नासा ने मंगल ग्रह पर खोजा ऑक्सीजन

नासा के टिफिन बॉक्स के आकार वाला छोटा-सा उपकरण मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन बनाने में कामयाब हो गया है। बता दें ‘मॉक्सी’ नाम का उपकरण कार्बन डाइऑक्साइड (co2) से ऑक्सीजन बना रहा है। यह एक घंटे में इतनी ऑक्सीन बना सकता है, जितनी एक छोटा पेड़ बनाता है। हर परीक्षण में इसने प्रति घंटा छह ग्राम ऑक्सीजन बनाया।

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शोधकर्ताओं ने कहा कि मंगल पर मनुष्यों से पहले मॉक्सी के बड़े संस्करण को भेजना होगा, जो सैकड़ों पेड़ों की क्षमता के बराबर ऑक्सीजन बना सके। मॉक्सी नासा के पर्सीवरेंस रोवर मिशन के अंतर्गत मंगल पर भेजा गया था। साल 2021 के अंत तक मॉक्सी दिन-रात में विभिन्न तरह की सात परिस्थितियों में ऑक्सीजन उत्पादन में सक्षम था।

शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि पूरी क्षमता के साथ यह सिस्टम मनुष्यों के मंगल पर पहुंचने के बाद उन्हें जीवित रखने के लिए जरूरी ऑक्सीजन बना सकता है। इसके अतिरिक्त बची हुई ऑक्सीजन मनुष्यों को पृथ्वी पर वापस लाने वाले रॉकेट के ईंधन में इस्तेमाल की जा सकती है। मंगल पर मौजूद इस उपकरण का वर्जन इसलिए छोटा रखा गया, ताकि यह पर्सीवरेंस रोवर में फिट हो सके।

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सीबीडीसी से सीमापार लेनदेन के समय, लागत में होगी कमी

केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) से सीमा पार लेनदेन के लिए समय और लागत में कमी आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने यह बात कही। सीबीडीसी को इस साल पेश किया जाना है। केंद्रीय बैंक ने सीबीडीसी को इस साल पायलट आधार पर पेश करने का प्रस्ताव दिया है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने 2022-23 के आम बजट में कहा था कि आरबीआई चालू वित्त वर्ष में रुपये के समान एक डिजिटल लाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में एक उत्कृष्ट, सस्ती और तेज घरेलू भुगतान प्रणाली है, लेकिन इसके बावजूद सीमापार भुगतान की लागत अब भी अधिक है।

यह सीमापार लेनदेन में निपटान जोखिम को बड़े पैमाने पर दूर करता है। इससे समय कम लगेगा और लागत भी कम होगी। इसलिए, सीबीडीसी का अंतरराष्ट्रीयकरण भविष्य में होने की उम्मीद है। डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने धोखाधड़ी प्रबंधन के बारे कहा कि प्रणाली की अखंडता को बनाए रखते हुए डिजिटल भुगतान को बढ़ाने की जरूरत है।

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Integration with New tax site completed by Kotak Mahindra Bank_80.1

अरुणाचल प्रदेश में LAC के पास चीन ने तैनात की एक्स्ट्रा बटालियन

भारतीय सेना ने उत्तर पूर्व में आतंकवाद विरोधी (सीआई) काम को छोड़ने और चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ध्यान केंद्रित करने के लिए खुद को फिर से तैयार किया है। जिसके तहत अब पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में बुनियादी ढांचे के निर्माण और सुदृढ़ीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

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भारतीय सेना के ने कहा कि इन सीमावर्ती जिलों में सीमा से सटी जगहों पर आवास और हेलीपैड के निर्माण के साथ बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के प्रयास चल रहे हैं। सैनिक रसद को मजबूत करना जैसे कि बेहतर गोला बारूद भंडारण सुविधाओं का निर्माण, सड़कों का निर्माण और अंतिम मील तक कनेक्टिविटी कायम करने के लिए खच्चरों के और पैदल चलने लायक रास्तों को बनाने का काम जारी है।

बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का लक्ष्य

सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का लक्ष्य सीमाओं पर सैनिकों को तेजी से जुटाने और उनको एलएसी की गश्त बढ़ाने में मदद करना है। सेना के बुनियादी ढांचे के विकास से नागरिक आबादी को भी लाभ होगा। जोखिम भरे इलाकों और अब तक बुनियादी ढांचे की कमी के कारण सैनिक महीने में एक या दो बार एलएसी पर गश्त करते हैं।

बड़ी संख्या में मोबाइल टावर

बता दें एलएसी तक पहुंचने में सैनिकों को एक हफ्ते तक का समय लगता है। राज्य के दिबांग और लोहित जिलों से एलएसी तक पहुंचने के लिए केवल दो सड़कें हैं। सेना का ज्यादातर फोकस ऊपरी दिबांग घाटी क्षेत्र के विकास पर है। चीन ने एलएसी के पास अपनी ओर बड़ी संख्या में मोबाइल टावर लगाए हैं और कुछ क्षेत्रों में भारतीय फोन चीनी नेटवर्क को पकड़ लेते हैं।

 

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First mountain warfare training school established in NE by ITBP_80.1

भारत के तीन शहर यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज में शामिल

बता दें भारत के तीन शहर यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज में शामिल हो गए हैं। यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज में केरल के दो शहर त्रिशूर और नीलांबुर और तेलंगाना का शहर वारंगल को शामिल किया गया है। इस सूची में भारत सहित विश्व के 44 देशों के 77 शहरों को साल 2022 में शामिल किया गया है।

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भारत के ये शहर विश्व के प्रसिद्ध शहर जैसे ब्रिस्टल,डबलिन, बीजिंग, शंघाई, हैम्बर्ग, एथेंस, इंचियोन के साथ शामिल हो गया है। इस बार यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज की इस सूची में यूक्रेन की राजधानी कीव, दक्षिण अफ्रीका का शहर डर्बन और यूएई के शहर शारजाह को शामिल किया गया है।

नीलांबुर: नीलांबुर भारत के केरल राज्य के मलप्पुरम ज़िले में स्थित एक नगर है। इस शहर में ग्रामीण और शहरी रहन-सहन का एक मिश्रित रूप देखा जा सकता है। यहाँ  की अधिकांश आबादी कृषि और संबद्ध उद्योगों पर निर्भर करती है।

त्रिशूर: त्रिशूर को केरल की सांस्कृतिक राजधानी है। यह विशेष रूप से स्वर्ण कला और आभूषण उद्योग के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्यटकों को अपनी समृद्ध संस्कृति और विरासत की वजह से वहां आने को आकर्षित करता है।

वारंगल: वारंगल, तेलंगाना का एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला शहर है। वारंगल की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और औद्योगिक केन्द्रों पर निर्भर करती है।

 

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कैबिनेट ने दी ‘पीएम श्री’ योजना को मंजूरी, जानें विस्तार से

कैबिनेट ने हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की “पीएम श्री” योजना को मंज़ूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर मॉडल स्कूल बनाने की एक नई ‘पीएम श्री’ योजना का ऐलान किया था। ये मॉडल स्कूल नया परिवर्तन लाएंगे और आने वाले शिक्षा सुधार का नक्शा इसी से तैयार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा था कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा और इसमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक अवसंरचना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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‘पीएमश्री’ योजना क्या है ?

  • “पीएम श्री” योजना के तहत देश भर के 14,500 स्कूलों का कायाकल्प किया जाएगा और कुछ नए स्कूल बनाए जाएंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इसके तहत केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों सहित 14,000 से ज्यादा स्कूलों को पीएम-श्री स्कूलों के रूप में उभरने के लिए मजबूत किया जाएगा।
  • इन स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। ‘पीएम श्री’ स्कूलों में पढ़ाने का आधुनिक, परिवर्तनकारी और समग्र तरीका होगा।
  • इन स्‍कूलों में में नई तकनीक, स्मार्ट क्लासरूम, खेल और अन्य सहित आधुनिक इंफ्रा पर ध्यान दिया जाएगा। ये प्रोजेक्ट नई शिक्षा नीति के तहत चलाया जाएगा।
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 27,360 करोड़ की लागत से 2022 से 2027 तक 146,00 स्कूलों की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा. इसके तहत हर ब्लॉक में दो स्कूलों को अपग्रेड किया जाएगा।
  • इस योजना का मूल उद्देश्य है कि स्कूलों में गुणात्मक वृद्धि हो। साथ ही बच्चे 12वीं पास करते-करते दुनिया के अंदर कॉम्पोटेटिव तरीके से तैयार हो जाएं यही इसका मकसद है।

लाखों छात्रों को मिलेगा लाभ

पीएम मोदी ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) ने हाल के वर्षों में शिक्षा क्षेत्र को बदल दिया है। यकीन है कि पीएम-श्री योजना से लाखों छात्रों को लाभ मिलेगा और पढ़ाई के क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी।

पृष्ठभूमि

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना की घोषणा की थी। इसके तहत देश भर में 14,500 स्कूलों को विकसित व उन्नत किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा था कि पीएम-श्री स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक, परिवर्तन लाने वाला और समग्र तरीका होगा तथा इनमें खोज उन्मुख और सीखने को केंद्र में रखकर शिक्षा प्रदान करने के तरीके पर जोर रहेगा। इसमें नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक अवसंरचना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

 

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दिल्ली का राजपथ अब होगा ‘कर्तव्य पथ’: जानें इतिहास

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू क्षेत्र में आने वाले  राजपथ का नाम बदल कर कर्तव्य पथ रखने का प्रस्ताव पास हो गया। यह प्रस्ताव, नई दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की एक बैठक में पास हुआ। सरकार ने घोषणा किया है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्टेच्यू से राष्ट्रपति भवन तक की सड़क ‘कर्तव्य पथ’ कहलाएगी। गौरतलब है कि 15 अगस्त को अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने गुलामी की सोच से मुक्ति का नारा दिया था। पीएम मोदी ने कहा था कि गुलामी की सोच ने कई विकृतियां पैदा कर रखी हैं, इसलिए गुलामी की सोच से मुक्ति पानी ही होगी।

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इतिहास

  • तीसरी बार राजपथ का नाम बदला गया है. ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे (Kingsway) हुआ करता था। आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है। अब इसका नाम बदलकर कर्तव्यपथ कर दिया गया।
  • साल 1911 में जब अंग्रेजों ने अपनी राजधानी कोलकाता से दिल्ली बनाई, तो नई राजधानी को डिजाइन करने का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया। साल 1920 में राजपथ बनकर तैयार हुआ था। तब इसे किंग्सवे यानी ‘राजा का रास्ता’ कहा जाता था।
  • साल 1905 में लंदन में जॉर्ज पंचम के पिता के सम्मान में एक सड़क बनाई गई थी, जिसका नाम किंग्सवे रखा गया था। उन्हीं के सम्मान में दिल्ली में जो सड़क बनाई गई, उसका नाम भी किंग्सवे रखा गया। जॉर्ज पंचम साल 1911 में दिल्ली आए थे, जहां उन्होंने नई राजधानी की घोषणा की थी।
  • बता दें आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ रखा गया। हालांकि, ये किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद था। 75 सालों से राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड हो रही है। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ रखने का फैसला लिया है।

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भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। “सीजिंग द ग्लोबल ऑपर्चुनिटी” शीर्षक से 14वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा पिछले दो वर्षों में नवाचार और प्रौद्योगिकी पर अधिक केन्द्रित हो गई है और 80 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों का आने वाले पांच वर्षों में डिजिटल स्वास्थ्य साधनों में अपना निवेश बढ़ाने का लक्ष्य है।

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नए क्षेत्र और संभावनाएं:

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि टेलीमेडिसिन भी 2025 तक 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी योजना ई-संजीवनी ने वर्चुअल डॉक्टर परामर्श को सक्षम बनाया है और देश के दूरदराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों लोगों को अपने घरों में आराम से बैठकर बड़े शहरों के प्रमुख डॉक्टरों से जोड़ा है।

आत्मनिर्भर बनना :

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में आयात निर्भरता को 80 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत से कम करना है और विशेष उपलब्धि- स्मार्ट (एसएमएआरटी) के साथ मेक इन इंडिया के माध्यम से मेड-टेक में 80 प्रतिशत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक और निरंतर सुधार किए हैं और एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों की भी घोषणा की है।

महामारी भूमिका:

मंत्री ने कहा कि महामारी ने इस क्षेत्र में व्यापार करने के परिदृश्य को बदलकर एक अतिरिक्त गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इसने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से टेली-परामर्श, एआई-आधारित निदान और दूरस्थ स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में व्यापक अवसर खोले हैं।

भविष्य की संभावनाएं:

विजन @ 2047 पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि भारत 14 से 15 प्रतिशत से ऊपर चिकित्सा उपकरणों के शीर्ष बाजारों में से एक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक स्थिति को घरेलू खपत बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 73 नए मेडिकल कॉलेज बनाकर राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके प्राप्त किया जा सकता है।

 

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शिक्षा मंत्रालय ने एनईपी को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षक पर्व की शुरुआत की

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और राजकुमार रंजन सिंह ने शिक्षक पर्व का उद्घाटन किया। यह पर्व शिक्षकों को सम्मानित करने और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को आगे ले जाने के लिए मनाया जा रहा है। शिक्षक पर्व की शुरुआत शिक्षा मंत्रालय, सीबीएसई, एआईसीटीई और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा आयोजित एक उद्घाटन सम्मेलन के साथ हुई।

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एनईपी 2020 के तहत शिक्षकों को एक एकीकृत और बहु-विषयक दृष्टिकोण की अवधारणा के अनुसार भविष्य की कार्य योजना पर काम करना होगा। इस मौके पर सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के 19 प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को सीबीएसई सम्मान 2021-22 पुरस्कार प्रदान किए। एआईसीटीई ने भी राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक पुरस्कार की स्थापना की है।

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यूपी के फर्रुखाबाद में ‘जेल का खाना’ को मिली 5-स्टार FSSAI रेटिंग

यूपी के फर्रुखाबाद जिले के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में बंद 1,100 से अधिक कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन की क्वालिटी (Food Quality) ऐसी है कि इसे भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से “फाइव-स्टार” की रेटिंग दी है। एफएसएसएआई की ओर से पैनल में शामिल थर्ड पार्टी के ऑडिट ने जेल को फाइव स्टार ‘इट राइट सर्टिफिकेट’ दिया। प्रमाण पत्र 18 अगस्त 2024 तक वैध है।

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फतेहगढ़ जिला जेल के जेलर, अखिलेश कुमार के अनुसार जेल में शाकाहारी भोजन परोसा जाता है। हर दिन कैदियों को अलग-अलग तरह का खाना दिया जाता है। दालों में अरहर, मसूर, चना और उड़द बारी-बारी से कैदियों को परोसी जाती है। नाश्ते के लिए, दो दिन चना, दो दिन पाव रोटी और तीन दिन दलिया परोसा जाता है। उनके अनुसार खाना पकाने के पारंपरिक तरीकों की जगह रोटी बनाने की मशीन, आटा गूंथने की मशीन और सब्जी काटने की मशीनों के साथ जेल में खाना पकाने में भी बदलाव आया है।

 

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महानगर गैस लिमिटेड ने महेश वी अय्यर को नया अध्यक्ष नियुक्त किया

राज्य द्वारा संचालित सिटी गैस यूटिलिटी, महानगर गैस लिमिटेड (MGL) ने महेश विश्वनाथन अय्यर को कंपनी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। अय्यर पिछले महीने तक गेल (इंडिया) लिमिटेड में निदेशक (व्यवसाय विकास) थे। गेल एमजीएल के प्रमोटर हैं। अय्यर एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जिनके पास गैस पाइपलाइनों, एलएनजी टर्मिनलों, शहरी गैस वितरण परियोजनाओं, नवीकरणीय ऊर्जा आदि के क्षेत्रों में परियोजनाओं के निष्पादन में 36 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

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महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) के बारे में:

महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) 8 मई 1995 को निगमित एक भारतीय प्राकृतिक गैस वितरण कंपनी है। एमजीएल गेल (इंडिया) लिमिटेड (भारत सरकार की महारत्न कंपनी) और महाराष्ट्र सरकार का एक उद्यम है।

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