लैम रिसर्च ने कर्नाटक में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई

अमेरिकी सेमीकंडक्टर उपकरण निर्माता लैम रिसर्च (Lam Research) ने कर्नाटक में ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की घोषणा की है। यह घोषणा 12 फरवरी 2025 को बेंगलुरु पैलेस में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट: इन्वेस्ट कर्नाटक 2025 में की गई। यह कदम भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करेगा और घरेलू चिप निर्माण को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप है।

लैम रिसर्च ने कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत कंपनी व्हाइटफील्ड, बेंगलुरु में जमीन पट्टे पर लेगी और बाद में इसे खरीदेगी। इस विस्तार के साथ, लैम रिसर्च का लक्ष्य ऑपरेशंस का विस्तार, अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ाना, और भारत में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना है।

लैम रिसर्च के निवेश के प्रमुख बिंदु

निवेश की घोषणा और समझौता ज्ञापन (MoU)

  • ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश अगले कुछ वर्षों में किया जाएगा।
  • KIADB के साथ समझौता – बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड में भूमि अधिग्रहण के लिए।
  • सेमीकंडक्टर उद्योग का विस्तार – भारत में लैम रिसर्च के ग्रोथ प्लान को समर्थन।

निवेश का महत्व

  • भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को बढ़ावा – प्रधानमंत्री मोदी की “सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भर भारत” की दृष्टि को मजबूत करेगा।
  • कर्नाटक को मजबूती – मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह राज्य को सेमीकंडक्टर निर्माण में एक अग्रणी केंद्र बनाएगा।
  • भारतीय आपूर्ति श्रृंखला का विकास – लैम रिसर्च भारत में सेमीकंडक्टर उपकरण उत्पादन और सोर्सिंग बढ़ाएगा।

प्रमुख नेताओं के बयान

रंगेश राघवन (महाप्रबंधक, लैम रिसर्च इंडिया):
“हम उद्योग की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए बेंगलुरु में ₹10,000 करोड़ से अधिक का निवेश करेंगे।”

अश्विनी वैष्णव (केंद्रीय आईटी मंत्री):
“भारत के सेमीकंडक्टर सफर में यह एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है; यह भारत के विजन में वैश्विक निवेशकों का भरोसा दर्शाता है।”

सिद्धारमैया (कर्नाटक मुख्यमंत्री):
“यह निवेश कर्नाटक को वैश्विक सेमीकंडक्टर हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।”

लैम रिसर्च का परिचय और भारत में संचालन

  • स्थापना: 1980, मुख्यालय फ्रेमोंट, कैलिफोर्निया, अमेरिका
  • सेमीकंडक्टर उपकरणों में वैश्विक अग्रणी – DRAM, नॉन-वोलाटाइल मेमोरी, और लॉजिक डिवाइस बनाता है।
  • वैश्विक अनुसंधान केंद्र: भारत, अमेरिका, कोरिया और ताइवान में।

भारत में उपस्थिति:

  • 2001 – बेंगलुरु में “इंडिया सेंटर फॉर इंजीनियरिंग (ICE)” की स्थापना।
  • 2022 – पहला ICE लैब खोला।
  • 2024 – उन्नत सिस्टम लैब की आधारशिला रखी।

भविष्य की योजनाएं और विस्तार

  • भारत में आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना – कई भारतीय निर्मित कंपोनेंट अब वैश्विक उत्पादन के लिए योग्य हो चुके हैं।
  • बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर निर्माण और अनुसंधान क्षमताओं का विस्तार
  • वैश्विक चिप आपूर्ति श्रृंखला में योगदान – उद्योग की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए।

निष्कर्ष

लैम रिसर्च का यह बड़ा निवेश भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को मजबूत करेगा, जिससे तकनीकी आत्मनिर्भरता, रोजगार और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। इससे कर्नाटक एक वैश्विक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरने की ओर अग्रसर होगा।

Summary/Static Details
Why in the news? लैम रिसर्च ने कर्नाटक के सेमीकंडक्टर उद्योग में ₹10,000 करोड़ का निवेश करने की घोषणा की।
Location व्हाइटफील्ड, बेंगलुरु, कर्नाटक
MoU Signed With कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB)
Purpose भारत में सेमीकंडक्टर अनुसंधान, उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार
Significance भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देना और कर्नाटक की टेक्नोलॉजी में नेतृत्व को मजबूत करना
Key Leaders’ Comments मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और लैम इंडिया के महाप्रबंधक रंगेश राघवन का समर्थन
Company Background 1980 में स्थापित, मुख्यालय फ्रेमोंट, कैलिफोर्निया; सेमीकंडक्टर निर्माण उपकरणों में अग्रणी
Existing Presence in India 2001 से बेंगलुरु में इंडिया सेंटर फॉर इंजीनियरिंग (ICE)
Future Plans भारत में सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ाना

बाबर आजम ने तोड़ा विराट कोहली का 10 साल पुराना रिकॉर्ड

पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज बाबर आज़म ने एक बार फिर अपने नाम एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कर ली है। उन्होंने वनडे अंतरराष्ट्रीय (ODI) में 6,000 रन पूरे करने वाले सबसे तेज़ खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। बाबर ने यह कारनामा शुक्रवार, 16 फरवरी 2025 को न्यूजीलैंड के खिलाफ नेशनल स्टेडियम में खेले गए ट्राई-सीरीज फाइनल के दौरान किया।

बाबर आज़म ने केवल 123 पारियों में यह मील का पत्थर हासिल किया, जिससे वह दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज हाशिम अमला के रिकॉर्ड की बराबरी कर चुके हैं। अमला ने भी 123 पारियों में 6,000 वनडे रन पूरे किए थे।

विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ा, एशिया के सबसे तेज़ बल्लेबाज बने

इस रिकॉर्ड के साथ, बाबर आज़म ने भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया, जो इस मुकाम तक 136 पारियों में पहुंचे थे। बाबर ने कोहली से 13 पारियां पहले यह उपलब्धि हासिल कर ली, जिससे वह सबसे तेज़ 6,000 वनडे रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज बन गए हैं।

बाबर आज़म की धीमी शुरुआत और ऐतिहासिक शॉट

ट्राई-सीरीज के फाइनल में पाकिस्तान के कप्तान मोहम्मद रिज़वान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। बाबर ने फखर ज़मान के साथ पारी की शुरुआत की, लेकिन शुरुआती ओवरों में वह सहज महसूस नहीं कर पाए। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी की, जिससे बाबर को रन बनाने में दिक्कत हुई।

हालांकि, 7वें ओवर में न्यूजीलैंड के जैकब डफी की एक हाफ-वॉली पर उन्होंने शानदार कवर ड्राइव खेलकर 6,000 रन पूरे करने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली।

बाबर आज़म के वनडे रिकॉर्ड और उपलब्धियां

  • बाबर आज़म ने इससे पहले मई 2023 में केवल 97 पारियों में 5,000 वनडे रन पूरे कर सबसे तेज़ खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया था।
  • उन्होंने कई मौकों पर पाकिस्तान के लिए अहम पारियां खेली हैं और आधुनिक क्रिकेट के बेहतरीन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।

वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद से गिरता फॉर्म

हालांकि, वनडे वर्ल्ड कप 2023 के बाद बाबर आज़म की फॉर्म में गिरावट देखी गई है।

  • उन्होंने अपनी पिछली 7 वनडे पारियों में केवल दो अर्धशतक लगाए हैं।
  • ट्राई-सीरीज को ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तैयारी के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन इस सीरीज में भी बाबर बड़ी पारी नहीं खेल सके।

ट्राई-सीरीज में बाबर आज़म का प्रदर्शन

  • न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले मैच में सिर्फ 10 रन बनाकर आउट हुए।
  • दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 23 रन बनाए, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके।
  • फाइनल में उन्होंने शुरुआती विकेट गिरने के बाद पारी को संभालने की कोशिश की।

फाइनल में बाबर आज़म का आउट होना

फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान ने शुरुआत में फखर ज़मान और सऊद शकील के विकेट जल्दी गंवा दिए। पावरप्ले के अंत में बाबर 24 रन बनाकर नाबाद थे और पाकिस्तान का स्कोर 48/2 था।

हालांकि, 12वें ओवर में नाथन स्मिथ की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में बाबर आज़म 29 रन बनाकर आउट हो गए, जिससे पाकिस्तान का स्कोर 54/3 पर सिमट गया और टीम दबाव में आ गई।

जनवरी, 2025 माह के लिए देश में थोक मूल्य सूचकांक

औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने जनवरी 2025 के लिए थोक मूल्य सूचकांक (WPI) जारी किया है, जिसमें वार्षिक मुद्रास्फीति दर 2.31% (अनंतिम) दर्ज की गई है, जो जनवरी 2024 की तुलना में अधिक है। यह वृद्धि मुख्य रूप से विनिर्मित खाद्य उत्पादों, खाद्य वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और वस्त्रों की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है। हालांकि, मासिक आधार (MoM) पर जनवरी 2025 में WPI में (-) 0.45% की गिरावट दर्ज की गई, जो दिसंबर 2024 की तुलना में थोक कीमतों में मामूली कमी को दर्शाता है।

जनवरी 2025 के लिए WPI घटकों की प्रमुख प्रवृत्तियाँ

थोक मूल्य सूचकांक को तीन प्रमुख समूहों में विभाजित किया जाता है: प्राथमिक वस्तुएं, ईंधन और ऊर्जा, तथा विनिर्मित उत्पाद। इन श्रेणियों में जनवरी 2025 के लिए प्रमुख रुझान निम्नलिखित हैं:

1. प्राथमिक वस्तुएं (भार: 22.62%)

इस श्रेणी का सूचकांक 2.01% घटकर 193.8 (दिसंबर 2024) से 189.9 (जनवरी 2025, अनंतिम) हो गया।

  • खाद्य वस्तुएं: जनवरी 2025 में दिसंबर 2024 की तुलना में 3.62% की गिरावट आई।
  • कच्चा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस: 6.34% की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे ऊर्जा लागत बढ़ी।
  • गैर-खाद्य वस्तुएं: 0.66% की वृद्धि हुई।
  • खनिज: मामूली वृद्धि 0.22% रही।

2. ईंधन और ऊर्जा (भार: 13.15%)

इस श्रेणी का सूचकांक 0.47% बढ़कर 149.9 (दिसंबर 2024) से 150.6 (जनवरी 2025, अनंतिम) हो गया।

  • खनिज तेल: कीमतों में 0.71% की वृद्धि हुई।
  • बिजली: 0.20% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
  • कोयला: कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

3. विनिर्मित उत्पाद (भार: 64.23%)

इस श्रेणी का सूचकांक 0.14% बढ़कर 143.0 (दिसंबर 2024) से 143.2 (जनवरी 2025, अनंतिम) हो गया।

  • 22 विनिर्माण उप-क्षेत्रों में से 15 में कीमतें बढ़ीं, 5 में गिरावट आई, और 2 स्थिर रहे
  • कीमतें बढ़ने वाले क्षेत्र:
    • अन्य विनिर्माण उत्पाद
    • खाद्य उत्पाद निर्माण
    • मशीनरी और उपकरण
    • रसायन और रासायनिक उत्पाद
    • औषधीय और वनस्पति उत्पाद
  • कीमतें गिरने वाले क्षेत्र:
    • मूल धातु
    • धातु निर्माण (मशीनरी और उपकरण को छोड़कर)
    • परिधान निर्माण
    • पेय पदार्थ
    • अन्य परिवहन उपकरण

WPI खाद्य सूचकांक और मुद्रास्फीति प्रवृत्तियाँ

WPI खाद्य सूचकांक (भार: 24.38%)

  • यह दिसंबर 2024 के 195.9 से घटकर जनवरी 2025 में 191.4 हो गया।

वार्षिक खाद्य मुद्रास्फीति दर

  • WPI खाद्य सूचकांक की मुद्रास्फीति दर दिसंबर 2024 में 8.89% थी, जो जनवरी 2025 में घटकर 7.47% हो गई, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आई।

नवम्बर 2024 का अंतिम WPI

  • अंतिम WPI संशोधित होकर 156.4 हो गया, जिसकी वार्षिक मुद्रास्फीति दर 2.16% रही।
  • ये अंतिम आंकड़े अद्यतन डेटा स्रोतों और बेहतर प्रतिक्रिया दरों पर आधारित हैं।

संकलन और पुनरीक्षण नीति

  • जनवरी 2025 के लिए WPI संकलन की प्रतिक्रिया दर 90.4% रही।
  • नवंबर 2024 के अंतिम WPI संकलन की प्रतिक्रिया दर 95.5% थी।
  • DPIIT की पुनरीक्षण नीति के तहत अनंतिम आंकड़ों को 10 सप्ताह बाद संशोधित किया जाता है

भविष्य के WPI प्रकाशन

  • फरवरी 2025 के लिए WPI 17 मार्च 2025 को जारी किया जाएगा।
  • DPIIT प्रत्येक महीने की 14 तारीख को (या यदि अवकाश हो तो अगले कार्यदिवस पर) WPI डेटा जारी करता है।
  • यह सूचकांक भारत भर के संस्थागत स्रोतों और चयनित विनिर्माण इकाइयों से संकलित डेटा पर आधारित होता है।

 

हरियाणा सरकार ने नीलगाय को मारने की अनुमति दी

हरियाणा सरकार ने हाल ही में नए वन्यजीव (संरक्षण) नियम लागू किए हैं, जो नीलगाय (ब्लू बुल) के नर को मारने की अनुमति देते हैं। यह निर्णय मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने और कृषि को नीलगायों द्वारा होने वाले नुकसान को रोकने के लिए लिया गया है। हालांकि, इस फैसले का पर्यावरणविदों और बिश्नोई समुदाय सहित कई संगठनों ने विरोध किया है, क्योंकि वे नीलगाय को पवित्र मानते हैं। आलोचकों का कहना है कि शिकार न तो नैतिक है और न ही स्थायी समाधान।

नीलगाय विवाद की पृष्ठभूमि

  • नीलगाय हरियाणा की जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
  • किसानों और नीति-निर्माताओं के अनुसार, इनकी बढ़ती आबादी कृषि के लिए खतरा बन गई है।
  • सरकार के इस निर्णय ने पारिस्थितिकीय और नैतिक चिंताओं को जन्म दिया है।

नीलगाय (ब्लू बुल) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • वैज्ञानिक नाम: Boselaphus tragocamelus
  • प्राकृतिक वास: भारत, नेपाल और पाकिस्तान में पाया जाता है।
  • सबसे बड़ा एशियाई मृग
  • धार्मिक महत्व: नीलगाय को प्राचीन वैदिक काल (1500–500 ईसा पूर्व) से ही हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है।
  • कुछ राज्यों ने इसे “रोज़ाड” (वन मृग) कहकर इसकी हत्या के नियमों को आसान बनाने का सुझाव दिया है।

भौतिक विशेषताएँ

  • आकार: 1.7–2.1 मीटर लंबा
  • वजन:
    • नर: 109–288 किग्रा
    • मादा: 100–213 किग्रा
  • पूंछ की लंबाई: 54 सेमी
  • सींग: केवल नर में, लंबाई 15–24 सेमी
  • रंग:
    • नर: नीला-धूसर रंग
    • मादा: नारंगी/भूरा रंग
  • अन्य विशेषताएँ:
    • पीठ ढलानदार, पैर पतले और मजबूत।
    • गले के नीचे 13 सेमी लंबी बालों की लटकन होती है।

व्यवहार संबंधी विशेषताएँ

  • दिनचर: नीलगाय दिन में सक्रिय रहते हैं।
  • समूह में रहना पसंद करते हैं (3-6 के झुंड में)।
  • शांत लेकिन सतर्क: सामान्यतः विनम्र, लेकिन खतरा महसूस होने पर भाग जाते हैं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष

  • फसलों को नुकसान: नीलगाय खेतों को भारी क्षति पहुंचाते हैं, जिससे किसान परेशान रहते हैं।
  • ‘वर्मिन’ (हानिकारक जीव) का दर्जा: बिहार में नीलगाय को वर्मिन घोषित किया गया, जिससे उनका कानूनी शिकार संभव हो गया

संरक्षण स्थिति

  • IUCN स्टेटस: Least Concern (कम खतरे में)
  • भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972): अनुसूची-III में सूचीबद्ध (संरक्षित, लेकिन उच्च प्राथमिकता वाली नहीं)।

विरोध और असहमति

  • पर्यावरणविदों का कहना है कि शिकार से समस्या हल नहीं होगी
  • कई संगठनों का मानना है कि गैर-घातक उपाय अधिक प्रभावी और नैतिक होंगे

नीलगाय प्रबंधन के वैकल्पिक समाधान

  • स्थानांतरण (Translocation): नीलगायों को ऐसे स्थानों पर ले जाना, जहां वे खेती को नुकसान न पहुंचाएं
  • पर्यावास पुनर्स्थापन (Habitat Restoration): जंगलों के किनारे प्राकृतिक भोजन वाले क्षेत्र विकसित करना
  • आक्रामक प्रजातियों का प्रबंधन: उन प्रजातियों को नियंत्रित करना, जो नीलगायों को खेती की ओर धकेलती हैं।
  • फेंसिंग और फसल सुरक्षा: खेतों के आसपास स्थानीय समुदायों द्वारा सुरक्षित बाड़ लगाने की रणनीति अपनाना।

वन्यजीव संरक्षण में समुदाय की भूमिका

  • किसानों और स्थानीय समुदायों को संरक्षण और फसल सुरक्षा में शामिल करना
  • नीलगायों के लिए सामुदायिक अभ्यारण्य स्थापित करना।
  • पारंपरिक कृषि पद्धतियों को अपनाना, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष कम हो

बिश्नोई समुदाय की भूमिका

  • उत्पत्ति: यह समुदाय थार रेगिस्तान और उत्तरी भारत में पाया जाता है।
  • संस्थापक: गुरु जम्भेश्वर (1451 ईस्वी, पीपासर, राजस्थान)
  • कठोर पर्यावरण संरक्षण: बिश्नोई लोग पेड़ों और वन्यजीवों को हानि पहुंचाने की सख्त मनाही करते हैं।
  • प्रकृति के लिए बलिदान: बिश्नोई समुदाय ने सदियों से वन्यजीवों और वनों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है

निष्कर्ष

नीलगायों को मारने की अनुमति देना एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा है। इस समस्या के समाधान के लिए नैतिक और दीर्घकालिक रणनीतियों को अपनाना आवश्यक है। स्थानांतरण, बाड़, पर्यावास सुधार और सामुदायिक भागीदारी जैसे समाधान अधिक प्रभावी और व्यावहारिक हो सकते हैं।

सारांश/स्थिर विवरण विवरण
क्यों चर्चा में? हरियाणा सरकार ने नीलगाय शिकार को मंजूरी दी।
नीति परिवर्तन वन्यजीव (संरक्षण) नियमों के तहत नीलगाय मारने की अनुमति।
कारण नीलगायों की बढ़ती संख्या के कारण फसलों को नुकसान।
विवाद पर्यावरणविदों और बिश्नोई समुदाय का विरोध।
नीलगाय के तथ्य एशिया का सबसे बड़ा मृग, हिंदू धर्म में पवित्र, भारत, नेपाल और पाकिस्तान में पाया जाता है।
शारीरिक विशेषताएँ नर – नीला-धूसर, मादा – भूरा, केवल नर में सींग (15–24 सेमी)।
व्यवहार दिनचर, सतर्क, छोटे समूहों में रहता है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष फसलों को भारी नुकसान, बिहार में ‘वर्मिन’ घोषित।
संरक्षण स्थिति IUCN: Least Concern, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972): अनुसूची-III।
विरोध आलोचकों का कहना है कि शिकार अनैतिक और अस्थायी समाधान है।
प्रस्तावित विकल्प स्थानांतरण, पर्यावास पुनर्स्थापन, सामुदायिक अभ्यारण्य, फसल सुरक्षा।
बिश्नोई समुदाय की भूमिका भारत के सबसे पुराने पर्यावरण संरक्षक, वन्यजीवों की सख्त रक्षा।

NTPC ने जल तन्यकशीलता पर फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2025 जीता

भारत की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड को यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पैक्ट नेटवर्क इंडिया (UN GCNI) द्वारा ‘फॉरवर्ड फास्टर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2025’ से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार जल संरक्षण और सतत जल प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया।

सम्मान का आयोजन और प्रमुख हस्तियां

यह पुरस्कार 13 फरवरी 2025 को चेन्नई में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। एनटीपीसी की ओर से यह सम्मान श्री हरेकृष्ण दाश (कार्यकारी निदेशक, स्थिरता, पर्यावरण और राख) और श्री के कार्तिकेयन (सहायक महाप्रबंधक, पर्यावरण और स्थिरता) ने प्राप्त किया।

एनटीपीसी की जल संरक्षण पहलकदमी

  1. वेस्टवाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स – नवीनतम जल उपचार तकनीकों का उपयोग कर ताजे पानी की खपत को कम किया और पुनर्चक्रण को बढ़ावा दिया।
  2. 100% जल आत्मनिर्भरता (RGPPL संयंत्र) – रत्नागिरी गैस एवं पावर प्राइवेट लिमिटेड (RGPPL) संयंत्र में संपूर्ण जल आत्मनिर्भरता प्राप्त की।
  3. सामुदायिक जल संसाधन विकास – स्थानीय जल निकायों का पुनरुद्धार, वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया।
  4. जल दक्षता में उद्योग मानक – ऊर्जा क्षेत्र में जल उपयोग दक्षता में नई मिसाल कायम की।

एनटीपीसी की हरित ऊर्जा और भविष्य की योजनाएं

  • वर्तमान क्षमता – 77 गीगावॉट से अधिक स्थापित उत्पादन क्षमता।
  • भविष्य की परियोजनाएं – 29.5 GW क्षमता निर्माणाधीन, जिसमें 9.6 GW अक्षय ऊर्जा शामिल है।
  • 2032 लक्ष्य60 GW नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य।

एनटीपीसी की ऊर्जा परिवर्तन पहल

  • ई-मोबिलिटी समाधान – इलेक्ट्रिक वाहनों के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा।
  • बैटरी स्टोरेज और पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज – ऊर्जा भंडारण क्षमता को मजबूत करना।
  • वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स – अपशिष्ट प्रबंधन से सतत ऊर्जा उत्पादन।
  • न्यूक्लियर पावर और ग्रीन हाइड्रोजन – कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का विकास।

यह पुरस्कार एनटीपीसी के पर्यावरण संरक्षण, जल संसाधन प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गायक मोहम्मद रफ़ी की 100वीं जयंती पर ₹100 स्मारक सिक्का जारी

भारत सरकार ने महान गायक मोहम्मद रफ़ी की 100वीं जयंती के अवसर पर ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करने की घोषणा की है। यह पहल भारतीय संगीत और संस्कृति में रफ़ी साहब के अपार योगदान को सम्मानित करने के लिए की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद रफ़ी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें “संगीत का अद्भुत जादूगर” बताया, जिनका सांस्कृतिक प्रभाव और लोकप्रियता पीढ़ियों तक अमिट बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि रफ़ी साहब की बहुमुखी गायकी ने हर भाव को संगीतमय स्वरूप दिया और उनका संगीत आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है।

₹100 स्मारक सिक्के की विशेषताएँ

  • मोहम्मद रफ़ी की छवि सिक्के पर उकेरी जाएगी, जो उनके संगीत जगत में अमर योगदान का प्रतीक होगी।
  • सिक्के के डिज़ाइन की विस्तृत जानकारी अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन इसमें आमतौर पर राष्ट्रीय प्रतीक और उनके योगदान को दर्शाने वाले अभिलेख शामिल होते हैं।
  • यह सिक्का भारतीय संगीत प्रेमियों के लिए एक अनमोल स्मृति चिह्न होगा।

रफ़ी साहब की जन्मस्थली पर ‘रफ़ी मीनार’ का निर्माण

  • पंजाब के अमृतसर जिले के कोटला सुल्तान सिंह गाँव, जो मोहम्मद रफ़ी का जन्मस्थान है, वहां 100 फीट ऊँचा ‘रफ़ी मीनार’ बनाया जा रहा है।
  • इस स्मारक पर रफ़ी साहब के 100 सर्वश्रेष्ठ गीतों को उकेरा जाएगा।
  • यह संगीत प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक स्थल बनेगा, जहाँ रफ़ी साहब के योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाएगा।

निष्कर्ष

मोहम्मद रफ़ी की 100वीं जयंती पर ₹100 के स्मारक सिक्के और ‘रफ़ी मीनार’ का निर्माण भारतीय संगीत इतिहास के इस स्वर्णिम अध्याय को सम्मानित करने का एक अनूठा प्रयास है। यह पहल रफ़ी साहब के अमर संगीत को नई पीढ़ियों तक पहुँचाने और उनके अतुलनीय योगदान को चिरस्थायी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

पहलू विवरण
क्यों चर्चा में? सरकार ने मोहम्मद रफ़ी की 100वीं जयंती पर ₹100 का स्मारक सिक्का जारी करने की घोषणा की।
सम्मानित व्यक्तित्व मोहम्मद रफ़ी, महान भारतीय पार्श्व गायक।
सिक्के की विशेषता रफ़ी साहब की छवि अंकित होगी, जो उनके संगीतिक योगदान का प्रतीक होगी।
प्रधानमंत्री की श्रद्धांजलि नरेंद्र मोदी ने उन्हें संगीत का अद्भुत जादूगर” बताया, जिनका प्रभाव कालजयी है।
अतिरिक्त सम्मान पंजाब में उनके जन्मस्थान पर 100 फीट ऊँचा ‘रफ़ी मीनार’ बनाया जा रहा है।
सांस्कृतिक प्रभाव भारतीय संगीत और सिनेमा में उनके अतुलनीय योगदान को वैश्विक स्तर पर सराहा जाता है।

भारत के राष्ट्रपति ने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का उद्घाटन किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 14 फरवरी 2025 को बेंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। अपने संबोधन में, उन्होंने भारतीय नारी शक्ति के बढ़ते प्रभाव और उनके विज्ञान, खेल, राजनीति, कला और संस्कृति में अभूतपूर्व योगदान पर प्रकाश डाला।

महिलाओं की उपलब्धियाँ और सशक्तिकरण

अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने उन महिलाओं की उपलब्धियों को सराहा, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि आज की महिलाएँ आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं और अपने परिवार, संस्थानों और राष्ट्र को गौरवान्वित कर रही हैं।

उन्होंने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि:

  • साहस जुटाएँ और बड़े सपने देखें।
  • अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और सफलता प्राप्त करें।
  • यह समझें कि व्यक्तिगत लक्ष्य प्राप्त करने का हर छोटा कदम भारत के विकास में योगदान देता है।

राष्ट्रपति के इस प्रेरणादायक संदेश ने महिलाओं के सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।

तकनीकी युग में महिलाओं की भूमिका और मानवीय मूल्यों का संरक्षण

राष्ट्रपति ने कहा कि हम तकनीकी क्रांति के युग में हैं, जहाँ विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने जीवन को सरल और उन्नत बनाया है। लेकिन इस प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में करुणा, प्रेम और एकता जैसे मानवीय मूल्यों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि:

  • महिलाओं में करुणा के साथ नेतृत्व करने की विशेष क्षमता होती है।
  • वे परिवार, समाज और वैश्विक स्तर पर एकता और समरसता को बढ़ावा देती हैं।
  • महिलाएँ व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर संपूर्ण समुदाय के कल्याण के लिए कार्य करती हैं।

उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मेलन महिलाओं को आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे एक शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण विश्व का निर्माण संभव होगा।

आर्ट ऑफ लिविंग का शिक्षा और राष्ट्र निर्माण में योगदान

राष्ट्रपति ने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि:

  • शिक्षा मानवता में सबसे महत्वपूर्ण निवेश है।
  • शिक्षा भविष्य की पीढ़ियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाती है।
  • सही मार्गदर्शन और समर्थन से बच्चे राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दे सकते हैं।

उन्होंने बच्चों को ज्ञान और नैतिक मूल्यों से सशक्त करने का आह्वान किया, जिससे वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

वैश्विक चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई की अपील

राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी चिंता व्यक्त की और पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि:

  • जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक संकट है, जिससे निपटने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भविष्य की पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • सतत विकास और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता है।

उन्होंने स्थिरता (sustainability) और इको-फ्रेंडली उपायों को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया, ताकि पृथ्वी को सुरक्षित रखा जा सके।

निष्कर्ष

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण, मानवीय मूल्यों, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठाया। उन्होंने इस सम्मेलन को महिलाओं के लिए प्रेरणादायक मंच बताते हुए आशा व्यक्त की कि यह एक न्यायसंगत, शांतिपूर्ण और सतत समाज के निर्माण में योगदान देगा।

चीन में मिला सबसे प्राचीन जुरासिक पक्षी जीवाश्म

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के इंस्टीट्यूट ऑफ वर्टीब्रेट पेलियंटोलॉजी एंड पैलियोएंथ्रोपोलॉजी (IVPP) के प्रोफेसर वांग मिन के नेतृत्व में एक शोध दल ने फुजियान प्रांत, चीन में जुरासिक युग (लगभग 149 मिलियन वर्ष पूर्व) के दो पक्षी जीवाश्म खोजे हैं। यह अध्ययन “नेचर” पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और पक्षी विकास (एवियन एवोल्यूशन) को लेकर मौजूदा धारणाओं को चुनौती देता है।

यह खोज यह दर्शाती है कि जुरासिक युग के अंत तक पक्षियों में अधिक विविधता आ चुकी थी। विशेष रूप से, “Baminornis zhenghensis” की खोज ने यह साबित किया कि छोटी पूंछ वाले पक्षी (short-tailed birds) लगभग 20 मिलियन वर्ष पहले ही विकसित हो चुके थे, जो पहले की तुलना में कहीं अधिक पुरानी अवधारणा है।

खोज की मुख्य बातें

खोज स्थान: फुजियान प्रांत, दक्षिण-पूर्व चीन
जीवाश्म की आयु: लगभग 149 मिलियन वर्ष (जुरासिक काल)
महत्व: पक्षियों के प्रारंभिक विकास क्रम (early avian evolution) की समझ को और परिष्कृत करता है
प्रकाशित पत्रिका: नेचर

Baminornis zhenghensis – सबसे पुराना छोटा-पूंछ वाला पक्षी

  • नाम: Baminornis zhenghensis
  • मुख्य विशेषताएँ:
    • इसमें छोटी पूंछ और पिगोस्टाइल (pygostyle) पाई गई, जो आधुनिक पक्षियों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है।
    • इसमें आधुनिक और प्राचीन विशेषताओं का मिश्रण देखा गया, जैसे:
      1. आधुनिक विशेषता: कंधे और श्रोणि क्षेत्र (pelvic girdle) उन्नत पक्षियों (Ornithothoracine birds) की तरह विकसित।
      2. प्राचीन विशेषता: हाथों की संरचना गैर-एवियलन डायनासोर (non-avialan dinosaurs) जैसी।
  • यह खोज छोटे-पूंछ वाले पक्षियों की उत्पत्ति को 20 मिलियन वर्ष पहले तक ले जाती है।
  • वंशानुक्रमीय (phylogenetic) विश्लेषण के अनुसार, यह पक्षी Archaeopteryx से निकटता से जुड़ा हुआ है।

Archaeopteryx की नई व्याख्या

  • पहले धारणा: Archaeopteryx को जुरासिक युग का एकमात्र पक्षी माना जाता था।
  • नई खोज: अब इसे पक्षी न मानकर deinonychosaurian डायनासोर के रूप में देखा जा सकता है।
  • परिणाम: यदि Archaeopteryx को पक्षियों की श्रेणी से बाहर रखा जाए, तो Baminornis zhenghensis पहला परिभाषित जुरासिक पक्षी बन जाता है।

दूसरा जीवाश्म – Ornithuromorpha समूह से संबंध

  • यह जीवाश्म केवल एक फर्कुला (wishbone) का था।
  • भू-आकृतिक और वंशीय विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ कि यह क्रेटेशियस युग के Ornithuromorpha पक्षियों से संबंधित हो सकता है।
  • अधूरी जानकारी: संरक्षण की स्थिति खराब होने के कारण कोई नई प्रजाति नामित नहीं की गई।
  • भविष्य की संभावनाएँ: अधिक जीवाश्म प्रमाणों की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

यह खोज जुरासिक युग के अंत में पक्षियों की व्यापक विविधता को दर्शाती है और Baminornis zhenghensis की पहचान को महत्वपूर्ण बनाती है। यदि Archaeopteryx को पक्षी न माना जाए, तो यह पहला परिभाषित जुरासिक पक्षी होगा। यह अध्ययन पक्षी विकासक्रम (avian evolution) को समझने की दिशा में एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।

मुकेश अंबानी एशिया के सबसे धनी परिवारों की सूची में शीर्ष पर

एशिया के सबसे धनी परिवार वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ब्लूमबर्ग की 2025 एशिया के सबसे अमीर परिवारों की रैंकिंग के अनुसार, मुकेश अंबानी और अंबानी परिवार ने शीर्ष स्थान बनाए रखा है, जिससे उनकी व्यापारिक श्रेष्ठता और संपत्ति सृजन की क्षमता प्रमाणित होती है। यह सूची एशिया के प्रमुख व्यावसायिक वंशों की विरासत को दर्शाती है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी अपने वित्तीय साम्राज्य को मजबूत कर रहे हैं।

भारतीय परिवारों की महत्वपूर्ण उपस्थिति

भारत की अर्थव्यवस्था और औद्योगिक योगदान को रेखांकित करते हुए, शीर्ष 20 में 6 भारतीय परिवारों को शामिल किया गया है। इनमें शामिल हैं:

  • शापूरजी पालोनजी ग्रुप (मिस्त्री परिवार)
  • ओ.पी. जिंदल ग्रुप (जिंदल परिवार)
  • आदित्य बिड़ला ग्रुप (बिड़ला परिवार)
  • बजाज ग्रुप (बजाज परिवार)
  • हिंदुजा ग्रुप (हिंदुजा परिवार)

ब्लूमबर्ग 2025 रैंकिंग की मुख्य बातें

मुकेश अंबानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज

  • रैंक 1: मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं।
  • व्यापार विविधीकरण: रिलायंस इंडस्ट्रीज तेल शोधन, प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता वस्तुओं, वित्तीय सेवाओं और हरित ऊर्जा में कार्यरत है।
  • पारिवारिक नेतृत्व: 2002 में पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने कंपनी की बागडोर संभाली।
  • अगली पीढ़ी की भूमिका: उनके बच्चे कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों के प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

अन्य भारतीय परिवारों की स्थिति

शापूरजी पालोनजी ग्रुप (मिस्त्री परिवार)

  • $400 बिलियन टाटा ग्रुप में प्रमुख शेयरधारक।
  • भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में मिस्त्री परिवार का महत्वपूर्ण योगदान।

ओ.पी. जिंदल ग्रुप (जिंदल परिवार)

  • 1952 में स्थापित इस्पात संयंत्र से शुरुआत कर ऊर्जा, सीमेंट और खेल जैसे क्षेत्रों में विस्तार।
  • औद्योगिक क्षेत्र में निरंतर वृद्धि।

आदित्य बिड़ला ग्रुप (बिड़ला परिवार)

  • 19वीं सदी से चला आ रहा व्यवसायिक साम्राज्य।
  • कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व में धातु, वित्तीय सेवाओं और खुदरा क्षेत्रों में प्रमुख उपस्थिति।

बजाज ग्रुप (बजाज परिवार)

  • 1926 में स्थापना, पहले स्कूटर व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध, बाद में सीमेंट, विद्युत उपकरण आदि में विस्तार।
  • भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में प्रभावी योगदान।

हिंदुजा ग्रुप (हिंदुजा परिवार)

  • 1914 में व्यापार और बैंकिंग क्षेत्र में शुरुआत।
  • ऊर्जा, ऑटोमोटिव, वित्त और स्वास्थ्य सेवा में वैश्विक विस्तार।
  • मुंबई, लंदन और जिनेवा में संचालन केंद्र।

निष्कर्ष

इस रैंकिंग में भारतीय परिवारों की मजबूत उपस्थिति भारत की औद्योगिक शक्ति और आर्थिक वृद्धि को दर्शाती है। अंबानी परिवार का शीर्ष स्थान बनाए रखना और अन्य प्रतिष्ठित भारतीय परिवारों का शामिल होना, वैश्विक व्यापार पर भारत की बढ़ती पकड़ को इंगित करता है।

सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त परिवार

Rank Family Name  Business Group Country
1 Ambanis Relaince Industries India
2 Chearavanonts Charoen Pokphand Group Thailand
3 Hartonos Djarum, Bank Central Asi Indonesia
4 Mistrys Shapoorji Pallonji Group India
5 Kwoks Sun Hung Kai Properties Hong Kong
6 Tsai Family Cathay Financial, Taiwan
7 Jindals OP Jindal Group India
8 Yoovidhya Family TCP Group Thailand
9 Birlas Aditya Birla Group India
10 Lees Family Samsung South Korea
11 Zhangs China Hongqiao China
12 Cheng (New World Development) Hong Kong
13 Bajaj’s Bajaj Group India
14 Pao/Woos BW Group Hong Kong
15 Kwek/Queks Hong Leong Group Singapore/Malaysia
16 Kadoories CLP Holdings Hong Kong
17 Chirathivats Central Group Thailand
18 Hindujas Hinduja Group India
19 Sys SM Investments Philippines

RBI ने एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में टेमासेक यूनिट की हिस्सेदारी बढ़ाने को मंजूरी दी

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने Zulia Investments को AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में अपनी हिस्सेदारी 7% तक बढ़ाने की अनुमति दी है। Zulia Investments, Temasek Holdings की एक सहायक कंपनी है, और यह निवेश भारत के वित्तीय क्षेत्र में बढ़ती वैश्विक रुचि को दर्शाता है। जयपुर स्थित AU स्मॉल फाइनेंस बैंक, भारत का सबसे बड़ा स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) है, जो रिटेल, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को वित्तीय सेवाएं प्रदान करता है।

मुख्य बिंदु

RBI द्वारा Zulia Investments को दी गई मंजूरी

  • Zulia Investments, जो Temasek Holdings की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, वर्तमान में AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में 1.37% हिस्सेदारी रखती है।
  • अब RBI की अनुमति से, Zulia अपनी हिस्सेदारी 7% तक बढ़ा सकती है, जो भुगतान की गई शेयर पूंजी (paid-up capital) या मतदान अधिकारों (voting rights) के आधार पर होगी।
  • यह हिस्सेदारी अधिग्रहण एक वर्ष के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।

AU स्मॉल फाइनेंस बैंक की स्थिति और संचालन

  • भारत का सबसे बड़ा स्मॉल फाइनेंस बैंक, जो रिटेल और MSME क्रेडिट तथा डिपॉज़िट बैंकिंग सेवाएं प्रदान करता है।
  • मुख्यालय: जयपुर।
  • बैंक का नेटवर्क: 21 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में 2,400 बैंकिंग टचप्वाइंट।
  • कुल कर्मचारी संख्या: 49,000।

वित्तीय प्रदर्शन (Q3 वित्त वर्ष 2024-25)

  • डिपॉज़िट बेस: ₹1.12 लाख करोड़।
  • लोन पोर्टफोलियो: ₹1.08 लाख करोड़।
  • कुल बैलेंस शीट: ₹1.43 लाख करोड़।

AU स्मॉल फाइनेंस बैंक का यूनिवर्सल बैंक बनने की प्रक्रिया

  • सितंबर 2024 में AU स्मॉल फाइनेंस बैंक ने RBI से यूनिवर्सल बैंक में रूपांतरण के लिए आवेदन किया।
RBI की रूपांतरण के लिए गाइडलाइंस:
  • न्यूनतम नेट वर्थ ₹1,000 करोड़।
  • कम से कम पांच वर्षों का संतोषजनक प्रदर्शन।
  • नफा-नुकसान रिकॉर्ड: पिछले दो वित्तीय वर्षों में ग्रॉस NPA < 3% और नेट NPA < 1% होना चाहिए।
  • पूंजी पर्याप्तता मानदंडों (Capital Adequacy Norms) का अनुपालन और रूपांतरण के लिए विस्तृत तर्क प्रस्तुत करना अनिवार्य।
विषय विवरण
क्यों चर्चा में? RBI ने Temasek की इकाई को AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाने की मंजूरी दी
मंजूरी प्राप्त कंपनी Zulia Investments (Temasek की सहायक कंपनी)
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक में मौजूदा हिस्सेदारी 1.37%
स्वीकृत हिस्सेदारी वृद्धि 7% तक
हिस्सेदारी अधिग्रहण की समयसीमा RBI की मंजूरी के एक वर्ष के भीतर
AU स्मॉल फाइनेंस बैंक की उपस्थिति 2,400 टचप्वाइंट, 21 राज्य, 4 केंद्र शासित प्रदेश
वित्तीय प्रदर्शन (Q3 वित्त वर्ष 2024-25) ₹1.12 लाख करोड़ जमा, ₹1.08 लाख करोड़ ऋण, ₹1.43 लाख करोड़ बैलेंस शीट
यूनिवर्सल बैंक में रूपांतरण सितंबर 2024 में RBI को आवेदन प्रस्तुत किया
RBI के रूपांतरण दिशा-निर्देश ₹1,000 करोड़ नेट वर्थ, <3% ग्रॉस NPA, <1% नेट NPA, 5+ वर्ष का लाभकारी प्रदर्शन

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