आर्यना सबालेंका ने मियामी ओपन 2025 जीता

विश्व की नंबर 1 टेनिस खिलाड़ी आर्यना सबालेंका ने मियामी ओपन 2025 का खिताब जीतकर महिलाओं के टेनिस में अपना दबदबा और मजबूत कर लिया। फाइनल में उन्होंने जेसिका पेगुला को सीधे सेटों में 7-5, 6-2 से हराकर अपना पहला मियामी ओपन खिताब जीता। इस शानदार जीत के साथ सबालेंका ने अपना 19वां डब्ल्यूटीए खिताब, आठवां डब्ल्यूटीए 1000 खिताब और तीसरा ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया। पूरे टूर्नामेंट में बिना कोई सेट गंवाए उनका प्रदर्शन उनकी विश्व नंबर 1 की स्थिति को और मजबूत करता है।

मियामी ओपन 2025 फाइनल के मुख्य बिंदु

सबालेंका की जीत पर एक नजर

  • फाइनल में चौथी वरीयता प्राप्त जेसिका पेगुला को 7-5, 6-2 से हराया।

  • पूरे टूर्नामेंट में एक भी सेट नहीं गंवाया।

  • पहले सेट में 6-5 पर पेगुला की सर्विस ब्रेक कर सेट अपने नाम किया।

  • दूसरे सेट में आक्रामक खेल और विविध शॉट्स के साथ दबदबा बनाया।

सबालेंका की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • कुल डब्ल्यूटीए खिताब: 19

  • डब्ल्यूटीए 1000 खिताब: 8

  • ग्रैंड स्लैम खिताब: 3

  • ऑस्ट्रेलियन ओपन, इंडियन वेल्स और मियामी ओपन के फाइनल में पहुंचने वाली केवल तीसरी महिला खिलाड़ी बनीं।

टूर्नामेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन

  • तीन टॉप-10 खिलाड़ियों को हराया:

    • जैस्मिन पाओलिनी (छठी वरीयता)

    • झेंग किनवेन (नौवीं वरीयता)

    • गत चैंपियन डेनिएल कॉलिन्स

  • आक्रामक खेल और रणनीतिक स्मार्टनेस का शानदार संयोजन दिखाया।

फाइनल मैच विश्लेषण

पहला सेट:

  • शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों ने एक-दूसरे की सर्विस ब्रेक की।

  • सेट के मध्य में सबालेंका ने सर्विस में लय पाई।

  • 6-5 पर पेगुला की सर्विस को बिना एक भी अंक गंवाए ब्रेक कर पहला सेट जीता।

दूसरा सेट:

  • पेगुला, सबालेंका की दमदार शॉट पावर के सामने संघर्ष करती रहीं।

  • सबालेंका ने टॉपस्पिन सर्व और विविध शॉट्स से दबदबा बनाया।

  • आरामदायक जीत दर्ज करते हुए पहली बार मियामी ओपन चैंपियन बनीं।

सबालेंका की प्रतिक्रिया

  • इस जीत को “बेहद खास” बताया और कहा कि वह “शब्दहीन” हैं।

  • कठिन फाइनल मुकाबलों से सीखते हुए मानसिक मजबूती के साथ जीत हासिल करने पर खुशी जताई।

 

प्रसिद्ध इतिहासकार मायना स्वामी ‘उगादि पुरस्कार’ से सम्मानित

आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और सामाजिक सेवा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित उगादी पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। यह पुरस्कार मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा विजयवाड़ा में एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।

उगादी पुरस्कार: एक प्रतिष्ठित सम्मान

उगादी पुरस्कार आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया जाने वाला एक प्रतिष्ठित सम्मान है। इस वर्ष, मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और अभिलेखीय अध्ययन में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए चुना गया है।

पुरस्कार विवरण

इस पुरस्कार के अंतर्गत निम्नलिखित सम्मान दिए जाते हैं:

  • ‘कलारत्न’ की उपाधि

  • प्रतिष्ठित ‘हंसा’ पदक

  • प्रशस्ति पत्र

  • नकद पुरस्कार

यह सम्मान समारोह विजयवाड़ा के तुम्मलपल्ली कलाक्षेत्रम में रविवार को आयोजित किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री स्वयं मायना स्वामी को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।

माईना स्वामी का ऐतिहासिक अनुसंधान में योगदान

शिलालेखीय शोध और खोजें

मायना स्वामी ने विशेष रूप से विजयनगर साम्राज्य और लेपाक्षी वीरभद्र मंदिर परिसर से संबंधित ऐतिहासिक अभिलेखों की खोज और अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने तेलुगु, कन्नड़ और संस्कृत में 100 से अधिक अज्ञात शिलालेखों को उजागर किया और उनका विश्लेषण किया। उनके शोध ने दक्षिण भारत के सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ऐतिहासिक अध्ययन पर प्रभाव

मायना स्वामी के शोध ने निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है:

  • दक्षिण भारतीय राजवंशों के ऐतिहासिक विवरणों का विस्तार।

  • विजयनगर इतिहास के कम ज्ञात पहलुओं को उजागर करना।

  • प्राचीन शिलालेखों और मंदिरों की विरासत के अध्ययन को समृद्ध बनाना।

  • ऐतिहासिक संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को बढ़ावा देना।

सम्मान और बधाइयाँ

मायना स्वामी के कार्य की आधिकारिक पुष्टि संस्कृति विभाग के निदेशक आर. मल्लिकार्जुन द्वारा की गई। अनंतपुर जिले के विद्वानों, लेखकों और इतिहासकारों सहित पूरे आंध्र प्रदेश से उन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए बधाइयाँ मिल रही हैं। उनके ऐतिहासिक अनुसंधान में अतुलनीय योगदान को व्यापक रूप से सराहा जा रहा है।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? मायना स्वामी को ऐतिहासिक अनुसंधान और सामाजिक सेवा में उनके योगदान के लिए प्रतिष्ठित उगादी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
पुरस्कार का नाम उगादी पुरस्कार
सम्मान में शामिल कलारत्न उपाधि, हंसा पदक, प्रशस्ति पत्र, नकद पुरस्कार
प्रस्तुतकर्ता मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू
स्थान तुम्मलपल्ली कलाक्षेत्रम, विजयवाड़ा
मुख्य योगदान विजयनगर साम्राज्य और लेपाक्षी वीरभद्र मंदिर पर शोध, तेलुगु, कन्नड़ और संस्कृत में 100 से अधिक शिलालेखों की खोज
मान्यता की पुष्टि संस्कृति विभाग के निदेशक आर. मल्लिकार्जुन
विद्वानों की सराहना अनंतपुर और अन्य स्थानों के लेखकों व इतिहासकारों ने माईना स्वामी को बधाई दी

उत्कल दिवस: ओडिशा स्थापना दिवस

उत्कल दिवस, जिसे ओडिशा दिवस या विश्व मिलन के रूप में भी जाना जाता है, हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिवस 1936 में ओडिशा राज्य के गठन की स्मृति में मनाया जाता है। यह उन ओड़िया-भाषी लोगों के संघर्ष को सम्मान देने का अवसर है, जिन्होंने बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग अपनी विशिष्ट राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान की मांग की थी। पहले यह क्षेत्र बिहार और ओडिशा प्रांत का हिस्सा था, लेकिन ओडिशा भारत का पहला ऐसा राज्य बना, जिसे भाषाई आधार पर गठित किया गया। यह पर्व राज्य की समृद्ध विरासत, ऐतिहासिक परंपराओं और उन महान नेताओं के प्रयासों को दर्शाता है, जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

ओडिशा का ऐतिहासिक परिदृश्य

प्राचीन ओडिशा

  • इस क्षेत्र को प्राचीन काल में “कलिंग” के नाम से जाना जाता था, जो अपनी समृद्धि और बाहरी आक्रमणों के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रसिद्ध था।

  • सम्राट अशोक ने 261 ईसा पूर्व में कलिंग पर आक्रमण किया, जिससे कलिंग युद्ध हुआ। इस युद्ध के बाद अशोक बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया।

  • महाराजा खरवेल ने बाद में कलिंग की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया और इसके राजनीतिक प्रभाव को विस्तारित किया।

  • ओडिशा को अपनी अद्वितीय कला, वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है।

मध्यकालीन और औपनिवेशिक काल

  • गजपति मुकुंद देव ओडिशा के अंतिम हिंदू शासक थे, जिन्हें 1576 में मुगलों ने हरा दिया।

  • इसके बाद इस क्षेत्र पर मराठाओं ने शासन किया और 1803 में यह ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया।

  • ब्रिटिश प्रशासन ने ओडिशा को बंगाल प्रेसिडेंसी, बिहार और पश्चिम बंगाल के साथ मिलाकर विभाजित कर दिया।

ओडिशा राज्य की मांग और संघर्ष

  • ब्रिटिश शासन के दौरान ओडिशा की भाषा और संस्कृति की उपेक्षा की गई, जिससे एक अलग राज्य की मांग उठी।

  • मधुसूदन दास, गोपबंधु दास, फकीर मोहन सेनापति और पंडित नीलकंठ दास जैसे नेताओं ने ओडिशा की पहचान को लेकर संघर्ष किया।

  • उत्कल सभा (1882) और उत्कल सम्मिलनी (1903) ने ओडिशा को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई।

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राज्यों के भाषाई पुनर्गठन की मांग का समर्थन किया।

  • कई प्रशासनिक जांचों के बाद, 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा को एक स्वतंत्र राज्य का दर्जा दिया गया।

ओडिशा राज्य का गठन

ओडिशा को निम्नलिखित क्षेत्रों को मिलाकर गठित किया गया:

  • बिहार और ओडिशा प्रांत से: 42% भूमि, 66% जनसंख्या

  • मद्रास प्रांत से: 53% भूमि, 31.7% जनसंख्या

  • मध्य प्रांत से: 5% भूमि, 2.3% जनसंख्या

राज्य की शुरुआत में छह जिले थे: कटक, पुरी, बालेश्वर, संबलपुर, कोरापुट, और गंजाम।
ओडिशा के पहले गवर्नर जॉन ऑस्टिन हबैक थे।
प्रारंभ में कटक राज्य की राजधानी थी, लेकिन बाद में भुवनेश्वर को राजधानी घोषित किया गया।

ओडिशा से जुड़ी कुछ रोचक बातें

  • प्राचीन काल में इसे “उत्कल” कहा जाता था, जिसका अर्थ है “कुशल कारीगरों की भूमि”।

  • यह भारत का पहला भाषाई आधार पर गठित राज्य था।

  • ओडिशा को प्राचीन ग्रंथों में कांतारा और इंद्रवन के रूप में भी वर्णित किया गया है, जो रत्नों के लिए प्रसिद्ध था।

  • 2011 में “उड़ीसा” का नाम बदलकर आधिकारिक रूप से “ओडिशा” कर दिया गया।

  • ओडिशा में एक साल में महीनों की संख्या से अधिक त्योहार मनाए जाते हैं।

  • कोणार्क का सूर्य मंदिर, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, ओडिशा में स्थित है।

उत्कल दिवस समारोह

  • यह ओडिशा में एक सीमित अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

  • इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, परेड, और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

  • प्रसिद्ध रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक इस अवसर पर विशेष रेत कला का निर्माण करते हैं।

  • प्रधानमंत्री और अन्य नेता इस दिन ओडिशा के योगदान को सम्मानित करते हैं।

ओडिशा से संबंधित प्रमुख जानकारी

  • गवर्नर: हरि बाबू कम्भमपति

  • मुख्यमंत्री: मोहन चरण माझी

  • राजधानी: भुवनेश्वर

  • प्रमुख धरोहर स्थल: कोणार्क सूर्य मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, लिंगराज मंदिर

  • प्रमुख नदियाँ: महानदी, ब्राह्मणी, बैतरणी, सुवर्णरेखा, रुषिकुल्या

  • राष्ट्रीय उद्यान: सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान

  • प्रमुख स्मारक: उदयगिरि और खंडगिरि गुफाएँ, धौली शांति स्तूप, राजारानी मंदिर

  • प्रसिद्ध त्योहार: रथ यात्रा, दुर्गा पूजा, कोणार्क महोत्सव

  • नृत्य शैलियाँ: ओडिसी, छऊ, घुमुरा

  • जनजातियाँ: संथाल, जुआंग, बोंडा, कोंध

  • वन्यजीव अभयारण्य: चिल्का वन्यजीव अभयारण्य, नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य

  • मुख्य शहर: भुवनेश्वर, कटक, पुरी, राउरकेला, संबलपुर

उत्कल दिवस ओडिशा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, गौरवशाली इतिहास और संघर्ष की याद दिलाता है। यह राज्य के लोगों के अद्वितीय योगदान को पहचानने और उनके गौरव को सम्मान देने का अवसर है।

विषय विवरण
समाचार में क्यों? उत्कल दिवस: ओडिशा दिवस की स्थापना और महत्व
तारीख 1 अप्रैल (1936 से)
महत्व बिहार और उड़ीसा प्रांत से अलग होकर ओडिशा का एक स्वतंत्र राज्य के रूप में गठन
प्राचीन नाम कलिंग, उत्कल, कांतारा, इंद्रवन
प्रथम गवर्नर सर जॉन ऑस्टिन हबैक
मूल राजधानी कटक (बाद में भुवनेश्वर स्थानांतरित)
भाषाई पुनर्गठन भारत में भाषाई आधार पर गठित पहला राज्य

आपदा राहत ऑपरेशन को मजबूत करेगा ‘टाइगर ट्रायम्फ- 25

भारत और अमेरिका के बीच चतुर्थ “टाइगर ट्रायम्फ” अभ्यास, जो एक त्रि-सेवा मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास है, 1 अप्रैल से 13 अप्रैल 2025 तक पूर्वी समुद्री तट पर आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (सामंजस्य) को बढ़ाना, संयुक्त संकट प्रतिक्रिया प्रक्रिया विकसित करना और संयुक्त समन्वय केंद्र (CCC) की स्थापना करना है, जिससे आपदा स्थितियों में भारतीय और अमेरिकी संयुक्त कार्यबल (JTF) के बीच बेहतर तालमेल स्थापित किया जा सके।

प्रमुख बिंदु:

  • यह अभ्यास दो चरणों में विभाजित होगा:

    • हार्बर फेज (1-7 अप्रैल 2025, विशाखापत्तनम)

    • सी फेज (8-13 अप्रैल 2025, काकीनाड़ा तट के पास)

  • संयुक्त समुद्री, उभयचर (एम्फीबियस) और आपदा राहत अभियानों का संचालन किया जाएगा, जिसमें प्रशिक्षण दौरे, चिकित्सा सहायता शिविर और संयुक्त कमांड अभ्यास शामिल होंगे।

अभ्यास में भाग लेने वाली सेनाएं:

भारतीय सशस्त्र बल

  1. भारतीय नौसेना

    • जहाज: आईएनएस जलाश्व, आईएनएस घड़ियाल, आईएनएस मुंबई, आईएनएस शक्ति

    • विमान: पी-8आई लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट

    • अन्य संसाधन: हेलीकॉप्टर और लैंडिंग क्राफ्ट

  2. भारतीय थल सेना

    • 91 इन्फैंट्री ब्रिगेड

    • 12 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन

  3. भारतीय वायु सेना (IAF)

    • C-130 विमान

    • MI-17 हेलीकॉप्टर

    • रैपिड एक्शन मेडिकल टीम (RAMT)

अमेरिकी सशस्त्र बल

  1. अमेरिकी नौसेना

    • जहाज: यूएसएस कॉमस्टॉक, यूएसएस राल्फ जॉनसन

    • अमेरिकी मरीन डिवीजन के सैनिक

    • यूएस नेवी मेडिकल टीम

अभ्यास के चरण:

1. हार्बर फेज (1-7 अप्रैल 2025) – विशाखापत्तनम

  • INS जलाश्व पर उद्घाटन समारोह (1 अप्रैल), संयुक्त ध्वज परेड और मीडिया इंटरैक्शन।

  • प्रशिक्षण यात्राएं और विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान (SMEE)।

  • खेल और सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से भारत-अमेरिका सैन्य संबंधों को मजबूत करना।

  • सी फेज की रणनीतिक योजना तैयार करना।

2. सी फेज (8-13 अप्रैल 2025) – काकीनाड़ा तट के पास

  • संयुक्त नौसेना और उभयचर अभ्यास।

  • संयुक्त चिकित्सा शिविर (IAF RAMT और यूएस नेवी मेडिकल टीम द्वारा)।

  • संयुक्त कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना।

  • यूएस मरीन और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त आपदा राहत ऑपरेशन।

  • यूएसएस कॉमस्टॉक पर समापन समारोह (13 अप्रैल, 2025)।

रणनीतिक महत्व:

  • भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग को मजबूत करता है।

  • आपदा प्रबंधन और राहत अभियानों की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।

  • सामुद्रिक और उभयचर अभियानों में सामरिक समन्वय को बेहतर बनाता है।

  • भारत-अमेरिका रक्षा कूटनीति को मजबूत करता है।

यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त आपदा प्रबंधन रणनीतियों को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? टाइगर ट्रायम्फ 2025: भारत-अमेरिका HADR सहयोग को मजबूत करने के लिए सैन्य अभ्यास
अभ्यास का नाम टाइगर ट्रायम्फ 2025
संस्करण चौथा (4th)
अवधि 1 अप्रैल – 13 अप्रैल 2025
स्थान पूर्वी समुद्री तट (विशाखापत्तनम और काकीनाड़ा)
उद्देश्य आपदा राहत अभियानों में इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाना
मुख्य फोकस संयुक्त प्रतिक्रिया के लिए SOPs और CCC का निर्माण
भारतीय नौसेना INS जलाश्व, INS घड़ियाल, INS मुंबई, INS शक्ति
भारतीय थल सेना 91 इन्फैंट्री ब्रिगेड, 12 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन
भारतीय वायु सेना C-130, MI-17, P-8I, RAMT
अमेरिकी नौसेना USS कॉमस्टॉक, USS राल्फ जॉनसन
अमेरिकी सेना अमेरिकी मरीन डिवीजन के सैनिक
हार्बर फेज विशाखापत्तनम (1–7 अप्रैल 2025)
सी फेज काकीनाड़ा तट के पास (8–13 अप्रैल 2025)

मनरेगा न्यूनतम मजदूरी 2025-26 बढ़ी: विस्तृत विश्लेषण

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGS) के तहत मजदूरी दरों में वृद्धि की अधिसूचना जारी की है। यह वृद्धि 2.33% से 7.48% के बीच है, जिससे मजदूरी दर ₹7 से ₹26 प्रति दिन तक बढ़ी है, जो राज्य के अनुसार भिन्न है। यह पहली बार है जब किसी राज्य में NREGS मजदूरी ₹400 प्रति दिन तक पहुंची है, जिसमें हरियाणा में सबसे अधिक वृद्धि ₹26 प्रति दिन की दर्ज की गई है। वहीं, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और तेलंगाना में न्यूनतम ₹7 की वृद्धि हुई है। नई मजदूरी दरें 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगी।

NREGS मजदूरी निर्धारण

NREGS के तहत मजदूरी दरों को कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-AL) के आधार पर तय किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मजदूरी ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन-यापन की लागत के अनुरूप बनी रहे।

NREGS के तहत रोजगार की गारंटी

मनरेगा अधिनियम, 2005 के तहत, प्रत्येक ग्रामीण परिवार जिसमें वयस्क सदस्य अकुशल श्रम कार्य करने के इच्छुक हैं, उन्हें वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में, अतिरिक्त 50 दिनों का रोजगार भी उपलब्ध कराया जाता है:

  • वन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत वन क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति परिवारों के लिए।

  • सूखा या प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में, जिन्हें गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया हो।

2024-25 में NREGS का प्रदर्शन

वित्त वर्ष 2024-25 में, 5.66 करोड़ परिवारों ने 19 मार्च 2025 तक इस योजना के तहत रोजगार प्राप्त किया। इससे ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार के अवसर मिले और उनकी आजीविका को आर्थिक मजबूती प्रदान की गई।

राज्यवार NREGS मजदूरी दरें (2025-26)

भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (NREGS) के तहत राज्यवार मजदूरी दरों में वृद्धि की गई है। इस वृद्धि का प्रतिशत 2.33% से 7.48% के बीच है। हरियाणा में सबसे अधिक मजदूरी ₹400 प्रतिदिन हो गई है, जबकि सबसे कम वृद्धि ₹7 प्रति दिन कुछ राज्यों में दर्ज की गई है।

क्रम संख्या राज्य / केंद्र शासित प्रदेश 2024-25 मजदूरी (₹) 2025-26 मजदूरी (₹) वृद्धि (₹) वृद्धि (%)
1 आंध्र प्रदेश 300 307 7 2.33
2 अरुणाचल प्रदेश 234 241 7 2.99
3 असम 249 256 7 2.81
4 बिहार 245 255 10 4.08
5 छत्तीसगढ़ 243 261 18 7.41
6 गोवा 356 378 22 6.18
7 गुजरात 280 288 8 2.86
8 हरियाणा 374 400 26 6.95
9 हिमाचल प्रदेश (गैर-अनुसूचित क्षेत्र) 236 247 11 4.66
9 हिमाचल प्रदेश (अनुसूचित क्षेत्र) 295 309 14 4.75
10 जम्मू और कश्मीर 259 272 13 5.02
11 लद्दाख 259 272 13 5.02
12 झारखंड 245 255 10 4.08
13 कर्नाटक 349 370 21 6.02
14 केरल 346 369 23 6.65
15 मध्य प्रदेश 243 261 18 7.41
16 महाराष्ट्र 297 312 15 5.05
17 मणिपुर 272 284 12 4.41
18 मेघालय 254 272 18 7.09
19 मिज़ोरम 266 281 15 5.64
20 नागालैंड 234 241 7 2.99
21 ओडिशा 254 273 19 7.48
22 पंजाब 322 346 24 7.45
23 राजस्थान 266 281 15 5.64
24 सिक्किम 249 259 10 4.02
24 सिक्किम (ग्नाथांग, लाचुंग, लाचेन) 374 389 15 4.01
25 तमिलनाडु 319 336 17 5.33
26 तेलंगाना 300 307 7 2.33
27 त्रिपुरा 242 256 14 5.79
28 उत्तर प्रदेश 237 252 15 6.33
29 उत्तराखंड 237 252 15 6.33
30 पश्चिम बंगाल 250 260 10 4.00
31 अंडमान और निकोबार (अंडमान) 329 342 13 3.95
31 अंडमान और निकोबार (निकोबार) 347 361 14 4.03
32 दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव 324 340 16 4.94
33 लक्षद्वीप 315 336 21 6.67
34 पुदुचेरी 319 336 17 5.33

भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार के लिए ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मार्च 2025 को म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग हलाइंग से बात की और विनाशकारी भूकंप के बाद भारत की मानवीय सहायता का आश्वासन दिया। इस बातचीत से कुछ घंटे पहले ही भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ शुरू किया था, जिसका उद्देश्य आपदा राहत, खोज और बचाव अभियान, तथा चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। रिपोर्टों के अनुसार, इस भूकंप में अब तक 1,000 से अधिक लोग मारे गए, जबकि कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने पुष्टि की है कि अब तक किसी भारतीय नागरिक की मृत्यु की सूचना नहीं मिली है।

भारत की त्वरित प्रतिक्रिया – ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार में जानमाल की क्षति पर गहरा शोक व्यक्त किया और म्यांमार को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। उन्होंने भारत की निकटतम पड़ोसी और मित्र के रूप में भूमिका को दोहराया और आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, और खोज एवं बचाव दलों की त्वरित तैनाती सुनिश्चित की।

प्रारंभिक राहत अभियान

  • शनिवार सुबह भारतीय वायु सेना (IAF) का C-130 विमान हिंडन एयरबेस से रवाना हुआ और यांगून में उतरा, जिसमें आवश्यक राहत सामग्री थी।

  • इसके बाद दो और IAF विमानों ने अतिरिक्त राहत सामग्री पहुंचाई।

  • भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में एक फील्ड अस्पताल स्थापित करने की घोषणा की गई, जिससे पीड़ितों को आवश्यक चिकित्सा सहायता मिलेगी।

विदेश मंत्रालय (MEA) का बयान

भारत – ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ की भूमिका

MEA के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि भारत संकट के समय ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने 2024 में म्यांमार में आए चक्रवात यागी के दौरान भारत की सहायता को भी याद किया और आश्वासन दिया कि भारत इस आपदा में भी पूर्ण समर्थन देगा।

म्यांमार में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा

  • MEA ने पुष्टि की कि अब तक किसी भी भारतीय नागरिक की मृत्यु की खबर नहीं है।

  • म्यांमार में लगभग 50,000-60,000 भारतीय नागरिक रहते हैं, जबकि भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या लगभग 20 लाख है।

  • भारतीय सरकार भारतीय समुदाय संगठनों से लगातार संपर्क में है ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

भारतीय सेना और नौसेना की तैनाती

फील्ड अस्पताल की स्थापना

  • आगरा से एक पूर्ण सुसज्जित फील्ड अस्पताल भेजा गया है।

  • यह अस्पताल पहले फरवरी 2023 में ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की में तैनात किया गया था।

  • लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में 118 मेडिकल स्टाफ इस अभियान में शामिल हैं।

  • अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर, एक्स-रे और डेंटल सुविधाएं, महिला अधिकारियों की चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

भारतीय नौसेना की सहायता

  • चार नौसैनिक जहाजों को HADR (मानवीय सहायता और आपदा राहत) ऑपरेशन के लिए तैयार रखा गया है।

  • यांगून बंदरगाह तक समुद्री मार्ग से 50 टन राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।

राहत वितरण में आने वाली चुनौतियां

म्यांमार की राजनीतिक स्थिति

  • 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद, म्यांमार में सैन्य शासन और जातीय सशस्त्र संगठनों (EAOs) के बीच संघर्ष जारी है।

  • भूकंप से प्रभावित सगाइंग क्षेत्र (Sagaing Region) का बड़ा हिस्सा EAOs के नियंत्रण में है, जिससे राहत वितरण चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

  • MEA प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा, “हम अपनी राहत और बचाव सहायता को म्यांमार सरकार के माध्यम से संचालित कर रहे हैं।”

स्थलीय मार्ग की कठिनाइयाँ

  • वर्तमान में राहत अभियान हवाई और समुद्री मार्गों के माध्यम से संचालित हो रहा है।

  • मणिपुर और मिजोरम से जमीनी मार्गों के उपयोग पर विचार किया जा सकता है, लेकिन ये क्षेत्र भी विद्रोही संगठनों के नियंत्रण में हैं।

भूकंप से बढ़ता नुकसान और आगे की राह

  • अब तक म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,644 तक पहुंच गई है, जबकि सैकड़ों लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय राहत दल भी बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं।

भारत की दीर्घकालिक सहायता प्रतिबद्धता

  • भारत ने म्यांमार के पुनर्निर्माण कार्यों में दीर्घकालिक सहायता देने का आश्वासन दिया है।

  • आने वाले दिनों में और अधिक राहत सामग्री, चिकित्सा दल, और इंजीनियरिंग इकाइयाँ भेजी जाएंगी ताकि प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण में मदद मिल सके।

निष्कर्ष

‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ भारत के ‘पड़ोसी प्रथम’ (Neighborhood First) नीति का एक मजबूत उदाहरण है। भारत म्यांमार को इस कठिन समय में हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है और आपदा प्रबंधन में अपनी तत्परता और मानवीय दृष्टिकोण को प्रदर्शित कर रहा है।

संसद ने बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया

संसद ने 26 मार्च 2025 को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित किया, जिससे भारत के बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए। यह विधेयक दिसंबर 2024 में लोकसभा द्वारा पारित किया गया था और अब इसे राज्यसभा में ध्वनि मत से मंजूरी मिली। इस संशोधन के तहत, बैंक खाता धारक अब चार नामांकित व्यक्ति (नोमिनी) जोड़ सकते हैं, जिससे वित्तीय योजना में अधिक लचीलापन आएगा। इसके अलावा, ‘महत्वपूर्ण हित’ (Substantial Interest) की परिभाषा को संशोधित कर इसकी सीमा ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ कर दी गई, जो लगभग छह दशकों के बाद हुआ बड़ा बदलाव है। विधेयक में सहकारी बैंकों के निदेशकों के कार्यकाल, वैधानिक लेखा परीक्षक (Auditor) के पारिश्रमिक, तथा नियामक अनुपालन रिपोर्टिंग तिथियों को भी संशोधित किया गया है।

मुख्य प्रावधान

1. चार नामांकित व्यक्ति (Nominee) जोड़ने की सुविधा

  • अब बैंक खाता धारक चार नामांकित व्यक्ति जोड़ सकते हैं, जबकि पहले केवल एक ही नोमिनी की अनुमति थी।

  • यह नियम कैश और फिक्स्ड डिपॉजिट दोनों पर लागू होगा।

  • लॉकर खातों के लिए सिर्फ संयुक्त नामांकन (Simultaneous Nomination) की अनुमति दी गई है।

2. ‘महत्वपूर्ण हित’ की नई परिभाषा

  • बैंक में ‘Substantial Interest’ की सीमा ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ कर दी गई है।

  • यह बदलाव 60 वर्षों के बाद किया गया, जिससे बैंकिंग क्षेत्र में बड़े निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

3. सहकारी बैंकों में सुधार

  • निदेशकों का कार्यकाल (चेयरमैन और पूर्णकालिक निदेशकों को छोड़कर) 8 साल से बढ़ाकर 10 साल किया गया।

  • अब राज्य सहकारी बैंकों के बोर्ड में केंद्रीय सहकारी बैंकों के निदेशक भी शामिल हो सकते हैं।

4. बैंकिंग क्षेत्र में निगरानी और अनुपालन सुधार

  • बैंकों को लेखा परीक्षकों के पारिश्रमिक (Auditor Remuneration) तय करने में अधिक लचीलापन दिया गया।

  • नियामक रिपोर्टिंग की तिथियां अब हर महीने की 15वीं और अंतिम तिथि होंगी, पहले यह दूसरे और चौथे शुक्रवार को होती थी।

5. जानबूझकर ऋण न चुकाने वालों (Wilful Defaulters) पर कड़ी कार्रवाई

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनपीए (Non-Performing Assets) को कम करने और जानबूझकर ऋण न चुकाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

  • पिछले 5 वर्षों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 112 बैंक धोखाधड़ी मामलों की जांच की गई।

6. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन

  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में ₹1.41 लाख करोड़ का रिकॉर्ड मुनाफा अर्जित किया।

  • वित्तीय वर्ष 2025-26 में और अधिक लाभ वृद्धि की उम्मीद है।

7. व्यापक बैंकिंग सुधार

  • यह संशोधन पांच अलग-अलग बैंकिंग कानूनों को प्रभावित करता है, जिससे यह बैंकिंग इतिहास में एक ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है।

यह विधेयक भारत के बैंकिंग क्षेत्र को अधिक पारदर्शी, लचीला और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ADB द्वारा वित्तपोषित स्माइल कार्यक्रम भारत की साजो-सामान दक्षता को बढ़ाएगा

एशियाई विकास बैंक (ADB) द्वारा वित्तपोषित “स्ट्रेंथनिंग मल्टीमॉडल एंड इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम” (SMILE) कार्यक्रम भारत में लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। यह पहल राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान को समर्थन प्रदान करती है, जिससे मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग के मानकीकरण और व्यापार लॉजिस्टिक्स के डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

SMILE कार्यक्रम का परिचय

SMILE (स्माइल) कार्यक्रम एक व्यापक पहल है जिसका उद्देश्य भारत के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे में सुधार करना और इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। यह कार्यक्रम विभिन्न परिवहन साधनों को एकीकृत करने, वेयरहाउसिंग प्रक्रियाओं को मानकीकृत करने और व्यापार लॉजिस्टिक्स को डिजिटलीकरण के माध्यम से आधुनिक बनाने पर केंद्रित है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा, लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और आपूर्ति श्रृंखला को अधिक लचीला बनाया जाएगा।

SMILE कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य

ADB द्वारा वित्तपोषित इस कार्यक्रम के तहत निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर कार्य किया जाएगा:

1. संस्थागत बुनियादी ढांचे को मजबूत करना

  • राष्ट्रीय, राज्य और नगर स्तरों पर एक संगठित लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा।

  • सड़क, रेल, हवाई और जलमार्गों को एकीकृत कर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब विकसित किए जाएंगे।

2. वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स परिसंपत्तियों का मानकीकरण

  • वेयरहाउसिंग सुविधाओं को एक समान मानकों के तहत विकसित किया जाएगा जिससे आपूर्ति श्रृंखला अधिक प्रभावी बनेगी।

  • निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देकर लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयरहाउसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश आकर्षित किया जाएगा।

3. व्यापार लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार

  • बंदरगाह कनेक्टिविटी में सुधार कर, सीमा शुल्क निकासी को सुगम बनाया जाएगा।

  • निर्यातकों और आयातकों के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम किया जाएगा ताकि व्यापार को बढ़ावा मिल सके।

4. लॉजिस्टिक्स का डिजिटलीकरण

  • स्मार्ट लॉजिस्टिक्स सिस्टम को अपनाकर रियल-टाइम ट्रैकिंग, ऑटोमेटेड प्रोसेसिंग और डेटा-आधारित निर्णय लेने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

  • इलेक्ट्रिक वाहन और वैकल्पिक ईंधन को अपनाकर कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाएगा।

SMILE कार्यक्रम का प्रभाव और भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता

SMILE कार्यक्रम के तहत भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे:

  • लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक (LPI) में सुधार होगा, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा।

  • लॉजिस्टिक्स लागत (जो वर्तमान में भारत की जीडीपी का 13-14% है) को विकसित देशों के स्तर (8-9%) तक लाने में मदद मिलेगी।

  • निजी निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

SMILE कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी

इस कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीति बनाई गई है:

  • भूमि बंदरगाहों (Land Ports) पर लैंगिक ऑडिट किए जाएंगे ताकि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को मापा जा सके।

  • भारत में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICPs) को महिला-अनुकूल मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा।

  • महिला उद्यमियों और श्रमिकों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम और रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे।

आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक विकास में SMILE की भूमिका

SMILE कार्यक्रम, आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) को बढ़ावा देने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार नेटवर्क में भारत के एक मजबूत खिलाड़ी बनने की संभावनाओं को और अधिक सुदृढ़ करेगा।

  • आपूर्ति श्रृंखला में देरी को कम करेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों और निर्माताओं को लाभ मिलेगा।

  • भारत को वैश्विक विनिर्माण हब (Global Manufacturing Hub) के रूप में स्थापित करेगा।

  • लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करेगा।

भविष्य की योजनाएँ

  • FSA 2026 के तहत भारत सरकार और ADB मिलकर SMILE कार्यक्रम के लिए रणनीति विकसित करेंगे।

  • निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित कर इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।

  • डिजिटलीकरण और हरित लॉजिस्टिक्स (Green Logistics) को बढ़ावा देकर सतत विकास को सुनिश्चित किया जाएगा।

SMILE कार्यक्रम भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को अधिक प्रभावी, किफायती और पारिस्थितिकीय रूप से टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

‘डॉ. किल्डारे’ फेम अभिनेता रिचर्ड चेम्बरलेन का निधन

प्रसिद्ध टेलीविजन और फिल्म अभिनेता रिचर्ड चेम्बरलेन, जिन्हें मेडिकल ड्रामा “डॉ. किल्डेयर” और मिनीसीरीज के “किंग” के रूप में जाना जाता था, का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 30 मार्च, 2025 को हवाई के वाइमनालो में, स्ट्रोक से उत्पन्न जटिलताओं के कारण अंतिम सांस ली। उनके प्रचारक हार्लन बॉल ने उनके निधन की पुष्टि की।

प्रारंभिक जीवन और करियर

रिचर्ड चेम्बरलेन का जन्म 31 मार्च, 1934 को बेवर्ली हिल्स, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था। उन्होंने पोमोना कॉलेज में पेंटिंग की पढ़ाई की लेकिन कोरियाई युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना में सेवा देने के बाद अभिनय की ओर रुख किया।

‘डॉ. किल्डेयर’ से मिली प्रसिद्धि

साल 1961 में एनबीसी के मेडिकल ड्रामा “डॉ. किल्डेयर” में डॉ. जेम्स किल्डेयर की भूमिका निभाने के बाद वे घर-घर में पहचाने जाने लगे। इस शो के दौरान:

  • 1963 से 1965 तक लगातार तीन वर्षों तक उन्हें “सबसे लोकप्रिय पुरुष स्टार” चुना गया।

  • उन्होंने शो का थीम सॉन्ग गाया, जो एक हिट साबित हुआ।

  • यह शो 1930 और 1940 के दशक की हिट फिल्मों पर आधारित था।

मिनीसीरीज के बादशाह (King of Miniseries)

डॉ. किल्डेयर के बाद उन्हें नए किरदारों के लिए संघर्ष करना पड़ा, लेकिन 1970 और 1980 के दशक में उन्होंने ऐतिहासिक मिनीसीरीज में शानदार प्रदर्शन किया:

  1. सेंटेनियल (1978) – जेम्स मिशनर के उपन्यास पर आधारित यह अमेरिकी पश्चिम के इतिहास पर केंद्रित थी।

  2. शोगुन (1980) – जेम्स क्लैवेल के उपन्यास पर आधारित इस ऐतिहासिक सीरीज में उन्होंने अमेरिकी नाविक का किरदार निभाया और गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता।

  3. द थॉर्न बर्ड्स (1983) – कोलीन मैक्कुलॉ के उपन्यास पर आधारित इस सीरीज में उन्होंने एक कैथोलिक पादरी की भूमिका निभाई, जो मेगी क्लीरी से प्रेम करने लगता है। इसे 100 मिलियन दर्शकों ने देखा और उन्हें एक और गोल्डन ग्लोब पुरस्कार मिला।

फिल्म और थिएटर करियर

उन्होंने कई प्रमुख फिल्मों और थिएटर प्रस्तुतियों में काम किया:

  • “द थ्री मस्कटीयर्स” (1973), “द फोर मस्कटीयर्स” (1974), “द रिटर्न ऑफ द मस्कटीयर्स” (1989) में अरामिस की भूमिका निभाई।

  • “द म्यूजिक लवर्स” (1970) में संगीतकार पीटर त्चाइकोवस्की की भूमिका निभाई।

  • “द टॉवरिंग इनफर्नो” (1974) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म में नजर आए।

  • 1994 में ब्रॉडवे पर “माई फेयर लेडी” और 1999 में “द साउंड ऑफ म्यूजिक” में अभिनय किया।

व्यक्तिगत जीवन और संघर्ष

हॉलीवुड में समलैंगिक अभिनेताओं के लिए कठिन माहौल के कारण, उन्होंने अपना यौन रुझान कई वर्षों तक छिपाया। 2003 में अपनी आत्मकथा “Shattered Love” में उन्होंने सार्वजनिक रूप से समलैंगिक होने की बात स्वीकार की। इस पुस्तक में उन्होंने:

  • हॉलीवुड में एक समलैंगिक अभिनेता के रूप में संघर्षों का वर्णन किया।

  • अपने कठिन बचपन और शराबी पिता से मिली चुनौतियों के बारे में बताया।

  • अपनी सच्चाई को स्वीकार करने से मिली मानसिक शांति साझा की।

अंतिम वर्षों की विरासत

उन्होंने “विल एंड ग्रेस”, “द ड्रयू कैरी शो”, “टच्ड बाय एन एंजल” जैसे लोकप्रिय टीवी शो में अतिथि भूमिकाएं निभाईं।

उनकी अभिनय प्रतिभा, आकर्षक व्यक्तित्व और ऐतिहासिक किरदारों ने उन्हें हॉलीवुड में एक अमर कलाकार बना दिया।

Punjab सरकार नंगल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी

पंजाब सरकार, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, राज्य में पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पहल कर रही है। नंगल को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसके लिए प्रारंभिक बजट ₹10 करोड़ निर्धारित किया गया है। वहीं, श्री आनंदपुर साहिब स्थित झज्जर बचौली वन्यजीव अभयारण्य को पंजाब के पहले तेंदुआ सफारी गंतव्य के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। ये योजनाएँ ‘बदलदा पंजाब’ बजट 2025-26 का हिस्सा हैं, जिसे वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रस्तुत किया। इस बजट में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के लिए भी विशेष आवंटन किया गया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, जैव विविधता का संरक्षण करना, रोजगार सृजन करना और पंजाब की सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाना है।

प्रमुख पहल

नंगल को प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना

  • घोषणा: शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा

  • बजट: ₹10 करोड़ (प्रारंभिक चरण)

  • उद्देश्य: पर्यटन ढांचे को मजबूत करना, स्थानीय आकर्षणों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना।

झज्जर बचौली वन्यजीव अभयारण्य – पंजाब का पहला तेंदुआ सफारी

  • स्थान: श्री आनंदपुर साहिब

  • उद्देश्य: तेंदुओं और अन्य वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने के लिए एक पारिस्थितिकी पर्यटन स्थल बनाना।

  • महत्व: यह पंजाब का पहला तेंदुआ सफारी केंद्र होगा, जो वन्यजीव संरक्षण और सतत पर्यटन को प्रोत्साहित करेगा।

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के लिए विशेष बजट

  • उद्देश्य: श्री आनंदपुर साहिब में बुनियादी ढांचे का विकास, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण, और तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं का विस्तार।

आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ

  • पर्यटन वृद्धि: घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करना।

  • रोजगार सृजन: पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में नौकरियों के अवसर बढ़ाना।

  • संस्कृति संवर्धन: पंजाब की समृद्ध विरासत और धार्मिक स्थलों को बढ़ावा देना।

पहल विवरण
क्यों चर्चा में? पंजाब सरकार नंगल को पर्यटन हब और झज्जर बचौली को पहला तेंदुआ सफारी केंद्र बनाएगी।
पर्यटन पहल नंगल को प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
तेंदुआ सफारी श्री आनंदपुर साहिब स्थित झज्जर बचौली वन्यजीव अभयारण्य में पंजाब की पहली तेंदुआ सफारी स्थापित होगी।
नंगल विकास बजट ₹10 करोड़ (प्रारंभिक चरण)
नंगल विकास का उद्देश्य पर्यटन अवसंरचना में सुधार, स्थानीय आकर्षणों को बढ़ावा, रोजगार सृजन।
झज्जर बचौली का महत्व पंजाब की पहली तेंदुआ सफारी, पारिस्थितिक पर्यटन और वन्यजीव संरक्षण को प्रोत्साहित करेगी।
विशेष बजट आवंटन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ के लिए विशेष बजट।
अपेक्षित लाभ पर्यटन वृद्धि, रोजगार के अवसर, सांस्कृतिक और विरासत संरक्षण।

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