमें कुछ मंदी देखी गई)।
  • अनाज, धान, दालें, और दूध की कीमतों में मामूली मंदी दर्ज की गई।

निर्मित उत्पाद और मुख्य मुद्रास्फीति

  • WPI में निर्मित उत्पादों का योगदान 64.2% है।
  • निर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अक्टूबर में 1.5% रही, जो सितंबर में 1% थी।
  • प्रमुख योगदानकर्ता:
    • निर्मित खाद्य उत्पाद: 7.77%
    • वनस्पति तेल: 20.16%
    • पेय पदार्थ: 2.13%
  • दूसरी ओर, तंबाकू, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में मुद्रास्फीति धीमी रही।

ईंधन और ऊर्जा की कीमतें

  • ईंधन और ऊर्जा खंड में कीमतें गिरती रहीं:
    • हाई-स्पीड डीजल: -6.23%
    • पेट्रोल: -7.35%
    • एलपीजी गैस: 2.57% की मामूली वृद्धि।

ऐतिहासिक संदर्भ और दृष्टिकोण

2024 में WPI मुद्रास्फीति का रुझान

  • जनवरी से अक्टूबर 2024 तक WPI मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव देखा गया:
    • न्यूनतम: फरवरी (0.2%)।
    • उच्चतम: मई (2.74%)।
  • अक्टूबर में खाद्य कीमतों के दबाव के कारण मुद्रास्फीति 4 महीने के उच्चतम स्तर पर रही।
  • वैश्विक आर्थिक वातावरण ने वस्तुओं की कीमतों को स्थिर बनाए रखा, जिससे खाद्य कीमतों में वृद्धि के बावजूद व्यापक मुद्रास्फीति को रोका गया।

विशेषज्ञ की राय

इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक पारस जस्रई के अनुसार:

  • खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में वृद्धि का प्रमुख कारण थी।
  • मुख्य मुद्रास्फीति मात्र 0.3% पर बनी रही, जो दर्शाती है कि धातु और रसायन जैसे क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए स्थिर लागत वातावरण बनाए हुए हैं।

अक्टूबर 2024 मुद्रास्फीति डेटा सारांश

महीना WPI (वार्षिक %) WPI खाद्य (वार्षिक %)
जनवरी 0.33 6.91
फरवरी 0.2 7.07
मार्च 0.26 7.05
अप्रैल 1.19 8.07
मई 2.74 9.93
जून 3.43 11.14
जुलाई 2.1 3.5
अगस्त 1.25 3.06
सितंबर 1.84 11.53
अक्टूबर 2.36 13.54

समाचार का सारांश

Why in News Key Points
अक्टूबर 2024 में थोक मुद्रास्फीति 4 महीने के उच्चतम स्तर 2.36% पर पहुंच जाएगी – अक्टूबर 2024 में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति: 2.36% (सितंबर में 1.84% से ऊपर)
– खाद्य मुद्रास्फीति: 13.54% (सितंबर में 11.53% से ऊपर)
– आलू की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि (78.73%) और सब्जियों (63.04%)
– मुख्य मुद्रास्फीति: 0.3%
– ईंधन और बिजली की कीमतों में कमी: हाई-स्पीड डीजल (-6.23%), पेट्रोल (-7.35%)
– विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति: 1.5% (सितंबर में 1% से ऊपर)
– वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी डेटा
ऐतिहासिक डेटा – जनवरी 2024 WPI मुद्रास्फीति: 0.33%
– फरवरी 2024 WPI मुद्रास्फीति: 0.2%
– सितंबर 2024 WPI मुद्रास्फीति: 1.84%
– अक्टूबर 2024 WPI खाद्य मुद्रास्फीति: 13.54%
– अक्टूबर 2024 WPI निर्मित उत्पाद मुद्रास्फीति: 1.5%
– अक्टूबर 2024 WPI ईंधन और बिजली मुद्रास्फीति: -5.79%
शामिल मंत्रालय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय

रिलायंस, डिज्नी की मीडिया संपत्तियों का विलय पूरा, जानें सबकुछ

रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज़्नी ने 14 नवंबर को अपने भारतीय मीडिया संपत्तियों के $8.5 बिलियन के विलय को अंतिम रूप दिया। इस विलय के बाद संपत्तियों को तीन प्रमुख डिवीज़नों में पुनर्गठित किया गया है, जिनके लिए अलग-अलग सीईओ नियुक्त किए गए हैं। यह भारत में दोनों मीडिया दिग्गजों के लिए एक नए युग की शुरुआत है।

विलय का अंतिम रूप

  • रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज़्नी की भारतीय मीडिया संपत्तियों का विलय संपन्न हुआ।
  • संपत्तियों को तीन मुख्य डिवीज़नों में विभाजित किया गया:
    1. मनोरंजन (एंटरटेनमेंट)
    2. डिजिटल
    3. खेल (स्पोर्ट्स)

मालिकाना संरचना

  1. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL): 16.34% स्वामित्व।
  2. वायकॉम18: 46.82% स्वामित्व।
  3. डिज़्नी: 36.84% स्वामित्व।

नेतृत्व संरचना

  • अध्यक्ष (Chairperson): नीता अंबानी (रिलायंस इंडस्ट्रीज)।
  • उपाध्यक्ष (Vice Chairperson): उदय शंकर (डिज़्नी)।
  • डिजिटल डिवीजन के सीईओ: किरण मणि (पूर्व गूगल कार्यकारी, वर्तमान में जियोसिनेमा का नेतृत्व)।
  • मनोरंजन डिवीजन के प्रमुख: केविन वाज़ (वर्तमान में वायकॉम18)।
  • खेल डिवीजन के प्रमुख: संजोग गुप्ता (पूर्व में डिज़्नी इंडिया के खेल संचालन से जुड़े)।

विलय के बाद की प्रमुख डिवीज़न

  1. मनोरंजन (Entertainment): वायकॉम18 के नेतृत्व में टीवी चैनल और फिल्म प्रोडक्शन।
  2. डिजिटल (Digital): जियोसिनेमा और डिज़्नी+ हॉटस्टार जैसे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म।
  3. खेल (Sports): क्रिकेट और अन्य खेलों के प्रसारण अधिकार।

रणनीतिक प्रभाव

भारत का सबसे बड़ा मनोरंजन समूह

  • यह विलय भारत का सबसे बड़ा मीडिया समूह बनाता है, जिसमें 120 टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग सेवाएँ (जियोसिनेमा और हॉटस्टार) शामिल हैं।

प्रतिस्पर्धा

  • यह नई इकाई सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेज़न जैसे अन्य मीडिया दिग्गजों के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा करेगी।
  • खासतौर पर टीवी प्रसारण और स्ट्रीमिंग सामग्री में महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा होगी।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की स्वीकृति

  • विलय को अगस्त में CCI से मंजूरी मिली, जिसमें क्रिकेट प्रसारण अधिकारों में प्रभुत्व से जुड़े मुद्दों को हल किया गया।

यह विलय भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है, जो न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रभाव डालेगा।

Summary/Static Details
चर्चा में क्यों? रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी ने भारतीय मीडिया परिसंपत्तियों का 8.5 बिलियन डॉलर का विलय पूरा कर लिया है।
स्वामित्व संरचना – रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल): 16.34%

– वायाकॉम18: 46.82%

– डिज्नी: 36.84%

बनाए गए प्रभाग 1. मनोरंजन: कलर्स टीवी और स्टार नेटवर्क को मिलाकर।

2. डिजिटल: इसमें जियोसिनेमा और हॉटस्टार शामिल हैं।

3. खेल: खेल सामग्री प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है।

नेतृत्व – अध्यक्ष: नीता अंबानी

– उपाध्यक्ष: उदय शंकर

– डिजिटल सीईओ: किरण मणि

– मनोरंजन सीईओ: केविन वाज़

विनियामक अनुमोदन क्रिकेट प्रसारण के प्रभुत्व के बारे में चिंताओं को दूर करने के बाद अगस्त में भारत के प्रतिस्पर्धा नियामक द्वारा इस विलय को मंजूरी दी गई थी।

झारखंड स्थापना दिवस 2024, कब और क्यों मनाया जाता है?

झारखंड स्थापना दिवस हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष 2000 में भारत के 28वें राज्य के रूप में झारखंड के गठन का प्रतीक है। अलग राज्य बनने से पहले झारखंड दक्षिण बिहार का हिस्सा था। 15 नवंबर इसलिए भी खास है क्योंकि यह एक सम्मानित आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती है।

झारखंड स्थापना दिवस का इतिहास

2000 से पहले, झारखंड बिहार का हिस्सा था। इस क्षेत्र के कई आदिवासी समुदाय अपनी अनदेखी और उचित प्रतिनिधित्व की कमी के कारण अपने राज्य की मांग कर रहे थे। झारखंड की अलग पहचान की मांग 1900 के शुरुआती दौर में शुरू हुई, जब आदिवासी नेताओं ने अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं को मान्यता दिलाने के लिए प्रयास किए।

2000 में, भारतीय संसद ने बिहार पुनर्गठन अधिनियम (Bihar Reorganization Act) पारित किया, जिसने झारखंड को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता दी। यह उन आदिवासी समुदायों की एक बड़ी उपलब्धि थी, जिन्होंने आत्म-शासन के अधिकार के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया।

झारखंड स्थापना दिवस 2024 का उत्सव

हर साल झारखंड स्थापना दिवस को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। राज्य की राजधानी रांची और अन्य जिलों में कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं।

  • संस्कृतिक प्रदर्शन: इन कार्यक्रमों में झारखंड की पारंपरिक नृत्य शैलियाँ, जैसे छऊ नृत्य, और संगीत प्रस्तुतियाँ होती हैं।
  • भाषण और सम्मान समारोह: इस दिन राज्य के विकास और योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया जाता है।
  • खेलकूद और प्रतियोगिताएँ: युवाओं में एकता और खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न खेलकूद और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
  • जागरूकता कार्यक्रम: झारखंड की उपलब्धियों और इसकी अनूठी संस्कृति के संरक्षण के महत्व पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।

झारखंड की समृद्ध संस्कृति

झारखंड अपनी जीवंत आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।

  • त्योहार:
    • सोहराय: पशुओं का त्योहार।
    • सरहुल: फूलों का त्योहार।
    • माघे परब: फसल कटाई के बाद मनाया जाने वाला उत्सव।
  • नृत्य और कला:
    झारखंड की नृत्य शैली छऊ नृत्य एक मुखौटा नृत्य है, जो अपनी आकर्षक प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है।

झारखंड का प्राकृतिक और खनिज संपदा

झारखंड प्राकृतिक सुंदरता और खनिज संसाधनों से भरपूर राज्य है।

  • प्राकृतिक स्थल:
    • राज्य में पंचेत डैम जैसे जलाशय और कई वन्यजीव अभयारण्य हैं।
    • धार्मिक स्थलों में बैद्यनाथ धाम, पारसनाथ, और रजरप्पा प्रमुख हैं।
  • खनिज संसाधन:
    झारखंड कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम आदि जैसे खनिजों का भंडार है।
  • कृषि:
    झारखंड की लगभग 80% जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, और चावल यहाँ की मुख्य फसल है।

झारखंड स्थापना दिवस न केवल राज्य की ऐतिहासिक उपलब्धियों का जश्न मनाने का अवसर है, बल्कि इसकी समृद्ध संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी परंपराओं को संरक्षित करने की प्रेरणा भी है।

भारत ने किया पिनाका रॉकेट लांचर का सफल परीक्षण

DRDO ने गाइडेड पिनाका वेपन सिस्टम के लिए एक श्रृंखला में सफल उड़ान परीक्षण पूरे किए, जो प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (PSQR) सत्यापन परीक्षणों का हिस्सा थे। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि में तीन चरणों में अलग-अलग फील्ड फायरिंग रेंज पर परीक्षण किए गए, जो प्रणाली की संचालनात्मक क्षमता, सटीकता और उन्नत क्षमताओं को प्रदर्शित करते हैं।

सामान्य जानकारी

परीक्षणों का उद्देश्य

  • भारतीय सेना में शामिल करने के लिए संचालनात्मक तैयारी को सत्यापित करना।
  • PSQR सत्यापन परीक्षणों के हिस्से के रूप में आयोजित।

परीक्षण चरण

  • तीन चरणों में कई फील्ड फायरिंग रेंज पर परीक्षण।
  • PSQR मानकों जैसे रेंज, सटीकता, निरंतरता और साल्वो मोड में फायर की दर का मूल्यांकन किया गया।

परीक्षण के दौरान मूल्यांकन किए गए प्रमुख मानक

  1. रेंज: विस्तारित दूरी पर लक्ष्य को भेदने की क्षमता।
  2. सटीकता: विभिन्न रेंज पर सटीक हमले।
  3. निरंतरता: निर्दिष्ट लक्ष्यों को बार-बार सटीकता से भेदने की क्षमता।
  4. फायर की दर: साल्वो मोड में एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने का प्रदर्शन।

परीक्षण विनिर्देश

  • रॉकेट की संख्या: प्रत्येक उत्पादन एजेंसी से 12 रॉकेट का परीक्षण।
  • लॉन्चर्स: दो उन्नत, सेवा में शामिल पिनाका लॉन्चर का उपयोग।

विकास और डिजाइन में योगदानकर्ता

मुख्य डिजाइन एजेंसियां

  • आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE)
  • रिसर्च सेंटर इमारत (RCI)
  • डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL)
  • हाई एनर्जी मटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी (HEMRL)
  • प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टेब्लिशमेंट (PXE)

उत्पादन एजेंसियां

  • गोलाबारूद: म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड और इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड।
  • लॉन्चर और बैटरी कमांड पोस्ट: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो।

अधिकारियों के बयान

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह

  • DRDO और भारतीय सेना को सफल PSQR परीक्षणों के लिए बधाई।
  • गाइडेड पिनाका को सशस्त्र बलों की तोपखाना शक्ति बढ़ाने वाला बताया।

डॉ. समीर वी. कामत, सचिव, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग और DRDO अध्यक्ष

  • उड़ान परीक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टीमों को बधाई दी।
  • गाइडेड पिनाका को भारतीय सेना में शामिल करने के लिए तैयार बताया।

महत्व

  1. स्वदेशी विकास: पूरी तरह भारत में विकसित, उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
  2. बढ़ी हुई मारक क्षमता: सटीक हमले की क्षमता भारतीय सेना की संचालनात्मक प्रभावशीलता को मजबूत करती है।
  3. उन्नत विशेषताएँ:
    • स्वदेशी घटकों के साथ मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (MLRS)।
    • बेहतर सटीकता, दक्षता और रणनीतिक लचीलापन।
Summary/Static Details
चर्चा में क्यों? डीआरडीओ द्वारा निर्देशित पिनाका हथियार प्रणाली का सफल पीएसक्यूआर सत्यापन परीक्षण
द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ)
परीक्षणों का उद्देश्य भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी के लिए अनंतिम स्टाफ गुणात्मक आवश्यकताओं (पीएसक्यूआर) का सत्यापन
Phases of Testing विभिन्न फील्ड फायरिंग रेंजों में तीन चरण
मूल्यांकित प्रमुख पैरामीटर – रेंज

– सटीकता

– स्थिरता

– साल्वो मोड में फायर की दर

रॉकेट परीक्षण – प्रत्येक उत्पादन एजेंसी से 12 रॉकेट

– दो उन्नत, सेवा में मौजूद पिनाका लांचर के साथ परीक्षण किया गया

विकास योगदानकर्ता – आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ARDE)

– अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI)

– रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL)

– HEMRL और PXE

उत्पादन एजेंसियां – गोला-बारूद: म्यूनिशन इंडिया लिमिटेड, इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड

– लॉन्चर और कमांड पोस्ट: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो

महत्व – भारतीय सेना के लिए उन्नत तोपखाने की क्षमताएँ

– रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

– परिचालन लचीलापन और मारक क्षमता में सुधार

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