Juspay 2025 में भारत की पहली यूनिकॉर्न बनी

बेंगलुरु स्थित पेमेंट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी Juspay ने 2025 का भारत का पहला यूनिकॉर्न बनने का गौरव प्राप्त किया है। कंपनी ने सीरीज़ D फंडिंग राउंड में $60 मिलियन (लगभग ₹500 करोड़) जुटाए हैं। इस निवेश दौर का नेतृत्व Kedaara Capital ने किया, जिसमें मौजूदा निवेशकों SoftBank और Accel ने भी भाग लिया।

हालाँकि पहले $150 मिलियन जुटाने का अनुमान था, लेकिन इससे कम राशि प्राप्त होने के बावजूद Juspay का मूल्यांकन $1 बिलियन के पार पहुँच गया है — जो कि भारत के फिनटेक क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अब Juspay का अगला लक्ष्य है:

  • AI तकनीकों के ज़रिए अपने टेक्नोलॉजी स्टैक को और मज़बूत बनाना,

  • और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार करना।

यह सफलता भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में हो रहे तेजी से विकास को दर्शाती है।

Juspay के यूनिकॉर्न बनने से जुड़ी फंडिंग से संबंधित प्रमुख बातें

  • जुटाई गई राशि: 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर

  • फंडिंग राउंड: सीरीज़ D

  • प्रमुख निवेशक: Kedaara Capital

  • अन्य निवेशक: SoftBank और Accel

  • संरचना: प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों प्रकार की हिस्सेदारी का संयोजन

  • प्रारंभिक लक्ष्य: 150 मिलियन डॉलर तक जुटाने की योजना थी, लेकिन बाद में इसे घटाया गया

यह फंडिंग Juspay को तकनीकी उन्नति और वैश्विक विस्तार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने में सहायता करेगी।

यूनिकॉर्न माइलस्टोन और भविष्य की योजनाएँ

यूनिकॉर्न की उपलब्धि

  • मूल्यांकन (Valuation): $1 बिलियन से अधिक

  • स्थिति: भारत का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप – वर्ष 2025

  • मुख्यालय: बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थित

भविष्य की योजनाएँ और व्यापार रणनीति

AI टूल्स में निवेश

  • AI आधारित उत्पादकता में सुधार पर ध्यान

  • संचालन कार्यों में मैन्युअल हस्तक्षेप को कम करना

  • व्यापारियों के लिए बेहतर और स्मार्ट एनालिटिक्स डैशबोर्ड विकसित करना

अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लक्ष्य:

  • एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific – APAC)

  • लैटिन अमेरिका (Latin America)

  • यूरोप, यूनाइटेड किंगडम और उत्तरी अमेरिका (Europe, UK, and North America)

Juspay इन क्षेत्रों में अपने पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी समाधानों का विस्तार करने की योजना बना रहा है, जिससे कंपनी का वैश्विक प्रभाव बढ़ सके।

चुनौतियाँ:

  • प्रमुख ग्राहकों की हानि: Razorpay और PhonePe जैसे बड़े क्लाइंट्स ने Juspay की सेवाओं का उपयोग बंद कर दिया है।

  • प्रभाव: इससे कंपनी की विकास गति और प्लेटफ़ॉर्म अपनाने की प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

  • नवाचार की आवश्यकता: Juspay को लगातार नई तकनीकों और समाधान के साथ विकसित होते रहना होगा ताकि वह मौजूदा ग्राहकों को बनाए रख सके और वैश्विक स्तर पर नए क्लाइंट्स को आकर्षित कर सके।

सारांश / स्थैतिक जानकारी विवरण (हिंदी में)
क्यों चर्चा में है? Juspay ने अप्रैल 2025 में $1 बिलियन का मूल्यांकन पार कर भारत का पहला यूनिकॉर्न बना है।
कंपनी Juspay
उद्योग फिनटेक / पेमेंट्स इंफ्रास्ट्रक्चर
यूनिकॉर्न स्टेटस प्राप्त अप्रैल 2025
फंडिंग राउंड सीरीज़ D
जुटाई गई राशि $60 मिलियन
प्रमुख निवेशक Kedaara Capital
अन्य निवेशक SoftBank, Accel
कुल मूल्यांकन $1 बिलियन से अधिक
फंड का उपयोग AI टूल्स, मर्चेंट डैशबोर्ड्स, अंतरराष्ट्रीय विस्तार
विस्तार के लक्ष्य बाजार एशिया-प्रशांत (APAC), लैटिन अमेरिका, यूरोप, यूके, उत्तरी अमेरिका
चुनौतियाँ प्रमुख साझेदारों का हटना: Razorpay और PhonePe ने Juspay की सेवाएँ छोड़ीं

राजेश उन्नी को राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार से सम्मानित किया गया

राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार, जिसे डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS) द्वारा प्रदान किया जाता है, भारत के समुद्री क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च व्यक्तिगत सम्मान है। 5 अप्रैल 2025 को मुंबई में आयोजित 62वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर, सिनर्जी मरीन ग्रुप के संस्थापक राजेश उन्नी को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने भारत के समुद्री परिदृश्य को आकार देने और उसमें महत्वपूर्ण बदलाव लाने में असाधारण योगदान दिया हो।

मुख्य बिंदु 

पुरस्कार का विवरण

  • राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार भारत में समुद्री उद्योग में उत्कृष्टता के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च व्यक्तिगत सम्मान है।

  • यह पुरस्कार डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS) द्वारा उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने समुद्री क्षेत्र में असाधारण और निरंतर योगदान दिया हो।

राजेश उन्नी का योगदान

  • राजेश उन्नी Synergy Marine Group के संस्थापक हैं, जो समुद्री उद्योग में एक प्रमुख संस्था के रूप में स्थापित है।

  • कंपनी भारतीय ध्वजवाहक जहाजों का प्रबंधन करती है और समग्र समुद्री समाधान प्रदान करती है।

  • उन्नी के प्रयासों ने भारतीय समुद्री क्षेत्र को नवाचार और स्थिरता (sustainability) की दिशा में उल्लेखनीय रूप से आगे बढ़ाया है।

पुरस्कार का महत्व

  • यह पुरस्कार केवल जहाजों के संचालन में योगदान देने वालों को ही नहीं, बल्कि समुद्री संचालन की व्यापक समझ, नेतृत्व और प्रबंधन प्रणाली में योगदान देने वाले पेशेवरों को भी सम्मानित करता है।

  • यह उन समुद्री और भूमि-आधारित पेशेवरों की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करता है जो शिपिंग उद्योग का भविष्य गढ़ सकते हैं।

राजेश उन्नी का वक्तव्य

  • उन्नी ने कहा कि भारत के समुद्री पेशेवरों में सिर्फ जहाज चलाने की नहीं, बल्कि पूरे वैश्विक शिपिंग उद्योग का नेतृत्व करने की क्षमता है।

सिनर्जी मरीन ग्रुप

  • यह कंपनी भारतीय ध्वजवाहक पोतों के प्रबंधन और एकीकृत समुद्री समाधान में विशेषज्ञता रखती है।

  • यह थर्ड-पार्टी शिप मैनेजमेंट में एक अग्रणी संस्था बन चुकी है, जो वैश्विक समुद्री उद्योग के लिए एक अहम सेवा है।

सारांश / स्थिर जानकारी विवरण
क्यों है ख़बरों में? राजेश उन्नी को राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार का नाम राष्ट्रीय समुद्री वरुण पुरस्कार
प्रस्तुतकर्ता डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग (DGS)
पुरस्कार प्राप्तकर्ता राजेश उन्नी, संस्थापक – Synergy Marine Group
कार्यक्रम की तिथि 5 अप्रैल 2025 – 62वां राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह, मुंबई
पुरस्कार का महत्व भारत के समुद्री क्षेत्र में निरंतर और महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मान
Synergy Marine Group भारतीय ध्वजवाहक जहाजों का प्रमुख थर्ड-पार्टी प्रबंधक व समुद्री समाधान प्रदाता
राजेश उन्नी की भूमिका भारतीय समुद्री उद्योग की वृद्धि में अग्रणी नेतृत्व और नवाचार
उन्नी का वक्तव्य भारतीय समुद्री पेशेवर केवल जहाज़ नहीं चलाते, बल्कि शिपिंग के भविष्य का नेतृत्व कर सकते हैं।

लंदन के ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ में लगेगा शाहरुख-काजोल का स्टैच्यू

यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी शाहरुख खान और काजोल की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। डीडीएलजे अब लीसेस्टर स्क्वायर लंदन में स्थापित होने वाली पहली भारतीय फिल्म बन जाएगी, जिससे जुड़ा स्टैच्यू यहां लगेगा। शाहरुख और काजोल का फिल्म के एक सीन का स्टैच्यू ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ में लगेगा। इसकी घोषणा हार्ट ऑफ लंदन बिजनेस अलायंस ने की। लीसेस्टर स्क्वायर में ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ मूवी ट्रेल में अब डीडीएलजे के रूप में एक नई प्रतिमा लगेगी। यह हिंदी सिनेमा की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फिल्म के 30 साल पूरे होने के जश्न की शुरूआत होगी।

आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्दशित पहली फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के नाम पहले से भी कई रिकॉर्ड और अवॉर्ड हैं। इस नए स्टैच्यू में फिल्म के प्रमुख कलाकार शाहरुख खान और काजोल की डीडीएलजे के एक सीन को दिखाती हुई कांस्य की प्रतिमा लगाई जाएगी। इस स्टैच्यू का अनावरण इस साल वसंत में 20 अक्टूबर 2025 को फिल्म के 30 साल पूरे होने से कुछ महीने पहले होगा। फिल्म को यह उपलब्धि मिलना ये दर्शाता है कि ब्रिटिश साउथ एशियाई लोगों में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ कितनी प्रसिद्ध है।

मुख्य आकर्षण 

प्रतिमा और स्थान

  • शाहरुख़ ख़ान (राज) और काजोल (सिमरन) की कांस्य प्रतिमा लंदन के Leicester Square पर स्थापित की जाएगी।

  • यह प्रतिमा DDLJ के उस प्रतिष्ठित दृश्य को दर्शाती है जहाँ राज, Vue Cinema के बाहर खड़ा होता है और सिमरन, Odeon Leicester Square के सामने से गुज़रती है।

  • स्थान का विशेष महत्व है क्योंकि Leicester Square फिल्म में भी दर्शाया गया था, जिससे यह श्रद्धांजलि और भी सार्थक बन जाती है।

  • प्रतिमा Odeon Cinema के पूर्वी हिस्से (Eastern Terrace) पर स्थापित की जाएगी।

समय और अवसर

  • प्रतिमा का अनावरण वसंत 2025 में किया जाएगा।

  • यह फिल्म की 30वीं वर्षगांठ का प्रतीक होगा (DDLJ की मूल रिलीज़: 1995)।

वैश्विक और सांस्कृतिक महत्व

  • DDLJ, “Scenes in the Square” फिल्म ट्रेल में शामिल होने वाली पहली भारतीय और बॉलीवुड फिल्म बनेगी।

  • यह ब्रिटेन और वैश्विक स्तर पर बॉलीवुड की लोकप्रियता को सम्मानित करने का प्रयास है।

  • यह ट्रेल सिनेमा के 100 वर्षों का उत्सव है, जिसमें विश्व की प्रसिद्ध फिल्मों के किरदारों की लाइफ-साइज़ प्रतिमाएं लगाई जाती हैं।

DDLJ की विरासत

  • DDLJ बॉलीवुड की सबसे सफल और सबसे लंबे समय तक चलने वाली फिल्मों में से एक है।

  • आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित (उनकी पहली फिल्म)।

  • मुख्य भूमिकाओं में: शाहरुख़ ख़ान, काजोल। सहायक कलाकार: अमरीश पुरी, अनुपम खेर

  • फिल्म एक प्रेम कहानी है जो यूरोप से भारत तक फैली हुई है, और प्रवासी भारतीयों (NRIs) की भावनाओं को दर्शाती है।

  • यह फिल्म संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता के टकराव का भी प्रतीक बन गई है।

आधिकारिक प्रतिक्रियाएं

मार्क विलियम्स, डिप्टी CEO, Heart of London Business Alliance:

“शाहरुख़ और काजोल को Scenes in the Square ट्रेल में शामिल करना शानदार है। DDLJ बॉलीवुड की सबसे सफल और महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है। यह भारतीय सिनेमा की वैश्विक लोकप्रियता और लंदन की विविधता का उत्सव है।”

अक्षय विधानी, CEO, Yash Raj Films:

“DDLJ ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदल दिया। आज इस फिल्म को हैरी पॉटर और जीन केली जैसे वैश्विक प्रतीकों के साथ मान्यता मिलना गर्व की बात है। यह मूर्ति भारतीय सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय अपील और सांस्कृतिक जुड़ाव की प्रतीक है।”

भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए महत्व

  • यह मूर्तिकला बॉलीवुड की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।

  • UK-India सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूती प्रदान करती है, खासकर ब्रिटिश दक्षिण एशियाई समुदाय में।

  • यह दर्शाती है कि भारतीय सिनेमा वैश्विक सांस्कृतिक पुल के रूप में कार्य कर रहा है।

विषय विवरण
क्यों है ख़बरों में? लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर पर DDLJ की प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है।
सम्मानित फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (DDLJ), 1995
प्रतिमा में मुख्य कलाकार शाहरुख़ ख़ान और काजोल
निर्देशक आदित्य चोपड़ा
दृश्य का चित्रण राज – Vue Cinema के पास, सिमरन – Odeon Leicester Square के पास
प्रतिमा का स्थान Odeon Cinema, Leicester Square के पूर्वी हिस्से (Eastern Terrace)
अनावरण की तारीख वसंत 2025
अवसर DDLJ की 30वीं वर्षगांठ
महत्व ‘Scenes in the Square’ में शामिल होने वाली पहली भारतीय फिल्म
आयोजक संस्था Heart of London Business Alliance
सांस्कृतिक प्रभाव भारतीय प्रवासी समुदाय और बॉलीवुड की वैश्विक पहुँच का उत्सव

महावीर जयंती 2025: इतिहास और महत्व

महावीर जयंती जैन धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान महावीर के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर थे। वर्ष 2025 में यह पर्व 10 अप्रैल (गुरुवार) को मनाया जाएगा, जो भगवान महावीर की 2623वीं जयंती है। यह दिन जैन समुदाय के लिए गहन श्रद्धा, साधना और सेवा का अवसर होता है। महावीर जयंती पर जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की विशेष स्मृति की जाती है—अहिंसा (हिंसा का त्याग), सत्य (सच बोलना), अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (इंद्रियों पर नियंत्रण) और अपरिग्रह (अलगाव व लोभ का त्याग)। इस पावन अवसर पर जैन मंदिरों में पूजा-अर्चना, प्रवचन, भक्ति गीत, धार्मिक यात्राएं (जुलूस), तथा दान और सेवा के कार्य होते हैं। भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे जैन समुदाय भी इसे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं। महावीर जयंती केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह जीवन के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा भी है।

महावीर जयंती 2025 

तिथि और पंचांग विवरण

  • महावीर जयंती 2025 की तारीख: 10 अप्रैल 2025 (गुरुवार)

  • हिंदू पंचांग अनुसार तिथि: चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि

  • तिथि का समय:

    • प्रारंभ: 9 अप्रैल रात 10:55 बजे

    • समाप्त: 11 अप्रैल रात 01:00 बजे तक
      (जैसा कि द्रिक पंचांग के अनुसार दर्शाया गया है)

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

  • जन्म वर्ष: 599 ईसा पूर्व

  • जन्म स्थान: कुंडलग्राम (वर्तमान वैशाली जिला, बिहार)

  • जन्म नाम: वर्धमान

  • माता-पिता: माता त्रिशला और राजा सिद्धार्थ

  • वर्धमान ने 30 वर्ष की आयु तक राजकाज संभाला, तत्पश्चात सत्य की खोज में संसार त्याग दिया।

  • 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद उन्हें केवल ज्ञान (सर्वोच्च ज्ञान) की प्राप्ति हुई।

  • उन्होंने जीवन-मुक्ति का उपदेश दिया और जैन धर्म को वर्तमान स्वरूप प्रदान किया।

  • मोक्ष की प्राप्ति: 72 वर्ष की आयु में, 527 ईसा पूर्व में।

महत्व और आध्यात्मिक संदेश

  • भगवान महावीर के जन्म और उनके उपदेशों की स्मृति में यह पर्व मनाया जाता है।

  • अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे जैन सिद्धांतों को बढ़ावा देता है।

  • सांसारिक मोह-माया से विरक्ति और आत्मचिंतन का समय माना जाता है।

  • समाज सेवा और आध्यात्मिक शुद्धि पर बल दिया जाता है।

कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती

  • जैन मंदिरों में विशेष पूजा और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।

  • जैन आगमों (धार्मिक ग्रंथों) का पाठ किया जाता है।

  • दान-पुण्य, भूखों को भोजन कराना, ज़रूरतमंदों की सहायता की जाती है।

  • रथ यात्रा (झांकी) निकाली जाती है, जिसमें भगवान महावीर की प्रतिमा को नगर में भ्रमण कराया जाता है।

  • भजन-कीर्तन, ध्यान और उनके उपदेशों पर चिंतन किया जाता है।

  • भारत ही नहीं, नेपाल, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों में भी जैन समुदाय इसे श्रद्धा से मनाता है।

अतिरिक्त सांस्कृतिक मान्यताएं

  • श्वेतांबर संप्रदाय के अनुसार, भगवान महावीर की माता त्रिशला ने उनके जन्म से पूर्व 14 शुभ स्वप्न देखे थे, जो उनके दिव्य स्वरूप और महानता का संकेत थे।

  • ऐसा माना जाता है कि वह या तो एक महान सम्राट या एक तपस्वी तीर्थंकर बनेंगे।

  • “महावीर” नाम का अर्थ है — “महान वीर”, जो उनके आत्मसंयम और इंद्रिय-विजय का प्रतीक है।

भारत में घट रही है बेरोजगारी दर, पहुंची 4.9 फीसद पर

नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey – PLFS) के अनुसार, जिसे सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जारी किया है, भारत में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच बेरोजगारी दर में हल्की गिरावट दर्ज की गई है — जो 2023 में 5.0% थी, वह 2024 में घटकर 4.9% हो गई है। यह रिपोर्ट यह संकेत देती है कि रोज़गार के अवसरों में मामूली सुधार हुआ है, हालांकि क्षेत्रवार (सेक्टर वाइज) और लिंग आधारित (जेंडर वाइज) असमानताएँ अब भी बनी हुई हैं।

2024 पीएलएफएस की मुख्य बातें

बेरोजगारी के रुझान (15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग)

  • संपूर्ण भारत में बेरोजगारी दर:
    2023 के 5.0% से घटकर 2024 में 4.9% हो गई।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी:

    • 4.3% से घटकर 4.2% पर आ गई।

    • पुरुष और महिला — दोनों की बेरोजगारी दर में मामूली गिरावट।

  • शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी:

    • पुरुषों की बेरोजगारी बढ़कर 6.0% से 6.1% हो गई।

    • महिलाओं की बेरोजगारी 8.9% से घटकर 8.2% पर आ गई।

    • कुल शहरी बेरोजगारी दर स्थिर रही: 6.7%

श्रम बल भागीदारी दर 

  • राष्ट्रीय स्तर (15+ आयु वर्ग, PS+SS):

    • LFPR में मामूली गिरावट: 59.8% से घटकर 59.6%

  • शहरी क्षेत्र:

    • पुरुष LFPR: 74.3% से बढ़कर 75.6%

    • महिला LFPR: 25.5% से बढ़कर 25.8%

    • कुल शहरी LFPR: 50.3% से बढ़कर 51.0%

  • कुल LFPR देशभर में लगभग स्थिर: 56.2%

कार्यरत जनसंख्या अनुपात 

  • संपूर्ण भारत:

    • WPR में हल्की गिरावट: 58.0% से 57.7%

  • शहरी क्षेत्र:

    • मामूली सुधार: 47.0% से बढ़कर 47.6%

  • ग्रामीण महिला WPR में गिरावट:

    • इसका कारण घरेलू उद्यमों में बिना वेतन कार्यरत महिला सहायकों की संख्या में कमी हो सकता है।

    • इनका अनुपात 19.9% से घटकर 18.1%

रोजगार के अवसरों की स्थिति

  • सभी क्षेत्रों में हल्का सुधार, भर्ती की धारणा सकारात्मक से स्थिर बनी हुई है।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में बिना वेतन कार्य से हटकर उत्पादक या औपचारिक नौकरियों की ओर स्थानांतरण का संकेत।

अन्य टिप्पणियाँ

  • अल्पसंख्यक वर्गों में बेरोजगारी में वृद्धि दर्ज की गई है (2023–24 के दौरान)।

  • आईटी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 2025 की शुरुआत में भर्ती में तेजी की उम्मीद।

  • युवा रोजगारयोग्यता (Youth Employability) अब भी चिंता का विषय है, विशेषकर AI से प्रभावित क्षेत्रों में।

सारांश / स्थिति विवरण
क्यों ख़बरों में? 2024 में बेरोज़गारी दर मामूली घटकर 4.9% हुई
अखिल भारतीय बेरोज़गारी दर (15+ वर्ष) 5.0% → 4.9% ⬇️
ग्रामीण बेरोज़गारी दर 4.3% → 4.2% ⬇️
शहरी बेरोज़गारी दर स्थिर रही: 6.7%
शहरी पुरुष बेरोज़गारी दर 6.0% → 6.1% ⬆️
शहरी महिला बेरोज़गारी दर 8.9% → 8.2% ⬇️
अखिल भारतीय LFPR (PS+SS, 15+ वर्ष) 59.8% → 59.6% ⬇️
शहरी पुरुष LFPR 74.3% → 75.6% ⬆️
शहरी महिला LFPR 25.5% → 25.8% ⬆️
कुल शहरी LFPR 50.3% → 51.0% ⬆️
कुल LFPR (सभी श्रेणियाँ) स्थिर: 56.2%
अखिल भारतीय WPR 58.0% → 57.7% ⬇️
शहरी WPR 47.0% → 47.6% ⬆️
ग्रामीण महिला – घरेलू सहायकों का प्रतिशत 19.9% → 18.1% ⬇️
रोज़गार धारणा (Hiring Sentiment) सकारात्मक, विशेषकर IT व मैन्युफैक्चरिंग में
अल्पसंख्यक बेरोज़गारी बढ़ी, जबकि कुल बेरोज़गारी घटी
युवा रोजगार योग्यता अब भी चिंता का विषय, AI से प्रभावित

अमेरिका ने अधिकांश देशों के लिए उच्च टैरिफ पर रोक लगाई

वैश्विक व्यापार नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकांश देशों के लिए हाल ही में लगाए गए उच्च टैरिफ़ पर 90 दिनों की रोक लगाने की घोषणा की है। इस फैसले से अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों को कुछ राहत मिली है।

हालांकि, यह रोक चीन पर लागू नहीं होती। इसके विपरीत, चीन पर टैरिफ़ में भारी बढ़ोतरी की गई है, जो अब बढ़कर 125% तक पहुंच गई है। यह कदम अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में एक नाटकीय बढ़त को दर्शाता है। यह कार्रवाई ट्रंप की उस नई रणनीति को दर्शाती है, जिसके तहत वे वैश्विक व्यापार समीकरणों को पुनः निर्धारित करना चाहते हैं, खासकर चीन की ‘अनुचित वर्चस्ववादी नीतियों’ और ‘प्रतिशोधी व्यापार उपायों’ को चुनौती देने के लिए।

मुख्य बिंदु 

90-दिन की टैरिफ़ विराम 

  • ट्रंप ने उन देशों के लिए ऊँचे टैरिफ़ को 90 दिनों के लिए टाल दिया है, जिन्होंने अमेरिकी टैरिफ़ का जवाबी हमला नहीं किया था।

  • इन देशों पर अब केवल 10% “लोअर रेसिप्रोकल टैरिफ़” लगाया जाएगा।

  • यूरोपीय संघ (EU), वियतनाम और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों को पहले तय की गई भारी टैरिफ़ से राहत मिली है।

  • ट्रंप ने कहा कि यह विराम “क्योंकि लोग बहुत ज़्यादा शोर मचा रहे थे (yippy)” इसलिए दिया गया।

चीन पर बढ़ते टैरिफ़ 

  • चीनी वस्तुओं पर टैरिफ़ बढ़ाकर 125% कर दिया गया है।

  • चीन पहले ही अमेरिकी वस्तुओं पर 84% तक टैरिफ़ लगा चुका था।

  • ट्रंप ने चीन पर “सम्मान की कमी” का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर चीन ने रुख नहीं बदला तो और कदम उठाए जाएंगे।

  • इस घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाज़ार में तेज़ उछाल आया, जिससे बाज़ार को राहत मिली।

विवाद की पृष्ठभूमि 

  • ट्रंप ने पहले ही सभी आयातों पर 10% का बेसलाइन टैरिफ़ लागू कर दिया था।

  • तथाकथित “सबसे बड़े दोषी” देशों पर 11% से लेकर 100%+ तक के ऊँचे टैरिफ़ लगाए गए।

  • इससे वैश्विक बाज़ारों में अफरा-तफरी मच गई, जिससे खरबों डॉलर का नुकसान और मंदी की आशंका पैदा हुई।

बाज़ार पर असर 

  • अमेरिका का कर्ज ब्याज दर बढ़कर 4.5% हो गया, जो फरवरी के बाद सबसे अधिक है।

  • 90-दिन की टैरिफ़ विराम की घोषणा के बाद:

    • S&P 500 में 9.5% की बढ़त,

    • Dow Jones में 7.8% की छलांग दर्ज की गई।

चीन की प्रतिक्रिया 

  • चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका पर “धौंसपट्टी वाली नीतियों” का आरोप लगाया।

  • कहा कि अमेरिका को “आपसी सम्मान और पारस्परिकता” का पालन करना होगा।

  • WTO ने भविष्यवाणी की कि द्विपक्षीय व्यापार में 80% तक की गिरावट आ सकती है, जिससे $466 बिलियन तक का नुकसान हो सकता है।

ट्रंप की दीर्घकालीन सोच 

  • टैरिफ़ बढ़ोतरी ट्रंप की लंबे समय से चली आ रही एंटी-चाइना नीति का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत 2016 के चुनाव से हुई थी।

  • ट्रंप ने चीन की “Made in China 2025” योजना की आलोचना करते हुए इसे औद्योगिक वर्चस्व की रणनीति बताया।

  • उनका लक्ष्य चीन को “दुनिया की फैक्ट्री” की छवि से बाहर निकालना है।

अन्य नीतियों पर असर 

  • 25% टैरिफ़ कारों, ऑटो पार्ट्स, स्टील और एल्यूमिनियम पर अभी भी लागू हैं।

  • EU को “बड़ा दोषी” माने जाने के बावजूद 10% पर रोका गया, क्योंकि उसने जवाबी टैरिफ़ में देरी की थी।

  • कनाडा और मैक्सिको को 10% के बेसलाइन टैरिफ़ से भी छूट दी गई है।

वैश्विक प्रतिक्रियाएं 

  • UK पर कोई असर नहीं, क्योंकि वह पहले से 10% टैरिफ़ सूची में था।

  • UK सरकार ने कहा, “व्यापार युद्ध किसी के हित में नहीं है।”

  • WTO और कई अर्थशास्त्रियों ने दी लंबी अवधि के वैश्विक व्यापार विघटन की चेतावनी।

ओडिशा में बनेगा भारत का सबसे बड़ा पेट्रोकेमिकल संयंत्र

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने ओडिशा के पारादीप में एक विश्व स्तरीय पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना के लिए ₹61,077 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। यह IOCL का अब तक का एकल स्थान पर सबसे बड़ा निवेश है, जो भारत के पेट्रोकेमिकल उद्योग और निर्माण क्षमताओं को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय बुनियादी ढांचे को विकसित करेगी, बल्कि फार्मास्युटिकल्स, एग्रोकेमिकल्स, कोटिंग्स और एडहेसिव्स जैसी कई उद्योगों में उपयोग होने वाले उच्च मांग वाले पेट्रोकेमिकल उत्पादों के निर्माण को भी बढ़ावा देगी।

इस समझौते को कई प्रमुख सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में औपचारिक रूप से अंतिम रूप दिया गया, जिनमें शामिल थे:

  • ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी

  • केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी

  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान

  • केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव

यह निवेश भारत में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, स्थानीय रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करेगा, और ओडिशा को एक औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

परियोजना की मुख्य विशेषताएँ (Project Key Details in Hindi)

  • निवेश राशि: ₹61,077 करोड़
  • यह इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) का अब तक का एकल स्थान पर सबसे बड़ा निवेश है।
  • स्थान: पारादीप, ओडिशा

परियोजना के प्रमुख घटक:

  • ड्यूल-फीड क्रैकर यूनिट – आवश्यक पेट्रोकेमिकल्स के उत्पादन के लिए

  • डाउनस्ट्रीम यूनिट्स, जिनमें निम्नलिखित उत्पादों का निर्माण होगा:

    • फिनोल

    • पॉलीप्रोपाइलीन (PP)

    • आइसोप्रोपाइल अल्कोहल (IPA)

    • हाई-डेंसिटी पॉलीएथिलीन (HDPE)

    • लीनियर लो-डेंसिटी पॉलीएथिलीन (LLDPE)

    • पॉलीविनाइल क्लोराइड (PVC)

    • ब्यूटाडीन

उत्पादों के उपयोग:

  • फिनोल: प्लास्टिक, चिपकने वाले (adhesives) और दवाओं में प्रयोग

  • PP: पैकेजिंग, वस्त्र और ऑटोमोबाइल उद्योग में

  • IPA: फार्मास्युटिकल्स, क्लीनिंग प्रोडक्ट्स और सॉल्वेंट्स में

  • HDPE/LLDPE: कंटेनर, पाइप और फिल्म निर्माण में

  • PVC: निर्माण, विद्युत और चिकित्सा उपकरणों में

  • ब्यूटाडीन: सिंथेटिक रबर और प्लास्टिक निर्माण में

प्रभाव (Impact):

  • ओडिशा की पेट्रोकेमिकल अधोसंरचना को मजबूती

  • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसरों का सृजन

  • पारादीप पेट्रोलियम, केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन (PCPIR) के विकास को गति

ओडिशा और भारत के औद्योगिक विकास के लिए महत्व:

  • रणनीतिक स्थान: पारादीप का तटीय स्थान इसे औद्योगिक विकास के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाता है

  • औद्योगिक केंद्र के रूप में विकास: यह परियोजना पारादीप को एक विश्वस्तरीय औद्योगिक हब में बदल देगी

  • रोज़गार सृजन: संयंत्र और संबंधित सेवाओं के माध्यम से हजारों नौकरियां पैदा होंगी

यह परियोजना न केवल ओडिशा बल्कि पूरे भारत की औद्योगिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूती प्रदान करेगी।

विश्व होम्योपैथी दिवस 2025: तिथि, महत्व और पृष्ठभूमि

विश्व होम्योपैथी दिवस प्रतिवर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाता है, जो होम्योपैथी के जनक डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन की जयंती का प्रतीक है। इस दिन का उद्देश्य होम्योपैथी के समग्र स्वास्थ्य देखभाल में योगदान को उजागर करना और इसके लाभों व उपयोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

होम्योपैथी का सिद्धांत है – “जैसा रोग, वैसा ही उपचार” (Like cures like)। इसमें पौधों, खनिजों और जानवरों से प्राप्त अत्यधिक पतले (diluted) तत्वों का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है।

हालांकि मुख्यधारा की चिकित्सा में इसे लेकर संदेह बना रहता है, फिर भी होम्योपैथी ने दुनिया भर में व्यापक स्वीकार्यता प्राप्त की है और लाखों लोग इसके विकल्प चिकित्सा दृष्टिकोण से लाभान्वित हुए हैं।

यह दिवस निम्नलिखित उद्देश्यों को बढ़ावा देता है:

  • शोध, शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से होम्योपैथी के विकास को बढ़ावा देना

  • पारंपरिक चिकित्सा के साथ समन्वय करके इसका प्रभावी उपयोग करना

  • आम बीमारियों के इलाज में इसकी प्रभावशीलता, सुरक्षा और समग्र उपचार क्षमता पर चर्चा करना

विश्व होम्योपैथी दिवस के मुख्य पहलू

  • तिथि: हर वर्ष 10 अप्रैल, डॉ. सैमुअल हैनिमैन की जयंती पर मनाया जाता है।
  • संस्थापक: डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन, जर्मन चिकित्सक, जिन्होंने 18वीं सदी के अंत में होम्योपैथी की स्थापना की।
  • सिद्धांत: “जैसा रोग, वैसा ही उपचार” (Like cures like) – यानी जो पदार्थ स्वस्थ व्यक्ति में कोई लक्षण उत्पन्न करता है, वही पदार्थ रोगी में उन्हीं लक्षणों के इलाज में सहायक हो सकता है।
  • उपचार सामग्री: पौधों, जानवरों, खनिजों और कृत्रिम तत्वों से बनाए गए अत्यधिक पतले (डायल्यूटेड) मिश्रण।
  • वैश्विक उपयोग: दुनिया भर में लगभग 20 करोड़ लोग नियमित रूप से होम्योपैथी का उपयोग करते हैं, जिनमें भारत में इसका सबसे बड़ा आधार है।
  • उद्देश्य: जागरूकता बढ़ाना, शोध को प्रोत्साहन देना, और होम्योपैथी को पारंपरिक स्वास्थ्य प्रणाली के साथ जोड़ना।

विश्व होम्योपैथी दिवस का महत्व

  • जागरूकता: आम लोगों को यह बताना कि यह चिकित्सा प्रणाली कई रोगों में बिना दुष्प्रभाव के असरकारक हो सकती है।
  • शोध: वैज्ञानिक अध्ययन व नैदानिक परीक्षण को प्रोत्साहन देना ताकि प्रमाण-आधारित उपचार को बढ़ावा मिल सके।
  • समग्र उपचार: शरीर, मन और आत्मा – तीनों के समन्वय से उपचार पर ज़ोर देना।
  • सहयोग: एलोपैथी व होम्योपैथी के बीच सहयोग बढ़ाना ताकि व्यापक व बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।

मुख्य गतिविधियाँ व आयोजन

  • सेमिनार और वेबिनार – विशेषज्ञों द्वारा लाभ व शोधों पर चर्चा
  • स्वास्थ्य शिविर – निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श व इलाज
  • कार्यशालाएं – आत्म-देखभाल व वेलनेस पर सत्र
  • सार्वजनिक अभियान – होम्योपैथी से जुड़े मिथकों को दूर करना
  • सोशल मीडिया अभियान – #WorldHomeopathyDay जैसे हैशटैग से जानकारी साझा करना
  • सम्मान समारोह – होम्योपैथिक चिकित्सकों को योगदान के लिए सम्मानित करना

विश्व होम्योपैथी दिवस 2025 की विशेष पहलें

  • औषधीय पौधों की बगिया लगाना – होम्योपैथी में प्रयुक्त जड़ी-बूटियों को उगाने के लिए प्रोत्साहन
  • निःशुल्क चिकित्सा शिविर
  • छात्र प्रतियोगिताएं
  • जागरूकता रैलियां और मीडिया अभियानों का संचालन

कैसे मनाएं विश्व होम्योपैथी दिवस

  • सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें

  • फ्री हेल्थ चेकअप व परामर्श शिविर चलाएं

  • सोशल मीडिया पर केस स्टडी और सफल कहानियां साझा करें

  • विद्यार्थियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करें

  • स्वास्थ्य प्रभावितों व सामाजिक प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ साझेदारी करें

यह दिन न केवल चिकित्सा प्रणाली को सम्मान देने का अवसर है, बल्कि स्वास्थ्य के समग्र दृष्टिकोण की ओर एक कदम भी है।

पोषण पखवाड़ा 2025 का 7वां संस्करण

केंद्र सरकार ने पोषण अभियान कार्यक्रम के तहत “सातवां पोषण पखवाड़ा” लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कुपोषण को समाप्त करना और समाज के संवेदनशील वर्गों के लिए पोषण के परिणामों में सुधार लाना है। यह अभियान 8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक चलेगा और इसमें विभिन्न विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कि स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना, कुपोषण का प्रबंधन करना और पोषण ट्रैकर के बारे में जागरूकता बढ़ाना। यह एक राष्ट्रीय पहल है जिसमें सरकारी मंत्रालयों, स्थानीय समुदायों और विभिन्न संगठनों की भागीदारी से बच्चों, गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

सातवें संस्करण के पोषण पखवाड़े की प्रमुख बातें 

प्रारंभ तिथि और अवधि
सातवां पोषण पखवाड़ा 8 अप्रैल 2025 को शुरू हुआ और यह 22 अप्रैल 2025 तक चलेगा।
इसका उद्घाटन नई दिल्ली में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर द्वारा किया गया।

कार्यान्वयन के लिए नोडल मंत्रालय
इस पहल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है।
इसके साथ-साथ कई अन्य मंत्रालयों की भी सहभागिता है, जैसे:

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय

  • शिक्षा मंत्रालय

  • जल शक्ति मंत्रालय

  • पंचायती राज मंत्रालय
    राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी सहयोग किया जा रहा है।

पोषण पखवाड़े 2025 के प्रमुख विषय

  • जीवन के पहले 1000 दिनों पर ध्यान: गर्भावस्था से लेकर बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक पोषण का महत्व।

  • पोषण ट्रैकर के लाभार्थी/नागरिक मॉड्यूल के बारे में जागरूकता: डिजिटल भागीदारी को प्रोत्साहित करना।

  • CMAM (सामुदायिक आधारित तीव्र कुपोषण प्रबंधन): स्थानीय स्तर पर कुपोषण से निपटने के उपाय।

  • बचपन में मोटापे से बचाव हेतु स्वस्थ जीवनशैली: शिक्षा और जागरूकता।

पोषण पखवाड़ा 2025 के उद्देश्य

  • स्थानीय स्तर पर पोषण सुधार: ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर केंद्रित प्रयास।

  • समुदाय भागीदारी और पोषण शिक्षा: घर-घर जाकर जागरूकता कार्यक्रम और संपर्क अभियान।

  • केवल स्तनपान और पूरक आहार का प्रचार: शिशु के प्रारंभिक पोषण के लाभों पर जोर।

  • पोषण ट्रैकर के माध्यम से सशक्तिकरण: नागरिकों को पोषण स्तर की निगरानी के लिए प्रोत्साहित करना।

पोषण अभियान के बारे में जानकारी

  • शुभारंभ: 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा झुंझुनूं, राजस्थान में किया गया।

  • मुख्य उद्देश्य:

    • 0-6 वर्ष के बच्चों में ठिगनापन (stunting) रोकना।

    • 0-6 वर्ष के बच्चों में कुपोषण को कम करना।

    • 6-59 माह के बच्चों और 15-49 वर्ष की महिलाओं/किशोरियों में एनीमिया से लड़ना।

    • कम वजन वाले बच्चों और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करना।

भारत का पहला एजेंटिक एआई हैकाथॉन

भारत का पहला “एजेंटिक एआई हैकाथॉन”, जिसे Techvantage.ai ने CrewAI के सहयोग से आयोजित किया, देश के एआई क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। यह आयोजन “एजेंटिक एआई वीक” के दौरान हुआ और इसमें देशभर से 1,500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जो स्वायत्त एआई प्रणालियों के प्रति बढ़ती रुचि को दर्शाता है। ये एआई एजेंट जटिल व्यावसायिक चुनौतियों को हल करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, और यह हैकाथॉन इस तेजी से उभरते क्षेत्र में नवाचार का एक मंच बना। यह एक महीने तक चलने वाली पहल थी, जिसमें कई शहरों में गतिविधियाँ हुईं और इसका भव्य समापन केरल के टेक्नोपार्क में हुआ। हैकाथॉन का मुख्य फोकस BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) क्षेत्र के लिए एआई समाधान बनाना था, जिसमें टीमों ने फ्राॅड डिटेक्शन और क्रेडिट स्कोरिंग जैसे वास्तविक समस्याओं पर काम किया।

एजेंटिक एआई हैकाथॉन की प्रमुख झलकियां 

तिथि और अवधि

  • यह हैकाथॉन “एजेंटिक एआई वीक” के हिस्से के रूप में एक महीने तक आयोजित किया गया।

प्रतिभागिता

  • पूरे भारत से 1,500 से अधिक प्रतिभागियों ने इसमें भाग लिया।

  • प्रतिभागियों में डेवलपर्स, डेटा साइंटिस्ट्स और एआई उत्साही शामिल थे।

आयोजक

  • Techvantage.ai: कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक।

  • CrewAI: एजेंटिक एआई समाधान विकसित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म प्रदान किया।

हैकाथॉन का उद्देश्य

  • एआई-सक्षम स्वायत्त प्रणालियों में नवाचार को प्रोत्साहित करना, जो बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (BFSI) जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण व्यावसायिक समस्याओं का समाधान कर सकें।

  • टीमों ने फ्राॅड डिटेक्शन, क्रेडिट स्कोरिंग, नियामक अनुपालन (Regulatory Compliance), और मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम पर आधारित समाधान विकसित किए।

ग्रैंड फिनाले

  • फिनाले टेक्नोपार्क, केरल में आयोजित हुआ, जहां प्रतिभागियों ने अपने एआई समाधान प्रस्तुत किए।

  • इस दौरान विशेषज्ञ सत्र, आउटरीच कार्यक्रम और नेटवर्किंग गतिविधियां भी हुईं ताकि एआई को और बढ़ावा मिल सके।

विजेता

  • वेंकटा साकेत डाकुरी विजेता रहे, जिन्होंने नियामक अनुपालन और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम के लिए एक प्रभावशाली एआई समाधान प्रस्तुत किया।

  • यह समाधान BFSI क्षेत्र में जोखिम कम करने और अनुपालन सुधारने में एजेंटिक एआई की संभावनाओं को दर्शाता है।

BFSI क्षेत्र पर एआई का प्रभाव

  • हैकाथॉन ने दिखाया कि एजेंटिक एआई कैसे बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में ऑटोमेशन को बढ़ावा देकर मानवीय हस्तक्षेप कम कर सकता है और दक्षता बढ़ा सकता है।

भविष्य की संभावनाएं

  • Techvantage.ai द्वारा आयोजित यह सफल आयोजन भारत में एआई और स्वायत्त प्रणालियों के महत्व को दर्शाता है।

  • यह पहल आने वाले समय में और नवाचारों को प्रेरित करेगी और देश में एआई के विस्तार को गति देगी।

सारांश / स्थैतिक जानकारी विवरण
क्यों चर्चा में? भारत का पहला एजेंटिक एआई हैकाथॉन
कार्यक्रम भारत का पहला एजेंटिक एआई हैकाथॉन
आयोजक Techvantage.ai, CrewAI
अवधि एक महीने तक चलने वाला कार्यक्रम, एजेंटिक एआई वीक का हिस्सा
प्रतिभागी पूरे भारत से 1,500 से अधिक आवेदक
मुख्य क्षेत्र फ्राॅड डिटेक्शन, क्रेडिट स्कोरिंग, नियामक अनुपालन, मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम
विजेता वेंकटा साकेत डाकुरी – नियामक अनुपालन और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एआई समाधान
क्षेत्र केंद्रित BFSI (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा)

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