भारत की कार्यबल क्षमता को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ी पहल के तहत एशियाई विकास बैंक (ADB) ने गुजरात के तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (TVET) क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 109.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर के परिणाम-आधारित ऋण को मंज़ूरी दी है। यह पहल गुजरात स्किल्स डेवलेपमेंट प्रोग्राम के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी, जिसका उद्देश्य एक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी, समावेशी और तकनीकी रूप से सुसज्जित कार्यबल तैयार करना है, जो ऑटोमोटिव, लॉजिस्टिक्स, आईटी, हेल्थकेयर और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों की मांग को पूरा कर सके।
क्यों है यह खबर में?
ADB ने 13 जून 2025 को गुजरात सरकार के श्रम, कौशल विकास और रोजगार विभाग को 109.97 मिलियन डॉलर का ऋण देने को मंजूरी दी। यह योजना “कौशल्या: द स्किल यूनिवर्सिटी (KSU)” के साथ साझेदारी में चलाई जाएगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और गुजरात कौशल विकास योजना (2025–2030) के अनुरूप भारत की औद्योगिक कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार करने के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।
उद्देश्य और दायरा
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युवाओं को उद्योगोन्मुखी उन्नत कौशल प्रदान करना।
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TVET प्रणाली के प्रशासन और संस्थागत क्षमता को मजबूत बनाना।
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भारत के अन्य राज्यों के लिए पुनरुत्पादक (replicable) मॉडल स्थापित करना।
प्रमुख हस्तक्षेप
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11 बड़े औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) का उन्नयन।
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उन्नत कौशल प्रशिक्षण हेतु उत्कृष्टता केंद्रों (Centers of Excellence) की स्थापना।
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KSU द्वारा संचालित हब-एंड-स्पोक मॉडल, जो निजी प्रशिक्षण भागीदारों से जुड़ा होगा।
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उद्योगों के साथ मिलकर इंडस्ट्री-इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रमों का निर्माण।
प्राथमिकता वाले क्षेत्र
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लॉजिस्टिक्स
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ऑटोमोबाइल
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एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग
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सूचना प्रौद्योगिकी
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स्वास्थ्य सेवा
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नवीकरणीय ऊर्जा
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एग्रीटेक
समावेशन और लैंगिक सशक्तिकरण
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इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में महिला नामांकन को बढ़ावा देना।
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1.75 लाख वंचित वर्गों के युवाओं को प्रशिक्षित करना।
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60,000 से अधिक छात्र 2030 तक उन्नत तकनीकी कौशल के साथ स्नातक होंगे।
परिणाम-आधारित ऋण (RBL) की विशेषताएँ
ऋण की राशि कुछ ठोस परिणामों से जुड़ी होगी, जैसे कि:
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छात्रों की रोज़गार क्षमता में सुधार।
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KSU की शासन व्यवस्था में मजबूती।
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वैश्विक प्रमाणन निकायों के साथ साझेदारी।
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शिक्षक गुणवत्ता और पाठ्य सामग्री का उन्नयन।
सततता और जलवायु लचीलापन
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हरित निर्माण विशेषताएं और जलवायु सहनशीलता को एकीकृत करना।
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गुजरात के पर्यावरण-अनुकूल बुनियादी ढांचे और समावेशी विकास के व्यापक लक्ष्यों को समर्थन देना।
एशियाई विकास बैंक (ADB) – एक परिचय
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स्थापना: 1966
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सदस्य देश: 69 (जिनमें 50 एशिया-प्रशांत क्षेत्र से हैं)
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उद्देश्य: एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सतत, समावेशी और लचीला विकास
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कार्यप्रणाली: रणनीतिक वित्तपोषण, साझेदारी और नवाचार आधारित विकास सहायता
निष्कर्ष:
ADB का यह ऋण गुजरात और भारत दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे न केवल युवाओं को भविष्य के अनुकूल कौशल मिलेंगे, बल्कि यह पहल भारत की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं को भी मज़बूती देगी।