गृह मंत्रालय ने जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए जारी की SOP

about | - Part 2665_3.1
केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (SOPs) जारी की है। गृह मंत्रालय द्वारा कोरोनवायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों को होने वाली कठिनाइयों से राहत देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है।

मानक परिचालन प्रक्रिया (SOPs) से संबंधित कुछ मुख्य बिंदु:
  • SOPs जारी करने का उद्देश्य देशव्यापी 21-दिनों के लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स को चालू रहने और (सोशल डिस्टेंस) उचित दूरी को ध्यान में रखते हुए आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी को प्रोत्साहित करना.
  • साथ ही SOPs का उद्देश्य आपूर्ति कार्यों में लगे कर्मचारियों या व्यक्तियों को संबंधित स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी किए गए ई-पास या किसी अन्य प्रमाणीकरण के आधार पर शुरू करने की अनुमति देना है. इसे वैध फोटो पहचान पत्र दिखाकर प्राप्त किया जाएगा.
  • आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों या व्यक्तियों को स्थानीय अधिकारियों के अनुमोदन / प्राधिकरण के आधार पर अनुमति दी जा सकती है.
  • एसओपी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे हुए कर्मचारियों के नियमित स्वास्थ्य और स्वच्छता जांच को भी सुनिश्चित करेगा। साथ ही यह आवश्यक सामानों की आपूर्ति में लगे कर्मचारियों को उचित सुरक्षात्मक गियर के प्रावधान की भी सिफारिश करता है.

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • केंद्रीय गृह राज्य मंत्री: अमित शाह.

जाने-माने कलाकार और वास्तुकार सतीश गुजराल का निधन

about | - Part 2665_5.1
प्रसिद्ध वास्तुकार, मूर्तिकार और लेखक सतीश गुजराल का निधन। उन्हें देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान यानि पद्म विभूषण से 1999 में सम्मानित किया गया था।

सतीश गुजराल ने नई दिल्ली में स्थित बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था। उनके प्रसिद्ध कार्यों में दिल्ली उच्च न्यायालय की बाहरी दीवार पर बनाई गई आकृतियाँ भी शामिल है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 वीं द्वि-मासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य किया जारी: LAF और MSF के आधार अंकों में की गई कटौती

about | - Part 2665_7.1
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर 31 मार्च 2020 को होने वाली द्वि-मासिक मौद्रिक नीति बैठक को पहले ही करने का निर्णय लिया है और जिससे संबंधित घोषणाए 03 अप्रैल को की जाएंगी। यह बैठके 24, 26 और 27 मार्च, 2020 तक चलेगी। सातवीं द्वि-मासिक मौद्रिक नीति की बैठक के दौरान, एमपीसी ने वर्तमान में विकास को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ COVID-19 के प्रभाव को कम करने और विकसित व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थितियों का विश्लेषण किया और  इनसे उभरने का रुख अपनाने का फैसला किया और जिसकी की वजह से नीतिगत रेपो दर को घटा दिया गया है। इन निर्णयों से, एमपीसी का लक्ष्य मुद्रास्फीति को लक्ष्य को बनाए रखना और साथ ही वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना है।
सातवीं द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय हैं:-
  • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत रेपो दर में 75 आधार अंकों को कटौती कर 5.15% से 4.40% कर दिया गया है।
  • LAF के तहत रिवर्स रेपो दर में 90 आधार अंकों को घटाकर 4.90% से 4.00% कर दिया गया है।
  • सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर को भी 5.40% से घटाकर 4.65% कर दिया गया है।
इसके अलावा, RBI ने सभी बैंकों के आरक्षि‍त नकदी नि‍धि अनुपात (Cash reserve Ratio) की नि‍वल मांग (Net Demand) और मीयादी देयताएं (Time Liabilities) में 100 आधार अंकों को घटाकर 4% से 3% करने का फैसला भी किया है। जो एक वर्ष की अवधि के लिए 28 मार्च 2020 से प्रभावी होगा। इसके अलावा, सभी ऋणदाताओ को 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी ऋणों के लिए 3 महीने की मोहलत की अनुमति दी गई है।
क्या होती है मौद्रिक नीति?
मौद्रिक नीति रिज़र्व बैंक की नीति है जो अधिनियम में वर्णित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, लिक्विडिटी समायोजन सुविधा जैसे और कई अन्य मौद्रिक साधनों का उपयोग करती है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत अनिवार्य रूप से मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौपीं गई है।
मौद्रिक नीति के उद्देश्य?

देश में मौद्रिक नीति का मुख्य लक्ष्य विकास के साथ-साथ मूल्य स्थिरता को बनाए रखना है। सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मूल्य स्थिरता को एक आवश्यक पूर्व शर्त के रूप में देखा जाता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक को मई 2016 में किए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अधिनियम, 1934 संशोधन के अनुसार भारत सरकार के साथ-साथ लचीली मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण का कार्य भी दिया गया हैं। यह प्रत्येक पाँच में एक बार किया जाता है। भारत सरकार ने आधिकारिक राजपत्र में 5 अगस्त, 2016 से 31 मार्च, 2021 की अवधि के लिए लक्ष्य के रूप में 4 प्रतिशत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति को अधिसूचित किया है। लक्ष्य को ऊपरी सहन सीमा 6 प्रतिशत और निचली सहन सीमा 2 प्रतिशत तय की गई है।
मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अधिनियम, 1934 में संशोधित भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम स्पष्ट रूप से रिज़र्व बैंक के लिए देश के मौद्रिक नीति ढांचे को परिचालित करने के लिए विधायी अधिदेश का प्रावधान करता है। इस ढांचे का लक्ष्य वर्तमान और उभरती समष्टि-आर्थिक स्थिति और मुद्रा बाजार दरों को रेपो दर के आसपास संचालित करने के लिए चलनिधि स्थिति के उतार-चढ़ाव के आकलन के आधार पर नीति (रेपो) दर निर्धारित करना है।

मौद्रिक नीति समिति की संरचना?
केंद्र सरकार ने सितंबर 2016 में संशोधित RBI अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB के तहत, छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) का गठन किया है।
मौद्रिक नीति समिति की संरचना इस प्रकार की गई है:
1. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर – अध्यक्ष, शक्तिकांत दास
2. भारतीय रिजर्व बैंक के उप-गवर्नर, मौद्रिक नीति के प्रभारी – सदस्य, डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा
3. मौद्रिक नीति के प्रभारी बैंक के कार्यकारी निदेशक – डॉ. जनक राज
4. चेतन घाटे, प्रोफेसर, भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) – सदस्य
5. प्रोफेसर पामी दुआ, निदेशक, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स – सदस्य
6. डॉ. रवींद्र ढोलकिया, प्रोफेसर, भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद – सदस्य
मौद्रिक नीति की कुछ महत्वपूर्ण लिखत :
RBI की मौद्रिक नीति में मौद्रिक नीति के कार्यान्वयन में कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लिखतों का उपयोग किया जाता है। मौद्रिक नीति के कुछ महत्वपूर्ण लिखत इस प्रकार हैं:
  • रेपो दर: निर्धारित ब्याज दर जिस पर रिजर्व बैंक चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत बैंकों को सरकार के संपार्श्विक के विरुद्ध और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों के विरुद्ध ओवरनाईट चलनिधि प्रदान करता है।
  • रिवर्स रेपो दर: निर्धारित ब्याज दर जिस पर रिजर्व बैंक चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत बैंकों से पात्र सरकारी प्रतिभूतियों के संपार्श्विक के विरुद्ध, ओवरनाइट आधार पर, चलनिधि को अवशोषित करता है।
  • चलनिधि समायोजन सुविधा (Liquidity Adjustment Facility): एलएएफ में ओवरनाईट और साथ ही आवधि रेपो नीलामियां शामिल हैं। आवधि रेपो का उद्देश्य अंतर-बैंक आवधि मुद्रा बाजार को विकसित करने में मदद करना है, जो बदले में ऋण और जमा की कीमत के लिए बाजार आधारित बैंचमार्क निर्धारित कर सकते हैं,और इस कारण से मौद्रिक नीति के प्रसारण में सुधार किया जा सकता हैं। रिज़र्व बैंक बाजार स्थितियों के तहत आवश्यक होने पर, भी परिवर्तनीय ब्याज दर रिवर्स रेपो नीलामियों का संचालन करता है।
  • सीमांत स्थायी सुविधा (Marginal Standing Facility): एक सुविधा जिसके तहत अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक रिज़र्व बैंक से ओवरनाईट मुद्रा की अतिरिक्त राशि को एक सीमा तक अपने सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) पोर्टफोलियो में गिरावट कर ब्याज की दंडात्मक दर ले सकते हैं। यह बैंकिंग प्रणाली को अप्रत्याशित चलनिधि झटकों के खिलाफ सुरक्षा वाल्व प्रदान करता है।

भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति वक्तव्य का स्थिर रुख:


विकास की गति धीमी होने पर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए समग्र मुद्रा आपूर्ति का विस्तार करने के लिए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति द्वारा समायोजनात्मक रुख अपनाया जाता है।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • RBI के 25 वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता.

जाने-माने शेफ फ्लॉयड कार्डोज का कोरोनोवायरस के कारण निधन

about | - Part 2665_9.1
भारतीय मूल के अंतर्राष्ट्रीय शेफ फ्लॉयड कार्डोज़ का 59 वर्ष की आयु में कोरोनावायरस के कारण निधन हो गया। कार्डोज़ 18 मार्च को यूएसए में हुए कोविड -19 के टेस्ट में पॉजिटिवपाया गया था, जिसके बाद से उनका इलाज न्यू जर्सी के माउंटेनसाइड मेडिकल सेंटर में किया जा रहा था।
कार्डोज़ हंगर इंक के सह-मालिक हैं, जो मुंबई में तीन रेस्तरां- बॉम्बे कैंटीन, ओ ‘पेड्रो और बॉम्बे स्वीट शॉप चलाता थे। उनका न्यूयॉर्क और मुंबई के कई रेस्तरां को शुरू करने में अहम योगदान रहा है और वो टीवी शो, “टॉप शेफ मास्टर्स” के स्टार तथा दो पुस्तकों “One Spice, Two Spice” और “Flavorwalla के लेखक थे।

कोविड-19 इलाज के लिए ओडिशा में स्थापित किए जाएंगे देश के दो सबसे बड़े अस्पताल

about | - Part 2665_11.1
ओडिशा सरकार ने Covid-19 के इलाज के लिए देश के दो सबसे बड़े अस्पतालों की स्थापना की योजना बनाई है, जिसमें प्रत्येक में 1,000 बेड की क्षमता होगी और जिसे दो सप्ताहों के अन्दर चालू करने की योजना है। इसके साथ ही ओडिशा कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए इतने बड़े पैमाने पर अस्पताल स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। ओडिशा सरकार ने कोविड -19 रोगियों के इलाज के लिए भुवनेश्वर में इस राज्य स्तर के अस्पतालों की स्थापना के लिए कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और एसयूएम अस्पताल के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए है।
इसके अलावा राज्य सरकार भुवनेश्वर में स्थित एकमात्र अन्य सुविधा केंद्र का बोझ को कम करने के लिए इस अस्पताल में कोविड -19 परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने की भी योजना बना रही है। इस परियोजना के लिए ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन (ओएमसी) और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल)  सीएसआर के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • ओडिशा के मुख्यमंत्री: नवीन पटनायक; राज्यपाल: गणेशी लाल.

DST ने COVID-19 से संबंधित विषयों का हल तलाशने के लिए टास्क फोर्स का किया गठन

about | - Part 2665_13.1
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने अनुसंधान और विकास प्रयोगशालाओं, शैक्षणिक संस्थानों, स्टार्ट-अप्स और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के पास उपलब्‍ध COVID-19 से संबंधित प्रौद्योगिकियों के सर्वेक्षण के लिए COVID-19 टास्क फोर्स का गठन किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में अहम भूमिका निभाता है।
इसका उद्देश्‍य बीमारी का पता लगाने, परीक्षण, स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल और उपकरणों की आपूर्ति के क्षेत्र में उपयोग के लिए तैयार टेक्‍नालॉजी के लिए धन की व्‍यवस्‍था करना है, इस टेक्‍नालॉजी से बनने वाली वस्‍तुओं में मास्‍क, सेनीटाइजर्स, किफायती परीक्षण किट, वेंटीलेटर्स और ऑक्‍सीजनरेटर शामिल हैं। टास्क फोर्स ऐसे स्‍टार्टअप्स की पहचान करेगी जो इस बीमारी का निदान खोजने के बेहद नजदीक तथा, जिन्हें वित्तीय या अन्य किसी सहायता की आवश्यकता है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री: हर्षवर्धन.
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का मुख्यालय: नई दिल्ली.
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना: मई 1971.

इंदौर COVID-19 से निपटने में ड्रोन का इस्तेमाल करने वाला बना देश का पहला शहर

about | - Part 2665_15.1
भारत के सबसे स्वच्छ शहर होने का दर्जा प्राप्त कर चुके इंदौर ने कोरोनवायरस वायरस से निपटने के लिए शहर को सैनिटाइज करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया हैं, जिसके बाद इंदौर शहर को सैनिटाइजर करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला शहर बन गया है। इस उद्देश्य के लिए इंदौर नगर निगम ने  दो ड्रोन किराए पर लिए हैं।
भीड़-भाड़ वाले इलाकों को ड्रोन की मदद से सैनिटाइज करने वाला ये अपनी तरह का पहला प्रयास है। इंदौर की सब्जी मंडियों और सड़कों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट और बायो-क्लीन का छिड़काव किया जा रहा है। ये ड्रोन हर उड़ान के साथ 16 लीटर रसायनों के साथ उड़ान भरते हैं और 30 मिनट में 8-10 किमी तक में फैले क्षेत्र में रसायनों का छिड़काव करते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि छिड़काव से नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • मध्य प्रदेश की राजधानी: भोपाल.
  • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री: शिवराज सिंह चौहान.
  • मध्य प्रदेश के राज्यपाल: लाल जी टंडन.

पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित फोटोग्राफर नेमाई घोष का निधन

about | - Part 2665_17.1
वयोवृद्ध फोटोग्राफर और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित नेमाई घोष का निधन। उन्हें निर्देशक सत्यजीत रे के साथ एक स्टील फोटोग्राफर के रूप में काम करने के लिए जाना जाता है, जिन्होंने 2 दशकों से अधिक समय तक अभिनय करने वाले अभिनेताओं के बीच दबदबा बनाए रखा था।
नेमाई घोष ने “गोपी गयने बाघा बयने” (1969) से अपने करियर की शुरुआत की और सत्यजीत रे के साथ उनकी आखिरी फिल्म “अगुनतुक” (1991) तक काम किया था। इसके अलावा उन्होंने “Dramatic Moments: Photographs and Memories of Calcutta Theatre from the Sixties to the Nineties” & “Manik Da: Memoirs of Satyajit Ray” जैसी किताबो का भी लेखन किया। साथ ही उन्होंने 2007 के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में जूरी सदस्य के रूप में भी काम किया था।

विश्व रंगमंच दिवस: 27 मार्च

about | - Part 2665_19.1
हर साल 27 मार्च को विश्व स्तर पर World Theatre Day 2020 यानि विश्व रंगमंच दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड थिएटर डे की शुरुआत 1961 में फ्रांस के इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट (ITI) द्वारा की गई थी। यह दिन हर आईटीआई केंद्रों और अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समुदाय द्वारा 27 मार्च को मनाया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस का पहला संदेश जीन कोक्ट्यू द्वारा 1962 में लिखा गया था।
यह दिन उन लोगों के लिए एक उत्सव है जो कला रूप “थिएटर” के मूल्य और महत्व को देख सकते हैं, और सरकारों, राजनेताओं और संस्थानों को जागरूक करने का कार्य करते हैं, जिन्होंने अभी तक इसे मूल्य को मान्यता नहीं दी है और जिन्हें अभी तक आर्थिक विकास के लिए इसकी क्षमता का एहसास नहीं हुआ है।

विश्व रंगमंच दिवस के लक्ष्य हैं:

  • दुनिया भर में सभी रूपों में रंगमंच को बढ़ावा देना.
  • लोगों को रंगमंच के सभी रूपों के महत्त्व से अवगत कराना.
  • थिएटर समुदायों के काम को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देना ताकि सरकारें और वैचारिक नेता रंगमंच के सभी रूपों में नृत्य के महत्व से अवगत हों और इसका सहयोग करें.
  • स्वयं के लिए सभी रूपों में रंगमंच का आनंद लेने के लिए.
  • रंगमंच के आनंद को दूसरों के साथ साझा करना.

IMF ने देशों की प्रमुख आर्थिक प्रतिक्रियाओं पर निगरानी रखने के लिए पॉलिसीस ट्रैकर किया लॉन्च

about | - Part 2665_21.1
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने निगरानी रखने के लिए “Tracker of Policies Governments are Taking in Response to COVID-19” लॉन्च किया है। इस ट्रैकर के जरिए IMF COVID-19 महामारी को रोकने के लिए विभिन्न देशों की सरकार द्वारा की जा रही प्रमुख आर्थिक प्रतिक्रियाओं की प्रगति देखेगा। इस पॉलिसी ट्रैकर में 24 मार्च, 2020 तक का नवीनतम डेटा है।
COVID-19 महामारी को रोकने के लिए विभिन्न देशों की सरकार द्वारा की जा रही प्रमुख आर्थिक प्रतिक्रिया:

ये पालिसी ट्रैकर मौजूदा सामाजिक सुरक्षा नेट और बीमा तंत्र के पूरक विवेकाधीन उपायों पर ध्यान केंद्रित करता है। ट्रैकर सदस्यों के द्वारा किए जा रहे विभिन्न उपायों की तुलना नहीं करता है क्योंकि इनकी नीति प्रतिक्रियाएं शॉक और देश-विशिष्ट परिस्थितियों की प्रकृति जैसे विभिन्न मापदंडों पर निर्भर करती हैं।
ये पालिसी ट्रैकर तीन स्तंभों के आधार पर प्रतिक्रियाओं को कवर करता है:-
  • राजकोषीय
  • मौद्रिक और मैक्रो-वित्तीय
  • विनिमय दर और भुगतान का संतुलन
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
  • आईएमएफ के प्रबंध निदेशक: क्रिस्टालिना जॉर्जीवा.

Recent Posts

about | - Part 2665_22.1