डॉ. मनसुख मंडाविया ने पहली बार फिट इंडिया कार्निवल का उद्घाटन किया

फिट इंडिया कार्निवल – एक अनोखा तीन दिवसीय फिटनेस और वेलनेस कार्यक्रम – का उद्घाटन केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 16 मार्च 2025 को नई दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम (JLN) में किया। इस आयोजन का उद्देश्य नागरिकों में शारीरिक फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है। बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना, कुश्ती चैम्पियन संग्राम सिंह, वेलनेस विशेषज्ञ मिकी मेहता, पूर्व WWE पहलवान शैंकी सिंह और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक रोहताश चौधरी ने इस भव्य आयोजन में चार चांद लगाए।

मुख्य आकर्षण

  • उद्घाटन: डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री
  • स्थान: जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली
  • तारीख: 16-18 मार्च 2025 (तीन दिवसीय आयोजन)

प्रसिद्ध प्रतिभागी

  • आयुष्मान खुरानाफिट इंडिया आइकॉन
  • संग्राम सिंहकुश्ती चैम्पियन
  • मिकी मेहतावेलनेस विशेषज्ञ
  • शैंकी सिंहपूर्व WWE पहलवान
  • रोहताश चौधरीगिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक

प्रमुख गतिविधियाँ और प्रदर्शन

  • मार्शल आर्ट प्रदर्शनी – कलारीपयट्टु, गतका और मल्लखंब
  • फिटनेस चुनौतियाँ – रस्सी कूद, आर्म रेसलिंग, पुश-अप, स्क्वाट प्रतियोगिता और क्रिकेट बॉलिंग
  • नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच – भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के राष्ट्रीय खेल विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (NCSSR) द्वारा पोषण और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
  • पुस्तक विमोचन“साइक्लिंग के लाभ” पुस्तक का लोकार्पण (NCSSR द्वारा)
  • ‘फिटनेस थ्रू डांस’ सांस्कृतिक कार्यक्रम – मनोरंजक तरीके से फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए
  • फिटनेस आइकॉन के साथ प्रश्नोत्तर सत्र

केंद्रीय मंत्री की दृष्टि

  • खेलों को एक संस्कृति और फिटनेस को एक आंदोलन के रूप में बढ़ावा देना
  • “संडे ऑन साइकिल” पहल की तरह फिट इंडिया कार्निवल को भारत के अन्य शहरों और कस्बों में विस्तारित करना

आयुष्मान खुराना का संदेश

“एक स्वस्थ राष्ट्र ही एक समृद्ध राष्ट्र होता है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डॉ. मनसुख मांडविया का धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने भारत को और अधिक फिट बनाने का यह महत्वपूर्ण प्रयास किया।”

समापन समारोह

डॉ. मनसुख मांडविया ने स्वास्थ्य और वेलनेस स्टॉल का दौरा किया और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों को प्रेरित किया।

समाचार में क्यों? डॉ. मनसुख मांडविया ने पहले फिट इंडिया कार्निवल का उद्घाटन किया
कार्यक्रम का नाम फिट इंडिया कार्निवल
उद्घाटनकर्ता डॉ. मनसुख मांडविया (केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री)
स्थान जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली
प्रसिद्ध प्रतिभागी आयुष्मान खुराना, संग्राम सिंह, मिकी मेहता, शैंकी सिंह, रोहताश चौधरी
मुख्य प्रदर्शन कलारीपयट्टु, गतका, मल्लखंब, ‘फिटनेस थ्रू डांस’
फिटनेस चुनौतियाँ रस्सी कूद, आर्म रेसलिंग, पुश-अप, स्क्वाट, क्रिकेट बॉलिंग
विशेष लॉन्च पुस्तक: साइक्लिंग के लाभ”
स्वास्थ्य सेवाएँ भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के NCSSR द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच (पोषण एवं मानसिक परामर्श)
उद्देश्य फिटनेस संस्कृति और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना

पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रधान का निधन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. देवेंद्र प्रधान का सोमवार को नई दिल्ली में एक संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और अपने पीछे पत्नी और दो पुत्रों को छोड़ गए हैं। डॉ. प्रधान ने अपने अंतिम सांस अपने पुत्र और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आधिकारिक आवास पर ली।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. देवेंद्र प्रधान का जन्म 16 जुलाई 1941 को हुआ था। उन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त की और 1966 में एससीबी मेडिकल कॉलेज, कटक से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने तालचेर में एक मेडिकल अधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला। हालांकि, सामाजिक सेवा और कृषि के प्रति उनके गहरे लगाव के कारण उन्होंने सरकारी सेवा छोड़कर जनकल्याण के कार्यों को अपना जीवन समर्पित कर दिया।

राजनीतिक सफर और योगदान

प्रारंभिक राजनीतिक करियर

डॉ. प्रधान भाजपा के ओडिशा में विस्तार के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक थे। उन्होंने 1983 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और उसी वर्ष तालचेर मंडल के अध्यक्ष बने, जहां वे 1985 तक कार्यरत रहे।

उनकी चुनावी राजनीति में शुरुआत 1984 में देवगढ़ लोकसभा सीट से हुई, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, वे राजनीति में सक्रिय रहे और 1985 में अविभाजित ढेंकानाल जिला भाजपा के अध्यक्ष नियुक्त किए गए।

ओडिशा भाजपा में नेतृत्व भूमिका

1988 से 1993 और फिर 1995 से 1997 तक वे लगातार तीन बार भाजपा के ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान, उन्होंने राज्य में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए व्यापक प्रयास किए।

चुनावी सफलता और मंत्री पद

1991 और 1996 के लोकसभा चुनावों में हार के बावजूद, 1998 के आम चुनावों में उन्होंने देवगढ़ संसदीय सीट से जीत दर्ज की। इस जीत के बाद, उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री बनाया गया।

1999 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने फिर से देवगढ़ सीट से जीत दर्ज की और वाजपेयी सरकार में सड़क परिवहन और कृषि मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली। उनके नेतृत्व में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में महत्वपूर्ण नीतियां बनाई गईं।

बाद का राजनीतिक जीवन और मार्गदर्शक की भूमिका

2001-02 में वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने और पार्टी में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी। हालांकि, 2004 के विधानसभा चुनाव में पल्लहारा सीट से हारने के बाद उनका सक्रिय चुनावी करियर समाप्त हो गया।

इसके बावजूद, वे ओडिशा भाजपा के लिए एक प्रमुख मार्गदर्शक बने रहे। उन्होंने एक मार्गदर्शक (Mentor) के रूप में पार्टी की नीतियों और रणनीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।

दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान योजना

स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार 18 मार्च 2025 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगी। इसके तहत, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM) को लागू किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, दिल्ली में 1,139 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (U-AAM) स्थापित किए जाएंगे, जिससे प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाया जाएगा और भविष्य में महामारी व अन्य स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा, 553 मौजूदा मोहल्ला क्लीनिकों को उन्नत कर U-AAM में परिवर्तित किया जाएगा और 413 नए U-AAM स्थापित किए जाएंगे। यह निर्णय लंबे समय तक चले कानूनी विवाद और दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के बाद आया है।

समझौते के प्रमुख बिंदु

PM-ABHIM योजना के बारे में

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की योजना।
  • भविष्य में महामारी और स्वास्थ्य आपात स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने का लक्ष्य।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन पर विशेष ध्यान।

दिल्ली में कार्यान्वयन योजना

  • 1,139 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (U-AAM) स्थापित किए जाएंगे।
  • 553 मौजूदा मोहल्ला क्लीनिकों को U-AAM में अपग्रेड किया जाएगा।
  • 413 नए U-AAM खोले जाएंगे।
  • पहले इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केवल इंदिरा गांधी अस्पताल में डायग्नोस्टिक लैब्स के लिए लागू किया गया था।

राजनीतिक और कानूनी पृष्ठभूमि

  • दिल्ली की आप सरकार ने पहले इस योजना को लागू करने से इनकार कर दिया था।
  • दिल्ली उच्च न्यायालय ने सरकार को 5 जनवरी 2025 तक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया, भले ही उस समय आदर्श आचार संहिता लागू थी।
  • 17 जनवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।
  • फरवरी 2025 में दिल्ली की नई भाजपा सरकार ने इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया।
  • 18 मार्च 2025 को दिल्ली सरकार औपचारिक रूप से केंद्र के साथ MoU पर हस्ताक्षर करेगी।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
समाचार में क्यों? दिल्ली सरकार 18 मार्च 2025 को पीएम-एबीएचआईएम लागू करने के लिए केंद्र के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करेगी
योजना का नाम प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM-ABHIM)
उद्देश्य सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करना और भविष्य की महामारी का सामना करना
क्रियान्वयन प्राधिकरण दिल्ली सरकार एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
यू-एएएम की संख्या 1,139
अपग्रेड किए जाने वाले मौजूदा क्लीनिक 553
नए यू-एएएम खोले जाएंगे 413
MoU हस्ताक्षर तिथि 18 मार्च 2025
कानूनी स्थिति पहले आप सरकार ने विरोध किया, बाद में भाजपा सरकार ने स्वीकृति दी
पायलट कार्यान्वयन इंदिरा गांधी अस्पताल में डायग्नोस्टिक लैब्स

प्रख्यात ओडिया कवि रमाकांत रथ का निधन

प्रसिद्ध ओडिया कवि और पूर्व आईएएस अधिकारी रमाकांत रथ का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। 30 दिसंबर 1934 को ओडिशा के पुरी जिले में जन्मे रथ ने आधुनिक ओडिया साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी काव्य यात्रा रेवेन्सॉ कॉलेज, कटक में अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई के दौरान शुरू हुई। उनकी प्रमुख कृतियाँ ‘सप्तम ऋतु’, ‘श्री राधा’ और ‘संदिग्ध मृगया’ ओडिया कविता में गहरी दार्शनिक सोच और विशिष्ट काव्य अभिव्यक्ति का प्रतीक बनीं।

रमाकांत रथ: जीवन और साहित्यिक योगदान

व्यक्तिगत विवरण

  • जन्म: 30 दिसंबर 1934
  • जन्मस्थान: पुरी जिला, ओडिशा
  • शिक्षा: रेवेन्सॉ कॉलेज, कटक से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर (MA)
  • निधन: मार्च 2025

साहित्यिक योगदान

  • अपनी कॉलेज शिक्षा के दौरान कविता लेखन की शुरुआत की।
  • प्रथम काव्य संग्रह: ‘केत दिनारा’ (Kete Dinara – Of Many Bygone Days), 1962
  • प्रारंभिक कविताएँ प्रेम से प्रेरित थीं, लेकिन बाद में उन्होंने मानव नियति और अस्तित्ववादी चिंतन को अपने लेखन में स्थान दिया।

प्रमुख कृतियाँ

  • ‘सप्तम ऋतु’ (The Seventh Season, 1977) – साहित्य अकादमी पुरस्कार (1978) प्राप्त
  • ‘श्री राधा’ (1985) – सरस्वती सम्मान से सम्मानित
  • ‘अनेक कोठारी’ (Several Rooms)
  • ‘संदिग्ध मृगया’ (Deer Hunt in a Mood of Indecision)
  • ‘सचित्र अंधार’ (Illustrated Darkness)

उनकी रचनाएँ गद्य और काव्यात्मकता का अनूठा समन्वय प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने आधुनिक ओडिया कविता में नई भाषा और संरचना को अपनाया, जिससे उनकी कविताएँ अद्वितीय बन गईं। उनकी रचनाएँ अंग्रेजी सहित कई भारतीय भाषाओं में अनुवादित हो चुकी हैं।

पुरस्कार और सम्मान

  • केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार (1978)
  • सरस्वती सम्मान (1992)
  • पद्म भूषण (2006)
  • अतिबाड़ी जगन्नाथ दास पुरस्कार (2018) – ओडिशा का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान
  • राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • बिशुवा सम्मान
  • कबीर सम्मान

प्रशासनिक सेवा में करियर

  • 1957 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हुए।
  • ओडिशा के मुख्य सचिव और भारत सरकार में सचिव के रूप में कार्य किया।
  • संयुक्त राष्ट्र (FAO) में गुयाना में सलाहकार के रूप में सेवा दी।
  • केन्द्रीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष रहे।
  • ओडिशा समुद्री अकादमी के मानद अध्यक्ष भी रहे।

विरासत और श्रद्धांजलि

  • ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने उनके अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान देने की घोषणा की।
  • उनका अंतिम संस्कार पुरी के स्वर्गद्वार में किया जाएगा।
  • उन्होंने ओडिया साहित्य को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? प्रसिद्ध ओड़िया कवि रामाकांत रथ का निधन
शिक्षा अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. (रवेंसॉ कॉलेज, कटक)
करियर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), ओडिशा के मुख्य सचिव, FAO (UN) में सलाहकार
मुख्य रचनाएँ केते दिनारा, सप्तम ऋतु, श्री राधा, संदिग्ध मृगया, अनेक कोठारी
प्रमुख पुरस्कार साहित्य अकादमी पुरस्कार (1978), सरस्वती सम्मान (1992), पद्म भूषण (2006), अतिबड़ी जगन्नाथ दास पुरस्कार (2018)

 

रायसीना डायलॉग 2025 क्या है?

रायसीना डायलॉग भारत का प्रमुख भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक सम्मेलन है, जो विश्व के सबसे ज्वलंत वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए नेताओं, नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों और विद्वानों को एक मंच पर लाता है। यह सम्मेलन प्रतिवर्ष नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

10वें रायसीना डायलॉग का आयोजन 17 से 19 मार्च 2025 के बीच होगा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन भाषण देंगे। इस बार न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री, माननीय क्रिस्टोफर लक्‍सन, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और उद्घाटन संबोधन देंगे। उनकी उपस्थिति भारत-न्यूज़ीलैंड द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने और वैश्विक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है।

उद्घाटन एवं मुख्य भाषण

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 17 मार्च 2025 को रायसीना डायलॉग का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री, माननीय क्रिस्टोफर लक्‍सन, मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और मुख्य भाषण देंगे। उनकी उपस्थिति भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय संवाद और सहयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

वैश्विक सहभागिता: 125 देशों की एकजुटता

रायसीना डायलॉग 2025 में लगभग 125 देशों के प्रतिभागी भाग लेंगे, जिनमें शामिल होंगे:

  • मंत्री और राजनयिक
  • पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सरकारों के प्रमुख
  • सैन्य कमांडर
  • व्यापार और उद्योग जगत के नेता
  • प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी
  • शिक्षाविद और शोधकर्ता
  • पत्रकार और रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ
  • थिंक टैंकों और नागरिक समाज के प्रतिनिधि
  • दुनियाभर के युवा प्रतिनिधि

इस विविध और गतिशील भागीदारी के साथ, यह संवाद आधुनिक भू-राजनीतिक चुनौतियों और आर्थिक बदलावों पर चर्चाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

2025 की थीम: “कालचक्र – जन, शांति और ग्रह”

रायसीना डायलॉग 2025 की केंद्रीय थीम “कालचक्र – जन, शांति और ग्रह” होगी। यह थीम वैश्विक पारस्परिकता के सार को प्रतिबिंबित करती है, जिसमें सतत समाधान, समावेशी विकास और रणनीतिक दूरदर्शिता की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई है।

मुख्य विषयगत स्तंभ

चर्चाओं को छह प्रमुख स्तंभों के आधार पर संरचित किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक शासन को आकार देने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित होंगे:

  • राजनीति में बाधा: बदलते समीकरण और बढ़ती लहरें
    यह विषय वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में हो रहे बदलावों की पड़ताल करेगा। इसमें वैश्विक शक्ति संतुलन में उथल-पुथल, बहुध्रुवीयता का उदय और बदलते गठबंधनों का विश्व राजनीति पर प्रभाव शामिल होगा।

  • हरित त्रिविधा का समाधान: कौन, कहाँ और कैसे?
    जलवायु परिवर्तन से निपटने की तात्कालिक आवश्यकता को संबोधित करते हुए, यह स्तंभ आर्थिक वृद्धि, पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करने पर केंद्रित होगा। विशेषज्ञ कार्बन न्यूट्रलिटी प्राप्त करने और हरित निवेश को बढ़ावा देने के लिए नवीन समाधानों पर चर्चा करेंगे।

  • डिजिटल ग्रह: एजेंट, एजेंसियां और अनुपस्थिति
    आज की दुनिया डिजिटल प्रौद्योगिकियों पर पहले से कहीं अधिक निर्भर हो गई है। इस विषय के अंतर्गत चर्चा की जाएगी कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर सुरक्षा, डिजिटल गवर्नेंस और डेटा गोपनीयता वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था को कैसे आकार दे रहे हैं।

  • आक्रामक व्यापारवाद: व्यापार, आपूर्ति श्रृंखलाएं और विनिमय दर की लत
    यह खंड संरक्षणवादी नीतियों, बाधित आपूर्ति श्रृंखलाओं और अस्थिर विनिमय दरों से उत्पन्न चुनौतियों का विश्लेषण करेगा। इसमें यह चर्चा होगी कि विभिन्न राष्ट्र वैश्विक व्यापार की जटिलताओं और आर्थिक स्थिरता को कैसे संतुलित कर सकते हैं।

  • बाघ की गाथा: विकास की नई रूपरेखा
    उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित यह विषय नए विकास मॉडल, आर्थिक वृद्धि की रणनीतियों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की भूमिका की पड़ताल करेगा, जो समान और टिकाऊ प्रगति को बढ़ावा देने में सहायक हो सकते हैं।

  • शांति में निवेश: प्रेरक तत्व, संस्थान और नेतृत्व
    बढ़ते वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के बीच, यह स्तंभ संघर्ष समाधान, शांति निर्माण और वैश्विक सुरक्षा सहयोग के लिए आवश्यक तंत्रों का विश्लेषण करेगा। चर्चा में बहुपक्षीय संगठनों की भूमिका को भी उजागर किया जाएगा, जो वैश्विक स्थिरता बनाए रखने में सहायक हैं।

    प्रतिभागियों की संख्या और वैश्विक पहुंच

    रायसीना डायलॉग 2025 में 125 देशों से 3,500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से शामिल होंगे, जिससे यह भारत के सबसे बड़े कूटनीतिक आयोजनों में से एक बन जाएगा। इसके अलावा, दुनियाभर में लाखों दर्शक डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ सकेंगे, जिससे इसकी व्यापक वैश्विक पहुंच और प्रभाव सुनिश्चित होगा।

    रायसीना डायलॉग 2025 का महत्व

    1. वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका को मजबूत करना
      एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में, रायसीना डायलॉग की मेजबानी भारत की अंतरराष्ट्रीय नीति-निर्माण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी और कूटनीतिक सहयोग को दर्शाती है।

    2. रणनीतिक और आर्थिक साझेदारियों को बढ़ावा देना
      इस कार्यक्रम में नीति-निर्माताओं और उद्योग जगत के प्रमुखों की भागीदारी द्विपक्षीय और बहुपक्षीय साझेदारियों को मजबूत करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती है, विशेष रूप से व्यापार, रक्षा, जलवायु कार्रवाई और डिजिटल शासन जैसे क्षेत्रों में।

    3. युवा नेताओं और थिंक टैंकों के लिए एक मंच
      रायसीना डायलॉग शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और युवा नेताओं के लिए एक ज्ञान-साझाकरण मंच के रूप में कार्य करता है, जिससे वैश्विक शासन में नवाचार और विचार नेतृत्व को बढ़ावा मिलता है।

हॉकी झारखंड 15वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियन बनी

15वें हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2025 में हॉकी झारखंड ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की, फाइनल मुकाबले में गत विजेता हॉकी हरियाणा को हराकर पहली बार राष्ट्रीय खिताब अपने नाम किया। यह मुकाबला हरियाणा के पंचकूला स्थित ताऊ देवी लाल कॉम्प्लेक्स में खेला गया।

फाइनल मुकाबले की मुख्य झलकियां

फाइनल मैच बेहद रोमांचक रहा, जिसमें हॉकी हरियाणा की कप्तान रानी ने 42वें मिनट में पहला गोल किया, लेकिन हॉकी झारखंड की प्रमोदनी लकड़ा ने 44वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया। नियमित समय में स्कोर 1-1 रहने के कारण विजेता का फैसला पेनल्टी शूटआउट से हुआ। शूटआउट में हॉकी झारखंड ने 4-3 से जीत दर्ज की, जिसमें राजनी केरकेट्टा, निराली कुजूर, बिनीमा धन और कप्तान अलेबला रानी टोप्पो ने गोल किए। हॉकी हरियाणा के लिए पिंकी, अन्नू और मनीषा ने गोल किए, लेकिन टीम को खिताबी जीत नहीं दिला सके।

टूर्नामेंट प्रारूप और टीमों की भागीदारी

15वें संस्करण में पहली बार नॉकआउट प्रारूप लागू किया गया था, जिसमें 12 टीमें शामिल थीं। टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया था, और प्रत्येक ग्रुप की शीर्ष टीम क्वार्टर-फाइनल में पहुंची। सेमीफाइनल विजेताओं ने फाइनल में जगह बनाई।

सेमीफाइनल और तीसरे स्थान का मुकाबला

हॉकी हरियाणा ने सेमीफाइनल में हॉकी महाराष्ट्र को हराया, जबकि हॉकी झारखंड ने हॉकी मिजोरम को हराकर फाइनल में प्रवेश किया। तीसरे स्थान के मुकाबले में हॉकी मिजोरम ने हॉकी महाराष्ट्र को हराकर कांस्य पदक जीता।

हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप का इतिहास

इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2011 में हुई थी, जिसमें भारतीय रेलवे सबसे सफल टीम रही है। भारतीय रेलवे ने अब तक 8 खिताब जीते हैं, जबकि हॉकी हरियाणा ने 3, हॉकी मध्य प्रदेश ने 2, और हॉकी ओडिशा एवं हॉकी झारखंड ने 1-1 बार खिताब अपने नाम किया है।

हॉकी इंडिया के बारे में

हॉकी इंडिया की स्थापना 2009 में हुई थी, जो भारत में हॉकी का आधिकारिक शासी निकाय है। वर्तमान में, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पूर्व भारतीय खिलाड़ी दिलीप तिर्की हैं और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? हॉकी झारखंड ने हॉकी हरियाणा को हराकर 15वीं हॉकी इंडिया सीनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप 2025 जीती।
फाइनल मैच 12 मार्च 2025, ताऊ देवी लाल कॉम्प्लेक्स, पंचकूला, हरियाणा में आयोजित हुआ।
विजेता हॉकी झारखंड (पहली बार राष्ट्रीय चैंपियन)।
उपविजेता हॉकी हरियाणा (गत विजेता)।
तीसरा स्थान हॉकी मिजोरम, जिसने हॉकी महाराष्ट्र को हराया।
फाइनल स्कोर नियमित समय में स्कोर 1-1; झारखंड ने पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से जीत दर्ज की।
महत्व हॉकी झारखंड का पहला राष्ट्रीय खिताब। हॉकी हरियाणा का नौवां फाइनल।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की
हॉकी इंडिया मुख्यालय नई दिल्ली

चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने 16 मार्च 2025 को चंद्रयान-5 मिशन की घोषणा की, जिसे 13 मार्च 2025 को मंजूरी दी गई थी। यह मिशन जापान (JAXA) के सहयोग से संचालित होगा और चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन करेगा। चंद्रयान-3 के 25 किलोग्राम वजनी ‘प्रज्ञान’ रोवर की तुलना में, चंद्रयान-5 में 250 किलोग्राम वजनी रोवर भेजा जाएगा, जिससे भारत की चंद्र अन्वेषण क्षमता और अधिक मजबूत होगी।

चंद्रयान-5 मिशन के प्रमुख बिंदु

  • स्वीकृति: 13 मार्च 2025
  • घोषणा: इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन
  • सहयोग: इसरो (भारत) और JAXA (जापान)
  • उद्देश्य: चंद्रमा की सतह का विस्तृत खनिज और भूवैज्ञानिक अध्ययन
  • रोवर का वजन: 250 किलोग्राम (चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर से 10 गुना भारी)

चंद्रयान मिशनों की समयरेखा

मिशन वर्ष मुख्य उपलब्धि स्थिति
चंद्रयान-1 2008 चंद्रमा पर जल अणुओं की खोज सफल
चंद्रयान-2 2019 ऑर्बिटर सफल, लैंडर विफल आंशिक सफलता
चंद्रयान-3 2023 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली सफल लैंडिंग सफल
चंद्रयान-4 2027 (संभावित) चंद्र मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर लाना आगामी
चंद्रयान-5 2028 (संभावित) 250 किग्रा रोवर से चंद्रमा का विस्तृत अध्ययन आगामी

चंद्रयान-5 के लक्ष्य

  • चंद्रमा की सतह की विस्तृत खनिज एवं भूवैज्ञानिक जांच।
  • 250 किग्रा वजनी रोवर की सहायता से गहन अन्वेषण।
  • भारत की चंद्र अन्वेषण और वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाना।
  • जापान के साथ अंतरिक्ष सहयोग को मजबूत करना।

भविष्य की इसरो योजनाएं

  • चंद्रयान-4 (2027): चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने का मिशन।
  • गगनयान मिशन: भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन।
  • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2035): भारत का स्वयं का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना।
श्रेणी विवरण
क्यों चर्चा में? चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार की मंजूरी, चंद्र अन्वेषण में बड़ी प्रगति
मिशन का नाम चंद्रयान-5
मंजूरी की तिथि 13 मार्च 2025
घोषणा इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन
सहयोगी संगठन इसरो (भारत) और JAXA (जापान)
रोवर का वजन 250 किग्रा
मिशन का लक्ष्य चंद्रमा की सतह का विस्तृत अध्ययन
संभावित प्रक्षेपण वर्ष 2028
भविष्य की योजनाएँ चंद्रयान-4 (2027), गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में दो साल में सबसे तेज उछाल: RBI डेटा

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 7 मार्च 2025 को समाप्त सप्ताह में $15.267 अरब की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल भंडार बढ़कर $653.966 अरब हो गया। यह वृद्धि पिछले दो वर्षों में सबसे तेज रही, जिसका मुख्य कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 28 फरवरी 2025 को किया गया $10 अरब का फॉरेक्स स्वैप रहा। इस कदम के तहत, RBI ने रुपये के मुकाबले डॉलर खरीदे ताकि वित्तीय प्रणाली में तरलता (Liquidity) को बढ़ाया जा सके।

मुख्य बिंदु:

  • कुल विदेशी मुद्रा भंडार: $653.966 अरब
  • साप्ताहिक वृद्धि: $15.267 अरब (2 वर्षों में सबसे अधिक)
  • पिछले सप्ताह का भंडार: $638.698 अरब
  • अब तक का उच्चतम स्तर: $704.885 अरब (सितंबर 2024)

विदेशी मुद्रा भंडार का वर्गीकरण:

घटक साप्ताहिक परिवर्तन वर्तमान मूल्य
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) $13.993 अरब की वृद्धि $557.282 अरब
स्वर्ण भंडार $1.053 अरब की गिरावट $74.325 अरब
विशेष आहरण अधिकार (SDR) $212 मिलियन की वृद्धि $18.21 अरब
IMF में भंडार स्थिति $69 मिलियन की गिरावट $4.148 अरब

विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि के कारण:

  • RBI का $10 अरब का फॉरेक्स स्वैप, जिससे तरलता बढ़ी।
  • रुपये की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए RBI का हस्तक्षेप
  • डॉलर, यूरो, येन और पाउंड जैसी प्रमुख मुद्राओं में मूल्य परिवर्तन से पुनर्मूल्यांकन प्रभाव

भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:

  • वित्तीय प्रणाली में तरलता में सुधार
  • रुपये की स्थिरता में वृद्धि
  • निवेशकों का भरोसा बढ़ा
  • आयात सुरक्षा और बाहरी स्थिरता में सुधार
श्रेणी विवरण
क्यों खबर में? भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में दो वर्षों की सबसे तेज वृद्धि: RBI डेटा
कुल विदेशी मुद्रा भंडार (7 मार्च 2025) $653.966 अरब
साप्ताहिक वृद्धि $15.267 अरब
मुख्य कारण RBI द्वारा $10 अरब का फॉरेक्स स्वैप
विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA) $557.282 अरब
स्वर्ण भंडार $74.325 अरब
विशेष आहरण अधिकार (SDRs) $18.21 अरब
IMF में भंडार स्थिति $4.148 अरब
अब तक का उच्चतम स्तर $704.885 अरब (सितंबर 2024)

भारत की थोक मुद्रास्फीति फरवरी में 2.38% पर स्थिर रही

फरवरी 2024 में भारत की थोक महंगाई दर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई, जो 2.38% पर पहुंच गई, जबकि जनवरी में यह 2.31% थी। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, निर्मित खाद्य उत्पादों, वस्त्रों और गैर-खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण महंगाई में यह उछाल आया। हालांकि, खाद्य सूचकांक में गिरावट से कुछ राहत मिली।

थोक महंगाई और WPI का महत्व

थोक महंगाई को थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के माध्यम से मापा जाता है, जो उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले वस्तुओं की कीमतों की गति को दर्शाता है। इसके विपरीत, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) खुदरा स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को ट्रैक करता है। WPI डेटा नीति निर्माताओं, व्यवसायों और विश्लेषकों के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह औद्योगिक लागत दबावों की जानकारी देता है और खुदरा महंगाई के संभावित रुझानों का संकेतक होता है।

फरवरी 2024 की प्रमुख झलकियां

  • महंगाई दर: फरवरी में थोक महंगाई 2.38% रही, जो जनवरी में 2.31% थी।
  • मुख्य कारण: निर्मित खाद्य उत्पाद, वस्त्र, गैर-खाद्य वस्तुएं और अन्य विनिर्माण श्रेणियां।
  • खाद्य सूचकांक में गिरावट: जनवरी में 7.47% से घटकर फरवरी में 5.94% हो गया, जिससे खाद्य पदार्थों की कीमतों में कुछ राहत मिली।
  • ऐतिहासिक प्रवृत्ति: सितंबर 2022 तक WPI महंगाई लगातार 18 महीनों तक दोहरे अंकों में रही। अप्रैल 2023 और जुलाई 2020 में यह नकारात्मक भी हुई थी।

फरवरी में थोक महंगाई को प्रभावित करने वाले कारक

1. प्रमुख उद्योगों में कीमतों में वृद्धि

  • निर्मित खाद्य उत्पाद: कच्चे माल की बढ़ती लागत और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान से खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद महंगे हुए।
  • प्राथमिक खाद्य वस्तुएं: खाद्य सूचकांक में गिरावट के बावजूद, अनाज और दालों की कीमतें बढ़ीं।
  • वस्त्र उद्योग: कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि के कारण वस्त्रों की लागत बढ़ी।
  • गैर-खाद्य वस्तुएं: कपास, तिलहन और रबर जैसी औद्योगिक कच्ची सामग्री की कीमतों में उतार-चढ़ाव आया।

2. खाद्य महंगाई में गिरावट

फलों, सब्जियों, खाद्य तेलों और वसा की कीमतों में गिरावट से खाद्य सूचकांक 7.47% से घटकर 5.94% पर आ गया, जिससे महंगाई के दबाव में कमी आई।

3. मौद्रिक नीति का प्रभाव

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीति के माध्यम से महंगाई को नियंत्रित करता है।
  • रेपो रेट को लगभग 5 वर्षों तक 6.5% पर बनाए रखा गया ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
  • हाल ही में, RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।

महंगाई का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

1. विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र

  • WPI महंगाई में मामूली वृद्धि मांग वृद्धि का संकेत देती है, जिससे उत्पादन बढ़ाने के लिए निर्माताओं को प्रोत्साहन मिलता है।
  • हालांकि, उच्च उत्पादन लागत से कंपनियों के लाभ मार्जिन पर असर पड़ सकता है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए कीमतों में वृद्धि हो सकती है।

2. उपभोक्ता कीमतें और खुदरा महंगाई

  • थोक खाद्य महंगाई में गिरावट से खुदरा खाद्य कीमतों में कमी आने की संभावना है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
  • हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में महंगाई जारी रहने से उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची बनी रह सकती हैं।

3. सरकारी नीतियां और आर्थिक स्थिरता

  • सरकार हर महीने WPI महंगाई के आंकड़े प्रकाशित करती है और नीति निर्माता इन आंकड़ों के आधार पर उचित नीतिगत निर्णय लेते हैं।
  • थोक महंगाई की निगरानी से आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और उचित नीतियां लागू करने में मदद मिलती है।
श्रेणी विवरण
क्यों खबर में? भारत में WPI महंगाई फरवरी 2024 में बढ़कर 2.38% हो गई, जो जनवरी में 2.31% थी।
मुख्य कारण निर्मित खाद्य उत्पाद, वस्त्र और गैर-खाद्य वस्तुओं की बढ़ती कीमतें।
खाद्य सूचकांक प्रवृत्ति जनवरी में 7.47% से घटकर फरवरी में 5.94% हो गया, जिससे खाद्य महंगाई में राहत मिली।
WPI का ऐतिहासिक रुझान सितंबर 2022 तक 18 महीनों तक दोहरे अंकों में रहा; अप्रैल 2023 में नकारात्मक हुआ।
RBI की मौद्रिक नीति आर्थिक वृद्धि और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव विनिर्माण उत्पादन को प्रोत्साहन, लेकिन उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि की संभावना।
सरकारी उपाय आर्थिक नीतियों को दिशा देने के लिए WPI महंगाई डेटा का मासिक प्रकाशन।

केंद्रीय मंत्री ने शिलांग में NECTAR के स्थायी परिसर की आधारशिला रखी

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 13 मार्च 2025 को शिलॉंग के मावडियांगडियांग में नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (NECTAR) के स्थायी परिसर की आधारशिला रखी। NECTAR, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्थान है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस अवसर पर मंत्री ने केसर की खेती, ड्रोन तकनीक और STEM शिक्षा में NECTAR की उपलब्धियों को रेखांकित किया और कहा कि पूर्वोत्तर भारत को अगला केसर केंद्र बनाने की क्षमता रखता है।

कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु

NECTAR के बारे में

  • 2014 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के तहत स्थापित किया गया।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र के तकनीकी-आधारित सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कार्य करता है।
  • शिलॉंग के मावडियांगडियांग में स्थायी परिसर की आधारशिला रखी गई।

केंद्रीय मंत्री की घोषणाएँ

  • NECTAR का “मिशन केसर” 2021 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर में केसर की खेती को बढ़ावा देना है।
  • STEM शिक्षा प्रयोगशाला – IISER पुणे और स्मार्ट विलेज मूवमेंट के सहयोग से 100 स्कूलों में रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक को शामिल किया गया।
  • ड्रोन तकनीक का उपयोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों (मोरीगांव, धुबरी और माजुली जिलों) के जोखिम आकलन के लिए किया जा रहा है।
  • मधुमक्खी पालन और हनी मिशन – ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुधारने के लिए चलाया जा रहा कार्यक्रम।
  • NECTAR “आत्मनिर्भर पूर्वोत्तर” और “विकसित भारत” में अहम भूमिका निभाएगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संतुलित क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

NECTAR के मुख्य फोकस क्षेत्र

  • केसर की खेती
  • ड्रोन तकनीक
  • STEM शिक्षा
  • बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण
  • मधुमक्खी पालन और हनी मिशन
  • बांस नवाचार

NECTAR का यह स्थायी परिसर पूर्वोत्तर के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को और सशक्त करेगा और इस क्षेत्र को नवाचार और अनुसंधान का केंद्र बनाने में योगदान देगा।

सारांश/स्थिर जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? केंद्रीय मंत्री ने शिलॉंग में NECTAR के स्थायी परिसर की आधारशिला रखी।
स्थान मावडियांगडियांग, शिलॉंग
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
संस्थान नॉर्थ ईस्ट सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन एंड रीच (NECTAR)
विभाग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), भारत सरकार
मुख्य मिशन मिशन केसर (2021)
STEM शिक्षा सहयोग IISER पुणे और स्मार्ट विलेज मूवमेंट
केंद्रित क्षेत्र केसर, ड्रोन तकनीक, STEM शिक्षा, बाढ़ आकलन, मधुमक्खी पालन

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