गुरु रविदास जयंती 2025: इतिहास और महत्व

गुरु रविदास जयंती एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो महान संत, कवि और समाज सुधारक गुरु रविदास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। 2025 में उनकी 648वीं जयंती 12 फरवरी को मनाई जाएगी, जो माघ पूर्णिमा के दिन पड़ेगी। इस दिन भक्तजन भजन, प्रार्थनाएं और विशेष सभाओं के माध्यम से उनके समानता, प्रेम और भक्ति के संदेश को याद करते हैं।

गुरु रविदास जयंती 2025 – तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जयंती माघ मास की पूर्णिमा के दिन पड़ती है। 2025 में इसके शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:

  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 फरवरी 2025, शाम 6:55 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 फरवरी 2025, शाम 7:22 बजे

गुरु रविदास कौन थे?

गुरु रविदास का जन्म 1377 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के सीर गोवर्धनपुर में हुआ था। उन्हें रायदास, रोहिदास और रुहिदास के नाम से भी जाना जाता है। वे एक साधारण परिवार से थे, लेकिन अपनी आध्यात्मिकता और समाज सुधार के कार्यों के कारण भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक बने।

उनकी शिक्षाएँ समानता, प्रेम और परमात्मा की भक्ति पर आधारित थीं। उनके कई भजन सिखों के पवित्र ग्रंथ “गुरु ग्रंथ साहिब” में भी संकलित हैं। उनकी प्रमुख शिष्या मीरा बाई थीं, जो एक राजपूत राजकुमारी और प्रसिद्ध भक्त कवयित्री थीं।

गुरु रविदास जयंती 2025 का महत्व

गुरु रविदास जयंती को उनके अनुयायी बड़े धूमधाम से मनाते हैं। इस अवसर पर कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • गुरबाणी और भजन-कीर्तन का आयोजन
  • गुरुद्वारों और मंदिरों में विशेष पूजा
  • नगर कीर्तन (भजन-कीर्तन के साथ जुलूस)
  • पवित्र नदियों में स्नान (शुद्धिकरण का प्रतीक)

इस पर्व का सबसे बड़ा आयोजन श्री गुरु रविदास जन्म स्थल मंदिर, वाराणसी में होता है, जहां उनके जन्म स्थान पर भक्तजन देशभर से आकर प्रार्थना करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

राष्ट्रीय खेलों के 39वें सत्र की मेजबानी करेगा मेघालय

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि 39वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन मेघालय में फरवरी/मार्च 2027 में किया जाएगा। IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा ने इस निर्णय की जानकारी मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को दी, जो पूर्वोत्तर राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अगले मेजबान के रूप में, मेघालय को उत्तराखंड के हल्द्वानी में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह के दौरान IOA ध्वज सौंपा जाएगा।

मुख्य बिंदु

आधिकारिक घोषणा

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने 2027 में आयोजित होने वाले 39वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी का अधिकार मेघालय को सौंपा।

ध्वज हस्तांतरण समारोह

38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह में मेघालय को IOA ध्वज सौंपा जाएगा।
IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा ने मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा को पत्र लिखकर इस निर्णय की पुष्टि की और उन्हें समापन समारोह में आमंत्रित किया।

मेघालय की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने इसे राज्य के लिए “बड़ी उपलब्धि” बताया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर अपनी खुशी व्यक्त की।

राष्ट्रीय खेलों का महत्व

राष्ट्रीय खेल भारत के सबसे बड़े मल्टी-स्पोर्ट आयोजनों में से एक हैं, जिसमें वर्तमान संस्करण (उत्तराखंड) में लगभग 10,000 खिलाड़ी और अधिकारी भाग ले रहे हैं।

पिछले और आगामी मेजबान राज्य

  • 38वां संस्करण (2024): उत्तराखंड (मुख्य स्थल: देहरादून, 7 शहरों में आयोजन)
  • 37वां संस्करण (2023): गोवा (5 शहरों में आयोजन)
  • 36वां संस्करण (2022): गुजरात
  • 35वां संस्करण (2015): केरल
  • 39वां संस्करण (2027): मेघालय

राष्ट्रीय खेलों की पुनरावृत्ति और निरंतर आयोजन

मेघालय को 2027 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलने के साथ ही, पांच वर्षों के भीतर चार बार इस प्रतिष्ठित आयोजन का सफलतापूर्वक संचालन किया जा चुका होगा। यह पिछले वर्षों में हुई देरी के बाद इस खेल महोत्सव के पुनरुद्धार का संकेत है।

मुख्य बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? मेघालय 2027 राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेगा
आयोजन 39वें राष्ट्रीय खेल 2027
मेजबान राज्य मेघालय
घोषणा किसने की? IOA अध्यक्ष पी.टी. उषा
मेघालय के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया “राज्य के लिए बड़े सम्मान की बात”
IOA ध्वज हस्तांतरण 38वें राष्ट्रीय खेलों (उत्तराखंड) के समापन समारोह में
निर्धारित तिथि फरवरी/मार्च 2027
पिछला संस्करण (38वें राष्ट्रीय खेल) उत्तराखंड (2024)
एथलीट भागीदारी ~10,000 खिलाड़ी एवं अधिकारी
हाल के मेजबान राज्य केरल (2015), गुजरात (2022), गोवा (2023), उत्तराखंड (2024)
38वें संस्करण का मुख्य स्थल देहरादून, उत्तराखंड
38वें खेलों की मेजबानी करने वाले शहर देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, हल्द्वानी, रुद्रपुर, शिवपुरी, नई टिहरी
महत्व मल्टी-स्पोर्ट इवेंट, राष्ट्रीय खेलों का पुनरुद्धार

राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सतेंद्र दास का निधन

श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हो गया है। उनके निधन से हिंदू धार्मिक समुदाय और भगवान राम के भक्तों में गहरा शोक व्याप्त है। आचार्य सत्येंद्र दास ने महज 20 वर्ष की उम्र में प्रमुख पुजारी के रूप में अपना कार्यभार संभाला था और छह दशक से अधिक समय तक मंदिर की सेवा में समर्पित रहे।

अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार

आचार्य सत्येंद्र दास के निधन के पश्चात उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ से अयोध्या लाने की व्यवस्था की गई। उनके शिष्य प्रदीप दास ने पुष्टि की कि गुरुवार, 8 फरवरी 2024 को अयोध्या में पवित्र सरयू नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

उनकी अंतिम यात्रा में हजारों श्रद्धालु, मंदिर प्रशासन से जुड़े लोग और धार्मिक संतगण शामिल हुए, जिन्होंने इस महान संत को श्रद्धांजलि अर्पित की। दशकों तक अयोध्या की आध्यात्मिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा रहे आचार्य सत्येंद्र दास को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई।

आचार्य सत्येंद्र दास की विरासत और योगदान

आचार्य सत्येंद्र दास केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं थे, बल्कि करोड़ों भक्तों की आस्था के प्रतीक भी थे। वे हिंदू शास्त्रों के महान ज्ञाता थे और भगवान राम की पूजा-अर्चना में उनका गहरा समर्पण था। राम जन्मभूमि आंदोलन में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही, जिससे वे हिंदू धार्मिक समुदाय में अत्यंत श्रद्धेय व्यक्तित्व बन गए।

राम मंदिर में उनकी भूमिका

आचार्य सत्येंद्र दास ने 65 वर्षों से अधिक समय तक राम जन्मभूमि मंदिर में धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन किया। उनके मार्गदर्शन में मंदिर की पवित्रता और पारंपरिक पूजा-पद्धति संरक्षित रही। उन्होंने राम जन्मभूमि विवाद के लंबे कानूनी और सामाजिक संघर्ष को करीब से देखा और भव्य राम मंदिर के निर्माण का सपना साकार होते हुए देखा।

उनका निधन न केवल अयोध्या बल्कि संपूर्ण हिंदू धार्मिक समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी आध्यात्मिक शिक्षा और मंदिर सेवा की प्रेरणा सदैव भक्तों के हृदय में जीवित रहेगी।

34 वर्षों तक राम मंदिर की सेवा

आचार्य सत्येंद्र दास ने करीब 34 वर्षों तक राम मंदिर की सेवा में की। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बाबरी विध्वंस से लेकर राममंदिर के निर्माण तक के साक्षी रहे हैं। रामलला की भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा भी उन्होंने अपनी आंखों से देखी है। आचार्य सत्येंद्र दास ने टेंट में रहे रामलला की 28 साल तक उपासना-पूजा की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में विराजे रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के रूप में की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभी तक वह मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दे रहे थे।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारतीय टीम की घोषणा

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का नौवां संस्करण आगामी है, जिसमें आठ टीमें राउंड-रॉबिन प्रारूप में प्रतिस्पर्धा करेंगी। यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट पाकिस्तान की मेजबानी में आयोजित किया जाएगा, जिसे अक्सर “कॉर्नर्ड टाइगर्स” के रूप में जाना जाता है। टूर्नामेंट 19 फरवरी से 9 मार्च तक चलेगा, जबकि 10 मार्च को फाइनल के लिए एक आरक्षित दिन रखा गया है। आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 में अपनी शानदार जीत के बाद, भारत अब इस चैंपियनशिप में पाकिस्तान का सामना करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा जारी नवीनतम अपडेट के अनुसार, मैचों का शेड्यूल तय कर दिया गया है, जिसमें भारत का मुकाबला 1 मार्च 2025 को लाहौर के प्रतिष्ठित गद्दाफी स्टेडियम में होगा।

चैंपियंस ट्रॉफी इंडिया स्क्वाड 2025

यहाँ ICC चैंपियंस ट्रॉफी इंडिया स्क्वाड 2025 की पूरी सूची दी गई है, अब आप खिलाड़ियों के नाम और उनकी भूमिकाएँ देख सकते हैं।

Player Name Role
Rohit Sharma (C) Captain
Shubman Gill (VC) Vice-Captain
Yashasvi Jaiswal Batsman
Virat Kohli Batsman
Shreyas Iyer Batsman
Rishabh Pant (wk) Wicketkeeper
KL Rahul (wk) Wicketkeeper
Hardik Pandya All-Rounder
Axar Patel All-Rounder
Ravindra Jadeja All-Rounder
Washington Sundar All-Rounder
Kuldeep Yadav Bowler
Jasprit Bumrah Bowler
Mohammed Shami Bowler
Arshdeep Singh Bowler

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तारीखों की घोषणा

Date Match Venue Notes
19 Feb 2025 Pakistan vs. New Zealand National Stadium, Karachi
20 Feb 2025 Bangladesh vs. India Dubai International Cricket Stadium, Dubai
21 Feb 2025 Afghanistan vs. South Africa National Stadium, Karachi
22 Feb 2025 Australia vs. England Gaddafi Stadium, Lahore
23 Feb 2025 Pakistan vs. India Dubai International Cricket Stadium, Dubai
24 Feb 2025 Bangladesh vs. New Zealand Rawalpindi Cricket Stadium, Rawalpindi
25 Feb 2025 Australia vs. South Africa Rawalpindi Cricket Stadium, Rawalpindi
26 Feb 2025 Afghanistan vs. England Gaddafi Stadium, Lahore
27 Feb 2025 Pakistan vs. Bangladesh Rawalpindi Cricket Stadium, Rawalpindi
28 Feb 2025 Afghanistan vs. Australia Gaddafi Stadium, Lahore
1 Mar 2025 South Africa vs. England National Stadium, Karachi
2 Mar 2025 New Zealand vs. India Dubai International Cricket Stadium, Dubai
4 Mar 2025 Semi-Final 1 Dubai International Cricket Stadium, Dubai India will play if they qualify
5 Mar 2025 Semi-Final 2 Gaddafi Stadium, Lahore Pakistan will play if they qualify
9 Mar 2025 Final Gaddafi Stadium, Lahore*** If India qualifies, the final will be held in Dubai.

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 टीमों की सूची

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में निम्नलिखित आठ टीमें हिस्सा लेंगी: पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड। ये सभी टीमें इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 स्क्वाड्स (टीम सूची)

न्यूजीलैंड: मिचेल सैंटनर (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉनवे, लॉकी फर्ग्यूसन, मैट हेनरी, टॉम लैथम, डेरिल मिचेल, विल ओ’रूर्के, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रविंद्र, बेन सीयर्स, नाथन स्मिथ, केन विलियमसन, विल यंग।

बांग्लादेश: नजमुल हसन शांतो (कप्तान), सौम्य सरकार, तंजीद हसन, तौहीद हृदॉय, मुशफिकुर रहीम, महमुदुल्लाह, जाकिर अली अनिक, मेहदी हसन मिराज, रिशाद हसन, तस्किन अहमद, मुस्तफिजुर रहमान, परवेज हुसैन एमोन, नासुम अहमद, तंजीम हसन साकिब, नाहिद राणा।

ऑस्ट्रेलिया: पैट कमिंस (कप्तान), एलेक्स केरी, नाथन एलिस, आरोन हार्डी, जोश हेजलवुड, ट्रैविस हेड, जोश इंग्लिस, मार्नस लाबुशेन, मिचेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, मैट शॉर्ट, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, मार्कस स्टोइनिस, एडम ज़म्पा।

इंग्लैंड: जोस बटलर (कप्तान), जोफ्रा आर्चर, गस एटकिंसन, जैकब बेत्थेल, हैरी ब्रूक, ब्रायडन कार्से, बेन डकेट, जेमी ओवरटन, जेमी स्मिथ, लियाम लिविंगस्टोन, आदिल राशिद, जो रूट, साकिब महमूद, फिल सॉल्ट, मार्क वुड।

अफगानिस्तान: हशमतुल्लाह शाहिदी (कप्तान), इब्राहिम जादरान, रहमानुल्लाह गुरबाज़, सदीकुल्लाह अतल, रहमत शाह, इकराम अलीखिल, गुलबदीन नैब, अजमतुल्लाह ओमरजई, मोहम्मद नबी, राशिद खान, एएम गजनफर, नूर अहमद, फजलहक फारूकी, फरीद मलिक, नावेद जादरान। (रिजर्व खिलाड़ी: दरवेश रसूली, नंगयाल खरोटी, बिलाल सामी)

दक्षिण अफ्रीका: टेम्बा बावुमा (कप्तान), टोनी डी ज़ोरज़ी, मार्को जेनसन, हेनरिक क्लासेन, केशव महाराज, एडेन मार्कराम, डेविड मिलर, वियान मुल्डर, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्ट्जे, कगिसो रबाडा, रयान रिकेल्टन, तबरेज़ शम्सी, ट्रिस्टन स्टब्स, रस्सी वान डर डुसेन।

Aero India 2025: भारत का सबसे बड़ा रक्षा एक्सपो शुरू

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 फरवरी 2025 को येलहंका एयर फ़ोर्स स्टेशन, बेंगलुरु में भारत की प्रमुख एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी ‘एयरो इंडिया 2025’ के 15वें संस्करण का उद्घाटन किया। यह एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी है, जो भारत की रक्षा तकनीक, एयरोस्पेस नवाचार और वैश्विक सहयोग को प्रदर्शित करने का एक प्रमुख मंच है।

एयरो इंडिया 2025: अब तक का सबसे बड़ा संस्करण क्यों?

यह संस्करण अपने विशाल स्तर और भव्य प्रदर्शनी के कारण ऐतिहासिक बन गया है:

  • 42,438 वर्ग मीटर के क्षेत्र में आयोजित।
  • 30 रक्षा मंत्री, 43 सैन्य प्रमुख, और 90 देशों के प्रतिनिधि शामिल।
  • 70 फाइटर जेट्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और ट्रेनर विमान प्रदर्शित।
  • 30 हेलीकॉप्टरों के विशेष एरियल मैन्युवर्स।

मुख्य आकर्षणों में रूस और अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स शामिल हैं, जिनमें रूसी Su-57 और लॉकहीड मार्टिन का F-35 लाइटनिंग II प्रमुख हैं।

इंडिया पवेलियन में 275 से अधिक आधुनिक रक्षा तकनीकों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA), कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) और ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर (TEDBF) शामिल हैं। इसके साथ ही iDEX पवेलियन भारतीय रक्षा स्टार्टअप्स को प्रदर्शित करता है, जो आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षेत्र में प्रगति को दर्शाता है।

भारत सरकार का रक्षा क्षेत्र को समर्थन

भारत सरकार ने रक्षा आधुनिकीकरण को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई है। केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹6.81 लाख करोड़ रक्षा मंत्रालय को आवंटित किए गए हैं, जिसमें से ₹1.80 लाख करोड़ पूंजीगत अधिग्रहण के लिए रखा गया है। खास बात यह है कि इस आधुनिकीकरण बजट का 75% घरेलू खरीद के लिए निर्धारित किया गया है।

राजनाथ सिंह ने सरकार और निजी कंपनियों के सहयोग को बल देने की बात कही। एक प्रमुख उदाहरण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और एयरबस का संयुक्त उपक्रम है, जो गुजरात में C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का निर्माण कर रहा है।

भारत की रक्षा निर्माण और निर्यात में बढ़त

  • भारत की घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमता मार्च 2025 तक ₹1.25 ट्रिलियन (₹1.25 लाख करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है।
  • रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ को पार करने की संभावना है, जिससे भारत दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका में अपने रक्षा उपकरणों की आपूर्ति बढ़ा रहा है।

1996 से 2025 तक एयरो इंडिया की यात्रा

1996 में शुरू हुई एयरो इंडिया प्रदर्शनी, दुनिया की अग्रणी एयरोस्पेस प्रदर्शनियों में से एक बन गई है।

  • 2023 संस्करण में 7 लाख से अधिक आगंतुक आए थे।
  • 98 देशों के प्रतिनिधित्व और 809 प्रदर्शकों ने भाग लिया था।
  • ₹75,000 करोड़ के समझौते और तकनीकी हस्तांतरण हुए थे।

2025 संस्करण इन रिकॉर्ड्स को पार करने की दिशा में है। यह आयोजन भारत के रक्षा क्षेत्र को वैश्विक मंच पर स्थापित करने, विदेशी निवेश आकर्षित करने और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की भारत की रणनीतिक दृष्टि को दर्शाता है।

प्रमुख बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 फरवरी 2025 को येलहंका एयर फ़ोर्स स्टेशन, बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। यह एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस और रक्षा प्रदर्शनी है, जिसमें रूस का Su-57, अमेरिका का F-35 लाइटनिंग II सहित 70 विमान प्रदर्शित किए गए हैं। 90 देशों की भागीदारी। भारत का रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ को पार करने की उम्मीद, और ₹6.81 लाख करोड़ रक्षा बजट में आवंटित, जिसमें से ₹1.80 लाख करोड़ आधुनिकीकरण के लिए।
आयोजन स्थल येलहंका एयर फ़ोर्स स्टेशन, बेंगलुरु, कर्नाटक
आयोजन का पैमाना 42,438 वर्ग मीटर, 30 रक्षा मंत्री, 43 सैन्य प्रमुख, 90 देशों के प्रतिनिधि
प्रदर्शित प्रमुख विमान Su-57 (रूस), F-35 लाइटनिंग II (अमेरिका), 70 लड़ाकू व परिवहन विमान, 30 हेलीकॉप्टर
मुख्य प्रदर्शनी इंडिया पवेलियन (275+ रक्षा तकनीक प्रदर्शन), iDEX पवेलियन (स्वदेशी रक्षा तकनीक और स्टार्टअप्स)
रक्षा बजट 2025-26 ₹6.81 लाख करोड़, जिसमें ₹1.80 लाख करोड़ पूंजीगत अधिग्रहण के लिए, 75% घरेलू खरीद के लिए आरक्षित
रक्षा उत्पादन लक्ष्य FY 2025 में ₹1.25 ट्रिलियन ($14.24 बिलियन) से अधिक
रक्षा निर्यात लक्ष्य ₹21,000 करोड़ से अधिक (पहली बार)
सार्वजनिक-निजी भागीदारी गुजरात में टाटा-एयरबस द्वारा C-295 विमान निर्माण
एयरो इंडिया की पहली प्रदर्शनी 1996
पिछला संस्करण (2023) मुख्य बिंदु 7 लाख+ आगंतुक, 98 देश, 809 प्रदर्शक, 250+ साझेदारियां, ₹75,000 करोड़ के रक्षा सौदे
कर्नाटक स्थिर जीके मुख्यमंत्री: सिद्धारमैया (2025 में)
राज्यपाल: थावरचंद गहलोत
राजधानी: बेंगलुरु

HAL के प्रशिक्षण विमान एचजेटी-36 का नाम अब ‘यशस’ रखा गया

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अपने प्रमुख जेट ट्रेनिंग विमान, हिंदुस्तान जेट ट्रेनर (HJT-36) का नाम बदलकर ‘यशस’ कर दिया है। यह बदलाव व्यापक सुधारों के बाद किया गया है, जिससे विमान की उड़ान विशेषताओं में सुधार हुआ है। एयरो इंडिया 2025 में आयोजित नामकरण समारोह HAL के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि को दर्शाता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह विमान अगले चरण के पायलट प्रशिक्षण और संचालन के लिए तैयार है।

प्रदर्शन सुधारने के लिए किए गए अपग्रेड और बदलाव

‘यशस’ को उड़ान स्थिरता और स्पिन प्रतिरोध बढ़ाने के लिए उन्नत किया गया है, जिससे इसका उड़ान प्रदर्शन व्यापक हो गया है और यह पायलटों के लिए अधिक सुरक्षित एवं प्रभावी ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म बन गया है।

रक्षा उत्पादन सचिव संजय कुमार ने इस विमान का अनावरण किया, जिसमें HAL के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. डी के सुनील और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। विमान को अब अत्याधुनिक एवियोनिक्स और एक अल्ट्रा-मॉडर्न कॉकपिट से लैस किया गया है, जिससे प्रशिक्षण और संचालन क्षमता में वृद्धि होगी।

स्वदेशी सुधार और भार में कमी

HAL ने इस अपग्रेड के तहत विमान के भार को कम करने के साथ-साथ इसकी समग्र कार्यक्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। इसके लिए आयातित पुरानी इकाइयों को स्वदेशी लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (LRUs) से बदला गया है। यह कदम आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती देता है और भारतीय वायुसेना के लिए ‘यशस’ को अधिक लागत प्रभावी और टिकाऊ बनाता है।

प्रशिक्षण और संचालन क्षमताएँ

‘यशस’ विशेष रूप से स्टेज II पायलट ट्रेनिंग के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें जटिल युद्धाभ्यास और आतंकवाद विरोधी अभियानों की ट्रेनिंग शामिल है। यह विमान काउंटर-सर्फेस फोर्स ऑपरेशन, आयुध प्रशिक्षण और एरोबेटिक्स के लिए उपयुक्त है, जिससे युवा पायलटों को उन्नत प्रशिक्षण मिल सके। ‘यशस’ में FADEC-नियंत्रित AL-55I जेट इंजन लगा है, जो इसे उच्च थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात प्रदान करता है।

अत्याधुनिक कॉकपिट और उन्नत दृश्यता

इस विमान में स्टेप्ड-अप रियर कॉकपिट और झुका हुआ नाक डिजाइन है, जिससे बेहतर दृश्यता मिलती है। यह विशेषता प्रशिक्षण और युद्ध अभियानों के दौरान स्थितिजन्य जागरूकता (situational awareness) को बढ़ाती है। विमान में ग्लास कॉकपिट, मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (MFDs) और हेड-अप डिस्प्ले (HUD) जैसे अत्याधुनिक फीचर्स जोड़े गए हैं, जिससे प्रशिक्षक और प्रशिक्षु पायलट को उड़ान के दौरान महत्वपूर्ण डेटा और जानकारी वास्तविक समय में मिलती रहती है।

‘यशस’ की प्रमुख क्षमताएँ

  • स्टॉल और स्पिन रिकवरी: विमान को स्टॉल और स्पिन से उबरने की क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है, जो पायलट प्रशिक्षण के लिए अनिवार्य है।
  • एरोबेटिक्स: यह विमान जटिल हवाई करतब (Aerobatics) करने में सक्षम है, जिससे पायलट अपने उड़ान कौशल को निखार सकते हैं।
  • आयुध वहन क्षमता: यह विमान 1,000 किलोग्राम तक आयुध ले जाने में सक्षम है, जिससे इसे आतंकवाद विरोधी अभियानों और जमीनी हमलों में उपयोग किया जा सकता है।
  • सिंगल-पॉइंट ग्राउंड रिफ्यूलिंग: इसमें तेजी से ईंधन भरने और निकालने की प्रणाली है, जिससे उड़ान संचालन का टर्नअराउंड समय कम हो जाता है।

बेहतर परिचालन दक्षता

HAL द्वारा विकसित ‘यशस’ एक लाइटवेट, आधुनिक एवियोनिक्स और बहुउद्देशीय क्षमताओं से लैस ट्रेनिंग जेट है। यह भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता को और मजबूत करेगा।

पहलू विवरण
क्यों खबर में? HAL ने अपने हिंदुस्तान जेट ट्रेनर (HJT-36) का नाम बदलकर यशस’ कर दिया, जिसे एयरो इंडिया 2025 में प्रस्तुत किया गया।
अपग्रेड और सुधार विमान के उड़ान प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए विमोचन विशेषताओं (departure characteristics) और स्पिन प्रतिरोध को उन्नत किया गया है, जिससे प्रशिक्षण अधिक सुरक्षित हो गया है।
स्वदेशी सुधार पुराने आयातित घटकों को स्वदेशी लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (LRUs) से बदल दिया गया, जिससे विमान का भार कम हुआ और भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला।
प्रशिक्षण और परिचालन क्षमताएँ यह स्टेज II पायलट प्रशिक्षण, आतंकवाद विरोधी अभियानों, एरोबेटिक्स, और आयुध प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त है। इसमें FADEC-नियंत्रित AL-55I जेट इंजन लगा है, जो उच्च प्रदर्शन सुनिश्चित करता है।
उन्नत कॉकपिट इसमें ग्लास कॉकपिट, मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (MFDs) और हेड-अप डिस्प्ले (HUD) शामिल हैं, जो प्रशिक्षण के दौरान वास्तविक समय में स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करते हैं।
यशस’ की प्रमुख क्षमताएँ स्टॉल और स्पिन रिकवरी
एरोबेटिक्स
आयुध वहन क्षमता (1,000 किग्रा तक)
तेज संचालन के लिए सिंगल-पॉइंट ग्राउंड रिफ्यूलिंग
बेहतर परिचालन दक्षता इसका हल्का ढांचा, आधुनिक एवियोनिक्स और बहुउद्देश्यीय क्षमताएँ इसे भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए अत्यधिक प्रभावी बनाती हैं।

RBI ने तरलता कवरेज अनुपात और परियोजना वित्तपोषण मानदंडों को 2026 तक स्थगित कर दिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तरलता कवरेज अनुपात (LCR) और परियोजना वित्तपोषण दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन को एक वर्ष के लिए टाल दिया है। अब इन नियमों का सबसे पहले 31 मार्च 2026 से लागू होने का अनुमान है। यह निर्णय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों द्वारा जताई गई चिंताओं के बाद लिया गया है, जिसमें बताया गया कि ये नियम संभावित तरलता चुनौतियां उत्पन्न कर सकते हैं।

RBI ने LCR नियमों को क्यों स्थगित किया?

LCR नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले थे। इन दिशानिर्देशों के तहत, बैंकों को अचानक निकासी प्रबंधन के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्तियों (HQLAs) का अधिक भंडार रखना आवश्यक होता। इस नियम के तहत, इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से प्राप्त खुदरा जमा (Retail Deposits) पर 5% अतिरिक्त रन-ऑफ फैक्टर लागू किया जाता, जिससे बैंकों को ₹4 लाख करोड़ से अधिक की राशि को ऋण देने के बजाय सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) में निवेश करना पड़ता। इससे बाजार में कर्ज की उपलब्धता सीमित हो सकती थी, जो व्यवसायों और उपभोक्ताओं को प्रभावित करता।

बैंकों की प्रमुख चिंताएं क्या थीं?

  • तरलता संकट का खतरा: सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के बैंकों ने इस बात पर चिंता जताई कि सख्त LCR नियम बैंकों की ऋण देने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं
  • क्रेडिट फ्लो में बाधा: बैंकों को निवेश और ऋण वितरण के बीच संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो सकता था।
  • विनियामक परामर्श: जनवरी 2025 के अंत में, RBI ने बैंकों से इस विषय पर चर्चा की और उन्होंने नियामक से अनुरोध किया कि समयसीमा को बढ़ाकर चरणबद्ध कार्यान्वयन की अनुमति दी जाए

RBI की आगे की योजना क्या है?

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वित्तीय स्थिरता बनाए रखना प्राथमिकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बैंकिंग प्रणाली पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

  • चरणबद्ध कार्यान्वयन की योजना बनाई जाएगी, जिससे बैंकों को नए नियमों के अनुकूल होने का पर्याप्त समय मिले
  • क्रेडिट फ्लो पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • RBI आगे बैंकों के साथ परामर्श जारी रखेगा और धीरे-धीरे नए नियमों को लागू करेगा ताकि वित्तीय प्रणाली पर कोई अनावश्यक दबाव न पड़े।
मुख्य बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में है? RBI ने तरलता कवरेज अनुपात (LCR) और परियोजना वित्तपोषण नियमों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया। पहले इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाना था, अब यह 31 मार्च 2026 से प्रभावी होगा। बैंकों ने इन नियमों के कारण संभावित ₹4 लाख करोड़ के ऋण प्रवाह पर प्रभाव पड़ने की चिंता जताई थी।
तरलता कवरेज अनुपात (LCR) बैंकों को 30 दिनों के शुद्ध नकदी बहिर्वाह को कवर करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली तरल संपत्तियां (HQLAs) बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
LCR स्थगन का प्रभाव बैंकों को अनुपालन के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे तरलता की कमी को रोका जा सकेगा और क्रेडिट प्रवाह स्थिर रहेगा
बैंकों की चिंता सख्त LCR नियमों से ऋण उपलब्धता सीमित हो सकती थी, जिससे उधारी क्षमता प्रभावित हो सकती थी।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा
अपेक्षित कार्यान्वयन दृष्टिकोण चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिससे वित्तीय स्थिरता और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बना रहे

सरकार ने ई-नाम के तहत 10 नई कृषि वस्तुओं को शामिल किया

भारत सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) के दायरे का विस्तार करते हुए 10 नई कृषि वस्तुओं को व्यापार के लिए जोड़ा है। इस नए समावेश के साथ, e-NAM प्लेटफॉर्म पर कुल 231 वस्तुएं सूचीबद्ध हो गई हैं। यह पहल किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करने और व्यापार प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के उद्देश्य से की गई है।

e-NAM में जोड़ी गई 10 नई वस्तुएं

इन नई वस्तुओं में कच्चे और प्रसंस्कृत कृषि उत्पाद शामिल हैं:

  1. सूखी तुलसी पत्तियां
  2. बेसन (चना आटा)
  3. गेहूं का आटा
  4. चना सत्तू (भुने चने का आटा)
  5. सिंघाड़ा आटा
  6. हींग
  7. सूखी मेथी पत्तियां
  8. सिंघाड़ा
  9. बेबी कॉर्न
  10. ड्रैगन फ्रूट

इनमें चना सत्तू, सिंघाड़ा आटा, हींग और सूखी मेथी पत्तियां द्वितीयक व्यापार (secondary trade) श्रेणी में आती हैं। इनके शामिल होने से किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को अपने प्रसंस्कृत और मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध होगा।

e-NAM विस्तार की आवश्यकता क्यों पड़ी?

ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म है जिसका शुभारंभ 14 अप्रैल 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जिसने अनुमत कृषि वस्तुओं के लिए एक राष्ट्रीय बाजार प्रदान करता है। नई वस्तुओं को जोड़ने का उद्देश्य है:

  • किसानों के लिए बाजार के अवसरों का विस्तार ताकि अधिक उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री हो सके।
  • पारदर्शिता और कुशल मूल्य निर्धारण प्रणाली को सुनिश्चित करना।
  • FPOs और छोटे उत्पादकों को मूल्यवर्धित उत्पादों की बिक्री में सहयोग देना।

सरकार ने यह कदम हितधारकों (stakeholders) के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद उठाया है, ताकि किसानों को बेहतर बाजार पहुंच और मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।

किसानों को इससे क्या लाभ होगा?

विपणन और निरीक्षण निदेशालय (DMI) ने इन वस्तुओं के लिए व्यापार योग्य मापदंड (tradable parameters) निर्धारित किए हैं, जिससे किसानों को गुणवत्ता आधारित उचित मूल्य मिल सकेगा। इस पहल के माध्यम से:

  • स्थानीय मंडियों से बाहर भी बिक्री का अवसर मिलेगा, जिससे किसानों का बाजार दायरा बढ़ेगा।
  • पारदर्शी मूल्य खोज (transparent price discovery) के माध्यम से बेहतर आय सुनिश्चित होगी।
  • बेबी कॉर्न और ड्रैगन फ्रूट जैसे उच्च-मूल्य वाले फसलों के उत्पादन और व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत काम करने वाला लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) इस प्लेटफॉर्म का प्रबंधन करता है, जिससे इसकी सुचारू कार्यप्रणाली और नीति क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? भारत सरकार ने e-NAM में 10 नई कृषि वस्तुएं जोड़ीं, जिससे कुल वस्तुओं की संख्या 231 हो गई। यह पहल किसानों के लिए बेहतर बाजार पहुंच और मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए की गई है।
नई जोड़ी गई वस्तुएं सूखी तुलसी पत्तियां, बेसन, गेहूं का आटा, चना सत्तू, सिंघाड़ा आटा, हींग, सूखी मेथी पत्तियां, सिंघाड़ा, बेबी कॉर्न, ड्रैगन फ्रूट।
e-NAM लॉन्च वर्ष 2016
प्रबंधन निकाय लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ (SFAC)
e-NAM का उद्देश्य APMC मंडियों को जोड़कर एक統ीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार बनाना, जिससे बेहतर मूल्य निर्धारण और ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा मिले।
संबंधित मंत्रालय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय
नई वस्तुओं की श्रेणी चना सत्तू, सिंघाड़ा आटा, हींग और सूखी मेथी पत्तियां द्वितीयक व्यापार (Secondary Trade) श्रेणी में आती हैं।
गुणवत्ता मानकों का नियामक निकाय विपणन और निरीक्षण निदेशालय (DMI)

मुंबई इंडियंस ने द हंड्रेड के ओवल इनविंसिबल्स में 49% हिस्सेदारी हासिल की

मुंबई इंडियंस (MI) के मालिक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी सहायक कंपनी RISE Worldwide के माध्यम से इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) की 100 गेंदों वाली लीग “द हंड्रेड” की फ्रेंचाइज़ी ओवल इन्विंसिबल्स में 49% हिस्सेदारी सफलतापूर्वक हासिल कर ली है। यह सौदा मुंबई इंडियंस की वैश्विक क्रिकेट उपस्थिति को और मजबूत करता है, जिससे यह बहु-महाद्वीपीय क्रिकेट फ्रेंचाइज़ी के रूप में उभर रहा है। सरे काउंटी क्रिकेट क्लब (Surrey CCC) प्रमुख हिस्सेदार बना रहेगा और रिलायंस के साथ मिलकर स्वामित्व और निर्णय लेने की प्रक्रिया को साझा करेगा।

रिलायंस का विस्तार

  • मुंबई इंडियंस, जो रिलायंस के स्वामित्व में है, ने ओवल इन्विंसिबल्स में 49% हिस्सेदारी खरीदकर अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाई।
  • सरे काउंटी क्रिकेट क्लब (Surrey CCC) इस फ्रेंचाइज़ी का प्रमुख हिस्सेदार बना रहेगा।
  • यह सौदा मुंबई इंडियंस को वैश्विक क्रिकेट की एक बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करता है।

मुंबई इंडियंस की वैश्विक उपस्थिति

  • MI अब पांच देशों और चार महाद्वीपों में सात क्रिकेट टीमें संचालित करता है।
  • इसके स्वामित्व वाली फ्रेंचाइज़ी टीमें:
    • भारत – IPL, WPL
    • यूएई – ILT20
    • अमेरिका – MLC
    • दक्षिण अफ्रीका – SA20
    • इंग्लैंड – The Hundred (Oval Invincibles)

ओवल इन्विंसिबल्स की द हंड्रेड में सफलता

  • पुरुष टीम: 2023 और 2024 में लगातार चैंपियन
  • महिला टीम: 2021 और 2022 में विजेता

नेतृत्व की प्रतिक्रियाएं

  • नीता अंबानी (मालिक, मुंबई इंडियंस)
    “क्रिकेट संस्कृतियों और भौगोलिक सीमाओं से परे लोगों को जोड़ता है। ओवल इन्विंसिबल्स को मुंबई इंडियंस परिवार में शामिल करना हमारे लिए गर्व का क्षण है।”
  • आकाश अंबानी (निदेशक, RIL और रिलायंस जियो चेयरमैन)
    “ओवल जैसा प्रतिष्ठित मैदान हमारा घरेलू स्थल होगा, यह बहुत खास है। सरे CCC के साथ साझेदारी को लेकर हम उत्साहित हैं।”
  • ओली स्लिपर (चेयरमैन, सरे CCC)
    “रिलायंस की साझेदारी से सरे CCC और ओवल इन्विंसिबल्स को निरंतर सफलता मिलेगी।”

द हंड्रेड लीग की जानकारी

  • ECB द्वारा संचालित 100 गेंदों की क्रिकेट लीग
  • प्रत्येक टीम 100 गेंदों की पारी खेलती है।
  • इसमें आठ शहर-आधारित पुरुष और महिला टीमें शामिल हैं।
  • 2025 सीजन की शुरुआत 5 अगस्त से होगी, और 6 अगस्त को डबल हेडर मैच होगा।

द हंड्रेड में हाल ही में हुए निवेश सौदे

  • RPSG ग्रुप ने हाल ही में मैनचेस्टर ओरिजिनल्स में बहुमत हिस्सेदारी खरीदी, जिसकी कीमत £107 मिलियन आंकी गई।
  • ECB प्रत्येक टीम की 49% हिस्सेदारी बेच रहा है, जबकि मेज़बान काउंटी क्लब शेष 51% हिस्सेदारी रखेंगे।

मुंबई इंडियंस की प्रमुख उपलब्धियां

  • विभिन्न प्रतियोगिताओं में 11 खिताब।
  • 5 IPL खिताब, 2 चैंपियंस लीग ट्रॉफी, WPL, MLC, ILT20 और SA20 जीत।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में? मुंबई इंडियंस ने द हंड्रेड की ओवल इन्विंसिबल्स में 49% हिस्सेदारी खरीदी
अधिग्रहण करने वाली संस्था रिलायंस इंडस्ट्रीज (RISE वर्ल्डवाइड)
हिस्सेदारी अधिग्रहण 49% (ओवल इन्विंसिबल्स)
मुख्य हिस्सेदार सरे काउंटी क्रिकेट क्लब (Surrey CCC)
लीग द हंड्रेड (ECB का 100-बॉल प्रारूप)
मुंबई इंडियंस की वैश्विक टीमें IPL (भारत), WPL (भारत), ILT20 (यूएई), SA20 (दक्षिण अफ्रीका), MLC (यूएसए), द हंड्रेड (यूके)
ओवल इन्विंसिबल्स की उपलब्धियां पुरुष टीम: चैंपियन (2023, 2024)
महिला टीम: चैंपियन (2021, 2022)
नेताओं के बयान नीता अंबानी: “मुंबई इंडियंस के लिए गर्व का क्षण।”
आकाश अंबानी: “ओवल हमारा घरेलू मैदान होना विशेष है।”
ओली स्लिपर: “रिलायंस की साझेदारी से सफलता सुनिश्चित होगी।”
अन्य द हंड्रेड सौदे RPSG ग्रुप ने मैनचेस्टर ओरिजिनल्स को £107 मिलियन में खरीदा
टूर्नामेंट विवरण 5 अगस्त 2025 से शुरू। पुरुषों और महिलाओं की 8 टीमें भाग लेंगी।
मुंबई इंडियंस की प्रमुख ट्रॉफी 5 IPL, 2 चैंपियंस लीग, WPL, ILT20, MLC, SA20

देश में 15 जनवरी तक 54.50 करोड़ जनधन खाते खुले

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने 15 जनवरी 2025 तक, एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसमें 54.58 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले जा चुके हैं। इस उपलब्धि को और अधिक उल्लेखनीय बनाता है कि इन खातों में से 55.7% खाताधारक महिलाएं हैं। यह योजना विशेष रूप से हाशिए पर मौजूद समुदायों और महिलाओं के वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है। अगस्त 2014 में शुरू हुई इस योजना ने केवल बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच देने से आगे बढ़कर सरकारी योजनाओं, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों और डिजिटल लेनदेन की नींव रखी है।

जन धन योजना का विस्तार कैसे हुआ?

PMJDY का उद्देश्य हर असंबद्ध परिवार को एक बेसिक बचत खाता, डेबिट कार्ड और बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना था। समय के साथ, यह योजना विकसित हुई और प्रत्येक असंबद्ध वयस्क को भी इस पहल में शामिल किया गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 30.37 करोड़ महिलाओं ने अपने खाते खोले हैं, जिससे उनकी आर्थिक भागीदारी मजबूत हुई है।

इसके अलावा, यह योजना बीमा, पेंशन और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) जैसी वित्तीय सेवाओं को जोड़ने में सहायक रही है। इस पहल ने कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने और बचत की आदत विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर PMJDY का प्रभाव

PMJDY खातों ने लाखों लोगों के लिए सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार:

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY): 22.52 करोड़ सदस्य, जिनमें 10 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY): 49.12 करोड़ सदस्य, जिनमें 22.84 करोड़ महिलाएं शामिल हैं।
  • अटल पेंशन योजना (APY): 31 दिसंबर 2024 तक 7.25 करोड़ सदस्य, जिनमें 3.44 करोड़ महिलाएं हैं।

ये आंकड़े दिखाते हैं कि महिलाएं वित्तीय सुरक्षा योजनाओं में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और अपने परिवारों के लिए आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित कर रही हैं।

जनधन योजना का एलान

वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 14 अगस्त 2024 तक प्रति खाता औसत जमा राशि 4,352 रुपये थी। 15 अगस्त के बाद प्रति खाता जमा राशि में 4 गुना वृद्धि हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में पीएमजेडीवाई की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर को गरीबों को दुष्चक्र से मुक्ति दिलाने का उत्सव बताया था। पीएमजेडीवाई वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है , जिसका उद्देश्य किफायती तरीके से बैंकिंग, बचत और जमा खाते, धन प्रेषण, ऋण, बीमा और पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है।

विषय विवरण
क्यों चर्चा में है? 15 जनवरी 2025 तक 54.58 करोड़ जन धन खाते खोले गए, जिनमें 55.7% खाते महिलाओं के नाम पर हैं। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3 करोड़ और खाते खोलने का लक्ष्य रखा है। खातों में कुल जमा राशि ₹2.3 ट्रिलियन, और 80% खाते सक्रिय हैं।
कुल जन धन खाते 54.58 करोड़
महिला खाताधारक 30.37 करोड़ (55.7%)
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) में नामांकन 22.52 करोड़ (10+ करोड़ महिलाएं)
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) में नामांकन 49.12 करोड़ (22.84 करोड़ महिलाएं)
अटल पेंशन योजना (APY) में नामांकन 7.25 करोड़ (3.44 करोड़ महिलाएं) (31 दिसंबर 2024 तक)
निष्क्रिय जन धन खाते 11.30 करोड़ (20 नवंबर 2024 तक)
निष्क्रिय खातों में शेष राशि ₹14,750 करोड़
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) में निष्क्रिय खातों में गिरावट 39.62% (2017) → 20.91% (नवंबर 2024)
जन धन खातों में कुल जमा राशि ₹2.3 ट्रिलियन (14 अगस्त 2024 तक)
प्रति खाता औसत शेष राशि ₹4,352 (16 अगस्त 2024 तक) (2015 में ₹1,065 से वृद्धि)
PMJDY लॉन्च वर्ष अगस्त 2014
PMJDY का उद्देश्य प्रत्येक असंबद्ध परिवार और वयस्क को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना
भविष्य का लक्ष्य (2024-25) 3 करोड़ और खाते खोले जाएंगे

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