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आरबीआई ने वित्तीय क्षेत्र में नैतिक एआई ढांचे के लिए पैनल गठित किया

भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए “फ्रेमवर्क फॉर रिस्पॉन्सिबल एंड एथिकल एनेबलमेंट ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस” (FREE-AI) विकसित करने हेतु एक आठ-सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस पहल की घोषणा आरबीआई की दिसंबर मौद्रिक नीति बैठक के दौरान की गई। इसका उद्देश्य बैंकों, एनबीएफसी, फिनटेक, और भुगतान प्रणाली संचालकों जैसे वित्तीय सेवाओं में एआई तकनीकों को जिम्मेदारी से अपनाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करना है।

इस समिति की अध्यक्षता आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य करेंगे। यह समिति वैश्विक और भारतीय स्तर पर एआई के उपयोग का मूल्यांकन करेगी, नियामक दृष्टिकोणों की समीक्षा करेगी और वित्तीय क्षेत्र में नैतिक एआई उपयोग के लिए शासन संरचनाओं की सिफारिश करेगी। यह पैनल संभावित एआई जोखिमों की पहचान करेगा और उनके मूल्यांकन, शमन और अनुपालन के उपाय सुझाएगा। समिति की पहली बैठक के छह महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है।

पैनल के प्रमुख उद्देश्य

  1. एआई अपनाने का आकलन: वैश्विक और भारतीय वित्तीय सेवाओं में एआई के वर्तमान उपयोग के स्तर का अध्ययन।
  2. नियामक प्रथाओं की समीक्षा: वैश्विक वित्तीय क्षेत्र में एआई के लिए नियामक दृष्टिकोणों का विश्लेषण और भारत में उनके अनुकूलन पर विचार।
  3. जोखिम शमन: एआई अनुप्रयोगों से जुड़े जोखिमों की पहचान और उनके मूल्यांकन व निगरानी के ढांचे की सिफारिश।
  4. शासन संरचना: एआई मॉडल के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग के लिए शासन दिशा-निर्देश तैयार करना।

समिति के सदस्य

अध्यक्ष: पुष्पक भट्टाचार्य (प्रोफेसर, आईआईटी बॉम्बे)।
सदस्य:

  • देबजानी घोष (स्वतंत्र निदेशक, आरबीआई इनोवेशन हब)।
  • बालारमन रविंद्रन (प्रोफेसर, आईआईटी मद्रास)।
  • अभिषेक सिंह (अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय)।
  • राहुल माथन (पार्टनर, ट्राइलीगल)।
  • अंजनी राठौर (ग्रुप हेड, एचडीएफसी बैंक)।
  • श्री हरि नगरालु (हेड ऑफ सिक्योरिटी एआई रिसर्च, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया)।
  • सुवेंदु पाटी (सीजीएम, फिनटेक विभाग, आरबीआई)।

महत्व और पृष्ठभूमि

यह पहल भारत के वित्तीय क्षेत्र में जिम्मेदार एआई एकीकरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नैतिक एआई शासन पर बढ़ते वैश्विक नियामक फोकस का अनुसरण करती है और भारत के वित्तीय क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का प्रयास करती है। एआई के उपयोग से जुड़े जोखिमों को संबोधित करते हुए और शासन दिशा-निर्देश प्रदान करके, आरबीआई नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ उपभोक्ता हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है।

मुख्य बिंदु विवरण
समाचार में क्यों? आरबीआई ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए FREE-AI फ्रेमवर्क विकसित करने हेतु 8-सदस्यीय समिति गठित की।
समिति के अध्यक्ष पुष्पक भट्टाचार्य, प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी बॉम्बे।
समिति के सदस्य देबजानी घोष, बालारमन रविंद्रन, अभिषेक सिंह, राहुल माथन, अंजनी राठौर, श्री हरि नगरालु, और सुवेंदु पाटी।
समिति का उद्देश्य एआई अपनाने का आकलन, नियामक प्रथाओं की समीक्षा, जोखिमों की पहचान, और वित्तीय क्षेत्र में नैतिक एआई उपयोग के लिए शासन ढांचे की सिफारिश।
शामिल संस्थान बैंक, एनबीएफसी, फिनटेक, भुगतान प्रणाली ऑपरेटर (पीएसओ)।
रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा पहली बैठक के छह महीने के भीतर।
घोषणा कब की गई? आरबीआई की दिसंबर मौद्रिक नीति बैठक के दौरान।
स्थिर बिंदु: आईआईटी बॉम्बे स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र; स्थापना: 1958; प्रसिद्धि: इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी शिक्षा में उत्कृष्टता।
स्थिर बिंदु: आरबीआई स्थापना: 1 अप्रैल 1935; मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र; वर्तमान गवर्नर: शक्तिकांत दास।
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