लोकसभा में पेश हुआ राइट टू डिस्कनेक्ट बिल 2025

कर्मचारियों को डिजिटल थकान (Digital Burnout) से बचाने के उद्देश्य से NCP की सांसद सुप्रिया सुले ने 6 दिसंबर 2025 को लोकसभा में राइट टू डिसकनेक्ट बिल, 2025 पेश किया। यह विधेयक कर्मचारियों को कानूनी अधिकार देता है कि वे ऑफिस समय के बाद या छुट्टियों पर काम से जुड़े कॉल, ईमेल और संदेशों का जवाब देने से इंकार कर सकें — और इसके लिए उन पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न की जाए।

यह बिल ऐसे समय आया है जब वर्क-फ्रॉम-होम और डिजिटल संचार ने निजी और पेशेवर जीवन की सीमाएँ धुंधली कर दी हैं, जिससे टेलीप्रेशर, तनाव, और नींद से जुड़ी समस्याएँ बढ़ रही हैं।

राइट टू डिसकनेक्ट बिल क्या है?

राइट टू डिसकनेक्ट बिल, 2025 का उद्देश्य कर्मचारियों को यह कानूनी अधिकार देना है कि वे आधिकारिक कार्य समय के बाहर ऑफिस की डिजिटल बातचीत से disconnect कर सकें। यह काम और निजी जीवन के बीच स्पष्ट सीमाएँ स्थापित करता है।

राइट टू डिस्कनेक्ट बिल में क्या है?

बिल में प्रावधान है कि किसी भी नॉन-कम्प्लायंस के लिए एंटिटीज (कंपनियों या सोसाइटीज) पर उनके एम्प्लॉइज की टोटल सैलरी का 1 परसेंट का जुर्माना लगाया जाना चाहिए। यह बिल हर एम्प्लॉई को काम से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन से डिस्कनेक्ट करने का अधिकार देता है। इसका मतलब है कि कर्मचारी ऑफिस टाइम के बाद बॉस के फोन या ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देता है। सामान्य शब्दों में कर्मचारियों को ऑफिस टाइम के बाद बॉस के फोन या ईमेल का जवाब देने से कानूनी रूप से फ्री हो जाएंगे।

मुख्य प्रावधान (Key Provisions)

• कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद या छुट्टी के दिन आधिकारिक संदेशों या कॉल का जवाब देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
• यदि कर्मचारी जवाब नहीं देते, तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
• यह नियम हर प्रकार के संचार पर लागू होगा — कॉल, टेक्स्ट, ईमेल, वीडियो मीटिंग आदि।
• आपातकालीन स्थिति के लिए कर्मचारी और नियोक्ता आपसी सहमति से नियम तय कर सकते हैं।
• यदि कर्मचारी ऑफिस समय के बाद काम करना चाहते हैं, तो उन्हें सामान्य वेतन दर पर ओवरटाइम भुगतान देने का सुझाव है।

प्रस्तावित दंड 

बिल के अनुसार, यदि कोई संगठन इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर कर्मचारी के कुल वेतन के 1% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसका उद्देश्य कंपनियों को ऑफिस आवर्स के बाद कर्मचारियों पर दबाव डालने से रोकना है।

आपातकालीन संचार नियम 

बिल बिल्कुल कठोर नहीं है — यह वास्तविक आपात स्थितियों के लिए लचीला है। नियोक्ता और कर्मचारी आपसी सहमति से तय कर सकते हैं कि आपातकालीन स्थितियों में किस प्रकार का संचार स्वीकार्य होगा। कई कार्यस्थलों में इस उद्देश्य से एक समिति बनाने का प्रावधान है, जिससे कंपनी की आवश्यकताओं और कर्मचारियों की भलाई के बीच संतुलन बनाया जा सके।

यह बिल क्यों महत्वपूर्ण है?

बिल के साथ जारी वक्तव्य में डिजिटल ओवररीच के कई नकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया गया है, जैसे:
• नींद की कमी और थकान
• भावनात्मक थकावट और चिंता
• टेलीप्रेशर — तुरंत जवाब देने के दबाव का तनाव
• “इन्फो-ओबेसिटी” — अत्यधिक डिजिटल जानकारी का बोझ

भारत में 48 घंटे प्रति सप्ताह कार्य समय है — जो दुनिया के सबसे लंबे वर्कवीक में से एक है।

डिजिटल टूल्स ने काम आसान बनाया है, लेकिन इससे “हमेशा उपलब्ध” रहने की संस्कृति विकसित हो गई है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

पृष्ठभूमि: दोबारा प्रयास

यह पहला मौका नहीं है जब सुप्रिया सुले ने यह मुद्दा उठाया है। इसके पहले एक समान बिल 2019 में पेश किया गया था, पर वह आगे नहीं बढ़ सका। महामारी के बाद रिमोट वर्किंग और डिजिटल कार्य-संस्कृति बढ़ने के कारण 2025 का संस्करण अधिक जरूरी और लोकप्रिय माना जा रहा है।

वैश्विक संदर्भ

दुनिया के कई देशों — जैसे फ्रांस, इटली, और फिलीपींस — ने पहले ही ऐसा कानून लागू किया है। फ्रांस ने 2017 में 50 से अधिक कर्मचारियों वाली सभी कंपनियों के लिए आफ्टर-ऑफिस संचार पर नीति बनाना अनिवार्य कर दिया था। भारत का प्रस्ताव अब वैश्विक ट्रेंड के अनुरूप है, जो डिजिटल युग में मानसिक स्वास्थ्य और निजी समय की रक्षा पर केंद्रित है।

संक्षिप्त मुख्य बिंदु 

बिल पेश करने वाली: सुप्रिया सुले, NCP सांसद
तारीख: 6 दिसंबर 2025
प्रकार: प्राइवेट मेंबर बिल
उद्देश्य: ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े संचार की उपेक्षा करने का कर्मचारियों का अधिकार
दंड: कर्मचारी के कुल वेतन का 1%
शामिल संचार: कॉल, टेक्स्ट, ईमेल, वीडियो कॉल
आपातकालीन नियम: परस्पर सहमति के आधार पर

अमित शाह ने बनास डेयरी के बायो-सीएनजी प्लांट का उद्घाटन किया

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 6 दिसंबर 2025 को गुजरात के वाव-थराड़ ज़िले में बनास डेयरी द्वारा निर्मित नए बायो-सीएनजी और उर्वरक संयंत्र का उद्घाटन किया और 150 टन क्षमता वाले मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखी। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पित श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेयरी क्षेत्र को अधिक टिकाऊ, आत्मनिर्भर और लाभकारी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उद्घाटन के मुख्य बिंदु

नया बायो-सीएनजी एवं उर्वरक संयंत्र बनास डेयरी के सर्कुलर इकॉनमी मॉडल का हिस्सा है। यह गाय के गोबर और अन्य जैविक अपशिष्ट को नवीकरणीय बायो-ईंधन और जैविक खाद में बदलकर पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आमदनी—दोनों में वृद्धि करेगा।

श्री शाह ने मिल्क पाउडर प्लांट की आधारशिला रखने के साथ-साथ पनीर प्लांट, प्रोटीन यूनिट और अन्य कई सुविधाओं की भी घोषणा की। इन विस्तार परियोजनाओं के माध्यम से गुजरात को भारत के सहकारी डेयरी आंदोलन का सशक्त केंद्र बनाने का लक्ष्य है। आज बनास डेयरी एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध सहकारी संस्था है और इसका वार्षिक टर्नओवर ₹24,000 करोड़ पहुँच चुका है।

श्वेत क्रांति 2.0: सरकार की दृष्टि

अमित शाह ने सरकार के श्वेत क्रांति 2.0 कार्यक्रम को रेखांकित करते हुए इसके चार प्रमुख स्तंभ बताए—

  1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन

  2. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि

  3. पुनर्गठित राष्ट्रीय डेयरी योजना

  4. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

इन पहलों का लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना, आत्मनिर्भरता बढ़ाना और देशभर में वैल्यू-ऐडेड डेयरी उत्पादों का विस्तार करना है।

डेयरी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण

अपने संबोधन में शाह ने बनासकांठा की “माताओं और बहनों” के योगदान को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि दूध संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण और वितरण तक का पूरा काम सहकारी मॉडल पर महिलाओं द्वारा संचालित है, और लाभ सीधे हर सप्ताह उनके बैंक खातों में जमा होता है। यह पारदर्शी और स्थानीय स्तर पर संचालित मॉडल महिलाओं के सशक्तिकरण का ऐसा उदाहरण है, जिसे दुनिया के बड़े-बड़े एनजीओ भी नहीं दे पाए।

सर्कुलर इकॉनमी: डेयरी का भविष्य

बनास डेयरी द्वारा अपनाए गए सर्कुलर इकॉनमी मॉडल में शामिल हैं—

  • पशु अपशिष्ट से बायो-सीएनजी उत्पादन

  • जैविक उर्वरक निर्माण

  • उच्च-मूल्य डेयरी उत्पाद (प्रोटीन पाउडर, बेबी फूड, डेयरी व्हाइटनर)

  • सहकारी ढांचे पर आधारित पशु-चारा उत्पादन

शाह ने कहा कि इस मॉडल से किसानों की आय कम से कम 20% बढ़ेगी, भले ही दूध उत्पादन में वृद्धि न हो। वित्त, तकनीक और प्रसंस्करण—सभी स्तरों पर एक सम्पूर्ण ढांचा तैयार किया जा चुका है।

राष्ट्रीय प्रभाव और आगे की योजनाएँ

शाह ने घोषणा की कि—

  • 2026 के जनवरी महीने में देशभर के 250 डेयरी नेता बनास डेयरी का दौरा करेंगे

  • बीज, जैविक उत्पाद और निर्यात के लिए तीन नए राष्ट्रीय सहकारी संस्थान स्थापित किए गए हैं

  • दूध समितियों में वित्तीय सेवाओं और लॉजिस्टिक्स के लिए माइक्रो-एटीएम का उपयोग शुरू किया गया है

  • कृषि और डेयरी वैल्यू-चेन जैसे चीज, खोया, तेल, शहद और पैकेजिंग को भी सहकारी ढाँचों में शामिल किया जाएगा

उन्होंने अमूल के चेयरमैन को उच्च मूल्य वाले वैश्विक डेयरी उत्पादों की एक सूची भी सौंपी और घरेलू स्तर पर इनके तुरंत उत्पादन की आवश्यकता बताई, ताकि भारत वैश्विक मांग का लाभ उठा सके।

गाजियाबाद नवंबर 2025 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर बन गया: CREA रिपोर्ट

जैसे ही शीतकालीन स्मॉग ने उत्तरी भारत को अपनी चपेट में लिया, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का प्रमुख शहर गाज़ियाबाद नवंबर 2025 में देश का सबसे प्रदूषित शहर बनकर उभरा। ऊर्जा और स्वच्छ वायु पर शोध केंद्र (CREA) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, गाज़ियाबाद में PM2.5 स्तर 224 µg/m³ दर्ज किया गया, जो सुरक्षित सीमा से कई गुना अधिक है। यह रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि भले ही पराली जलाने की घटनाएँ पिछले वर्षों की तुलना में कम हुई हों, फिर भी NCR में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा बना हुआ है।

भारत के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित शहर (नवंबर 2025)

  1. गाज़ियाबाद (UP) – PM2.5: 224 µg/m³

  2. नोएडा (UP)

  3. बहादुरगढ़ (हरियाणा)

  4. दिल्ली – PM2.5: 215 µg/m³

  5. हापुड़ (UP)

  6. ग्रेटर नोएडा (UP)

  7. बागपत (UP)

  8. सोनीपत (हरियाणा)

  9. मेरठ (UP)

  10. रोहतक (हरियाणा)

इन अधिकांश शहरों में नवंबर के पूरे महीने के दौरान वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर रही और लगातार राष्ट्रीय स्वच्छ वायु गुणवत्ता मानक (NAAQS) का उल्लंघन हुआ।

CREA रिपोर्ट की प्रमुख बातें

  • NCR के 29 में से 20 शहरों में नवंबर 2025 में प्रदूषण 2024 की तुलना में अधिक था।

  • गाज़ियाबाद 224 µg/m³ के औसत PM2.5 स्तर के साथ पूरे भारत में सबसे प्रदूषित शहर रहा।

  • फरीदाबाद, नोएडा, भिवाड़ी जैसे अन्य NCR शहरों में भी अत्यंत खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।

  • पराली जलाने में कमी के बावजूद प्रदूषण बढ़ा, जिससे स्पष्ट होता है कि शहरी उत्सर्जन, ट्रैफिक, निर्माण धूल और मौसम की परिस्थितियाँ मुख्य कारण बने हुए हैं।

राष्ट्रीय प्रदूषण रुझान

CREA के विश्लेषण के अनुसार NCR के अधिकांश शहरों में:

  • 20 शहरों में प्रदूषण 2024 से ज्यादा रहा

  • अधिकांश शहरों में एक भी दिन सुरक्षित सीमा के भीतर हवा नहीं रही

पूरे भारत में:

  • राजस्थान: 34 में से 23 शहर सीमा से ऊपर

  • हरियाणा: 25 में से 22

  • उत्तर प्रदेश: 20 में से 14

  • मध्य प्रदेश: 12 में से 9

  • ओडिशा: 14 में से 9

  • पंजाब: 8 में से 7

ये आँकड़े मध्य और उत्तरी भारत में गंभीर वायु प्रदूषण संकट को दर्शाते हैं।

भारत के सबसे स्वच्छ शहर (नवंबर 2025)

सबसे कम प्रदूषण वाला शहर शिलांग (मेघालय) रहा, जहाँ PM2.5 स्तर मात्र 7 µg/m³ दर्ज किया गया।

अन्य स्वच्छ शहर:

  • कर्नाटक के 6 शहर

  • सिक्किम, तमिलनाडु और केरल का 1–1 शहर

इन क्षेत्रों को अनुकूल भौगोलिक स्थिति, घनी हरियाली और कम औद्योगिक गतिविधियों से लाभ मिलता है।

PM2.5 क्या है और क्यों खतरनाक है?

PM2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण) सबसे हानिकारक प्रदूषकों में से एक है, क्योंकि:

  • यह फेफड़ों के गहराई तक पहुँच सकता है

  • रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकता है

  • लम्बे समय में निम्नलिखित रोग उत्पन्न कर सकता है:

    • अस्थमा, ब्रोंकाइटिस

    • हृदय संबंधी समस्याएँ

    • समय से पहले मृत्यु

WHO की सुरक्षित सीमा:

  • वार्षिक: 15 µg/m³

  • 24 घंटे: 25 µg/m³

गाज़ियाबाद का 224 µg/m³ स्तर WHO सीमा से लगभग 9 गुना अधिक था।

नवंबर में प्रदूषण क्यों बढ़ जाता है?

हर वर्ष सर्दियों की शुरुआत में उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ने के कारण:

  • तापमान उलटाव (Inversion) — ठंडी हवा प्रदूषकों को ज़मीन के पास फँसा देती है

  • कम हवा की गति

  • वाहन और उद्योगों के उत्सर्जन

  • कचरे और बायोमास का खुला जलाना

  • पंजाब–हरियाणा की पराली जलाने के अवशिष्ट प्रभाव

भले ही इस वर्ष पराली जलाने के मामले कम रहे, शहरों में उत्सर्जन नियंत्रण की कमी से प्रदूषण बढ़ा रहा।

स्वास्थ्य और नीति पर प्रभाव

NCR के कई शहर लगातार “खतरनाक” श्रेणी में बने रहने से तत्काल आवश्यकता है:

  • निर्माण और धूल नियंत्रण मानकों का सख्त पालन

  • सार्वजनिक परिवहन में सुधार व वाहन उत्सर्जन में कमी

  • बेहतर कचरा प्रबंधन

  • वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली

  • दीर्घकालिक स्वच्छ ऊर्जा समाधान

यह डेटा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) को मजबूत करने और केंद्र–राज्य–स्थानीय निकायों के बेहतर समन्वय की ओर भी संकेत करता है।

मुख्य बिंदु 

  • सबसे प्रदूषित शहर (नवंबर 2025): गाज़ियाबाद

  • PM2.5 स्तर: 224 µg/m³

  • NCR में प्रदूषण: 29 में से 20 शहर 2024 से बदतर

  • पराली योगदान: कम, लेकिन शहरी स्रोत मुख्य कारण

  • स्वास्थ्य जोखिम: PM2.5 WHO सीमा से 9 गुना अधिक

  • आवश्यक कदम: उत्सर्जन नियंत्रण, सख्त निगरानी, स्वच्छ तकनीक

राजनाथ सिंह ने 125 सीमा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया

राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बड़ा बढ़ावा देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 दिसंबर 2025 को 125 सीमा अवसंरचना परियोजनाओं का उद्घाटन किया। ये परियोजनाएँ सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सात राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों में पूरी की गई हैं, जो भारत की सीमाई अवसंरचना को आधुनिक बनाने के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इनमें लद्दाख की श्योक सुरंग विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो क्षेत्र में गतिशीलता और रक्षा तैयारियों को बदलने की क्षमता रखती है।

परियोजनाओं का सामरिक महत्व

ये अवसंरचना परियोजनाएँ दोहरे उद्देश्य को पूरा करती हैं —
• भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करना
• दुर्गम क्षेत्रों में सभी मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना

रक्षा मंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएँ भारतीय सेना और BRO कर्मियों के उन बलिदानों को समर्पित हैं, जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।

लद्दाख की श्योक सुरंग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कठोर सर्दियों में क्षेत्र की सड़कें अक्सर बंद हो जाती हैं, जिससे नागरिक जीवन और सैन्य लॉजिस्टिक्स दोनों प्रभावित होते हैं।

श्योक सुरंग: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

लेह के पास निर्मित श्योक सुरंग इस बार उद्घाटित परियोजनाओं में सबसे प्रमुख है। इसके पूरा होने से पूरे वर्ष सुचारु आवाजाही संभव हो सकेगी, खासकर सर्दियों में जब बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के कारण मार्ग लगभग अवरुद्ध हो जाते हैं।

श्योक सुरंग के प्रमुख लाभ:
• रक्षा बलों के लिए सालभर रणनीतिक गतिशीलता
• स्थानीय जनता के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
• पर्यटन और संबंधित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा
• आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में सुविधा

यह सुरंग लद्दाख में भारत की संचालन क्षमता और तत्परता को मजबूत करेगी, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के निकट होने के कारण अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र है।

सीमा विकास में BRO की बढ़ती भूमिका

सीमा सड़क संगठन (BRO) भारत की सीमाई और पर्वतीय अवसंरचना का प्रमुख निर्माणकर्ता बनकर उभरा है। उद्घाटित 125 परियोजनाओं में शामिल हैं —
• सड़कें
• पुल
• सुरंगें
• हवाई पट्टियाँ
• अन्य लॉजिस्टिक अवसंरचना

BRO की गति, गुणवत्ता और मजबूती पर ध्यान देने वाली कार्यप्रणाली सुनिश्चित करती है कि सीमाई क्षेत्र न केवल सुरक्षित रहें, बल्कि राष्ट्रीय विकास में भी प्रभावी रूप से शामिल हों।

देश पर व्यापक प्रभाव

रक्षा मंत्री के अनुसार, इन परियोजनाओं का दीर्घकालीन प्रभाव केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है। सीमा क्षेत्रों में अवसंरचना बेहतर होने से —
• स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा
• रोजगार और पर्यटन में वृद्धि
• स्वास्थ्य और शिक्षा तक बेहतर पहुँच
• नागरिक-सैन्य सहयोग को मजबूती

सरकार की यह दीर्घकालिक रणनीति सीमावर्ती क्षेत्रों को आत्मनिर्भर, विकसित और सशक्त बनाने पर केंद्रित है, जिससे उनका अलगाव कम हो और जीवन स्तर सुधरे।

मुख्य बिंदु (Key Takeaways)

उद्घाटनकर्ता: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
तारीख: 7 दिसंबर 2025
लॉन्च की गई परियोजनाएँ: 125 सीमा अवसंरचना परियोजनाएँ
कार्यान्वयन एजेंसी: सीमा सड़क संगठन (BRO)
मुख्य आकर्षण: लद्दाख की श्योक सुरंग — सर्व मौसम कनेक्टिविटी
कवरेज: 7 राज्य और 2 केंद्रशासित प्रदेश
उद्देश्य: रक्षा लॉजिस्टिक्स, स्थानीय विकास, पर्यटन और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देना

बोधि दिवस 2025: बुद्ध के ज्ञान और शाश्वत बुद्धि का उत्सव

बोधि दिवस हर साल 8 दिसंबर को मनाया जाता है। यह वह पावन दिन है, जब राजकुमार सिद्धार्थ गौतम को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वे गौतम बुद्ध बने थे। यह दिन हमें बुद्ध के उन विचारों की याद दिलाता है, जो न केवल जीवन जीने की सही राह दिखाते हैं, बल्कि व्यक्ति को कभी भी असफल न होने की प्रेरणा भी देते हैं।

यह पवित्र अवसर सिद्धार्थ गौतम की आध्यात्मिक जागृति को स्मरण करता है, जब उन्होंने भारत के बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए ज्ञान (बोधि) प्राप्त किया था — यह घटना आज से 2,500 वर्ष से भी अधिक पुरानी है। यह दिन अज्ञान से ज्ञान की यात्रा की शांत स्मृति है और बौद्ध धर्म के मूल सार — आत्मबोध, करुणा और प्रज्ञा के माध्यम से मुक्ति — का प्रतीक है।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य और महत्व

बोधि दिवस उस परिवर्तनकारी क्षण को दर्शाता है जब राजकुमार सिद्धार्थ ने वर्षों की तपस्या और चिंतन के बाद पिंपल के पेड़ (पीपल/अश्वत्थ, Ficus religiosa) के नीचे बैठकर यह संकल्प लिया कि वे तब तक नहीं उठेंगे जब तक अंतिम सत्य की प्राप्ति नहीं हो जाती। कई दिनों और रातों की गहन ध्यान-साधना के बाद उन्हें निर्वाण प्राप्त हुआ और वे बुद्ध — अर्थात “जाग्रत व्यक्ति” — बने।

यह ज्ञान ही बौद्ध दर्शन की नींव बना, जिसका केंद्र बिंदु है संसार (जन्म-मरण के चक्र) और दुख से मुक्ति। “बोधि” शब्द का अर्थ ही जागरण या सच्चे ज्ञान की प्राप्ति है, इसलिए यह दिन एक आध्यात्मिक पथ के जन्म के रूप में पूजनीय है।

उत्सव और पालन की परंपराएँ

हालाँकि बोधि दिवस कुछ अन्य धार्मिक त्योहारों की तरह बड़े स्तर पर नहीं मनाया जाता, लेकिन यह अत्यंत शांत, गहन और व्यक्तिगत रूप से मनाया जाने वाला अवसर है। विभिन्न बौद्ध परंपराओं में इसे गहरी श्रद्धा और ध्यानमयी रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है—

1. ध्यान और सूत्र-पाठ

इस दिन अनुयायी ध्यान करते हैं और बौद्ध ग्रंथों (सूत्रों) का पाठ करते हैं। इसका उद्देश्य बुद्ध की यात्रा और उनके उपदेशों पर मनन करना है। मौन ध्यान व्यक्ति को अपने ही मानस और कर्मों को समझने में मदद करता है।

2. दीपकों और मोमबत्तियों का प्रज्ज्वलन

दीपक, मोमबत्तियाँ और लालटेन जलाए जाते हैं, जो अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाली ज्ञान-प्रकाश की शक्ति का प्रतीक हैं — ठीक उसी तरह जैसे बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया।

3. दान और उदारता के कार्य

भिक्षुओं और ज़रूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दान देना इस दिन का प्रमुख अंग है। यह करुणा, दया और निस्वार्थता को बढ़ावा देता है — जो बुद्ध के उपदेशों का केंद्र हैं।

4. बोधि वृक्ष का अलंकरण

कई घरों और विहारों में बोधि वृक्ष को रोशनी, माला और सजावट से सजाया जाता है। यह बोधगया के उस पवित्र स्थान का प्रतीक है जहाँ बुद्ध ने ज्ञान पाया था।

बोधि दिवस पर स्मरण किए जाने वाले उपदेश

यह दिन बुद्ध के मूल उपदेशों को दोबारा समझने का एक अवसर है, जो आज भी आध्यात्मिक उन्नति और आंतरिक शांति की ओर मार्गदर्शन करते हैं—

चार आर्य सत्य

  1. जीवन दुख है (दुःख)

  2. दुख का कारण है (तृष्णा)

  3. दुख का निवारण संभव है (निरोध)

  4. दुख-निरोध का मार्ग है (मार्ग)

आर्य अष्टांगिक मार्ग

नैतिक और सजग जीवन का व्यावहारिक मार्गदर्शन —
सम्यक दृष्टि, संकल्प, वाणी, कर्म, आजीविका, प्रयास, स्मृति, समाधि

ये उपदेश आत्म-जागरूकता, नैतिकता और मानसिक अनुशासन को अपनाकर मुक्ति की ओर ले जाते हैं।

सांस्कृतिक महत्व और आधुनिक पालन

थेरवाद, महायान और ज़ेन परंपराओं में बोधि दिवस मौन साधना, लम्बे ध्यान-सत्र और धर्मोपदेशों के साथ मनाया जाता है। आधुनिक समय में भले ही पालन की विधियाँ अलग-अलग हों, परन्तु इसका मूल केंद्र सदैव आत्ममंथन, आत्म-सुधार और आध्यात्मिक स्पष्टता ही रहता है।

पर्यटन एवं परीक्षाओं की दृष्टि से भी यह दिन महत्वपूर्ण है — विशेष रूप से बोधगया, जो UNESCO विश्व धरोहर स्थल है और विश्वभर के बौद्धों का प्रमुख तीर्थ-स्थान है।

मुख्य बिंदु (संक्षेप में)

  • क्या: बोधि दिवस — बुद्ध के ज्ञान प्राप्ति का स्मरण

  • कब: 8 दिसंबर 2025 (सोमवार)

  • कहाँ: विश्वभर में, केंद्र — बोधगया, भारत

  • क्यों महत्वपूर्ण: बौद्ध धर्म की नींव और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक

  • कैसे मनाया जाता है: ध्यान, सूत्र-पाठ, दान, दीप प्रज्ज्वलन, बोधि वृक्ष सजाना

  • मुख्य उपदेश: चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.88 अरब डॉलर घटकर 686 अरब डॉलर पर, जानें सबकुछ

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 28 नवंबर 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.877 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई, जिसके बाद कुल भंडार घटकर 686.227 अरब डॉलर पर आ गया। यह लगातार कई हफ्तों से जारी गिरावट की प्रवृत्ति को दर्शाता है, जबकि सालभर में कुल मिलाकर रिज़र्व में सकारात्मक वृद्धि रही है। इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (FCA) में आई कमी है, हालांकि इसी अवधि में स्वर्ण भंडार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख घटक

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में निम्नलिखित तत्व शामिल होते हैं—

  • विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियाँ (FCA)

  • स्वर्ण भंडार

  • विशेष आहरण अधिकार (SDRs)

  • अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में रिज़र्व पोज़िशन

साप्ताहिक बदलाव (28 नवंबर 2025 को समाप्त सप्ताह)

  • FCA: 3.569 अरब डॉलर की गिरावट, कुल हुआ 557.031 अरब डॉलर

  • स्वर्ण भंडार: 1.613 अरब डॉलर की बढ़ोतरी, कुल हुआ 105.795 अरब डॉलर

  • SDRs: 6.3 करोड़ डॉलर की वृद्धि, कुल हुआ 18.628 अरब डॉलर

  • IMF रिज़र्व पोज़िशन: 1.6 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी, कुल हुआ 4.772 अरब डॉलर

अब तक का वार्षिक प्रदर्शन (2025)

अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बावजूद, वर्ष 2025 में अब तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगभग 48 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले, 2024 में 20 अरब डॉलर और 2023 में 58 अरब डॉलर का इज़ाफ़ा हुआ था—जिससे 2022 के 71 अरब डॉलर की भारी गिरावट के झटके को संतुलित करने में मदद मिली थी।

फॉरेक्स रिज़र्व क्यों बदलते रहते हैं?

विदेशी मुद्रा भंडार में उतार-चढ़ाव कई कारकों से प्रभावित होता है—

  • RBI का विदेशी मुद्रा बाज़ार में हस्तक्षेप

  • अमेरिकी डॉलर, यूरो जैसी वैश्विक मुद्राओं में उतार-चढ़ाव

  • सोने और अन्य परिसंपत्तियों के मूल्य में बदलाव

RBI बाज़ार में सक्रिय भूमिका निभाता है—जब रुपये की कीमत मजबूत होती है तो डॉलर खरीदता है, और जब रुपये में कमजोरी आती है तो डॉलर बेचकर मुद्रा को स्थिर रखने का प्रयास करता है।

स्वर्ण भंडार में उछाल: क्या संकेत देता है?

इस सप्ताह भारत के स्वर्ण भंडार में आई वृद्धि विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जिसका कारण है—

  • बढ़ते भूराजनीतिक तनाव

  • वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता

  • निवेशकों द्वारा सुरक्षित परिसंपत्तियों की बढ़ी मांग

भारत द्वारा बढ़ते सोने के भंडार से यह भी पता चलता है कि देश अपने कुल विदेशी मुद्रा भंडार को विविधीकृत करने की रणनीति अपना रहा है।

विदेशी मुद्रा भंडार का महत्व

फॉरेक्स रिज़र्व किसी भी देश की आर्थिक सुरक्षा का महत्वपूर्ण आधार होता है। यह मदद करता है—

  • मुद्रा की स्थिरता बनाए रखने में

  • आर्थिक संकट की स्थिति में तरलता सुनिश्चित करने में

  • आयात और कर्ज़ भुगतान का समर्थन करने में

  • निवेशकों का विश्वास बढ़ाने में

उच्च भंडार भारत को बाहरी झटकों—जैसे कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, रुपये में गिरावट या वैश्विक वित्तीय अस्थिरता—से निपटने में मजबूत बनाता है।

मुख्य बिंदु 

  • कुल भंडार: 686.227 अरब डॉलर (28 नवंबर 2025 तक)

  • साप्ताहिक परिवर्तन: 1.877 अरब डॉलर की गिरावट

  • FCA में कमी: 3.569 अरब डॉलर

  • स्वर्ण भंडार में वृद्धि: 1.613 अरब डॉलर

  • SDRs और IMF पोज़िशन: हल्की बढ़त

  • 2025 में अब तक की वृद्धि: +48 अरब डॉलर

  • RBI की भूमिका: रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करके रिज़र्व को मजबूत बनाए रखना

Rohit Sharma ने रचा इतिहास, इंटरनेशनल क्रिकेट में पूरे किए 20000 रन

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा ने 06 दिसंबर 2025 को इंटरनेशनल क्रिकेट में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए 20,000 रन पूरे कर लिए हैं। विशाखापत्तनम में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे और निर्णायक वनडे मैच में यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल करते ही, रोहित शर्मा यह कारनामा करने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। रोहित से पहले भारत के लिए यह उपलब्धि केवल तीन महान खिलाड़ियों सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और राहुल द्रविड़ ने ही हासिल की थी। इस खास क्लब में शामिल होना हिटमैन के शानदार और लंबे करियर का एक और प्रमाण है।

खास रिकॉर्ड तक का सफर

रोहित शर्मा ने 2007 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था, उन्होंने 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैचों में इस मुकाम को छुआ। तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और T20I) में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है, जिसमें उन्होंने 50 से अधिक शतक और 110 से अधिक अर्धशतक जड़े हैं। हालांकि उन्होंने अब टेस्ट और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, वनडे में उनका दबदबा कायम है, जहां उनके नाम 11,400 से अधिक रन दर्ज हैं।

रोहित शर्मा का माइलस्टोन: एक ऐतिहासिक संदर्भ

इस उपलब्धि के साथ रोहित शर्मा विश्व क्रिकेट में 14वें और भारत में 4वें खिलाड़ी बन गए जिन्होंने 20,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए हैं।

20,000+ रन बनाने वाले शीर्ष भारतीय खिलाड़ी:

  • सचिन तेंदुलकर – 34,357 रन

  • विराट कोहली – 27,910 रन

  • राहुल द्रविड़ – 24,064 रन

  • रोहित शर्मा – 20,048 रन (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3rd ODI के बाद)

रोहित की अब तक की यात्रा:

  • मैच: 500+ अंतरराष्ट्रीय मैच

  • पारी: 538

  • औसत: 42+

  • शतक: 50

  • फिफ्टी+: 111

  • ODI रन: लगभग 11,500 (भारत के तीसरे सबसे बड़े ODI स्कोरर)

18 साल का करियर: शालीनता और ताकत का संगम

2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले रोहित शर्मा को असली पहचान तब मिली जब उन्हें 2013 में ओपनर बनाया गया। इसके बाद उनके करियर ने एक नई उड़ान भरी।

वे अपनी:

  • मनमोहक बल्लेबाज़ी शैली

  • रिकॉर्ड-तोड़ शतकों (तीन ODI डबल सेंचुरी)

  • सफेद गेंद क्रिकेट में विस्फोटक शुरुआत

  • 2013 चैंपियंस ट्रॉफी, 2019 विश्व कप जैसे अभियानों में अहम भूमिका के लिए खास तौर पर जाने जाते हैं।

2025 में टेस्ट और T20I से संन्यास लेने के बाद भी वे भारत के लिए ODI में मुख्य स्तंभ बने हुए हैं।

“एलिगेंट असैसिन” रोहित शर्मा

रोहित को अक्सर “एलिगेंट असैसिन” कहा जाता है— क्योंकि वे बेहद नर्म, सहज शॉट्स के साथ गेंदबाज़ों पर भारी पड़ते हैं। वे दुनिया के सबसे सफल छक्का लगाने वाले बल्लेबाजों में भी शामिल हैं। इसके साथ ही वे 500+ अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में से एक हैं—जो उनकी फिटनेस, निरंतरता और दीर्घायु को दर्शाता है।

मुख्य तथ्य 

  • उपलब्धि: 20,000+ अंतरराष्ट्रीय रन पूरे

  • तारीख: 6 दिसंबर 2025

  • मैच: 3rd ODI बनाम दक्षिण अफ्रीका, विशाखापत्तनम

  • ODI रन: 11,500+

  • 20,000 क्लब में भारतीय: तेंदुलकर, कोहली, द्रविड़, रोहित

  • अन्य उपलब्धियाँ: 50 शतक, 111 फिफ्टी+, 500+ अंतरराष्ट्रीय मैच

  • ODI में भूमिका: भारत के तीसरे सबसे बड़े रन-स्कोरर और प्रमुख ओपनर

 

डॉ. रेणुका अय्यर NCCN की चीफ मेडिकल ऑफिसर नियुक्त

डॉ. रेनूका अय्यर को नेशनल कम्प्रिहेंसिव कैंसर नेटवर्क (NCCN) का नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी (Chief Medical Officer – CMO) नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति 26 फ़रवरी 2026 से प्रभावी होगी। यह नियुक्ति उस संगठन के नेतृत्व में एक बड़े बदलाव को दर्शाती है, जो दुनिया भर में अपने प्रामाणिक और मानक-निर्धारक कैंसर उपचार दिशानिर्देशों के लिए जाना जाता है। डॉ. अय्यर एक प्रतिष्ठित ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जिनके पास अकादमिक चिकित्सा, अनुसंधान और नैदानिक अभ्यास में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वे विशेष रूप से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर, खासकर दुर्लभ ट्यूमर के क्षेत्र में अपने काम के लिए जानी जाती हैं और कैंसर उपचार दिशानिर्देशों तथा चिकित्सा शिक्षा में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है।

NCCN का परिचय

नेशनल कम्प्रिहेंसिव कैंसर नेटवर्क (NCCN) अमेरिका के प्रमुख कैंसर केंद्रों का एक गैर-लाभकारी गठबंधन है। यह संस्था वैश्विक स्तर पर 90 क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइनों के प्रकाशन और रखरखाव के लिए जानी जाती है। इन दिशानिर्देशों का उपयोग स्वास्थ्य पेशेवर उच्च-गुणवत्ता और साक्ष्य-आधारित कैंसर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए करते हैं।

NCCN योगदान देता है:

  • स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों में

  • कैंसर देखभाल की वैश्विक पहुँच बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग में

  • नीति-निर्माण और क्लीनिकल उपयोग के लिए दवा संहिता (compendia) तैयार करने में

NCCN की गाइडलाइंस हर साल कम से कम एक बार अद्यतन की जाती हैं, ताकि नवीनतम शोध और चिकित्सा मानकों को शामिल किया जा सके।

डॉ. रेनूका अय्यर कौन हैं?

डॉ. रेनूका अय्यर वर्तमान में न्यूयॉर्क स्थित रॉज़वेल पार्क कम्प्रिहेंसिव कैंसर सेंटर में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी की सेक्शन चीफ़ और ऑन्कोलॉजी की प्रोफ़ेसर हैं। वे संस्थान के मेडिकल ऑन्कोलॉजी केयर नेटवर्क की भी निगरानी करती हैं।

उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि में शामिल हैं:

  • भारत के ग्रांट मेडिकल कॉलेज से मेडिकल प्रशिक्षण

  • कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में रेज़िडेंसी

  • रॉज़वेल पार्क में ऑन्कोलॉजी फ़ेलोशिप

वे इंटरनल मेडिसिन और मेडिकल ऑन्कोलॉजी में बोर्ड-प्रमाणित हैं और नैदानिक देखभाल, अनुसंधान और चिकित्सा नेतृत्व में उनका उत्कृष्ट रिकॉर्ड है।

ऑन्कोलॉजी और अनुसंधान में योगदान

डॉ. अय्यर इम्यूनोथेरेपी, बायोमार्कर अनुसंधान और कैंसर रोगियों की जीवन-गुणवत्ता से जुड़े अध्ययन के लिए जानी जाती हैं। उनके योगदान में शामिल है:

  • प्रमुख जर्नलों में व्यापक प्रकाशन

  • दुर्लभ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसरों पर अग्रणी शोध

  • पेशेवर दिशानिर्देश पैनलों, विशेषकर NCCN समितियों में सक्रिय भूमिका

  • साक्ष्य-आधारित चिकित्सा अभ्यास को बढ़ावा देना

वे 2023 से NCCN गाइडलाइंस स्टीयरिंग कमेटी का प्रमुख हिस्सा रही हैं और कैंसर उपचार मार्गों के निर्माण एवं अद्यतन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

NCCN के CMO के रूप में उनकी भूमिका

नए CMO के रूप में डॉ. अय्यर कई महत्वपूर्ण कार्यों का नेतृत्व करेंगी:

  • NCCN क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइंस के विकास और अद्यतन की निगरानी

  • NCCN Compendia जैसे पॉइंट-ऑफ-केयर संसाधनों का मार्गदर्शन

  • दुनिया भर के चिकित्सकों के लिए शिक्षा कार्यक्रमों का नेतृत्व

  • वैश्विक साझेदारियों और नीति-आधारित कैंसर पहलों का समर्थन

  • NCCN की रणनीतिक योजना और अनुसंधान ढांचे में योगदान

वे NCCN की पत्रिका के संपादकीय दिशा-निर्देशन में भी सहयोग करेंगी और कैंसर शिक्षा तथा देखभाल मानकों में संगठन की वैश्विक पहुँच को और मज़बूत बनाएंगी।

नियुक्ति का महत्व

डॉ. अय्यर की नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब NCCN:

  • अपने शैक्षणिक और नीतिगत कार्यक्रमों का अंतरराष्ट्रीय विस्तार कर रहा है

  • वैश्विक साझेदारियों के माध्यम से कैंसर देखभाल में समानता को बढ़ावा दे रहा है

  • डिजिटल गाइडलाइंस और निर्णय–सहायक उपकरणों में नवाचार कर रहा है

उनकी क्लीनिकल विशेषज्ञता, अनुसंधान पृष्ठभूमि और नेतृत्व क्षमता NCCN के मिशन को और सशक्त बनाएगी — जिससे दुनिया भर में कैंसर उपचार मानकों को एकरूप करने और विविध जनसंख्या में बेहतर स्वास्थ्य–परिणाम हासिल करने में मदद मिलेगी।

RBI ने फिनो पेमेंट्स बैंक को SFB में बदलने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी

भारत के बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए फिनो पेमेंट्स बैंक को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) से इन-प्रिंसिपल (सैद्धांतिक) मंजूरी मिली है कि वह स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) में परिवर्तित हो सकता है। यह घोषणा 5 दिसंबर 2025 को की गई। फिनो वह पहला पेमेंट्स बैंक है जिसे यह अनुमति मिली है। यह मंजूरी फिनो द्वारा ‘ऑन टैप’ SFB लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क के तहत लगभग दो वर्ष पहले दिए गए आवेदन के बाद प्राप्त हुई है।

पेमेंट्स बैंक क्या होते हैं?

पेमेंट्स बैंक वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए बनाए गए बैंक हैं, जिन पर कई प्रतिबंध होते हैं:

  • प्रति ग्राहक ₹2 लाख से अधिक जमा स्वीकार नहीं कर सकते

  • ऋण/लोन नहीं दे सकते

  • फॉरेक्स (विदेशी मुद्रा लेन-देन) की अनुमति नहीं

  • केवल डिजिटल बैंकिंग, पेमेंट सेवाएँ, बिल भुगतान, ATM कार्ड, फंड ट्रांसफर जैसी सुविधाएँ दे सकते हैं

स्मॉल फाइनेंस बैंक (SFB) क्या है?

स्मॉल फाइनेंस बैंक वे पूर्ण सेवा बैंक होते हैं जिनका उद्देश्य है:

  • छोटे और सीमांत किसान

  • सूक्ष्म और लघु उद्योग

  • असंगठित क्षेत्र के उद्यम

को बैंकिंग और क्रेडिट पहुँच उपलब्ध कराना।

इनकी क्षमताएँ:

  • किसी भी राशि की जमा स्वीकार करना
  • लोन/क्रेडिट देना
  • सभी प्रमुख बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना
  • 25% शाखाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में खोलना अनिवार्य

SFB में परिवर्तन के लिए पात्रता

RBI के ‘ऑन टैप’ SFB लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अनुसार:

  • पेमेंट्स बैंक को कम से कम 5 वर्ष संचालन पूरा करना आवश्यक

  • स्वामित्व भारतीय निवासियों के पास हो

  • अनुपालन, गवर्नेंस, वित्तीय स्वास्थ्य जैसे मापदंड महत्वपूर्ण

फिनो ने 2017 में काम शुरू किया था, इसलिए पात्रता पूरी करता है।

मंजूरी का महत्व

फिनो के SFB बनने से महत्वपूर्ण बदलाव होंगे:

  • जमा की सीमा खत्म — अब बड़े स्तर पर बचत और जमा ले सकेगा

  • लोन देने की सुविधा मिलेगी

  • प्रतिस्पर्धा में परंपरागत बैंकों के समकक्ष आएगा

  • ग्रामीण तथा असंगठित क्षेत्र तक क्रेडिट पहुँच बढ़ेगी

  • दूसरे पेमेंट्स बैंकों के लिए मिसाल बनेगा

यह मंजूरी RBI के फिनो की गवर्नेंस और वित्तीय स्थिरता पर भरोसे को भी दर्शाती है।

फिनो के लिए रणनीतिक लाभ

SFB बनने के बाद फिनो:

  • अधिक व्यापक ग्राहक आधार को सेवा दे सकेगा

  • लेंडिंग से नई आय के स्रोत बनाएगा

  • डिजिटल और शाखा नेटवर्क को मज़बूत करेगा

  • 25% ग्रामीण शाखाओं के नियम का पालन करते हुए वित्तीय समावेशन में बड़ी भूमिका निभाएगा

इस परिवर्तन से फिनो की दीर्घकालिक वृद्धि और लाभप्रदता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।

स्थिर तथ्य 

श्रेणी विवरण
बैंक फिनो पेमेंट्स बैंक
मंजूरी RBI की इन-प्रिंसिपल मंजूरी (SFB में परिवर्तन)
घोषणा की तारीख 5 दिसंबर 2025
संचालन प्रारंभ 2017
SFB पात्रता न्यूनतम 5 वर्ष संचालन + भारतीय स्वामित्व
RBI फ्रेमवर्क ‘ऑन टैप’ लाइसेंसिंग (निजी क्षेत्र)
SFB अनिवार्यता 25% शाखाएँ ग्रामीण/अनबैंक्ड क्षेत्रों में

Google 2025: लोगों ने 2025 में गूगल पर सबसे ज्यादा क्या सर्च किया?

हर साल लोग Google पर अलग–अलग चीज़ें खोजते हैं। कोई खेल, फ़िल्में और टीवी शो ढूँढता है, तो कोई नई तकनीक और जानकारी की तलाश करता है। साल 2025 में भी भारत के लोगों ने अपनी रुचियों और ज़रूरतों के आधार पर विविध विषयों को खोजा। इस लेख में हम सरल भाषा में देखेंगे कि इस वर्ष भारत में सबसे ज़्यादा क्या खोजा गया।

भारत में Google पर सबसे ज़्यादा खोजे गए विषय

2025 में भी क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय विषय रहा। शीर्ष दस खोजों में से चार क्रिकेट से जुड़ी थीं — इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) पहले स्थान पर, उसके बाद एशिया कप, ICC चैंपियंस ट्रॉफ़ी और महिला विश्व कप। यह दिखाता है कि क्रिकेट अभी भी देश का सबसे पसंदीदा खेल है।

अन्य खेलों में भी लोगों की दिलचस्पी दिखी। प्रो कबड्डी लीग पाँचवें स्थान पर रही, जिससे पता चलता है कि क्रिकेट के अलावा भी खेल प्रशंसक अन्य खेलों का आनंद ले रहे हैं।

टेक्नोलॉजी की बढ़ती लोकप्रियता भी 2025 के ट्रेंड्स में साफ़ दिखी। Google का एआई चैटबॉट Gemini दूसरे स्थान पर रहा, जिससे स्पष्ट है कि AI अब दैनिक जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है।
अन्य लोकप्रिय खोजों में सांस्कृतिक आयोजन और हस्तियाँ शामिल थीं — जैसे सैयारा, धर्मेन्द्र और महाकुंभ मेला।

2025 में लोकप्रिय AI खोजें

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) इस साल भारत में एक गर्म विषय बन गया। शीर्ष AI खोजों से पता चलता है कि लोग AI टूल्स, चैटबॉट्स और क्रिएटिव प्लेटफ़ॉर्म्स को जानने में रुचि ले रहे हैं।

सबसे ज़्यादा खोजे गए AI विषय थे:

Gemini, Gemini AI Photo, Grok, DeepSeek, Perplexity, Google AI Studio, ChatGPT, ChatGPT Ghibli Art, Flow और Ghibli Style Image Generator।

यह दर्शाता है कि भारत में लोग चैटबॉट्स से लेकर आर्ट जनरेशन टूल्स तक, AI के विभिन्न पहलुओं को सक्रिय रूप से खोज रहे हैं।

2025 के प्रमुख ट्रेंड्स

Google ने उन ट्रेंड्स को भी उजागर किया जिन्हें इस साल भारतीय उपयोगकर्ताओं ने ख़ास ध्यान दिया। Gemini ट्रेंड सबसे ऊपर रहा, उसके बाद Ghibli ट्रेंड, 3D Model ट्रेंड और Gemini Saree ट्रेंड। यह दिखाता है कि भारतीय उपयोगकर्ताओं की रुचियों में तकनीक के साथ फैशन और रचनात्मकता भी शामिल है।

फ़िल्में और टीवी शो

साल 2025 में फ़िल्में और टीवी शो भी व्यापक रूप से खोजे गए विषय रहे।

सबसे अधिक खोजी गई फ़िल्मों में शामिल थीं:

  • सैयारा
  • कांतारा: ए लीजेंड चैप्टर 1
  • कूली
  • वॉर 2
  • सनम तेरी कसम।

टीवी शो की बात करें तो सबसे लोकप्रिय शो रहे:

  • स्क्विड गेम
  • पंचायत
  • बिग बॉस
  • द बैड्स ऑफ़ बॉलीवुड
  • पाताल लोक

यह दर्शाता है कि भारत में मनोरंजन अभी भी खोज का एक बड़ा कारण है, और लोग फ़िल्मों के साथ-साथ वेब–सीरीज़ को भी बड़े उत्साह से फ़ॉलो करते हैं।

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